चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों पर लगी रोक,ढाना हवाई पट्टी के उयोग पर,विमानन संचालनलय भोपाल ने दिए आदेश
# ट्रेनी पायलट और ट्रेनी की मौत को लेकर सने आई लापरवाहियां,उड़ान में मानकों का हुआ उल्लंघन
सागर । विमानन संचालनालय मध्यप्रदेश राजाभोज अंतर्राष्ट्रीय विमानतल भोपाल ने ढाना स्थित शासकीय हवाई पट्टी के उपयोग चाईम्स एविएशन अकादमी की गतिविधियों स्थिगित कर दिया है। ट्रेनी पायलट और ट्रेनी की मौत को लेकर यह सने आया कि उड़ान सम्बन्धी गतिविधयों में मानकों का उल्लंघन हुआ है और ट्रेनी और ट्रेनर की मौत होना एक गंभीर लापरवाही है । तीन जनवरी को हुए इस हादसे की जांच विमानन मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसमे स्पस्टीकरण मांगा गया था। विमानन संचालनालय मध्यप्रदेश के अनिरूद्व-मुकर्जी , आयुक्त विमानन नेे चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफीसर, मेसर्स चाईम्स् एविएशन प्रा. लि., ढाना हवाई पट्टी, सागर मध्यप्रदेश को यह जानकारी दी। इसके अनुसार सागर स्थित हवाई पट्टी पर दिनांक 03/01/2020 को आपकी संस्था का सेसना विमान VT-CAF की दुर्घटना के संबंध में आपकी संस्था से इस कार्यालय द्वारा स्पष्टीकरण चाहा गया था, जिसके प्रतिउत्तर में आपके द्वारा दिनांक 05.02.2020 में उल्लेख किया गया है कि दुर्घटना की जांच भारत शासन की संस्था AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) एवं Air Safety (DGCA) के जाँच दल द्वारा की जा रही है, DGCA द्वारा फ्लाईंग ट्रेनिंग इत्यादि पर रोक न लगाते हये फ्लाईंग गतिविधियों को जारी रखा गया है |
आपकी संस्था द्वारा भारत सरकार, नागर विमानन के पत्र क्रमांक AV 22011/6/2007-FGIP) दिनांक 2/3/2012 में दी गई अनुमति के बिन्दु क्रमांक-7 के विपरीत रात्रि में ट्रेनिंग फ्लाईंग हेतनिर्धारित मानकों का उल्लंघन किया गया है जिसके अनुसार "नाईट फ्लाईट कंडीशन में विमान 2500 की AGL (Above Ground Level) उंचाई पर उडान एवं एरोड्म से 2 nm (Nautical miles) से अधिक दूरी की उडान की अनुमति नहीं होती है ।
यह मानक संभवतः रात्रि के समय दुर्घटना को दृष्टिगत रखते हये इसलिये भी रखे गये है कि ट्रेनी विमान को रात्रि के समय विमान को अधिक उंचाई और बहुत अधिक दूरी परन जाने लिये जावें ।"
उपरोक्त दुर्घटना के संबंध में कार्यालय कलेक्टर, सागर से प्राप्त जाँच रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया
गया है कि चाईम्स एविएशन के पायलेट पी.ओ.सी. केप्टन अशोक मकवाना एवं देनी पियूष चंदेल द्वारा दिनांक03.02.2020 को समय 18:50 बजे विमान से कास कंटी उडान (ढाना से महोबा) उडान की उचाई 4000 की
AGL (Above Ground Level) से अधिक एवं इस मार्ग की दूरी 106 nm (Nautical miles) थी, जो कि डीजीसीए द्वारा दी गई अनुमति का स्पष्ट उल्लधंन है । जिसकी पुष्टि संचालनालय स्तर पर गठित पायलेटों
की समिति द्वारा भी की गई है। इसी क्रम में संस्था के साथ हुये अनुबंध के बिन्दु क्रमांक 04, 16 एवं 20 में उल्लेख अनुसार हवाई पट्टी पर पार्किंग, संधारण, पायलेट प्रशिक्षण, वायुयान अनुरक्षण से संबंधित समस्त गतिविधिया, आवश्यक संचार के लिये वी.एच.एफ. उपकरण के कय तथा संधारण, विमान की सुरक्षा, पर्यावरण, आग्नचिकित्सा आदि समस्त की जिम्मेदारी भी आपकी संस्था मैसर्स चाईम्स एविएशन की है ।रात्रि में प्रशिक्षण उडान हेतु डीजीसीए के पैरा 2 में वर्णित मानको के विरूद्ध फ्लाईग के कारण उक्त घटना घटित हई जिससे एक पायलेट एवं एक ट्रेनी की मृत्यु हुई यह एक बहुत की गभीर मामला है, जो कि आपकी संस्था द्वारा बरती गई लापरवाही को दर्शाता है ।
अतः उपरोक्त अनुबंध की शर्तों, आपकी संस्था को जारी कारण बताओं सूचना-पत्र के प्रतिउत्तर, कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट एवं संचालनालय स्तर पर गठित समिति की रिपोर्ट अनुसार आपकी संस्था के साथ किये गये अनुबंध दिनांक 25/08/2007 के अनुक्रम में राज्य शासन आपकी संस्था द्वारा सागर स्थित हवाई पट्टी पर संचालित समस्त विमानन गतिविधियों को तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक स्थागित करने का आदेश देता है ।