फीस के अभाव में परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता,आदेश जारी
सागर । सत्र 2019 - 20 की वार्षिक परीक्षा मे फीस के अभाव मे बच्चों को वार्षिक परीक्षा से वंचित न करने के निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नई दिल्ली द्वारा दिये गए निर्देशो के परिपालन में अशासकीय शालाओं के लिए निम्नानुसार निर्देश जारी किये गये है।
निर्देष में कहा गया कि अशासकीय स्कूलों द्वारा अध्ययनरत बच्चों को समय पर फीस न जमा करने के कारण प्रताडित किये जाने के प्रकरण समक्ष में आये है एवं इस कारण से विद्यार्थियो की आत्महत्या की घटनायें भी प्रकाश में आयी है। इस मुद्दे पर बच्चों को किसी प्रकार से प्रताड़ित कराना उल्लघन है। बच्चों की फीस समय पर प्राप्त न होने का मुददा स्कूल प्रबंधन तथा अभिभावकों से संबंधित है । यह एक वित्तीय विषय है, इसलिए इसका समाधान अभिभावक से ही चर्चा कर की जानी चाहिए। यदि किसी अशासकीय स्कूल द्वारा उक्त निर्देशों का उल्लघंन किया जाता है तो उसके निरूद्ध नियामानुसार वैद्यानिक कार्यवाही ही जायेगी । उक्त निर्देशो का कड़ाई से पालन किया जाये संबंधी लेख किया गया है । जिला अन्तर्गत समस्त प्रबंधक, प्राचार्य, प्र.अ. अशासकीय शालाओं को बिन्दु क्रमांक-1 एवं 2 का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने हेतु पत्र प्रेषित किया गया किन्तु इस कार्यालय को अभिभावको, छात्र-छात्राओं द्वारा शिकायत प्राप्त हो रही है कि वार्षिक बोर्ड परीक्षा कक्षा 10 एवं 12 का प्रवेश पत्र प्रबंधक, प्राचार्य द्वारा फीस के अभाव मे नही दिया जा रहा है एवं अन्य कक्षाओं की यार्षिक परीक्षाओं में भी प्रबंधक, प्राचार्य छात्र - छात्राओं को फीस के अभाव मे वंचित कर रहे है। अतः आपको उक्त संदर्भित पत्रों का पुनः स्मरण कराना चाहेगें जिसमे स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गये है कि फीस के अभाव मे आप अध्ययनरत बच्चों को वार्षिक परीक्षा से वंचित नही करेगें । बच्चों की फीस समय पर प्राप्त न होने का मुददा स्कूल प्रबंधन तथा अभिभावकों से संबंधित है। यदि उक्त प्रकार की शिकायत इस कार्यालय को प्राप्त होती है तो उस संस्था के विरुद्ध वरिष्ठ कार्यालय द्वारा जारी निर्देशो के पालन न करने एवं मान्यता नियमों का उल्लघंन मानते हुये नियामानुसार वैधानिक कार्यवाही की जायेगी । जिसका सम्मपूर्ण उत्तरदायित्य आपका होगा ।