Editor: Vinod Arya | 94244 37885

कार-ऑटो की टक्कर ,एक दर्जन से अधिक घायल

कार-ऑटो की टक्कर ,एक दर्जन से अधिक घायल
सागर। सागर बीना सड़क मार्ग पर   बारधा गांव के पास कार ओर आटो की आमने सामने की भिडंत मे 13 लोग घायल हो गये। जिन्हे गंभीर हालत मे सागर रेफर किया गया है। सूचना मिलते ही मौके पर खुरई की डॉयल 100 के आरक्षक दीपक व पायलट रवि मौके पर पहुँचे।
वारधा  गांव के पास सिंगरोली से खुरई विवाह समारोह मे आये लोग बीना  आ रहे थे । बारधा के पास बीना से सवारी लेकर मगरधा गांव जा रहे आटो की टक्कर हो गयी।जिससे उसमे सवार यात्रियों को चोटे आई ऒर उन्हे सागर रेफर किया गया। जानकारी मिलते ही खुरई, बीना, कुरवाई की 108 एम्बुलेंस सिविल अस्पताल बीना पहुँची जहां से सभी घायलों को जिला चिकित्सालय रेफर किया गया।
 घायलों में ऑटो  चालक मनीष यादव मगरधा सेमरा गन पत राव  राजकुमार सेन सेमरा, शक्कर सेन सेमरा,हरि अहिरवार सेमरा आदि है।इसमे बीना 108 एंबुलेंस के डॉ सुधीर तिवारी पायलट  यशपाल ठाकुर और खुरई 108 एंबुलेंस के डॉ पुष्पेंद्र यादव पायलट  दुर्गेश प्रजापति  दोनों एंबुलेंस से  प्राथमिक उपचार कर सिविल हॉस्पिटल बीना में भर्ती कराया। वहा से सागर रिफर किया गया।।
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संत निरंकारी चैरिटेबल ने की जिला अस्पताल में सफाई

संत निरंकारी चैरिटेबल ने की जिला अस्पताल में सफाई
सागर। संत निरंकारी चैरिटेबल द्वारा आज जिला अस्पताल में सफाई कार्यक्रम का आयोजन किया निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन सागर द्वारा लगभग डेढ़ सौ सेवा दल के सदस्यों द्वारा सफाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया संत निरंकारी सागर ब्रांच संयोजक नारायणदास निरंकारी ने बताया सतगुरु बाबा हरदेव सिंह जी कि 66 वे जन्मदिवस के उपलक्ष में यह सफाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें संदेश किया जा रहा है कि प्रदूषण अंदर हो या बाहर दोनों ही दुखदाई होते हैं सेवादल के लगभग डेढ़ सौ भाई बहनों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया जिला परिषद को चमका दिया यह निस्वार्थ गुरु की सेवा है और यह स्वच्छ भारत का को स्वच्छ रखने के लिए संकल्पित है इस कार्यक्रम के दौरान जिला हॉस्पिटल केडा तोमर डॉक्टर खटीक बीएमसी के अमर गंगवानी क्षेत्रीय संचालक श्री गुलाब निरंकारी शीतल निरंकारी डॉ बृजेंद्र जयसवाल मनोहर गंगवानी रामकिशन गायकवाड सहित कई संख्या में सेवादल के भाई बहन मौजूद थे
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बागड़ लगाने पर दो पक्षो में झगड़ा,चार घायल

बागड़ लगाने पर दो पक्षो में झगड़ा,चार घायल
सागर। सागर जिले की राहतगढ़ थाना इलाके में बागड़ लगाने को लेकर। दो पक्षों में विवाद हो गया ।जिसमें 4 लोग घायल हो गए हैं। जिन्हें जिला चिकित्सालय सागर रेफर किया गया है। फिलहाल पुलिस ने मारपीट का मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। घटना राहतगढ़ थाना इलाके के बिलासपुर गांव की है जहां पर बालमुकुंद शर्मा अपने घर के बाजू में बागड़ लगा रहा था। तभी पड़ोस में रहने वाले अमर सिह शिवराज सुरेंद्र यादव ने उसे बागड़ लगाने से मना कर दिया।जिस पर कहासुनी से शुरू हुआ विवाद कुल्हाड़ी और सब्बल पर आकर समाप्त हुआ ।विवाद में चले सब्बल और कुल्हाड़ी से एक पक्ष से बालमुकुंद शर्मा घायल हो गया है। वहीं दूसरे पक्ष से अमर सिह यादव शिवराज सुरेंद्र यादव घायल हो गए हैं। घायलों को दोनों पक्षों के परिजन थाने लेकर आए। जहां से उन्हें सामुदायिक अस्पताल राहतगढ़ इलाज के लिए भिजवाया गया,, प्राथमिक इलाज के बाद चारों घायलों को जिला अस्पताल सागर रेफर किया गया है। साथ ही इस मामले पर पुलिस थाना प्रभारी आशीष स्प्रे का कहना  है कि मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है और विवेचना शुरू कर दी है। दोनो के बीच पुरानी रंजिश भी चल रही है।
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वचन पत्रों की शव यात्रा निकालेगा भाजयुमो 25 फरवरी को

वचन पत्रों की शव यात्रा निकालेगा भाजयुमो 25 फरवरी को
सागर। भारतीय जनता युवा मोर्चा युवा आक्रोश आंदोलन के तहत कांग्रेस के वचन पत्रों की शव यात्रा निकालने जा रहा है. मोर्चा के नगर अध्यक्ष यश अग्रवाल ने बताया कि कांग्रेस के लगभग डेढ़ साल के कार्यकाल में वचन पत्रों पर कोई काम नहीं किया गया है. जिसके विरोध में मोर्चा 25 फरवरी को मोतीनगर चौराहे से चकराघाट तक वचन पत्रों के शव यात्रा निकालेगा. उन्होने कहा कि कांग्रेस द्वारा वचन पत्र में नवीन पर्यटन नीति में बेरोजगारों को रोजगार से जोडऩे, नई आदर्श युवा नीति में युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने, सामान्य वर्ग आयोग के गठन के साथ नशा मुक्त प्रदेश बनाने का वचन दिया गया था. मगर प्रदेश में  ना तो नवीन उद्योग इकाईयों की स्थापना हुई जिससे कि बेरोजगारों को रोजगार मिल सका. मेड इन मप्र वचन पत्र तक ही सीमित रह गया है. भ्रष्टाचार मुक्त मप्र कल्पना मात्र बनकर रह गया है.
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हम है इंसान ग्रुप ने रंगों और नाटक के माध्यम से दिया स्वच्छ्ता का सन्देश "पहले शपथ, फिर स्वच्छता पथ"

हम है इंसान ग्रुप ने रंगों और नाटक के  माध्यम से दिया स्वच्छ्ता का सन्देश "पहले शपथ, फिर स्वच्छता पथ"
सागर। "हम हैं इंसान" ग्रुप के द्वारा शहर में हर रविवार को चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के तहत, इस बार का रविवार, ग्रुप के सदस्यों ने सिविल लाइन क्षेत्र स्थित स्वीडिश मिशन स्कूल में श्रमदान करके अपना समय बिताया।
इस बार "हम हैं इंसान" की टीम ने स्वीडिश स्कूल के कुछ पूर्व विद्यार्थियों के साथ मिलकर सबसे पहले सभी सदस्यों को स्वच्छता की शपथ दिलाई, फिर स्कूल की दीवारों के रंगरोगन कर, बुंदेली आकृतियों, तथा स्वच्छता के संदेशों से दीवारों को सजा दिया एवं स्कूल के पार्क में दिख रही गंदगी को भी साफ करके शहरवासियों  को स्वच्छता का संदेश अपने कार्य के माध्यम से दिया।
टीम ने बताया कि जो भी सरकारी एवं अर्धसरकारी स्कूल होते हैं, उनमें आये दिन शासकीय कार्यक्रम होते रहते हैं, लेकिन स्वच्छता के प्रति कभी कोई सरकारी संस्था ढंग से ध्यान नही दे पाती, जबकि देश का निर्माण, स्कूलों की शिक्षा के माध्यम से ही होती है, जब स्कूलों में बच्चे अपने आसपास स्वच्छता का वातावरण देखेंगे तभी वे समाज में भी स्वच्छता लाएंगे।
नुक्कड़ नाटक: आमजन में स्वच्छता की अलग जगाने शाम 5:00 बजे से सिविल लाइन पर हम हैं इंसान टीम ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से शहर के युवाओं एवं जनसमूह को स्वच्छता का संदेश दिया जिसको सभी ने सराहा और शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने हेतु शपथ ली।
"हमारा शहर, हमारी जिम्मेदारी" समझ कर हर रविवार टीम इसी तरह के कार्य कर, शहर को स्वच्छता की श्रेणी में प्रथम लाने के लिए लगातार प्रयास करती रहेगी। इस रविवार शहर की विभिन्न नामचीन हस्तियों तथा पूर्व छात्रों के साथ, टीम के लगभग 50 से अधिक सदस्यों ने श्रमदान किया।
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आईफा अवार्ड। कड़कनाथ परोसे फिल्मी सितारों को,दुनिया मे पहचान मिलेगी, कड़कनाथ अनुसंधान केंद्र ने लिखा सीएम को पत्र

आईफा अवार्ड। कड़कनाथ परोसे फिल्मी सितारों को,दुनिया मे पहचान मिलेगी
कड़कनाथ अनुसंधान केंद्र ने लिखा सीएम को पत्र
झाबुआ । इंदौर में होने वाले आइफा अवॉर्ड को लेेकर उत्साह की कई तरह के नजारे सामने दिख रहे है। ताजा मामला प्रसिद्ध कड़कनाथ को लेकर है। झाबुआ का फेमस कड़कनाथ और दाल पनिया आईफा में फिल्मी सितारों को परोसा जाए। इससे कड़कनाथ की ब्रांडिंग होंगी।  कड़कनाथ अनुसन्धान एवं उत्पादन परियोजना,कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ के निदेशक ने एक पत्र सीएम कमलनाथ और पर्यटन मंत्री को भेजा है । इसको बाकायदा ट्वीटर पर भी शेयर किया। कृषि विज्ञान केंद्र  के सुझाव के मुताबिकआईफा अवार्ड 2020 समारोह इंदौर में आदिवासी संस्कृति - खानपान को बढ़ावा देने व प्रमोट करने मिलेगा।
ये लिखा है पत्र में 
वर्ष 2020 का आईफा अवार्ड समारोह मध्यप्रदेश में मार्च में इंदौर में होने जा रहा है ।माननीय मुख्यमंत्री जी ने एक ब्लॉग के माध्यम से इस आईफा अवार्ड 2020 को प्रदेश के
आदिवासियों को समर्पित किया है । सी सन्दर्भ में मेरा ऐसा सुझाव है कि पश्चिम मध्यप्रदेशके आदिवासी अंचल झाबुआ के प्रसिद्ध कड़कनाथ मुर्गे जो कि कम मात्रा में फैट एवं प्रोटीनएवं आयरन से भरपूर होने एवं अन्य खूबियों के कारण पूरे देश में अपनी अलग पहचान बना
चुका है साथ ही इस क्षेत्र का दाल-पानिया यहाँ के प्रसिद्ध व्यंजन है इन्हें फ़िल्मी सितारों के
बीच परोसा जाये ताकि कड़कनाथ मुर्गे एवं दाल-पानिया को वैश्विक पहचान मिल सके ।
जिसका सीधा फायदा यहाँ के आदिवासियों का होगा व क्षेत्र में नए रोजगार के रास्ते खुलेंगे।
आपकी ओर अनुरोध के साथ प्रस्तुत

वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख तथा निदेशक, कड़कनाथ अनुसन्धान एवं उत्पादन परियोजना
कृषि विज्ञान केंद्र झाबुआ

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सेवादल की सामाजिक सरोकारों में भूमिका अहम: अजय परमार

सेवादल  की सामाजिक सरोकारों में भूमिका अहम:  अजय परमार
सागर। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल लालजी देसाई जी एवं प्रदेश काग्रेंस सेवादल के अध्यक्ष डां सतेन्द्र यादव जी निर्देशानुसार प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को होने वाले ध्वजवंदन काय॔क्रम की श्रंखला मे आज  रविवार को सुबह 11 बजे नगर निगम सागर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय परमार के कर कमलो द्वारा किया गया । कार्यक्रम का आयोजन सेवादल शहर सागर अध्यक्ष सिन्टू कटारे ने कार्य क्रम का संचालन द्वारका चौधरी ने किया।मुख्यअतिथि परमार ने कहा कि सेवादल का जन्म आजादी की लड़ाई के लिए हुआ था और सेवा दल तब से लेकर अब तक रचनात्मक गतिविधियों में सामाजिक सरोकार के कामों मे एवं कांग्रेस पार्टी के सभी कार्य क्रमों में शामिल होता है आगामी सेवादल शिविर की सफलता की बहुत बहुत बधाई शुभकामनायें ।
अंत में गौतम मिगलानी के आकस्मिक निधन पर सेवादल परिवार की ओर से दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की । कार्यक्रम मे सेवादल संयोजक संदीप सबलोक, विजय साहू,द्वारका चौधरी, जिला शहर कार्य वाहक अध्यक्ष जितेंद्र सिंह चावला,पप्पू गुप्ता, राकेश राय सी बी तिवारी,शरद जैन,सेवादल के पूर्व अध्यक्ष अतूल नेमा,दीनदयाल तिवारी, ब्लाक अध्यक्ष प्रीतम यादव,कल्लू पटेल,आनंद हैला, नितिन पचौरी, भैयय्न पटेल,लीलाधर सूर्य वंशी,हरिचंद सोनवार,मुकुल शर्मा,अशद खान,वसीम खान,रानू राजपूत, मिथुनघारू, कमलेश मछंदर, मोनू गुप्ता मजहर हाशमी, अजीम खान,अरविंद नागवानी,अरविंद सैगर,सुरेंद्र धोलपुरी,अब्दुल सलाम, राहुल नाहर मुकेश खटीक, अभिषेक पाठक, ओमप्रकाश पंडा महिला विग अध्यक्ष श्रीमती हेमकुमारी पटेल,रोशनी खान,राजियाखान,वर्षामछंदर, संगीता सनकत आदि लोग शामिल हुये।
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सेरेनडिपिटी, सिनरिन योकू और सरकारी फरमान ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

सेरेनडिपिटी, सिनरिन योकू और सरकारी फरमान
ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
आफिस से जब तामिया जाने का बताया था तो यही मकसद था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ से बेहतर तरीके से संवाद हो जायेगा और मीडिया की भीड भाड कम रही तो अच्छा फुरसत का इंटरव्यू जिसे टीवी की घनघोर भाषा में टिक टैक कहा जाता है, भी किया जा सकता है। मगर हमारे नये सीएम कमलनाथ जी के पास जो नहीं है वो है फुरसत उनका मिनिट मिनिट का शेडयूल होता है और वो पूरे वक्त नये नये काम में अपने आपको व्यस्त रहते हैं चलते चलते ही बाइट देते हैं और यदि वो जरूरी समझेंगे तो आपको बैठकर इंटरव्यू दे देंगे, तो इन सारी परिस्थितियों के मददेनजर ये तो मालुम था कि टिक टैक या इंटरव्यू की गुंजाइश कम ही है मगर ये उत्साह जरूर था कि अपने राष्ट्रीय चैनल के दोस्तों के साथ एक नयी जगह देख ली जाये वो जगह थी तामिया। जहाँ पर सीएम कमलनाथ एक नये रिसोर्ट सेरेनडिपिटी का उद्घाटन करने आने वाले थे। 
रात के अंधेरे में तो सेरेडिपिटी एक सामान्य सा रिसोर्ट ही लगा जिसके नागपुर के रहने वाले मालिक डाक्टर सुश्रुत बाभुलकर दिलचस्प व्यक्ति लगे जिन्होंने अपने परिवार की डाक्टरी की कमाई से तामिया में ये रिसोर्ट बनाया और कोशिश की कि जितना लंबा वक्त लगे उतना अच्छा जिससे स्थानीय लोगों को लंबे समय तक रोजगार मिलता रहे। रात में बातों बातो में उन्होंने हम सबको पास की पहाड की चोटी पर ब्रेकफास्ट करने का आइडिया दिया। इसे वो ब्रेकफास्ट आन टाप कह रहे थे। पहले तो ये बात अनोखी लगी कि सुबह सुबह पहाडी की चोटी पर कौन बैठकर नाश्ता करेगा फिर उनकी सबसे कठिन शर्त ये थी कि इसके लिये सुबह छह बजे उठकर जाना होगा उफ। जब ये बात हो रही थी उस वक्त तक रात के साढे बारह बज गये थे और अगले एक दो घंटे हम दोस्तों को और गपियाना था ऐसे में सुबह उठना कितना मुश्किल था हम सब जानते थे मगर अपने होस्ट का दिल रखने के लिये एक सुर में हम सभी ने हामी भरी और चल दिये अपने कमरों की ओर जहां एकाध घंटे की पंचायत और हुयी और सोते सोते रात के दो ढाई बज गये ऐसे में सुबह पास के कमरे से छह बजे फोन बजा तो भरोसा नहीं हुआ कि कोई उठ भी गया है अरे यार उठना नहीं है, पहाड पर चलना नहीं है, ऐसे हम कुनमुनाये तो फोन पर ही गालियां और ताने मिलने एक साथ शुरू हो गये तो क्या इस सब के लिये आये थे एक दिन उठ नहीं सकते। 
मरता क्या नहीं करते उठे तो ये सेरेडिपिटी कुछ और ही लगा बिलकुल अपने नाम के मुताबिक यानिकी अकस्मात से कुछ खोज लेना या आकस्मिक लाभ। हम आये तो तामिया थे मगर ये बडी सी खूबसूरत जगह अचानक ही मिल गयी। चारों तरफ जंगल की हरियाली से घिरा और बीच में छोटी सी झील के किनारे बने इसे रिसोर्ट की खूबसूरती देखकर हम सब तकरीबन चमत्कृत थे मगर बडी सरप्राइज तो पहाड की चोटी पर हमारा इंतजार कर रही थी। बडे बेमन से बिस्तर छोडने के बाद कमरे से बाहर आकर चेहरे पर जो तेज ताजी हवा लगी तो सारा का सारा मूड ही बदल गया। बस फिर क्या था उसके बाद दोस्तों को उठाया और चल पडे पास के पहाड की ओर पैदल। रिसोर्ट के बाहर निकलते ही लंबे लंबे साल के पेडों के बीच से निकलकर ठंडी मद्धम हवा हमें छूकर ऐसी गुजर रही थी मानो हाल पूछ रही हो हमारा। ओर हम हवा से क्या कहते बहुत दिनों के बाद ऐसी हवा को महसूस किया था। साथ चलने वाले नेचुरलिस्ट पराग देशपांडे ने बताया कि यहां पर हवा पचासी फीसदी से ज्यादा शुद्व है क्योकि शुद्व हवा का संकेत होती है यहां पर कुछ पेडों पर चिपकी हुयी लायकेन। हरे रंग की ये लायकेन को हम आसान शब्दों में काई और फफूंद का मिश्रण कह सकते हैं जो वहाँ कुछ पेड़ों पर चिपकी हुयी थी। और वाकई वो ऐसी हवा थी जो हमें तेजी से तरोताजा कर रही थी। पराग ने बताया कि जापानी पद्वति है सिनरिन योकू यानिकी जंगल स्नान, हममें से किसी ने हंसकर क्या जंगल में आकर नहाना। तब पराग ने समझाया कि पहाड और जंगल के परिवेश की ताजी हवा, सुबह की रोशनी और चहचहाते पक्षियों के मधुर कोलाहल को महसूस कर उसमें अपने आपको डुबा कर ताजादम होना ही जंगल स्नान यानिकी सिनरिन योकू है।  
तो जंगल स्नान करते और कवि भवानी प्रसाद मिश्र की कविता सतपुडा के घने जंगल उंघते अनमने जंगल को गुनगुनाते हुये हम उपर चढ रहे थे और तामिया की इस नैसर्गिक सुंदरता के दीवाने होते जा रहे थे। उंचे नीचे खुरदुरी चटटानों पर चढते हुये जब हम उपर पहंचे तो हवा का स्वर ही बदल गया था अब वो हमें गुदगुदाकर पूछ रही थी कैसा लगा यहाँ आकर और हम क्या बोलें।
हम समुद्र सतह से तकरीबन तेरह सौ फीट उपर आ गये थे सामने लाल पहाडी थी जिसे वल्चर पाइंट कहा जाता है। बस फिर क्या था मोबाइल के कैमरे चमकने लगे कोई फेसबुक लाइव तो कोई सेल्फी तो कोई ग्रुप फोटो के लिये चिरोरी कर रहा था। जब इससे फुर्सत हुये तो उधर लाल कुर्सियां और सफेद टेबल हमारा इंतजार कर रही थीं ब्रेकफास्ट आन टाप के लिये। गर्मागर्म चाय और काफी के साथ सेंडविच पोहा, और दही परांठा खाकर हम संतृप्त हो गये थे मगर लंबा सुकून हम टीवी पत्रकारों के नसीब में नही होता तो फिर वही पुरानी कहानी दोहरायी गयी। रास्ते में ही दिल्ली के किसी अखबार में छपी खबर से चैनलों में जो हंगामा मचा तो वो पूरे दिन रहा। फिर दिन भर हमारे साथी सेरेनडिपिटी की खूबसूरती छोड लाइव और अदद बाइट की मारामारी में जुट गये। खबर नसबंदी को लेकर जारी हुये एक अजीबो गरीब सरकारी फरमान से जुडी हुयी थी। जिसमें सुबह से लेकर शाम तक विकेट गिरते रहे। 
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज,  भोपाल
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