सेरेनडिपिटी, सिनरिन योकू और सरकारी फरमान ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट

सेरेनडिपिटी, सिनरिन योकू और सरकारी फरमान
ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
आफिस से जब तामिया जाने का बताया था तो यही मकसद था कि मुख्यमंत्री कमलनाथ से बेहतर तरीके से संवाद हो जायेगा और मीडिया की भीड भाड कम रही तो अच्छा फुरसत का इंटरव्यू जिसे टीवी की घनघोर भाषा में टिक टैक कहा जाता है, भी किया जा सकता है। मगर हमारे नये सीएम कमलनाथ जी के पास जो नहीं है वो है फुरसत उनका मिनिट मिनिट का शेडयूल होता है और वो पूरे वक्त नये नये काम में अपने आपको व्यस्त रहते हैं चलते चलते ही बाइट देते हैं और यदि वो जरूरी समझेंगे तो आपको बैठकर इंटरव्यू दे देंगे, तो इन सारी परिस्थितियों के मददेनजर ये तो मालुम था कि टिक टैक या इंटरव्यू की गुंजाइश कम ही है मगर ये उत्साह जरूर था कि अपने राष्ट्रीय चैनल के दोस्तों के साथ एक नयी जगह देख ली जाये वो जगह थी तामिया। जहाँ पर सीएम कमलनाथ एक नये रिसोर्ट सेरेनडिपिटी का उद्घाटन करने आने वाले थे। 
रात के अंधेरे में तो सेरेडिपिटी एक सामान्य सा रिसोर्ट ही लगा जिसके नागपुर के रहने वाले मालिक डाक्टर सुश्रुत बाभुलकर दिलचस्प व्यक्ति लगे जिन्होंने अपने परिवार की डाक्टरी की कमाई से तामिया में ये रिसोर्ट बनाया और कोशिश की कि जितना लंबा वक्त लगे उतना अच्छा जिससे स्थानीय लोगों को लंबे समय तक रोजगार मिलता रहे। रात में बातों बातो में उन्होंने हम सबको पास की पहाड की चोटी पर ब्रेकफास्ट करने का आइडिया दिया। इसे वो ब्रेकफास्ट आन टाप कह रहे थे। पहले तो ये बात अनोखी लगी कि सुबह सुबह पहाडी की चोटी पर कौन बैठकर नाश्ता करेगा फिर उनकी सबसे कठिन शर्त ये थी कि इसके लिये सुबह छह बजे उठकर जाना होगा उफ। जब ये बात हो रही थी उस वक्त तक रात के साढे बारह बज गये थे और अगले एक दो घंटे हम दोस्तों को और गपियाना था ऐसे में सुबह उठना कितना मुश्किल था हम सब जानते थे मगर अपने होस्ट का दिल रखने के लिये एक सुर में हम सभी ने हामी भरी और चल दिये अपने कमरों की ओर जहां एकाध घंटे की पंचायत और हुयी और सोते सोते रात के दो ढाई बज गये ऐसे में सुबह पास के कमरे से छह बजे फोन बजा तो भरोसा नहीं हुआ कि कोई उठ भी गया है अरे यार उठना नहीं है, पहाड पर चलना नहीं है, ऐसे हम कुनमुनाये तो फोन पर ही गालियां और ताने मिलने एक साथ शुरू हो गये तो क्या इस सब के लिये आये थे एक दिन उठ नहीं सकते। 
मरता क्या नहीं करते उठे तो ये सेरेडिपिटी कुछ और ही लगा बिलकुल अपने नाम के मुताबिक यानिकी अकस्मात से कुछ खोज लेना या आकस्मिक लाभ। हम आये तो तामिया थे मगर ये बडी सी खूबसूरत जगह अचानक ही मिल गयी। चारों तरफ जंगल की हरियाली से घिरा और बीच में छोटी सी झील के किनारे बने इसे रिसोर्ट की खूबसूरती देखकर हम सब तकरीबन चमत्कृत थे मगर बडी सरप्राइज तो पहाड की चोटी पर हमारा इंतजार कर रही थी। बडे बेमन से बिस्तर छोडने के बाद कमरे से बाहर आकर चेहरे पर जो तेज ताजी हवा लगी तो सारा का सारा मूड ही बदल गया। बस फिर क्या था उसके बाद दोस्तों को उठाया और चल पडे पास के पहाड की ओर पैदल। रिसोर्ट के बाहर निकलते ही लंबे लंबे साल के पेडों के बीच से निकलकर ठंडी मद्धम हवा हमें छूकर ऐसी गुजर रही थी मानो हाल पूछ रही हो हमारा। ओर हम हवा से क्या कहते बहुत दिनों के बाद ऐसी हवा को महसूस किया था। साथ चलने वाले नेचुरलिस्ट पराग देशपांडे ने बताया कि यहां पर हवा पचासी फीसदी से ज्यादा शुद्व है क्योकि शुद्व हवा का संकेत होती है यहां पर कुछ पेडों पर चिपकी हुयी लायकेन। हरे रंग की ये लायकेन को हम आसान शब्दों में काई और फफूंद का मिश्रण कह सकते हैं जो वहाँ कुछ पेड़ों पर चिपकी हुयी थी। और वाकई वो ऐसी हवा थी जो हमें तेजी से तरोताजा कर रही थी। पराग ने बताया कि जापानी पद्वति है सिनरिन योकू यानिकी जंगल स्नान, हममें से किसी ने हंसकर क्या जंगल में आकर नहाना। तब पराग ने समझाया कि पहाड और जंगल के परिवेश की ताजी हवा, सुबह की रोशनी और चहचहाते पक्षियों के मधुर कोलाहल को महसूस कर उसमें अपने आपको डुबा कर ताजादम होना ही जंगल स्नान यानिकी सिनरिन योकू है।  
तो जंगल स्नान करते और कवि भवानी प्रसाद मिश्र की कविता सतपुडा के घने जंगल उंघते अनमने जंगल को गुनगुनाते हुये हम उपर चढ रहे थे और तामिया की इस नैसर्गिक सुंदरता के दीवाने होते जा रहे थे। उंचे नीचे खुरदुरी चटटानों पर चढते हुये जब हम उपर पहंचे तो हवा का स्वर ही बदल गया था अब वो हमें गुदगुदाकर पूछ रही थी कैसा लगा यहाँ आकर और हम क्या बोलें।
हम समुद्र सतह से तकरीबन तेरह सौ फीट उपर आ गये थे सामने लाल पहाडी थी जिसे वल्चर पाइंट कहा जाता है। बस फिर क्या था मोबाइल के कैमरे चमकने लगे कोई फेसबुक लाइव तो कोई सेल्फी तो कोई ग्रुप फोटो के लिये चिरोरी कर रहा था। जब इससे फुर्सत हुये तो उधर लाल कुर्सियां और सफेद टेबल हमारा इंतजार कर रही थीं ब्रेकफास्ट आन टाप के लिये। गर्मागर्म चाय और काफी के साथ सेंडविच पोहा, और दही परांठा खाकर हम संतृप्त हो गये थे मगर लंबा सुकून हम टीवी पत्रकारों के नसीब में नही होता तो फिर वही पुरानी कहानी दोहरायी गयी। रास्ते में ही दिल्ली के किसी अखबार में छपी खबर से चैनलों में जो हंगामा मचा तो वो पूरे दिन रहा। फिर दिन भर हमारे साथी सेरेनडिपिटी की खूबसूरती छोड लाइव और अदद बाइट की मारामारी में जुट गये। खबर नसबंदी को लेकर जारी हुये एक अजीबो गरीब सरकारी फरमान से जुडी हुयी थी। जिसमें सुबह से लेकर शाम तक विकेट गिरते रहे। 
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज,  भोपाल
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जनता की समस्याओं को निपटाने और सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने "जन दरबार

जनता की समस्याओं को निपटाने और सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने "जन दरबार

#,सागर विधानसभा क्षेत्र से काँग्रेस प्रत्याशी रहे नेवी जैन ने किया शुरू "जन दरबार"

सागर। सागर विधान सभा क्षेत्र के काँग्रेस प्रत्याशी नेवी जैन  ने प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी भावनाओ के अनुरूप शुरू किया कार्यक्रम आप की सरकार "जन-दरबार" का आयोजन बी.एस.जैन बगीचा में किया। जिसमे सागर नगर से संबंधित कई सुझाव वा समस्याएं सामने आई । जिसमे इंजीनियर फोरम के पूर्व अध्य्क्ष संजीव चौरसिया द्वारा शहर विकास के मुद्दों पर सुझाव दिये, नगरिको ने संजय ड्राईव मार्ग के निर्माण को शीघ्र पूर्ण करने की बात कही टी.एन.सी.पी.संयुक्त संचालक सागर में सम्भाग मुख्यालय पर उपलब्ध ना होना जिससे आम जन को दिक्कत होती है ।बी.एल .सी. किस्तो का ना मिलना आदि समस्याये आई जिस पर श्री नेवी जैन ने शासन एवं प्रशासन से समस्याओ को हल कराने की बात कही साथ ही यह भी कहा कि पूर्व में 15 बर्षो तक प्रदेश जो भा.जा.पा. की सरकार रही उनकी गलत नीतियों के कारण शहर विकास में दिकत्ते आ रही हैं।लेकिन हम विशवास दिलाते है, प्रदेश के कांग्रेस की कमलनाथ सरकार कटीबध्द है और आगामी समय मे आपको विकसित सागर देखने मिलेगा, शहर विकास में आ रही असुविधायो में आप संयम रखें यह आपका सागर है हम इसे मिलकर सुंदर बनाएंगे|
जन दरबार मे प्रमुख प्रदीप पांडे,मनोज पवार, नरेन्द्र मिश्रा, पवन केशरवानी, संजीव चौरसिया, रोहितजैन, अभिनय यादव , शिवा राठौर, प्रदीप सोनी, रोहित गुप्ता (सिटी मोबाइल), जितेंद्र राठौर, लालू श्रीवास्तव ,आदिल राईन, शुभम कुशवाहा, प्रदीप सोनी, जीवन प्रजापति, शैलेष अकेला,साहित अनेक लोग मोजूद थे।
प्रत्येक शनिवार को लगेगा  जन दरबार
नेवी जैन ने बताया, प्रत्येक शनीवार को जन-दरबार  12 बजे से 4 बजे तक बी.एस.जैन बगीचा में आयोजित किया जाएगा| वही प्रत्येक गुरुवार को वार्ड स्तर पर कैम्प लगकर हम लोगों की समस्याएँ जान्ने वार्डों में जाएँगे।
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संस्कृति की परिचायक है मातृभाषा - डॉ चंचला दवे

संस्कृति की परिचायक है मातृभाषा - डॉ चंचला दवे
सागर ।सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोतीनगर सागर में मातृभाषा दिवस पर आययोजित समारोह में  मुख्य अतिथि डॉ चंचला दवे ने कहा कि भारत की समृद्धता संस्कार व अतिथि देवो भव पर राष्ट्र को समर्पित है जिससे भारत का मान विदेशी भूमि पर भी अमिट है। सरस्वती शिशु मंदिर में ही राष्ट्र भाषा हिंदी को प्रमुखता से अपनाया गया है कहा गया है कि संस्कृति की परिचायक है मातृभाषा  जिसे इस संस्थान में संस्कार के साथ प्रमुखता से अपनायी जा रही है 
 कार्यक्रम अध्यक्ष पं. के.के.दुबे विशिष्ट अतिथि  के.कृष्णा राव शिक्षा समिति सदस्य, राधिका प्रसाद गौतम पूर्व प्रांत समन्वयक केशव शिक्षा समिति महाकौशल प्रांत, सुलोचना जैन पूर्व आचार्या थी। अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम मां सरस्वती, ओम्, भारत माता के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया। बहिन बैष्णवी साहू व उनके साथियों द्वारा वंदना प्रस्तुत की गई । अतिथियों का परिचय राजकुमार ठाकुर प्राचार्य व स्वागत बाबूलाल सेन प्रधानाचार्य ने किया । बहिनों की ओर से स्वागत भाषण मातृभाषा हिंदी में कविता के माध्यम से आपको कभी स्कूल के दिन याद आयेंगे समीक्षा रजक व वसुंधरा वर्मन ने अंग्रेजी में  अपना विचार दिया। डॉ कृष्णा राव ने अपने उद्बोधन में कहा कि भैया बहनों की प्रथम पाठशाला मां रहती है पर विद्यालय में उन्हें व्यक्तित्व सिखाने की कला विकसित की जाती है। कार्यक्रम अध्यक्ष पं.के.के.दुबे ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि नौनिहालों को प्रवेश दिलाने में मां की भूमिका अहम है पर विद्यालय में आचार्य अपने आप को जलाकर भैया बहिनों को उसी तरह प्रकाशमय करता है जिस तरह दीपक के नीचे अधंकार रहता है पर सभी जगह दीपक की लौ अपना प्रकाश फैलाती है । शिक्षक ही न्यायालय में न्यायाधीश तो पैरवी करने वकील वहीं देश संचालित करने राजनीतिक तो उनके लिए व्यवस्था बनाए रखने में सहायक अधिकारी को भी कोई अध्यापक बनाने का कार्य संपादित करता है। विशिष्ट अतिथि आशीष द्विवेदी ने अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि यह वह संस्थान है जो अपने नाम में ही प्रर्दशित होता है कि शिशु अर्थात भगवान व शिक्षक अर्थात भगवान मंदिर अपने में ही समाहित है ।बहिन कर्णिका तिवारी व आलिया सैफरीन लाइन ने नृत्य व सौम्या बोहरे , बैष्णवी साहू व उनके साथियों द्वारा गीत प्रस्तुत किया गया। मंच संचालन समीक्षा रजक व वसुंधरा वर्मन ने आभार प्रदर्शन रीना ज्योतिषी ने किया ।प्रधानाचार्य बाबूलाल सेन ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरस्वती शिशु मंदिर में दिया जाने वाला शिक्षण व  हमारे समकक्ष विद्यालयों में दिया जाने वाला शिक्षण का तुलनात्मक अध्ययन किया जावे तो यह प्रर्दशित होता है कि शिशु मंदिर में अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्वंय अपने विचारों को प्रर्दशित करने का ज्ञान अर्जित अधिक रहता है। प्राचार्य राजकुमार ठाकुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिशु मंदिर में राष्ट्र प्रेम की भावना को जागृत करने के साथ साथ संस्कारों को भी आत्मसात कराया जाता है । मीडिया प्रभारी मनोज नेमा ने राष्ट्र प्रेम पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जिस देश जाता में जन्म लिया बलिदान उसी पर ही हो जानें पंक्तियां को याद करते हुए बहिनों को जागृत करने का प्रयास किया व आशीष देते हुए कहा कि हमें देश, समाज व परिवार को सम्मानित करने में सफल होने के लिए आतुर होना पड़ेगा । कार्यक्रम में प्रदीप सूबेदार, मनोज नेमा, प्रदीप नामदेव, मंजू राय, संजय मोघे, अंजू देवलिया, रीना ज्योतिषी, हेमराज सिंह,शंकर क्षीरसागर, संजय चौरसिया, मनीषा चौरसिया, के.के.ठाकुर, महेश तिवारी,कौशल व आचार्य दीदियां उपस्थित थीं ।
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अन्वेषण की आगामी प्रस्तुति "कुत्ते" 29 फरवरी को ,रविन्द्र भवन में होगें दो शो

अन्वेषण की आगामी प्रस्तुति "कुत्ते" 29 फरवरी को ,रविन्द्र भवन में होगें दो शो
सागर। अन्वेषण थियेटर ग्रुप अपनी अगली नाट्य प्रस्तुति के रूप में आगामी 29 फरवरी शनिवार को विजय तेंदुलकर लिखित नाटक "कुत्ते" का मंचन करेगा। स्थानीय रविन्द्र भवन में दोपहर तीन बजे एवं शाम सात बजे से दो शो आयोजित होगें। समाज में आये दिन होने वाली बलात्कार की घटनाओं के पीछे निहित विक्षिप्त मानसिकता इस नाटक की मुख्य कथा वस्तु है। नाटक का निर्देशन जगदीश शर्मा ने किया है, वे मंच कलाकारों के साथ लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन के कार्य में लगे है। प्रतिदिन रिहर्सल के साथ ही मंच परे की तैयारियाँ भी जोरों पर है। नाटक में मंच पर संतोष दांगी सरस, दीपगंगा साहू, करिश्मा गुप्ता, मनोज सोनी, प्रवीण कैम्या, अतुल श्रीवास्तव, अभिनय करेंगे, एवं मंच पार्श्व की व्यवस्थाओं में सतीश साहू, राजीव जाट, कपिल नाहर, आकाश विश्व कर्मा, रिषभ सैनी, असरार पिंकी, समता झुडेले, राहुल सेन आदि कलाकार शामिल हैं।
नाटक के दोनों शो का मंचन 29 फरवरी को अपने निर्धारित समय पर शुरू होगा। अन्वेषण ग्रुप ने नगर के सभी सुधि दर्शकों से समय पर उपस्थित होने की अपील की है।
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खराब रोड के कारण 108 एंबुलेंस में हुआ प्रसव,जच्चा बच्चा दोनो स्वस्थ्य

खराब रोड के कारण 108 एंबुलेंस में हुआ प्रसव,जच्चा बच्चा दोनो स्वस्थ्य

सागर। सड़क खराब होने के कारण अस्पताल पहुचने में देरी लगने के कारण 108 एम्बुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराने का मामला सामने आया है। सागर जिले की बांदरी 108 एम्बुलेंस पायलट रामकृष्ण राय ने बताया कि  मोतीनगर थाना अंतर्गत पागारा रोड पर  ईट के भट्टे पर काम कर रही महिला आरती अहिरवाल २४वर्ष निवासी लिंप (जैसीनगर) गर्भवती महिला को पगारा से जिला अस्पताल ले जाना था। तभी रोड खराब और ट्रैफिक होने के कारण
अस्पताल ले पहुंचने में समय लग रहा था।
और गर्भवती महिला की पीड़ा बढ़ती जा रही थी।स्थिति को देखते हुए 108 के डॉक्टर शेख अजहर ने एम्बुलेंस में ही महिला का प्रसव कराया और मां और बच्चे को सुरक्षित जिला अस्पताल में भर्ती कराया। 
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प्रो. कांति कुमार जैन को "मान बहादुर सिंह लहक सम्मान" से होंगे संम्मानित

प्रो. कांति कुमार जैन को "मान बहादुर सिंह लहक सम्मान" से होंगे संम्मानित
सागर।कलकत्ता से नियमित प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका "लहक" द्वारा इस वर्ष का प्रतिष्ठित "मान बहादुर सिंह लहक सम्मान" सागर के वरिष्ठ लेखक एवं संस्मरण लेखन के लिए प्रसिद्ध हिंदी विभाग केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रोफेसर कांति कुमार जैन को दिया जाएगा। यह सम्मान उन्हें सागर में ही उनके निवास पर आयोजित एक गरिमामयी कार्यक्रम में दिया जाएगा जिसके संयोजक शायर अशोक मिज़ाज बद्र और दुनिया इन दिनों होंगे। अशोक मिज़ाज ने बताया कि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री हरेराम समीप,दिल्ली करेंगे।मुख्य अतिथि श्री कर्ण सिंह चौहान होंगे।संचालन, सुधीर सक्सेना जी करेंगे। श्री उमाशंकर सिंह परिमार के बीज वक्तव्य के साथ साथ नासिर अहमद सिकंदर,प्रज्ञा रावत,विमलेश,रामगोपाल पारीक,सिद्धार्थ वल्लभ,महेश कटारे, भी वक्तव्य देंगे। यह अतिविशिष्ट कार्यक्रम दिनांक 15 मार्च 2020 को प्रोफेसर कांति कुमार जैन के विद्यापुरम स्थित निवास के पास दोपहर 4 बजे से आयोजित है।लहक के संपादक श्री निर्भय देव्यान्स एवं देश के साहित्यकारों ने  प्रो कान्ति कुमार जैन को बधाई प्रेषित की है।
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सहकारी समितियों के उचित मूल्य दुकान विक्रेता लंबित राशि जमा करें,अन्यथा पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज

सहकारी समितियों के उचित मूल्य दुकान विक्रेता लंबित राशि जमा करें,अन्यथा पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज
सागर। कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक के निर्देषानुसार उपायुक्त सहकारिता जिला सागर ने द्वार प्रदाय योजनांतर्गत क्रेडिट पर प्रदायित खाद्यान्न की लंबित राषि की वसूली हेतु वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, सहकारी निरीक्षक, उप अंकेक्षक जिला सागर को निर्देषित किया है।
उन्होंने जिले के विकासखण्डा सागर, खुरई, मालथौन, बण्डा, जैसीनगर, केसली, शाहगढ़, रहली, बीना, देवरी एवं राहतगढ़ के अंतर्गत जिन जिला सहाकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखाओं में खाद्यान्न की लंबित राषि है उनकी वसूली के संबंध में समितियों की उचित मूल्य की दुकानों के विक्रेताओं से द्वार प्रदाय योजना की राषि 7 दिवस में जमा करवाने के निर्देष भी दिए है। साथ ही यदि विक्रेताओं द्वारा राषि जमा नहीं की जाती है, तो उनके विरूद्ध पुलिस में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देष दिए है
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डॉ गौर विवि का हुआ है विकास,विरोध दुर्भाग्यपूर्ण पूर्व सांसद यादव,और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुशील तिवारी और मोकलपुर आये मैदान में

डॉ गौर विवि का हुआ है विकास,विरोध दुर्भाग्यपूर्ण 
पूर्व सांसद यादव,और पूर्व छात्रसंघ  अध्यक्ष सुशील तिवारी और मोकलपुर आये मैदान में 
सागर। डॉ हरीसिंह गौर केन्द्रीय विवि सागर में हाल ही में कुलपति के कार्यकाल पर उठे विरोध के स्वरों के बीच भाजपा के तीन बड़े नेता पक्ष में उतरे है । पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव एवं विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष डाॅ. सुषील तिवारी ने एक बयान में  कहा है कि वर्तमान डाॅ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विष्वविद्यालय विगत चार-पांच वर्षों से निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। डाॅ. गौर साहब की जन्मस्थली को नया स्वरूप् और उसके विकास के लिए जो कार्य किया गया है वह किसी से छिपा नहीं है। 
वि बयान का पूर्व मंडी अध्यक्ष राजेन्द्रसिंह मोकलपुर ने भी समर्थन किया है।
जारी सयुंक्त  बयान के अनुसार विवि  मूलतः अध्ययन, अध्यापन, शोध सेमिनार के आयोजनों से प्रसिद्धि पाता है। इस संबंध में असंख्य शोध पत्रों का न केवल प्रकाषन हुआ बल्कि अधिकांष विभागों में राष्ट्रीय स्तर के शोधपरक व्याख्यान तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के व्याख्यान भी आयोजित हुए हैं। यह विष्वविद्यालय के शैक्षणिक स्तर को षिक्षा जगत में प्रतिष्ठिापित भी करता है। विष्वविद्यालय के इतिहास में पहले कभी इतने काम नहीं हुए जो विगत चार वर्षों में हुए है। कन्या छात्रावास का निर्माण, विभिन्न विभागों का जीर्णोद्धार 7 नए भवनों का निर्माण, 77 नए पद तथा 600 सींटे बढ़ना, नए पाठ्यक्रमों का जुड़ना, कम्युनिटी काॅलेज में कौषल विकास योजना के अंतर्गत 12 पाठ्यक्रमों का आरंभ होना व डाॅ. गौर फाउन्डेषन की समिति आदि तमाम ऐसे पक्ष हैं जो शैक्षणिक विकास के स्तर को गति प्रदान करता है तथा विष्वविद्यालय के नवनिर्माण में भी नई इबारत लिख रहा है। यह सारा उपक्रम डाॅ. गौर की विरासत को समृद्ध करने में नया अध्याय भी जोड़ रहा है। 
विरोध नही स्वच्छ वातावरण बनाये
बयान में लिखा है कि  आज आवष्यकता इस बात की है कि अपने व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर विष्वविद्यालय में स्वच्छ वातावरण निर्मित करें केवल विरोध के लिए विरोध करना दुर्भाग्यपूर्ण है। यह पहला अवसर है जब सागर शहर और विष्वविद्यालय के बीच कुलपति ने समन्वयात्मक दृष्टिकोण अपनाया है अन्यथा पूर्व में विष्वविद्यालय अपना पृथक अस्तित्व बनाये रहता था। आज विष्वविद्यालय और शहर सह-अस्तित्व में जान जाता है। विकास को गतिषील बनाये रखने के लिये कुलपति के सक्षम नेतृत्व से संभव हुआ है।
पूर्व सांसद ने कहा कि डाॅ. गौर ने सागर के पिछड़ेपन, गरीब छात्रों को षिक्षित करने उद्देष्य से विद्या का मंदिर स्थापित किया था। इस विष्वविद्यालय में पीढ़ियों से जो लोग पढ़-लिखकर निकल चुके हैं वह ऋण हम सबके ऊपर भी है। डाॅ. गौर के ऋण को उतारने की तथा सकारात्मक सहयोग की जिम्मेदारी हम सबकी है। जो लोग अनावष्यक और तथ्यहीन विरोध कर रहे हैं वो विष्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल कर रहे हैं। मेरा मानना है कि शहर के संभ्रांत बुद्धिजीवी नागरिक स्वयं की आंखों से विष्वविद्यालय के विकास को जाकर देखें और वास्तविकता से परिचित हों। प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवष्यकता नहीं होती
पूर्व सांसद यादव ने कहा कि 1967 से दीक्षांत समारोह आयोजित नहीं हुए वर्तमान में दीक्षांत समारोह का सिलसिला आरंभ होना सुखद अनुभूति कराता है। उक्त विष्वविद्यालय को केन्द्रीय विष्वविद्यालय बनाने में आन्दोलन में सबकी भागीदारी रही है। समूचे देष-दुनिया में आज भी सागर का नाम विष्वविद्यालय के कारण ही जाना जाता है। उपरोक्त बयान के संबंध में पूर्व मंडी अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह मोकुलपुर ने भी समर्थन किया है।

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