धानुक समाज की उपस्थिति के बगैर कोई कार्य संपन्न नहीं होता: मंत्री हर्ष यादव

धानुक समाज की उपस्थिति के बगैर कोई कार्य संपन्न नहीं होता: मंत्री हर्ष यादव
#बुन्देलखण्ड धानुक समाज संगठन का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न
सागर । धानुक समाज की उपस्थिति के बगैर कोई कार्य संपन्न नहीं होता। उक्त विचार प्रदेष के कुटीर ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री हर्ष यादव ने रविन्द्र भवन में आयोजित बुन्देलखण्ड धानुक समाज संगठन का शपथ ग्रहण समारोह में व्यक्त किए। इस अवसर पर समाज के नव-नियुक्त कार्यकारिणी को शपथ भी दिलाई गई। नव नियुक्त अध्यक्ष  बृजेश बेन, सचिव  हनी बेलिया,  बेनी प्रसाद धानुक,  महेष जाटव, सहित समाज के माते मुखिया सहित समाज जन मौजूद थे।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि बच्चे का जन्म जब होता है तब मां का स्पर्ष नवजात षिषु को बाद में किन्तु दाई मां का स्पर्ष प्रथम होता है इसलिए इस समाज की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि दाई मां का स्पर्ष भी बच्चे को नया जन्म देता है। उन्होंने कहा कि धानुक समाज की उपस्थिति जन्मकाल से लेकर मृत्युकाल तक होती है। उन्होंने कहा कि यह समाज विवादरहित समाज है और इनको समाज की मुख्यधारा में इनकों जोड़ने का कार्य हमारी सरकार कर रही है।
मंत्री श्री यादव ने सागर में बैण्ड बाजा प्रषिक्षण स्कूल खोलने के सरकार ने प्रयास शुरू कर दिए है और शीघ्र ही मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ इसकी घोषणा करेंगे। उन्होंने समाज की मांग पर पर्याप्त मात्रा में बांस उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। साथ ही समाज के लिए 5 लाख रूपये सामुदायिक भवन बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की। उनहोंने समाज के माते मुखियां को समाज को संगठित कर आगे बढ़ने के लिए कहा। साथ ही नव नियुक्त कार्यकारिणी को मन, वचन और कर्म से अपने दायित्वों को पूर्ण करने के लिए भी कहा। इस के पूर्व सांसद श्री आनंद अहिरवार, श्रीमती रेखा चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। समाज के नव नियुक्त श्री बृजेष बेन ने नव गठित कार्यकारिणी के साथ समाज के दायित्व पूर्ण करने की शपथ ली। कार्यक्रम का संचालन श्री सचिन पढ़ोले ने किया।
इस अवसर पर सागर पूर्व सांसद श्री आनंद अहिरवार, श्रीमती रेखा चौधरी, श्री संदीप सबलोक, श्रीमती चंदा बेन, श्री जतिन चौकसे, श्री मुन्ना चौबे आदि मौजूद थे।
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लोटा में बम बनाकर रखने वाले आरोपी की जमानत निरस्त

लोटा में बम बनाकर रखने वाले आरोपी की जमानत निरस्त
सागर। न्यायालय- न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री शरद जोषी सागर के न्यायालय ने आरोपी रोहन पिता कलु सिंह लोधी उम्र 52 वर्ष निवासी गंभीरिया मकरोनिया जिला सागर की जमानत के आवेदन को निरस्त करने का आदेष दिया गया।  म.प्र. शासन की ओर से पक्ष सहा. जिला अभियोजन अधिकारी  किरण गुप्त ने रखा।
सहा. जिला अभियोजन अधिकारी सुश्री किरण गुप्त ने बताया कि आरोपी ने फरियादी को नुकसान कारित करने के उद्देष्य से एक पीतल के लोटे में विस्फोटक सामग्री से एक देषी बम्ब बनाया और फरियादी के घर जाकर आरोपी ने फरियादी के साथ गाली गुफ्तार कर मारपीट की और मारपीट के दौरान फरियादी के घर के दरवाजे पर देषी बम्ब फरियादी को हानी पहुचाने के उद्देष्य से रख आया। जिसकी रिपोर्ट फरियादी ने थाना बहेरिया में की थी। फरियादी की रिपोर्ट पर से धारा 294,326,506,286, भादवि एवं धारा 5 विस्फोटक अधिनियम का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। आरोपी को गिरिफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। आरोपी रोहन के अधिवक्ता ने जमानत हेतु धारा 439 दप्रस के आवेदन प्रस्तुत किया और उभय पक्ष को सुना गया।  अभियोजन के महत्वपूर्ण तर्को से सहमत होते हुए और केस डायरी का अवलोकन करने के उपरांत अपराध की गंभीरता व प्रकरण की तथ्य परिस्थितियों के आधार पर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्री शरद जोषी सागर के न्यायालय द्वारा आरोपी रोहन की जमानत निरस्त कर दी गयी।
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सागर कमिश्नर आनंद शर्मा होँगे उज्जेन कमिश्नर

सागर कमिश्नर आनंद शर्मा होँगे उज्जेन कमिश्नर

भोपाल । प्रशासनिक तबादले जारी है । आज राज्य शासन आज सागर संभाग के कमिश्नर श्री आनंद शर्मा को उज्जैन का कमिश्नर बनाया है । उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार नरोन्हा प्रशासन अकादमी के संचालक होंगे।
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छत्तरपुर,सतना और बैतूल कलेक्टरों के तबादले

छत्तरपुर,सतना और बैतूल कलेक्टरों के तबादले
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तीन सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन ,उल्दन सिंचाई परियोजना से प्रभावितों का

तीन सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन ,उल्दन सिंचाई परियोजना से प्रभावितों का
सागर। सागर जिले के बन्डा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम उल्दन के पास वृहद सिंचाई परियोजना के तहत बांध का निर्माण किया जा रहा है। जिस कारण प्रभावित क्षेत्र के किसानों एवं ग्रामीणों ने अपने जीवन यापन एवं भविष्य निर्धारण हेतु अपनी तीन सुत्रीय मांगों का ज्ञापन दिया ।
इस के बाद किसानों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर बहरोल चौराहे पर थाने के बाजु मे शांति पूर्ण रूप से धरने पर बैठ गए वहां पर मौजूद रहे किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि हम लोग अपनी तीन सुत्रीय मांगों को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन कर है एवं उन्होंने बताया कि हम लोग दर दर भटक रहे हैं इन्हीं मांगों को लेकर जहां भी जाते हैं तो वहां पर सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है कि मुआवजे की राशि अच्छी दिलवाएंगे लेकिन अभी तक ना तो किसी अधिकारियों ने ना कोई जनप्रतिनिधियों मुआवजे की राशि नहीं बताई है पहले ही दिन धरना प्रदर्शन में  बहरोल कुल्ल किरौला कोटिया पिपरिया इल्लाई सेमरा नीमोन पड़वार उल्दन  आदि गांवों के पीड़ित किसान उपस्थित रहे।
ये है मांगे
 1 डूब प्रभावित क्षेत्र के अंतर्गत प्रत्येक परिवार के एक व्यक्ति को रोजगार मिले 
2 विस्थापन केवल बन्डा विकासखंड में ही किया जाए जो की शिक्षा चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाओं से परिपूर्ण हो 
3 मुआवजे की राशि दर्शाई जाए जो की 2013 के अनुसार पांच गुना हो
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आईफा का सबसे सस्ता टिकट 7500, सबसे महंगा 2 लाख का; विजक्राफ्ट ने तीन कैटेगरी बनाईं

आईफा का सबसे सस्ता टिकट 7500, सबसे महंगा 2 लाख का; विजक्राफ्ट ने तीन कैटेगरी बनाईं
इंदौर । 28-29 मार्च को इंदौर के डेली कॉलेज में होने जा रहे आईफा अवॉर्ड के लिए आयोजक कंपनी विजक्राफ्ट ने टिकट दरें लगभग फाइनल कर दी हैं। टिकट की तीन कैटेगरी होंगी। सबसे महंगा टिकट वीआईपी क्लास का दो लाख रु. का होगा। गोल्ड क्लास 40 हजार रु., जबकि सिल्वर क्लास का टिकट 7500 रु. में मिलेगा। हालांकि आईफा या विजक्राफ्ट ने इसका आधिकारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि दरों पर सहमति बन गई है।
पिछले साल मुंबई आयोजन में सबसे महंगा टिकट 2.15 लाख रु. का था, जबकि सस्ता वाला 10 हजार रुपए में बिका था। इसके आधार पर ही यहां के रेट तय हुए हैं। दर्शकों को इसमें ये राहत रहेगी कि एक ही टिकट से दोनों दिन इंट्री हो सकेगी, पर एक टिकट पर एक ही व्यक्ति का प्रवेश होगा।  मुख्य आयोजन डेली कॉलेज के हनुमंत ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर होगा। यहां स्टेज बनेगा,  जिस पर अवॉर्ड नाइट की प्रस्तुतियां होंगी।  
आयोजक डेली कॉलेज की खूबसूरत बिल्डिंग का उपयोग कार्यक्रम को भव्यता देने के लिए करना चाहते हैं, इसलिए स्टेज के बैक ड्रॉप के रूप में उसे दिखाएंगे। इसे खूबसूरत लेजर लाइटों से सजाया जाएगा। हनुमंत ओवल क्रिकेट ग्राउंड के पास वाले फुटबॉल ग्राउंड में ग्रीन रूम, प्रॉप रूम सहित दूसरे अस्थायी निर्माण किए जाएंगे। 
वीआईपी मुख्य द्वार से करेंगे प्रवेश
वीआईपी बैठक चूंकि स्टेज के नज़दीक होगी, इसलिए इनका प्रवेश पुलिस ट्रेनिंग स्कूल वाली सड़क पर बने डेली कॉलेज बिजनेस स्कूल के मुख्य द्वार और सात बंगले वाले हिस्से से होगा। बाकी दर्शक सेंट्रल जेल की ओर बने डेली कॉलेज के ज्ञान द्वार से आएंगे। वीआईपी पार्किंग के लिए पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के मैदान का उपयोग किया जा सकता है। बाकी दर्शकों के वाहन नेहरू स्टेडियम, उसके आसपास के खाली मैदान, जमीनों पर पार्क होंगे। इन सभी तैयारियों में जरूरत के हिसाब से बदलाव भी होंगे।
ओपन बस में घूमेंगे सितारे
आयोजन की सारी चमक-धमक आयोजन स्थल के भीतर तक सीमित रहेगी। ऐसे में आईफा अवॉर्ड को शहर की जनता से जोड़ने के लिए आयोजकों ने एक रोड शो या रैली निकालने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक अवॉर्ड फंक्शन में आने वाले नामी सितारे ओपन लग्जरी बस में सवार होकर शहर का भ्रमण करेंगे। ये भ्रमण संभवत: डेली कॉलेज से राजबाड़ा के बीच होगा।
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राष्ट्र उन्नयन के लिए मातृभाषा जरुरी: डाॅ. वेदप्रकाश दुबे

राष्ट्र उन्नयन के लिए मातृभाषा जरुरी: डाॅ. वेदप्रकाश दुबे
सागर। राष्ट्र के चहुमुखी विकास के लिए मातृभाषा एक माध्यम के रूप में बेहद जरुरी है। षिक्षा के सभी माध्यमों में मातृभाषा का स्थान सर्वाेपरि है। प्रत्येक भारतीय को मातृभाषा के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं को सीखने का प्रयास करना चाहिए। मातृभाषाओं के सम्मान से सामासिक संस्कृति का निर्माण होता है, जो राष्ट्र के निर्माण के लिए अत्यन्त आवष्यक है। यह बात गृह मंत्रालय, भारत सरकार के राजभाषा विभाग के पूर्व निदेषक डाॅ. वेदप्रकाश दुबे ने कही। डाॅ. दुबे ने मातृभाषा के महत्व को रेखांकित करते हुए विभिन्न भारतीय भाषाओं की शब्द परम्परा और शब्द शक्तियों को नये रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रत्येक विद्यार्थी से इस अवसर पर अपनी मातृभाषा के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं के प्रति रूचि जागृति करने पर बल दिया। भारतीय संस्कृति और विभिन्न भारतीय भाषाओं की चर्चा करते हुए डाॅ. दुबे ने शब्द ब्रह्म और ब्रह्माण्ड की शक्तियों को निर्देषित करने की भारतीय भाषा परम्परा को याद दिलाया। 
कार्यक्रम में प्रभारी कुलपति प्रो. जनक दुलारी आही एवं कुलसचिव कर्नल राकेष माहेन जोशी ने भी मातृभाषा के महत्व को रेखांकित किया। कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. चन्दा बैन ने मातृभाषा दिवस के अवसर पर अतिथियों और सभागार में उपस्थित छात्रों और विद्वानों का स्वागत करते हुए कहा कि मातृभाषा में ही हमारा जीवन और उसके सुख-दुःख की अभिव्यक्ति सहजता से हम कर पाते हैं।  
मातृभाषा दिवस के अवसर पर हिन्दी विभाग, डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में 20 फरवरी, 2020 को आयोजित निबन्ध एवं भाषण प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं सान्त्वना पुरस्कार पाने वाले विद्यार्थियों को प्रभारी कुलपति प्रो. जे.डी. आही, कुलसचिव कर्नल राकेश मोहन जोशी तथा विषिष्ट वक्ता डाॅ. वेदप्रकाष दुबे ने प्रमाण पत्र एवं विजयी ट्राफी प्रदान की। प्रतियोगिताओं में विजयी रहने वाले विद्यार्थी क्रमष निबन्ध प्रतियोगिता में प्रथम धीरज कुमार पटेल, द्वितीय- प्रसन्न विष्वकर्मा, तृतीय- जागृति तिवारी। इसी प्रकार भाषण प्रतियोगिता में क्रमषः विकास कुमार को प्रथम, दीक्षा कुषवाहा को द्वितीय और मनीष सोनी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा।  
पुस्तक का विमोचन
इस अवसर पर विष्वविद्यालय हिन्दी प्रकोष्ठ की पत्रिका 'भाषा भारती' और डाॅ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय पाठ्यक्रम पर आधारित 'आधुनिक भारतीय भाषा हिन्दी' की पाठ्य पुस्तक का विमोचन किया गया। 
इस कार्यक्रम में विष्वविद्यालय में कार्यरत विभिन्न भारतीय भाषा-भाषी षिक्षकों ने अपनी मातृभाषा में मातृभाषा को रोचक रूप में प्रस्तुत किया, जिनमें डाॅ. बुद्ध सिंह ने पंजाबी, डाॅ. चिटटी बाबू ने तेलगू, डाॅ.शिव शंकर  जैना ने उड़िया भाषा में अपने विचार रखे। 'मातृभाषा दिवस' के अवसर के अवसर पर विषेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। हिन्दी विभाग के तत्त्वावधान में  आयोजित इस व्याख्यान का विषय था 'षैक्षिक उन्नयन में मातृभाषा की भूमिका'। 

ये रहे उपस्थित
आयोजित कार्यक्रम में शहर के गणमान्य अतिथियों के साथ विष्वविद्यालय के वभिन्न संकायों के षिक्षक तथा स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र के साथ बड़ी संख्या में शोधार्थी उपस्थित रहे। इनमें प्रमुख रूप से प्रो. सुरेश आचार्य, प्रो. उदयचन्द जैन, प्रो. डी.के. नेमा, प्रो. जी.एल. पुणताम्बेकर, प्रो. ए.एन. शर्मा, प्रो. वाई.एस. ठाकुर, प्रो. अषोक अहिरवार, प्रो. राजेष गौतम, डाॅ. रितु यादव, डाॅ. विवेकानंद उपाध्याय, डाॅ. विवेक जायसवाल, प्रो. कन्हैया त्रिपाठी, डाॅ. संजय कुमार, डाॅ. आर.पी. सिंह, डाॅ. अरविन्द गौतम, डाॅ. बबलू राय, डाॅ. लक्ष्मी पाण्डेय, डाॅ. सुजाता मिश्रा, डाॅ. अवधेष कुमार, प्रदीप कुमार सौंर, कपिल कुमार गौतम, संजय कुमार, विकास कुमार पाठक, जुगुल किषोर, नताषा इन्दुस्काया, राखी वर्मा, साधना यादव, ज्योति गिरि, आकांक्षा जैन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। 
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. आषुतोष कुमार मिश्र ने किया तथा आभार डाॅ. राजेन्द्र यादव ने माना।
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नसबन्दी का विवादित आदेश वापिस, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक का तबादला

नसबन्दी का विवादित आदेश वापिस, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक का तबादला

भोपाल । कमलनाथ सरकार ने नसबन्दी को लेकर दिया गया विवादित आदेश को वापस ले लिया है । जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हम सर्कुलर को वापस ले रहे हैं. वहीं, स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट  ने कहा कि राज्य सरकार ने आदेश वापस ले लिया है. हम किसी को बाध्य नहीं करेंगे और हम आदेश का अध्ययन करेंगे। आदेश जारी करनेवाली राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक छवि भारद्वाज का तबादला कर दिया गया है। उनको सचिवालय  में ओएसडी बनाया दिया गया। भारद्वाज ने अपने आदेश में कहा था कि कर्मचारियों कोटारगेट पूरा नहीं करने पर नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाएगी। पूर्वमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेससरकार के इस आदेश की तुलना इमरजेंसी के दौरानसंजय गांधी के नसबंदी अभियान से की थी।आज दिनभर मीडिया खासकर सोसल मीडिया पर जमकर चर्चा रही। 
विवादित आदेश 
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मध्य प्रदेश मिशन संचालक छवि भारद्वाज की ओर से जारी आदेश को राज्य के सभी संभागीय आयुक्तों, जिला अधिकारियों, सीएमओ और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को भेजा गया था. साल 2019-20 में पुरुष नसबंदी की असंतोषजनक जाहिर करते हुए छवि भारद्वाज ने आदेश में पुरुष नसबंदी की गंभीरता से समीक्षा करने की अपील की थी.
उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन के अभियान के तहत हर साल प्रदेश के जिलों को कुल आबादी के 0.6% नसबंदी ऑपरेशन का टारगेट दिया जाता है। इंदौर में यह टारगेट 22 हजार ऑपरेशन का है। कुछ जिले इसे हासिल कर भी लेते हैं, लेकिन इनमें पुरुषों की सहभागिता बहुत कम है। हाल ही में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्धाज ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखा।
इस आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'मध्यप्रदेश में अघोषित आपातकाल है। क्या ये कांग्रेस का इमरजेंसी पार्ट-2 है? एमपीएचडब्ल्यू के प्रयास में कमी हो, तो सरकार कार्रवाई करे, लेकिन लक्ष्य पूरे नहीं होने पर वेतन रोकना और सेवानिवृत्त करने का निर्णय, तानाशाही है.'वहीं, कमलनाथ सरकार के इस आदेश पर बीजेपी नेता संबित पात्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के फैसले के इमरजेंसी की याद दिलाती है. कांग्रेस आज इसे इमरजेंसी की बात करते हैं, जबकि उनके राज्य में इमरजेंसी लगी है. मध्यप्रदेश के मंत्री अगर उनका बचाव करते है तो उनके पास इनका अनुभव है.
इसमें भारद्वाज ने कहा- प्रदेश में मात्र 0.5% पुरुष नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। अब ‌विभाग के पुरुषकर्मियों को जागरूकता अभियान के तहत परिवार नियोजन का टारगेट दिया जाए। इस पत्र के बाद इंदौर सीएमएचओ कार्यालय ने पत्र जारी कर कर्मचारियों से कहा कि अगर टारगेट के तहत काम नहीं किया तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव भेजेंगे। अफसरों के मुताबिक, प्रदेश की आबादी 7 करोड़ से अधिक है, हर साल 6 से 7 लाख नसबंदी ऑपरेशन के टारगेट होते हैं, पर पिछले साल ये संख्या सिर्फ 2514 रही।
स्वास्थ्य कर्मचारीयो का विरोध
सरकार के आदेश के बाद एमपीडब्ल्यू और पुरुष सुपरवाइजरों ने विरोध शुरू कर दिया था। उनका कहना है कि वे जिले में घर-घर जागरूकता अभियान तो चला सकते हैं, लेकिन किसी का जबरदस्ती नसबंदी ऑपरेशन नहीं करवा सकते। वहीं,भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा- नसबंदी के मामले में ऐसा लग रहा है कि मप्र में आपातकाल लगा हो और संजय गांधी की चौकड़ी अपने नियम बनाकर शासन चलाने का प्रयास कर रही हो। हालांकि, कांग्रेस प्रवक्ता सैय्यद जाफर का कहना था किआदेश का मकसद सिर्फ नसबंदी के लक्ष्य को पूरा करना है। वेतन वृद्धि रोकना या नौकरी से निकाल देना मकसद नहीं है।
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