महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में विशेष पूजा, शुक्रवार से 44 घंटे तक खुले रहेंगे महाकाल के पट

महाशिवरात्रि  पर महाकाल मंदिर में  विशेष पूजा, शुक्रवार से 44 घंटे तक खुले रहेंगे महाकाल के पट
उज्जैन. महाकालेश्वर मंदिर में 21 व 22 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व मनेगा। इस दौरान 44 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे। श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान गर्भगृह में पुजारियों का ही प्रवेश रहेगा। कोई भी श्रद्धालु, वीआईपी गर्भगृह में प्रवेश नहीं करेगा।
मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं को सुलभ दर्शन के लिए गर्भगृह में किसी का भी प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है, ताकि कतारों से आ रहे श्रद्धालुओं को दर्शन में किसी तरह का व्यवधान न हो। मंदिर समिति सदस्य पं. आशीष पुजारी के अनुसार मंदिर में 20 फरवरी को भगवान का नियमित पूजन व आरती होगी। यानी तड़के 4 बजे भस्म आरती, सुबह 7 बजे, 10.30 बजे और शाम 7.30 बजे और रात 10.30 बजे आरती के बाद पट बंद होंगे। 21 फरवरी को भस्म आरती के लिए तड़के 2.30 बजे पट खुलेंगे। भस्म आरती के बाद सुबह 7 बजे, 10.30 बजे आरती होगी। भगवान का केवल चंदन शृंगार होगा। दोपहर 12 बजे शासन की ओर से भगवान का अभिषेक किया जाएगा। शाम 4 बजे सिंधिया और होल्कर घराने की ओर से अभिषेक पूजन होगा, शाम 7.30 बजे आरती होगी। इस रात शयन आरती नहीं होगी। मंदिर के पट खुले रहेंगे।
रात 11 बजे से महाशिवरात्रि महापूजन होगा, जो 22 फरवरी को तड़के तक चलेगा। 22 को सुबह 6 बजे से सेहरा दर्शन होंगे। सुबह 7.30 बजे आरती होगी। 11 बजे सेहरा उतरेगा तथा दोपहर 12 बजे भस्म आरती की जाएगी। दोपहर 2 बजे भगवान की भोग आरती होगी। शाम 7.30 बजे सांध्य आरती और रात 10.30 बजे से शयन आरती के बाद मंदिर के पट बंद होंगे।
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धार्मिक प्रतीकों से रंगा भूतेश्वर मंदिर परिसर,हम हैं इंसान टीम लगी भोले की बारात की तैयारियों में

धार्मिक प्रतीकों से रंगा भूतेश्वर मंदिर परिसर,हम हैं इंसान टीम लगी भोले की बारात की तैयारियों में
सागर।जाग्रत युवाओं के संगठन "हम है इंसान ग्रुप के सदस्यों  द्वारा महाशिवरात्रि पर्व की पूर्व संध्या पर नगर के प्राचीन  मंदिर श्री देव भूतेश्वर महादेव मंदिर में स्वच्छ्ता ओर सुंदरता अभियान चलाया गया , जिसमे ग्रुप के सदस्यों ने पहले मंदिर परिसर की साफ सफाई की उसके बाद  मंदिर परिसर की दीवारों पर सनातन संस्कृति से ओतप्रोत भगवान शिवजी की आकृतियों ओर मुद्राओ को उकेरा ।गौरतलब है की कल होने बाले शिवरात्रि मैले में भूतेश्वर मंदिर परिसर में नगर के सैकड़ो  श्रद्धालू दर्शन हेतु आते है , जिसमे ग्रुप के युवाओं द्वारा बनाई गयी सुंदर कलाकृतिया मंदिर परिसर में और मैले में आने वाले समस्त श्रद्धालुओं के लिए आकर्षक का केंद्र रहेगी , ग्रुप के सदस्य ने बताया की हम है इंसान ग्रुप द्वारा लगभग 5 महीनों से निरन्तर  नगर के उपेक्षित स्थानों को सँवारा जा रहा है और ग्रुप का स्वच्छ्ता और सुंदरता अभियान इसी तरह सतत जारी रहेगा। ग्रुप ने सभी शहर वासियों से अपील की है कि मंदिरों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखे और अपने शहर को स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दे।
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गिरिजा दहार: बुन्देलखण्ड का अद्भुत जलकुंड जहा सिर्फ डूबती है पवित्र बेलपत्र

गिरिजा दहार: बुन्देलखण्ड का अद्भुत जलकुंड जहा सिर्फ डूबती है पवित्र बेलपत्र
#भगवान शंकर के धाम में एक ऐसा चमत्कारी कुंड जहाँ शिव की शक्ति से वेल पत्र अपने आप खिंचे चले आते है

सागर। पानी के ऊपर हर तरह के पत्तो को तैरते हुए देखा है पर एक कुंड ऐसा भी है ।जहाँ वेल पत्र डूब जाते है।पत्तो की पहचान करने वाले इस कुंड में ऐसी क्या खास बात है जो बाकी सभी कुंडों से इसको अलग करती है।और क्यों इसमें एक खास तरह का ही पत्ता डूबता है बाकी तमाम तरह के पत्ते सतह पर ही तैरते रहते है।शिव को प्रिय वेलपत्र डूबने के पीछे क्या शिवमहिमा है या कोई वैज्ञानिक कारण।आईये हम देखते है कि आखिर इसके पीछे क्या राज छुपा है आखिर क्यों ये चमत्कार यहाँ होता है।

एमपी के बुन्देलखण्ड अंचल के सम्भागीय मुख्यालय सागर  लाखा बंजारा झील और डॉ हरिसिंह गौर के नाम से पहचाना जाता है। सागर से चालीस किलोमीटर दूर राहतगढ़ विदिशा मार्ग पर और राहतगढ़ से 8 किलोमीटर दूर घने जंगल के बीच मे मिलता है गिरजादहार।
गिरिजा दहार जहा तैर नही पाती बेलपत्री
राहतगढ़ के पास से निकली बीना नदी के बीचो बीच एक कुंड मिलता है वो कुंड जो शिव के प्रिय बेल पत्र को तैरने नही देता और बाकी सामान्य पत्तो को डूबने नही देता।गिरजादहार के बारे में कहा जाता है और लोगो की ऐसी मान्यता भी है कि इस कुंड में भगवान शिव बिराजमान है मतलब कई वर्षों पहले यहाँ शिव लिंग था ।लेकिन आपदा विपदा के कारण ये स्थान पानी से डूब गया । इसी वजह से बेलपत्र यहाँ शिवजी को अर्पित किए जाते है और इसी वजह से नदी के खास स्थान पर बेलपत्र डालने पर डूब जाते है और यही एक बात जो बाकी कुंड से गिरजादहार को अलग करती है।बताया ये भी जाता है कि माता पार्वती ने शिव को पति रूप में पाने साधना की थी। जिसके बाद भगवान शिव ने यहाँ माता पार्वती को दर्शन दिए और यह स्थान सिद्ध हो गया। यही कारण है कि जो भी बिल्व पत्र चढ़ाए जाते हैं वह कुंड की गहराई में बने मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित हो जाता है। एक और बड़ी विशेषता है कि बीना नदी पश्चिम की ओर बह रही है लेकिन नदी किनारे लगे हुए वृक्ष की शाखाएं विपरीत दिशा पूरब की ओर है लोग बताते हैं कि कितनी पानी आए लेकिन इस कुंड का परिक्रमा लगाकर ही वह जल आगे जाता है इसीलिए यह शाखाएं जिस ओर से पानी आता है उस ओर ही मुड़ी हुई है। यहाँ पास ही में बने शिव पार्वती मंदिर के गिरजादहार के कुंड की शक्ति उस शिवलिंग में छुपी है जो कि 300 फ़ीट नीचे जमीन में बना हुआ है वह शक्ति बेलपत्र को तो स्वीकार कर लेती है लेकिन बाकी पत्तियों को पानी के नीचे नही जाने देती।दूर दूर से कई लोग यहाँ इस सिद्ध स्थान पर आते है और पुण्य लाभ कमाते है। 
बताते है कि यहां एक संत पुरुष भी आराधना किया करते थे। अक्सर इस कुंड में घण्टो अंदर लीन होकर शिवभक्ति किया करते थे । पर्यटन जैसा केंद्र यह बनगया है।

महाशिवरात्रि पर उमड़ेगी भीड़ श्रद्धालुयों की
महाशिवरात्रि पर यहां मेला भरता है। आसपास के क्षेत्रो और दूरदराज से श्रद्धालु यहां आते है। यह एक पर्यटन धार्मिक स्थल बन गया है । इस बीना नदी पर कुंड के पास ही डेम का काम लगा हुआ है। इस कुंड के चारो तरफ बेलपत्री डालने वालो कि कमी सामान्य दिनों में भी खूब रहती है। यहां बेलपत्री का पेड़ लगा हुआ है।  

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महाशिवरात्रि :दुर्लभ मणिकांचन योग, जानें क्या है शिव आराधना का मुहूर्त, क्या करे उपाय

महाशिवरात्रि :दुर्लभ मणिकांचन योग, जानें क्या है शिव आराधना का मुहूर्त, क्या करे उपाय

भगवान शिव की आराधना का महापर्व महाशिवरात्रि 21 फरवरी दिन शुक्रवार को है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ही महाशिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। हालांकि प्रत्येक मास की चतुर्दशी तिथि को मासिक ​शिवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष महा​शिवरात्रि के दिन अद्भुत संयोग बन रहा है, ​जो भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अर्चना के लिए बहुत ही उत्तम है। आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि के दिन पूजा का मुहूर्त 
महाशिवरात्रि मुहूर्त फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ 21 फरवरी दिन शुक्रवार को शाम 05 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 22 फरवरी दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 02 मिनट तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत अर्धरात्रिव्यापिनी चतुर्दशी तिथि में ही करना चाहिए, इसलिए इस वर्ष महाशिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जाएगी। आप सभी को व्रत 21 को ही रखना चाहिए।
निशिता काल पूजा समय
निशिता काल का अ​र्थ है कि वह समय जब भगवान शिव लिंग स्वरुप में पृथ्वी पर अवतरित हुए थे। इस समय में भी आप भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। 21 फरवरी की देर रात्रि 12 बजकर 9 मिनट से देर रात 01 बजे तक।
महाशिवरात्रि पारण समय
महाशिवरात्रि का व्रत रखने वाले लोगों को 22 फरवरी दिन शनिवार को पारण के साथ व्रत खोलना चाहिए। महाशिवरात्रि व्रत के पारण का समय 22 फरवरी को सुबह 06 बजकर 54 मिनट से दोपहर 03 बजकर 25 मिनट तक है। आप 06 बजकर 54 मिनट के बाद कभी भी पारण कर सकते हैं।
बन रहा है अद्भुत मणिकांचन योग
ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि पर मणिकांचन योग बना है। इस बार श्रवण नक्षत्र, शुक्रवार दिन और सायंकाल में चतुदर्शी के संयोग से मणिकांचन योग बन रहा है। जब भगवान शिव का माता पार्वती से विवाह हुआ था तो उस दिन भी श्रवण नक्षत्र, शुक्रवार दिन और सायंकाल में चतुदर्शी का संयोग बना था। कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग आया है कि महाशिवरात्रि पर यह अद्भुत मणिकांचन योग बना है।

इस बार महाशिवरात्रि पर अद्भुत संयोग बन रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना हुआ है। सर्वार्थ सिद्धि योग 21 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट से बन रहा है, जो 22 फरवरी को सुबह 06 बजकर 54 मिनट तक है। वहीं, ज्योतिष के अनुसार, इस बार शिवरात्रि पर शुक्र अपनी उच्च रा​शि मीन में होगा और शनि मकर में। यह एक दुर्लभ योग है, जिसमें भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा उत्तम मानी गई है

महाशिवरात्रि में जरूर करें ये उपाय, धन-संपत्ति में होगी वृद्धि और बढ़ेगा
महाशिवरात्रि का पर्व 21 फरवरी को है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, तीनों लोकों के मालिक भगवान शिव का सबसे बड़ा त्योहार महाशिवरात्रि है। कहते हैं महाशिवरात्रि ऐसा दिन होता है जब भगवान शंकर पृथ्वी पर उनके जितने शिवलिंग हैं उन सभी में विराजमान रहते हैं।इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न कर ले तो उसकी सारी मनोकामना पूरी हो जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि महादेव तो औढरदानी हैं बड़ी ही आसानी से खुश होकर भक्तों का निहाल कर देते हैं, ऐसे में अगर महाशिवरात्रि का संयोग हो तब तो शिव जी को खुश करना और भी सरल हो जाता है। 
अगर आपके जीवन में धन संबंधी परेशानी चल रही है या स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए चिंतित हैं तो महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर भगवान शिव को प्रसन्न करके उनसे धन और आयु वृद्घि का आशीर्वाद दिलाने वाले इन पांच उपायों को आजमा सकते हैं।
शिव जी की कृपा पाने के लिए करें यह काम
शास्त्रों में दिन को चार में बांटा गया है। महाशिवरात्रि का हर प्रहर खास होता है। शिवपुराण में महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की चार प्रहर पूजा करने का बड़ा महत्व बताया गया है। इस दिन सुबह, दोपहर, शाम और रात इन चारों प्रहर में रुद्राष्टाध्यायी पाठ के साथ भगवान शिव का अलग-अलग पदार्थों जैसे दूध, गंगाजल, शहद, दही या घी से अभिषेक करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है। अगर आप रुद्राष्टाध्यायी का पाठ नहीं कर पाते हैं तब शिव षडक्षरी मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करते हुए भी शिव जी का अभिषेक कर सकते है।
महाशिवरात्रि के दिन धारण करें यह रुद्राक्ष
प्रकृति में मुख के आधार पर कई प्रकार रुद्राक्ष पाए जाते हैं। धन एवं स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जो लोग गुजर रहे हैं उन्हें 6मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग से स्पर्श करवाकर इस रुद्राक्ष को धारण करने से इसका प्रभाव जल्दी दिखने लगता है। छह मुखी रुद्राक्ष को कुमार कार्तिक का स्वरुप माना जाता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह शुक्र से प्रभावित होता है। शुक्र सुख और वैभव के दाता हैं और महामृत्युंजय मंत्र के ज्ञाता। इसलिए इस रुद्राक्ष को धारण करने से धन और स्वास्थ्य दोनों पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है।


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अपराधों के निवारण हेतु साक्ष्यों से अपराध की घटना तय होना चाहिये न कि घटना से साक्ष्य :आईपीएस वी के एस कौमुदी

अपराधों के निवारण हेतु साक्ष्यों से अपराध की घटना तय होना चाहिये न कि घटना से साक्ष्य  :आईपीएस वी के एस कौमुदी

सागर। भारतीय अपराधशास्त्र समाज के 42 राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के अवसर पर  वही एसके कौमुदी (आई.पो. एस.) डायरेक्टर जनरल, पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट, गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने कहाहै 
कि अपराधशास्त्र का ज्ञान वर्तमान की अपराधिक घटनाओं के नियत्रण एवं निवारण हेतु नितात आवश्यक है। वर्तमान पुलिस बल को विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ अपराध विज्ञान का सैद्धान्तिक एवं व्यवाहारिक ज्ञान होना आवश्यक है। आधुनिक समय में अपराधी अपराधों के नवीन तरीके जैसे-साइबर काइम अर्थिक अपराध जाली मुद्रा तस्करी अनैतिक व्यापार मादक द्रव्य व्यापार जैसे- अपराधों को अपना रहे है जिससे अपराधों की दरों में लगातार वृद्धि हो रही है। जो पुलिस बल के लिए चुनौतीपूर्ण है।
उ होने  बताया की अपराध के निवारण हेतु साक्ष्यों से अपराध घटना का स्वरूप तय होना चाहियें न कि घटना से साक्ष्य तात्पर्य पुलिस बल को साक्ष्यो के आधार पर घटना का स्वरूप तय कर मामले के निस्तारणहेतु सबंधित न्यायलय में प्रस्तुत करना चाहिये। भारतीय अपराधशास्त्र समाज मद्रास को भविष्य में लगातार अनुदान देने हेतु अपनी वचन बद्धता प्रस्तुत की।
कल्याण के लिए अपराध शास्त्र का ज्ञान :कुलपति 
डॉ हरीसिंग गौर विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो. आर पी. तिवारी ने  कहा कि अपराधशास्त्र का ज्ञान सावभामिक कल्याण के लिए है इस विषय का ज्ञान विभिन्न विषयो का संगम है और यह व्यवाहारिक विज्ञान होने के कारण दैनिक व्यवहार में होने वाली घटनाओं का ज्ञान एवं विशलेषण कराता है। कुलपति  ने कहा कि मैं भूगर्भ एवं पुरापाषण का अध्येता हूँ परन्तु अपराध विज्ञान अपराधिक घटनाओं के साथ-साथ विधि अधिनियमो एवं समाजिक मूल्यों एवं आदर्शों का ज्ञान भी कराता है। इस विषय में शासकीय एवं अशासकीय सेवाओं में जाने के अवसरो में लगातार वृद्धि हो रही है। आवश्यकता है कि विद्यार्थी समर्पित भाव से वस्तुनिष्ठ विषयगत अध्ययन करें एवं अपने लक्ष्यो का प्राप्त करें।
ट्रान्जेशनल क्रिमिनोलॉजी का समय :अरविंद तिवारी
इण्यिन सोसायटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, मद्रास अध्यक्ष प्रो. अरविन्द तिवारी डीन स्कूल
ऑफ ला, राइड्स एण्ड गर्वेनेन्स, टाटा इस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंज गुम्बई ने इस अवसर
पर विगत 50 वर्षों से संचालित हो रहे भारतीय अपराधशास्त्र समाज, मद्रास का परिचय एवं
गतिविधियों से अवगत कराया एवं बताया कि वर्तमान समय में "ट्रान्जेशनल क्रिमिनोलॉजी का
समय आ गया है इससे आशय है कि वर्तमान अपराधिक न्याय व्यवस्था, अपराधशास्त्र के
ज्ञान को व्यवाहरिक रूप में अपनाकर अपराधों का निवारण एवं नियत्रण करें।
अवार्डों की घोषणा
उदघाटन सत्र में आई एस.सी. के चैयरमेन प्रो. पी माधवा सोमा सुन्दरम, मनोमेनियम
सुन्दरनार युनिवर्सिटि त्रिनोलवेली तमिलनाडू ने अपराधशास्त्र के क्षेत्र में दिये जाने वाले अवार्ड
की घोषणा की ।जिसमे उड़िसा विवि  के वाइस चान्सलर प्रो. के.डी. राव को अपराधशास्त्र
का सर्वश्रेष्ठ पुरूस्कार कुमाराप्पा रैकलेस अवार्ड प्रदान किया गया। आई.एस.सी. फेलोशिप
अवार्ड की घोषणा सयुक्त रूप से की गई जिसमें प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत, अध्यक्षसमाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग सागर विश्वविद्यालय, डॉ. नन्दनी रानी चिन्मा यूनिवर्सिटी 
वेलागबी कर्नाटक एण्ड डॉ.एम.डी. एलेन सेलवाकुमार मद्रास यूनिवर्सिटि, डॉ. स्वीकार लाम पुलिस युनिवर्सिटि जोधपुर को प्रदान किया गया।
उदघाटन सत्र में उपस्थित प्रो. आर.पी.मिश्रा, डीन स्कूल ऑफ एप्लाइड साइसेंस रागर
विश्वविद्यालय द्वारा पुरूस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये एवं कार्यक्रम में उपस्थित
मंचासीन अतिथियों का शाल श्रीफल एवं गोर प्रतिमा भेट कर सम्मानित किया गया। कर्नल
राकेश मोहन जोशी, कुलराचिव सागर विश्वविद्यालय द्वारा उदघाटन सत्र में उपस्थित
देश-विदेश से पधारे हुए विषय विशेषज्ञों का अभार ज्ञापित किया गया।
सामान्य सत्र में विषय विशेषज्ञ के  व्याख्यान 
उदघाटन सत्र के पश्चात् सामान्य  सत्र के दौरान अमेरिका से पधारे हुए प्रो. एन.प्रभा. उन्नीधान, कोलाराडो स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका द्वारा अर्तराष्ट्रीय अपराधशास्त्र जनरल मेंशोध पत्रो का प्रकाशन कैसे किया जाये इस विषय पर अपना विषय विशेषज्ञ व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने  बताया कि विद्यार्थियों को विषय ज्ञान तकनीकी ज्ञान एवं शोध विधियों काउपयोग करते हुए अपने मौलिक शोध को प्रकाशन हेतु प्रेषित करना चाहिये। 
इस सत्र में चैयरमेन प्रो. बलराज चौहान वाइस चान्सलर धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटि जबलपुर एव कोचेयर डॉ. विवेक मेहता, अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग, डॉ. हरीसिंह गौरविश्वविद्यालय सागर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के द्वितीय तकनीकी सत्र में शोध पत्रों का प्रस्तती करण किया गया जिसमें
अपराध विज्ञान उत्पीड़न विज्ञान साइबर अपराध महिलाओं के विरुद्ध अपराध विदेशी पर्यटको के विरूद्ध अपराध बाल अपराध एवं अपराधिक न्याय व्यवस्था से संबंधित विषयों पर केन्द्रित शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
प्रो. ममता पटेल विभागाध्यक्षा अपराधशारत्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग सागर विश्वविद्यालय एवं इस सम्मेलन की आयोजक एवं आयोजन सचिव ने बताया कि उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य रूप से प्रो. एच.एस.गहेश्वरी प्रो. जी. एरा. बाजपेई नेशनल लॉ युनिवर्सिटी नई दिल्ली, प्रो. नागराज मदुरई प्रो. आर. एन. मंगोली, प्रो. मंसूरी धारवाड़ कर्नाटक, आई.एस.सी. सचिव डॉ. उमर मद्रास, डॉ. नन्दकिशोर भगत नागपुर युनिवर्सिटी सागर विश्वविद्यालय  से प्रो. ए.एन.शर्मा डीन एकेडमिक  अफेयर, प्रो. देवाशीष बोस, प्रो. नागेश दुबे, डॉ. विवेक मेहता, डॉ. दीपक गुप्ता. डॉ. मुकेश चौरसिया एवं विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक,छात्र-छात्रायें एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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नगरीय निकायों एवं पंचायतों की मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को

नगरीय निकायों एवं पंचायतों की मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को
सागर।मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों और त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के लिये फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। मतदाता-सूची का पुनरीक्षण एक जनवरी, 2020 की संदर्भ तारीख के आधार पर किया जायेगा। फोटोयुक्त मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई, 2020 को होगा।
सचिव मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग श्री दुर्ग विजय सिंह ने जानकारी दी है कि रजिस्ट्रीकरण और सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा मास्टर-ट्रेनर्स की नियुक्ति 24 फरवरी तक की जायेगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी और मास्टर-ट्रेनर्स का राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण 25, 26 एवं 27 फरवरी को होगा। रजिस्ट्रीकरण, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और मास्टर-ट्रेनर्स का जिला-स्तरीय प्रशिक्षण 29 फरवरी और 2 मार्च को होगा। कर्मचारियों का प्रशिक्षण विकासखण्ड एवं नगरपालिका स्तर पर 3 से 5 मार्च के बीच होगा।
फोटो-रहित प्रारूप मतदाता-सूची 16 अप्रैल को वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी। फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का नगरपालिका वार्ड, ग्राम पंचायत एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 22 अप्रैल, 2020 को किया जायेगा।
दावा-आपत्ति 22 से 30 अप्रैल तक
दावा-आपत्ति केन्द्रों पर दावा-आपत्ति 22 से 30 अप्रैल तक (अपरान्ह 3 बजे तक) लिये जायेंगे। दावा-आपत्तियों का निराकरण 5 मई तक किया जायेगा। फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 26 मई, 2020 को होगा।
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सागर संभाग में 237.38 करोड़ रूपये की लागत से 44 पुल मंजूर, 39 पुलो का निर्माण कार्य प्रगति पर

सागर संभाग में 237.38 करोड़ रूपये की लागत से  44 पुल मंजूर, 39 पुलो का निर्माण कार्य प्रगति पर
सागर। मध्यप्रदेष सरकार अधोसंरचना के विकास पर विषेष ध्यान दे रही है। सागर संभाग में लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण सागर संभाग अंतर्गत 6 जिलों में एनडीबी योजना में कुल 44 पुल निर्माण कार्य स्वीकृत हैं। जिनकी कुल लंबाई 5350.84 मीटर एवं लागत 237.38 करोड़ है। वर्तमान में 44 पुल कार्यों में से 39 पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है एवं पांच कार्यों हेतु लेटर आफ एक्सेप्टेंस दिनांक 13 जनवरी 2020 को जारी किया गया है अनुबंध निष्पादन उपरांत शेष 5 पुल कार्यों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। यह जानकारी लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण सागर संभाग, सागर द्वारा प्रदान की गई है।
सागर जिला
सागर जिला में बन रहे पुलों में गढ़पहरा-मकरोनिया मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-26 का छूटा हुआ भाग) एवं सागर-मकरोनिया रेलखण्ड के किमी 10526-7/4 के समपार क्रमांक-28 पर आरओबी का निर्माण, बमनौरा-हीरापुर मार्ग के किमी 9/8 में बीला नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं एचपी क्लवर्ट कार्य,  चनौआ-हर्दी-जूना-जामघाट मार्ग के किमी 19/10 में कैथ नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं एचपी क्लवर्ट, बण्डा-केरवना मार्ग के किमी 10/8 में नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, बण्डा-बांदरी मार्ग में बांकुरी नाला के किमी 10/6 पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, सागर-रहली मार्ग के किमी 36 पर स्थित नाले पर निर्मित सागर सेतु को तोड़कर नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण पहुंचमार्ग, सुरक्षा एवं डायवर्सन कार्य, सागर-रहली मार्ग के किमी 8/8 पर स्थित नाले पर सागर निर्मित सेतु को तोड़कर नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण पहुंचमार्ग, सुरक्षा एवं डायवर्सन कार्य, सागर-रहली मार्ग के किमी 36/6 पर स्थित नाले पर निर्मित सेतु को तोड़कर नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण पहुंचमार्ग, सुरक्षा एवं डायवर्सन कार्य शामिल है।
दमोह जिला
दमोह जिले के हटा-सिमरिया मार्ग के किमी 66/6 में ब्यारमा नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी मार्ग के किमी 18/8 में शिवपुर नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, तेन्दूखेड़ा-तारादेही मार्ग के किमी  23/6 में गोहदर नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी मार्ग के किमी 8/8 में गऊघाट नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मढ़ियादों-रजपुरा मार्ग के किमी 1/6 में कंचन नाले के चीलघाट पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी-मढ़ियादो मार्ग के किमी 13/10 में बैहा (आमघाट) नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य,  मढ़ियादों-वर्धा मार्ग के किमी 8/8 में पाली नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग सुरक्षा कार्य सहित, विनती-मढ़ियादों मार्ग के किमी 11/6 में लोकल नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी-मढ़ियादों मार्ग के किमी 1/4 में पुतर नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य। फतेहपुर-भिलौनी मार्ग के किमी 14/10 में ग्यारा नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मडियादों-वर्धा मार्ग के किमी 2/4 में दर्रा नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मढ़ियादों-वर्धा मार्ग के किमी 12/8 में गहरा नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मढ़ियादों-वर्धा मार्ग के किमी 15/10 में निवास नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य शामिल है।
पन्ना जिला 
पन्ना जिले के पन्ना-अमानगंज-सिमरिया मार्ग के किमी 56/8 में केन नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, पवई-सलेहा मार्ग के किमी. 13/2 में केन नदी पर निर्माण कार्य उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, पर मोहेन्द्रा-रैपुरा मार्ग के किमी 17/4 में बधने नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य शामिल है।
टीकमगढ़ जिला
टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़-शाहगढ़ मार्ग के किमी 32/8 में धसान नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मोहनगढ़-बाबरी मार्ग के किमी 34/ 8 में रमतला नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मंजना-दिगौड़ा मार्ग के किमी 10/4 में पराई नदी टीकमगढ़ ( परेवाघाट ) पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य सहित, मोहनगढ़-बाबरी मार्ग के किमी 27/8 में पटेरिया नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 29/6 में स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 30/2 (वास्तविक कि मी 43/2) में स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 41/6 में जेवर नाले पर स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल पहुंचमार्ग , सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 3/6 में स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 31/2 में ककना पोनल नाले पर स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य शामिल है।
छत्तरपुर जिला
छतरपुर जिले के नौगांव-बल्देवगढ़ मार्ग के किमी 38/4 में धसान नदी (इमलीघाट) पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य, चौका-ईशानगर-पचेर मार्ग में धसान नदी के पचेरघाट के किमी 21/6 पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य एवं एच . पी . क्लवर्ट कार्य, बिजावर-किशनगढ़ मार्ग के किमी 46/8 में ग्राम देवरा के पास बराना नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग कार्य एवं सुरक्षा कार्य, बड़ामलेहरा-घुवारा मार्ग के किमी 21/8 में काठन नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, गंज-देवरा मार्ग के किमी 6/8 में बन्ने नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, नौगांव-मलेहरा मार्ग के किमी 8/4 में उर्मिल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य सहित, बिजावर-बड़ामलहरा-घुवारा मार्ग के किमी 20/2 में श्यामरी नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग कार्य एवं सुरक्षा कार्य निर्माण, बड़ा मलेहरा-घुवारा मार्ग में बछेरी नदी के किमी 46/2 पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, छतरपुर-सटई मार्ग के किमी 24/2 में कड़वारा नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य सहित, बिजावर - बाजना मार्ग के किमी 19/4 में कलोथर नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, नैनागिर-बक्सवाहा मार्ग के किमी 20/2 में कुहरा नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य शामिल है।            
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गौवंश से भरा ट्रक पकड़ाया, 50 से अधिक की जान बची, गौ रक्षा कमांडो फोर्स ने

गौवंश से भरा ट्रक पकड़ाया, 50 से अधिक की जान बची, गौ रक्षा कमांडो फोर्स ने
सागर। सागर जिले में गौ तस्करी चरम पर है। बड़े पैमाने पर सागर के आसपास के जंगलों से बड़ी मात्रा में गोवंश के उद्देश्य से रातो रात गायों को इकठ्ठा कर शहरों से बाहर दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। देर रात धर्म रक्षा संगठन को मुखबिर से सूचना मिली कि एक कंटेनर में गोवंश से भरा ट्रक कटने की लिए महाराष्ट्र की ओर जा रहा है, जिस पर धर्म रक्षा संगठन ने ट्रक का पीछा किया। चितौरा टोल नाका के पहले ट्रक को रोकने की कोशिश की गई। ट्रक ड्राइवर रहे आरोपी ने तेज ट्रक चलाकर गाड़ी एक जगह खड़ी कर दी और वह मौके से भाग खड़ा हुआ। जैसे ही धर्म रक्षा संगठन की टीम मौके पर पहुंचे तो देखने पर गाड़ी में कोई मौजूद नहीं था। गाड़ी के अंदर देखा तो उसमें बड़ी ही क्रूरता पूर्वक 50 से 55 गायों को एक के ऊपर एक दवा पाया। मामले की जानकारी सुरखी पुलिस थाना को दी गई। 
सुरखी थाना प्रभारी आनन्द राज ने बताया कि सूचना पर पलिस मौके पर पहुची। गायों को सुरक्षित दयोदय गोशाला में पहुचाया। पुलिस ने मामला  दर्ज कर लिया है । आरोपी चालक फरार हो गया। जिसमे दो गाय मृत पाई गई।
 गॉ रक्षा कमांडो फ़ोर्स के प्रदेशाध्यक्ष सूरज सोनी ने कहा कि   गौ भक्तों ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है ।साथ ही ट्रक को राजसात करने की मांग की है। धर्म रक्षा संगठन के बताए अनुसार सागर जिले में 1 महीने के अंदर यह चौथी घटना है जहाँ गौ वंश से भरा ट्रक पकड़ा गया है। जहां एक और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में गौशाला बनवा रहे हैं वही कसाई पूरे प्रदेश से गायों का सफाया करने में लिए लगे हुए हैं। अगर गायों की ऐसे ही तस्करी होती रही तो तो फिर गौशाला किस काम की। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
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