अपराधों के निवारण हेतु साक्ष्यों से अपराध की घटना तय होना चाहिये न कि घटना से साक्ष्य :आईपीएस वी के एस कौमुदी

अपराधों के निवारण हेतु साक्ष्यों से अपराध की घटना तय होना चाहिये न कि घटना से साक्ष्य  :आईपीएस वी के एस कौमुदी

सागर। भारतीय अपराधशास्त्र समाज के 42 राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के अवसर पर  वही एसके कौमुदी (आई.पो. एस.) डायरेक्टर जनरल, पुलिस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट, गृह मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने कहाहै 
कि अपराधशास्त्र का ज्ञान वर्तमान की अपराधिक घटनाओं के नियत्रण एवं निवारण हेतु नितात आवश्यक है। वर्तमान पुलिस बल को विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ अपराध विज्ञान का सैद्धान्तिक एवं व्यवाहारिक ज्ञान होना आवश्यक है। आधुनिक समय में अपराधी अपराधों के नवीन तरीके जैसे-साइबर काइम अर्थिक अपराध जाली मुद्रा तस्करी अनैतिक व्यापार मादक द्रव्य व्यापार जैसे- अपराधों को अपना रहे है जिससे अपराधों की दरों में लगातार वृद्धि हो रही है। जो पुलिस बल के लिए चुनौतीपूर्ण है।
उ होने  बताया की अपराध के निवारण हेतु साक्ष्यों से अपराध घटना का स्वरूप तय होना चाहियें न कि घटना से साक्ष्य तात्पर्य पुलिस बल को साक्ष्यो के आधार पर घटना का स्वरूप तय कर मामले के निस्तारणहेतु सबंधित न्यायलय में प्रस्तुत करना चाहिये। भारतीय अपराधशास्त्र समाज मद्रास को भविष्य में लगातार अनुदान देने हेतु अपनी वचन बद्धता प्रस्तुत की।
कल्याण के लिए अपराध शास्त्र का ज्ञान :कुलपति 
डॉ हरीसिंग गौर विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो. आर पी. तिवारी ने  कहा कि अपराधशास्त्र का ज्ञान सावभामिक कल्याण के लिए है इस विषय का ज्ञान विभिन्न विषयो का संगम है और यह व्यवाहारिक विज्ञान होने के कारण दैनिक व्यवहार में होने वाली घटनाओं का ज्ञान एवं विशलेषण कराता है। कुलपति  ने कहा कि मैं भूगर्भ एवं पुरापाषण का अध्येता हूँ परन्तु अपराध विज्ञान अपराधिक घटनाओं के साथ-साथ विधि अधिनियमो एवं समाजिक मूल्यों एवं आदर्शों का ज्ञान भी कराता है। इस विषय में शासकीय एवं अशासकीय सेवाओं में जाने के अवसरो में लगातार वृद्धि हो रही है। आवश्यकता है कि विद्यार्थी समर्पित भाव से वस्तुनिष्ठ विषयगत अध्ययन करें एवं अपने लक्ष्यो का प्राप्त करें।
ट्रान्जेशनल क्रिमिनोलॉजी का समय :अरविंद तिवारी
इण्यिन सोसायटी ऑफ क्रिमिनोलॉजी, मद्रास अध्यक्ष प्रो. अरविन्द तिवारी डीन स्कूल
ऑफ ला, राइड्स एण्ड गर्वेनेन्स, टाटा इस्टीट्यूट ऑफ सोसल साइंज गुम्बई ने इस अवसर
पर विगत 50 वर्षों से संचालित हो रहे भारतीय अपराधशास्त्र समाज, मद्रास का परिचय एवं
गतिविधियों से अवगत कराया एवं बताया कि वर्तमान समय में "ट्रान्जेशनल क्रिमिनोलॉजी का
समय आ गया है इससे आशय है कि वर्तमान अपराधिक न्याय व्यवस्था, अपराधशास्त्र के
ज्ञान को व्यवाहरिक रूप में अपनाकर अपराधों का निवारण एवं नियत्रण करें।
अवार्डों की घोषणा
उदघाटन सत्र में आई एस.सी. के चैयरमेन प्रो. पी माधवा सोमा सुन्दरम, मनोमेनियम
सुन्दरनार युनिवर्सिटि त्रिनोलवेली तमिलनाडू ने अपराधशास्त्र के क्षेत्र में दिये जाने वाले अवार्ड
की घोषणा की ।जिसमे उड़िसा विवि  के वाइस चान्सलर प्रो. के.डी. राव को अपराधशास्त्र
का सर्वश्रेष्ठ पुरूस्कार कुमाराप्पा रैकलेस अवार्ड प्रदान किया गया। आई.एस.सी. फेलोशिप
अवार्ड की घोषणा सयुक्त रूप से की गई जिसमें प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत, अध्यक्षसमाजशास्त्र एवं समाज कार्य विभाग सागर विश्वविद्यालय, डॉ. नन्दनी रानी चिन्मा यूनिवर्सिटी 
वेलागबी कर्नाटक एण्ड डॉ.एम.डी. एलेन सेलवाकुमार मद्रास यूनिवर्सिटि, डॉ. स्वीकार लाम पुलिस युनिवर्सिटि जोधपुर को प्रदान किया गया।
उदघाटन सत्र में उपस्थित प्रो. आर.पी.मिश्रा, डीन स्कूल ऑफ एप्लाइड साइसेंस रागर
विश्वविद्यालय द्वारा पुरूस्कार एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये एवं कार्यक्रम में उपस्थित
मंचासीन अतिथियों का शाल श्रीफल एवं गोर प्रतिमा भेट कर सम्मानित किया गया। कर्नल
राकेश मोहन जोशी, कुलराचिव सागर विश्वविद्यालय द्वारा उदघाटन सत्र में उपस्थित
देश-विदेश से पधारे हुए विषय विशेषज्ञों का अभार ज्ञापित किया गया।
सामान्य सत्र में विषय विशेषज्ञ के  व्याख्यान 
उदघाटन सत्र के पश्चात् सामान्य  सत्र के दौरान अमेरिका से पधारे हुए प्रो. एन.प्रभा. उन्नीधान, कोलाराडो स्टेट यूनिवर्सिटी अमेरिका द्वारा अर्तराष्ट्रीय अपराधशास्त्र जनरल मेंशोध पत्रो का प्रकाशन कैसे किया जाये इस विषय पर अपना विषय विशेषज्ञ व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने  बताया कि विद्यार्थियों को विषय ज्ञान तकनीकी ज्ञान एवं शोध विधियों काउपयोग करते हुए अपने मौलिक शोध को प्रकाशन हेतु प्रेषित करना चाहिये। 
इस सत्र में चैयरमेन प्रो. बलराज चौहान वाइस चान्सलर धर्मशास्त्र नेशनल लॉ यूनिवर्सिटि जबलपुर एव कोचेयर डॉ. विवेक मेहता, अपराधशास्त्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग, डॉ. हरीसिंह गौरविश्वविद्यालय सागर ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम के द्वितीय तकनीकी सत्र में शोध पत्रों का प्रस्तती करण किया गया जिसमें
अपराध विज्ञान उत्पीड़न विज्ञान साइबर अपराध महिलाओं के विरुद्ध अपराध विदेशी पर्यटको के विरूद्ध अपराध बाल अपराध एवं अपराधिक न्याय व्यवस्था से संबंधित विषयों पर केन्द्रित शोध पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया गया।
प्रो. ममता पटेल विभागाध्यक्षा अपराधशारत्र एवं न्यायिक विज्ञान विभाग सागर विश्वविद्यालय एवं इस सम्मेलन की आयोजक एवं आयोजन सचिव ने बताया कि उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य रूप से प्रो. एच.एस.गहेश्वरी प्रो. जी. एरा. बाजपेई नेशनल लॉ युनिवर्सिटी नई दिल्ली, प्रो. नागराज मदुरई प्रो. आर. एन. मंगोली, प्रो. मंसूरी धारवाड़ कर्नाटक, आई.एस.सी. सचिव डॉ. उमर मद्रास, डॉ. नन्दकिशोर भगत नागपुर युनिवर्सिटी सागर विश्वविद्यालय  से प्रो. ए.एन.शर्मा डीन एकेडमिक  अफेयर, प्रो. देवाशीष बोस, प्रो. नागेश दुबे, डॉ. विवेक मेहता, डॉ. दीपक गुप्ता. डॉ. मुकेश चौरसिया एवं विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक,छात्र-छात्रायें एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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नगरीय निकायों एवं पंचायतों की मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को

नगरीय निकायों एवं पंचायतों की मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई को
सागर।मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों और त्रि-स्तरीय पंचायतों के निर्वाचन के लिये फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। मतदाता-सूची का पुनरीक्षण एक जनवरी, 2020 की संदर्भ तारीख के आधार पर किया जायेगा। फोटोयुक्त मतदाता-सूची का अंतिम प्रकाशन 26 मई, 2020 को होगा।
सचिव मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग श्री दुर्ग विजय सिंह ने जानकारी दी है कि रजिस्ट्रीकरण और सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी तथा मास्टर-ट्रेनर्स की नियुक्ति 24 फरवरी तक की जायेगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी और मास्टर-ट्रेनर्स का राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण 25, 26 एवं 27 फरवरी को होगा। रजिस्ट्रीकरण, सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और मास्टर-ट्रेनर्स का जिला-स्तरीय प्रशिक्षण 29 फरवरी और 2 मार्च को होगा। कर्मचारियों का प्रशिक्षण विकासखण्ड एवं नगरपालिका स्तर पर 3 से 5 मार्च के बीच होगा।
फोटो-रहित प्रारूप मतदाता-सूची 16 अप्रैल को वेबसाइट पर अपलोड की जायेगी। फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का नगरपालिका वार्ड, ग्राम पंचायत एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 22 अप्रैल, 2020 को किया जायेगा।
दावा-आपत्ति 22 से 30 अप्रैल तक
दावा-आपत्ति केन्द्रों पर दावा-आपत्ति 22 से 30 अप्रैल तक (अपरान्ह 3 बजे तक) लिये जायेंगे। दावा-आपत्तियों का निराकरण 5 मई तक किया जायेगा। फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 26 मई, 2020 को होगा।
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सागर संभाग में 237.38 करोड़ रूपये की लागत से 44 पुल मंजूर, 39 पुलो का निर्माण कार्य प्रगति पर

सागर संभाग में 237.38 करोड़ रूपये की लागत से  44 पुल मंजूर, 39 पुलो का निर्माण कार्य प्रगति पर
सागर। मध्यप्रदेष सरकार अधोसंरचना के विकास पर विषेष ध्यान दे रही है। सागर संभाग में लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण सागर संभाग अंतर्गत 6 जिलों में एनडीबी योजना में कुल 44 पुल निर्माण कार्य स्वीकृत हैं। जिनकी कुल लंबाई 5350.84 मीटर एवं लागत 237.38 करोड़ है। वर्तमान में 44 पुल कार्यों में से 39 पुल निर्माण कार्य प्रगति पर है एवं पांच कार्यों हेतु लेटर आफ एक्सेप्टेंस दिनांक 13 जनवरी 2020 को जारी किया गया है अनुबंध निष्पादन उपरांत शेष 5 पुल कार्यों का निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। यह जानकारी लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण सागर संभाग, सागर द्वारा प्रदान की गई है।
सागर जिला
सागर जिला में बन रहे पुलों में गढ़पहरा-मकरोनिया मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-26 का छूटा हुआ भाग) एवं सागर-मकरोनिया रेलखण्ड के किमी 10526-7/4 के समपार क्रमांक-28 पर आरओबी का निर्माण, बमनौरा-हीरापुर मार्ग के किमी 9/8 में बीला नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं एचपी क्लवर्ट कार्य,  चनौआ-हर्दी-जूना-जामघाट मार्ग के किमी 19/10 में कैथ नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं एचपी क्लवर्ट, बण्डा-केरवना मार्ग के किमी 10/8 में नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, बण्डा-बांदरी मार्ग में बांकुरी नाला के किमी 10/6 पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, सागर-रहली मार्ग के किमी 36 पर स्थित नाले पर निर्मित सागर सेतु को तोड़कर नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण पहुंचमार्ग, सुरक्षा एवं डायवर्सन कार्य, सागर-रहली मार्ग के किमी 8/8 पर स्थित नाले पर सागर निर्मित सेतु को तोड़कर नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण पहुंचमार्ग, सुरक्षा एवं डायवर्सन कार्य, सागर-रहली मार्ग के किमी 36/6 पर स्थित नाले पर निर्मित सेतु को तोड़कर नया उच्चस्तरीय पुल निर्माण पहुंचमार्ग, सुरक्षा एवं डायवर्सन कार्य शामिल है।
दमोह जिला
दमोह जिले के हटा-सिमरिया मार्ग के किमी 66/6 में ब्यारमा नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी मार्ग के किमी 18/8 में शिवपुर नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, तेन्दूखेड़ा-तारादेही मार्ग के किमी  23/6 में गोहदर नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी मार्ग के किमी 8/8 में गऊघाट नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मढ़ियादों-रजपुरा मार्ग के किमी 1/6 में कंचन नाले के चीलघाट पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी-मढ़ियादो मार्ग के किमी 13/10 में बैहा (आमघाट) नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य,  मढ़ियादों-वर्धा मार्ग के किमी 8/8 में पाली नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग सुरक्षा कार्य सहित, विनती-मढ़ियादों मार्ग के किमी 11/6 में लोकल नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, फतेहपुर-भिलौनी-मढ़ियादों मार्ग के किमी 1/4 में पुतर नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य। फतेहपुर-भिलौनी मार्ग के किमी 14/10 में ग्यारा नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मडियादों-वर्धा मार्ग के किमी 2/4 में दर्रा नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मढ़ियादों-वर्धा मार्ग के किमी 12/8 में गहरा नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मढ़ियादों-वर्धा मार्ग के किमी 15/10 में निवास नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य शामिल है।
पन्ना जिला 
पन्ना जिले के पन्ना-अमानगंज-सिमरिया मार्ग के किमी 56/8 में केन नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, पवई-सलेहा मार्ग के किमी. 13/2 में केन नदी पर निर्माण कार्य उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, पर मोहेन्द्रा-रैपुरा मार्ग के किमी 17/4 में बधने नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य शामिल है।
टीकमगढ़ जिला
टीकमगढ़ जिले के टीकमगढ़-शाहगढ़ मार्ग के किमी 32/8 में धसान नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मोहनगढ़-बाबरी मार्ग के किमी 34/ 8 में रमतला नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, मंजना-दिगौड़ा मार्ग के किमी 10/4 में पराई नदी टीकमगढ़ ( परेवाघाट ) पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य सहित, मोहनगढ़-बाबरी मार्ग के किमी 27/8 में पटेरिया नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 29/6 में स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 30/2 (वास्तविक कि मी 43/2) में स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 41/6 में जेवर नाले पर स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल पहुंचमार्ग , सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 3/6 में स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य, टीकमगढ़-ओरछा मार्ग के किमी 31/2 में ककना पोनल नाले पर स्थित पुराने जलमग्नीय पुल को तोड़कर नये उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग, सुरक्षा कार्य एवं डायवर्सन कार्य शामिल है।
छत्तरपुर जिला
छतरपुर जिले के नौगांव-बल्देवगढ़ मार्ग के किमी 38/4 में धसान नदी (इमलीघाट) पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य, चौका-ईशानगर-पचेर मार्ग में धसान नदी के पचेरघाट के किमी 21/6 पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य एवं एच . पी . क्लवर्ट कार्य, बिजावर-किशनगढ़ मार्ग के किमी 46/8 में ग्राम देवरा के पास बराना नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग कार्य एवं सुरक्षा कार्य, बड़ामलेहरा-घुवारा मार्ग के किमी 21/8 में काठन नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, गंज-देवरा मार्ग के किमी 6/8 में बन्ने नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, नौगांव-मलेहरा मार्ग के किमी 8/4 में उर्मिल नदी पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य सहित, बिजावर-बड़ामलहरा-घुवारा मार्ग के किमी 20/2 में श्यामरी नदी पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग कार्य एवं सुरक्षा कार्य निर्माण, बड़ा मलेहरा-घुवारा मार्ग में बछेरी नदी के किमी 46/2 पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य, छतरपुर-सटई मार्ग के किमी 24/2 में कड़वारा नाले पर उच्चस्तरीय पुल निर्माण, पहुंचमार्ग एवं प्रोटेक्शन कार्य सहित, बिजावर - बाजना मार्ग के किमी 19/4 में कलोथर नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य सहित, नैनागिर-बक्सवाहा मार्ग के किमी 20/2 में कुहरा नाले पर उच्चस्तरीय पुल, पहुंचमार्ग एवं सुरक्षा कार्य शामिल है।            
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गौवंश से भरा ट्रक पकड़ाया, 50 से अधिक की जान बची, गौ रक्षा कमांडो फोर्स ने

गौवंश से भरा ट्रक पकड़ाया, 50 से अधिक की जान बची, गौ रक्षा कमांडो फोर्स ने
सागर। सागर जिले में गौ तस्करी चरम पर है। बड़े पैमाने पर सागर के आसपास के जंगलों से बड़ी मात्रा में गोवंश के उद्देश्य से रातो रात गायों को इकठ्ठा कर शहरों से बाहर दूसरे राज्यों में भेजा जाता है। देर रात धर्म रक्षा संगठन को मुखबिर से सूचना मिली कि एक कंटेनर में गोवंश से भरा ट्रक कटने की लिए महाराष्ट्र की ओर जा रहा है, जिस पर धर्म रक्षा संगठन ने ट्रक का पीछा किया। चितौरा टोल नाका के पहले ट्रक को रोकने की कोशिश की गई। ट्रक ड्राइवर रहे आरोपी ने तेज ट्रक चलाकर गाड़ी एक जगह खड़ी कर दी और वह मौके से भाग खड़ा हुआ। जैसे ही धर्म रक्षा संगठन की टीम मौके पर पहुंचे तो देखने पर गाड़ी में कोई मौजूद नहीं था। गाड़ी के अंदर देखा तो उसमें बड़ी ही क्रूरता पूर्वक 50 से 55 गायों को एक के ऊपर एक दवा पाया। मामले की जानकारी सुरखी पुलिस थाना को दी गई। 
सुरखी थाना प्रभारी आनन्द राज ने बताया कि सूचना पर पलिस मौके पर पहुची। गायों को सुरक्षित दयोदय गोशाला में पहुचाया। पुलिस ने मामला  दर्ज कर लिया है । आरोपी चालक फरार हो गया। जिसमे दो गाय मृत पाई गई।
 गॉ रक्षा कमांडो फ़ोर्स के प्रदेशाध्यक्ष सूरज सोनी ने कहा कि   गौ भक्तों ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है ।साथ ही ट्रक को राजसात करने की मांग की है। धर्म रक्षा संगठन के बताए अनुसार सागर जिले में 1 महीने के अंदर यह चौथी घटना है जहाँ गौ वंश से भरा ट्रक पकड़ा गया है। जहां एक और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में गौशाला बनवा रहे हैं वही कसाई पूरे प्रदेश से गायों का सफाया करने में लिए लगे हुए हैं। अगर गायों की ऐसे ही तस्करी होती रही तो तो फिर गौशाला किस काम की। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
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सागर की जेल, रहली में 112 रोटियां बाहर ले जाने वाला जेल प्रहरी निलंबित,सागर में पिटाई के विरोध में ज्ञापन

सागर की जेल, रहली में 112 रोटियां बाहर ले जाने वाला जेल प्रहरी निलंबित,सागर में पिटाई के  विरोध में ज्ञापन
सागर। सागर जिले में जेलों में सब कुछ ठीक नही चल रहा है। दो मामले ऐसे आये है जिनमे जेल प्रसाशन की भूमिका संदेह के घेरे में  है। सागर जिले की रहली जेल  में अवैध तरीके से बाहर रोटियां पहुचाने वाएल जेल प्रहरी निलंबित हो गया। प्रहरी ने  प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है। वही सागर जेल में दो कैदियों की पिटाई का मामला सामने आया है । जिसके विरोध और जांच को लेकर ज्ञापन दिया गया।
112 रोटियों की कहानी रहली जेल की
 सागर जिले की उप जेल में पदस्थ एक प्रहरी को अजीबोगरीब आदेश को लेकर  किया गया निलंबन चर्चाओं में है आदेश ऐसा जिसे सुनकर लोग अचंभित भी हो सकते हैं इसमें एक जेल अधीक्षक के द्वारा प्रभारी पर जेल की रोटियां ले जाने का प्रतिवेदन एसडीएम को दिया ।जिसके बाद जेल पहरी को निलंबित कर दिया गया इस तरह का शायद यह पहला मामला होगा कि जब किसी जेल पहरी को जेल की रोटियां बाहर ले जाने के मामले में निलंबित किया गया है ।इसको लेकर केंद्रीय जेल सागर के अधीक्षक संतोष सोलंकी का कहना है कि इसको लेकर जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी का कहना है कि सब जेल अधीक्षक द्वारा रिपोर्ट दर्ज की गई थी कि वहां के एक जेल पहरी द्वारा रोटी सहित कुछ अन्य सामग्री सप्लाई की जा रही है जिस पर एसडीएम ने जांच करते हुए जेल पहरी को प्रथम दृष्टया दोषी पाया और निलंबित कर दिया ।इसको लेकर निलंबित हुए राजभान का आरोप है कि रहली उप जेल मैं चल रही अव्यवस्था  को लेकर उन्होंने एसडीएम से शिकायत की थी ।जिसके बाद उन्हें टारगेट किया गया और 112 रोटी बाहर ले जाने का आरोप लगाया और जांच के बाद एसडीएम ने एक  पक्षिय कार्यवाही करते हुए निलंबित कर दिया । इसको लेकर मेरी पत्नी कोर्ट में जा रही है। इसके साथ एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमे रहली जेल में जेलर के कहने पर पिटाई करने की बात सामने आई है।
सागर जेल में पिटाई ,विरोध में ज्ञापन

केंद्रीय जेल सागर में पिछले दिनों दो बंदियों आकाश खटीक और आकाश रैकवार के साथ जेलर नागेंद्र चोधरी पर मारपीट करने का आरोप है। पीड़ितों ने cjm कोर्ट में आवेदन दिया था। जिस पर गोपालगंज थाना पुलिस ने मुलाहजा कराया है । इसमे जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी के अनुसार कोर्ट ने प्रतिवेदन मांगा है। इसमे एक पर पेरोल के दौरान बंदियों से मारपीट के आरोप भी है।
उधर पिटाई को लेकर हिन्दू महाकाल संगठन ने आज कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन दिया । जिसमें पिटाई की घटना की  जांच कराने की मांग की गई। ज्ञापन में जेलर नागेंद्र चोधरी और कैदियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की गई है। ज्ञापन देने वालो में भाजपा युवा मोर्चा के अर्पित पांडे,मोनू जैन और शालीन सिंह आदि शामिल है।


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आंदोलन:डॉ गौर विवि में भ्रष्टाचार मिटाना है,गौर साहब की धरोहर बचाना है

आंदोलन:डॉ गौर विवि में भ्रष्टाचार मिटाना है,गौर साहब की धरोहर बचाना है
सागर । डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर में  भ्रष्टाचार और अनियमितताओ को लेकर  एक  बैठक हुई  समाजवादी व गांधीवादी विचारक रघु ठाकुर सहित शहर के कई सामाजिक व सांगठनिक कार्यकर्ता तथा बुद्धिजीवी शामिल हुए। परिचर्चा को संबोधित करते हुए रघु भाई ने कहा कि केन्द्रीय विवि बनवाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी गई और लंबे प्रयासों के बाद गौर साहब की विरासत को केन्द्रीय विवि का दर्जा मिला। यह इसलिए नहीं किया गया था कि यहां भ्रष्टाचार का खेल हो और मनमाने निर्णय लिये जायें व कर्मचारियों को परेशान किया जाय। हम सब यही चाहते रहे हैं कि सागर विवि का नाम दुनिया भर में हो, लेकिन आज आप लोगों से कुछ और ही सुनने को मिल रहा है। हमारा सहयोग आप लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई व आप सब के संघर्ष में सदैव साथ खड़ा रहूंगा।  इस सम्मेलन के संयोजक विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संदीप बाल्मीकि ने शहरवासियों से अपील की थी कि विवि में भ्रष्टाचार और अनियमितता का बोलबाला है । सबको जुटकर विमर्श के द्वारा हल निकालने की जरूरत है। इस दौरान कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी। वर्तमान विवि प्रशासन को भ्रष्टाचारी व अराजक ठहराते हुए गौर साहब की विरासत पर धब्बा बताया गया। 
मोर्चा का गठन
इस आयोजन में 'विवि बचााओ मोर्चा' का गठन किया गया। 11 सदस्यीय मोर्चे में अखिलेश केशरवानी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आरोप पत्र तैयार करने हेतु दो कमेटियों का गठन किया गया है। तैयार आरोप पत्र को विवि प्रशासन से लेकर राज्य व केन्द्र सरकार को भेजकर आरोपों की जांच करने व कार्यवाही करने की मांग की जायेगी। 
   इस आयोजन में सीसीआई के रामावतार शर्मा, सुरेन्द्र सुहाने, बद्री प्रसाद,पप्पू गुप्ता अकलेश केशरवानी , सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे,प्रकाश चौवे ,केवलचंद जैन  रफीक गनी अरविन्द भट्ट,कपिल पचौरी गौरव राजपूत अशोक मिश्रा जयंत जैन ,डॉ विंनोद तिवारी,सहित बड़ी संख्या में शहर के नागरिक व विवि के कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में गौर अध्ययन केन्द्र से तीन बत्ती स्थित गौर मूर्ति तक पैदल मार्च निकालते हुए भ्रष्टाचार मिटाना है-गौर साहब की धरोहर बचाना है, गौर साहब जिंदाबाद आदि शब्दों के सा नारेबाजी की गई व गौर साहब की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की गई
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डॉ गौर विवि में भ्रष्टाचार मिटाना है,गौर साहब की धरोहर बचाना है

डॉ गौर विवि में भ्रष्टाचार मिटाना है,गौर साहब की धरोहर बचाना है
सागर । डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर में  भ्रष्टाचार और अनियमितताओ को लेकर  एक  बैठक हुई  समाजवादी व गांधीवादी विचारक रघु ठाकुर सहित शहर के कई सामाजिक व सांगठनिक कार्यकर्ता तथा बुद्धिजीवी शामिल हुए। परिचर्चा को संबोधित करते हुए रघु भाई ने कहा कि केन्द्रीय विवि बनवाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी गई और लंबे प्रयासों के बाद गौर साहब की विरासत को केन्द्रीय विवि का दर्जा मिला। यह इसलिए नहीं किया गया था कि यहां भ्रष्टाचार का खेल हो और मनमाने निर्णय लिये जायें व कर्मचारियों को परेशान किया जाय। हम सब यही चाहते रहे हैं कि सागर विवि का नाम दुनिया भर में हो, लेकिन आज आप लोगों से कुछ और ही सुनने को मिल रहा है। हमारा सहयोग आप लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई व आप सब के संघर्ष में सदैव साथ खड़ा रहूंगा।  इस सम्मेलन के संयोजक विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संदीप बाल्मीकि ने शहरवासियों से अपील की थी कि विवि में भ्रष्टाचार और अनियमितता का बोलबाला है । सबको जुटकर विमर्श के द्वारा हल निकालने की जरूरत है। इस दौरान कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी। वर्तमान विवि प्रशासन को भ्रष्टाचारी व अराजक ठहराते हुए गौर साहब की विरासत पर धब्बा बताया गया। 
मोर्चा का गठन
इस आयोजन में 'विवि बचााओ मोर्चा' का गठन किया गया। 11 सदस्यीय मोर्चे में अखिलेश केशरवानी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आरोप पत्र तैयार करने हेतु दो कमेटियों का गठन किया गया है। तैयार आरोप पत्र को विवि प्रशासन से लेकर राज्य व केन्द्र सरकार को भेजकर आरोपों की जांच करने व कार्यवाही करने की मांग की जायेगी। 
   इस आयोजन में सीसीआई के रामावतार शर्मा, सुरेन्द्र सुहाने, बद्री प्रसाद,पप्पू गुप्ता अकलेश केशरवानी अओमप्रकाश चौवे केवलचंद जैन  रफीक गनी अरविन्द भट्ट,कपिल पचौरी गौरव राजपूत अशोक मिश्रा जयंत जैन सहित बड़ी संख्या में शहर के नागरिक व विवि के कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में गौर अध्ययन केन्द्र से तीन बत्ती स्थित गौर मूर्ति तक पैदल मार्च निकालते हुए भ्रष्टाचार मिटाना है-गौर साहब की धरोहर बचाना है, गौर साहब जिंदाबाद आदि शब्दों के सा नारेबाजी की गई व गौर साहब की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की गई
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डॉ गौर विवि में भ्रष्टाचार मिटाना है,गौर साहब की धरोहर बचाना है

डॉ गौर विवि में भ्रष्टाचार मिटाना है,गौर साहब की धरोहर बचाना है
सागर । डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विवि सागर में  भ्रष्टाचार और अनियमितताओ को लेकर  एक  बैठक हुई  समाजवादी व गांधीवादी विचारक रघु ठाकुर सहित शहर के कई सामाजिक व सांगठनिक कार्यकर्ता तथा बुद्धिजीवी शामिल हुए। परिचर्चा को संबोधित करते हुए रघु भाई ने कहा कि केन्द्रीय विवि बनवाने के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी गई और लंबे प्रयासों के बाद गौर साहब की विरासत को केन्द्रीय विवि का दर्जा मिला। यह इसलिए नहीं किया गया था कि यहां भ्रष्टाचार का खेल हो और मनमाने निर्णय लिये जायें व कर्मचारियों को परेशान किया जाय। हम सब यही चाहते रहे हैं कि सागर विवि का नाम दुनिया भर में हो, लेकिन आज आप लोगों से कुछ और ही सुनने को मिल रहा है। हमारा सहयोग आप लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की लड़ाई व आप सब के संघर्ष में सदैव साथ खड़ा रहूंगा।  इस सम्मेलन के संयोजक विवि कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संदीप बाल्मीकि ने शहरवासियों से अपील की थी कि विवि में भ्रष्टाचार और अनियमितता का बोलबाला है । सबको जुटकर विमर्श के द्वारा हल निकालने की जरूरत है। इस दौरान कई वक्ताओं ने अपनी बात रखी। वर्तमान विवि प्रशासन को भ्रष्टाचारी व अराजक ठहराते हुए गौर साहब की विरासत पर धब्बा बताया गया। 
मोर्चा का गठन
इस आयोजन में 'विवि बचााओ मोर्चा' का गठन किया गया। 11 सदस्यीय मोर्चे में अखिलेश केशरवानी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। आरोप पत्र तैयार करने हेतु दो कमेटियों का गठन किया गया है। तैयार आरोप पत्र को विवि प्रशासन से लेकर राज्य व केन्द्र सरकार को भेजकर आरोपों की जांच करने व कार्यवाही करने की मांग की जायेगी। 
   इस आयोजन में सीसीआई के रामावतार शर्मा, सुरेन्द्र सुहाने, बद्री प्रसाद,पप्पू गुप्ता अकलेश केशरवानी अओमप्रकाश चौवे केवलचंद जैन  रफीक गनी अरविन्द भट्ट,कपिल पचौरी गौरव राजपूत अशोक मिश्रा जयंत जैन सहित बड़ी संख्या में शहर के नागरिक व विवि के कर्मचारी शामिल हुए। कार्यक्रम के अंत में गौर अध्ययन केन्द्र से तीन बत्ती स्थित गौर मूर्ति तक पैदल मार्च निकालते हुए भ्रष्टाचार मिटाना है-गौर साहब की धरोहर बचाना है, गौर साहब जिंदाबाद आदि शब्दों के सा नारेबाजी की गई व गौर साहब की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।
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