प्राकृतिक आपदा से पान बरेजे की फसल हानि पर भी मिलेगी अनुदान सहायता

प्राकृतिक आपदा से पान बरेजे की फसल हानि पर भी मिलेगी अनुदान सहायता

भोपाल । कमलनाथ सरकार  ने प्राकृतिक आपदा से पान बरेजे आदि की फसल की हानिहोने पर अनुदान सहायता दिये जाने का निर्णय लिया है। अब पान बरेजे आदि की 25 से 33 प्रतिशत फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 30 हजार रूपये अथवा प्रति पारी 750 रूपये अनुदान सहायता देय होगी। इसी तरह 33 प्रतिशत से अधिक पान बरेजे फसल क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर 40 हजार रूपये अथवा प्रति पारी एक हजार रूपये अनुदान सहायता राशि दिया जाना प्रावधानित किया है। यह संशोधन आदेश जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होगा।
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भारतीय वैदिक परम्पराओ ने मानव समाज को एक जीवन शैली दिया:प्रो सुरेंद्र पाठक

भारतीय वैदिक परम्पराओ ने मानव समाज को एक जीवन शैली दिया:प्रो सुरेंद्र पाठक

#वैदिक प्रबुुद्धता एवं समकालीन समाज पर व्याख्यान

सागर। स्वदेशी ज्ञान अनुसंधान केन्द्र एवं मानव विज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में जवाहरलाल नेहरू पुस्तकालय, डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर में वैदिक प्रबुद्धता एवं समकालीन समाज विषय पर केन्द्रित विशेष व्याख्यान का शुभारम्भ प्रमुख वक्ता प्रो. सुरेन्द्र पाठक, प्रोफेसर, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद, गुजरात, अध्यक्षता प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी, कुलपति, डाॅ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, प्रो. आर. पी. मिश्रा, अधिष्ठाता, व्यावहारिक विज्ञान अध्ययनशाला एवं प्रो. के. के. एन. शर्मा, प्रभारी, स्वदेशी ज्ञान अनुसंधान केन्द्र, विभागाध्यक्ष, मानव विज्ञान ने माँ सरस्वति एवं डाॅ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण दीप प्रज्वलन करके किया। 
मुख्य वक्ता प्रो. सुरेन्द्र पाठक ने वैदिक प्रबुद्धता एवं समकालीन समाज विषय पर केन्द्रित व्याख्यान में कहा कि वैदिक संस्कृति चार वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, श्रुतियाँ, नीतिशास्त्र, दर्शन, षष्ठ दर्शन, सांख्य, मीमांसा तत्व, मीमांसा आदि यह ऋषियों के अनुसंधान करके निकाला, जिन्हें स्मृति कहते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय वैदिक परम्पराओं में ऐसे अनेक विराट खण्ड जिन्होंने मानव समाज को एक जीवन शैली दिया है। उन्होंने सम्बोधित करते हुए कहा कि योग आयुर्वेद की आवश्यकता तब महसूस हुई जब मानव समाज असंतुलित एवं नियंत्रित हो गया। आज हम भौतिकता की दौड़ में सुखी समझते है, उसे अपनी सम्पत्ति मानने लगते हैं, जबकि यह सब क्षणिक है। जीवन में भौतिक सुख है परन्तु शान्ति नहीं है। इसका मुख्य कारण है हमने अपने मूल्यों, नैतिकता, आचरण, संस्कार जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को छोड़ दिया। 
उन्होंने कहा कि मानव समाज ने भौतिकता की दौड़ में प्रकृति को असंतुलित कर दिया। हमने प्रकृति को असंतुलित करके अपनी जीवन शैली को संतुलित नहीं रखा तो हम विज्ञान विहीन हो जायेंगे। जैसे खाद्यान्न, हवा, पानी शुद्ध नहीं है। उत्पादन को महत्व देकर अव्यवस्था को पैदा कर दिया। मानव के क्रियाकलाप से व्यवस्था टूटती हो और अव्यवस्था बने, यह विवेक नहीं है और विज्ञान नहीं है। आज अमेरिका, स्विटजरलैंड में परिवार व्यवस्था टूट गई है। अमेरिका में एकल परिवार 50 प्रतिशत हो गये। प्राचीनकालीन परिवार व्यवस्था वैदिक व्यवस्था थी, जो मनुवाद पर आधारित रहा है, परन्तु समकालीन समाज बनाने की व्यवस्था में भ्रम उत्पन्न हुआ, जिसे समझ नहीं पाये। उन्होंने कहा कि आज सभी को किसी पर विश्वास नहीं रहा। परिवार में आस्था नहीं, तो संविधान पर आस्था कैसे होगा। संविधान विश्वास का दस्तावेज है, जिससे सामाजिक, आर्थिक न्याय पाने की स्वतंत्रता पाना चाहते थे, क्या प्राप्त कर पाये। उन्होंने वैदिक शोधार्थियों एवं अध्यापकों से कहा कि हमारी कहाँ त्रुटि हुई। इस पर शोध की आवश्यकता है। हमें मानवीय ध्रुव को पहचानने की आवश्यकता है। वैदिक प्रबुद्धता केवल हिन्दुओं के लिए नहीं था। उन्होंने कहा कि ऋषि कपिल, गौतम, कणाद, पतंजलि, शंकराचार्य ने सर्व मानव समाज के विकास के लिए किया। पश्चिम का भौतिकवाद का अनुसंधान तो हुआ तथा निष्कर्ष निकले। भौतिकवाद के कारण मानव का आचरण एवं सभ्यता क्यों परिवर्तित एवं अनियंत्रित हो गई। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधे, पक्षियों के आचरण निश्चित हैं, परन्तु मानव एक ऐसा प्राणी है जिसका आचरण अनिश्चित हो गया। वेद विज्ञान के रूप में आचरण के अनुसार चल रहा है। शरीर का एक ताप है। यदि हम अपने दिनचर्या को बिगाड़ते हैं तो रोगी हो जाते हैं। आधुनिकता ने प्रकृति से छेड़छाड़ किया है। इससे असंतुलन पैदा हो गया है। इससे पृथ्वी तबाह हो सकती है। अभी परिवार को तबाह किया है। व्यक्तिवाद बढ़ रहा है। अनैतिकता प्रतिष्ठित हो रही है। वैचारिक प्रतिबद्धता होनी चाहिए। समाज अव्यवस्था की ओर जा रहा है। क्या यह ज्ञान या अज्ञानता है। ज्ञान का विस्तार हो रहा है, परन्तु जीना कठिन हो रहा है। अध्यापकों को शिक्षा के मूल्यों, चरित्र, आचरण जैसे विषयों पर पुनः विचार कर समकालीन समाजा की चुनौतियों को उनकी समस्या का समाधान करना पडे़गा। उन्होंने कहा कि वह व्यवस्था समाधान है, जिसमें सुख है। अव्यवस्था दुख है। लाहुमान्दी, भोगोन्मादी अस्थिरता है। प्रेम वासनाओं में उजागर हो रहा है। जबकि वैदिक दर्शन में ऐसा नहीं था। व्यक्ति, परिवार, समाज एवं राष्ट्र को एक व्यवस्था में जीना चाहते हैं, परन्तु हमारी समझ लोकव्यापीकरण, शिक्षा में नहीं कर पा रहे हैं। शिक्षाविदों को चाहिए कि बौद्धिक प्रबुद्धता से प्राप्त ज्ञान को समकालीन समाज के समस्याओं के समाधान दे सकें। ऐसा निदान करना चाहिए। 
अध्यक्षता कर रहे प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी, कुलपति ने कहा कि आज तक विश्वविद्यालय में ऐसे विशेष विषयों से जुड़े मनीषियों को आमंत्रित करके उनके द्वारा किये गए शोध को अनुभवों को विशेष व्याख्यानों के माध्यम से छात्रों, शोधार्थियों और शिक्षकों को शोध की ओर प्रेरित करना है। उन्होंने बताया कि गणित विभाग में, संस्कृत विभाग में प्रमुख व्याख्यानों को संग्रहीत करके उन पर वैज्ञानिक पक्षों का भी अध्ययन कराया जा रहा है जिस पर यू.जी.सी. के द्वारा पदों की भी स्वीकृति दी गई है। इसके लिए स्वदेशी ज्ञान अनुसंधान केन्द्र की भी स्थापना की गई है। जो कि वैदिक भारतीय ज्ञान के वैज्ञानिक पक्ष को उजागर करेगए।
प्रो. के. के. एन. शर्मा ने विशेष व्याख्यान की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारत के वैदिक ज्ञान से जुड़ा विषय है जो कि ऋषियों ने अपने ऊपर प्रयोग करके तप से प्राप्त करके मानव समाज को दिया था, परन्तु आज के समकालीन समाज में वह विस्मृत हुआ है। ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेष व्याख्यानों के आयोजन से तात्पर्य विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं शोधार्थियों को शोध के प्रति अनुसंधान करके उन्हें पुनः प्रतिष्ठित कराना है। 
अधिष्ठाता प्रो. आर. पी. मिश्रा, व्यावहारिक विज्ञान अध्ययनशाला ने कहा कि प्रो. सुरेन्द्र पाठक विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हैं जो कि आज अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर महान् मनीषी सिद्ध हुए हैं जिन्होंने भारत का गौरव बढ़ाया है। आज उनके व्याख्यान से शिक्षक, शोधार्थी तथा समाज के गणमान्य नागरिकों के मन में जिज्ञासाओं का समाधान से यह सिद्ध होता है कि यह व्याख्यान उपयोगी सिद्ध हुआ है। अन्त में, उन्होंने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उनका प्रो. पाठक को स्मृति चिन्ह के रूप में डाॅ. गौर की प्रतिमा भेंट करके सम्मानित किया गया। इस व्याख्यान में प्रमुख रूप से रीवा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. उदय कुमार जैन, प्रो. के. एस. पित्रे, प्रो. ए. एन. शर्मा, प्रो. पी. पी. सिंह, प्रो. दिवाकर सिंह राजपूत, प्रो. जी. एल. पुनताम्बेकर, प्रो. चन्दाबेन, प्रो. अशोक अहिरवार, डाॅ. अरूण पलनेटकर, डाॅ. वर्षा सिंह, डाॅ. शरद सिंह, डाॅ. आर. के. शिवात्रे, एडव्होकेट बीनू राना, डाॅ. रजनीश जैन, शैलेन्द्र ठाकुर, मधुसूधन सिलाकारी, डाॅ. पंकज तिवारी, डाॅ. सर्वेन्द्र यादव, डाॅ. सोनिया कौशल, डाॅ. अरिबम बिजयासुन्दरी देवी, डाॅ. आर. व्ही. अनुरागी सहित अनेक शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्याथीगण उपस्थित थे।   

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प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 12 ने की पूरी जमा की राशि


प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 12 ने की पूरी जमा की राशि 

#मेनपानी कनेरादेव में बनाये जा रहे आवासों के निर्माण कार्य की समीक्षा 

 सागर। नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने स्मार्ट सिटी के नये भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् कनेरादेव, किशोर न्यायालय के पास एवं मेनपानी में बनाये जा रहे ई  डब्ल्यू .एस.आवासों के निर्माण कार्य समीक्षा बैठक ली। बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे ने जानकारी दी कि मेनपानी, किशोर न्यायालय के पास एवं कनेरादेव के आवासों को लेने के लिये 2004 हितग्राहियों द्वारा 20 हजार रूपये जमा किये गये है, जिनमें 12 हितग्राहियों द्वारा पूर्ण राशि 2 लाख रूपये जमा की गई है। शेष हितग्राहियों द्वारा अभी तक शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये अभी तक बैकों अथवा स्वयं के द्वारा जमा नहीं करायी गई है, जिस कारण योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।

निगमायुक्त ने कहा कि जो हितग्राही आवास लेने हेतु शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये का एकमुश्त भुगतान करते है, उन्हें आधिपत्य में प्राथमिकता दी जाय। उन्होने कहा कि हितग्राहियों की सुविधा हेतु तीन माह में तीन किश्तों में शेष राशि जमा करने हेतु हितग्राहियों को सूचित करें। इसके लिये हितग्राही का जिस बैंक में खाता है, वह उसी बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर राशि का भुगतान नगर निगम को कर सकता है। इस कार्य में नगर निगम द्वारा हितग्राहियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाय तथा बैंकों से समन्वय बनाकर संबंधित हितग्राहियों से आवश्यक दस्तावेज जमा करायें। निगमायुक्त ने बैठक में उपस्थित योजना के कंसल्टंेट एवं ठेकेदारों को निर्देश दिये कि कार्य में तेजी लाये जिससे अप्रैल माह में हितग्राहियों को कार्य पूर्ण होने के उपरांत आवास का आधिपत्य सौपा जा सकें तथा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाय।

बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, उपयंत्री दिनकर शर्मा , आयुषी श्रीवास्तव, कंसल्सटेंट अनुराग सोनी एवं निर्माणकर्ता एंजेसी मोन्टोकार्लो तथा मध्य भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारी उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 18 ने की पूरी जमा की राशि

प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 18 ने की पूरी जमा की राशि 

#मेनपानी कनेरादेव में बनाये जा रहे आवासों के निर्माण कार्य की समीक्षा 

 सागर। नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने स्मार्ट सिटी के नये भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् कनेरादेव, किशोर न्यायालय के पास एवं मेनपानी में बनाये जा रहे ई  डब्ल्यू .एस.आवासों के निर्माण कार्य समीक्षा बैठक ली। बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे ने जानकारी दी कि मेनपानी, किशोर न्यायालय के पास एवं कनेरादेव के आवासों को लेने के लिये 2004 हितग्राहियों द्वारा 20 हजार रूपये जमा किये गये है, जिनमें 12 हितग्राहियों द्वारा पूर्ण राशि 2 लाख रूपये जमा की गई है। शेष हितग्राहियों द्वारा अभी तक शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये अभी तक बैकों अथवा स्वयं के द्वारा जमा नहीं करायी गई है, जिस कारण योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।

निगमायुक्त ने कहा कि जो हितग्राही आवास लेने हेतु शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये का एकमुश्त भुगतान करते है, उन्हें आधिपत्य में प्राथमिकता दी जाय। उन्होने कहा कि हितग्राहियों की सुविधा हेतु तीन माह में तीन किश्तों में शेष राशि जमा करने हेतु हितग्राहियों को सूचित करें। इसके लिये हितग्राही का जिस बैंक में खाता है, वह उसी बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर राशि का भुगतान नगर निगम को कर सकता है। इस कार्य में नगर निगम द्वारा हितग्राहियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाय तथा बैंकों से समन्वय बनाकर संबंधित हितग्राहियों से आवश्यक दस्तावेज जमा करायें। निगमायुक्त ने बैठक में उपस्थित योजना के कंसल्टंेट एवं ठेकेदारों को निर्देश दिये कि कार्य में तेजी लाये जिससे अप्रैल माह में हितग्राहियों को कार्य पूर्ण होने के उपरांत आवास का आधिपत्य सौपा जा सकें तथा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाय।

बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, उपयंत्री दिनकर शर्मा , आयुषी श्रीवास्तव, कंसल्सटेंट अनुराग सोनी एवं निर्माणकर्ता एंजेसी मोन्टोकार्लो तथा मध्य भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारी उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 12 ने की पूरी जमा की राशि

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#मेनपानी कनेरादेव में बनाये जा रहे आवासों के निर्माण कार्य की समीक्षा 

 सागर। नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने स्मार्ट सिटी के नये भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् कनेरादेव, किशोर न्यायालय के पास एवं मेनपानी में बनाये जा रहे ई  डब्ल्यू .एस.आवासों के निर्माण कार्य समीक्षा बैठक ली। बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे ने जानकारी दी कि मेनपानी, किशोर न्यायालय के पास एवं कनेरादेव के आवासों को लेने के लिये 2004 हितग्राहियों द्वारा 20 हजार रूपये जमा किये गये है, जिनमें 12 हितग्राहियों द्वारा पूर्ण राशि 2 लाख रूपये जमा की गई है। शेष हितग्राहियों द्वारा अभी तक शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये अभी तक बैकों अथवा स्वयं के द्वारा जमा नहीं करायी गई है, जिस कारण योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।

निगमायुक्त ने कहा कि जो हितग्राही आवास लेने हेतु शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये का एकमुश्त भुगतान करते है, उन्हें आधिपत्य में प्राथमिकता दी जाय। उन्होने कहा कि हितग्राहियों की सुविधा हेतु तीन माह में तीन किश्तों में शेष राशि जमा करने हेतु हितग्राहियों को सूचित करें। इसके लिये हितग्राही का जिस बैंक में खाता है, वह उसी बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर राशि का भुगतान नगर निगम को कर सकता है। इस कार्य में नगर निगम द्वारा हितग्राहियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाय तथा बैंकों से समन्वय बनाकर संबंधित हितग्राहियों से आवश्यक दस्तावेज जमा करायें। निगमायुक्त ने बैठक में उपस्थित योजना के कंसल्टंेट एवं ठेकेदारों को निर्देश दिये कि कार्य में तेजी लाये जिससे अप्रैल माह में हितग्राहियों को कार्य पूर्ण होने के उपरांत आवास का आधिपत्य सौपा जा सकें तथा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाय।

बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, उपयंत्री दिनकर शर्मा , आयुषी श्रीवास्तव, कंसल्सटेंट अनुराग सोनी एवं निर्माणकर्ता एंजेसी मोन्टोकार्लो तथा मध्य भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारी उपस्थित थे।

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प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 18 ने की पूरी जमा की राशि

प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 18 ने की पूरी जमा की राशि 
#मेनपानी कनेरादेव में बनाये जा रहे आवासों के निर्माण कार्य की समीक्षा 
 सागर। नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने स्मार्ट सिटी के नये भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् कनेरादेव, किशोर न्यायालय के पास एवं मेनपानी में बनाये जा रहे ई  डब्ल्यू .एस.आवासों के निर्माण कार्य समीक्षा बैठक ली। बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे ने जानकारी दी कि मेनपानी, किशोर न्यायालय के पास एवं कनेरादेव के आवासों को लेने के लिये 2004 हितग्राहियों द्वारा 20 हजार रूपये जमा किये गये है, जिनमें 12 हितग्राहियों द्वारा पूर्ण राशि 2 लाख रूपये जमा की गई है। शेष हितग्राहियों द्वारा अभी तक शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये अभी तक बैकों अथवा स्वयं के द्वारा जमा नहीं करायी गई है, जिस कारण योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।
निगमायुक्त ने कहा कि जो हितग्राही आवास लेने हेतु शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये का एकमुश्त भुगतान करते है, उन्हें आधिपत्य में प्राथमिकता दी जाय। उन्होने कहा कि हितग्राहियों की सुविधा हेतु तीन माह में तीन किश्तों में शेष राशि जमा करने हेतु हितग्राहियों को सूचित करें। इसके लिये हितग्राही का जिस बैंक में खाता है, वह उसी बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर राशि का भुगतान नगर निगम को कर सकता है। इस कार्य में नगर निगम द्वारा हितग्राहियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाय तथा बैंकों से समन्वय बनाकर संबंधित हितग्राहियों से आवश्यक दस्तावेज जमा करायें। निगमायुक्त ने बैठक में उपस्थित योजना के कंसल्टंेट एवं ठेकेदारों को निर्देश दिये कि कार्य में तेजी लाये जिससे अप्रैल माह में हितग्राहियों को कार्य पूर्ण होने के उपरांत आवास का आधिपत्य सौपा जा सकें तथा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाय।
बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, उपयंत्री दिनकर शर्मा , आयुषी श्रीवास्तव, कंसल्सटेंट अनुराग सोनी एवं निर्माणकर्ता एंजेसी मोन्टोकार्लो तथा मध्य भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारी उपस्थित थे।
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प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 18 ने की पूरी जमा की राशि

प्रधानमंत्री आवास योजना: दो हजार हितग्राहियों में से सिर्फ 18 ने की पूरी जमा की राशि 

#मेनपानी कनेरादेव में बनाये जा रहे आवासों के निर्माण कार्य की समीक्षा 
 सागर। नगर निगम आयुक्त आर.पी.अहिरवार ने स्मार्ट सिटी के नये भवन में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् कनेरादेव, किशोर न्यायालय के पास एवं मेनपानी में बनाये जा रहे ई  डब्ल्यू .एस.आवासों के निर्माण कार्य समीक्षा बैठक ली। बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे ने जानकारी दी कि मेनपानी, किशोर न्यायालय के पास एवं कनेरादेव के आवासों को लेने के लिये 2004 हितग्राहियों द्वारा 20 हजार रूपये जमा किये गये है, जिनमें 12 हितग्राहियों द्वारा पूर्ण राशि 2 लाख रूपये जमा की गई है। शेष हितग्राहियों द्वारा अभी तक शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये अभी तक बैकों अथवा स्वयं के द्वारा जमा नहीं करायी गई है, जिस कारण योजना का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है।
निगमायुक्त ने कहा कि जो हितग्राही आवास लेने हेतु शेष राशि 1 लाख 80 हजार रूपये का एकमुश्त भुगतान करते है, उन्हें आधिपत्य में प्राथमिकता दी जाय। उन्होने कहा कि हितग्राहियों की सुविधा हेतु तीन माह में तीन किश्तों में शेष राशि जमा करने हेतु हितग्राहियों को सूचित करें। इसके लिये हितग्राही का जिस बैंक में खाता है, वह उसी बैंक से ऋण स्वीकृत कराकर राशि का भुगतान नगर निगम को कर सकता है। इस कार्य में नगर निगम द्वारा हितग्राहियों को पूर्ण सहयोग प्रदान किया जाय तथा बैंकों से समन्वय बनाकर संबंधित हितग्राहियों से आवश्यक दस्तावेज जमा करायें। निगमायुक्त ने बैठक में उपस्थित योजना के कंसल्टंेट एवं ठेकेदारों को निर्देश दिये कि कार्य में तेजी लाये जिससे अप्रैल माह में हितग्राहियों को कार्य पूर्ण होने के उपरांत आवास का आधिपत्य सौपा जा सकें तथा निर्माण कार्य में गुणवत्ता का पूर्ण रूप से ध्यान रखा जाय।
बैठक में कार्यपालन यंत्री विजय दुबे, सहायक यंत्री श्री संजय तिवारी, उपयंत्री दिनकर शर्मा , आयुषी श्रीवास्तव, कंसल्सटेंट अनुराग सोनी एवं निर्माणकर्ता एंजेसी मोन्टोकार्लो तथा मध्य भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर के अधिकारी उपस्थित थे।
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बैंकिंग,चिटफंड और वित्तीय मामलों से जुड़े मामलो की समीक्षा की एडीजी राजेन्द्र मिश्रा ने # सूदखोरी और किसान क्रेडिट कार्ड में धोखाधड़ी करने वालो पर सख्ती

बैंकिंग,चिटफंड और वित्तीय मामलों से जुड़े मामलो की समीक्षा की एडीजी राजेन्द्र मिश्रा ने
# सूदखोरी और किसान क्रेडिट कार्ड में धोखाधड़ी करने वालो पर सख्ती
सागर ।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (वित्तीय अपराध, को.फ्रॉड, लोकसेवा गारन्टी एवं सचना
का अधिकार) राजेन्द्र मिश्रा ने पुलिस कंट्रोल रूम सागर में सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक,गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित लंबित अपराधों एवं शिकायतों, लोक
सेवा गारण्टी एवं सूचना का अधिकार प्रकरणों की संभागीय समीक्षा की और जरूरी निःर्देश दिए
बैठक में सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक  अनिल शर्मा,उप महानिदेशक जवाहरलाल नेहरु पुलिस अकादमी सागर विवेक राजसिहं कुकरेले सहित सागर जोन से सागर पुलिस अधीक्षक  अमित सांघी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
सागर  विक्रम सिहं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दमोह, सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस सागर एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस (को.फ्रॉड) मुख्यालय श्री उमेश शर्मा एवं श्री अमित वर्मा तथा सागर जोन के अन्य जिलो के पुलिस राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त पुलिस, सहकारिताविभाग एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने के उददेश्य से संभाग के
समस्त जिलों के उपायुक्त, सहकारी संस्थायें एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को बैठक में विशेष रूप  से आमंत्रित किया गया था।
शिकायतों की जांच समयावधि में करे
Adg मिश्रा ने सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय
संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर समयावधि में प्राथमिक जांच पूर्ण कर अपराध पंजीबद्ध करने तथा पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी एवं विवेचक अग्रिम विवेचना के सबंध मेंकार्ययोजना बनाने, सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं
एवं अशासकीय संगठनों आदि के पंजीकृत प्राधिकारी से संस्थाओं के पंजीकरण प्रमाण पत्र, उप विधि  मेमोरेण्डम एवं आर्टिकल ऑफ एसोसियशन, संगठक की रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट, संचालक/निर्देशक मण्डल, संस्था, पंजीकृत पदाधिकारी द्वारा संधारित मास्टर डाटा,आयकर एवं जीएसटी रिटर्न, संस्था के कम्पनी सेक्रेटरी चार्टर्ड एकाउंटेंट/ऑडीटर्स, संचालक मण्डलानिर्देशक मण्डल के पदाधिकारियों/सदस्यों/प्रमोटर्स एवं शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देश आदि की जानकारी अनुसंधान के दौरान प्राप्त करने, अपराध पंजीयन होनेके तुरंत पश्चात् साक्ष्य नष्ट न हो सके, इस उद्देश्य से अपराध से संबंधित इलेक्ट्रोनिक एवं मूलदस्तावेजी साक्ष्य अविलम्ब जप्त करने, आरोपियों के बैंक खातों की जांच करने, आरोपियों अथवाआरोपियों की संस्था का कृत्य यदि किसी अन्य अधिनियम के अंतर्गत दण्डनीय होने की स्थिति मेंसंबंधित विभाग अथवा एजेंसी से जानकारी साझा करने, पुलिस अधीक्षक जिलों में सहकारी संस्थाओं,
कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि सेसंबंधित धोखाधड़ी के अपराधों की प्रतिमाह समीक्षा करने , संभाग में धारा 173(8) दं.प्र.सं. अंतर्गत लंबितअपराधों में अग्रिम विवेचना हेतु विवेचक नियुक्त कर प्रकरण में शेष फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतुपुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया तथा आरोपियों कीगिरफ्तारी हेतु ईमेल, फेसबुक आईडी, पेनकार्ड,मोबाइल नम्बर, आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि की जानकारी प्राप्त कर प्रोफाइल तैयार करने। फरारआरोपियों की सम्पति की जानकारी प्राप्त कर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 एवं 83 के अंतर्गतकार्यवाही सुनिश्चित करने, आरोपियों एवं उनकी संस्थाओं  कम्पनीज़ के बैंक खातों की जानकारी प्राप्तकर राशि के लेन-देन के संबंध में अनुसंधान करने तथा बैंक खाता खुलवाने के दौरान KYC के रूप में बैंक
को प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के आरोपियों केपेनकार्ड आयकर विभाग को प्रस्तुत करते हुये उनके बैंक खातों एवं उनके द्वारा प्रस्तुत आयकर रिटर्न कीजानकारी प्राप्त करने, पंजीबद्ध अपराध में यदि आरोपीगण लोक सेवक की श्रेणी में होने पर भ्रष्टाचार
निवारण अधिनियम की धाराओं का इजाफा करते ये राजपत्रित अधिकारियों से विवेचना करने के बारे मेंसमीक्षा के दौरान विस्तार से बताया ।
गबन और धोखाधड़ी की राशि की रिकवरी कराने पर जोर
श्री मिश्रा ने संभाग के जिलों में अपराध भादवि धारा 420 के अंतर्गत पंजीबद्ध होने पर
पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारियों को प्रकरण की समीक्षा करने , आरोपियों से उनके द्वारा की गई धोखाधडी एवं गबन राशि के सबंध में विस्तृत पूछताछ करने व अपराधों में धोखाधड़ी एवं गबन की गई राशि की जप्ती
(Recovery) तथा राशि की ट्रेलिंग के संबंध में अनुसंधान कर आरोपियों एवं उनकी संस्थाओं के बैंक खातेफ्रीज करने तथा अपराध से अर्जित चल एवं अचल सम्पति जप्त कर राजसात की कार्यवाही पर जोर दियाविवेचना के दौरान आरोपियों के कॉल डीटेल्स, ईमेल एवं बैंक खातों के ट्रांजेक्शन परअनुसंधान करने तथा आरोपियों के अपराध की विवेचना पूर्ण होने तक नियमानुसार आरोपियों के पासपोर्ट
निरस्त करने की कार्यवाही करने संबंधित पुलिस अधीक्षक फरार आरोपियों का लुक-आउट परिपत्र जारीकरने एवं अपराध से संबंधित कम्प्यूटर हार्ड डिस्क और अन्य डाटा जप्त कर जप्त कम्प्यूटर हार्ड डिस्कऔर डाटा को समय पर जांच करवाने करवाने के लिये भी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया ।संभाग के जिलों में सहकारी संस्थाओं, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीयसंस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबधित धोखाधड़ी के अपराधों की समीक्षा एवं प्रगति हेतुअतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को नोडल नियुक्त कर, जिलों में सहकारी संस्थाओं,
कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि सेसंबंधित विभिन्न थानों में अलग-अलग प्रकरण पंजीबद्ध होने की स्थिति में समस्त प्रकरणों की विवेचनाएवं निराकरण हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अथवा उप पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में विशेष अनुसंधानटीम गठित करने के निर्देश दिये ।
सूदखोरी पर सख्ती
श्री मिश्रा ने सूदखोरों एवं धारा 138 निगोशिएबल इन्शमेन्ट एक्ट अंतर्गत लंबित
वारण्ट की तामीली का विशेष अभियान चलाने, लोक सेवा गारंटी एवं सूचना का अधिकार अधिनियम केप्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये । सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्डकम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं, रियल स्टेट अशासकीय संगठनों से संबंधित धोखाधड़ी एवं
सूटखोरी के अपराधों की विवेचना के संबंध में जिला स्तर पर विवेचकों के प्रशिक्षण आयोजित करने एवंप्रतिमाह जिलों में पुलिस एवं सहकारिता विभाग एवं केन्द्रीय सहकारी बैंकों के मध्य बेहतर समन्वयस्थापित करने के उद्देश्य संयुक्त बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये तथा सहकारी संस्थाओं से संबंधितगबन एवं धोखाधड़ी के प्रकरणों में मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के लिये कहागया। 
किसान क्रेडिट कार्ड की मंजूरी में धोखाधड़ी पर तत्काल कार्यवाही
समस्त पुलिस अधीक्षकों को यह भी निर्देश दिये गये कि किसान क्रेडिट ऋण स्वीकृति प्रकरणों मेंसंगठित गिरोह दवारा धोखाधड़ी की जा रही है, इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की जावे तथा सहकारीसंस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं, रियल स्टेट अशासकीयसंगठनों से संबंधित धोखाधड़ी एवं सूदखोरी से संबंधित शिकायत के संबंध में किस स्तर पर कार्यवाही की
जाती है, इसके संबंध में सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जावे। जमीन क्रय-विक्रयपंजीयन समेत धोखाधड़ी से संबंधित समस्त प्रकार के प्रकरणों में भी तत्काल कार्यवाही की जावे ताकिपीड़ित को तुरंत राहत मिले तथा अंत में श्री मिश्रा ने समस्त पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गयाकि समस्त थाना प्रभारी अपने बीट प्रभारियों के माध्यम से थाना क्षेत्र में संचालित सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की जानकारी संधारित करें तथा संदिग्धगतिविधियां प्रतीत होने पर जानकारी  पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस मुख्यालय  को साझा की जावे।


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