अध्यापन कैसा हो,सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ चिंतन शिविर
सागर। सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोतीनगर सागर में अध्यापन किस तरह हो विषय पर चिंतन शिविर आयोजित किया गया शिविर के मुख्य अतिथि डॉ देवेन्द्र चतुर्वेदी विभाग समन्वयक शहडोल अध्यक्ष रामशिरोमणि प्राचार्य जेतहरी विशिष्ट अतिथि राजकुमार ठाकुर प्राचार्य व बाबूलाल सेन प्रधानाचार्य थे । अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम मां सरस्वती जी, भारत माता एवं ॐ के छायाचित्र पर दीपमंत्र के साथ माल्यार्पण किया तदोपरांत मां सरस्वती वंदना रीना ज्योतिषी, मोहिनी अवस्थी,अंजू देवलिया ने संगीत के साथ प्रस्तुत की । राजकुमार ठाकुर प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि भैया बहिनों को संस्कार व संस्कृति ज्ञान अर्जित होना आवश्यक है। प्रधानाचार्य बाबूलाल सेन ने विद्यालय की जानकारी देते हुए कहा कि परीक्षा परिणाम ही परिपूर्ण नहीं अपितु समाजिक ज्ञान होना महत्वपूर्ण है । उन्होंने बताया कि शिक्षक वहीं परिपूर्ण है जिसमें समर्पण,सम्पर्क,समय पालन निहित हो।कार्यक्रम अध्यक्ष रामशिरोमणि शर्मा ने कहा कि कक्षा कक्ष में प्रवेश करने से ही अध्यापन कार्य प्रारंभ हो जाता है हमारे द्वारा भैया बहनों को पाठ्यक्रम में कितना ज्ञान अर्जित है इस विषय पर हमारा ध्यान आकर्षित रहना चाहिए व वह किस तरह अपने विचारों को प्रर्दशित करते हैं। मुख्य अतिथि डॉ देवेन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि अध्यापन कार्य ही नहीं बल्कि अध्यापन पर आचार्य क्रियाशील हो इस विषय पर हमारा ध्यान आकर्षित रहना चाहिए । अतिथियों द्वारा कक्षा कक्ष , वंदना, प्रयोगात्मक स्थान व शिशु वाटिका का निरीक्षण किया गया । इस शिविर में मनोज नेमा, प्रदीप सूबेदार, संजय मोघे,, प्रदीप नामदेव, गोविन्द सिंह ठाकुर, रणवीर सिंह ठाकुर, स्वदेश तिवारी, अरविंद साहू, अनुजा प्यासी, वंदना कुशवाहा, कांति चौकसे,पुष्पा विश्वकर्मा, रश्मि रावत रामबाबू पाराशर व आचार्य परिवार उपस्थित थे। मंच संचालन सोमकांत श्रीवास्तव व स्वागत बालकेश ठाकुर ने किया ।