सीएम कमलनाथ का आभार जताया सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा ने ,तालाब पर फ्लाई ओवर को लेकर

सीएम कमलनाथ का आभार जताया सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा ने ,तालाब पर फ्लाई ओवर को लेकर 

सागर। सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा ने सीएम कमलनाथ सरकार द्वारा की गई घोषणाओं का आभार जताया है । सरंक्षक रघु ठाकुर ने कहा किसर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा मुख्यमंत्री कमलनाथ जीको आभार व्यक्त करता है कि उन्होंने मोर्चे की लंबित मांग सागर तालाब पर से फ्लाई ओवर बनाने की स्वीकृति की घोषणा कराई।मोर्चा बृजेन्द्र सिंह राठौड़ प्रभारी मंत्री  श्री हर्ष यादव एवम गोविन्द सिंह राजपूत को भी धन्यवाद देता है ।जिन्होंने मुमन्त्री जी के समक्ष इस मांग को प्रस्तुत किया। मोर्चा  सम्भागीय आयुक्त श्री आंनद शर्मा जी जिले के कलेक्टर श्रीमती नायक श्री अहिरवार निगमायुक्तश्री राहुलसिंह सीओ स्मार्टसिटी को भी धन्यवाद ज्ञापित करता है जिन्होंने सदैव मोर्चे की मांग को पूरा कराने को अपने स्तर पर सक्रिय सहयोग दिया तथा शासन तक समुचित पहल की।मोर्चा उम्मीद करता है कि अबअधिकारी शीघ्र कार्य आरंभ कराएंगे।ताकि शहर को शीघ्र जाम व प्रदूषण से मुक्ति मिल सके।मोर्चा सभी राजनीतिक दलों पत्रकार भाइयों एवम नागरिकों को भी धन्यवाद देता है जिनने सदैव मोर्चे के आंदोलन को सहयोग दिया।

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श्री रावतपुरा सरकार का हुआ आगमन ,कलश यात्रा से श्रीमद भागवत कथा प्रांरभ

श्री रावतपुरा सरकार  का हुआ आगमन ,कलश यात्रा से श्रीमद भागवत कथा प्रांरभ 
सागर। परमपूज्य अंनत श्री विभूषित श्री रावतपुरा सरकार के सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा श्री ललिता सहस्त्रार्चन  अनुष्ठान अंखण्ड श्रीमद भागवत मूलपाठ कलश यात्रा के साथ प्रांरभ हुआ। देर 'शाम 6 बजे श्री रावतपुरा सरकार सागर पहुंचे। सागर भक्तमंडल की ओर भव्य स्वागत किया गया। मंगलवार को सुबह 8-30 पर गुरूदेव प्रार्थना का आयोजन किया जायेगा। 
सोगवार को सुबह 11 बजे बडा बाजार स्थित श्री रामबाग मंदिर से कलश यात्रा प्रांरभ हुई। कलश यात्रा  में श्रदालु पीले एंंव सिर पर  पगडी बंधे नजर आये। गुरूदेव के भंजन के साथ कलश यात्रा  बाईसा मोहल्ला, मोती नगर होते हुये, भोपाल रोड लेहदरा नाका स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंची  दोपहर 1 बजे से श्रीमद भागवत कथा प्रारंभ हुई। कथा व्यास पंडित अंकित पचैरी रावतपुरा धाम द्वारा श्रीमद भागवत कथा का प्रांरभ किया।  
गुरूदेव पर आगमन पर हुई फूलों की बारिस 
देर 'शाम 6 बजे श्री रावतपुरा सरकार सागर पहुंचे। सूचना मिलते ही भारी संख्या में भक्तमंडल राहतगढ तिराहा पहुंचे। सागर भक्त मंडल की ओर भव्य स्वागत किया गया है। 'शाम 6-30 बजे कार्यक्रम स्थाल पर गुरूदेव की प्रार्थना का आयोजन किया गया। श्री रावतपुरा सरकार ट्रस्ट के सुनील महाराज ने बताया कि मंगलवार को सुबह 8-30 बजे ,वं शाम 6 बजे गुरूदेव की प्रार्थना का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया जायेगा।  सागर विधायक शेलेन्द्र जैन ने सपत्नीक आशीर्वाद लिया।
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सागर संभाग ने राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता पर कब्जा जमाया

सागर संभाग ने राज्य स्तरीय क्रिकेट प्रतियोगिता पर कब्जा जमाया
सागर। स्कूल शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन निर्देशानुसार आठवीं राज्य स्तरीय विभागीय अधिकारी कर्मचारी प्रतियोगिता वर्ष 2019 प्रतियोगिता का आयोजन उमरिया जिला के शहीद भगत सिंह आजाद स्टेडियम में 6 फरवरी 2020 से 10 2020 को संपन्न हुई। जिसमें मध्य प्रदेश के सभी संभाग एवं मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचनालय भोपाल की टीमों ने भाग लिया जिसमें सागर संभाग ने 6 संभागों को हराकर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता पर कब्जा जमाया।
 फाइनल मैच में आज टास जीतकर डीपीआई की टीम ने पहले बैटिंग करने का निर्णय लिया और निर्धारित ओवरों में 65 रन का लक्ष्य सागर संभाग को दिया लक्ष्य का पीछा करते हुए सागर संभाग की टीम ने निर्धारित ओवरों में 7 विकेट से डीपीआई भोपाल को परास्त कर प्रदेश स्तरीय कर्मचारी अधिकारी  स्तरीय  प्रतियोगिता को अपने नाम किया।
 टीम की सफलता का कुशल संचालन मैनेजर सलामत खान खेल शिक्षक एवं मनोज शुक्ला कोच कप्तान आशीष विश्वकर्मा के सफल निर्देशन में जाए प्रतियोगिता का गौरव प्राप्त किया फाइनल मैच का मैन ऑफ द मैच अमित श्रीवास्तव को मिला सागर संभाग की टीम में शामिल खिलाडी अमित श्रीवास्तव विपिन कनौजिया मनीष मिश्रा हरिकांत  तिवारी शैलेंद्र जैन दिनेश नामदेव महेश अहिरवार दिनेश सेन राजेश सेन शशिकांत चैबे ओजस मिश्रा शामिल थे।                                   
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शोध के लिये मौलिक सोच महत्वपूर्ण -कुलपति प्रो.आर.पी. तिवारी

शोध के लिये मौलिक सोच महत्वपूर्ण -कुलपति प्रो.आर.पी. तिवारी
सागर।डाॅ. हरीसिंह गौर विष्वविद्यालय सागर के मानव संसाधन विकास केन्द्र (एचआरडीसी) में शोध पर केन्द्रित लघुकालिक पाठ्यक्रम का षुभारंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी ने कहा कि षोध कार्य न केवल वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किया जाए वरन् भूतकालिक परंपराओं, संस्कृति आदि से भी उनकी तुलनात्मक उपयोगिता का अध्ययन किया जाए। समसामायिक समस्याओं के उपयुक्त हल हेतु परंपरागत कार्यषैली/जीवनषैली को ध्यान में रखते हुए भी यथासंभव हल निकाले जा सकते हैं। प्रो. तिवारी ने कहा कि षोध के लिये मौलिक सोच एवं अंतवैषियिक अनुषासन बेहद जरूरी है। केन्द्र के डायरेक्टर प्रो. टी.आर.बेडरे ने पाठ्यक्रम की रूप रेखा एवं संबंधित विषय वस्तु पर प्रकाष डाला। पाठ्यक्रम समन्वयक प्रो.दिवाकर सिंह राजपूत समाजषास्त्र एवं समाजकार्य विभागाध्यक्ष ने कहा कि षोध संवाद से षुरू होता है और अकादमिक उन्नयन के लिये अंतर्निहित निपुणताओं के माध्यम से प्रयास करना चाहिए। प्रो. राजपूत ने कहा कि स्थानीय स्तर के संसाधनों का वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग के द्वारा चैष्विक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं में सफलता प्राप्त की जा सकती है। कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम समन्वयक डाॅ. केषव टेकाम ने किया एवं डाॅ. विपुल भटट् ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेष, महाराष्ट्र, उत्तराखण्ड, आदि प्रदेषों के विभिन्न षैक्षणिक संस्थानों के षिक्षको ने प्रतिभागिता की। षोध के नये आयामों पर केन्द्रित यह लघुकालिक पाठ्यक्रम 10 से 15 फरवरी 2020 तक संचालित होगा जिसमें विभिन्न विषय विषेषज्ञों के व्याख्यान होंगे।
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शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों के वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान के आदेश जारी हुए

भोपाल।उच्च शिक्षा मंत्रीजीतू पटवारी के निर्देश पर शासन ने  प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों के वरिष्ठ श्रेणी वेतनमान के आदेश जारी हुए।
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मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों से युक्त करती है योग आधारित शिक्षा-डाॅ. अजय तिवारी

मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों से युक्त करती है योग आधारित शिक्षा-डाॅ. अजय तिवारी
सागर।स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में  ''उच्च शिक्षा के संवर्धन का विवेचनात्मक अध्ययन'' विषय पर शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। दीप प्रज्जवलन के अवसर पर स्वास्ति वाचन डाॅ. सुकदेव बाजपेयी नेे किया। विवि केेके  प्रबंध निर्देशक डाॅ.अनिल तिवारी नेे  कहा कियोग के समग्र सत्य को समझने और उसके अनुसार जीने की कला ही सही शिक्षा है, अन्यथा हम जीवन के सत्य और वैश्विक सत्य से वंचित रह जाते हैं। यदि हम योग के व्यक्तिक और पारिवारिक एवं सामाजिक सत्यों का पूरी ईमानदारी के साथ मूल्यांकन करेंगे तो व्यष्टि से समष्टि की ओर जायेंगे और यही मानवीय चेतना का मूल स्वभाव है। 
 संगोष्ठी का औचित्य बताते हुए श्रीमति बिन्दु दुबे ने कहा की योग एक मात्र वह साधन है, जो छात्रों को नियंत्रण एवं व्यवस्थित प्रणाली में कार्य करने की प्रेरणा देता है। जिससे स्वस्थ्य मन एकाग्रता शांति का अनुभव करता है। स्वस्थ्य जीवन एवं निरोग रहने के लिए योग सर्वोत्तम साधन है। क्योंकि स्वस्थ्य शरीर में ही स्वस्थ्य मस्तिष्क होता है। 
अहमदाबाद से पधारे डाॅ.सुरेन्द्र पाठक ने कहा- सनातन परंपरा अतियुग प्राचीन काल से प्रवाहमान है। संघर्ष से तनाव आता है। वात्सल्य, प्रेम, मुदिता से विकास होता है। भौतिकवादी (पाश्चात्य) परंपरा एवं उसकी मानसिकता मनुष्य को व्यक्तिवादी बनाती हैं अतिविश्वास की अवधारणा आ जाने से मनुष्य मूल्यों से दूर हो जाता है। ज्ञान में मांसा के अनुसार सत्यम, ज्ञानम, आनंदम इति ब्रहृा। चित्त की शुद्धि के द्वारा हम आत्मसाक्षात्कार करते हैं। और शिक्षा संस्कार व्यवस्था के द्वारा हमारी मानसिक स्थिति का सुधार करती है। शिक्षा का धर्म है छात्र की रूचि के अनुसार उसके लक्ष्य निर्धारण में ध्येय तक पहुँचने का साधन बने योग में हीन भावना नहीं है। 
योगाचार्य श्री विष्णु आर्य ने इस विषय पर बोलते हुए कहा- योग के प्रतिदिन अभ्यास से हमारे जीवन के सभी अभ्यास श्रेष्ठ परिष्कृत और दिव्य हो जाते है। नियमित योगाभ्यास ही स्वस्थ्य समृद्ध एवं आदर्श जीवन का आधार है। ओर सत्य कहें तो यही जीवन का लक्ष्य है। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलाधिपति डाॅ.अजय तिवारी ने कहा कि मानवीय मूल्यों एवं आदर्शों से युक्त करती है योग आधारित शिक्षा मनष्ुय प्रकृति या परमेश्वर की सर्वश्रेष्ठ रचना है और मनुष्य के पिण्ड व ब्रह्याण्ड में बीज रूप में जो सम्पूर्ण ज्ञान, संवेदना, सामथ्र्य, पुरूषार्थ, सुख शान्ति व आनन्द सन्निहित है, उसका पूर्ण प्रकरीकरण व जागरण केवल योगविद्या एवं योगाभ्यास से ही संभव है। आज विश्व समुदाय के सम्मुख सबसे बड़ी चुनौतियां है, हिंसा, अपराध, आतंकवाद, युद्ध, नशा, भ्रष्ट आचरण व भ्रष्टाचार, विचारधाराओं का चरम संघर्ष, अन्याय, अमानवीय असमानता, स्वार्थपरता, अहंकार एवं अकर्मण्यता और इन सबका समाधान है, योग विद्या - अध्यात्म विद्या का समग्रबोध, योग का नियमित अभ्यास एवं योगमय दिव्य श्रेष्ठ आचरण। छात्रों ने संगोष्ठी में सहभागिता की। श्रीमति अंतिमा शर्मा एवं डाॅ.आषुतोष शर्मा ने मंच संचालन किया। 
मंच को शोभायमान डाॅ.सुनीता जैन, डाॅ.दीप्ती शुक्ला, साथ ही सभागार में डाॅ.राकेश गौतम, डाॅ.दिनेश सिंह, श्रीमति नेहा दुबे, डाॅ.सुनीता दीक्षित, एवं सभी छात्र, छात्रा उपस्थित रहे। आभार ज्ञापन डाॅ.सुकदेव बाजपेयी के द्वारा किया गया। शांतिमंत्र के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।
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मालगुजारी खत्म हुई,अब राजस्व ग्राम पटेल को चाहिए अधिकार,आदर्श ग्रामीण पटेल संघ ने दिया ज्ञापन

मालगुजारी खत्म हुई,अब राजस्व ग्राम पटेल को चाहिए अधिकार,आदर्श ग्रामीण पटेल संघ ने दिया ज्ञापन
सागर। गांवों के मालगुजारी प्रथा खत्म हो चुकी है । इस परंपरा से जुड़े राजस्व ग्राम पटेल आज भी काम कर रहे है । गांवों में ग्राम सचिव और कोटवार की भांति यह तबका भी काम कर रहा है। ग्राम पटेलों ने अपने हक की लड़ाई शुरू की है। आदर्श ग्रामीण पटेल संघ के बैनर तले आज एक ज्ञापन प्रशासन को दिया।
ग्रामो में पटेलों की भूमिका अहम
संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पटेल ने बताया कि राजस्व पटेल ग्रामों की व्यवस्थासंचालन में हमेशा से अपना महत्वपूर्ण योगदान पूर्ण ईमानदारी व निष्ठा से देते आ रहेहै एंव बिना किसी पारिश्रमिक व मानदेय के समाज की सेवा में हमेशा तत्पर रहते है।ग्रामों के अंदर उत्पन्न छोटे - छोटे, वाद - विवाद का निपटारा करवाने तथा ग्राम कीशांति व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते आ रहे है। ग्रामों में घटित होनेवाले अपराधों की सूचना पुलिस प्रशासन को देना तथा कोई अप्रिय घटना घटित न हों,
इस हेतु पुलिस प्रशासन को हमेशा सहयोग देना, पटेलों ने अपना कर्तव्य समझा हैं। ग्रामों से संबंधित शासन के संपूर्ण विभागों के सेवकों को ग्रामों में उनकी चाही गई जानकारी उपलब्ध करवाने एंवउनके रात्रि विश्राम एंव खाने पीने की व्यवस्था भी हमेशा से पटेल लोग करते आ रहे
है। वास्तव मे भारतीय संविधान में बिना किसी लोभ, लालच तथा बिना किसी पारिश्रमिक
के अगर शासन की व्यवस्थाओं के संचालन में किसी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया
हैं तो वे केवल और केवल ग्राम के राजस्व पटेल हैं। आर्थिक संसाधनों की कमी थी एंव
शासन व्यवस्था के संचालन के लिये पर्याप्त संख्या में शासकीय सेवक नही हुआ करते
थे तथा सड़क परिवहन, टेलीफोन, न्यूजपेपर इत्यादी जनता से सीधे संवाद के माध्यम
नही थे तब भी ग्रामों के अन्दर पटेल एक महत्वपूर्ण योगदान देने वाला व्यक्ति हुआ
करता था। आर्थिक संसाधनों की कमी थी उस समय ग्रामों के अन्दरकमजोर तथा साधनहीन व्यक्ति जब किसी समस्या में फंस जाता था बीमार हो जाता था याआर्थिक तंगी की वजह से उसे अपना परिवार चलाने में दिक्कत आती थी तो पटेल लोग हीउनके लिये आगे आते थे, पटेलों ने कभी अपना नीजी हित नहीं देखा पटेलों की नीति हमेशासर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की रही है।
ग्राम पटेल अनिल विल्थरे ने बताया कि हम लोग गांवों में हर स्तर पर शासन की मदद करते है । इसका मानदेय  आता था।राजस्व विभाग में हमारी गिनती होती है। लेकिन हमारी समस्याओं के प्रति कोई ध्यान नही दे रहा है।
ये रही पटेलों की मांगें
 1 - पटेलो के पद को वंशानगत बनाया जावे। ताकि पटेल बिना किसी भय व पक्षपात के अपने कर्तव्य का निर्वाहन उचित तरीके से कर सके।
 2 - ग्राम पंचायत में पटेल को पदेन सदस्य नियुक्त किया जाये।
3 ग्राम पंचायत की ग्राम सभा का सभापति पटेलो को बनाया जाये। ताकि पंचायती राज्य को और भी मजबूती मिले। एंव ग्राम पंचायतो में जवाबदारीएंव पारदर्शिता बढ़े।
4 संबंधित ग्राम की सम्पूर्ण भूमि से संबंधित कार्यों जैसे भूमि सीमांकन,नामान्तरण, बटवारा या कि ग्राम के अर्न्तगत आने वाली सम्पूर्ण भूमि संबंधीकार्यों में पटेलो का सहयोग मिल सके।
5 ग्राम पंचायत के कार्यालय में सरपंचो के साथ साथ पटेलो के बैठने की भीव्यवस्था की जाये, एंव पटवारीयों को पटेलो का सहयोगी बनाया जाये।
.6 ग्राम में पटेलो के सहायक के रूप में कार्य करने वाले कोटवार भाईयों को भीपटेलो का पूर्ण सहयोगी बनाया जाये। ताकि पटेल एंव कोटवार मिलकर गांवकी व्यवस्था संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सके।
7 - ग्राम की व्यवस्था संचालन हेत कार्य करने वाले सम्पूर्ण विभागो से पटेलो कोजोडा जाये। जिससे कि ग्रामो में होने वाले प्रत्येक कार्य की निगरानी करपटेल अपनी जवाबदारी का निर्वाहन कर सके। एंव शासन की योजनाओं को
सठी संचालन हेतु अपना योगदान दे सके।
8 ग्राम में खाली पड़े पटेलो के पदों को जल्द भरा जाये। एंव ग्राम पंचायतसे अनुमोदन प्रस्ताव एव जाहिर सूचना की व्यवस्था को समाप्त कर सीधापटेलो के उत्तराधिकारीयों को सूचित किया जाये।
9 - जो पटेल लोग अपनी स्वेच्छा से पटेली का दायित्व अपने पुत्रो को देनाचाहते है, उनको बिना किसी प्रक्रिया के सीधा पद हस्तांतरित कर दियाजाये।
10 – जब तक कि देश की अंतिम अपीलीय कोर्ट, पटेलो को किसी प्रकरण मेंदोषी सिध्द न कर दे, तब तक पटेलो को अपने पद से प्रथक न किया जाये।
11 - क्योकी पटेल अपना सम्पूर्ण जीवन समाज हित हेतु समर्पित करते है अतःकिसी पटेल की पद पर रहते आकस्मिक मृत्यु होती है तो शासन की तरफसे उसके परिवार को 10,00,000/ रू दस लाख रूपये की आर्थिक सहायताप्रदान की जाये।
12 - 1 अप्रेल 2018 के पूर्व अविवादित जमीन के नामांतरण एंव बटवारे के अधिकारपटेलो को दिया जाये।




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