एमपी में नई नीति ,मेडीकल कालेज से निकले डॉक्टरों को एक साल ग्रामीण इलाकों में देंगे सेवाएं:चिकित्सा मंत्री साधौ
एमपी में नई नीति ,मेडीकल कालेज से निकले डॉक्टरों को एक साल ग्रामीण इलाकों में देंगे सेवाएं:चिकित्सा मंत्री साधौ
सागर। प्रदेश की चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ विजय लक्ष्मी साधो का कहना है कि एमपी सरकार ग्रामीण क्षेत्रो में डॉक्टरों की कमी दूर करने और बेहतर सुविधाओं के लिए एक नीति बना रही है । अब मेडीकल कालेज के छात्रों को अनिवार्य रूप से एक साल गामीण इलाको में अपनी सेवाएं देना पड़ेगी । अन्यथा मेडिकल कौंसिल आफ मध्यप्रदेश से उनका पंजीयन रद्द कर दिया जाएगा। कौंसिल में मेडिकल की पढ़ाई करने वालो का दो साल का पंजीयन होगा।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री साधो आज सागर में शासकीय बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज की साधारण सभा की बैठक लेने आई थी।
चिक्तिसा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधो आज मीडिया से चर्चा में कहा कि प्रदेश में मेडिकल चिकित्सा सुविधाओं में लगातार सुधार आ रहा है । सीएम कमलनाथ ने साफ कहा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता के साथ किसी तरह का समझौता नही किया जाएगा। प्रदेश में 13 कॉलेज चल रहे है । अभी पाँच और मंजूर हुए है। एक और मिलने वाला है । इससे प्रदेश में बेहतर डॉक्टर मिलनेगे।
उन्होंने कहा कि सरकार मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशयलिटी कोर्स शुरू कर रही है । सन 2023 तक ये सुपर स्पेशिएलिटी के डॉक्टर मिलेंगे। जबलपुर मेडीकल कालेज में इसकी शुरुआत हो चुकी है । कुछ नए कोर्स शुरू हुए है।इसके साथ प्रत्येक मेडिकल कालेज में वायरोलाजी लेब खोली जा रही है । इससे डेंगू और स्वाईन फ्लू आदि बिमारियोके परीक्षण जल्दी हो सकेंगे। इसके अलावा भोपाल और अन्य मेडीकल कालेज में कुछ नए सेंटर खोले जा रहे है।
प्रदेष की चिकित्सा षिक्षा, आयुष एवं संस्कृति विभाग मंत्री डा. विजयलक्ष्मी साधौ ने आज शासकीय बुन्देलखण्ड मेडीकल कॉलेज, सागर की साधारण सभा की बैठक ली और जरूरी निःर्देश दिए।।
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मकर संक्रांति: जाने मुहूर्त और महापुण्य काल
मकर संक्रांति: जाने मुहूर्त और महापुण्य काल
हिन्दू पर्व निर्णय के अनुसार, सूर्य मकर राशि में जिस दिन प्रवेश करता है, उस दिन मकर सक्रांति मनाई जाती है। यदि सूर्य मकर राशि में सूर्योदय से पूर्व प्रवेश करे, तो मकर संक्रांति पहले दिन ही मनाई जाएगी। मकर सक्रांति होने के बाद 02 घटी (48 मिनट) का समय महापुण्य काल होता है। इस बार मकर सक्रांति 15 जनवरी 2020, दिन बुधवार, रात्रि 02 बजकर 06 मिनट पर लग रही है।
पुण्य काल रात्रि में ही होना चाहिए परंतु संक्रांति का दान पुण्य सूर्य को साक्षी मानकर करने में अधिक पुण्यकारी माना जाता है। अतः 15 जनवरी 2020 को प्रातः काल से सूर्यास्त तक ही पुण्य काल मान्य होगा।
मकर सक्रांति: 15 जनवरी 2020, दिन बुधवार (शनि प्रकोप से मुक्ति पाने का पर्व है मकर सक्रांति)
मकर संक्रांति प्रवेश काल: रात्रि 02:06 बजे (30 मुहूर्त्ती)
विशेष पुण्य काल: प्रातः काल से सूर्यास्त तक।
इस दिन (पिता मंत्री) सूर्य देव (पुत्र राजा) शनि की राशि एवं गृह में प्रवेश करेंगे, आज से धनु (खर) मास का समापन हो जाएगा।
अत्यंत महत्वपूर्ण है मकर संक्रांति, शनि प्रकोप से मुक्ति
इस वर्ष 2020 की मकर संक्रांति का विशेष महत्व है क्योंकि इस संवत्सर 2076 के राजा शनि और मंत्री सूर्य हैं, मकर सक्रांति अयन संक्रान्ति होने के कारण अति महत्वपूर्ण है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति के स्वामी सूर्य पुत्र शनि देव हैं। शनि के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए इस दिन की गई सूर्योपासना महा शुभ है।
मत्स्य पुराण के अनुसार, मकर सक्रांति के दिन सूर्योपासना के साथ यज्ञ, हवन एवं दान को पुण्य फलदायक माना गया है। शिव रहस्य ग्रंथ के अनुसार, मकर सक्रांति के अवसर पर हवन पूजन के साथ खाद्य वस्तुओं में तिल एवं तिल से बनी वस्तुओं का विशेष महत्व बताया गया है।
पुराणों के अनुसार, मकर सक्रांति सुख, शांति, वैभव, प्रगति सूचक, जीवों में प्राण दाता, स्वास्थ्य वर्धक, औषधियों के लिए वर्णकारी एवं आयुर्वेद के लिए विशेष है।
इन लोगों के लिए कष्टप्रद होती है संक्रांति
यदि संक्रांति दिन में हो तो प्रथम तृतीयांश में क्षत्रियों को, दूसरे तृतीयांश में ब्राह्मणों को, तीसरे तृतीयांश में वैश्यों को और सूर्यास्त के समय की संक्रांति शूद्रों के लिए कष्टप्रद होती है।
इसी प्रकार रात्रि के प्रथम पहर की संक्रांति घ्रणित कर्म करने वालों को, दूसरे प्रहार की संक्रांति राक्षसी प्रवृत्ति के लोगों को, तीसरे पहर की संक्रांति संगीत से जुड़े लोगों को, चौथे प्रहार की संक्रांति किसान, पशुपालकों और मजदूरों के लिए दुःखदायिनी होती है।
मकर सक्रांति प्रायः माघ मास में आती है। शास्त्रों के अनुसार सूर्य की पहली किरण आसुरी संपत्ति मूलक भौतिक उन्नति की परिचायक होती है। वहीं उसकी सातवीं किरण आध्यात्मिक उन्नति की प्रेरणा देने वाली होती है।
- दैनिक जागरण/ज्योतिषाचार्य पं राजीव शर्मा, बालाजी ज्योतिष संस्थान, बरेली
OBC आरक्षण। हाईकोर्ट में 11 याचिकाओ की सुनवाई 28 जनवरी को
OBC आरक्षण। हाईकोर्ट में 11 याचिकाओ की सुनवाई 28 जनवरी को
जबलपुर। मध्य प्रदेश शासन द्वारा OBC की संख्या को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक 8/3/19 को 14% से बढ़ाकर 27% आरक्षण लागू किया गया है एवं इस अध्यादेश को विधिवत विधानसभा से पारित करके कानूनी रूप दिनांक 16 अगस्त 2019 को दिया जा चुका है तथा सामान्य प्रशासन विभाग द्वरा दिनांक 19 अगस्त को सम्पूर्ण विभागों सहित प्रवेश परीकक्षाओं में लागू कर दिया गया जिसे निरस्त करने हेतु 8 याचिकाएं दाखिल हुए है एवं प्रदेश में दिनांक 2 जुलाई 2019 को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10% नॉकरियो एवं प्रवेश परीक्षाओ में लागू किया गया है जिसमें ओबीसी, एससी,एसटी को बंचित रखा गया है जिसे ओबीसी/एससी/एसटी एकता मंच के अध्यक्ष लोकेन्द्र गुर्जर ने चुनोती दी है यदि ओबीसी के व्यक्ति की सामान्य आय 8 लाख है तो उसे क्रिमीलेयर माना जाता है और सामान्य वर्ग का व्यक्ति जिसकी आय 8 लाख है उसे आर्थिक रूप से कमजोर माना जाता है । उक्त परिस्थिति संविधान के अनुच्छेद 14 से असंगत है के आधार पर EWS आरक्षण की अधिसूचना को चुनोउती दी गई है । ओबीसी एडवोकेट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा एक याचिका हाई कोर्ट के विरूद्ध दायर कर न्यायिक क्षेत्र सहित हाई कोर्ट द्वारा की जाने बाली समस्त भर्तीयो में 27% आरक्षण लागू करने तथा रिक्त पद शीघ्र प्रतियोगी परीक्षा आयोजित करने की राहत चाही गई है ।
उपरोक्त 11 याचिकाओ की सुनवाई एक साथ किए जाने का आदेश पूर्व में न्यायालय द्वारा दिया जा चुका है लेकिन शासन द्वारा अभी तक मात्र एक ही याचिका में जबाब दाखिल किया गया है शेष याचिकाओ में दाखिल करने हेतु समय लिया गया है । उपरोक्त समस्त याचिकाओ में पिछड़ा वर्ग संघठनो की ओर से इन्टरवींन रामेश्वर सिंह ठाकुर अधिवक्ता, विनायक साह तथा EWS एवं हाई कोर्ट के विरूद्ध याचिकाकर्ताओ की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर पैरवी कर रहे है । उक्त समस्त प्रकारणों की अगली सुनवाई 28/01/2020 को होगी ।
आचार्य श्री से मंत्री जीतू पटवारी बोले, मप्र के सभी कालेजो में मूकमाटी का पाठ पढाया जाएगा
आचार्य श्री से मंत्री जीतू पटवारी बोले, मप्र के सभी कालेजो में मूकमाटी का पाठ पढाया जाएगा
इंदौर। इंदौर में विराजमान दिगम्बर जैन समाज के सबसे बड़े संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन करने मप्र सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी पहुंचे उन्होंने गुरुदेव को श्रीफल समर्पित कर आशीर्वाद लिया।
आचार्य श्री के ज्येष्ठ शिष्य मुनि श्री सम्भव सागर जी महाराज द्वारा मंत्री पटवारी को आचार्य श्री द्वारा लिखित मूकमाटी पुस्तक की जानकारी दी। और कहा कि इस पुस्तक को यदि सभी विश्व विद्यालय में पाठ्यक्रम में शामिल किया गया तो उससे छात्रों का भविष्य बहुत बेहतर होगा। इसके साथ इस पुस्तक को सभी कालेज की लायब्रेरी में भी अध्ययन के लिए रखा जाए। मंत्री श्री पटवारी ने आचार्य श्री के समक्ष कहा की मै इस मामले में शीघ्र ही अधिकारियों से चर्चा कर के इस पुस्तक को पाठ्यक्रम में शामिल करवाऊँगा। मंत्री पटवारी ने तत्काल से फ़ोन पर अधिकारियों को आदेशित भी किया की मूकमाटी पुस्तक को प्रदेश के सभी कालेज की लायब्रेरी में रखा जाए। प्रदेश सरकार अहिंसा के प्रचार में सतत प्रयासरत हैं
मंत्री पटवारी ने समाजजन को संबोधित करते हुए कहा की मप्र सरकार आचार्य श्री के मुख्य उद्देश्य अहिंसा के प्रचार में प्रयासरत है। महात्मा गांधी जी की तरह ही आचार्य श्री भी पूरे देश में अहिंसा के लिए काम कर रहे है। मेरी वर्षों से एक ही इच्छा थी कि मैं आचार्य श्री के दर्शन करूँ, आज जब मैने उनके दर्शन का लाभ लिया तो ऐसा अनुभव हुआ की अब जाकर मेरा जन्म सफल हो गया है।
पथरिया- करेली नई रेल लाईन की मंजूरी के लिए,पीएम को पत्र लिखा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने
पथरिया- करेली नई रेल लाईन की मंजूरी के लिए,पीएम को पत्र लिखा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने
सागर । पीएम नरेंद्र मोदी के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने पथरिया- करेली नई रेल लाईन की मंजूरी के लिए पत्र लिखा है।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के पत्रानुसार मेरे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्ररहली जिला सागर सहित समुचाबुन्देलखण्ड क्षेत्र रेल मार्गविहीन क्षेत्र है। श्री हरिकांत मिश्रा एडव्होकेट रहली सहितसैकड़ों कार्यकर्ता एवं नागरिकों ने पत्र व्यवहार के माध्यमसे एवं सौजन्य भेट कर अवगत कराया है कि पयरिया सेकरेली वाया गढ़ाकोटा, रहली, देवरी, बरमान होते हये करेलीतक रेलवे मार्ग का सर्वे कराकर नवीन रेल मार्ग बनायेजाने की सर्वदलीय मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मांग की है।
उन्होंने लिखा कि बुन्देलखण्ड आजादी के बाद से ही पिछड़ेपन कादश झेल रहा है पूर्व में कांग्रेसी सरकारों के उपेक्षित रवैयेके कारण रेल मार्ग स्वीकृत ना होने से रोजगार के अभावमें बड़ी संख्या में लोग मजदूरी करने पलायन कर रहें है।कृषि समेत मौजूदा संसाधनों का दोहन नहीं हो पा रहा है।देश के अन्य हिस्सों की तुलना में बुन्देलखण्ड क्षेत्र पिछडाहै । बुन्देलखण्ड में ना केवल पर्यटन की अपार संभावनायेंहै बल्कि रोजगार के भी अवसर बनाये जा सकते है इसकेलिए जरूरी है कि बुन्देलखण्ड में अतिमहत्वपूर्ण कार्य रेलवेट्रैक बनाया जाये एवं पथरिया - करेली रेल संचालन कीअनुमित दी जाना अपेक्षित है। इससे दमोह, सागर एवंनरसिंहपुर जिला को रेल आवागमन सुविधा मिलेगी तथाबीना - कटनी रेलवे ट्रैक एवं इटारसी - जबलपुर - कटनीरेलवे ट्रैक आपस में जुड़ जायेगे और उक्त दोनों ट्रैकों केजुड़ जाने से वाया भोपाल होकर इटारसी जाने की दूरी २००कि.मी कम होगी।पूर्व में तत्कालीन रेल मंत्री श्री नीतेश कुमार जीने सागर प्रवास के दौरान पथरिया - करेली रेल मार्ग केसर्वे कार्य की सहर्ष स्वीकृती प्रदान की थी किन्तु आपकोबताते हुएं खेद है कि आज दिनांक तक सर्वे कार्य प्रारंभनहीं हुआ है।अतएव आप से विनम अनुरोध है कि सर्वदलीयमोर्चे की मांग को स्वीकार करते हुएं, पथरिया - करेली रेलमार्ग की स्वीकृती प्रदान कर अनुग्रहीत करे।
पथरिया- करेली नई रेल लाईन की मंजूरी के लिए,पीएम को पत्र लिखा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने
पथरिया- करेली नई रेल लाईन की मंजूरी के लिए,पीएम को पत्र लिखा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने
अनुरोध ज्ञापित है कि मेरे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्ररहली जिला सागर सहित समुचाबुन्देलखण्ड क्षेत्र रेल मार्गविहीन क्षेत्र है। श्री हरिकांत मिश्रा एडव्होकेट रहली सहितसैकड़ों कार्यकर्ता एवं नागरिकों ने पत्र व्यवहार के माध्यमसे एवं सौजन्य भेट कर अवगत कराया है कि पयरिया सेकरेली वाया गढ़ाकोटा, रहली, देवरी, बरमान होते हये करेलीतक रेलवे मार्ग का सर्वे कराकर नवीन रेल मार्ग बनायेजाने की सर्वदलीय मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मांग की है।
बुन्देलखण्ड आजादी के बाद से ही पिछड़ेपन कादश झेल रहा है पूर्व में कांग्रेसी सरकारों के उपेक्षित रवैयेके कारण रेल मार्ग स्वीकृत ना होने से रोजगार के अभावमें बड़ी संख्या में लोग मजदूरी करने पलायन कर रहें है।कृषि समेत मौजूदा संसाधनों का दोहन नहीं हो पा रहा है।
देश के अन्य हिस्सों की तुलना में बुन्देलखण्ड क्षेत्र पिछडाहै । बुन्देलखण्ड में ना केवल पर्यटन की अपार संभावनायेंहै बल्कि रोजगार के भी अवसर बनाये जा सकते है इसकेलिए जरूरी है कि बुन्देलखण्ड में अतिमहत्वपूर्ण कार्य रेलवे
ट्रैक बनाया जाये एवं पथरिया - करेली रेल संचालन कीअनुमित दी जाना अपेक्षित है। इससे दमोह, सागर एवंनरसिंहपुर जिला को रेल आवागमन सुविधा मिलेगी तथाबीना - कटनी रेलवे ट्रैक एवं इटारसी - जबलपुर - कटनी
रेलवे ट्रैक आपस में जुड़ जायेगे और उक्त दोनों ट्रैकों केजुड़ जाने से वाया भोपाल होकर इटारसी जाने की दूरी २००कि.मी कम होगी।
पूर्व में तत्कालीन रेल मंत्री श्री नीतेश कुमार जी
ने सागर प्रवास के दौरान पथरिया - करेली रेल मार्ग केसर्वे कार्य की सहर्ष स्वीकृती प्रदान की थी किन्तु आपकोबताते हुएं खेद है कि आज दिनांक तक सर्वे कार्य प्रारंभनहीं हुआ है।अतएव आप से विनम अनुरोध है कि सर्वदलीयमोर्चे की मांग को स्वीकार करते हुएं, पथरिया - करेली रेलमार्ग की स्वीकृती प्रदान कर अनुग्रहीत करे।