दो कारो में अवैध शराब, पौने दो लाख की शराब जब्त,तीन आरोपी गिरफ्तार

दो कारो में अवैध शराब, पौने दो लाख की शराब जब्त,तीन आरोपी गिरफ्तार
सागर । अवैध शराब  का परिवहन लग्जरी  वाहनों से जमकर हो रहा है । सागर जिले के खुरई में  पुलिस ने दो ऐसे ही वाहनों से  पौने दो लाख से अधिक कीमत की 42 पेटी अवैध शराब जब्त की है। इसमे तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक श्पलिस अधीक्षक सागर मार्गदर्शन में  अवैध शराब की परिवहन के रोकथाम के सबंध में निर्देशित किया गया था।
जिसके पालन में थाना प्रभारी खुरई ग्रामीण रोहित मिश्रा को मुखबिर व्दारा सूचना प्राप्त
हई। प्राप्त सूचना की तस्दीक हेतु मय फोर्स के रवाना होकर ग्राम कौरासा तिराहे पर चैकिंग की।  वाहन चैकिंग  के दौरान गाडी नम्वर MP 04T8713 टवेरा तथा दूसरी गाडी क्र.MP 1572559 शिफ्ट डिजायर इन  दोनों में कुल
42 पेटी अवैध शराब कुल मात्रा 369 ली0 कुल कीमती 1,78,300 रूपये की जब्त की गई।पुलिस ने  आरोपी राजकुमार पिता प्रहलाद सिंह ठाकुर भगवानगंज सागर,प्रवीण पिता रामगोपाल शर्मा पगारा रोड सागर जाहर पिता रहीम खान,ग्राम पीपरा थाना नरयावली को गिरफ्तार किया गया ।गाडियों को मयशराब के साथ जप्त किया गया ।
इस कार्यवाही में  प्रभारी उनि रोहित मिश्रा आरक्षक संजय प्रजापति , भूपेन्द्र  परिहार  शाजिद खान ,आनंद खटीक ,प्रदीप गोयल ,डाल सिंह आदि शामिल थे।

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चितिंत होने से अधिक चिंतित दिखने की कोशिश @भूपेन्द्र गुप्ता

चितिंत होने से अधिक चिंतित दिखने की कोशिश

@भूपेन्द्र गुप्ता

देश की चिंता करना और चिंतित दिखना दोनों में बहुत फर्क है ।वर्तमान में सरकार चिंतित दिखने की कोशिश कर रही है ,इसी तर्ज पर देश के नीति आयोग ने अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों की एक बैठक बुलाकर निष्कर्ष विहीनता का परिचय दिया है ।आज राजकोषीय घाटे की समस्या केवल केंद्र की नहीं है राज्य भी इस भीषण संकट से गुजर रहे हैं लगभग सभी राज्य  3.4% की सीमा पर बैठे हुए हैं । तब क्या यह बेहतर नहीं होता कि इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री एवं उनकी वित्तीय व्यवस्था देखने वाली नौकरशाही को भी शामिल किया जाता इससे राज्यों की समस्याएं भी सामने आती और उनकी प्राथमिकताओं पर केंद्र का ध्यान भी आकर्षित होता किंतु इस बैठक से तो देश की वित्त मंत्री ही गायब थी तब ऐसी बैठकों से क्या निष्कर्ष निकल सकते हैं और देश को क्या दिशा मिल सकती है यह अपने आप में ही बड़ा सवाल है।
अंततः केंद्र सरकार ने नोटबंदी और हड़बड़ी में लागू किये गये जीएसटी से बिगड़ी अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए 6 साल बाद बजट पूर्व अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से सुझाव लेने का मन बनाया  और एक बैठक आयोजित की । क्या यह ज्यादा समीचीन नहीं होता अगर सरकार इस बैठक में राजन,पनगड़िया या अरविंद सुब्रमन्यम को भी बुला लेती या कि निजी तौर पर ही सही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह या अमर्त्य सेन जैसे महान अर्थशास्त्रियों से भी देशहित में राय ली जाती ।खैर जो सुझाव अर्थशास्त्रियों के सामने से आए हैं वह भी देश की चिंताजनक अर्थ व्यवस्था की तस्वीर ही पेश करते हैं ।एक दैनिक अखबार के अनुसार एक विशेषज्ञ ने यह सुझाव दिया है कि आर्थिक सुस्ती का दायरा इतना बड़ा है कि अब राजकोषीय घाटे की फिक्र किए बिना खर्च बढ़ाने चाहिए और इसकी योजनाएं बनानी चाहिए। एक अन्य अर्थशास्त्री ने यह सवाल उठाया कि राजकोषीय घाटे के बारे में वास्तविक आंकड़े सामने आने चाहिए। विश्वसनीय आंकड़े ही समाधान की ओर ले जा सकते हैं उन्होंने कहा कि संशोधित अनुमानों के मुताबिक 18-19 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.4% रहा है अगर बजट से हटकर ली गई उधारी को इसमें शामिल किया जाए तो यह 6 फ़ीसदी के आसपास आता है ।बैठक में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर लोगों ने अर्थव्यवस्था की सुस्ती के परिमाण पर चिंता व्यक्त की है। यह भी बताया जाता है कि बैठक में 30-35 लोग शामिल थे एवं किसी भी अर्थशास्त्री या विशेषज्ञ को 2 मिनट से अधिक का समय सुझाव देने के लिए नहीं मिला। क्या भारत की अर्थव्यवस्था की कठिनाइयों को समझने के लिये 2 मिनट का समय काफी  है ? यह सवाल सभी के चेहरों पर एक सन्नाटा छोड़कर चला गया है।ऐसा नहीं लगता  कि सरकार अपनी कोई अर्थनीति बना पाई है ? हालांकि सरकार ने आश्वस्त किया है कि आगामी बजट से स्थितियों में बड़ा सुधार परिलक्षित होगा किंतु साथ ही एन आई पी की रिपोर्ट भी चिंता ही जाहिर करती है ।एक तरफ मोदी सरकार इस बात का ढिंढोरा पीट रही है कि निजीकरण से देश में  प्रतिस्पर्धा का वातावरण सुधरेगा किंतु दूसरी तरफ आधारभूत संरचना में 2025 तक जिस 102 लाख करोड़ रुपए दिए जाने की  बात की गई है उसमें 78% पैसा तो सार्वजनिक क्षेत्रों से ही खर्च किया जाएगा जबकि मात्र 22 फ़ीसदी धन ही निजी क्षेत्र लगायेगा। इसका अर्थ  है कि भले ही सरकार ने योजना आयोग को भंग कर पंचवर्षीय योजनाओं या दीर्घकालीन योजनाओं से हाथ हटाने की कोशिश की  और उसे निरर्थक सिद्ध किया हो किंतु उसी पंचवर्षीय योजनाओं पर लौटने के लिए चुप कदम उसने नेहरूवादी अर्थव्यवस्था को ही स्वीकार कर लिया है ।
कई क्षेत्र तो ऐसे हैं जिनमें निजी क्षेत्र का कोई निवेश ही नहीं है एटॉमिक एनर्जी ,रेलवे ,सिंचाई ,कृषि और नवकरणीय ऊर्जा योजनाएं ऐसे क्षेत्र हैं जहां पर निजी क्षेत्र का निवेश अत्यंत अल्प ही है किंतु सार्वजनिक धन से बनने वाली इन योजनाओं की आधारभूत संरचना को परिचालन के लिए निजी क्षेत्र को सौंपने का अर्थ है कि जोखिम तो सार्वजनिक निवेश के मत्थे जाएगा और लाभ निजी हाथों में सिमट जाएगा ।यह परिस्थिति और भी चिंताजनक तथा भयावह है। जब प्रधानमंत्री जी यह स्वीकारते हैं कि उनके 5 साल बर्बाद हो गए हैं ,तो इसकी भरपाई की कोशिशें भी तो दिखाई पड़नी चाहिये।अंततः ये पांच साल देश के  भी तो बर्बाद हुये हैं ।
 देश की पंचवर्षीय योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण चीज वित्त के अनुशासन की होती थी । यथा समय संसाधनों की उपलब्धता बनाई जाती थी  किंतु एनआईपी (अधोसंरचना पाइपलाइन)में यह समझना बाकी है कि सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र किस तरह उसकी जरूरत के संसाधनों की पूर्ति कर सकेंगे।
यह भी सामने आया है कि बैठक में सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के निवेश, कर्ज के विस्तार ,सरकारी बैंकों के कामकाज में सुधार,एक्सपोर्ट में वृद्धि एवं कंजम्पशन बढ़ाने पर ध्यान देने का सुझाव दिया गया है। विशेषकर रोजगार सृजन की महत्ता पर सभी विशेषज्ञों ने अपनी राय जाहिर की है किंतु यह भी उतना ही सच है कि देश में चर्चा तो सार्वजनिक निवेश की हो रही है किंतु फैसले सार्वजनिक विनिवेश के लिए जा रहे हैं ।बीपीसीएल जैसी लाभदायी कंपनी के विनिवेश के बाद बीएचईएल,एम एम टी सी के विनिवेश की भी चर्चायें शुरु हो गईं हैं ,अब रास्ता कहां जाकर निकलेगा इसे तो अगला बजट ही बता पाएगा।फिलहाल दिखाने के लिये ही सही देश ने चिंतित होना तो शुरू कर ही दिया है।

(लेखक स्वतंत्र विश्लेषक एवं मध्यप्रदेश कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष हैं)
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कुमारी रिद्धि ने बढ़ाया सागर का मान, जायेगी जापान

कुमारी रिद्धि ने बढ़ाया सागर का मान, जायेगी जापान
सागर ।शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय सागर की छात्रा कुमारी रिद्धि तिवारी का चयन भारत सरकार की विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा सकुरा प्रोग्राम के अंतर्गत यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम मैं जापान जायेगी।
सागर की एक्सीलेंस स्कूल की छात्रा कुमारी रिद्धि तिवारी का चयन सकुरा प्रोग्राम के अंतर्गत पिछले वर्ष इंस्पायर अवार्ड में टॉप 60 मॉडल में चयन होने की आधार पर किया गया है इस यात्रा में छात्रों को जापान की विज्ञान एवं तकनीक का अध्ययन करीब से करने का अवसर प्राप्त होता है। कुमारी रिद्धि की यह जापान यात्रा सागर के षिक्षा के इतिहास में बड़ी उपलब्धि है। कुमार रिद्धि ने विगत वर्ष इंस्पायर अवार्ड प्रदर्षनी में विद्यालय के प्राचार्य डा. आरके बैघ के मार्गदर्षन में सौर पैनल की क्षमता अभिवृद्वि का मॉडल तैयार किया था। डा. बैघ ने बताया कि प्राप्त निर्देषों के अनुसार कुमार रिद्धि अप्रैल, जून एवं नवम्बर में जाने वाले किसी भी दल वाल विज्ञानिकों के साथ जापान जायेगी।  इस उपलब्धि पर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक, संयुक्त संचालक लोक षिक्षण डा. आर.एन. शुक्ला एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री महेंद्र प्रताप तिवारी एडीपीसी श्री गिरीश मिश्रा एवं उत्कृष्ट विद्यालय के साला परिवार ने रिद्धि को बधाई दी है।
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सड़क त्रासदी की पीड़ा जीवन भर रहती है,सुरक्षित रहकर वाहन चलाये: मन्त्रीहर्ष यादव

सड़क त्रासदी की पीड़ा जीवन भर रहती है,सुरक्षित रहकर वाहन चलाये: मन्त्रीहर्ष यादव
सागर। 31 वे राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का शुभारंभ नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव ने हेलमेट रैली को  हरी झंडी दिखाकर किया।इस मौके पर मन्त्री हर्ष यादव ने कहा कि जीवन कितना असुरिक्षत करके हम  निकलते है  यह सोचने का विषय है।सड़क त्रासदीकी  जिंदगी भर की पीड़ा होती है । हम परिवार और जीवन के प्रति लापरवाह होते जा रहे है।उनहोने कहा कि  बढ़ती काम की आपाधापी में हम लापरवाह बनते जा रहे है । कई परिवार तबाह हो गए है ।हम  पुलिस की समझाईश को कितना उपयोग करते है । यह हमारी  नैतिक  जिम्मेदारी है।उन्होंने कहा किहम  सबको मिलकर सुरक्षित जीवन का संकल्प लेना होगॉ।इसी के साथ संकेतकों की जानकारी भी हमे रखनी होगी। हमे अपने आपको  सुधारने की जरूरत है । हम यातायात नियमो का पालन करते हुए आगे बढ़े  । सड़क हादसों की तस्वीर भयावह होती जा रही है।
जन सहयोग से सम्भव:आईजी सतीश सक्सेना
 इस मौके पर सागर झोन के आई जी सतीश सक्सेना ने कहा कि जिस तरह इंदौर में स्वछता अभियान में जन भागेदारी से पहला स्थान मिला। उसी तरह हम सभी को यातायात के नियमो का हमेशा खुद पालन करना होगा। फिर ऐसे सड़क सुरक्षा सफ्ताहो की जरूरत ही नही पड़ेगी। जिंदगी की सुरक्षा के लिए नियमो का पालन करे।
सागर जिले में हर साल चार सौ मौत सड़क :एसपी अमित सांघी
हादसों में :एसपी पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि सागर जिले में हर साल 400 मोटे सड़क हादसों में होती है। करीब दो हजार सड़क दुर्घटनाएं होती है। हमे इन आकंडो से समझना होगा कि कितना असुरक्षित जीवन बना है। हेलमेट लगाए और नियमो का पालन करे अन्यथा घर पर लोग इंतजार ही करते रहे जाएंगे। हर व्यक्ति के मन मे पुलिस बैठी है। उसको जगाए और सुरक्षित रहे।कार्यक्रम को शहर अध्यक्ष रेखा चोधरी ने सम्बोधित किया। अतिथियों का स्वागत asp राजेश व्यास विक्रम सिंह, asp ट्रैफिक संजय खरे  ने किया
रैलीका शुभारम्भ हुआ
इस मौके पर हेलमेट जागरूकता रैली को मन्त्री हर्ष यादव ने हरी झंडी दिखाई। इस मौके पर सागर झोन के आईजी सतीश सक्सेना,एसपी अमित सांघी, asp राजेश व्यास,विक्रम सिंह ,यातायात asp संजय खरे,शहर अध्यक्ष रेखा चोधरी, जितेंद्र चावला,अमित राम जी दुबे,सुरेंद्र चोबे,सिंटू कटारे,पप्पू गुप्ता,पप्पू तिवारी, आनंद तोमर पुलिस अधिकारी,कालेज और NCC के छात्र छात्राएं सहितअनेक लोग मौजूद थे। 
यमराज और चित्रगुप्त बने आकर्षण का केंद्र
रैली सागर के प्रमुख मार्गों से निकली । इसमे एक झांकी ट्रक पर बनी थी। जिसमे यातायात के नियमो की जानकारी दी गई थी। वही  मौत के देवता यमराज और चित्रगुप्त की भेषभूषा में संदेश देने वाले बहरूपिये आकर्षण का केंद्र थे। ये बहरूपिये शहर के प्रमुख चौराहों पर संदेश देंगे कि नियमो को पालन करे अन्यथा  हादसा हो जाएगा।
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अधिकारी ज्ञानेंद्रिय है तो कर्मचारी कार्येंद्रिय : डी.जी. पुरूषोत्तम शर्मा

अधिकारी ज्ञानेंद्रिय है तो  कर्मचारी कार्येंद्रिय : डी.जी. पुरूषोत्तम शर्मा

भोपाल। लोक अभियोजन संवर्ग में हमारे अभियोजन अधिकारी ज्ञानेंद्रिय है तो लोक अभियोजन के सहायक ग्रेड कर्मचारी अभियोजन की कार्येंद्रिय है जिनके कारण अभियोजन उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। किसी भी संगठन के लक्ष्य को कुषल और प्रषिक्षित कर्मचारियों के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है इसी उद्देष्य से सहायक ग्रेड कर्मचारी का 13 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम म.प्र. पुलिस अकादमी भौंरी, भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। उक्त आषय के उद्गार लोक अभियोजन के सहायक ग्रेड-3 का आधारभूत प्रषिक्षण कार्यक्रम आधार निर्माण का शुभारंभ करते हुए पुरूषोत्तम शर्मा महानिदेषक लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि म.प्र. पुलिस अकादमी भौंरी के निदेषक अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक श्री वाइफै द्वारा सम्मिलित प्रषिक्षुओं को प्रेरक उद्बोधन करते हुए उनके भविष्य की मंगल कामना की गई। प्रषिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा सहायक संचालक प्रषिक्षण श्रीमती अमिता बरतारिया द्वारा प्रस्तुत करते हुए प्रषिक्षण कार्यक्रम को व्यावहारिक कठिनाईनों का समाधान करते हुए कर्मचारियों की कार्यदक्षता को विकसित करने वाला निरूपित किया गया।

ज्ञात हो कि उक्त प्रषिक्षण कार्यक्रम में प्रदेष के लगभग 260 कर्मचारी प्रषिक्षु के रूप में सम्मिलित हुए हैं, जिन्हें लेखा संबंधी, स्थापना एवं रीडर आदि विभिन्न विषयों पर उक्त क्षेत्र के विषेषज्ञों द्वारा 13 दिवस का प्रषिक्षण दिया जायेगा। जिसमें सागर अभियोजन के सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित कुमार जैन द्वारा प्रषिक्षुओं को मासिक नक्षा बनाने, फिंगरप्रिंट लेने संबंधी नियमों से अवगत कराया गया। शुभारंभ के अवसर पर पुलिस अकादमी भौंरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री रष्मि पाण्डे, श्री मौर्या, उप संचालक अभियोजन के.के. सक्सेना सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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अधिकारी ज्ञानेंद्रिय है तो कर्मचारी कार्येंद्रिय : डी.जी. पुरूषोत्तम शर्मा

अधिकारी ज्ञानेंद्रिय है तो  कर्मचारी कार्येंद्रिय : डी.जी. पुरूषोत्तम शर्मा
सागर। लोक अभियोजन संवर्ग में हमारे अभियोजन अधिकारी ज्ञानेंद्रिय है तो लोक अभियोजन के सहायक ग्रेड कर्मचारी अभियोजन की कार्येंद्रिय है जिनके कारण अभियोजन उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है। किसी भी संगठन के लक्ष्य को कुषल और प्रषिक्षित कर्मचारियों के द्वारा ही हासिल किया जा सकता है इसी उद्देष्य से सहायक ग्रेड कर्मचारी का 13 दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम म.प्र. पुलिस अकादमी भौंरी, भोपाल में आयोजित किया जा रहा है। उक्त आषय के उद्गार लोक अभियोजन के सहायक ग्रेड-3 का आधारभूत प्रषिक्षण कार्यक्रम आधार निर्माण का शुभारंभ करते हुए पुरूषोत्तम शर्मा महानिदेषक लोक अभियोजन संचालनालय द्वारा व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि म.प्र. पुलिस अकादमी भौंरी के निदेषक अतिरिक्त पुलिस महानिदेषक श्री वाइफै द्वारा सम्मिलित प्रषिक्षुओं को प्रेरक उद्बोधन करते हुए उनके भविष्य की मंगल कामना की गई। प्रषिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा सहायक संचालक प्रषिक्षण श्रीमती अमिता बरतारिया द्वारा प्रस्तुत करते हुए प्रषिक्षण कार्यक्रम को व्यावहारिक कठिनाईनों का समाधान करते हुए कर्मचारियों की कार्यदक्षता को विकसित करने वाला निरूपित किया गया।
ज्ञात हो कि उक्त प्रषिक्षण कार्यक्रम में प्रदेष के लगभग 260 कर्मचारी प्रषिक्षु के रूप में सम्मिलित हुए हैं, जिन्हें लेखा संबंधी, स्थापना एवं रीडर आदि विभिन्न विषयों पर उक्त क्षेत्र के विषेषज्ञों द्वारा 13 दिवस का प्रषिक्षण दिया जायेगा। जिसमें सागर अभियोजन के सहायक जिला अभियोजन अधिकारी अमित कुमार जैन द्वारा प्रषिक्षुओं को मासिक नक्षा बनाने, फिंगरप्रिंट लेने संबंधी नियमों से अवगत कराया गया। शुभारंभ के अवसर पर पुलिस अकादमी भौंरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुश्री रष्मि पाण्डे, श्री मौर्या, उप संचालक अभियोजन के.के. सक्सेना सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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अमेरिकी राजनयिक ने किया माखनलाल चतुर्वेदीपत्रकारिता विवि में छात्रों से संवाद

अमेरिकी राजनयिक  ने किया  माखनलाल चतुर्वेदीपत्रकारिता विवि में छात्रों से संवाद
भोपाल। अमेरिका के मुंबई स्थित कांसुलेट (वाणिज्य दूतावास) के राजनयिक श्री डेविड जे राँज़ ने आज भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में आकर विश्व में चल रहे अनेक मुद्दों सहित अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विषय में व्याख्यान दिया। व्याख्यान में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने राजदूत  प्रश्नोत्तर भी किए।

यह पहला अवसर है जब अमेरिका के राजनयिक ने मध्यप्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के साथ संवाद किया।व्याख्यान के पूर्व श्री राँज़ ने कुलपति श्री दीपक तिवारी के साथ मुलाकात की। श्री राँज़ ने अमेरिका में उच्चशिक्षा के विषय मे विस्तार से बताया।
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हत्या का प्रयास करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास,महिला को मारा था खपचा

हत्या का प्रयास करने वाले आरोपी को 10 वर्ष का कठोर कारावास,महिला को मारा था खपचा
सागर। विषेष न्यायाधीष/नवम अपर सत्र न्यायालय नीलू संजीव श्रृंगीऋषि ने हत्या का प्रयत्न करने वाले आरोपी घनष्याम पिता रामकिषन अहिरवार उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम नई बस्ती बड़ा करीला संत रविदास वार्ड थाना मोतीनगर सागर को धारा 307 भादवि में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और 2000 रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया। प्रकरण में म. प्र. शासन की ओर से पैरवी विषेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी राजीव रूसिया द्वारा की गयी।

जिला अभियोजन सागर के सह-मीडिया प्रभारी अमित जैन ने बताया कि घटना दिनांक  31.05.2016 को जिला अस्पताल सागर से थाना मोतीनगर में सूचना प्राप्त हुई। जिसके आधार पर पीड़िता के कथन लेख किये गये। पीड़िता ने अपने कथनों में बताया कि वह दिन के 11 बजे अपने घर के बाहर बनी नहानी में नहाकर कपड़े धो रही थी तभी मोहल्ले का घनष्याम अहिरवार हाथ में खपचा लिये आया और उसका हाथ पकड़ लिया। जब उसने हाथ छुड़ाया तो आरोपी ने खपचा मारा जो उसके बांये तरफ आॅंचल में लगा कटकर खून बहने लगा वह बैठ गई तो उसने फिर मारने की कोषिष की जिससे उसे दाहिने पैर के घुटने के नीचे चोट आई थी। घटना दिनांक से करीब 7-8 माह से आरोपी उससे छेड़छाड़ करता था व बुरी नीयत से देखता था। उसने अपने मम्मी पापा को बताया था कि आरोपी उसे परेषान करता है और शादी करने की कहता है पीड़िता के कहने पर भी वह नहीं माना आरोपी ने उसे जान से मारने की नीयत से मारा था। पीड़िता के चिल्लाने पर उसके मम्मी पापा भाई एवं मोहल्ले के अन्य लोग आ गये थे जिन्होंने घटना देखी थी।

थाना मोतीनगर में अपराध पंजीबद्ध किया गया। अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र धारा 354ए, 307, 324 भादवि एवं 11/12 पाक्सो एक्ट में माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन ने अपना मामला अभियुक्त के विरूद्ध धारा 307 भादवि में युक्तियुक्त संदेह से परे प्रमाणित किया जिसके आधार पर माननीय विषेष न्यायाधीष/नवम अपर सत्र न्यायालय नीलू संजीव श्रृंगीऋषि की अदालत ने अभियुक्त घनष्याम अहिरवार को धारा 307 भादवि में दोषी पाते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 2000 रूपये के जुर्माने से दंडित किया।
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