कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर

कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर
सागर। स्मृति शेष तीरथदास हसरेजा जैसे लोग कभी मृत नहीं होते हैं। वे आज भी हमारे बीच जीवित हैं।उनके द्वारा किए गए समाज सेवा के कार्य उन्हें जीवन पर्यंत जीवित बनाए रखेंगे। उनके द्वारा स्थापित श्रीराम सेवा समिति द्वारा अपने जनकल्याणकारी कार्यों के माध्यम से उनकी स्मृति को स्थायित्व देने के लिए समस्त
कार्यकर्ता और सेवाधारी पूरी निष्ठा तथा समर्पण भाव से कार्यरत हैं और रहेंगे।श्री तीरथदास किसी धर्म विशेष के व्यक्ति नहीं थे।उनका धर्म यदि कोई था तो वह था समाज सेवा का कर्म। यह बात सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने श्री हसरेजा के निधन पर श्रीराम सेवा समिति सागर द्वारा रविवार को संत कंवर राम वार्ड स्थित झूलेलाल उद्यान में आयोजित एक श्रद्धांजली सभा में कही। ज्ञातव्य है कि श्री हसरेजा का लगभग 80 वर्ष की आयु में दिनांक 25 दिसंबर 2019 को आकस्मिक निधन हो गया था।
 पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल सौम्या ने स्व.हसरेजा को समाज का गौरव निरूपित किया। शिवसेना के पप्पू  तिवारी ने उन्हें एक संकल्पित और श्रेष्ठ समर्पित समाजसेवी बताया। समिति के संरक्षक रमाकांत यादव ने कहा कि आज जहां समाज सेवा को प्रचार का माध्यम बना लिया गया है वहीं हसरेजा जी निस्वार्थ भाव से बगैर किसी प्रचार प्रसार के समाज सेवा में लगे रहते थे,जो कि वर्तमान समय में एक विरला उदाहरण कहा जा सकता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ के अध्यक्ष शिव शंकर केसरी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए श्री हसरेजा से जुड़े अनेक संस्मरणों को साझा किया। 
सभा के प्रारंभ में समस्त उपस्थित जनों द्वारा स्व.हसरेजा के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गई। संचालन स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष एवं समिति सदस्य हरीसिंह ठाकुर ने किया।लोक गायक शिवरतन यादव ने बुंदेली लोक कवि ईसुरी की रचना "जिदना जो पंछी उड़ जानें " का गायन कर लोगों की आंखों को नम कर दिया।श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी ने भरे गले से स्व.हसरेजा का जीवन परिचय देते हुए उन्हें अपने पिता स्वरूप कहा। श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने श्रद्धांजली-पत्र का वाचन किया। अंत में स्व. हसरेजा सहित सिंधी समाज के भागचंद वासरानी, नारायणदास सुंदरानी व बख्शाराम दरयानी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।
ये रहे श्रद्धांजलि सभा मे
श्रद्धांजलि सभा में स्व.तीरथदास के बड़े भाई माधवमल हंसरेजा,किशन चंद चंदानी,डॉ.बद्री प्रसाद,जी.एल. छत्रसाल,आर.के.तिवारी,प्रदीप गुप्ता,सिंटू कटारे,अर्पित पांडे,ओमप्रकाश राठौर,संतोष पाठक,डॉ.अनिल जैन,दुर्गेश शुक्ला,आसाराम मेठवाणी,राजकुमार ललवानी,ज्ञानचंद कुकरेजा,पुष्पदंत हितकर, मुकेश निराला, भगवानदास रैकवार, अशोक चोपड़ा, रामलाल राठौर, संतोष केसरवानी, गुरदेवसिंह, रामसिंह ठाकुर,राहुल गोस्वामी, कमल हिंदूजा,संतु पोपतानी,चंपक भाई,बालकृष्ण अग्रवाल, मोतीराम सचदेव, डी.पी.कोष्ठी, प्रेम नारायण विश्वकर्मा,डी.पी.वैद्य, अक्षय नायक, शुभम विश्वकर्मा, दीपक पटेल, मोहन पटेल, राहुल रजक, शुभम विश्वकर्मा, गौरव सैनी सहित श्री राम सेवा समिति के सेवादारी, एकता समिति के सदस्य तथा सिंधी समाज के लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर

कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर
सागर। स्मृति शेष तीरथदास हसरेजा जैसे लोग कभी मृत नहीं होते हैं। वे आज भी हमारे बीच जीवित हैं।उनके द्वारा किए गए समाज सेवा के कार्य उन्हें जीवन पर्यंत जीवित बनाए रखेंगे। उनके द्वारा स्थापित श्रीराम सेवा समिति द्वारा अपने जनकल्याणकारी कार्यों के माध्यम से उनकी स्मृति को स्थायित्व देने के लिए समस्त
कार्यकर्ता और सेवाधारी पूरी निष्ठा तथा समर्पण भाव से कार्यरत हैं और रहेंगे।श्री तीरथदास किसी धर्म विशेष के व्यक्ति नहीं थे।उनका धर्म यदि कोई था तो वह था समाज सेवा का कर्म। यह बात सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने श्री हसरेजा के निधन पर श्रीराम सेवा समिति सागर द्वारा रविवार को संत कंवर राम वार्ड स्थित झूलेलाल उद्यान में आयोजित एक श्रद्धांजली सभा में कही। ज्ञातव्य है कि श्री हसरेजा का लगभग 80 वर्ष की आयु में दिनांक 25 दिसंबर 2019 को आकस्मिक निधन हो गया था। पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल सौम्या ने स्व.हसरेजा को समाज का गौरव निरूपित किया। शिवसेना के पप्पू  तिवारी ने उन्हें एक संकल्पित और श्रेष्ठ समर्पित समाजसेवी बताया। समिति के संरक्षक रमाकांत यादव ने कहा कि आज जहां समाज सेवा को प्रचार का माध्यम बना लिया गया है वहीं हसरेजा जी निस्वार्थ भाव से बगैर किसी प्रचार प्रसार के समाज सेवा में लगे रहते थे,जो कि वर्तमान समय में एक विरला उदाहरण कहा जा सकता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ के अध्यक्ष शिव शंकर केसरी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए श्री हसरेजा से जुड़े अनेक संस्मरणों को साझा किया। 
सभा के प्रारंभ में समस्त उपस्थित जनों द्वारा स्व.हसरेजा के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गई। संचालन स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष एवं समिति सदस्य हरीसिंह ठाकुर ने किया।लोक गायक शिवरतन यादव ने बुंदेली लोक कवि ईसुरी की रचना "जिदना जो पंछी उड़ जानें " का गायन कर लोगों की आंखों को नम कर दिया।श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी ने भरे गले से स्व.हसरेजा का जीवन परिचय देते हुए उन्हें अपने पिता स्वरूप कहा। श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने श्रद्धांजली-पत्र का वाचन किया। अंत में स्व. हसरेजा सहित सिंधी समाज के भागचंद वासरानी, नारायणदास सुंदरानी व बख्शाराम दरयानी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।
ये रहे श्रद्धांजलि सभा मे
श्रद्धांजलि सभा में स्व.तीरथदास के बड़े भाई माधवमल हंसरेजा,किशन चंद चंदानी,डॉ.बद्री प्रसाद,जी.एल. छत्रसाल,आर.के.तिवारी,प्रदीप गुप्ता,सिंटू कटारे,अर्पित पांडे,ओमप्रकाश राठौर,संतोष पाठक,डॉ.अनिल जैन,दुर्गेश शुक्ला,आसाराम मेठवाणी,राजकुमार ललवानी,ज्ञानचंद कुकरेजा,पुष्पदंत हितकर, मुकेश निराला, भगवानदास रैकवार, अशोक चोपड़ा, रामलाल राठौर, संतोष केसरवानी, गुरदेवसिंह, रामसिंह ठाकुर,राहुल गोस्वामी, कमल हिंदूजा,संतु पोपतानी,चंपक भाई,बालकृष्ण अग्रवाल, मोतीराम सचदेव, डी.पी.कोष्ठी, प्रेम नारायण विश्वकर्मा,डी.पी.वैद्य, अक्षय नायक, शुभम विश्वकर्मा, दीपक पटेल, मोहन पटेल, राहुल रजक, शुभम विश्वकर्मा, गौरव सैनी सहित श्री राम सेवा समिति के सेवादारी, एकता समिति के सदस्य तथा सिंधी समाज के लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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ई-गवर्नेंस से बेहतर हुई यातायात एवं परिवहन व्यवस्था, आठ फीसदी बढ़ा राजस्व

ई-गवर्नेंस से बेहतर हुई यातायात एवं परिवहन व्यवस्था, आठ फीसदी बढ़ा राजस्व
भोपाल ।प्रदेश में यातायात और पविहन व्यवस्था को सुदृढ़ और जनोपयोगी बनाने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ई-गवर्नेंस सिस्टम लागू किया। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी, अवैध परिवहन पर नियन्त्रण और परिवहन विभाग की कार्य-प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आने लगा है इस नवाचार के लिये प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर 'स्कॉच' अवार्ड से सम्मानित किया गया।
परिवहन राजस्व में 8 प्रतिशत की वृद्धि
 पिछले साल परिवहन राजस्व संग्रहण में करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2018-19 में माह नवम्बर तक 1782 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ और वर्ष 2019-20 में नवम्बर माह तक 1918.14 करोड़ परिवहन राजस्व संग्रहण हुआ। बकाया राजस्व की वसूली के लिये 5 वर्ष से अधिक और 50 वर्ष से कम आयु वाले परिवहन वाहनों को क्रमबद्ध तरीके से छूट प्रदान की गई।
महिलाओ/छात्राओं को मुफ्त ड्रायविंग लायसेंस
राज्य सरकार ने वचन पत्र के अनुसार बीते एक वर्ष में महाविद्यालयी छात्राओं को 65 हजार नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरित किये। दिव्यांग हितेषी मानकों के अनुरूप जून 2019 में परिवहन विभाग की नई वेबसाइट लांच कर उसे लाईव किया गया। महिलाओं को निःशुल्क एक लाख 11 हजार 898 लर्निंग लायसेंस जारी किये गये, जो गत वर्ष जारी लायसेंस की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक थे। देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी के जन्म-दिवस 19 नवम्बर 2019 से प्रियदर्शिनी दिवस पर महिलाओं के लिये एक साल तक निश्चित अवधि के अंतर से त्रैमासिक निःशुल्क शिविर लगाने का निर्णय ले कर उसका क्रियान्वयन शुरू किया गया।
प्रदेश में पीपीपी मोड पर ऑटोमेटेड ड्रायविंग टेस्टिंग ट्रेक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसे परियोजना का स्वरूप दिया गया। इसके संचालन के लिये सीआईआरटी को तकनीकी कंसलटेंट नियुक्त कर परियोजना पर कार्य शुरू किया गया। प्रारम्भिक तौर पर 10 संभागीय परिवहन कार्यालयों में पीपीपी मोड ऑटोमेटेड फिटनेस एवं सर्टिफिकेशन सेन्टर की स्थापना की जा रही है।
जीपीएस बेस्ड व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम
सुगम और सहज लोक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये परमिट जारी होने के बाद आर.टी.ओ. द्वारा प्रति हस्ताक्षर किये जाने की दूरी को 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 250 किलोमीटर कर दिया गया है। लोक परिवहन एवं वाणिज्यिक वाहनों में जीपीएस बेस्ड व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की स्थापना की जा रही है। पीयूसी सेंटर के लिए प्रदेश में एकीकृत वेब एप्लीकेशन की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके लिये अन्य राज्यों में प्रदेश में संचालित व्यवस्था का अध्ययन कर उन संस्थाओं के प्रस्तुतीकरण का परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
एग्रीगेटर पॉलिसी
       प्रदेश में मैक्सी-कैब, मोटर कैब, आटो-रिक्शा और मोटर-साईकिल को भाड़े पर देने के लिये एग्रीगेटर पॉलिसी जारी की गई। विद्यार्थियों के लिये सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शैक्षणिक वाहनों के लिये नियंत्रण एवं विनियमन योजना-2019 शुरू की गई।  बैटरी चलित वाहनों पर एक समान 4 प्रतिशत कर की नीति निर्धारित की गई। राज्य सरकार ने ग्वालियर व्यापार मेले में 2018-19 में गैर परिवहन यानों तथा छोटे परिवहन यानों को जीवनकाल-कर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई। एक अन्य आदेश के अनुसार बकाया राजस्व की वसूली के  लिए ऐसे व्यवसायिक वाहनों के करों में छूट प्रदान की गई जिनकी आयु 5 वर्ष से अधिक और 20 वर्ष से कम हो, क्रमबद्ध तरीके से छूट दी गई।    
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मूर्तियाभजन की लड़ाई में क्या मिलेगा.. ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट


मूर्तियाभजन की लड़ाई में क्या मिलेगा..
ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
भोपाल के बाहर बैरागढ से जब इंदौर रोड पर जाते हैं तो थोडी दूर पर ही आता है आकाश मेरिज गार्डन। आमतौर पर यहां पर शादियों की धूमधाम होती हैं मगर इन दिनों यहां पर जो हो रहा है उसकी गूंज शादियों के मौके पर बजने वाले जबलपुर के मशहूर श्याम बैंड से भी ज्यादा है और आवाज भोपाल से सात सौ किलोमीटर दूर दिल्ली तक जा रही है। पहेलियां बुझाना छोड कर अब आपको बताता हूं कि यहंा पर कांग्रेस के सेवादल का दस दिन का राप्टीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा हैं जिनमें देश के विभिन्न हिससों से करीब साढे तीन सौ कार्यकर्ता आये हैं। आमतौर पर देश भर में पार्टियों के ऐसे शिविर चलते रहते हैं जिनकी कभी कोई खबर नहीं बनती और उस पर शहर के बाहरी इलाके में हो तो मीडिया वाले वहां पर कम ही जाते हैं। मगर प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है और कांग्रेस की गतिविधियों पर नजर रखना भोपाल की प्रेस का काम है तो पहले ही दिन हमारे टीवी मीडिया के मित्र पहुंचे और खबरें तलाशनी शुरू कर दी। जहां चाह वहां राह। एक युवा पत्रकार के हाथों वो साहित्य लग गया जो वहां आये कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बांटा जा रहा था। किताब थी वीर सावरकर कितने वीर सेवादल की तरफ से छापी गयी इस किताब में वीरता के बहाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की विवादित कमजोरियों को उजागर कर उनको पथभ्रप्ट नेता साबित करने की कोशिश की गयी है। उनकी कार्यप्रणाली उनके कोर्ट में दिये गये बयान तत्कालीन नेताओं से वेचारिक विरोध को किताब में इतिहास के दस्तावेजों के हवाले से सामने लाया गया है। इस किताब में सर्वाधिक आपत्तिजनक टिप्पणी वो थी जिसमें दो विदेशी लेखकों की किताब के हवाले से सावरकर और गोडसे के समलैंगिक संबंधों का आरोप लगाया गया। बस फिर क्या था हमारे युवा पत्रकार को इस किताब के तौर पर बडी खबर मिल गयी और फिर तो शाम होते सेवादल का ये शिविर देश भर की मीडिया की सुर्खियां बन रहा था और मीडिया के इस शिविर में आकर खबर बनाने जो सिलसिला शुरू हुआ तो वो अगले दिन शाम होते होते चलता ही रहा। कांग्रेसी नेता जहां इस शिविर को देश भर में चर्चित होता देख गदगद हो रहे थे तो बीजेपी के वो नेता मन मसोसकर रह जा रहे थे जो ये देख रहे थे कि इस एक साल में कितना कुछ बदल गया। यदि कांग्रेस सरकार यहां पर ना होती तो उस शादी घर में ऐसे शिविर लगने की ना तो इजाजत मिलती और यदि मिलती और फिर ऐसी किताब बंटती तो अब तक तो शिविर के बाहर बडा सा उग्र प्रदर्शन होकर वैसी ही धमकी दी जा चुकी होती जैसी कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में अधिकारियों को आग लगाने की दी इसके अलावा भोपाल के किसी थाने में एफआईआर हो चुकी होती मगर सरकार जाने से बहुत कुछ बदल जाता है ये बीजेपी वाले समझ गये इसलिये बीजेपी की तरफ से इस किताब का विरोध स्टूडियो डिस्कशन तक ही सीमित होकर रह गया। सावरकर को लेकर इस किताब में कितनी हकीकत ओर कितना फसाना है वो यहंा मुददा नहीं है। मगर ये दुखद है कि पिछले कुछ सालों से आजादी की लडाई में शामिल हमारे प्रतीकों और महापुरूपों के महिमामंडन की जगह अब उनकी छवि खंडन का दौर शुरू हो गया है जिसकी कडी है ये और ऐसी ढेर सारी पुस्तिकाएं जो ऐसे आयोजनों में बेधडक बांटी जाती हैं। पहले गांधी फिर नेहरू फिर आंबेडकर और अब सावरकर इन सारी हस्तियों को जिनको हमने स्कूली पाठयक्रम में आजादी के नायकों के तौर पर पढा और जाना मगर अब जब बडे हुये हैं तो इन सत्तर सालों में इनको नायक के इतर खलनायक बताने का दौर चल पडा है और इसकी शुरूआत हुयी है 2014 के चुनावों से जब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने नरेन्द्र मोदी ने देश की हर नाकामी के लिये कांग्रेस के नेताओं और पुरानी सरकारों को कोसना शुरू कर दिया। बस फिर क्या था जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उनकी बातें और विचारों को मजबूती देने के लिये इतिहास के पन्नों से वो सारी मुददे छांटे और तलाशे गये जिनमें विवाद और बहस की गंुजाइश थी। वो सारे बडे नेता जो अब इस दुनिया में अपनी बातों और विचार को बचाने के लिये नहीं हैं उनके लंबे राजनीतिक जीवन के कुछ चुनिंदा विचारों भापणों के अंश को उठा उठाकर कुछ उनके जीवन की तस्वीरों को लेकर सस्ते डाटा के दम पर वाटस अप से जो फैलाना शुरू किया तो बस फिर क्या था हर आदमी इतिहास का जानकार बन गया और सवाल उठाने लग गया। मैं उस दिन हैरान रह गया जब दसवीं में पढने वाले मेरे भांजे ने सवाल किया कि आप ये बताइये कांग्रेस ने सत्तर सालों में क्या कर दिया। मैं हैरान था कि इस किशोर को कैसे समझाउं कि सरकार किसी दल की नहीं देश की होती हैं और ये जो सवाल उठा रहे हो वही पुरानी सरकारों की सबसे बडी देन है कि तुम सवाल उठा पा रहे हो वरना हमारेे साथ आजाद हुये पाकिस्तान में शायर फैज अहमद फैज सरीखे अनेक साहित्यकारों को शायरी करने और सवाल उठाने पर ही जेल में कई सालांे के लिये डाल दिया गया था। तो सवाल उठाने की आजादी देश की सबसे बडी उपलब्धि है विकास के रास्तों पर तो देश चलता ही रहता है चीन और रूस जैसा विकास हमारे देश के लोग नहीं चाहंेगे जहां सडकें और मकान तो खूबसूरत हों मगर हर विचार पर पहरा हो। इसलिये मूर्तिभंजन की इस लडाई में ना तो बीजेपी को कुछ मिला है और ना अब कांग्रेस को कुछ मिलेगा। ये दोनों पार्टियां समझें। किसी ने सही लिखा है जिसको भूलना था वो अब तक याद है यही तो विवाद है।

ब्रजेश राजपूत,एबीपी न्यूज़,भोपाल
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कांग्रेस ने बांटी कैलाश विजयवर्गीय छाप माचिस

कांग्रेस ने बांटी कैलाश विजयवर्गीय छाप माचिस
इंदौर। कभी बल्ले बाज को लेकर इंदौर चर्चा में रहा। अब माचिस से आग लगाने वाले बयान को लेकर चर्चा में है इसका विरोध काँग्रेस ने अनोखे अंदाज में दिया है ।वो है कैलाश छाप माचिस बाटकर किया है।बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के इंदौर में आग लगाने वाले बयान पर राजनीति गरमाई हुई है| कांग्रेस ने विजयवर्गीय की चौतरफा घेराबंदी शुरू कर दी है| एक तरफ कांग्रेस नेताओं ने बयानों से कैलाश पर हमला बोला है वहीं इंदौर में कांग्रेसियों ने 'कैलाश छाप' माचिस लांच की है और लोगों को यह माचिस बांटी गई।
संभागायुक्त निवास पर बिना अनुमति के धरने देने  और धमकाने का मामले में fir
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, सांसद शंकर लालवानी,  नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा और विधायक रमेश मेंदोला सहित कई भाजपा नेताओं के खिलाफ संयोगितागंज थाने में धारा 144 का उल्लंघन करने एवं शांति भंग करने का प्रकरण दर्ज।रिपोर्ट इंदौर के एक SDM और तहसीलदार द्वारा लिखवाई गई।
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विजयवर्गीय के घृणित इरादों पर भाजपा संघ खामोश क्यों-भूपेन्द्र गुप्ता

विजयवर्गीय के घृणित इरादों पर भाजपा संघ खामोश क्यों-भूपेन्द्र गुप्ता
भोपाल। इंदौर शहर को आग लगा देने का घृणित इरादा रखने वाले भाजपा नेता श्री कैलाश विजयवर्गीय से बीजेपी के सभी नेताओं की सहमति है । इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव , भाजपा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह चुप है। 
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष श्री भूपेंद्र गुप्ता ने आज यहां जारी बयान में कहा कि श्री कैलाश विजवर्गीय का यह बयान कानून व्यवस्था को सरेआम चुनौती देने वाला और मध्य प्रदेश की शांति को खतरे में डालने वाला है । इसलिए भविष्य के लिए इस बयान को संज्ञान में लिया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार का माफिया विरोधी अभियान भाजपा के गले नहीं उतर रहा है । इससे यह भी जाहिर है कि भाजपा और प्रदेश में सक्रिय माफिया की सांठगांठ है । इसलिए भाजपा के किसी नेता ने सरकार के पक्ष में अभी तक कोई बयान नहीं दिया । माफिया के विरुद्ध बयान शुरू करने के चंद ही दिनों में जितनी बड़ी कार्रवाईयां हुई है उतनी शिवराज की 13 साल की सरकार में नहीं हुई । रेत माफिया ने उनकी सरकार चलाई। कई बार शिवराज सिंह चौहान खुद सार्वजनिक रूप से बयान दे चुके थे कि माफिया उनकी सरकार नहीं चलने दे रहा है।
भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान 13 सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं इसलिए वे मध्यप्रदेश में सक्रिय माफिया को बेहतर जानते हैं । उन्हें एक सूची बनाकर सरकार को देना चाहिए। 
गुप्ता ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय ने कर्तव्यनिष्ठ लोक सेवकों का जो अपमान किया है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। शिवराज सिंह चौहान भी एक कलेक्टर को पिट्टू जैसे शब्दों से संबोधित कर अपमानित कर चुके हैं।
भाजपा के नेता भारतीय संस्कृति की दुहाई देते देते आग लगाने की बात करते हैं । इससे उनका दोहरा चरित्र जनता के सामने उजागर हो गया है। कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी कहा है कि वे ऐसी राजनीति नहीं करते। उन्होंने अपने बयान से न सिर्फ अपने मतदाताओं बल्कि पूरे प्रदेश का मान सम्मान घटाया है । उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और प्रधानमंत्री और अमित शाह का उन्हें संरक्षण प्राप्त है इसका यह मतलब नहीं कि उन्हें इंदौर शहर को आग लगाने की भी इजाजत मिल गई है।
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ताईक्वांडो चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में सागर का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को संम्मानित किया सांसद ने

 ताईक्वांडो चैम्पियनशिप प्रतियोगिता में सागर का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को संम्मानित किया सांसद ने 
सागर।खेल परिसर के ताइक्वांडों अकादमी के प्रशिक्षक एवं विक्रम अवॉर्डी अर्जुन सिंह रावत के नेतृत्व में सागर के अंडर-14 से लेकर अंडर-19 वर्ग के 40 खिलाड़ी सिरौंज में आयोजित प्रतियोगिता में शामिल होने रवाना हुए थे। प्रतियोगिता में सागर के खिलाड़ियों ने कुल 15 गोल्ड, 5 सिल्वर, 13 कांस्य सहित कुल 33 पदक जीतकर ओवर ऑल पहला स्थान प्राप्त किया है। शनिवार को सांसद राजबहादुर सिंह खेल परिसर पहुंचे और ताइक्वांडों प्रतियोगिता में सागर के सभी खिलाड़ियों को बधाई देते हुए मैडल पहनाया व आगे भी इसी तरह बेहतर खेल का प्रदर्शन करते रहे। वहीं शुक्रवार को जिला पंचायत सीईओ व खेल परिसर के प्रभारी अधिकारी चंद्रशेखर शुक्ला ने खिलाड़ियों से अपने कार्यालय में मुलाकात की और सभी खिलाड़ियों की इस उपलब्धि पर उनका मुंह मीठा कराया।
इन खिलाड़ियों ने जीते गोल्ड, सिल्वर और ब्राउंन मैडल
विभिन्न वर्ग के मैच में गोल्ड मैडल जीतने वालों में अवि केशरवानी, नवीन पटेल, कृष्णा पटेल, मानसी कोरी, कनिष्का, चिराग, पार्थ, सौर्य, मयंक साहू, निखिल सेन, रागिनी, गौरव गोदरे, अबिका केशरवानी, वसुंधरा राजपूत, दीपांशी खटीक ने गोल्ड मैडल जीता। वहीं सिल्वर मैडल जीतने वालों में मानवी केशरवानी, जूही ठाकुर, दीपेश पाण्डेय, सनी सेन, कंचन साहू शामिल हैं। इसके अलावा कांस्य पदक विजेताओं में रुद्राक्ष, आशु, वंश, अागम, अंतरिक्ष, विद्या कुमारी, दीपिका तायड़े, जय कुमार, मनुराज, डिम्पल साहू, पुष्कर पटेल,मोहित ठाकुर एवं नदंनी आदि ने पदक जीतकर प्रदेश में सागर का नाम रोशन किया है।
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कलेक्टर प्रीति मैथिल बनी शिक्षक, शाला का किया अचानक निरीक्षण, एक शिक्षिका निलंबित


कलेक्टर प्रीति मैथिल बनी शिक्षक, शाला का किया अचानक निरीक्षण, एक शिक्षिका निलंबित
सागर । कलेक्टर सागर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने खुरई तहसील स्थित शासकीय उमावि बसाहरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने सर्वप्रथम षिक्षक एवं छात्र-छात्राओं की उपस्थित पंजी प्रस्तुत करने कहा। प्रभारी प्राचार्य श्री प्रभात सिंह यादव ने उक्त रजिस्टर उपलब्ध कराए। जिस पर समस्त षिक्षकों के हस्ताक्षर थे किन्तु माध्यमिक षिक्षक श्रीमती नीता जैन हस्ताक्षर के उपरांत दोपहर 1.30 बजे संस्था से चली गई। जानकारी लेने पर छात्र-छात्राओं द्वारा बताया गया उक्त षिक्षिका प्रतिदिन बिलंव से आती है एवं समय से पूर्व चली जाती है।
 कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने तदउपरांत ने कक्षा दसवीं में पहुंची और वहां उपस्थित छात्र छात्राओं को रसायन एवं जीव-विज्ञान विषय के बारे में जानकारी ली। कक्षा में उपस्थित अतिथि षिक्षक षिखा राजपूत से ग्लूकोज का सूत्र ब्लैक बोर्ड पर लिखवाया अतिथि षिक्षक षिखा ने सूत्र लिख दिया गया किन्तु छात्र-छात्राएं सूत्र नहीं लिख पाए। श्रीमती नायक ने कक्षा में छात्र-छात्राओं से लगभग 40 मिनिट तक सवाल-जबाव किए जिस पर उनको शैक्षणिक गुणवत्ता संतोषजनक नहीं पायी गई। उन्होंने कक्षा में रसायन विषय के सूत्र मैथेनॉल एवं एथेनॉल, क्षार एवं अम्ल, सोडियम हाईड्राक्साईड और हाईड्रो क्लोरिक अम्ल के समीकरण विस्तार से समाझाए। जिस पर प्रभारी प्राचार्य सहित समस्त स्टॉफ को शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के निर्देष दिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं की गणित, विज्ञान और अंग्रजी विषय की काफी चैक की। श्रीमती मैथिल ने संस्था के शौचालयों का भी निरीक्षण किया। जिस पर  शौचालय साफ-स्वच्छ पाए गए।                        
माध्यमिक  शिक्षक निलंबित
कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने खुरई विकासखण्ड स्थित शासकीय उमावि बसाहरी स्कूल का औचक निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान माध्यमिक षिक्षक श्रीमती नीता जैन हस्ताक्षर करने के उपरांत प्रतिदिन शाला से जाना बताया गया। यह कृत्य म.प्र. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन होकर म.प्र. सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के तहत कलेक्टर श्रीमती मैथिल के निर्देष पर जिला षिक्षा अधिकारी डा. महेन्द्र प्रताप तिवारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।निलंबन अवधि में श्रीमती जैन का मुख्यालय विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी केसली रहेगा। संबंधित को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।
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