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जेंडर चेंज कर युवक से युवती बने शख्स ने आत्महत्या की, चार साल पहले हुई थी शादी

जेंडर चेंज कर युवक से युवती बने शख्स ने आत्महत्या की, चार साल पहले हुई थी शादी

इंदौर। इंदौर के चंदन नगर थाना क्षेत्र एक सनसनीखेज आत्महत्या का मामला सामने आया यहां रहने वाली पलक (26) नामक युवती ने फांसी लगा कर आत्महत्या  कर  ली। पलक पहले हरीश नामक युवक हुआ करता था और उसने ऑपरेशन करवाकर जेंडर चेंज करवाकर लडक़ीबन गयी थी।और वहीं के रहने वाले एक युवक से 4 साल पहले शादी कर ली थी । यूरीन से संबंधित परेशानी के चलते डिप्रेशन का शिकार हो गई।इंदौर पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। 
जानकारी के अनुसार पलक ने चार माह  ही पूर्व अपना ऑपरेशन करवाकर जेंडर चेंज करवाया था।  जेंडर के ऑपरेशन को करवाने के बाद भी लगातार उसके यूरिन में प्रॉब्लम आ रही थी और वह ठीक तरह से यूरीन नहीं कर पा रही थी जिसका उसने दोबारा ऑप्रेशन भी करवा लिया था।  लेकिन  समस्या  बनी हुई थी ।वही यह भी संभावना बन रही है कि जिस क्षेत्र में वह रहती थी अचानक से वह युवक से युवती बन गई थी तो आसपास के लोग भी उसको ताने मारते थे जिसके कारण उसका घर से निकलना भी बंद हो गया था लेकिन उसने वहीं के रहने वाले एक युवक से 4 साल पहले शादी कर ली थी
जिस समय पलक ने घर पर फांसी लगाई उस समय घर के सभी सदस्य अलग-अलग कमरों में सो रहे थे जब सुबह उठकर देखा तो पलक फांसी के फंदे पर झूल रही थी जिसे तुरंत इलाज के लिए निजी हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।फिलहाल पुलिस को किसी तरह का कोई सुसाइड नोट भी बरामद नहीं हुआ है वहीं परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
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लैंगिक अपराधों में फांसी की सजा दिलवाने में मध्यप्रदेश देश में अव्वल, पिछले साल 32 को फांसी,11 सौ को आजीवन कारावास:गृहमन्त्री

लैंगिक अपराधों में फांसी की सजा दिलवाने में मध्यप्रदेश देश में अव्वल, पिछले साल 32 को फांसी,11 सौ को आजीवन कारावास:गृहमन्त्री

#जिला लोक अभियोजन अधिकारियों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला प्रारंभ

इंदौर ।प्रदेश के गृह मंत्री श्री बाला बच्चन ने कहा कि मध्यप्रदेश को पूरी तरह से माफिया मुक्त किया जायेगा। प्रदेश में किसी भी क्षेत्र का माफिया हो, उसे छोड़ा नहीं जायेगा। हर दोषियों को सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कार्य किये जा रहे हैं।
श्री बच्चन आज यहां जिला लोक अभियोजन अधिकारियों की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बताया गया कि लैंगिक तथा गंभीर अपराधों में मृत्युदण्ड की सजा दिलवाने में मध्यप्रदेश देश में अव्वल है। प्रदेश में बीते एक वर्ष में 32 अपराधियों को फांसी की सजा हुई। इसके साथ ही 1100 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा मिली है।
फांसी दिलाने वाले 11 अभियोजन अधिकारी संम्मानित
श्री बाला बच्चन ने अपराधियों को सजा दिलाने में महती भूमिका निभाने वाले जिला लोक अभियोजन अधिकारियों का सम्मान किया।इस मौके पर  11 अभियोजन अधिकारियों को प्रशंसा पत्र और ट्रॉफी देकर सम्मानित किया, जिन्‍होंने वर्ष 2019 में मासूमों से दुष्कर्म एवं हत्या के मामलों में अपराधियों को फांसी की सजा दिलाई
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लोक अभियोजन अधिकारी पूरे मनोयोग के साथ ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। राज्य सरकार द्वारा उनके हितों के संरक्षण के लिये संवेदनशील होकर कार्य करेगी। अभियोजन अधिकारियों की समस्याओं का सहानुभूतिपूर्वक त्वरित निराकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दृढ़ता के साथ प्रदेश को माफिया मुक्त तथा अपराधी मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। इस अवसर पर उन्होंने विटनेस हेल्पडेस्क पोर्टल का विमोचन भी किया। 
एप से मिलेगी पीड़ित पक्ष एवं गवाहों को मदद
कार्यक्रम में लोक अभियोजन विभाग के महानिदेशक/ संचालक (डीजी)  पुरुषोत्तम शर्मा एवं विभाग की प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी श्रीमती मोसमी तिवारी ने गृहमंत्री श्री बाला बच्चन तथा उपस्थित सभी अतिथियों को विटनेस हेल्प डेस्क एप्लीकेशन (एप) की जानकारी देते हुए इसकी विशेषताएं बताई, कहा कि इस ऐप से पीड़ित पक्ष और गवाहों को मदद मिलेगी। इस ऐप के जरिए गवाहों को केस से संबंधित अभियोजन अधिकारी एवं न्‍यायालय आदि की जानकारी मिल सकेगी।

कार्यक्रम को पुलिस अधीक्षक मुख्यालय  सूरज वर्मा ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में संचालक लोक अभियोजन  पुरषोत्तम शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम के अन्त में जिला लोक अभियोजन अधिकारी  अकरम शेख ने आभार व्यक्त किया। तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के जिला लोक अभियोजन अधिकारी भाग ले रहे हैं। इस कार्यशाला में कानूनविदों द्वारा लैंगिक अपराधों में प्रभावी अभियोजन के संबंध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
कार्यक्रम में इन्होंने दिया प्रशिक्षण
तीन दिवसीय कार्यशाला के पहले दिन सीबीआई नई दिल्ली के ज्वाइंट डायरेक्टर  जी के गोस्वामी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंदौर  सुशील कुमार शर्मा, अपर सत्र न्यायाधीश  प्राणेश कुमार प्राण, अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती वर्षा शर्मा, अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती सविता सिंह एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्रीमती नीलम शुक्‍ला ने लोक अभियोजन अधिकारियों को मासूमों से दुष्कर्म एवं हत्या जैसे गंभीर अपराधों में प्रकरण का संचालन किस तरह किया जाए यह बताया इस दौरान प्रशिक्षण लेने आए अधिकारियों के सवालों के जवाब भी उन्होंने दीये।
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होम्योपैथिक चिकित्सकों को मार्डन मेडीसन प्रशिक्षण की उठी मांग ,जैव चिकित्सा अवशिष्ट प्रबंधन पर सेमीनार

होम्योपैथिक चिकित्सकों को मार्डन मेडीसन प्रशिक्षण की उठी मांग, जैव चिकित्सा अवशिष्ट प्रबंधन पर  सेमीनार 

# पूर्व मंत्री सुरेंद्र चोधरी और जिलापंचायत प्रतिनिधि राजीव हजारी को दिया ज्ञापन

सागर। होम्योपैथिक चिकित्सा से जुड़े विभिन्न डॉक्टरों द्वारा  जैव चिकित्सा अवशिष्ठ प्रबंधन पर एक कार्यशाला के साथ-साथ संभागभर के होम्योपैथिक डॉक्टरों की लंबित मांगों को लेकर एक सेमीनार आयोजित किया गया।इस मौके पर  मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी तथा जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि युवा नेता राजीव हजारी को सौंपा गया। इस अवसर पर सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सक बहुत अच्छा कार्य कर रहे है और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए शासन से बहुत अपेक्षाएं भी है। उनकी विभिन्न मांगों को शासन स्तर तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेंगे। 
विशिष्ठ अतिथि राजीव हजारी ने होम्योपैथिक चिकित्सकों को नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जितने भी बड़े हॉस्पिटल है उनमे ंहोम्योपैथिक चिकित्सक की महत्वपूर्ण भूमिका है, प्राथमिक उपचार से लेकर सभी तरह के ट्रीटमेंट होम्यापैथिक चिकित्सक कर रहे है। एमडी, एमएस डॉक्टर जहां मरीजों को महज मसबिरा एवं सलाह देने का कार्य कर रहे है होम्योपैथिक डॉक्टर सेवा भाव से कार्य कर मेडीकल क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। होम्योपैथिक चिकित्सक संघ की विभिन्न मांगें लंबे समय से लंबित है। और उन्हें नेशनल हेल्थ पॉलिसी में भी शामिल किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो शासन की योजनाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य क्षेत्र में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। होम्योपैथिक चिकित्सकों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थ करने एवं आयुष विंग में चिकित्सकों को पद स्थापित करने एवं उन्हें मार्डन मेडीसिन का प्रशिक्षण देने की नियमावली बनाने सहित अन्य मांगों को प्रदेश सरकार के समक्ष रखेंगे जिससे उनकी लंबित समस्याओं का निराकरण हो सकें। 
संघ के अध्यक्ष लखन पटेल ने भी संघ की विभिन्न मांगों को अतिथियों के समक्ष रखा और अतिथियों का स्वागत करते हुए मार्गदर्शन की अपेक्षा की। इस अवसर पर होम्योपैथिक चिकित्सक संघ द्वारा जैव चिकित्सा अवशिष्ठ प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें अवशिष्ठ प्रबंधन को लेकर उपस्थित डॉक्टरों द्वारा अपने-अपने विचार रखे गये। 
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में डॉ. दिवाकर मिश्रा, डॉ. लखन पटेल, डॉ. विकास पटेल, डॉ. भूपेन्द्र यादव, डॉ. लक्ष्मी पवार, डॉ. इनाम खान, डॉ. दिशा श्रीवास्तव, डॉ. पाण्डेय सहित संभागभर से आये होम्योपैथिक चिकित्सक शामिल हुए। 
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परिचय सम्मेलन में जैन युवक-युवतियों ने मंच पर दिया परिचय , संजोग समिति का आयोजन

परिचय सम्मेलन में जैन युवक-युवतियों ने मंच पर दिया परिचय , संजोग समिति का आयोजन
सागर। संजोग समिति द्वारा आयोजित जैन युवक युवती परिचय सम्मेलन का समापन हो गया दूसरे दिन 100 से अधिक युवक-युवतियों ने मंच पर आकर के अपना परिचय दिया 16 वर्षों से चल रहे इस परिचय सम्मेलन में  मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र राजस्थान उत्तर प्रदेश गुजरात आदि स्थानों से युवक युवतियों के साथ उनके अभिभावक साथ आए थे। संजोग समिति के सदस्यों ने मंच पर उपस्थित हुए युवक युवतियों को उपहार स्वरूप गिफ्ट भी  दी। इस अवसर पर शालिनी जैन दमोह प्रियंका जैन सागर प्रियंका जैन भानपुरा मंदसौर संगीता जैन सागर पूनम जैन सिलवानी प्रिया मलैया गढ़ाकोटा वंदना जैन सागर रचना जैन बीना आवाज सुनाई दी ना खुशबू जैन सिलवानी प्रियंका जैन टीकमगढ़ दीपिका जैन सागर लवली जैन अशोकनगर स्वेच्छा जैन टीकमगढ़ सपना जैन सागर साक्षी जैन खुरई संगीता जैन बिलासपुर अनुभव जैन कोटा राखी जैन ललितपुर स्वीटी जैन ललितपुर केस अभिनव जैन अमन जैन विकास जैन नितिन आशीष जैन जितेंद्र सिंघई आनंद नायक सिद्धार्थ जैन सत्येंद्र स्वप्निल नितिन जयंत अर्बन समीर अर्पित इंजीनियर सौरभ विवेक जैन भानु जैन कोटा मोहित जैन अजय मलैया ऋषभ जैन स्वतंत्र जैन प्रफुल्ल जैन ललितपुर प्रांशु जैन ललितपुर राहुल इमलिया सागर ने मंच पर आकर अपना अपना परिचय दिया । सागर पंचकल्याणक धर्मेंद्र बने  आनंद  स्टील नीटू जैन स्टील का स्वागत  किया गया ।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से देवेंद्र जेना ऋषभ जैन गढ़ाकोटा मुकेश जैन ढाना मुकेश खमकुआं ऋषभ जैन डबडेरा अजय लंबरदार रजनीश जैन जयंत जैन मुकेश मोदी तरुण कोयला, सहित समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे। पूर्व विधायक सुनील जैन, दीप्ति चंदेरिया, उषा स्टील,नीलू पड़ा, तृप्ति जैन ,रश्मि नायक, सुषमा जैन, नीलू जैन, रीना जैन , ऋचा जैन नायब तहसीलदार प्रिंसी जैन,ऋतु जैन और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद देवरी पूजा जैन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
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कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर

कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर
सागर। स्मृति शेष तीरथदास हसरेजा जैसे लोग कभी मृत नहीं होते हैं। वे आज भी हमारे बीच जीवित हैं।उनके द्वारा किए गए समाज सेवा के कार्य उन्हें जीवन पर्यंत जीवित बनाए रखेंगे। उनके द्वारा स्थापित श्रीराम सेवा समिति द्वारा अपने जनकल्याणकारी कार्यों के माध्यम से उनकी स्मृति को स्थायित्व देने के लिए समस्त
कार्यकर्ता और सेवाधारी पूरी निष्ठा तथा समर्पण भाव से कार्यरत हैं और रहेंगे।श्री तीरथदास किसी धर्म विशेष के व्यक्ति नहीं थे।उनका धर्म यदि कोई था तो वह था समाज सेवा का कर्म। यह बात सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने श्री हसरेजा के निधन पर श्रीराम सेवा समिति सागर द्वारा रविवार को संत कंवर राम वार्ड स्थित झूलेलाल उद्यान में आयोजित एक श्रद्धांजली सभा में कही। ज्ञातव्य है कि श्री हसरेजा का लगभग 80 वर्ष की आयु में दिनांक 25 दिसंबर 2019 को आकस्मिक निधन हो गया था।
 पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल सौम्या ने स्व.हसरेजा को समाज का गौरव निरूपित किया। शिवसेना के पप्पू  तिवारी ने उन्हें एक संकल्पित और श्रेष्ठ समर्पित समाजसेवी बताया। समिति के संरक्षक रमाकांत यादव ने कहा कि आज जहां समाज सेवा को प्रचार का माध्यम बना लिया गया है वहीं हसरेजा जी निस्वार्थ भाव से बगैर किसी प्रचार प्रसार के समाज सेवा में लगे रहते थे,जो कि वर्तमान समय में एक विरला उदाहरण कहा जा सकता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ के अध्यक्ष शिव शंकर केसरी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए श्री हसरेजा से जुड़े अनेक संस्मरणों को साझा किया। 
सभा के प्रारंभ में समस्त उपस्थित जनों द्वारा स्व.हसरेजा के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गई। संचालन स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष एवं समिति सदस्य हरीसिंह ठाकुर ने किया।लोक गायक शिवरतन यादव ने बुंदेली लोक कवि ईसुरी की रचना "जिदना जो पंछी उड़ जानें " का गायन कर लोगों की आंखों को नम कर दिया।श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी ने भरे गले से स्व.हसरेजा का जीवन परिचय देते हुए उन्हें अपने पिता स्वरूप कहा। श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने श्रद्धांजली-पत्र का वाचन किया। अंत में स्व. हसरेजा सहित सिंधी समाज के भागचंद वासरानी, नारायणदास सुंदरानी व बख्शाराम दरयानी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।
ये रहे श्रद्धांजलि सभा मे
श्रद्धांजलि सभा में स्व.तीरथदास के बड़े भाई माधवमल हंसरेजा,किशन चंद चंदानी,डॉ.बद्री प्रसाद,जी.एल. छत्रसाल,आर.के.तिवारी,प्रदीप गुप्ता,सिंटू कटारे,अर्पित पांडे,ओमप्रकाश राठौर,संतोष पाठक,डॉ.अनिल जैन,दुर्गेश शुक्ला,आसाराम मेठवाणी,राजकुमार ललवानी,ज्ञानचंद कुकरेजा,पुष्पदंत हितकर, मुकेश निराला, भगवानदास रैकवार, अशोक चोपड़ा, रामलाल राठौर, संतोष केसरवानी, गुरदेवसिंह, रामसिंह ठाकुर,राहुल गोस्वामी, कमल हिंदूजा,संतु पोपतानी,चंपक भाई,बालकृष्ण अग्रवाल, मोतीराम सचदेव, डी.पी.कोष्ठी, प्रेम नारायण विश्वकर्मा,डी.पी.वैद्य, अक्षय नायक, शुभम विश्वकर्मा, दीपक पटेल, मोहन पटेल, राहुल रजक, शुभम विश्वकर्मा, गौरव सैनी सहित श्री राम सेवा समिति के सेवादारी, एकता समिति के सदस्य तथा सिंधी समाज के लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर

कर्म ही था तीर्थदास हसरेजा जी का धर्म - रघु ठाकुर
सागर। स्मृति शेष तीरथदास हसरेजा जैसे लोग कभी मृत नहीं होते हैं। वे आज भी हमारे बीच जीवित हैं।उनके द्वारा किए गए समाज सेवा के कार्य उन्हें जीवन पर्यंत जीवित बनाए रखेंगे। उनके द्वारा स्थापित श्रीराम सेवा समिति द्वारा अपने जनकल्याणकारी कार्यों के माध्यम से उनकी स्मृति को स्थायित्व देने के लिए समस्त
कार्यकर्ता और सेवाधारी पूरी निष्ठा तथा समर्पण भाव से कार्यरत हैं और रहेंगे।श्री तीरथदास किसी धर्म विशेष के व्यक्ति नहीं थे।उनका धर्म यदि कोई था तो वह था समाज सेवा का कर्म। यह बात सुप्रसिद्ध समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर ने श्री हसरेजा के निधन पर श्रीराम सेवा समिति सागर द्वारा रविवार को संत कंवर राम वार्ड स्थित झूलेलाल उद्यान में आयोजित एक श्रद्धांजली सभा में कही। ज्ञातव्य है कि श्री हसरेजा का लगभग 80 वर्ष की आयु में दिनांक 25 दिसंबर 2019 को आकस्मिक निधन हो गया था। पूर्व सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सिंधी समाज के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल सौम्या ने स्व.हसरेजा को समाज का गौरव निरूपित किया। शिवसेना के पप्पू  तिवारी ने उन्हें एक संकल्पित और श्रेष्ठ समर्पित समाजसेवी बताया। समिति के संरक्षक रमाकांत यादव ने कहा कि आज जहां समाज सेवा को प्रचार का माध्यम बना लिया गया है वहीं हसरेजा जी निस्वार्थ भाव से बगैर किसी प्रचार प्रसार के समाज सेवा में लगे रहते थे,जो कि वर्तमान समय में एक विरला उदाहरण कहा जा सकता है। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संघ के अध्यक्ष शिव शंकर केसरी ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हुए श्री हसरेजा से जुड़े अनेक संस्मरणों को साझा किया। 
सभा के प्रारंभ में समस्त उपस्थित जनों द्वारा स्व.हसरेजा के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की गई। संचालन स्वर संगम संस्था के अध्यक्ष एवं समिति सदस्य हरीसिंह ठाकुर ने किया।लोक गायक शिवरतन यादव ने बुंदेली लोक कवि ईसुरी की रचना "जिदना जो पंछी उड़ जानें " का गायन कर लोगों की आंखों को नम कर दिया।श्रीराम सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ. विनोद तिवारी ने भरे गले से स्व.हसरेजा का जीवन परिचय देते हुए उन्हें अपने पिता स्वरूप कहा। श्यामलम् संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र ने श्रद्धांजली-पत्र का वाचन किया। अंत में स्व. हसरेजा सहित सिंधी समाज के भागचंद वासरानी, नारायणदास सुंदरानी व बख्शाराम दरयानी के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजली अर्पित की गई।
ये रहे श्रद्धांजलि सभा मे
श्रद्धांजलि सभा में स्व.तीरथदास के बड़े भाई माधवमल हंसरेजा,किशन चंद चंदानी,डॉ.बद्री प्रसाद,जी.एल. छत्रसाल,आर.के.तिवारी,प्रदीप गुप्ता,सिंटू कटारे,अर्पित पांडे,ओमप्रकाश राठौर,संतोष पाठक,डॉ.अनिल जैन,दुर्गेश शुक्ला,आसाराम मेठवाणी,राजकुमार ललवानी,ज्ञानचंद कुकरेजा,पुष्पदंत हितकर, मुकेश निराला, भगवानदास रैकवार, अशोक चोपड़ा, रामलाल राठौर, संतोष केसरवानी, गुरदेवसिंह, रामसिंह ठाकुर,राहुल गोस्वामी, कमल हिंदूजा,संतु पोपतानी,चंपक भाई,बालकृष्ण अग्रवाल, मोतीराम सचदेव, डी.पी.कोष्ठी, प्रेम नारायण विश्वकर्मा,डी.पी.वैद्य, अक्षय नायक, शुभम विश्वकर्मा, दीपक पटेल, मोहन पटेल, राहुल रजक, शुभम विश्वकर्मा, गौरव सैनी सहित श्री राम सेवा समिति के सेवादारी, एकता समिति के सदस्य तथा सिंधी समाज के लोगों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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ई-गवर्नेंस से बेहतर हुई यातायात एवं परिवहन व्यवस्था, आठ फीसदी बढ़ा राजस्व

ई-गवर्नेंस से बेहतर हुई यातायात एवं परिवहन व्यवस्था, आठ फीसदी बढ़ा राजस्व
भोपाल ।प्रदेश में यातायात और पविहन व्यवस्था को सुदृढ़ और जनोपयोगी बनाने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ई-गवर्नेंस सिस्टम लागू किया। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी, अवैध परिवहन पर नियन्त्रण और परिवहन विभाग की कार्य-प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आने लगा है इस नवाचार के लिये प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर 'स्कॉच' अवार्ड से सम्मानित किया गया।
परिवहन राजस्व में 8 प्रतिशत की वृद्धि
 पिछले साल परिवहन राजस्व संग्रहण में करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2018-19 में माह नवम्बर तक 1782 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ और वर्ष 2019-20 में नवम्बर माह तक 1918.14 करोड़ परिवहन राजस्व संग्रहण हुआ। बकाया राजस्व की वसूली के लिये 5 वर्ष से अधिक और 50 वर्ष से कम आयु वाले परिवहन वाहनों को क्रमबद्ध तरीके से छूट प्रदान की गई।
महिलाओ/छात्राओं को मुफ्त ड्रायविंग लायसेंस
राज्य सरकार ने वचन पत्र के अनुसार बीते एक वर्ष में महाविद्यालयी छात्राओं को 65 हजार नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरित किये। दिव्यांग हितेषी मानकों के अनुरूप जून 2019 में परिवहन विभाग की नई वेबसाइट लांच कर उसे लाईव किया गया। महिलाओं को निःशुल्क एक लाख 11 हजार 898 लर्निंग लायसेंस जारी किये गये, जो गत वर्ष जारी लायसेंस की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक थे। देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी के जन्म-दिवस 19 नवम्बर 2019 से प्रियदर्शिनी दिवस पर महिलाओं के लिये एक साल तक निश्चित अवधि के अंतर से त्रैमासिक निःशुल्क शिविर लगाने का निर्णय ले कर उसका क्रियान्वयन शुरू किया गया।
प्रदेश में पीपीपी मोड पर ऑटोमेटेड ड्रायविंग टेस्टिंग ट्रेक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसे परियोजना का स्वरूप दिया गया। इसके संचालन के लिये सीआईआरटी को तकनीकी कंसलटेंट नियुक्त कर परियोजना पर कार्य शुरू किया गया। प्रारम्भिक तौर पर 10 संभागीय परिवहन कार्यालयों में पीपीपी मोड ऑटोमेटेड फिटनेस एवं सर्टिफिकेशन सेन्टर की स्थापना की जा रही है।
जीपीएस बेस्ड व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम
सुगम और सहज लोक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये परमिट जारी होने के बाद आर.टी.ओ. द्वारा प्रति हस्ताक्षर किये जाने की दूरी को 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 250 किलोमीटर कर दिया गया है। लोक परिवहन एवं वाणिज्यिक वाहनों में जीपीएस बेस्ड व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की स्थापना की जा रही है। पीयूसी सेंटर के लिए प्रदेश में एकीकृत वेब एप्लीकेशन की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके लिये अन्य राज्यों में प्रदेश में संचालित व्यवस्था का अध्ययन कर उन संस्थाओं के प्रस्तुतीकरण का परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
एग्रीगेटर पॉलिसी
       प्रदेश में मैक्सी-कैब, मोटर कैब, आटो-रिक्शा और मोटर-साईकिल को भाड़े पर देने के लिये एग्रीगेटर पॉलिसी जारी की गई। विद्यार्थियों के लिये सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शैक्षणिक वाहनों के लिये नियंत्रण एवं विनियमन योजना-2019 शुरू की गई।  बैटरी चलित वाहनों पर एक समान 4 प्रतिशत कर की नीति निर्धारित की गई। राज्य सरकार ने ग्वालियर व्यापार मेले में 2018-19 में गैर परिवहन यानों तथा छोटे परिवहन यानों को जीवनकाल-कर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई। एक अन्य आदेश के अनुसार बकाया राजस्व की वसूली के  लिए ऐसे व्यवसायिक वाहनों के करों में छूट प्रदान की गई जिनकी आयु 5 वर्ष से अधिक और 20 वर्ष से कम हो, क्रमबद्ध तरीके से छूट दी गई।    
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मूर्तियाभजन की लड़ाई में क्या मिलेगा.. ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट


मूर्तियाभजन की लड़ाई में क्या मिलेगा..
ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
भोपाल के बाहर बैरागढ से जब इंदौर रोड पर जाते हैं तो थोडी दूर पर ही आता है आकाश मेरिज गार्डन। आमतौर पर यहां पर शादियों की धूमधाम होती हैं मगर इन दिनों यहां पर जो हो रहा है उसकी गूंज शादियों के मौके पर बजने वाले जबलपुर के मशहूर श्याम बैंड से भी ज्यादा है और आवाज भोपाल से सात सौ किलोमीटर दूर दिल्ली तक जा रही है। पहेलियां बुझाना छोड कर अब आपको बताता हूं कि यहंा पर कांग्रेस के सेवादल का दस दिन का राप्टीय प्रशिक्षण शिविर चल रहा हैं जिनमें देश के विभिन्न हिससों से करीब साढे तीन सौ कार्यकर्ता आये हैं। आमतौर पर देश भर में पार्टियों के ऐसे शिविर चलते रहते हैं जिनकी कभी कोई खबर नहीं बनती और उस पर शहर के बाहरी इलाके में हो तो मीडिया वाले वहां पर कम ही जाते हैं। मगर प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है और कांग्रेस की गतिविधियों पर नजर रखना भोपाल की प्रेस का काम है तो पहले ही दिन हमारे टीवी मीडिया के मित्र पहुंचे और खबरें तलाशनी शुरू कर दी। जहां चाह वहां राह। एक युवा पत्रकार के हाथों वो साहित्य लग गया जो वहां आये कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बांटा जा रहा था। किताब थी वीर सावरकर कितने वीर सेवादल की तरफ से छापी गयी इस किताब में वीरता के बहाने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की विवादित कमजोरियों को उजागर कर उनको पथभ्रप्ट नेता साबित करने की कोशिश की गयी है। उनकी कार्यप्रणाली उनके कोर्ट में दिये गये बयान तत्कालीन नेताओं से वेचारिक विरोध को किताब में इतिहास के दस्तावेजों के हवाले से सामने लाया गया है। इस किताब में सर्वाधिक आपत्तिजनक टिप्पणी वो थी जिसमें दो विदेशी लेखकों की किताब के हवाले से सावरकर और गोडसे के समलैंगिक संबंधों का आरोप लगाया गया। बस फिर क्या था हमारे युवा पत्रकार को इस किताब के तौर पर बडी खबर मिल गयी और फिर तो शाम होते सेवादल का ये शिविर देश भर की मीडिया की सुर्खियां बन रहा था और मीडिया के इस शिविर में आकर खबर बनाने जो सिलसिला शुरू हुआ तो वो अगले दिन शाम होते होते चलता ही रहा। कांग्रेसी नेता जहां इस शिविर को देश भर में चर्चित होता देख गदगद हो रहे थे तो बीजेपी के वो नेता मन मसोसकर रह जा रहे थे जो ये देख रहे थे कि इस एक साल में कितना कुछ बदल गया। यदि कांग्रेस सरकार यहां पर ना होती तो उस शादी घर में ऐसे शिविर लगने की ना तो इजाजत मिलती और यदि मिलती और फिर ऐसी किताब बंटती तो अब तक तो शिविर के बाहर बडा सा उग्र प्रदर्शन होकर वैसी ही धमकी दी जा चुकी होती जैसी कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में अधिकारियों को आग लगाने की दी इसके अलावा भोपाल के किसी थाने में एफआईआर हो चुकी होती मगर सरकार जाने से बहुत कुछ बदल जाता है ये बीजेपी वाले समझ गये इसलिये बीजेपी की तरफ से इस किताब का विरोध स्टूडियो डिस्कशन तक ही सीमित होकर रह गया। सावरकर को लेकर इस किताब में कितनी हकीकत ओर कितना फसाना है वो यहंा मुददा नहीं है। मगर ये दुखद है कि पिछले कुछ सालों से आजादी की लडाई में शामिल हमारे प्रतीकों और महापुरूपों के महिमामंडन की जगह अब उनकी छवि खंडन का दौर शुरू हो गया है जिसकी कडी है ये और ऐसी ढेर सारी पुस्तिकाएं जो ऐसे आयोजनों में बेधडक बांटी जाती हैं। पहले गांधी फिर नेहरू फिर आंबेडकर और अब सावरकर इन सारी हस्तियों को जिनको हमने स्कूली पाठयक्रम में आजादी के नायकों के तौर पर पढा और जाना मगर अब जब बडे हुये हैं तो इन सत्तर सालों में इनको नायक के इतर खलनायक बताने का दौर चल पडा है और इसकी शुरूआत हुयी है 2014 के चुनावों से जब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बने नरेन्द्र मोदी ने देश की हर नाकामी के लिये कांग्रेस के नेताओं और पुरानी सरकारों को कोसना शुरू कर दिया। बस फिर क्या था जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो उनकी बातें और विचारों को मजबूती देने के लिये इतिहास के पन्नों से वो सारी मुददे छांटे और तलाशे गये जिनमें विवाद और बहस की गंुजाइश थी। वो सारे बडे नेता जो अब इस दुनिया में अपनी बातों और विचार को बचाने के लिये नहीं हैं उनके लंबे राजनीतिक जीवन के कुछ चुनिंदा विचारों भापणों के अंश को उठा उठाकर कुछ उनके जीवन की तस्वीरों को लेकर सस्ते डाटा के दम पर वाटस अप से जो फैलाना शुरू किया तो बस फिर क्या था हर आदमी इतिहास का जानकार बन गया और सवाल उठाने लग गया। मैं उस दिन हैरान रह गया जब दसवीं में पढने वाले मेरे भांजे ने सवाल किया कि आप ये बताइये कांग्रेस ने सत्तर सालों में क्या कर दिया। मैं हैरान था कि इस किशोर को कैसे समझाउं कि सरकार किसी दल की नहीं देश की होती हैं और ये जो सवाल उठा रहे हो वही पुरानी सरकारों की सबसे बडी देन है कि तुम सवाल उठा पा रहे हो वरना हमारेे साथ आजाद हुये पाकिस्तान में शायर फैज अहमद फैज सरीखे अनेक साहित्यकारों को शायरी करने और सवाल उठाने पर ही जेल में कई सालांे के लिये डाल दिया गया था। तो सवाल उठाने की आजादी देश की सबसे बडी उपलब्धि है विकास के रास्तों पर तो देश चलता ही रहता है चीन और रूस जैसा विकास हमारे देश के लोग नहीं चाहंेगे जहां सडकें और मकान तो खूबसूरत हों मगर हर विचार पर पहरा हो। इसलिये मूर्तिभंजन की इस लडाई में ना तो बीजेपी को कुछ मिला है और ना अब कांग्रेस को कुछ मिलेगा। ये दोनों पार्टियां समझें। किसी ने सही लिखा है जिसको भूलना था वो अब तक याद है यही तो विवाद है।

ब्रजेश राजपूत,एबीपी न्यूज़,भोपाल
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