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कवयित्री डॉ वर्षा सिंह विद्युत मंडल से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त

कवयित्री डॉ वर्षा सिंह विद्युत मंडल से स्वैच्छिक सेवानिवृत्त

 सागर । सागर नगर की वरिष्ठ कवयित्री  समीक्षक एवं स्तंभकार डॉ. वर्षा सिंह ने लगभग 38 वर्ष विद्युत मण्डल (कंपनी) की सेवा के उपरांत दिनांक 31 दिसम्बर को उनके स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर उनके सम्मान में एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया। आयोजन में शाल, श्रीफल, पौधा एवं स्मृति चिन्ह उपहार द्वारा सम्मानित किया गया। इसी अवसर पर श्रीमती चंद्ररेखा प्रभाकर कार्यपालन अभियंता एस.टी.एम.संभाग, डीएस राठी कार्यपालन अभियंता एस.टी.सी.संभाग,  आरके अरजरिया सहायक अभियंता ग्रामीण,  श्रीमती सुशीला सिंह सहायक अभियंता, कैलाश परमार सहायक अभियंता, पवन रावत, सुश्री शमीम बानो, डॉ. (सुश्री) शरद सिंह, डी.एस.बाजपेई, जी.पी.गोस्वामी, दीपक छत्री, प्रियंका लारिया आदि बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे। इस गरिमापूर्ण कार्यक्रम का कुशल संचालन म.प्र. बिजली कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री किशोरीलाल रैकवार ने किया। 
       डॉ वर्षा सिंह की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पर उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए साहित्यकार डॉ. सुरेश आचार्य, डॉ. आनंद प्रकाश त्रिपाठी, श्यामलम संस्था के अध्यक्ष उमाकांत मिश्र, सचिव कपिल बैसाखिया, कवि निर्मल चंद निर्मल, डॉ. श्याम मनोहर सिरोठिया, डॉ.(सुश्री)शरद सिंह, कला समीक्षक मुन्ना शुक्ला, राजकुमार तिवारी, बंटी जैन राहगीरी, अशोक रैकवार, रंगकर्मी रवीन्द्र दुबे कक्का, श्रीमती अर्चना गुप्ता, श्रीमती गीता चौबे आदि ने उन्हें शुभकामनाएं दीं।
   उल्लेखनीय है कि डॉ वर्षा सिंह म.प्र.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड सागर के संचा-संधा वृत्त कार्यालय, ग्रामीण विद्युतीकरण वृत्त कार्यालय, नगर संभाग, क्षेत्रीय भंडार तथा एस.टी.एम.संभाग में अतिरिक्त कार्यालय सहायक श्रेणी- एक के पद पर पदस्थ रहीं।
    
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ग्रामीण ने किसान पर चलाई बंदूक,मामला संदिग्ध ,आरोपी फरार

ग्रामीण ने  किसान पर चलाई बंदूक,मामला संदिग्ध ,आरोपी फरार 

@बृजेन्द्र रैकवार 
सागर । सागर जिले के जैसीनगर थाना अंतर्गत ग्राम मोचल में गांव कें रहने वाले सुरेन्द्र अहिरवार ने किसान राजेंद्र लोधी पर अपनी 12 बोर की बंदूक से गोली चला दी और गोली जाकर किसान के बाएं हाथ पर लगी जिसका इलाज बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चल चल रहा है। 
पूरे मामले की जांच कर रहे जैसीनगर थाना के एएसआई एनएस सेंगर ने बताया कि सागर के सुभाष नगर में रहने वाले राजेंद्र लोधी मोचल गांव में 1 साल के ठेके पर 4 एकड़ जमीन लेकर खेती करता है । मंगलवार की दोपहर खेत पर प्याज लगवा रहा था तभी वहां मोचल गांव का रहने वाला सुरेंद्र अहिरवार अपनी 12 बोर की बंदूक लेकर आया और राजेंद्र लोधी के पैर पड़े और बैठ गया और फिर सीधे खड़े होकर राजेंद्र लोधी से गाली गलौज करने लगा और जान से मारने के उद्देश्य अपनी बंदूक से फायर कर दिया राजेंद्र लोधी के घूम जाने से गोली सीने पर ना लगकर उसके बाएं हाथ पर लगी जिसका इलाज मेडिकल कालेज मे  चल रहा है। पूरे घटना का कोई स्पष्ट कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है फिलहाल फरियादी ने पुरानी बुराई बताई है ।  आरोपी सुरेंद्र अहिरवार पर धारा 294 , 307 के तहत मामला दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।वही घायल राजेंद्र लोधी का कहना है कि मेरा किसी भी प्रकार का वाद विवाद नहीं था उसका भाई  मेरे यहां ट्रैक्टर भी चलाता है इस वजह से पूरा मामला संदिग्ध नजर आ रहा है वहीं आरोपी के गिरफ्तारी के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हो पाएगा।
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विवि में तीन दिन में तीन चंदन के पेड़ काटकर चोरी , एक प्रोफेसर के यहां दो दफा घुसे चोर, शिक्षकों में दहशत, शिक्षक संघ ने लिखा पत्र


विवि में तीन दिन में तीन चंदन के पेड़ काटकर चोरी , एक प्रोफेसर के यहां दो दफा घुसे चोर, शिक्षकों में दहशत, शिक्षक संघ ने लिखा पत्र
सागर।  डॉ हरीसिह गौर केंद्रीय विवि सागर में चोरों के हौसले बुलंद है । खासकर चंदन चोरों के। चंदन चोर प्रोफेसरों केआवासीय परिसर में घुसकर  बरसो पुराने कीमती चंदन के पेड़  आरा मशीन से काटकर ले जाते है ।  विवि की सुरक्षा व्यवस्था हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। पिछले तीन दिन में तीन स्थानों पर चंदन के पेड़ काटे गए। सबसे गोर तलब यह है कि एक प्रोफेसर के यहां पिछले तीन दिन में दो दफा पेड़ कटे। जबकि पहली घटना की शिकायत भी हुई थी। विवि शिक्षक संघ ने इन  घटनाओं पर चिंता जताते हुए कुलपति प्रो आर पी तिवारी को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। शिक्षकों को भी सता रहा है कि  यदि चंदन चोरी हो सकता है तो घरों में भी चोरियां मुमकिन है।इसकी प्रतिलिपि सागर के पुलिस महानिरीक्षक और विवि अनुदान आयोग दिल्ली के सचिव को भी भेजी है।
शिक्षक संघ ने लिखा पत्र
विवि में बढ़ती चोरियों को लेकर यूनिवर्सिटी टीचर्स एशोशिएशन ने अध्यक्ष प्रो ए पी दुबे के पत्र के मुताबिक विगत शुक्रवार दिनांक 28 दिसम्बर 2019 एवं शनिवार 29 दिसम्बर 2019 की दरमियानी रात को प्रा० जे.के. मिश्रा के आवास क्र० सी.-22 के प्रांगण में घुसकर चोरों ने चंदन का वृक्ष जो लगभग 20 वर्ष पुराना था, काट लिया। इसी दौरान अंग्रेजी विभाग के प्रो0 एवं विभागाध्यक्ष बी.आई गुरू के घर पर भी चंदन का वृक्ष काटा गया एवं दोनों ही आवासों में एक दो अधकटे वक्ष भी छोडे गये। इसकी शिकायत प्रो० मिश्रा ने सुरक्षा विभाग के प्रमुख एवं कुलसचिव  को लिखित में दी किन्तु, उसपर कोई कार्यवाहीनही हुई।
इस अनदेखी का परिणाम यह है कि आज दिनांक  31.12.2019, को सुबह यह ज्ञात
हआ कि प्रो० मिश्रा के आवास से दुबारा प्रांगण के अंदर घुसकर दूसरा चंदन का वृक्ष काटा गया है, जो कि 20 वर्ष से अधिक आयू का था। 
कार्यवाही नही ,चोरों के हौसले बुलंद
पत्र में लिखा कि  कोई कार्यवाही न होने के कारण चोरों के हौसले बुलंद हैं और वे लगातार
घर के अंदर घुसकर चोरी करने मे जरा भी हिचकिचाहट महसूस नहीं कर रहे हैं इसलिए लगातार दूसरेदिन चोरों ने वृक्ष काटने की वारदात को अंजाम दिया।यद्यपि, विश्वविद्यालय आवासीय परिसर के लिए यह कोई पहली घटना नहीं है। विगत कई वर्षों से अनवरत केम्पस में / आवासों में चंदन के वृक्षों की कटाई एवं कीमती सामान चोरी की घटनाये।जारी हैं। किंतु  वर्तमान घटना से केम्पस के शिक्षकों में असुरक्षा एवं भय व्याप्त है क्योंकि जिसे अनैतिकता से धन कमाना है वह घरों के अन्दर घुसकर चोरी भी कर सकता है।
अपने प्रमुखों की सुरक्षा में लगा है सुरक्षा तंत्र
ऐसा प्रतीत होता है कि विश्वविद्यालय सुरक्षा तंत्र केवल अपने प्रमुख मुखियाओ  और उनके आवासों कि सुरक्षा कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री मान लेता है। आशा है कि इस शिक्षक संघ के पत्र का हश्र भी पूर्व प्रेषित पत्रों की भाँति अनुत्तरीय नहीं रहेगा।

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तीनबत्ती न्यूज़. कॉम परिवार की ओर से अभी को हार्दिक शुभकामनाएं

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कैप्सूल लिफ्ट नीचे गिरी, पाथ इंडिया कम्पनी के मालिक पुनीत अग्रवाल सहित छह की मौत महू के पातालपानी की घटना

कैप्सूल लिफ्ट नीचे  गिरी, पाथ इंडिया कम्पनी के मालिक पुनीत अग्रवाल सहित छह की मौत
महू के पातालपानी की घटना
इंदौर । महू के  पास  बने पर्यटन स्थिल पातालपानी में बने एक  निजी फार्म हाउस परिसर  में मंगलवार बड़ा हादसा हो गया। इसमें पाथ इंडिया कंपनी के मालिक पुनीत अग्रवाल, उनके बेटी, दामाद, पोते समेत 6 लोगों कीमौत हो गई। अग्रवाल परिवार के इस फार्म हाउस में 65-70  फीट ऊंचा टावर बना है । इस टावर से   पातालपानी का नजारा दिखता है।नई साल का जश्न मनाने यहां इकठ्ठा हुए थे। इस पर जाने के लिए कैप्सूल लिफ्ट बनी हुई  थी । जो तकनीकी गड़बड़ी के कारण नीचे आ गिरी। इसके कारणों की जांच की जा रही है । इस टावर के अंदर काम लगा हुआ है। 
एएसपी धर्मराज मीणा ने बताया कि हादसे में पुनीत अग्रवाल, पलक, पलकेश, नव, गौरव और आर्यवीर की मौत हो गई। पुनीत अग्रवाल अपने परिवार के साथ फार्म हाउस पर पिकनिक मनाने के लिए गए थे। शाम सात बजे वह सपरिवार टावर मेंलिफ्ट के ऊपर गए। 70 फीट की ऊंचाई से अचानक लिफ्ट गिर गई। 
पीपीपी मॉडल अपनाने वाले पुनीत अग्रवाल 
पाथ इंडिया के डायरेक्टर पुनीत अग्रवाल की गिनती पीपीपी मॉडल की शुरुआत करने वाले देश के चुनिंदा कॉन्ट्रैक्टर्स में होती थी। इंदौर में 2004 में सिंहस्थ के दौरान उन्होंने एमआर 10 पर पीपीपी मॉडल पर काम किया और रेलवे ओवरब्रिज बनाया। उन्होंने इंदौर खलघाट नेशनल हाईवे, महू-मंडलेश्वर रोड, जयपुर-रींगस फोरलेन रोड, झांसी-उरई रोड, आगरा-ग्वालियर रोड प्रोजेक्ट पर भी काम किया। एमकॉम तक शिक्षा हासिल करने वाले पुनीत अग्रवाल ने 18 वर्ष की आयु में ही पिता प्रकाश का कामकाज संभाल लिया था। पाथ इंडिया के पास मौजूदा समय में देश के 10 बड़े टोल रोड के मेंटेनेंस का काम है। हादसे की खबर लगते ही उनके शुभचिंतकों और कम्पनी से जुड़े लोग अस्पताल पहुचे।

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नौ दिन तक मौन रहकर 25 साधकों ने पूरी की विपश्यना साधना

नौ दिन तक मौन रहकर 25 साधकों ने पूरी की विपश्यना साधना
सागर। नौ दिन तक आर्य मौन व्रत रखते हुए एवं कठोर ध्यान अभ्यास के साथ 25 साधकों ने साल के अंतिम दिन मंगलवार को अपनी साधना पूरी की। विपश्यना समिति सागर की ओर से शहर में पहली बार मकरोनिया के एक निजी स्कूल में दस दिवसीय निशुल्क विपश्यना शिविर का आयोजन किया गया था। 21 दिसंबर से शिविर की शुरुआत हुई। प्रदेश भर से पहुंचे नए एवं पुराने साधकों ने 22 दिसंबर से विपश्यना कोर्स शुरू किया। 31 दिसंबर को मौन तोड़ने के बाद शिविर का समापन हो गया। 
समिति के सदस्य अभिनेष अग्रवाल ने बताया कि हालांकि शिविर का समापन हो चुका है, लेकिन ये सभी 25 साधक बुधवार सुबह 7.30 बजे अपने-अपने गंतव्य की ओर रवाना होंगे। विपश्यी साधक एवं समिति के सदस्य इंजी. अभय चौरसिया ने शिविर की सफलता के बारे में बताया कि समिति की ओर से सागर में लगा यह शिविर पूरी तरह सार्थक साबित हुआ है। शिविर के दौरान 16 पुरूष साधक एवं 9 महिला साधकों ने सफलतापूर्वक विपश्यना ध्यान अभ्यास किया और दस दिन तक बिना कुछ बोले इस कठिन साधना के जरिए अपनी ऊर्जा में वृद्धि की। 
क्या है विपश्यना
विपश्यना समिति सागर के सदस्य अनुराग सिंह राजपूत ने बताया कि महात्मा बुद्ध जो तप किया करते थे उसी का सबसे परिष्कृत रूप है विपश्यना साधना। विपश्यना यानि फिर से देखना..। इस साधना के जरिए साधक अपने मन को किसी एक स्थान पर एकाग्र करने के बाद एक-एक कर शरीर के हर हिस्से पर इसे ले जाता है, जिससे उसके विकार बाहर निकलते हैं। धीरे-धीरे कर साधक अपने कर्म बंधनों से मुक्त होता जाता है। 
शिविर के दौरान बोलना, एक दूसरे को देखना तक मना है
विपश्यना का दस दिवसीय आवासीय शिविर पूरी तरह निशुल्क होता है। नए साधकों से इस दौरान न तो किसी तरह का दान लिया जाता है और न ही किसी तरह का शुल्क। रहने और खाने-पीेने की सभी व्यवस्थाएं समिति की ओर से निशुल्क की जाती हैं। शिविर के दौरान साधकों को पूरे 9 दिन तक मौन का पालन अनिवार्य होता है। साथ में रहने के बाद भी एक-दूसरे से बोलने की मनाही है। इतना ही नहीं एक-दूसरे की आंख से आंख मिलाकर देखना भी नहीं है। ऐसा माना जाता है कि बोलने, एक दूसरे को छूने या आंख से आंख मिलाकर देखने से ऊर्जा का ह्रास होता है। शिविर पूरा करने के बाद साधक ऊर्जा से लबरेज हो जाता है। 

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कांग्रेस सेवादल के 96 वर्ष पूरे, सेवा कार्यकम का आयोजन

कांग्रेस सेवादल के 96 वर्ष पूरे, सेवा कार्यकम का आयोजन
सागर। कांग्रेस सेवादल दल दिवस सप्ताह के समापन पर कांग्रेस सेवादल के 96 साल पूर्ण होने पर सेवादल की शहर ईकाई ने सेवा भावी कार्यक्रमो का आयोज किया। इस मौके पर सेवादल काँग्रेस अध्यक्ष सिंटू कटारे ने  पहलवान बब्बा मंदिर  परिसर में गरीब लोगों को ठंड से बचने के लिए कंबल वितरित किये ।स्थापना दिवस पर  कांग्रेस सेवादल की शपथग्रहण का आयोजन किया। इस अवसर पर सेवादल के प्रदेशपदाधिकारी डाॅ संदीप सबलोक, विजय साहू, राजाराम सरवैया, द्वारका चौधरी, सेवादल वोड॔ के सदस्य कमलेश बघेल ,प्रदेश सचिव अमित दुबे राम जी,कार्यकारी अध्यक्ष  जितेंद्र सिंह चावला , रंजीत राठौर, पप्पू गुप्ता ,ओंम प्रकाश पांडेय, राजेश यादव , नरेन्द्र कोष्टी ,कमलेश मछंदर, मिथुन घारु ,राहुल जाटव, मजहर हासमी ,रोहित ,फहीम अन्सारी मछंदर, राहुल सनकत, विनय मछंदर, गोलू जाटव आदि शामिल हुए।
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निर्बल के बल राम:आचार्य ब्रजपाल शुक्ल कथा के अंतिम दिन पहुचे पूर्व मन्त्री सुरेंद्र चोधरी,भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह मोकलपुर

निर्बल के बल राम:आचार्य ब्रजपाल शुक्ल

#कथा के अंतिम दिन पहुचे पूर्व मन्त्री सुरेंद्र चोधरी,भाजपा नेता राजेन्द्र सिंह मोकलपुर
सागर।माखनलाल पत्रकारिता विवि के कुलपति दीपक तिवारी के निवास पर चल रही राम कथा में अंतिम दिवस व्यास पीठ से कथा व्यास ने कहा की संसार का मनुष्य कितना भी समर्थ क्यो न हो किन्तु वह असमर्थ ही होता है। अपने शरीर के प्रति पत्नी और पुत्र के प्रति प्रायः आसक्त ही होता है।इनकी सुरक्षा करते हुए ही निर्बल की कुछ सहायता कर सकता है। कभी कभी वीरता के कारण मनुष्य युद्ध करके प्राण त्याग भी कर देता है।वीरता और उदारता प्रायः सभी मनुष्यों में नही होती हैं। सम्पूर्ण वीरता और सम्पूर्ण उदारता मात्र भगवान में ही होती हैं।
लक्ष्मण तथा जानकी के सहित रामजी अपने पारिवारिक विग्रह के कारण वनवास दुःख में भी दुःखी नही हुए।रामजी को देखकर चित्रकूट में सभी ऋषियों ने आकर श्रीराम जी से निवेदन किया तथा राक्षसों के द्वारा मारे गए लाखों ऋषियों के हड्डियों के समूह को दिखाया और कहाकी संसार मे न तो आपको कोई दुःखी कर सकता है और न तो पराजित कर सकता इसलिए आप ही हम सब की रक्षा करने में समर्थ हैं।
निशिचर निकर सकल मुनि खाये।
सुनि रघुवीर नयन जल छाए।
ऋषियों ने कहा कि हे रघुनन्दन निशाचरों में प्रायः सभी साधन ऋषियों को खा लिया है।
हम लोग जो कुछ बचे हुए हैं उनके आर्त श्वर को सुनकरके रघुनन्दन राम अपना दुःख भूल गए नेत्रों से अश्रु प्रवाह होने लगा।
उन्होंने कहा कि सभी के सामने उन्होंने प्रतिज्ञा की कि इन चौदह वर्षों के वनवास काल मे सम्पूर्ण पृथ्वी को मैं निशाचरों से रहित कर दूंगा।
जब कोई व्यक्ति दूसरे के दुःख को अपना दुःख ममां लेता है तब वह अपनी पूरी शक्ति से दूसरे का दुःख दूर कर सकता है।दूसरे का दुःख दूर करने में कष्ट तो उतना ही पड़ेगा इसीलिए अगस्त्य ऋषि के कहने पर लंकाधिपति रावण से विरोध करने के लिए पंचवटी में निवास करने लगे। यह उन्होंने जान करके किया।
राक्षसों से युद्ध करने का निमित्त निर्माण किया तथा सबसे पहले उन्होंने शूर्पड़खा को ही कुरूप करवाया।इसी का नाम वीरता है दुष्टो का स्वभाव है कि वह अकारण ही सज्जनों को दुःख देते हैं।
इसी प्रकार वीर पुरुष का भी स्वभाव होता है कि वह दुष्टों से युद्ध का कारण बनाकर दुष्टो का संहार करते हैं इसीलिए श्री राम को भगवान कहा जाता है जो सबके दुःख के दूर करके भी दुःखी न हो सबको पराजित करके भी पराजित न हो । 
आज भी संसार मे जिसका कोई नहीं है उसके भगवान ही हैं
सूरदासजी ने कहा निर्बल के बल राम।
निर्बल मनुष्य को चाहिए कि वह भगवान की आराधना करके उनको ही अपना बल मान लें।
कथा में पहुचे ये श्रद्धालु
आज कथा समापन में पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी, सुदेश जैन,सुशील तिवारी,राजेन्द्र सिंह 'मोकलपुर', देवदत्त दुबे,राजीव सोनी,विनोद आर्य,त्रिभुवन तिवारी,  विवेक तिवारी,राजेंद्र यादव,अंशुल भार्गव, पप्पू तिवारी,निधीश तिवारी,प्रदीप पाठक,राजेन्द्र दुबे,सुशील पांडेय, संतोष रोहित,एजाज़ खान आदि ने कथा श्रवण कर आचार्य जी से आशीर्वाद ग्रहण किया।
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