सागर जिले में कक्षा 8वीं तक 30 और 31 दिसम्बर की छुट्टी घोषित, ठंड के चलते
सागर जिले में कक्षा 8वीं तक 30 और 31 दिसम्बर की छुट्टी घोषित, ठंड के चलते
"दस्तक युवा पीढ़ी की",नए कवियों को मिला मंच
"दस्तक युवा पीढ़ी की",नए कवियों को मिला मंच
सागर।राष्ट्रीय कवि संगम जिला इकाई सागर इकाई का "दस्तक युवा पीढ़ी की कार्यक्रम" हुआ संपन्न। कार्यक्रम अध्यक्ष पंडित हरिशंकर तिवारी एवं मुख्य अतिथि मधुसूदन सिलाकारी द्वारा सरस्वती पूजन किया संस्था के उपाध्यक्ष प्रभात कटारे ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया । संस्था के जिलाध्यक्ष कपिल चौबे द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम निरंतर नए एवम् युवा कवियों की तलाश कर उन्हें प्रशिक्षित और मंच प्रदान करने हेतु प्रयास करते रहे है जिसके तहत हमने अलख ,नए मिजाज़,काव्य वर्षा,आदि सफल कार्यक्रम आयोजित किए जिसमें अभी तक 75 से ज्यादा युवा एवम् नए कलमकार सामने आए इसी सिलसिले की नई कड़ी में यह "दस्तक नई पीढ़ी की" हमारा अगला कदम है।संरक्षक शायर अशोक मिजाज़ बद्र की उपस्थिति में 11 युवा कवियों ने साहित्यिक दस्तक दी ।
प्रथम कवि के रूप में विकाश सदाबहार इलाहाबाद :
मै तेरी चाहत में आज भी निखरता रहता हूं,
आकर तेरी दुनिया के ख्वाबों में बिखरता रहता हूं।एवम् सुश्री दीक्षा पटेल दमोह ने मां कुछ भी जाया जाने नही देती ,वो सहेजती है ,सभालती है ,ढकती है ,बाधती है उम्मीद के आखरि छोर तक देखा होगा न .......
श्री प्रशांत ढेंकले ने
हमे फिर हम से हटाया जा रहा है ,लिख कर गलत मिटाया जा रहा है। अमित कुशवाहा ने हमेशा सबकी फरमाइशें पूरी करे आसान नहीं है,
ये ज़िंदगी है जनाब चाय की दुकान नहीं है
आयुष दांगी नेदिल करता है सब कुछ बिखरा छोड़ के लौट जाता हूं उस मां की गोदी में उस आंचल में लोट जाता हूं ।
सुश्री शुभी विश्वारी छतरपुर ने ये है मेरी काल्पनिक लव स्टोरी।रेलवे का टेस्ट निकल गया तभी होगी पूरी ।श्री सत्यम अग्निहोत्री ने निश्चय की अनिश्चय कहने वाला कौन हूँ मैं. शिवांशु कमल नामदेव ने अपनी साहित्यिक रचनाएं
सुनाकर सब का दिल जीता
नलिन जैन ,श्वेता जैन,शोर्य चौबे,राघव रामकरण,अभिषेक ऋषि आदि ने काव्य पाठ किया ।अंत में संस्था के संरक्षक शायर अशोक मिजाज़ बद्र ने आज के माहोल को देखते हुए शेर पढ़ा तमाम उम्र हमे साथ साथ रहना है ,तो बात बात पे ये मनमुटाव आखिर क्यूं ?
कार्यक्रम का संचालन कपिल चौबे ने किया एवम् आभार संस्था के द्वितीय संरक्षक डॉ अशोक कुमार तिवारी ने किया ।इस अवसर पर पंडित संजय बाजपेई जी , रामप्रसाद विश्वकर्मा , प्रभु दयाल विल्थरिया सत्य नारायण मंगोलिया जी , रामनाथ यादव ,विजय चौबे आदि उपस्थित थे
मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव की संभावना, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, और रीवा संभागों में वर्षा हो सकती है
मध्य प्रदेश में मौसम में बदलाव की संभावना, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, और रीवा संभागों में वर्षा हो सकती है
भोपाल। मौसम विज्ञानी डॉ शैलेन्द्र नायक के अनुसार आगामी मौसम का पूर्वानुमान ऐसा रहेगा, जिसमें मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्से उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाओं की चपेट में हैं जबकि दक्षिणी हिस्से उत्तर-पूर्वी ठंडी हवाओं की चपेट में हैं। आगामी 24 से 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश में हवाओं की दिशा वदलाव की संभावना नहीं है. इसके बाद, मध्य प्रदेश में हवाएँ दक्षिण-पूर्वी होने की संभावना है जिस कारण न्यूनतम और अधिकतम तापमान में वृद्धि की संभावना है। एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ द्वारा पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को 30 दिसंबर की रात से प्रभावित करने की बहुत संभावना है। इस पश्चिमी विच्छोप एवं निचले तल की पूर्वी हवाओं के परस्पर प्रभाव(इंटरेक्शन) के कारण 01 एवं 02 जनवरी, 2020 को मध्य भारत सहित मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में अधिकांश स्थानों से अनेक स्थानों तक वर्षा के साथ साथ कहीं-कहीं ओले गिरने की संभावना है. आगामी 2 दिनों के दौरान उत्तरी मध्य प्रदेश में घना कुहरे की संभावना है. आगामी 24 से 48 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के न्यूनतम तापमानों में विशेष परिवर्तन की संभावना नहीं है एवं रीवा, सागर, ग्वालियर एवं चम्बल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर शीत लहर साथ साथ कहीं-कहीं तीव्र शीत लहर की संभावना है इसके बाद शीत लहर से राहत मिलाने की संभावना है. आगामी 24 से 48 घंटों के दौरान रीवा, सागर, ग्वालियर, चम्बल, जबलपुर, भोपाल एवं इंदौर संभागों के जिलों में कहीं कहीं तीव्र शीतल दिन के साथ साथ कुछ स्थानों पर तीव्र शीतल दिन की संभावना है. आगामी 24 सागर, रीवा, शहडोल, ग्वालियर एवं चम्बल संभागों के जिलों में कहीं कहीं कुछ क्षेत्रों में कुहर एवं कहीं कहीं घना कुहरा छाने की संभावना है.
फ़िल्म बागवान से आई "बागवान वृद्धाश्रम" बनाने की कल्पना:गोपाल भार्गव, सर्वसुविधायुक्त वृद्धाश्रम का लोकार्पण
फ़िल्म बागवान से आई "बागवान वृद्धाश्रम" बनाने की कल्पना:गोपाल भार्गव,
सर्वसुविधायुक्त वृद्धाश्रम का लोकार्पण
सागर। सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत गढाकोटा नगर में 318 लाख रुपये की लागत से बने भव्य एवं सर्व सुविधा युक्त "बागवान वृद्धाश्रम" का लोकार्पण स्थानीय विधायक व मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने किया। यह वृद्धाश्रम 2 वर्ष पूर्व जब गोपाल भार्गव सामाजिक न्याय एव निःशक्तजन कल्याण मंत्री थे ।उस समय स्वीकृत कर दिया था। इस वृद्धाश्रम में 24 कमरे,प्रत्येक कमरे में तीन से चार पलंग,गद्दे,तकिया, रजाई, पूजाघर,भोजन के लिए बढा हाल,जिसमें लगभग 500 लोग एक साथ भोजन कर सकते हैं। भजन इत्यादि के लिए शानदार साउंड सिस्टम, मनोरंजन के लिए टेलिविज़न,इस वृद्धाश्रम में बीच बहुत बढ़ा आँगन व बगीचा हैं। कुल मिलाकर यह वृद्धाश्रम सर्व सुविधा युक्त हैं।
नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि वैसे तो भारत"श्रवण कुमार"की संस्कृति वाला देश है ऐसे देश में वृद्धाश्रम की कल्पना करना बेमानी हैं,लेकिन वर्तमान समय में कलयुग और पाश्चात्य संस्कृति भारत में इतनी ज्यादा हावी होती जा रही है जिससे रिश्ते नाते व मानवीयता का ह्रास बहुत ही शीघ्रता से हो रहा हैं।पहले परिवार की परिभाषा में दादा दादी,चाचा चाची,माता पिता, बच्चे इत्यादि होते थे, लेकिन वर्तमान दौर में परिवार की परिभाषा ही बदल गई है इसमें पति पत्नी और बच्चे आते हैं। आज के दौर में समाज में ऐसे अनेकों बेसहारा व अपनो से उपेक्षित वृद्ध हैं जो कि दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। ऐसे वृद्धों का एक आश्रय देने का काम करेंगा यह"बागवान वृद्धाश्रम"।इस वृद्धाश्रम में सुबह नाश्ता सहित दोनों टाईम रूचिकर भोजन की व्यवस्था की गई है। समय समय पर मेडिकल परीक्षण भी कराया जायेगा। कुल मिलाकर मेरा प्रयास रहेगा कि इस वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धों को घर जैसा वातावरण महसूस हो,ताकि वे अपने जीवन को शानदार तरीके से जी सकें।
बागवान फ़िल्म से आई परिकल्पना
इस वृद्धाश्रम की परिकल्पना मेरे मन में कुछ वर्षों पूर्व उस समय आई जब मैंने फिल्म बागवान देखी जिसमें बच्चे किस तरह अपने माँ बाप को दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर कर देते हैं। एक समय ऐसा आता हैं जब फिल्म का नायक कहता है कि भगवान से मन्नतें माँगकर औलाद मांगते है और यदि औलाद ऐसी होती है तो वेऔलाद होना ठीक है। इस फिल्म से प्रेरित होकर ही इस वृद्धाश्रम का नाम "बागवान वृद्धाश्रम " रखा। कार्यक्रम में उपस्थित वृद्धों को नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव जी ने साल श्रीफल से सम्मानित किया।
सेवादल कांग्रेस अनुशासन के साथ बढ़ रहा है आगे: कैलाश सिंघई
सेवादल कांग्रेस अनुशासन के साथ बढ़ रहा है आगे: कैलाश सिंघई
सागर। कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष श्री लाल जी देसाई एवं प्रदेश कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष डाॅ सत्येंद्र यादव के निर्देशानुसार प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को होंने वाला ध्वजवंदन काय॔क्रम आज कीर्ति स्तंभ नमकमंडी कटरा वाजार मे कांग्रेस के सीनियर नेता कैलास सिघई के द्वारा संपन्न हुआ ।कार्य क्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अब्दुल रफीक गनी उपस्थित थे काय॔क्रम को संबोधित करते हुए श्री सिघई जी ने कहा कि सेवादल अनुशासन के साथ आगे बढ रहा है मैं भी सेवादल से ही प्रशिक्षित कार्यकर्ता हूँ आज मुझे बहुत गव॔ हो रहा है इस अवसर पर रफीक गनी जी ने कहा कि सेवादल का जन्म आजादी की लड़ाई में योगदान के लिए हुआ था कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवादल सागर शहर अध्यक्ष सिंटू कटारे ने कहा कि सेवादलको अनुशासन के साथ और आप सब के सहयोग से आगे चुनौतियों के लिए तैयार करना है काय॔क्रम मे विशेष अतिथि के रुप में सेवादल के प्रदेश पदाधिकारी डाॅ संदीप सबलोक ,विजय साहू राजाराम सरवैया ,शामिल हुए काय॔क्रम का संचालन द्वारका चौधरी द्वारा किया गया। इस अवसर पर काय॔वाहक अध्यक्ष मुन्ना चौवे जितेंद्र सिंह चावला चक्रेश सिघई जी अमित दुबे राम राकेश राय ब्लाक अध्यक्ष शरद पुरोहित जितेंद्ररोहण हेमकुमारी पटेल हेमराज रजक प्रदीप सेठ कोषाध्यक्ष पदम जैन ब्लाक अध्यक्ष कल्लू पटेल प्रीतम यादव आनंद हैला नितिन पचौरी दुलीचंद सकवार हरिश्चंद्र सोनवार राहुल जाटव चंद्रभान अहिरवार प्रभात भंडारी नीलेश गौतम फहीम अंसारी अरूण चकिया बाबू सलाम अंकुर यादव मुकुल शर्मा पवन घोषी गोलू पचौरी वसीम खान मीरा अहिरवार गीता लीला गेंदा बाई काशी बाई भूरी बाई रेखा अहिरवार वर्षा बाल्मीकि केशर बाई राजिया खान रेखा गुप्ता अशोक नागवानी अरविंद सेंगर आमिर हुसैन राईन मोनू गुप्ता कमलेश मछंदर शैलेश अकेला शामिल हुए ।काय॔क्रम का आयोजन कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष सिंटू कटारे ने किया
दुर्भावना ही नाश का कारण है :पण्डित ब्रजपाल शुक्ल
दुर्भावना ही नाश का कारण है :पण्डित ब्रजपाल शुक्ल
सागर।ढाना,( सागर )ग्राम में दीपक तिवारी के निवास पर चल रही राम कथा के पंचम दिवस कथा व्यास आचार्य ब्रजपाल शुक्ल ने व्यास पीठ से कहा।उन्होंने कहा किमहाराज जनक के धनुष यज्ञ में आये हुए सभी प्रकार की बुद्धि के राजा विदयमान थे। सीता से विवाह की कामना सभी राजाओं के मन मे थी लेकिन सीता को देखकर कुछ राजाओं के मन मे भावना ही बदल गयी और वे सीता को अपनी माता के रूप में देखने लगे। जो राजा सीता को काम भावना से देख रहे थे , युद्ध करके भी छुड़ाने की बात कर रहे थे उनके लिए सद्बुद्धि सम्पन्न राजाओं ने कहा
सिख हमारी सुनि परम् पुनीता।
जगदम्बा जानहु जिय सीता।।
हे! राजाओ सीताजी को देख करके हमारा मन विशुद्ध हो गया है जिससे हम विवाह करने के लिए आये थे वास्तव में वह जगत जननी जगदम्बा है। हम लोग अपनी माता के ही प्रति विवाह की कामना करने लगे हैं।
श्री शुक्ल ने बताया कि श्रीराम जगत पिता हैं और सीता जगत जननी हैं। मनुष्य के कुबुद्धि होती है तब उसकी दुर्भावना ही उसके नाश का कारण बनती है।सीता और राम को आज नेत्र भर करके देख लो यह अपने माता पिता हैं। धनुष यदि बल के कारण टूट भी गया तो भी सीता के साथ विवाह करने योग्य नही हैं क्योंकि संसार के किसी मनुष्य के लिए अपनी माँ भोग्य योग्य नही हो सकती।रामजी को रंगमंच में देखकर जैसे सभी की अपनी अपनी भावना के अनुसार दर्शन हो रहे थे उसी प्रकार रंगमंच में आई हुई सीता को देखकर सभी के अंदर भावना के अनुसार भाव जग रहे थे।सद्बुद्धि सम्पन्न राजाओ ने कहा कि सीता और राम दुष्ट भोगी मनुष्यो के काल के समान हैं और यही सीता राम सद्भावना सम्पन्न मनुष्य के लिए माता पिता हैं।
जो मनुष्य इनको माता पिता के रूप में देखता है तो सीता राम उनको पुत्र के रूप में देखते हैं उनका पालन पोषण करते हैं उनकी दुःखो से रक्षा करते हैं उनकी दुःखो से रक्षा करते है लेकिन दुष्टो के लिए वे दोनों साक्षात काल ही हैं।
सीताजी के रूप को देख करके मोह काम जिनके हृदय में उतपन्न होता है उनका नाश निश्चित ही है।जगदम्बिका रूप गुण खानी
जगतजननी सीता जी के सौंदर्य का वर्णन करना भी हम लोगो के लिए एक बड़ा दोष है। माता की सुंदरता पुत्र के गौरव का साधन है न कि भोग्य का साधन है इसलिए हे राजाओ सीताजी को जगदम्बा मानकर अपने जीवन को सफल कर लो क्योकि जिनसे यह शरीर उतपन्न होता है उन माताओं की भी यह माता है।
उन्होंने कहा कि स्त्री और पुरुष दोनों का उतपन्न करने वाली जगतजननी जानकी है हम सब उनके पुत्र हैं और यह दोनों भावना बदल जाती हैं तो आनन्द और दुःख दोनो प्राप्त होते हैं। सद्भावना का परिणाम है सुख और दुर्भावना का परिणाम दुःख है।
परिवहन मंत्री ,पूर्व गृहमन्त्री,पत्रकार ब्रजेश राजपूत और मनोज शर्मा हुए कथा में शामिल
आज की कथा में कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत,खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह, वरिष्ट पत्रकार ब्रजेश राजपूत,मनोज शर्मा, रविन्द्र व्यास, पुष्पेंद्र पल सिंह,संतोष पांडेय, देवी प्रसाद दुबे, ऐस के मिश्रा, आशीष पटेरिया, सरस जैन ,डॉ एन पी शर्मा, अनिल तिवारी, सुकदेव मिश्रा ,प्रमोद नायक ,अजय दुबे , कैलाश देवलिया, डॉ सौरव पुरोहित, नीरज पांडे, राजीव हजारी , रजनीश जैन, शैलेंद्र ठाकुर,अभिषेक यादव,पंकज सोनी, आशीष दिवेदी, आदि ने कथा का श्रवण किया व आचार्य जी से आशीर्वाद ग्रहण किया।
जलवायु परिवर्तन का असर स्थानीय स्तर पर भी,इस पर मंथन की जरूरत,भारतीय भौगोलिक सम्मेलन में चर्चा
जलवायु परिवर्तन का असर स्थानीय स्तर पर भी,इस पर मंथन की जरूरत,भारतीय भौगोलिक सम्मेलन में चर्चा
सागर। डाॅ. हरीसिंह गौर केन्द्रीय विश्वविद्यालय, सागर (म.प्र.) के सामान्य एवं व्यवहारिक भूगोल विभाग के द्वारा भारतीय भौगोलिक संघ (नागी) का 41 वाँ भारतीय भौगोलिक सम्मेलन के समन्वयक, प्रो. आर.पी.मिश्र, अधिष्ठाता,व्यवाहरिक अध्ययन शाला ने बताया कि द्वितीय दिवस में 18 तकनीकी सत्रों को विभिन्न अध्ययायों में विभाजित कर एक 180 शोध पत्र प्रतिभागियों के सम्मिलित किए गए तथा इन शोध पत्रों का वाचन किया गया। जिनमें प्रमुख विषय हैं - ग्रामीण एवं शहरी: गतिशील और परिवर्तन, ग्रामीण परिस्थितिकी समाज और राजनैतिक आर्थिक, कृषि संबंधी कठिनाइयों एवं राजनैतिक आर्थिक, भारतीय कृषिः प्रारूप एवं चुनौतियां, भारतीय कृषि चुनौतियां, सम्भावना, भूस्थनिक तकनीकी में भौगोलिक अध्ययन, जनसंख्या में लिंग अनुपात एवं विकास, जलवायु परिवर्तन एवं स्वास्थ्य संबंधी एवं प्रभाव का भौगोलिक अध्ययन शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जलावायु परिवर्तन/प्रभाव एवं सामंजस्य पर गहन मंथन हुआ। जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव स्थानीय स्तर पर भी दिखाई देने लगा है। इसके कारणों, प्रभावों एवं उपायों पर गहन चर्चा करते हुए समाज में इस संबंध में जागरूकता हेतु योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने की रणनीति तैयार करने पर मंथन हुआ। उन्होंने कहा कि इन शोध पत्रों के माधयम से निकलने वाले निष्कर्ष विश्वविद्यालय के छात्रों, शोधार्थियों को ज्ञान के क्षेत्र में पे्ररित करेंगे। तथा समाज में एक नई दिशा देने में बहुउपयोगी सिद्ध होंगे।
सीपी सिंह अंतरराष्ट्रीय भूगोल वेत्ता
भूगोलवेत्ता वरिष्ठ प्रोफेेसर श्री कमल शर्मा ने प्रो. सी.पी. सिंह मेमोरियल व्याख्यान देते हुए बताया कि प्रो.सिंह सागर विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के विद्यार्थी थे तथा वर्ष 1999 से 2000 तक 12वें विभागाध्यक्ष बनें वह दिल्ली विश्वविद्यालय में व्याख्याता से लेकर प्रोफेसर तक रहकर शिक्षण, शोध के क्षेत्र में अंतर्राष्टीय स्तर पर पहचान बनाई। वह कृषि भूगोल, राजनीतिक, इलेक्ट्राल भूगोल के विषय विशेषज्ञ थे। आज के परिवेश में उनके शोध एवं अनुभव, प्रकाशन पे्ररणादायी हैं। प्रो. शर्मा ने भारत के विकास में लिंग अनुपात में चुनौतियां एवं निदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रो. सिह ने ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी कार्य किया है। उन्होंने अपने शोध पत्र लैंगिक विषमताओं का सम्पोषित विकास पर दुष्प्रभाव विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सम्पोषित से तात्पर्य है कि संसाधनों का उपयोग इस तरह से किया जाना चाहिए कि अगली सन्तति के लिए वह उपयोगी हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सन्तति में एक बड़ा हिस्सा महिलाओं का है जिसकी संख्या घटती जा रही है। इस घटती संख्या के साथ उनको समान विकास का लाभ मिलना संभव नहीं है। उन्होने कहा कि समाज में महिलाओं के विकास को सम्मिलित किए बिना संतुलित किया जाना संभव नहीं है यह भी शोध का विषय है।
वरिष्ठ प्रोफेेसर जवाहर लाल जैन ने अपने व्याख्यान में प्रकाश डालते हुए बताया कि भूगोल के विद्यार्थी सुदूर संबेदन तकनीकी का उपयोग सरलता पूर्वक कैसे कर सकते हैं। यह तकनीक सूक्ष्म वास्तविक अध्ययन के लिए अत्यावश्यक है और भूगोल के विद्यार्थियों के लिए विशेष उपयोगी इसलिए है कि उनके अध्ययन का विषय का धरातल का है। जिसके सूक्ष्म विषय सूचना सुदूर संवेदन में मिलती है जोकि अन्य तरीको से सम्भव नहीं है।
डाॅ.सरला शर्मा ने ग्रामीण बाजारों की उत्तपत्ति का स्थानिक-कालिक विशलेषण, वैशाली पद्म, डाॅ. बी.तबर ने ग्रामीण बस्ती के विकास पर भौगोलिक कारकों का अध्ययन, राकेश भारती, गुंजन कुम ने ग्रामीण विकास में कृषि पर आधारित उद्योगों की भूमिका पर एक भौगोलिक अध्ययन, रामकुमार सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों पर ग्रामीण से शहरी प्रभाव का प्रवास डी.दीनानाथ ठाकुर ने कृषि भूमि पर उपयोग शहरीकरण का प्रभाव, मनीष कुमार ने जलवायु परिवर्तन का कृषि पर प्रभाव सहित जनजाति क्षेत्रों के कृषि एवं पोषण आहर, विपणन, की समस्याऐं एवं चुनौतियों जैसे विषयों पर विस्तृत वैचारिक मंथन हुआ।
ये रहे उपस्थित
प्रमुख रूप से डाॅ.अनिल तिवारी, संस्थापक कुलपति, एस.व्ही.एन., प्रो. आनंदकर सिंह, ग्वालियर, प्रो.एस.एस.शर्मा, जयपुर, प्रो. श्रीकांत, चंडीगढ, प्रो. आर.के.त्रिपाठी, कानपुर, प्रो. संतोष शुक्ता, प्रो. पी.पी.सिंह, प्रो. रोली कंचन, बडौदरा, प्रो.एस.शिवाकांत, गोरखपुर, प्रो.सी.के.जैन, डाॅ. आर.बी.अनुरागी,संयुक्त सचिव, आयोजन समिति, डाॅ. हेमंत पाटीदार आयोजन समिति सचिव, डाॅ. सतीष सी., डाॅ. निकलेश कुमार, डाॅ.रघुवंशमणी सिंह, डाॅ. पवन शर्मा, डाॅ. आर.के.श्रीवास्त्री, डाॅ. रितु यादव, डाॅ. नीरज उपाध्याय, डाॅ. नीलम थापा, राहुल मिश्रा, कुंदन परमार, कालूराम, जितेन्द्र पटेल, सुरेश मिश्रा, वीरेन्द्र गौतम, पी.एल.साहू, दुष्यंत नामदेव, शंकर ताम्रकार सहित अनेक शोधार्थी प्रतिभागी उपस्थित थे।
भारतीय भौगोलिक अधिवेशन का समापन 30 दिसम्बर को
41 वां भारतीय भौगोलिक अधिवेशन का समापन डाॅ. हरिसिंह गौर विश्वविद्याल, सागर के स्वर्ण जयन्ती सभागार में दोपहर 2.00 बजे किया जावेगा। जिसके मुख्य अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डाॅ. अजय तिवारी, अध्यक्षता प्रो. राणा प्रताप, बोध गया निर्वाचित अध्यक्ष (नागी) प्रो.एस.सी.राय, सेक्रेटरी जनरल (नागी) एवं कांफे्रंस के समन्वयक प्रो.आर.पी.मिश्रा मंच को सुशोभित करेंगे। इस अवसर पर भूगोल क्षेत्र में किए गए कार्यो पर आधारित प्रमुख पुस्तकों का विमोचन भी किया जावेगा। समापन सत्र के प्रथम सत्र में 10 तकनीकी सत्र में लगभग 100 से ज्यादा शोध पत्रों का वाचन किया जावेगा जोकि महर्षि कणाद भवन में सम्पन्न होंगे।
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शांति महोत्सव होगा , शांति धाम बीना जी बारह में
शांति महोत्सव होगा , शांति धाम बीना जी बारह में
सागर। शान्तिधाम बीना बारह जी मे आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री विमल सागर जी ,मुनि श्री अनंत सागर जी,मुनि श्री धर्म सागर जी,मुनिश्री अचल सागर जी, मुनिश्री भाव सागर जी महाराज के सानिध्य में एवं पंडित कमल कुमार कर्रापुर के निर्देशन में 31दिसंबर 2019 दिन मंगलवार से 2 जनवरी 2020 गुरुवार तक वार्षिक मेला का आयोजन किया गया है । इसके अन्तर्गत 31 दिसम्बर 2019 दिन मंगलवार को दोपहर 1 बजे ध्वजारोहण एवं मेला का शुभारंभ होगा । ध्वजारोहण मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री हर्ष यादव के मुख्य आतिथ्य में संपन्न होगा । ध्वजारोहण करने का सौभाग्य स. सिं. उत्तम चंद जी जैन कोयला परिवार को प्राप्त होगा । विशिष्ट अतिथि सुखदयाल देवडिया केसली होंगे । रात्रि में 8 बजे से भजन संध्या " एक शाम शांति प्रभु के नाम " का आयोजन किया गया है । 1 जनवरी 2020 बुधवार को प्रातः 7.30 बजे मूलनायक श्री 1008 शांतिनाथ भगवान की विशाल खड्गासन प्रतिमा का महा मस्तकाभिषेक एवं महा शांतिधारा नए तरीके से होगी । दोपहर में 1 बजे श्री शांतिनाथ विधान एवं गजरथ महोत्सव के समस्त पात्रों एवं विशेष सहयोगियों का सम्मान समारोह होगा और मुनि श्री के मंगल प्रवचन होंगे ।
2 जनवरी 2020 दिन गुरुवार को प्रातः 7.30 बजे श्री आदिनाथ भगवान की विशाल पद्मासन प्रतिमा का प्रथम बार महा मस्तकाभिषेक एवम् विशिष्ट ऊर्जा देने वाली शांतिधारा होगी । यह दृश्य प्रथम बार देखने को मिलेगा साथ ही दोपहर में मुनि श्री के प्रवचन होंगे ।
इस कार्यक्रम की तैयारियां जोरों से चल रही है । अतिथियों की आवास एवम् भोजन की संपूर्ण व्यवस्था की गई है । मुनि संघ के 30 दिसंबर 2019 दोपहर 1 बजे के बाद महाराजपुर से बीना बारह पहुंचने की संभावना है। यह जानकारी अलकेश जैन अध्यक्ष अतिशय क्षेत्र शांतिधाम बीना जी बारह ने दी।