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आबकारी उपनिरीक्षको के प्रशिक्षण सत्र का समापन ,दो माह चला प्रशिक्षण

आबकारी उपनिरीक्षको  के प्रशिक्षण सत्र का समापन ,दो माह चला प्रशिक्षण
सागर। जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर में आबकारी उपनिरिक्षको का 10 वा प्रशिक्षण सत्र का समापन हुआ।  प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ कुल 58 उपनिरीक्षक (आबकारी) सम्मिलित हुए ।
 प्रशिक्षण सत्र के समापन समारोह में मुख्य अतिथि आई0सी0पी0 केशरी, भाप्रसे, अतिरिक्त मुख्य सचिव, (आबकारी) म0प्र0 शासन रहे। उन्होंने  प्रशिक्षु अधिकारियों को प्रशिक्षण के महत्व एवं मैदानी सेवाओं में प्रशिक्षण की उपयोगिता परप्रकाश डालते हुए व्यक्तित्व विकास के बारे में बताया साथ अपनी दैनिक दिनचर्या में फिजिकलफिटनेस का महत्व बताया।
 अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/निदेशक,
जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी,सागर  जी जनार्दन द्वारा प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित किया गया एवं राजेश बहुगुणा, कमिश्नर (आबकारी), श्री के0के0 डोहर, उपायुक्त (आबकारी) सागरद्वारा भी प्रशिक्षुओं संबोधित किया गया एवं प्रमाण पत्र प्रदान किये गये ।
इस अवसर पर  आनन्द शर्मा, कमिश्नर, सागर,  सतीश कुमार सक्सेना, पुलिस महानिरीक्षक, सागर एवं दीपक वर्मा, पुलिस उप महानिरीक्षक, सागर द्वाराकार्यक्रम में उपस्थित होकर मुख्य अतिथि एवं प्रशिक्षु उपनिरीक्षक (आबकारी) से सप्रेम भेंट की।
ये प्रशिक्षण दिया गया
 प्रशिक्षण के दौरान जवाहरलाल नेहरू पुलिस
अकादमी,सागर द्वारा इन प्रशिक्षु अधिकारियों को कानून, एन0पी0एस0 एक्ट, मानइर एक्ट, आबकारी अधिनियम, साक्ष्य अधिनियम, अपराध विवेचना, साक्ष्य संकलन, आदि विषयों का प्रशिक्षण दिया गयासाथ ही अनुशासन एवं फिजिकल फिटनेस को दृष्टिगत रखते हुए पीटी, परेड, योगा, यु०ए०सी० काभी प्रशिक्षण प्रदान किया एवं परीक्षा भी आयोजित की गई।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षुओं तनाव मुक्त रखने एवं प्रशिक्षण को और अधिक रोचकबनाने की दृष्टि से विभिन्न खेलों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया । खेल मेंउत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षुओं के उत्साहवर्धन हेतु उन्हें पुरस्कृत भी किया गया एवं सभीप्रशिक्षुओं को उनके द्वारा प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर प्रमाण पत्र प्रदान किया।समापन समारोह के अवसर पर अकादमी में पदस्थ अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहें।
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आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का विहार इंदौर की ओर,नये वर्ष में प्रवेश

आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का विहार इंदौर की ओर,नये वर्ष में प्रवेश
सागर। संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर महाराज का ससंघ मंगल विहार बड़वाह से इंदौर की ओर हुआ 29 दिसंबर की आहारचर्या इंदौर रोड पर स्थित उमरिया  में होगी।
मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि आचार्य  संघ की अगवानी 1 या 2 जनवरी को इंदौर में होगी। इंदौर में 1999 के बाद आचार्य श्री जी का आगमन हो रहा है इंदौर समाज में गुरुदेव के आगमन की जोरदार तैयारियां की जा रही है। उल्लेखनीय इंदौर में आचार्य श्री के आशीर्वाद से लड़कियों को संस्कारित शिक्षा देने के लिए पांचवी प्रतिभास्थली खोली गई है।  जिसकी  नई बिल्डिंग निर्माणाधीन है  इसके पूर्व जबलपुर रामटेक डोंगरगढ़ और पपौरा जी टीकमगढ़ में प्रतिभास्थली खोली जा चुकी हैं।
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बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज की सीट्स बढ़ी, इसके लिए अस्पताल परिसर में जगह के लिए निरीक्षण किया ,कमिश्नर - कलेक्टर ने


बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज की सीट्स बढ़ी, इसके लिए अस्पताल परिसर में जगह के लिए निरीक्षण किया ,कमिश्नर - कलेक्टर ने  
सागर ।बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यलाय सागर में पीजी सीट्स की संख्या में वृद्वि एवं जिला चिकित्सालय के लिये वैकल्पिक भूमि की व्यवस्था के संबंध में बैठक शनिवार को कमिष्नर  आनंद कुमार शर्मा की अध्यक्षता में कमिष्नर कार्यालय के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिला चिकित्सालय परिसर में विभिन्न विभागों के भवनों, चिकित्सालय, स्टॉफ के भवन एवं अन्य खाली पड़ी भूमि को चिन्हांकित कर आर्किटेक्ट के द्वारा डिजाइन तैयार कराई जाये। जिससे मेडीकल कॉलेज हेतु 400 विस्तर के लिये आवष्यक जमीन प्राप्त हो सके और जिला चिकित्सालय का अस्तिव भी बना रहे है।
बैठक में कमिष्नर आनंद शर्मा ने कहा कि मेडीकल कॉलेज की सीट्स वृद्वि एवं अनेक विषयों में पीजी पाठ्यक्रम स्वीकृत हुये है जिसके कारण मेडीकल कॉलेज की वर्तमान क्षमता 750 से बढ़ाकर 1100 करनी है जिसके लिये मेडीकल कॉलेज के लिये भूमि खोजी जाये जिससे जिला चिकित्सालय परिसर में ही मेडीकल कॉलेज को 400 विस्तर बढ़ाने हेतु नवीन भवन हेतु भूमि उपलब्ध कराई जा सके।
इस सबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने सुझाव दिया कि जिला चिकित्सालय सागर शहर से अन्यत्र कहीं नये भवन स्थान्तरण होगी तब वहां सागरवासियों के लिये आने-जाने में असुविधा होगी। जिसके लिये उन्होंने जिला चिकित्सालय परिसर में खाली पड़ी भूमि एवं क्षतिग्रस्त आवासों को समतल कराकर मेडीकल कॉलेज के लिये उपलब्ध कराई जा सकती है एवं जिला चिकित्सालय के आवासीय परिसर हेतु शहर में ही अन्यत्र भूमि पर आवासीय परिसर बनाया जा सकेगा।
कमिष्नर  आनंद शर्मा ने बैठक में ही डीन मेडीकल कॉलेज, सीएमएचओ जिला चिकित्सालय, कार्यपालन यंत्री पीआईयू लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तहसीलदार द्वारा भूमि नक्शा  के द्वारा जगह को बताया गया । अवसर पर कमिष्नर नगर निगम, अधिवष्ठाता बुन्देलखण्ड चिकित्सा एवं महाविद्यालय, अधीक्षक बुन्देलखण्ड चिकित्सा एवं महाविद्यालय, क्षेत्रीय संयुक्त सर्जन जिला चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय, तहसीलदार एवं कार्यपालन यंत्री पीआईयू लोक निर्माण विभाग सागर आदि मौजूद थेे।
 कमिष्नर, कलेक्टर ने किया चिकित्सालय परिसर का मुआयना
 बुन्देलखण्ड चिकित्सा महाविद्यलाय सागर में पीजी सीट्स की संख्या में वृद्वि एवं जिला चिकित्सालय के लिये वैकल्पिक भूमि की व्यवस्था के संबंध में कमिष्नर आनंद कुमार शर्मा कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ जिला चिकित्सालय पहुंचकर खाली पड़ी भूमि एवं क्षतिग्रस्त मकानों व निर्माणाधीन भवनों का निरीक्षण किया एवं तहसीलदार द्वारा मौके पर ही राजस्व नक्शा के द्वारा चिकित्सालय परिसर की भूमि को चिन्हाकित कर खाली भूमि को बताया गया। अधिकारी द्वय द्वारा परिसर के मुख्य द्वार से लेकर परिसर के अंतिम छोर तक पैदल मार्च करते हुये सूक्षमता से अवलोकन किया। अवलोकन के उपरांत कमिष्नर श्री शर्मा ने डीन मेडीकल कॉलेज,सीएमएचओ जिला चिकित्सालय, कार्यपालन यंत्री पीआईयू लोक निर्माण विभाग को निर्देष दिये कि राजस्व विभाग से उपलब्ध नक्षे को प्राप्त कर आर्किटेक्ट के द्वारा नई डिजाइन तैयार करायें।
इस अवसर पर कमिष्नर नगर निगम, अधिवष्ठाता बुन्देलखण्ड चिकित्सा एवं महाविद्यालय, अधीक्षक बुन्देलखण्ड चिकित्सा एवं महाविद्यालय, क्षेत्रीय संयुक्त सर्जन जिला चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन जिला चिकित्सालय, तहसीलदार एवं कार्यपालन यंत्री पीआईयू लोक निर्माण विभाग सागर आदि मौजूद थेे।
          

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एमपी में जिला पंचायत सागर को सीएम हेल्पलाईन में ए-ग्रेड मिला

एमपी में  जिला पंचायत सागर को सीएम हेल्पलाईन में ए-ग्रेड मिला
सागर । मध्यप्रदेष पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत सीएम हेल्पलाईन (181) में दर्ज षिकायतों का व्यक्तिगत रूचि लेते हुए निराकरण कराये जाने पर जिला पंचायत सागर को सीएम हेल्पलाईन में जिला पंचायत वार ग्रेडिंग में प्रथम समूह अंतर्गत षिकायतों के निराकरण में लगातर उत्कृष्ट प्रदर्षन करते हुए माह नवम्बर में भी ए-ग्रेड प्राप्त किया है। मध्यप्रदेष शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श उमाकांत उमराव ने जिला पंचायत सीईओ सागर  चन्द्रषेखर शुक्ला को बधाई देते हुए भविष्य में भी इसी निष्ठा एवं समर्पण भावना से आम जन के सेवा निष्पादन में प्राप्त षिकायतों का संतुष्टिपूर्ण कराते रहेंगे।
इसी प्रकार विभाग ने मुख्य कार्यपालन जनपद पंचायत बण्डा, श्सुरेन्द्र खरे को सीएम हेल्पलाईन की षिकायतों के निराकरण में उत्कृष्ट प्रदर्षन पर प्रदेष में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर बधाई दी है।
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लोकायुक्त पुलिस ने NHAI के प्रबंधक को एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ा,सागर में पेट्रोल पम्प की अनापत्ति प्रमाणपत्र का मामला


लोकायुक्त पुलिस ने NHAI के प्रबंधक को  एक लाख की रिश्वत लेते पकड़ा,सागर में पेट्रोल पम्प की अनापत्ति प्रमाणपत्र का मामला

सागर। लोकायुक्त पुलिस सागर संभाग ने छत्तरपुर जिले के NHAI राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क विकास प्राधिकरण छत्तरपुर के प्रबंधक सुरेश अग्निहोत्री को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है । प्रबंधक ने  पेट्रोल पंप का अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के एवज में रिश्वत मांगी थी।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वर यादव ने बताया कि  आवेदक गणेश कोरी नेपुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय, सागर संभाग सागर के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी।जिसमे  आवेदक को सागर में भोपाल लखनऊ नेशनल हाईवे पर केरबना सागर में पेट्रोल पंप खोलने के लिए  जगह अलाट हुई थी। इसके  अनापत्ति प्रमाणपत्र को  जारी करने के लिए NHAIराष्ट्रीय राजमार्ग सड़क विकास प्राधिकरण  छत्तरपुर कार्यालय के प्रबंधक सुरेश अग्निहोत्री द्वारा एक लाख  50 हजार रुपये  की रिश्वत की मांग की जा रही है।
     इस पर आज लोकायुक्त की टीम ने DSP राजेश खेड़े के नेतृत्व में  निरीक्षक अभिषेक वर्मा और सदसयो के साथ मैनेजर को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते उसके छत्तरपुर कार्यालय में रात्रि में रंगे हाथों पकड़ा। लोकायक्त की टीम ने दिनभर की मशक्कत के बाद रात्रि में रिश्वत लेते दबोच लिया।
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दो दर्जन निरीक्षकों के तबादले

दो दर्जन निरीक्षकों के तबादले
भोपाल। पुलिस स्थापना बोर्ड ने निरीक्षकों/रक्षित निरीक्षकों के तबादला किये है । दो निरीक्षकों तबादले  के निरस्त के भी निकले है।
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अभियोजन अधिकारियों ने 11 सूत्रीय मांगो के लिए अपर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन


अभियोजन अधिकारियों ने 11 सूत्रीय मांगो के लिए अपर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन
सागर। जिला अभियोजन कार्यालय सागर के अभियोजन अधिकारियों ने म.प्र. लोक अभियोजन अधिकारी ने अपनी मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन अपर कलेक्टर मूलचंद्र वर्मा को दिया गया। जिसमें अभियोजन कार्यालय से अभियोजन अधिकारीगण अमित जैन, सौरभ डिम्हा, श्याम नेमा, सचिन गुप्ता, मनोज नायक, अशीष त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहें।
जन संपर्क अधिकारी अमित जैन ने बताया कि नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारी राज्य लोक सेवा आयोग राजपत्रित अधिकारी हैं, जिनका प्रमुख कार्य आपराधिक न्यायालय में पैरवी, अपील-रिवीजन, विभिन्न विभागों को विधिक सलाह, सजा के आंकडे, आपराधिक मामलों की मानीटरिंग, प्रशिक्षण व स्क्रूटनी  आदि है। राज्य के उक्त संवर्ग द्वारा हाल के वर्षोंे में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए अधिकांश आपराधिक मामलों मे सजा कराई गई है, जिसमें राज्य भर में हत्या बलात्संग, पाॅक्सों आदि के गंभीर मामलों में पिछले दो वर्षों में कराई गई 31 मृत्युदंड तथा लगभग 100 आजीवन कारावास की सजा भी है जो राष्ट्रªीय स्तर पर एक रिकार्ड हैं वर्तमान में उक्त संवर्ग के अभियोजन अधिकारी को मजिस्ट्रेट न्यायालयों तथा शासन स्तर पर मात्र चिन्हित जघन्य सनसनीखेज अपराधों, लोकायुक्त, म्व्ॅए च्व्ब्ैव्   तथा कुछ जिलों में ैब्ैज् तथा छक्च्ै  के विशेष न्यायालयों में ही पैरवी के अधिकार दिए गए है, जिनमें नियमित संवर्ग के पैरवी के परिणाम स्वरूप अधिकांश मामलो में सजा कराने में सफलता मिली है तथा सजा का प्रतिशत हाल के वर्षों में लगभग 70 प्रतिशत रहा है। यह संवर्ग अपने सतत कार्य-अनुभव व प्राप्त विभिन्न प्रशिक्षण तथा स्थाई सेवा व गृह जिले से बाहर पदस्थापना के कारण अत्यंत प्रभावी व उत्तरदाई तथा विश्वसनीय अभियोजन संवर्ग है विटनेस-हेल्पडेस्क तथा प्राॅसीक्यूशन पोर्टल के माध्यम से यह संवर्ग साक्षियों तथा पीडित व्यक्तियों  की मदद भी करता है व जानकारी उपलब्ध कराता है हाल के वर्षो में राष्ट्रªीय व अन्तरराष्ट्रªीय स्तर पर अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार-अवार्ड भी इस संवर्ग को मिल चुके है। प्राॅसीक्यूसन मोबाइल एप के द्वारा प्रत्येक अभियोजन अधिकारी के कार्याें की निरंतर समीक्षा भी की जाती है तथा  उनके कार्यों की माॅनिटरिंग विभाग द्वारा सतत रूप से होती है।
 नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों की लंबे समय से मांग रही है कि सेशन स्तर के न्यायालयों में लोक अभियोजक व अतिरिक्त लोक अभियोजकों के पद दिए जांए जिससे गंभीर अपराधों  में प्रभावी पैरवी की जाकर अपराधियों को सजा दिलाई जा सके। किंतु नियमित सेवा, उत्कृष्ट प्रदर्शन व उत्तरदायित्व से जुडे होने के बाबजूद नियमित सेवा के इस संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों की निरंतर उपेक्षा की जाती रही है तथा योग्य, अनुभवी व उत्तरदाई होने के बावजूद मुख्यतः निचली अदालतों में ही कार्य का अवसर दिया जाता है जबकि इसके विपरीत बिना योग्यता परीक्षण के गैर नियमित संवर्ग को अस्थाई रूप से गृह जिले के भीतर ही, स्थानीय स्तर पर लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक  के रूप में नियुक्ति कर दी जाती है जहां लोकल संपर्क, निजी प्रैक्टिस, उत्तरदायित्व के अभाव तथा कार्य अनुभव की कमी आदि के कारण गंभीर आपराधिक मामलों में समुचित पैरवी तथा अपील-रिवीजन की कार्यवाही नहीं हो पाती। गैर संवर्ग के अभियोजकों पर शासन का कोई नियंत्रण नही होता तथा उन पर सिविल कंडक्ट रूल्स लागू नही होता। उनकी इस स्थिति का नुकसान पीडित पक्ष को उठाना पडता है और सजा का प्रतिशत गिरता है। यह आपराधिक न्याय प्रशासन व जनहित में भी नही है। इस विषय सहित कुल 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आज नियमित संवर्ग के अभियोजन अधिकारियों द्वारा पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर कलेक्टर महोदय के माध्यम से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया।   
11-सूत्रीय मांगें

1. सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी का वेतनमान छठवें वेतन आयोग में ग्रेड पे 5400 रूपये पर निर्धारित किया जाये।

2. लोक अभियोजक व अपर लोक अभियोजक के पद नियमित संवर्ग के लिए आरक्षित की जाए।

3. संवर्ग के अधिकारियों का लंबित समयमान अविलंब स्वीकृत किया जाए।

4. जिला स्तर पर प्रत्येक अभियोजन कार्यलय हेतु कम से कम एक शासकीय एसयूवी वाहन हेतु 30000 रूपये मासिक बजट स्वीकृत किया जाए।

5. कार्य के दौरान आवश्यक स्टेशनरी, विधिक पुस्तकों, समाचार पत्रों व पत्रिकायों हेतु लाइब्रेरी एलाउंस 1000 रूपये मासिक प्रत्येक अभियोजन अधिकारी को स्वीकृत किया जाए।

6. संचालनालय लोक अभियोजन तथा जिला व तहसील लोक अभियोजन कार्यालय भवन हेतु समुचित राशि स्वीकृत की जाए।

7. न्यायालय में पैरवी के दौरान निर्धारित गणवेश हेतु प्रत्येक अभियोजन अधिकारी को ड्रेस एलाउंस 8000 रूपये वार्षिक स्वीकृत किया जाए।

8. प्रत्येक जिला व तहसील में पदस्थ अभियोजन अधिकारियों को शासकीय आवास उपलब्ध कराए जाए अथवा बाजार दर पर मकान किराया भत्ता प्रदान किया जाए।

9. सभी जिलों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रकरणों हेतु उपसंचालक स्तर के विशेष लोक अभियोजक के पद स्वीकृत किए जाएं।

10. प्रत्येक संभाग में प्रशासनिक नियंत्रण हेतु संयुक्त संचालक अभियोजन के तािा जिला स्तर पर पर्याप्त संख्या में क्क्च्ध्।कण् क्च्व् के पद स्वीकृत किये जाये।

11. अन्य समकक्ष सेवाओं के अनुरूप चार स्तरीय समयमान और काडर रिव्यू की जाकर पदोन्नत पदों क्च्व् तथा क्क्च् की संख्या, फीडर काडर के 50 तक की जानी चाहिए। साथ ही संचालनालय लोक अभियोजन का पुनर्गठन भी किया जावे।
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सौंदर्य माधुर्य वीरता के निधान श्रीराम - आचार्य ब्रजपाल शुक्ल ,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पहुचे कथा में

सौंदर्य माधुर्य वीरता के निधान श्रीराम - आचार्य ब्रजपाल शुक्ल ,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव पहुचे कथा में

सागर।सागर के ग्राम  ढाना  दीपक तिवारी के निवास पर चल रही राम कथा के तीसरे दिन ब्रजपालजी ने कथा में कहा किसंसार मे  निर्विकार सौंदर्य प्राप्त नही होता। सौंदर्य में विकार होता ही है। सुंदरता को देखकर के भी विकार उतपन्न होता है तथा जिसमे सुंदरता होती है उसमें भी विकार उतपन्न होता है किंतु निर्गुण  निराकार भगवान जब साकार रूप धारण करते है तब उनके सौंदर्य को देखकर विकार पुरुषों का मन भी निर्विकार हो जाता है।जनकपुर में श्रीराम के सहज सौंदर्य को देखकरके देखने वाले के नेत्रों में आंसू भर आये विकार मन निर्विकार हो गया। उसी श्रीराम को जब महाराज जनक ने देखा तो उनका ब्रह्मज्ञान शिथिल हो गया और राम को ही साक्षात ब्रह्म रूप में देखने लगे कि यह आनंद स्वरूप ब्रह्म है।तुलसी ने कहा है
मूरति मधुर मनोहर देखी।
भयउ विदेह विदेह विषेखी ।।
उन्होंने कहा कि संसार के सभी जीवों से लेकर ऋषि मुनि तक संसार की सुंदरता को देख करके भ्रष्ट हो जाते है किंतु राम की मधुर मूर्ति को देखकर महाराज जनक जैसे ज्ञानी पुरुष भी अपने ज्ञान मार्ग को छोड़कर भक्ति मार्ग में बह जाते है।भगवान की सुंदरता का अनुभव भक्तो को ही होता है ज्ञानियो को नही होता। ज्ञानीजन सभी जीवों के ह्रदय में भगवान को देख सकते हैं लेकिन जो  आनन्द साकार स्वरूप में खड़े हुए भगवान को देखकर आनन्द आता है वह आनन्द तो योगियों को भी नही आता।ज्ञानी, अज्ञानी, मूर्ख, बालक, वृद्ध, स्त्री-पुरुष सभी को समान रूप से एक जैसा ही आनन्द आ रहा है। श्रीराम को देखकर जैसा अनुभव वृद्धो को हो रहा है वही अनुभव बालको को हो रहा है। जैसा अनुभव स्त्रियों को हो रहा है वैसा ही अनुभव पुरुषों को हो रहा है।यही श्रीराम के सौंदर्य का विलक्षण प्रभाव है।श्रीराम जिसकी भी ओर अपने कमल नेत्रो से देख लेते है वह समाधिस्त हो जाता है।संसार का सौंदर्य सभी जीवों के भोग का साधन है किंतु भगवान की सुंदरता संसार के भोग्य पदार्थो से निवृत्ति का साधन है।
इसलिए सौंदर्य वही है जो निर्विकार कर दे, माधुर्य वही है जो आनन्द मे मग्न कर दे, लावण्य वही है जो संसारसे विरक्त कर दे और यह गुण मात्र भगवान में ही है संसार मे नही।
कथा में ये हुए शामिल
आज की कथा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, मध्यप्रदेश सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता अजय गुप्ता, पूर्व विधायक सुनील जैन,नारायण प्रसाद कबीरपंथी, शासकीय अधिवक्ता राम अवतार तिवारी,हनुमान प्रसाद तिवारी,रादेष तिवारी,राजेन्द्र जारोलिया आदि ने कथा श्रवण व आचार्य जी से आशीर्वाद प्राप्त किया।
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