मिर्ची की पैदावार से कमाते है 5 लाख रुपये से अधिक ,एक एकड़ में, किसान लक्ष्मी नारायण

मिर्ची की  पैदावार से कमाते है 5 लाख रुपये से अधिक ,एक एकड़ में, किसान लक्ष्मी नारायण
सागर ।सागर जिले  रहली तहसील के ग्राम चनौआ के प्रगतिषील कृषक श्री लक्ष्मीषंकर कुर्मी मल्चिंग पद्धति से मिर्च का भरपूर उत्पादन ले रहे है। उन्होंने पौधों को पानी देने के लिए ड्रिप लगाया हुआ है। ड्रिप के जरिए ही पौधों में आवष्यकतानुसार पानी और उर्वरक देते है। वे हरि मिर्च का अच्छा उत्पादन ले रहे है। 47 वर्षीय श्री लक्ष्मीषंकर कक्षा आठवीं तक षिक्षित है। वे सब्जी फसलों के अच्छे जानकार है। उनको सब्जी फसलों का अच्छा उत्पादन लेता देखकर आसपास के कृषक उनसे सलाह लेने आते है। वे बागवानी फसलों की किसानों को अच्छी तरह बारीकियां समझाते है।
श्री लक्ष्मीषंकर बताते है कि एक एकड़ में मिर्च के साढ़े आठ हजार पौधे लगते है। पौधे से पौधे की दूरी लगभग सवा फीट और कतार से कतार की दूरी लगभग 5 फीट रखना होती है। उन्होंने बताया एक एकड़ मंे लगभग एक से सवा लाख रूपये की लागत आ जाती है। किसान तकनीक, मेहनत और जागरूकता अपनाकर एक एकड़ में मिर्च की फसल से 5 से 7 लाख रूपये की आय प्राप्त कर सकता है। उसे अच्छी किस्म का बीज उपयोग में लेना होगा और वैज्ञानिक पद्धति को अपनाना होगा।  

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सागर जिले में धारा 144 लागू। जिला दंडाधिकारी/ कलेक्टर प्रीति मैथिल ने दिये आदेश

सागर जिले में धारा 144 लागू। जिला दंडाधिकारी/ कलेक्टर प्रीति मैथिल ने दिये आदेश
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सीएम कमलनाथ ने किया पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब"चुनाव है बदलाव का " का विमोचन

सीएम कमलनाथ ने किया पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब"चुनाव है बदलाव का "  का विमोचन
भोपाल।मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश की प्रगति और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन की सोच सकारात्मक हो यह जरूरी है। उन्होंने कहा ‍कि मुख्यमंत्री बनने के बाद तंत्र में सुधार के लिए मैंने ना कहने की मानसिकता को बदलकर हाँ कहने की मानसिकता बने यह प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की एक ऐसी प्रोफाइल तैयार कर रहा हूँ जिससे प्रदेश की पहचान ना केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में बने। श्री नाथ आज एक निजी होटल में पत्रकार श्री बृजेश राजपूत द्वारा लिखित "चुनाव है बदलाव का" पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। इस मौके पर जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा भी उपस्थित थे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी काम के लिए ना कहना सबसे आसान होता है क्योंकि हाँ कहने पर आपको करके दिखाना होता है परिणाम देने पड़ते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि मैं तंत्र में इस मानसिकता में कैसे बदलाव करूँ। श्री नाथ ने कहा कि इस दिशा में मेरे प्रयास निरंतर है उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदलाव से परिवर्तन नहीं आता हमें यह भी देखना होता है जो मशीनरी, डिलीवरी सिस्टम में काम कर रही है। उसके काम करने के तरीके में क्या परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में परिवर्तन आया है जिन लोगों के हित में हम काम कर रहे है उनकी अपेक्षाएँ बढ़ी ऐसी स्थिति में जरूरी है कि हमारे तंत्र के कार्य करने के तरीकों में भी बदलाव आए। जिससे हमें बेहतर परिणाम मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 साल बाद जो राजनीतिक बदलाव मध्यप्रदेश में हुआ है उसे में मतदाता के नजरिए से देखता हूँ कि उन्होंने यह परिवर्तन क्यों चाहा। हमारे सामने चुनौती है कि मतदाताओं के परिवर्तन की भावनाओं को समझे और उसके अनुसार काम करें। प्रदेश में आर्थिक समृद्धि आए लोगों का जीवन खुशहाल हो, युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए जरूरी है कृषि के क्षेत्र में क्रांति आए। जब तक कृषि क्षेत्र को मजबूत नहीं करेंगे, तब तक अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं बनाया जा सकता क्योंकि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ना जरूरी है क्योंकि इससे ही रोजगार के अवसर पैदा होते है और बुनियादी अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है।  श्री नाथ ने कहा कि अधिक उत्पादन के बाद उसका बेहतर तरीके से कैसे उपयोग हो यह भी हमारे सामने चुनौती है। हमारी खरीदी की जो व्यवस्था है वह उस समय की है जब कम उत्पादन होता था। उस व्यवस्था में भी हमें बदलाव लाना होगा ताकि किसानों अपनी उपज को आसानी से बेच सके और उन्हें सही दाम मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीतियाँ भी हमारी सरल होना चाहिए। उस नीति का कोई मायना नहीं जो हमारे विकास को अवरुद्ध करें। उन्होंने निवेश के लिए विश्वास का वातावरण बनाने का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने अपनी नीतियों में परिवर्तन किया जिससे कई क्षेत्रों में न केवल हमारे देश का बल्कि विदेशी निवेश भी आया। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलाव के बाद हमारे सामने एक और चुनौती थी वित्तीय संकट की। पूर्ववर्ती सरकार ने कई ऐसी योजनाओं की घोषणा कर दी लेकिन उसका कोई बजट प्रावधान नहीं था। खाली खजाने के साथ-साथ इन योजनाओं का भी वित्तीय भार वहन करना पड़ रहा है। अतिवृष्टि के कारण 8 हजार करोड़ रुपए का नुकसान किसानों और अधोसंरचना को पहुँचा है। इन विपरीत परिस्थितियों में भी  प्रबंधन के साथ हम काम कर रहे है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलाव समाचार माध्यमों के क्षेत्र में भी आया है। प्रिंट मीडिया के बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया और अब गुगल और इंटरनेट ने कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में एक नई क्रांति कर दी है। इसमें हमारे समाचार माध्यमों से जुड़े सभी लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह अपने प्रोफेशन के सम्मान को कैसे कायम रखे। उन्होंने कहा कि मीडिया जगत अगर गलत दिशा में जाता है तो उससे देश का नुकसान होता है। 
 प्रारंभ में वरिष्ठ पत्रकार श्री रशीद किदवई ने लेखक श्री बृजेश राजपूत और उनकी पुस्तक के बारे में जानकारी दी। लेखक श्री बृजेश राजपूत ने पुस्तक लेखन की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार श्री मनोज शर्मा ने किया।
 इस मौके पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी, राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त श्री राहूल सिंह एवं श्री विजय मनोहर तिवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री अरुण यादव ,मंजुल पब्लिकेशन के एमडी विकास रखेजा,एवं बड़ी संख्या में पत्रकार, वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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सीएम कमलनाथ ने किया पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब"चिनाव है बदलाव"का विमोचन

सीएम कमलनाथ ने किया पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब"चिनाव है बदलाव"का विमोचन

भोपाल।मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश की प्रगति और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए शासन-प्रशासन की सोच सकारात्मक हो यह जरूरी है। उन्होंने कहा ‍कि मुख्यमंत्री बनने के बाद तंत्र में सुधार के लिए मैंने ना कहने की मानसिकता को बदलकर हाँ कहने की मानसिकता बने यह प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की एक ऐसी प्रोफाइल तैयार कर रहा हूँ जिससे प्रदेश की पहचान ना केवल देश में बल्कि पूरी दुनिया में बने। श्री नाथ आज एक निजी होटल में पत्रकार श्री बृजेश राजपूत द्वारा लिखित "चुनाव है बदलाव का" पुस्तक का विमोचन कर रहे थे। इस मौके पर जनसंपर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा भी उपस्थित थे। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी काम के लिए ना कहना सबसे आसान होता है क्योंकि हाँ कहने पर आपको करके दिखाना होता है परिणाम देने पड़ते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि मैं तंत्र में इस मानसिकता में कैसे बदलाव करूँ। श्री नाथ ने कहा कि इस दिशा में मेरे प्रयास निरंतर है उन्होंने कहा कि राजनीतिक बदलाव से परिवर्तन नहीं आता हमें यह भी देखना होता है जो मशीनरी, डिलीवरी सिस्टम में काम कर रही है। उसके काम करने के तरीके में क्या परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में परिवर्तन आया है जिन लोगों के हित में हम काम कर रहे है उनकी अपेक्षाएँ बढ़ी ऐसी स्थिति में जरूरी है कि हमारे तंत्र के कार्य करने के तरीकों में भी बदलाव आए। जिससे हमें बेहतर परिणाम मिल सके।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 साल बाद जो राजनीतिक बदलाव मध्यप्रदेश में हुआ है उसे में मतदाता के नजरिए से देखता हूँ कि उन्होंने यह परिवर्तन क्यों चाहा। हमारे सामने चुनौती है कि मतदाताओं के परिवर्तन की भावनाओं को समझे और उसके अनुसार काम करें। प्रदेश में आर्थिक समृद्धि आए लोगों का जीवन खुशहाल हो, युवाओं को रोजगार मिले इसके लिए जरूरी है कृषि के क्षेत्र में क्रांति आए। जब तक कृषि क्षेत्र को मजबूत नहीं करेंगे, तब तक अर्थव्यवस्था को मजबूत नहीं बनाया जा सकता क्योंकि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ना जरूरी है क्योंकि इससे ही रोजगार के अवसर पैदा होते है और बुनियादी अर्थव्यवस्था का निर्माण होता है।  श्री नाथ ने कहा कि अधिक उत्पादन के बाद उसका बेहतर तरीके से कैसे उपयोग हो यह भी हमारे सामने चुनौती है। हमारी खरीदी की जो व्यवस्था है वह उस समय की है जब कम उत्पादन होता था। उस व्यवस्था में भी हमें बदलाव लाना होगा ताकि किसानों अपनी उपज को आसानी से बेच सके और उन्हें सही दाम मिले। मुख्यमंत्री ने कहा कि नीतियाँ भी हमारी सरल होना चाहिए। उस नीति का कोई मायना नहीं जो हमारे विकास को अवरुद्ध करें। उन्होंने निवेश के लिए विश्वास का वातावरण बनाने का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने अपनी नीतियों में परिवर्तन किया जिससे कई क्षेत्रों में न केवल हमारे देश का बल्कि विदेशी निवेश भी आया। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलाव के बाद हमारे सामने एक और चुनौती थी वित्तीय संकट की। पूर्ववर्ती सरकार ने कई ऐसी योजनाओं की घोषणा कर दी लेकिन उसका कोई बजट प्रावधान नहीं था। खाली खजाने के साथ-साथ इन योजनाओं का भी वित्तीय भार वहन करना पड़ रहा है। अतिवृष्टि के कारण 8 हजार करोड़ रुपए का नुकसान किसानों और अधोसंरचना को पहुँचा है। इन विपरीत परिस्थितियों में भी  प्रबंधन के साथ हम काम कर रहे है। 
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलाव समाचार माध्यमों के क्षेत्र में भी आया है। प्रिंट मीडिया के बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया और अब गुगल और इंटरनेट ने कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में एक नई क्रांति कर दी है। इसमें हमारे समाचार माध्यमों से जुड़े सभी लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वह अपने प्रोफेशन के सम्मान को कैसे कायम रखे। उन्होंने कहा कि मीडिया जगत अगर गलत दिशा में जाता है तो उससे देश का नुकसान होता है। 
 प्रारंभ में वरिष्ठ पत्रकार श्री रशीद किदवई ने लेखक श्री बृजेश राजपूत और उनकी पुस्तक के बारे में जानकारी दी। लेखक श्री बृजेश राजपूत ने पुस्तक लेखन की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार श्री मनोज शर्मा ने किया।
 इस मौके पर माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी, राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त श्री राहूल सिंह एवं श्री विजय मनोहर तिवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री अरुण यादव एवं बड़ी संख्या में पत्रकार, वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न राजनैतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा को 6 महीने की जेल ,25 हजार के मुचलके पर मिली जमानत

पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा को 6 महीने की जेल ,25 हजार के मुचलके पर मिली जमानत 
भोपाल।शिवराज सरकार में  पर्यटन मंत्री रहे और विधायक सुरेंद्र पटवा को चेक बाउंस मामले में जेल की सजा सुनायी गयी है। हालांकि फिलहाल उन्हें 25-25 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिल गयी है। लेकिन उनकी मुश्किलें बरकरार है। एमपी एमएलए की कोर्ट ने आज सजा सुनाई।
पूर्व पर्यटन मंत्री और भोजपुर विधानसभा से भाजपा विधायक सुरेन्द्र पटवा को चेक बाउंस के दो मामलों में एमपी-एमएलए के लिए गठित अदालत ने छह-छह महीने की सजा समेत चेक राशि का डेढ़ गुना बतौर क्षतिपूर्ति के तौर पर चुकाने की सजा सुनाई है। यह सजा विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र सिंह की अदालत  ने सुनाई ।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता बंसत सितोले ने बताया कि साल 2017 में तत्कालीन मंत्री और वर्तमान विधायक सुरेन्द्र पटवा ने इंदौर निवासी प्रकाश सहसित्तल से 12 लाख स्र्पए और उनकी पत्नी मीनाक्षी सहसित्तल से 8 लाख स्र्पए उधार लिए थे। इसके बदले उन्होंने दोनों को चेक दिए थे। यह चेक जब दंपती ने खाते में डाले तो वे बाउंस हो गए। कई बार मांगने पर भी जब पटवा ने राशि नहीं लौटाई तो दंपती ने कोर्ट में केस कर दिया था। इसके बाद कोर्ट ने पटवा को सजा सुनाते हुए मूल रकम का डेढ़ गुना क्षतिपूर्ति की राशि देने के लिए कहा है।



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मोटर पंप चुराने वाले दो चोर गिरफ्तार,खिमलासा पुलिस ने पकड़े

मोटर पंप चुराने वाले दो चोर गिरफ्तार,खिमलासा पुलिस ने पकड़े
सागर । सागर जिले के थाना खिमलासा पुलिस ने   मोटर पम्प चुराने  वाले दो युवकों को पकड़ा है। इनसे सिंचाई के पम्प भी बरामद किए हैं।पुलिस के मुताबिक  बसाहारी तालाब मैं लगे सिंचाई पंप अज्ञात चोरों द्वारा चोरी करके ले गए थे। फरियादी पंकज पिता राजकुमार जैन उम्र 41 वर्ष निवासी बसाहारी की रिपोर्ट पर 3 एचपी स्वराज कंपनी की सिंचाई मोटर कीमती करीब ₹8000 की चोरी चला गया थाम पंकज जैन की रिपोर्ट पर थाना खिमलासा में अपराध क्रमांक 203 /19 धारा 379 आईपीसी के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया ।
विवेचना के दौरान संदेह होने पर आरोपी बल्लू उरफ बलराम पिता गुलाब पटेल उम्र 30 वर्ष निवासी बसारी  और नंदी उर्फ  शिवराज पिता काशीराम पटेल उम्र 28 वर्ष निवासी बसाहारी को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की गई ।आरोपी गणों द्वारा आसपास के क्षेत्रों में कई सिंचाई मोटर पंप चोरी करना बताया गया ।जिनसे पूछताछ पर चोरी की सिंचाई पंप बरामद किए गए हैं आरोपियों को गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय पेश किया गया है आरोपियों की पुलिस रिमांड लिया जाकर अन्य चोरियों में  पूछताछ की जाती है इन आरोपियों से चोरी की अन्य सामग्री मिलने की संभावना है। चोरों को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी कृपाल मार्को ,प्रधान आरक्षक भगवतशरण कारोलिया आरक्षक बृजभान पटेल आरक्षक ,आरक्षक रघुवीर तिवारी, ग्राम रक्षा समिति के सदस्य राहुल यादव तथा ग्राम वासियों का सहयोग रहा है।
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अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महाकोशल प्रांत सम्मेलन का आयोजन

अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महाकोशल प्रांत सम्मेलन का आयोजन
सागर। अखिल भारतीय साहित्य परिषद के महाकौशल प्रांत का सम्मेलन सरस्वती शिशु मंदिर, सागर में आयोजित हुआ।संभाग की अध्यक्ष डॉ वंदना गुप्ता के संयोजन में महाकौशल प्रान्त का प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया। 
 साहित्य परिषद की सागर जिला इकाई अध्यक्ष प्रभात कटारे ने सभी जिला सदस्यों के साथ
मिलकर अतिथियों का स्वागत चंदन लगाकर किया। इस सत्र की मुख्य अतिथि भोपाल से डॉ श्रीमती साधना बलबटे राष्ट्रीय मंत्री साहित्य
परिषद पी अध्यक्षता संस्कृत के प्रकांड विद्वान व पाणिनि विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी जी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में  निर्मल चंद निर्मल, ऋषभ समैया जलज,  डॉक्टर रामानुज गुप्ता समाजसेवी एवं साहित्य सेवी थे। इस सत्र में 2 पुस्तकों का विमोचन किया गया। पहली पुस्तक "जनजातीय क्षेत्रीय साहित्य संवर्धन यात्रा" जो किबालाघाट सदस्यों द्वारा आयोजित संवर्धन यात्रा का संकलन था। दूसरी पुस्तक "भावों के पारखी" काव्य संकलन का विमोचन किया गया।
प्रथम सत्र में "हमारी साहित्य परंपरा" विषय पर व्याख्यान था।  जिसमें मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी जी थे।बीज वक्ता डॉ
साधना बलबटे व अध्यक्षता प्रोफेसर शशि कुमार सिंह सर हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने की। .
प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी जी ने बताया कि भारत का प्राचीनतम साहित्य ऋगवेद है और वह कहता है "साहित्य जनकल्याण के लिए होता है"। अथर्व वेद कहता है "तेन त्यक्तेन भुंजीथा"अर्थात "तुम अपने लिए नहीं दूसरों के लिए सोचों"। धर्म व परमार्थ भाव की
प्रधानता के साथ साहित्य का मूल सत्य ही होना चाहिए जो समाज को भय व भ्रम से मुक्त करें। जिसका उदाहरण रामायण, महाभारत गीता
आदि ग्रंथ है। 
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर शशिकुमार ने कहा कि "साहित्यकार की लेखनी में समाज कल्याण का दायित्व बोध होना चाहिए"।संघर्षशील व्यक्तिका संघर्ष ही उन्हें समाज का नायक बनाता है और हमारी साहित्य परंपरा में इन्हीं नायकों पर आधारित कहानी व कथा लोक कल्याण व प्रेरणाकी दिशा समाज को दिखाती रही है।
द्वितीय सत्र में साहित्य परिषद महाकौशल प्रांत की संगठनात्मक चर्चा डॉ साधना बलबटे की अध्यक्षता में हुई। रीवा संभाग, जबलपुर
संभाग व सागर संभाग के सभी संभागीय व जिला पदाधिकारियों ने संगठन से संबंधित गतिविधियों की जानकारी प्र की। प्रान्त से आए सभीप्रतिनिधियों एवं अतिथियो को स्मृति चिन्ह,पुस्तकें एवं सम्मान पत्र प्रदान किया गया। तीनों संभाग से लगभग 100से अधिक पदाधिकारियों वसदस्यों ने सम्मेलन में भाग लिया।
तृतीय सत्र में विराट कवि सम्मेलन 
मुख्य अतिथि श्रीमती मधु दरें और अध्यक्षता  हर गोविंदविश्व  ने की। सारस्वत अतिथि के रूप में डा गजाधर सागर जी,डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया , विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती सुनीलासराफ.श्रीमती संध्या दरे  उपस्थित थी। कवि सम्मेलन में कवि रामानंद पाठक जी ने "हेरा गए डीजे के आगे वह बुंदेली बाजे" रचना, श्रीपूरन चंद जी गुप्ता टीकमगढ़ ने" हो जनहित में जीवन",श्री राम गोपाल रैकवार टीकमगढ़ ने " आओ गुनगुनी धूप में बैठे" श्री डीपी शुक्ला
टीकमगढ़ ने दीपक संग जल गया बाती",श्री सीता राम राय ने "सत्य और धर्म पर चलना हमें मानस सिखाता है " डॉ श्याम मनोहर सिरोठिया
ने जिंदगी मेरे लिए बस जिन्दगी की ही तरह है", श्रीमती निरंजना जैन ने "निःशब्द की खोज में मै थक चुकी हूं"।श्री निर्मल चंद निर्मल जी ने -
कुछ ऐसी बात करो चलकर धरती की गोद हरी होवे ",उमाकांत अपरिचित रीवा ने" गर अमर होना है तुमको कुछ हुनर भी सीख लो". आकाश
शर्मा नयन सतना ने "माटी नहीं यह मातृभूमि है अब तो इसका वंदन हो", डॉ गजाधर सागर ने" लेकिन सच तो वह है जिसने सच से आंख
मिलाई हो", श्री मयंक अग्निहोत्री ने "उम्मीद का दीप इतिहास के महापुरुष", डॉ नम्रता फुसकेले ने" गुजरते वक्त से मैंने पूछना चाहा तुम ठहर
क्यों नहीं जाते",श्री शिखर चंद जैन शिखर ने "मैं कविता लिखना क्या जानू", श्री ऋषभ समैया जलज ने दीपों का साहस तो देखो रात अमावस
पूनम कर दी",श्री प्रभात कटारे सागर ने" पीर हमारी जाके कोई कह आवे सरकार को", श्रीमती सुनीला सराफ ने "माँ बेटे का दर्द समझती है।
"डॉ अनिल जैन जी ने" मुट्ठी भर छाया यहां आसमान भर धूप", पंडित हरगोविंद विश्व जी ने " सदियों से हम तो एक हते अबै एक हैं". तथा
अंत में डॉ वंदना गुप्ता ने समाज की "प्रगति का राज है नारी" रचना प्रस्तुत की।
समस्त सत्रों का सफलता पूर्वक संचालन संभागीय अध्यक्ष डॉ वंदना गुप्ता द्वारा किया गया ।इस अवसर पर दमोह जिले से आनंद जैन जिलाअध्यक्ष श्रीमती पुष्पा चिले, डॉ प्रेमलता नीलम ,श्री योगेंद्र तिवारी, श्री पीएस परिहार ,श्री दिनेश जैन राही, जबलपुर से श्री शरद अग्रवाल मध्यप्रदेश उपाध्यक्ष , श्री कौशल दुबे,सुरेंद्र सिंह पवार, श्रीराज सागरी जबलपुर संभागअध्यक्ष , श्री रमाशंकर खरे, श्री सीताराम राय, श्री पूर्ण चंद गुप्ता, श्री द्वारका प्रसाद शुक्ला, श्री विजय कुमार मेहरा, बालाघाट से श्प्रम प्रकाश त्रिपाठी, प्रोफेसर एलसी जैन श्रीमयंक अग्निहोत्री, श्रीआकाश शर्मा ,बालाघाट से अशोक कुमार सिहासने महाकोशल प्रांत अध्यक्ष, श्रीमती सुषमा यदुवंशी प्रांतीय महामंत्री, श्री किशोर छिपेश्वरसागर, मंडला से श्री नवीन जैन अकेला, श्री सुरेश रावत एड., श्रीनीलेश जैन झा.श्री श्याम बैरागी. डिंडोरी से श्री रवि राज बिलेया. रीवा से श्रीचंद्रकांत तिवारी, श्री प्रकाश चंद्र तिपाठी, श्रीउमाकांत गुप्ता, निवाड़ी से राम निवास तिवारी, श्री रामानंद पाठक, नैनपुर से डॉ राजेश कुमारठाकुर, श्री अंबिका प्रसाद यादव सागर संभाग कोषाध्यक्ष, श्री आशीष द्विवेदी.श्री प्रभात कटारे सागर जिला अध्यक्ष श्री ज्ञानी प्रसाद दुबे,श्रीश्यामसुंदर चौबे, श्री संजय सिंह, श्री आरएन खरे, श्री भानु जी जैन आदि अनेक लोग उपस्थित थे।

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केंद्रीय विद्यालय -एक में दादा-दादी,नाना -नानी दिवस का आयोजन

केंद्रीय विद्यालय  -एक में दादा-दादी,नाना -नानी दिवस का आयोजन
सागर। वर्तमान समाज की ज्वलंत समस्या हमारे बुजुर्गों का घर-घर में हो रहे तिरस्कार के निदान एवं वर्तमान पीढी कोसजग करने एवं बुजुर्गों के सम्मान को बरकरार रखते हेतु केंद्रीय विद्यालय की पहल की अनवरत्  क्रम में  "दादा-दादी , नाना नानी दिवस का पूर्ण सम्मान के साथ आयोजन किया गया|
बच्चों में संस्कारों के बीजारोपण में केंद्रीय विदयालय क्र 1 सागर विभिन्न माध्यमों का चयन करता है। विदयालय प्राचार्य  अजीत सिंह एवं उपप्राचार्य  दीपक साहू के तत्पर प्रयासों में प्रोफेसर दीपक व्यास को मुख्य आतिथि
के रूप में शामिल किया गया | बच्चों के रंगारंग कार्यक्रम एवं संस्कारपूर्ण आयोजन के साथ ही बुजुर्गों ने भी विभिन्नप्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर सहभागिता निभाई । प्राथमिक विभाग की मुख्य आध्यापिका  रेनू यादव दवारा
बच्चों का सफलतम उज्ज्वल भविष्य दादा दादी , नाना नानी के हाथों में ही सुरक्षित हे विषय पर प्रकाश डाला गया।समस्त प्राथमिक विभाग के शिक्षकों द्वारा कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु भरसक प्रयास किये |कार्यक्रम का महत्वपूर्ण उददेश्य हमारी वर्तमान पीढ़ी को सच्ची राह दिखाना भी है। मुख्य अतिथि ने बच्चों एवं विदयालय के इस प्रयास की सराहना की | बच्चों ने मंच संचालन, गायन,नत्य,कविता एवं भाषण के माध्यम से हमारे दादा-दादी नाना-नानी के दिलों में ताजगी भर दी | कार्यक्रम की प्रस्तुति
बच्चों द्वारा इस तरह प्रस्तुत की गई की बुजुर्गों के दिलों को तरोताजा कर दिया जिसका असर दादा-दादी , नाना-नानी की खेल प्रतियोगिताओं में देखा गया |
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