ठंड का समय : थोड़ा संभल के रहिये, इन बातों का ध्यान रखे :डॉ राजेन्द्र चउदा

ठंड का समय  : थोड़ा संभल के रहिये, इन बातों का ध्यान रखे :डॉ राजेन्द्र चउदा

सर्दियों का मौसम शुरू हो गया है । इस मौसम में शरीर का ध्यासन रखने की बेहद जरूरत है। खासतौर बीपी , हार्ट,दमा आदी के मरीजों के लिए। वही स्वस्थ्य रहने के लिए सतर्कता भी जरूरी है । आइए, क्या करे ठंड के मौसम में।

#ठंड के मौसम में ठंडी हवा से सर्दी ,खाँसी , बुख़ार , निमोनिया एवं साइनस की परेशानियां ज़्यादा होती हैं। ठंड में फ़्लू वायरस से इन्फ़ेक्शन होता है।सर्दी खाँसी होने पर गर्म पानी के गरारे एवं सादे पानी की भाप लें..गुनगुना पानी पीना सेहत के लिए लाभदायक है। सर्दी खाँसी होने पर घर परिवार के दूसरे सदस्यों के मुँह पर खाँसकर उन्हें बीमार ना करें।
#ठंड में श्वांस के मरीज़ों को साँस लेने में ज़्यादा दिक़्क़त हो सकती है.. ब्लड प्रेशर , हार्ट अटैक, मोटापा , दमा श्वांस , बीड़ी सिगरेट पीने से होने वाली फेफड़े की ख़राबी (COPD) , किड्नी की बीमारी एवं खून की कमी -  श्वांस की बीमारी के मुख्य कारण हैं ।

#ठंडी हवा कान में जाने से एक तरफ़ के चेहरे का लकवा (Bell's Palsy )हो सकता है।

#ठंडी हवा से Giddiness (Vertigo )की समस्या भी हो सकती है..अतः कान को ढँककर बाहर निकलें..।

#ठंड में चमड़ी ( Skin ) रूखी-रूखी सी रहती है एवं ओंठ फटते हैं...नहाने के बाद कोई भी Body Lotion या नीबू - ग्लिसरीन के साथ तिल या सरसों का तेल शरीर पर लगाएँ ।

#कई लोगों को ऊनी कपड़ों के पहनने से एलर्जी हो जाती है ..उन्हें इस्तेमाल करने से पहले अच्छे से धूप में सूखा लें.।

#ठंड में शरीर को गर्म बनाए रखने के लिए हार्ट को ज़्यादा तेज़ी से धड़कना पड़ता है ..ठंड में ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है , जिससे हार्ट अटैक , लकवा , ब्रेन हेमोरेज जैसी बीमारियों का ख़तरा ज़्यादा हो जाता है ।अतः ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रख़ें...।

#ठंड में हार्ट अटैक एवं लकवा के मरीज़ों को दुबारा हार्ट अटैक एवं लकवा होने का डर रहता है.।

#जोड़ों के मरीज़ों को सुबह ठंड में जोड़ों में अकड़न होती है..माँसपेशियों में जकड़न भी हो सकती है ..अतः सुबह बिस्तर से बाहर निकलने से पहिले थोड़ा हाथ पाँव चला लें।

#व्यायाम करने से पहिले बी.पी. एवं शुगर कंट्रोल में रखें...।
#ठंड में पार्टियों का दौर रहता है....अधिक शराब शरीर के लिए नुक़सान दायक है..Drinks के साथ लेने वाले तले पदार्थ हानिकारक होते हैं.।

#धूम्रपान ना करें..बीड़ी , सिगरेट (धूम्रपान ) एवं तंबाखू से BP, हार्ट अटैक एवं लकवे की सम्भावना बढ़ जाती है.।

डॉ. राजेन्द्र चउदा..MD
सीनियर मेडिसिन विशेषज्ञ,सागर
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एक साल पहले क्या हो रहा था इन दिनों…

एक साल पहले क्या हो रहा था इन दिनों…

  ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
कहते हैं पत्रकारिता जल्दबाजी में लिखा इतिहास होता है, 2018 के विधानसभा चुनाव पर लिखी अपनी किताब ' चुनाव है बदलाव का ' के पन्ने पलट रहा हूं, और पिछले  साल इन दिनों का भोपाल में हुआ राजनीतिक घटनाक्रम आंखों के सामने घूमने लगा है। सबसे पहले बात भोपाल में कांग्रेस दफतर इंदिरा भवन की जहाँ पर दिसंबर ग्यारह तारीख को सुबह से ही चहल पहल थी और ये चहल पहल शाम होते होते रौनक और फिर देर रात तक जीत के शोर शराबे खुशी उल्लास में बदल गयी। दफतर में लाइट की चमक दमक और एक तरफ जय जय कमलनाथ तो दूसरी तरफ से अबकी बार सिंधिया सरकार के नारे लग रहे रहे। लगातार आ रहे चुनाव परिणाम दिल की धडकनें बढा रहे थे मगर इधर रात खत्म होने को थी और ये तय नहीं हो पा रहा था कि कौन बनायेगा सरकार, क्योंकि देर रात के परिणाम थे कांग्रेस 112 और बीजेपी 109 बहुमत के जादुई आंकडे 216 से दोनांे दल दूर खडे थे। शायद पहली बार कई घंटे पार्टी दफतर में एक साथ एक छोटे से एंटी चैंबर में गुजारने ओर ढेर सारी ब्लेक काफी पीने के बाद कांग्रेस के जब तीनों दिग्गज नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया रात ढाई बजे जब अपने अपने घरों को रवाना हुये तो बाहर खडे हम प्रेस के लोगों को बुलाया और दावा कि हमारे पास बहुमत है और हम सरकार बनायेंगे। हमने पूछा कैसे तो जबाव मिला अब ये सुबह बतायेंगे। 
तडके सुबह तक चुनाव परिणाम बदले और दो और सीटें कांग्रेस के खाते में आ गयीं और कांग्रेस पहुंची 114 तक मगर बहुुमत अब भी दूर था हां ये जरूर था कि चार निर्दलीय, दो बीएसपी और एक एसपी जीते थे जिनको कांग्रेस के खेमे में लाने के लिये पार्टी ने अच्छी खासी जमावट कर ली थी। कहते हैं दूध का जला छाछ भी फूंक फूंक कर पीता है तो गोवा के एपीसोड से मिले सबक के बाद सौ सीटों के पार होते ही कांग्रेस कार्यालय से रात में ही राजभवन फैक्स कर सरकार बनाने के लिये दावा पेश करने का समय भी मांग लिया गया। उधर बीजेपी भी बाजी छोडने के लिये तैयार नहीं थी देर रात में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने टृवीट कर बीजेपी के सरकार बनाने की रेस में होने का दावा किया। उफ क्या दिन था वो जो सुबह आठ बजे से शुरू हुआ तो देर रात तक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था। रात में तीन बजे घर पहुंचते पहुंचते भी अगले दिन की तैयारियों में दिमाग लगा हुआ था और अगला दिन भी सुबह जल्दी शुरू हो गया। तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह ने तकरीबन दस बजे टवीट किया ओर कहा कि हम जनमत का सम्मान करेंगे और सरकार नहीं बनायेंगे इस्तीफा देने राजभवन जा रहा हूं अभी। बस फिर क्या था कैमरा लेकर भागे राजभवन जहंा शिवराज अपने काफिले के साथ राजभवन में प्रवेश कर रहे थे, थोडी देर बाद शिवराज दूसरे गेट से निकले तो पहले गेट से कमलनाथ अपने काफिले के साथ राजभवन में दावा पेश करने जा रहे थे। ये सीन आज भी राजभवन के सामने से गुजरते हैं तो याद आता है, पंद्रह साल पुरानी सरकार जा रही है नयी सरकार आ रही है और शिवराज हम कैमरों की भीड देखकर रूक कर मुस्कुराकर कहते हैं बीजेपी की हार की जिम्मेदारी सिर्फ मेरी है मैंने इस्तीफा दे दिया नाव आई एम फ्री। तेरह साल का मुख्यमंत्री अपनी सत्ता राजभवन को सौंप कर घर की ओर रवाना हो गया। उधर कमलनाथ के सिविल लाइंस के घर की सुरक्षा बढा दी गयी प्रशासन को संकेत मिल गये कि प्रदेश के संभावित मुख्यमंत्री अब कमलनाथ ही हैं। मगर क्या कमलनाथ का मुख्यमंत्री बनना इतना आसान था नहीं कांग्रेस आलाकमान के सामने बडा संकट था कमलनाथ और सिंधिया में से किसे चुनें किसे प्रदेश की कमान संभालने को दें, और ये सस्पेंस भी तेरह तारीख को खत्म हुआ जब राहुल गांधी ने अपने टिवटर हेंडल से कमलनाथ और सिंधिया की एक साथ फोटो टवीट की और रूसी लेखक लियो टालस्टाय का क्वोट लिखा दो सबसे बडे लडाके होते हैं धीरज ओर समय,,ऐसा लगा कि राहुल ने अपने दोस्त सिंधिया को धीरज रखने ओर समय का इंतजार करने की सलाह देकर अनुभवी कमलनाथ को प्रदेश की कमान सौंपने का फैसला कर लिया जिसका अनुमोदन तेरह तारीख की रात में भोपाल के कांग्रेस दफतर में हुयी विधायक दल की बैठक में किया गया। सच में ये रात भी बडी सस्पेंस भरी थी कयास लग रहे थे कि क्या सिंधिया आसानी से आलाकमान का ये फैसला मानेंगे या फिर दूसरी राह चुनेंगे। अंदर विधायक दल की बैठक चल रही थी ओर बाहर हम टीवी पत्रकार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के उत्साह को झेल रहे थे। खैर ये सस्पेंस भी देर रात खत्म हुआ और हम अगली सुबह हम फिर भोपाल के नूर उस सबाह होटल में थे जहां खबर थी कि सिंधिया अपने समर्थक विधायकों के साथ मीटिंग कर रहे हैं, मगर यहंा तो अपने विधायकों के महाराज मस्ती के मूड में थे, लाइव के पहले मुझे अपनी जैकेट उतार कर देने की तैयारी करने लगे फिर जब इंटरव्यू पर बैठे तो मुझे फिटनेस पर टिप देने लगे कुल मिलाकर ऐसा लगा कि उन्होंने अपने नेता की धीरज धरने की सलाह मान ली थी। और फिर 17 को ही कमलनाथ सरकार का शपथग्रहण समारोह हुआ जिसमें भी ऐसी ही ढेर सारी बातें हैं जो ' वक्त है बदलाव का' में हैं,,जिनका जिक्र फिर कभी,,                               
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज,भोपाल 

 #चुनावहैबदलावका अब अमेजन पर भी उपलब्ध है ।
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नेशनल लोक अदालत: क्षतिपूर्ति के डेढ़ करोड़ के अवार्ड पारित,सड़क दुर्घटना में मिला 27 लाख का क्लेम

नेशनल लोक अदालत: क्षतिपूर्ति के डेढ़ करोड़ के अवार्ड पारित,सड़क दुर्घटना में मिला 27 लाख का क्लेम

सागर । जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर के .पी. सिंह के निर्देशन में  नेषनल लोक  का सफल आयोजन जिला मुख्यालय सागर एवं सभी तहसील न्यायालयों में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए के .पी. सिंह जिला एवं सत्र न्यायाधीष ने  बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण में दोनों पक्षों का ही लाभ होता है, एक तरफ वादी को न्याय शुल्क की छूट मिलती है तो प्रतिवादी को प्रकरण के व्यय वहन करने से मुक्ति मिल जाती है और अपील न होने से हमेशा के लिये मामला निराकृत हो जाता है।।
शुभारंभ अवसर पर नगर निगम कमिश्नर  आर.पी. अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राजेश व्यास एवं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे के द्वारा भी अपने संबोधन में उपस्थित पक्षकारों से लोक अदालत के माध्यम से अपने प्रकरणों का निराकरण कराने की अपील की एवं नेशनल लोक अदालत की सफलता के लिये शुभ कामनाएं दी सभी ने  जिला न्यायालय परिसर मंे नवनिर्मित गार्डन में पौधारोपण भी किया।
46 खडीपीठो में निपटे मामले
 नेषनल लोक अदालत हेतु संपूर्ण जिले मंे 46 खण्डपीठों का गठन किया गया ।जिसमें न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 524 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेषन के 1275 प्रकरण निराकृत किए गए, जिसमें  मोटर दुर्घटना के 108 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राषि रूपये 15603400/- के अवार्ड पारित किए गए ।चैक बाउंस के 146 प्रकरण, आपराधिक प्रकृति के 44 प्रकरण, विद्युत के 62 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 50  प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 114 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें 15603400/- रूपये की राशि पक्षकारों को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई गई है। विभिन्न बैंकों के 175 प्रकरण, विद्युत विभाग के 253 प्रकरण, नगर निगम के 388 प्रकरण एवं अन्य 459 प्री-लिटिगेषन प्रकरणों का निराकरण भी इस अवसर पर हुआ जिसमें रूपये 16668092/- का राजस्व प्राप्त हुआ।             ये है मौजूद                 
नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ कार्यक्रम में जिला एवं सत्र न्यायाधीष/अध्यक्ष श्रीमान् के.पी. सिंह, नगर निगम कमिश्नर  आर.पी. अहिरवार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक  राजेश व्यास सहित  डी.के.नागले विशेष न्यायाधीश, श्री मुकेश कुमार ए.डी.जे, श्री रामविलास गुप्ता ए.डी.जे,  मनोज कुमार सिंह ए.डी.जे, श्रीमती दीपाली शर्मा ए.डी.जे,  पंकज यादव ए.डी.जे, श्रीमती नीतूकांता वर्मा ए.डी.जे, श्री विवेक शर्मा ए.डी.जे, श्री नवनीत कुमार वालिया ए.डी.जे, श्री सुरेश कुमार सूर्यवंशी ए.डी.जे, श्री पंकज कुमार जैन ए.डी.जे., श्री विवेक शुक्ला मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्री अनुज कुमार चन्सौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री अंकलेश्वर दुबे, सचिव, बी.के. यादव जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण, बीमा कंपनियों के अधिकारीगण, बैंक, विद्युत एवं पुलिस प्रषासन के अधिकारीगण भी उपस्थित रहे।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सागर की सचिव श्रीमती विधि सक्सेना ए0डी0जे0 द्वारा नेषनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण में सहयोग देने के लिए सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर फलदार वृक्षों का वितरण भी राजीनामा करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष के प्रतीक के रूप में प्रदान किया गया।
सड़क दुर्घटना में म्रतक के परिजनों को मिला 27 लाख का क्लेम
विशेष प्रकरण के रूप में दिनांक 13.10.2017 को सागर-भोपाल रोड में श्री रविन्द्र सिंह राजपूत, सड़क दुर्घटना होने के पश्चात् लगभग 01 वर्ष तक कोमा में रहा और इलाज कराया जिसमें काफी पैसा खर्च हुआ, लेकिन पीड़ित की मृत्यु हो गई, तत्पश्चात् मृतक की पत्नी एवं पुत्र के द्वारा  मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सागर में क्षतिपूर्ति हेतु दावा प्रस्तुत किया जिसमें श्री मुकेश कुमार ए.डी.जे. की खण्डपीठ के द्वारा नेशनल लोक अदालत में मृतक की पत्नी श्रीमती राममणि एवं पुत्र श्री भूवर्धन सिंह को राशि रूपये 27 लाख क्षतिपूर्ति के रूप में आई.सी.आई.सी.आई. बीमा कम्पनी से दिलाये जाने के लिये अवार्ड पारित किया गया एवं एक अन्य प्रकरण में ग्राम पथरिया जाट निवासी कु0 राजकुमारी चैहान के द्वारा इंडियन बैंक सागर ब्रंाच से दिनांक 13.03.2013 को राशि रू0 2,97,852/- का एजूकेशन लोन लिया था जिसे न चुकाये जाने पर इंडियन बैंक सागर ब्रांच के द्वारा ब्याज सहित कुल राशि रू0 4,42,020/- की वसूली हेतु जिला न्यायालय, सागर में दीवानी वाद प्रस्तुत किया लेकिन आज दिनांक 14 दिसम्बर 2019 को आयोजित नेशनल लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी श्री कर्नेल सिंह श्याम व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की खण्डपीठ के द्वारा बैंक तथा अनावेदक कु0 राजकुमारी चैहान के बीच आपसी समझौता कराकर केवल राशि रू0 2,70,000/- बैंक को देने के लिये अवार्ड पारित किया।
                
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भाजपा का खेत धरना कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रहली में दिया धरना

भाजपा का खेत धरना कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रहली में दिया धरना
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तलाक का मामला निपटा तो ,दूल्हा पहुचा अदालत में बारात लेकर,जज ने दिया वर बधू को आशीर्वाद

तलाक का मामला निपटा तो ,दूल्हा पहुचा अदालत में बारात लेकर,जज ने दिया वर बधू को आशीर्वाद
देवास ।शादी के तरीकों  की ढेरों अनोखी कहानियां है । लेकिन एमपी के देवास की कहानी बिल्कुल अलग है। यहां नेशनल लोक अदालत के दौरान  दूल्हा घोड़े पर बैठकर बाजे गाजे के साथ बारात लेकर पहुचा और बधू को लेकर आया। यही नही जज गंगा चरण दुबे से आशीर्वाद भी लिया। दरअसल कुटुंब न्यायालय में एक तलाक का मामल चल रहा था। लेकिन अदालत की समझाईश के बाद तस्वीर बदल गयी। फिर नेशनल लोक अदालत परिसर में शादी का नजारा देखने मिला। वकीलों ने। स्वागत भी किया। जज गंगाचरण दुबे के सामने वरमाला पहनाई गई।
कई वर्षों से अलग अलग रह रहे थे पवन -करुणा
  देवास में पारिवारिक विवाद के कारण कई वर्षों से अलग रह रहे पवन कुमावत और करुणा कुमावत के बीच तलाक का मुकदमा लंबित था।
जानकारी के मुताबिक पवन कुमावत और करुणा का 2008 अप्रैल में विवाह हुआ था। दोनों के तीन बच्चे हैं। इसके बाद पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। पति पवन का कहना था कि वह सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करता है और पत्नी को सिलाई का कोर्स कराया।
 इनके तीन बच्चे भी है।  पवन का आरोप था कि उसकी पत्नी करुणा अपनी सास के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करती है। जबकि करुणा का कहना था कि उसका पति कुछ अन्य औरतों से अवैध संबंध रखता है इसी कारण दोनों के बीच विवाद बढ़ता गया और तलाक की नौबत आ गई। कुटुंब न्यायालय में  प्रकरण भेजा गया जहां  न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने पति पत्नी को समझाइश दी। दोनो पक्षो के वकीलो ने भी इसमे सहयोग किया। जिसके चलते  दोनो को साथ में रहने के लिए राजी किया। पवन और करुणा के बीच समझौता करार हुआ।
बेंड बाजो के साथ बारात 
दोनो के बीच सहमति बनी तो पवन कुमावत  बकायदा बारात लेकर बारातियों के साथ लेकर लोक अदालत में  पहुचा।  जिसमें उसके दो बेटे  और एक बेटी भी शामिल थी । साथ में  बैंड बाजे भी। अदालत परिसर में  विद्वान न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने बारात का जोरदार स्वागत किया और न्यायालय के कक्ष में ही पवन और करुणा ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर साथ रहने का वादा किया।वर वधु ने जज के पैर छूकर आशीर्वाद लिया।  इस अनोखे नजारे को देखने के लिए न्यायालय भवन में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और सभी ने पुष्प वर्षा कर विवाह करने वाली दंपति को आशीर्वाद दिए। बाकायदा शादी की वीडियो रिकार्डिंग भी हुई।


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नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास

नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले 3 आरोपियों को 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास
सागर। नाबालिग को उसके पिता की विधिपूर्ण संरक्षकता के बिना सहमति के बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने और उसके साथ बलात्संग एवं दुष्प्रेरण करने वाले तीन आरोपियों को विषेष न्यायाधीष/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 नीलू संजीव श्रृंगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है।
जिला लोक अभियेाजन अधिकारी एवं मामले के पैरवीकर्ता राजीव रूसिया ने बताया कि आरोपी बब्लू उर्फ जितेन्द्र जाट ने दिनांक 25.09.2015 दिन करीब 1.30 बजे के लगभग ग्राम सौठिया अंतर्गत थाना जैसीनगर से अप्राप्तवय उत्तरजीवी जिसकी आयु 18 वर्ष से कम थी उसके पिता की विधिपूर्ण संरक्षकता के बिना सहमति के बहला फुसलाकर कर ले गया। संभोग करने के आषय से उसका व्यपहरण किया, छुपाया व परिरोध में रखा एवं उसके साथ बलात्कार किया। इस कार्य में आरोपीगण रामरानी व देवीसिंह ने आरोपी बब्लू का साषय सहयोग कर दुष्प्रेरण किया। पिता द्वारा उत्तरजीवी गुम इंसान की रिपोर्ट थाना जैसीनगर में की गई। इस पर से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध क्रमांक-140/15 धारा 363, 366 भादवि की प्रथम सूचना रिपोर्ट लेख की गई। मामला विवेचना में लिया गया। जाॅंच के दौरान उत्तरजीवी दिनांक 29.09.2015 को दस्तयाव होने पर दस्तयाव पंचनामा बनाया गया। उत्तरजीवी एवं साक्षियों के कथन लेख किये गये। विवेचना उपरांत आरोपीगण बब्लू उर्फ जितेन्द्र जाट पिता देवीसिंह उम्र 37 वर्ष, रामरानी पत्नि देवीसिंह जाट उम्र 62 वर्ष एवं देवी सिंह जाट पिता हरिसिंह उम्र 65 वर्ष सभी निवासी ग्राम सौठिया थाना जैसीनगर जिला सागर के विरूद्ध मान. न्यायालय में चालान पेश किया गया। जहां विचारण उपरांत मामले में आई साक्ष्य के आधार पर विषेष न्यायाधीष/नवम् अपर सत्र न्यायाधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण 2012 नीलू संजीव श्रृंगीऋषि सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी बब्लू उर्फ जितेन्द्र को भादवि की धारा 366(क), 368, 376(2)(एन) में, आरोपी रामरानी को भादवि की धारा 368, 376(2)(एन)/109 में तथा आरोपी देवीसिंह को भादवि की धारा 368, 376(2)(एन)/109 में 10-10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000-1000 के अर्थदण्ड से दंडित किया।
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देश की कार्नसिटी में मक्का महोत्सव अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिंदवाड़ा की नई पहचान @भूपेन्द्र गुप्ता

देश की कार्नसिटी में मक्का महोत्सव
अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिंदवाड़ा की नई पहचान
@भूपेन्द्र गुप्ता
फसलों के उत्पादन का उत्सव मनाने की परंपरा को अब औद्योगिक आधार मिल रहा है । फसलों की ब्रांडिंग से अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी किसानों को ज्यादा दाम मिलने की संभावनाएं बनी है। 
भारत का कृषि जलवायु क्षेत्र इतना विविधता पूर्ण है कि यहां हर क्षेत्र एक विशिष्ट फसल के नाम से जाना पहचाना जाता है। अकेले मध्य प्रदेश में 11 कृषि जलवायु क्षेत्र है यहां की मिट्टी और जलवायु में भिन्नता है जो अलग-अलग फसलों के लिए उपयुक्त है । मालवा के आलू टीकमगढ़ का अदरक, बड़वानी की मिर्ची मंदसौर का लहसुन और सीहोर विदिशा क्षेत्र का गेहूं शरबती गेहूं , बालाघाट सिवनी के कालीमूछ के चावल और अब इस श्रेणी में छिंदवाड़ा का मक्का आ गया है।
मक्का उत्पादन को औद्योगिक गतिविधि से जोड़ने के लिए की गई पहल से मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने मक्का उत्पादन को व्यावसायिक गतिविधि से जोड़ने की पहल करते हुए कमलनाथ कमलनाथ ने कॉर्न फेस्टिवल 2019 को नया स्वरूप देने की कोशिश की है। कॉर्न फेस्टिवल यानी मक्का महोत्सव के माध्यम से किसानों के लिए उनके विकास के लिए एक नया रास्ता खोल जा रहा है। इससे वे तरक्की और खुशहाली की बुनियाद खुद रख सकें। 
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 15-16 दिसंबर को मनाया जाने वाला कॉर्न फेस्टिवल यह महोत्सव मध्य प्रदेश के किसानों के लिए  एक नया अध्याय सिद्ध होगा जहां से तरक्की और खुशहाली उनके दरवाजे पहुंचेगी ।सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश 70% आबादी कृषि कार्यों पर निर्भर है हमारी विभिन्न फसलें मध्यप्रदेश की पहचान को स्थापित  करती हैं किंतु कृषि के क्षेत्र में उसे प्रभावी बनाए जाने के प्रयत्न अब तक नहीं हुए थे यह दिखायी  देता है ।कॉर्न फेस्टिवल के माध्यम से अब पता चलेगा कि मक्का के पास कितना बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार है । वह  केवल पॉपकॉर्न या कार्न फ्लेक्स तक सीमित नहीं है न ही उसका बाजार  दो चार तरह के व्यंजन या स्वीटकार्न सूप तक सीमित है।उससे लगभग सौ तरह के व्यंजन,टोस्ट बिस्किट ,कुकीजआदि  बनाये जा सकते हैं। जिनके लिये आवश्यक मशीन और तकनीकि का प्रदर्शन छिंदवाड़ा में किया जा रहा है।
लोगों के मन में एक स्वाभाविक सवाल उठ सकता है कि इस महोत्सव के लिये छिंदवाड़ा ही क्यों चुना गया ?उत्तर है क्योंकि छिंदवाड़ा ही देश में सबसे ज्यादा मक्का पैदा करने वाला जिला है ।देश के कुल मक्का उत्पादन में अकेले मध्यप्रदेश का 14%योगदान है और इसमें अकेले छिंदवाड़ा का योगदान ही 13% है । इसीलिये इसे कार्न सिटी के रूप में लोकप्रिय करने की योजना बनी ताकि मक्का के विश्व बाजार के मानचित्र पर छिंदवाड़ा अपनी पहचान छोड़ सके।
कमलनाथ  ने इंदौर में मैग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश के दौरान इस बात को बार-बार दोहराया था कि मध्य प्रदेश की फसलों को आधार  बनाकर फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री विकसित करके  ही किसान के दरवाजे पर तरक्की पहुंचाई जा सकती है कार्न फेस्टिवल इसका एक कदम है ।
मध्यप्रदेश में आलू बहुतायत में होता है टीकमगढ़ का अदरक भी पूरे देश में अपनी पहचान बनाए हुए है ।मंदसौर का लहसुन,मांडू का सीताफल, बड़वानी की मिर्ची ,निमाण का कपास,गुना का धनिया, जबलपुर की मटर ,होशंगाबाद का अमरूद,ऐसी कई फसलें हैं जिनका एक अंतरराष्ट्रीय बाजार विकसित किया जा सकता है ।सवाल है कि किस तरह किसान के दरवाजे पर नई तकनीकी  और कौशल  पहुंचे । कॉर्न फेस्टिवल ऐसी ही एक पहल है जिसके माध्यम से किसानों के दरवाजे पर नई नई मशीनें  नया-नया ज्ञान पहुंचेगा  । उन्हें पता चलेगा की पूरी दुनिया मक्के के बाजार के लिए आतुर है । मक्का में उपलब्ध पौष्टिक तत्व ही मक्का की खूबी है इसमें पाया जाने वाला फाइबर पेट को कई बीमारियों से बचा कर रखता है और इसके पौष्टिक गुणों के कारण पूरी दुनिया में इसकी मांग है । जिस तरह से दुनिया में पोल्ट्री उद्योग विस्तार पा रहा है उसमें पोल्ट्री फीड के रूप में मक्का ही प्रमुख खाद्यान्न है इसलिए मक्का के किसानों को अगर पोल्ट्री फीड बनाने की विधि और कुशलता प्रदान की जाती है तो छिंदवाड़ा एवं अन्य क्षेत्रों का मक्का उत्पादक  किसान दुनिया से टक्कर ले सकेगा।
मुख्यमंत्री का यह विजन प्रथम दृष्टि में ही सफल होता दिखाई पड़ रहा है कई आदिवासी महिलायें तामिया जैसी जगह में इसके उत्पादन से जुड़ गईं हैं।वे मक्का की कुकीज तक बना रहीं हैं।
कल को मालवा में पोटेटो फेस्टिवल,मंदसौर में गार्लिक फेस्टिबल और टीकमगढ़ में जिंजर फेस्टिवल भी सामने आ सकेंगे।पहली बार देश के ख्यातनाम कृषि वैग्यानिक आज छिंदवाड़ा में इकट्ठे हो रहे हैं।कल इसी तरह दूसरी जगह आकर दूसरी चीजें पैदा करने वाले किसानों को भी नयी तकनीकी सिखायेंगे ।कमलनाथ सरकार की इस पहल से हार्टीकल्चर गतिविधियां बढ़ीं हैं ।फूल की खेती से आगे अब सब्जियों के उत्पादन में किसान आगे आ रहे हैं ।इस जागरूकता से इन क्षेत्रीय विशिष्ट फसलों के "जी आई टेग" का रास्ता भी प्रशस्त हुआ है ।
सरकार ने परंपरागत रूप से खेती करने वाले किसानों को महज उन्नत किसानों के खेत  दिखाये जाने के रस्मी कार्यक्रमों को अब उत्सव में बदल दिया है जहां किसान केवल फसल नहीं बल्कि उस फसल से आगे बनने वाले उत्पाद,उसमें उपयोग होने वाली तकनीकी और आधुनिक मशीनों से रूबरू हो सकेगा।यह कमलनाथ सरकार के गरीबों किसानों के सरोकारों में शामिल होने का परिचायक है।वे केवल चिंता ही नहीं कर रहे हैं बल्कि उनके वेहतर भविष्य के लिये बेहतर तकनीकी और कौशल भी उनके दरवाजे तक ला रहे हैं।
(लेखक स्वतंत्र विश्लेषक एवं कांग्रेस विचार विभाग के अध्यक्ष हैं)
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एलपीजी गैस से भरा टैंकर पलटा,टैंकर से रिसाव जारी,पुलिस प्रशासन मौजूद,रास्ता किया बन्द

एलपीजी गैस से भरा टैंकर पलटा,टैंकर से रिसाव जारी,पुलिस प्रशासन मौजूद,रास्ता किया बन्द

सागर।सागर जिले के रहली देवरी मार्ग पर ग्राम परासिया पर अंधे मोड़ में गैस से भरा टैंकर पलट गया। टैंकर पलटने से उससे लगातार गेस का रिसाव हो रहा है । घटना की खबर लगते ही पुलिस मौके पर पहुची। पुलिस ने दोनो तरफ से रास्ता बंद कर दी गई है । आसपास के रिहायशी इलाके को सतर्क कर दिया गया है।   बीना रिफायनरी से बचाव दल बुलाया गया है । कैप्सूल विजयनगर गुना से जबलपुर जा रहा था। पुलिस ने 2 किलोमीटर सड़क की सीमा सील कर दी है हल्की सी आग की चिंगारी बड़ा हादसा घटित कर सकती है ।आसपास में लगभग 200 ग्रामीण अपने बच्चों सहित अभी भी है और जो भी उस रोड से बाहर निकल रहे हैं ।पुलिस उन पर प्रतिबंध लगा रही है और दूसरे रोड से जाने का आग्रह कर रहीहै।
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