नावालिग से दुष्कृत्य करने वाले को आजीवन कारावास

नावालिग से दुष्कृत्य करने वाले को आजीवन कारावास
सागर। नावालिग को बहला-फुसला कर ले जाने एवं उसके साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को विशेष न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) रहली जिला सागर की अदालत ने आजीवन कारावास एवं अर्थदण्ड से दंडित किया है।
जिला लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी ब्रजेश दीक्षित ने बताया कि दिनांक 03.03.2019 को नावालिग के पिता ने आरक्षी केन्द्र रहली में इस आशय की शिकायत दर्ज करायी की उसकी नावालिग पुत्री दिनांक 02.03.2019 को स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी जो आज तक घर वापिस नही आई। नावालिग के पिता ने रहली पुलिस के समक्ष यह संदेह व्यक्त किया कि कोई उसकी नावालिग पुत्री को बहला-फुसला कर भगा ले गया है। रहली पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध मामला पंजीबद्ध किया गया तथा नावालिग की खोज प्रारंभ की गई। रहली थाना पुलिस द्वारा दिनांक 09.04.2019 को नावालिग को खोज निकाला गया तथा नावालिग को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया। नावालिग के कथनों से यह खुलासा हुआ कि  आरोपी सरमन पिता हरिचरण अहिरवार उम्र 20 वर्ष निवासी ग्राम बलेह थाना रहली जिला सागर उसे बहला-फुसला कर शादी का झासा देकर ले गया तथा बार-बार उसके साथ बलात्संग किया। मामले की पूरी जाॅच होन के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश सुधांशु सक्सेना (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) रहली जिला सागर की अदालत ने आरोपी सरमन अहिरवार  को दोषी करार देते हुए भादवि की धारा 363 में 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये जुर्माना तथा भादवि की धारा 376(2)(प)/पाॅक्सो एक्ट  के तहत आजीवन सश्रम कारावास जिसका तात्पर्य  शेष प्राकृत जीवनकाल के कारावास से है, दंडित किया एवं रूपये 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया है। अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजन अधिकारी लोकेश दुवे ने की।
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एमपी में 29 नगरपालिका अधिकारियों/कर्मचारियों के तबादले हुए।

एमपी में 29 नगरपालिका अधिकारियों/कर्मचारियों के तबादले हुए।
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अग्रवाल महिला मंडल के आनंद मेला में सांस्कृतिक आयोजन

अग्रवाल महिला मंडल  के आनंद मेला में  सांस्कृतिक  आयोजन
सागर । अग्रवाल महिला मंडल द्वारा साईं मंडपम मकरोनिया में अग्रवाल समाज का दीपोत्सव एवं आनंद मेले का आयोजन किया गया। मेले में बच्चों एवं समाज की महिलाओं द्वारा  रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई ।साथ ही मेले में जायकेदार स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल लगाए गए जिनमे पहुंकर समाजजनो ने लजीज व्यंजनो का लुफ्त उठाया। बच्चों के लिए खेल एवं प्रश्न मंच जैसे कार्यक्रम रखे गए आनंद मेले में अग्रवाल समाज सागर के स्वजातीय बंधुओं ने परिवार सहित शामिल होकर आनंद मेले का लुफ्त उठाया |आनंद मेले मे उपस्थित वरिष्ठ समाजजनो ने अग्रवाल महिला मंडल द्वारा की गई व्यवस्थाओ की सराहना की ||
मेला में  सुनीता अग्रवाल,सीमा अग्रवाल,मधु अग्रवाल,मोना अग्रवाल,नेहा अग्रवाल,शिल्पी अग्रवाल,सपना अग्रवाल,वर्षा अग्रवाल,आरती अग्रवाल,गुंजन अग्रवाल,इंद्रा अग्रवाल,मोनिका अग्रवाल,अंजू अग्रवाल,पूनम अग्रवाल,ज्योति अग्रवाल आदि ने हिस्सा लिया।
वही  घनश्याम अग्रवाल,आलोक अग्रवाल,रंजन अग्रवाल,मनोज अग्रवाल,रमेश चन्द्र अग्रवाल,संजय अग्रवाल,राकेश गर्ग,डॉ.प्रिंस अग्रवाल,राजकुमार अग्रवाल,विवेक अग्रवाल, आदि मौजूद रहे।
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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चुनाव सम्पन्न ,बागडोर महिलाओं डॉक्टरों को


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चुनाव सम्पन्न ,बागडोर महिलाओं डॉक्टरों को
सागर । इंडियन मेडिकल एसोसियेशनबIMA  आई एम ए के वार्षिक चुनाव सम्पन्न हुए ।जिसमे इस बार आई एम ए की  महिला चिकित्सक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी और पद पर सर्वसम्मति से निर्वाचित हुई। सभी प्रमुख पदों पर महिला डॉक्टरों को मौका मिला। 
निर्वाचन अधिकारी डॉ दिवाकर मिश्रा, डॉ जी एस चौबे और डॉ एस के राजोरिया ने अध्यक्ष पद पर वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ साधना मिश्रा सचिव पद पर डॉ मोनिका जैन, उपाध्यक्ष पद पर डॉ स्वर्णलता खन्ना, डॉ सरोज भूरिया, कोषाध्यक्ष पद पर डॉ निधी मिश्रा, सयुंक्त सचिव पद पर डॉ प्रिया जैन, सेंट्रल वर्किंग कमेटी में डॉ एस एम सिरोठिया, जोनल चेयरपर्सन पद पर डॉ नीना गिडियन, सेन्ट्रल कमिटी में डॉ पिंकेश गेहलोत, डॉ शैलेन्द्र सिंह,क्लीनिकल कमिटी में डॉ राजेन्द्र चउदा, डॉ एस एस खन्ना एवं एग्जेक्युटिव समिति में डॉ डी के पिप्पल, डॉ अरुण दवे आदि को निर्वाचित घोषित किया गया।सभी ने पिछले वर्ष की कार्यकारिणी के कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए नई कार्यकारिणी के चयनित सदस्यों को शुभकामनाएं दी।
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देव खंडेराव मेला। मन्नते पूरी होने पर अंगारों पर निकलते श्रद्वालु, ग्यारह दिनों तक चलेगा अग्नि मेला

परसुराम साहू।             
 देव खंडेराव मेला। मन्नते पूरी होने पर अंगारों पर निकलते श्रद्वालु, ग्यारह दिनों तक चलेगा अग्नि मेला
सागर । सागर जिले के देवरी का श्री खंडेराव का अग्नि मेला  शुरू हो गया । अगहन माह की चंपा-षष्टि से शुरु होता है ।जो इस वर्ष 2 दिसंबर से शुरु हुआ। इस मेले में लोग अपनी मनोकामनाये पूरी  होने पर अग्नि कुंड से दहकते अंगारों पर से निकलते हैं। ग्यारह दिन चलने वाले इस मेले में हजारों महिला पुरुष बच्चे अंगारों पर से निकलेंगे।
 देवरी नगर में श्रीदेवखंडेराव जी का मंदिर पर भव्य मेला लगा  हैं। मेले के पहले दिन 138 श्रद्धालु आग के अंगारों में से निकले। वहीं इस मेले को देखने के लिए क्षेत्र के आसपास के साथ साथ प्रदेश भर सेश्रध्दालु इस मेले को देखने आते हैं।।देवरी के पूर्व विधायक सुनील जैन पिछले  तीस सालों  से आग के अंगारों पर से  निकलते आ रहे हैं ।उन्होंने कहा कि नगर में अमन चैन बना रहे सभी लोग भाई चारे के साथ रहे इसी भावना के साथ हम अग्नि कुंड में से निकलते हैं ।हर वर्ष निकलते रहेगे। आज उनकी पत्नी निधि जैन भी साथ थी।
वहीं इस मेले में दूर दूर से दुकानदार एवं बडे बडे झूले भी आते हैं जो लोगों को आकर्षित करते हैं।वहीं इस कार्यक्रम को लेकर मंदिर समिति के लोग एवं स्थानीय प्रशासन करीब एक हफ्ते पहले से तैयारियों में जुट जाता है।इस मेले में स्थानीय प्रशासन मे नगरपालिका के लोग ,एवं एसडीएम देवरी सहित देवरी थाने के टीआई सहित पूरा प्रशासन मेले के ग्यारह दिन तक सहयोग करता है।वही सुरक्षा की दृष्टि से मेले के हर कोने पर पुलिस प्रशासन का पहरा लगा रहता है।
खंडेराव मेला का इतिहास
देव श्री खंडेराव का विश्व प्रसिद्ध अग्नि मेला अगहन माह की चंपा-षष्टि से शुरु होता है ।
श्री खंडेराव जी के मंदिर का निर्माण 15 से 16 वीं सदी के बीच हुआ था जब बुंदेलखंड के राजा छत्रसाल हुआ करते थे। उस समय मुगलों से युद्ध में अपनी हार की स्थिति देख कर उन्होंने बाजीराव पेशवा को पत्र लिखकर मदद मांगी उस समय बाजीराव द्वारा छत्रसाल को युद्ध में मदद कि गई और बुंदेलखंड को मुगलों से बचाया तब छत्रसाल द्वारा बुंदेलखंड का कुछ राज्य बतौर नजराने के तौर पर बाजीराव के हक में दिया। जिसमें पंच मेहला में देवपुरी अर्थात देवरी बाजीराव के अधीन हो गई और उनके द्वारा यहां पर यशवंतराव को राजा नियुक्त किया गया। यशवंतराव के कुलदेवता खंडेराव मार्तंड भैरव थे जो मात्र एक जगह महाराष्ट्र के जेजोरी में हैं। राजा यशवंतराव हर वर्ष महाराष्ट्र की जेजोरी में देव खंडेराव के दर्शन के लिए जाया करते थे। जेजोरी जाते समय यशवंत राव देवरी में बाबूराव वैद्य के यहां रात्रि विश्राम किया करते थे। जब राजा यशवंतराव वृद्ध हो गए और उन्होंने देव खंडेराव से प्रार्थना की और कहा अब मैं आपके दर्शन हेतु जेजोरी नहीं आ पाऊंगा तब देव खंडेराव ने उनको स्वप्न में दर्शन दिए और एक जलती हुई जोत दिखी और एक खास जगह दिखी जो देवरी में है और बताया कि मैं यहां पांच पिंडों के रूप में बाईस हाथ की गहराई पर हूं। जब राजा यशवंत ने उस जगह पर खुदाई करवाई तो पांच पिंडों के रूप में मय चरण के प्राप्त हुई। जिसके बाद उसी जगह पर उन की प्राण प्रतिष्ठा की गई और 15 से 16 वीं सदी के बीच श्रीदेव खंडेराव का मंदिर निर्माण कराया गया।
ये है किवदंती
एक बार राजा यशवंतराव के पुत्र बीमार हो गए तब देव खंडेराव ने दर्शन देकर कहा कि हल्दी के उल्टे हाथ लगाएं और भट्टियां खोदकर अंगारे डाल कर हाथ से हल्दी भंडार डालकर अग्नि के ऊपर से हल्दी छोड़कर निकलें तो उनका पुत्र स्वस्थ हो जाएगा। तब से यह प्रथा शुरू हो गई और लोग अपनी मन्नत पूरी होने पर देव श्री खंडेराव के अग्नि मेले में से नंगे पांव आग पर से चलते हैं। प्राचीन मंदिर वास्तु कला की एक अद्भुत मिसाल है। मंदिर में एक विशेष छिद्र है जिसमें साल में एक बार अगहन माह की षष्टि के दिन सूर्य की किरणें उस छिद्र के माध्यम से शिवलिंग की पांच पिंडों पर ठीक 12 बजे पड़ती हैं तब लोग अग्निकुंड में से निकलते हैं।
 पंडित श्री नारायण राव वैध ने बताया कि जब नवंबर माह में चंपा षष्टि पड़ती है तब सूर्य की किरणें शिव की पांच पिंडों पर पड़ती हैं और इस वर्ष ऐसा संयोग है की सूर्य की रोशनी शिवजी के पांच पिंडी पर पड़ेगी। अगर दिसंबर माह में चंपा-षष्ठी पड़ती है तो कई बार यह सूर्य की रोशनी पिंडों पर नहीं पड़ती। उन्होंने बताया कि पहले यह मेला 3 दिन लगता था लेकिन लोगों की आस्था को देखते हुए इसको 10 दिन के लिए किया गया। करीब 450 सौ साल  पुरानी  परम्परा है।
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किसानों की समस्याओं को सुलझाने में कमलनाथ सरकार नाकाम,किसान फंसा संकट में:पूर्व गृहमन्त्री भूपेन्द्र सिंह

किसानों की समस्याओं को सुलझाने में कमलनाथ सरकार नाकाम,किसान फंसा संकट में:पूर्व गृहमन्त्री भूपेन्द्र सिंह
सागर । किसानों की समस्याओं को लेकर  पूर्व गृह एवं परिवहन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा हैकि पूरे प्रदेश में किसान खाद, बिजली और अतिवर्षा से हुए नुकसान की राहत राशि को लेकर परेशान है । संकटो में घिरा किसान आत्महत्या के लिए मजबूर है । सागर जिले में भी यही हालात है । किसान बोनी के लिए खाद को लेकर लाईनों में लगा है और पुलिस की लाठियां खा रहा है ।
भाजपा के प्रदेशव्यापी आव्हान पर आज सागर में पूर्व गृहमन्त्री ने मीडिया से कहा कि अतिवर्षा से नुकसान हुआ है ।ऐसे में सरकार  की तरफ से राहत राशि दी जाती है। लेकिन जो व्यापक नुकसान हुआ है राज्य सरकार ने कोई राहत नही दी। उन्होंने कहा कि शुरुआती सर्वे में  निचले अमले ने  70-80 फीसदी फसलों के नष्ट होने का आंकलन किया था।  लेकिन सरकार ने फिर से सर्वे के आदेश कराकर आंकलन कम कराया और 50 फीसदी हो गया।  सागर जिले में 1000 करोड़ की नुकसानी को  घटाकर 214 करोड़ पर लेकर आये। उधर केंद्र ने  1000 करोड़ दी है उसी में से सरकार बांट  रही है । एक भी पैसा कमलनाथ सरकर  ने नही दिया है। जिले में 5-6 घण्टे बिजली मिल रही है । कई जगह ट्रांसफार्मर जले है। इनकी नई खरीदी नही हो रही है ।रोक लगादी ट्रांसफार्मरों पर। इतनी दफा सुधर गए कि अब सुधर ही नही सकते। बहुत ही कम है । बिजली नही मिल रही है ।
 पूरे प्रदेश की स्थिति है ।उन्होंने कहा कि सिंचाई के प्रोजेक्ट बन्द है । जो भाजपा सरकार के स्वीकृत है। किसान को न राहत हॉइ और न ही ,खाद,बिजली। कमलनाथ सत्कार का वचन पत्र अधूरा है ।
              उन्होंने पत्रकार वार्ता के माध्यम से प्रदेश की कांग्रेस सरकार को कटघरे में लेते हुए कहा कि एक साल बीतने को है अब तो कर्ज़ माफी का वचन निभाए सरकार कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था सभी किसानों का 02.00 लाख तक कर्ज़ माफ करेंगे। जिसमें  सहकारी बैंक एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों का चालू एवं कालातीत कर्ज़ शामिल रहेगा। कांग्रेस के तत्कालीन  राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी ने वादा किया  था कि  सरकार बनते ही  10  दिन  में कर्ज़ माफ कर देंगे, नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। 17 दिसम्बर 2018 को शपथ लेने के  11 माह बाद भी किसानों  का पूरा कर्ज़ माफ नहीं हुआ और ना ही मुख्यमंत्री ही बदले गए। म.प्र. की कमलनाथ क¢ नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार 25 प्रतिशत किसानों की भी कर्ज़ माफी नहीं कर पायी है। इस कारण किसान भरोसे में फसल बीमा सहित अन्य सुविधाओं से भी वंचित रह गया। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में जीरो प्रतिशत ब्याज योजना का वास्तविक लाभ देने का वचन दिया था। खरीफ  ऋण की डयू-डेट 31 दिसम्बर तय करेगें का वादा किया था, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं किया। म.प्र. क¢ किसान को कालातीत घोषित कर दण्ड ब्याज सहित कर्ज़ की वसूली की जा रही है तथा किसानों को सहकारी एवं राष्ट्रीकृत बैंकों से पुर्न ऋण वितरण भी नहीं हो पा रहा है। वित्त पौषण नहीं होने से किसानों का काम प्रभावित हो रहा है। कांग्रेस को जनता के सामने यह स्पष्ट करना चाहिये कि जब विधानसभा चुनाव में 2 लाख की कर्ज माफी का वादा किया था तो उसके लिये धन का प्रावधान क्यों नहीं किया गया था। बात-बात पर केन्द्र सरकार को कोसने वाली की कागंे्रस सरकार ने सीधे-सीधे किसानांे को धोखा दिया है।
युरिया का संकट निकम्मी और संवेदनहीन कांग्रेस सरकार की उपज
 उन्होंने कहा कि केन्द्र में कांग्रेस की नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के दौर में देश भर में यूरिया की कालाबाजारी जोरों पर  थी।  किसानों को यूरिया के संकट से जूझना पड़ता था, यूरिया मांगने वाले किसानों पर लाठी चार्ज की घटनायें आम थी। केन्द्र में माननीय नरेन्द्र मोदी जी की सरकार आने के बाद देश में यूरिया की उपलब्धता किसानों तक करने के लिये सार्थक प्रयास किये गये। संकट समाप्त किये गये, कालाबाजारी और अन्य उपयोग रोकने के लिये नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन कराया गया। मध्यप्रदेश मे भाजपा की सरकार रहते  हुए किसानों को यूरिया की उपलब्धता समय से पहले सुनिश्चित करा ली जाती थी। अब मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार में फिर वही दौर लौटकर आ गया। यूरिया मांगने वाले किसानों की लंबी लाईनें दिखाई देने लगी, किसान परेशान है लेकिन लगातार तबादलों में तल्लीन, रेत और शराब के कारोबार में व्यस्त कांग्रेस की सरकार किसानों के प्रति संवेदनहीन बनी रहीं। रबी की फसल प्रदेश में कितने हेक्टेयर में बोई गई इसका आंकलन सरकार करने में नाकाम  सिद्ध हुई, बल्कि ऐसा करने का सरकार की और से विधिवत कोई कार्य भी नही हुआ जिस कारण किसानों की मांग के अनुसार खाद विशेषकर युरिया का संकट पैदा हो गया। कांग्रेस सरकार करप्शन, कालाबाजारी और कुशासन का प्रतीक बनकर किसानों के संकट का कारण बन गई है। केन्द्र की मोदी सरकार मांग के अनुसार यूिरया उपलब्ध कराने को लगातार तत्पर रही है और आपूर्ति में केन्द्र सरकार की ओर से कोई बाधा नही है।
04 धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की ना व्यवस्था और ना ही मंशा
ये रहे मौजूद
इस मौके पर  भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटैल,  डॉ. सुखदेव मिश्र,  प्रदीप राजोरिया, राजेश सैनी, लक्ष्मण सिंह, अनुराग प्यासी, नवीन भट्ट आदि उपस्थित थे।
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नाजायज सम्बन्धो के चलते हुईथी यूपी के युवक की सागर में हत्या,आरोपी मुंगावली के

नाजायज सम्बन्धो के चलते हुईथी यूपी के युवक की सागर में हत्या,आरोपी मुंगावली के

सागर । सागर पुलिस ने  भानगढ थाना क्षेत्र में हुए अंधे कत्ल का खुलाशा कर लिया है । आरोपियों ने हत्या कर उसकी लाश कुएं में फेंक दी थी।हत्या की पूरी बारदात अवैध सम्बन्धो को लेकर हुई।। मृतक उत्तरप्रदेश का था और आरोपी अशोकनगर जिले के मुंगावली के निकले।  पुलिस अधीक्षक अमित सांघी और asp विक्रम सिंह ने आज मीडिया को घटना की जानकारी दी। । हत्या के तीनो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है ।
कुएं में मिली थी लाश,यूपी के आगरा के ब्रजेन्द्र की
 रेलवे स्टेशन कंजियाके पास कुंआ मे अज्ञात मृतक का शव जिसके दोनो हाथ बंधे हुए और  कमर में लोहे का गाटर बंधा हुआ मिला था ।अज्ञात मृतक के शव कापीएम कराने के पश्चात दिनाँक 26/11/19 को अज्ञात आरोपी के खिलाफ धारा 302.201ता.हि. का मामला दर्ज कर विवेचना मे लिया गया। दूसरे दिन इसकी  पहचान ब्रजेन्द्र पिता खेमकरन तोमर 35 साल निवासी हकीमपुरा थाना मलपुरा आगरा उ0प्र0 के रूप में हुई। 
भाई की ससुराल थी एमपी के मुंगावली में
 परीजन से पूछताछ के दौरान पाया गया कि मृतक ब्रजेन्द्र तोमर केभाई की ससुराल ग्राम विल्हेरू थाना मुंगावली अशोकनगर मे होने पर मतक बजेटमा का ग्राम विल्हेरूआना जाना रहता था । इसी बीच मृतक ब्रजेन्द्र तोमर से शीला आदिवासी की जान पहचान हो गई।
शीला आदिवासी ने अपने पूर्व पति माखन आदिवासी को करीब तीन साल पूर्व छोड़ दिया था। और करीबदो साल से मतक ब्रजेन्द्र तोमर के साथ आगरा जाकर रहने लगी थी।आगरा मे शीला के रहने के दौरान बीरूआदिवासी व राम आदिवासी निवासी निसई थाना मंगावली अशोकनगर ने आकर करीब 6 माह मतक ब्रजेन्द्रके साथ रहकर मजदूरी की। दिनॉक 13/11/19 को मृतक ब्रजन्द्र तोमर शीला आदिवासी को लेने ग्राम विल्हेरूमुंगावली आया था। फिर दिनाँक 15/11/19 को शीला आदिवासी आगरा पहुँची और 4.5 दिन न मिलने पर मतक ब्रजेन्द्र तोमर के भतीजे नरेन्द्र तोमर ने शीला से पूछा तो शीला ने बताया कि मृतक व्रजेन्द्र तोमर दिनांक 13.11.19 को मुझे लेने ग्राम विल्हेरू आया था। और मुझे लेकर आगरा केन्ट तक आयाफिर मझसे यह कहकर कि तुम घर जाओ, मै काम करने जा रहा हूँ कह कर चला गया। आगरा मे मृतक ब्रजेन्द्रकी तलाश के दौरान कोई पता न चलने पर ग्राम जौध मे रिस्तेदार के यहाँ पता करन पर उन्होंने बताया कि अज्ञात मृतक का शव कंजिया रेलवे स्टेशन के पास कुंआ में मिला है आकर देख लो। जो अज्ञात मृतकके कपडे देखने पर मृतक ब्रजेन्द्र तोमर के पहने हुए कपडे होना पाये गये।
अवैध सम्बन्धो में फंसी कहानी
 पुलिस ने मामले की विवेचना के दौरान एवं गिरप्तार शुदा अभियुक्तो के कथनानुसार पाया गया कि आरोपीशीला आदिवासी के आरोपी बीरू आदिवासी से करीब 15-16 साल की उम्र से अवैध संबंध थे।इसी बीचशीला आदिवासी की शादी माखन आदिवासी के साथ हो गई जिसके दो बच्चे है। शीला आदिवासी के
बीरू आदिवासी से नाजायज संबंध के चलते शीला आदिवासी ने अपने पति माखन आदिवासी को करीबतीन साल पूर्व छोड दिया। फिर शीला आदिवासी मृतक ब्रजेन्द्र तोमर के सम्पर्क में आई और करीब दा सालसे मृतक ब्रजेन्द्र तोमर के साथ आगरा जाकर रहने लगी। परन्तु बीरू आदिवासी ने शीला का पीछा नहीं छोडाऔर आगरा अपने साथी राम आदिवासी के साथ जाकर शीला के यहाँ रहकर करीब 6 माह मजदूरी की।शीला आदिवासी एवं बीरू आदिवासी एक दूसरे को छोडना नहीं चाहते थे। इसी बीच शीला आदिवासीआगरा से अपने मायके ग्राम विल्हेरू थाना मुंगावली अशोकनगर आ गई। दिनांक 13/11/19 को मृतक
ब्रजेन्द्र तोमर शीला को लेने उसके घर ग्राम विल्हेरू पहँचा। तभी शीला आदिवासी एवं बीरू आदिवासी कीआपस मे वात हुई कि तुम्हे आगरा नही जाना है । तुम्हे मेरे साथ रहना ।
इस तरह बनी हत्या की योजना
 शीला आदिवासी व बीरूआदिवासी , राम आदिवासी ने मिल कर मृतक ब्रजेन्द्र तोमर को बीच से हटाने की योजना वनाई।योजना अनुसार दिनांक 14.11.19 को वीरू आदिवासी ने अपने साथी रामू आदिवासी के साथमुंगावली आकर हरे रंग की नायलोन की रस्सी व नशीली दवाई तथा शराब खरीदकर दोपहर में रेल्वे स्टेशनकंजिया पर दोनो आ गये ।फिर योजनानुसार शीला आदिवासी मृतक ब्रजेन्द्र तोमर को साथ लेकर आगराजाने को मुंगावली आई और मुंगावली से ट्रेन पर बैठ कर कंजिया रेल्वे स्टेशन पर शीला ने मृतक ब्रजेन्द्र तोमरको पानी लेने के बहाने उतार लिया। तभी वीरू आदिवासी व राम आदिवासी भी आ गये और योजनानसारमृतक ब्रजेन्द्र तोमर को रेल्वे स्टेशन कंजिया के आऊटर के सामने बने कुंआ पर ले गये । कआ पर पहचने के
बाद वीरू आदिवासी व राम आदिवासी ने एक शराब के क्वाटर मे नशीली दवाई मिलाकर मृतक ब्रजेन्द्र -तोमर को पिला दिया। थोडी देर बाद ब्रजेन्द्र तोमर बेहोश हो गया तब वीरू आदिवासी व राम आदिवासी नेमृतक ब्रजेन्द्र तोमर के दोनो हाथ नायलोन की रस्सी से बांध दिये और फिर रेल्वे लाईन के पास से लोहे का
गाटर उठाकर कमर मे बांध दिया। फिर वीरू आदिवासी व रामू आदिवासी ने मिल कर मृतक ब्रजेन्द्र तोमरकी हत्या करने की नियत से बेहोशी की हालत में कुंआ में डाल दिया। जिससे ब्रजेन्द्र तोमर की मृत्यु हो गई।
ये है तीनो आरोपी
नाम आरोपी-1 वीरू पिता राम सींग आदिवासी उम्र 26 साल निवासी ग्राम निसई थाना मंगावली
अशोकनगर।
2 राम पिता निरपत आदिवासी उम्र 28 साल निवासी देहरी टपरा थाना आगासाद सागर हाल
ग्राम निसई थाना मुंगावली अशोकनगर
3 शीला पत्नी स्व0 ब्रजेन्द्र तोमर पिता पूरन आदिवासी उम्र 30 साल निवासी ग्राम विल्हेरू
थाना मंगावली अशोकनगर
पुलिस को मिला इनाम
 अंधे कत्ल का खुलासा करने हेतु  पुलिस अधीक्षक द्वारा दस हजार रूपये के ईनाम की उदघोषणा की गई थी। उक्त अंधे कत्त्न का खुलासा करने में उनि सुबोधमिश्रा थाना प्रभारी भानगढ ,पीएसआई संजय बामनिया चौकी प्रभारी सिरचौपी, पीएसआई रूप किशोर
जोराम चौकी प्रभारी कंजिया,आरक्षक ऋषिकेश भदौरिया,रमेश कुलकर्णी, सूरज शर्मा, सोर्बह रैकवार, नीरज बघेल,महेन्द्र बाल्मीक,  विकाश शर्मा,  बबलूपटैल, प्रिया तिवारी के द्वारा अथक मेहनत कर सराहनीय कार्य किया है।

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इक्ष्वाकुपुरी के रूप भगवान श्रीराम की अयोध्या का सपना पूरा करेगी योगी की सरकार

इक्ष्वाकुपुरी के रूप भगवान श्रीराम की अयोध्या का सपना पूरा करेगी योगी की सरकार
लखनऊ। कैसी थी प्रभु श्रीराम की अयोध्या? खुद इसका वर्णन उन्होंने ही किया। बात तबकी है, जब वह 12 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौट रहे थे। जब उनका पुष्पक विमान अयोध्या से गुजर रहा था, तब उन्होंने अपने साथियों से अपनी जन्मभूमि के बारे जो बताया उसका वर्णन रामचरित मानस में कुछ यूं है। सुनु कपीस अंगद लंकेसा, पावन पुरी रूचिर यह देसा।
अयोध्या के कायाकल्प के साथ इक्ष्वाकुपुरी के रूप में भगवान श्रीराम की अयोध्या का सपना योगी की सरकार पूरा कर रही है।अयोध्या में सरयू नदी के किनारे प्रस्तावित इक्ष्वाकुपुरी की संकल्पना एक आध्यात्मिक शहर के रूप में की गयी है। एक ऐसा शहर, जिसमें प्राचीन भारत की संपन्न आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक विरासत के साथ ही बहुरंगी पर एक भारत की भी झलक देश और दुनिया से आने वाले पर्यटकों को दिखे। इस क्रम में इक्ष्वाकुपुरी में चारों वेदों, उपनिषदों और मुख्य ब्राह्मण ग्रंथों को ऑडियो-विजुअल रूप में देखा जा सकेगा।
प्रमुख ऋषियों के जीवन दर्शन, उनके आश्रम और गुरुकुल की व्यवस्था के जरिए भारत की ऋषि और संत परंपरा भी जीवंत होगी। देश के प्रमुख संतों के लिए एक तय भूमि के आवंटन का भी प्रस्ताव है। जो लोग इस परंपरा पर शोध करना चाहते हैं, उनके लिए वैदिक रिसर्च सेंटर भी स्थापित होगा। 
विविधता के बावजूद भारत की एकता के प्रतीक के रूप में हर राज्य को गेस्ट हाउस के लिए एक निश्चित जमीन आवंटित की जाएगी। इनमें वह मल्टी मीडिया प्रजेंटेशन के जरिये अपने राज्य की धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृति परंपरा और इतिहास एवं विरासत को दिखा सकेंगे।
ताकि लगे कि आप इक्ष्वाकुपुरी में हैं
इको-ग्रीन सिटी के रूप में विकसित किये जाने वाले इस शहर में पहुंचकर आपको लगेगा कि आप वाकई त्रेता युग की इक्ष्वाकुपुरी में हैं। इस क्रम में इस वंश के प्रमुख राजाओं- मनु, इक्ष्वाकु, मांधाता, रघु, हरिश्चंद्र, दिली, भगीरथ, आज और दशरथ के चित्र के साथ उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व का वर्णन होगा।
करीब  दो हजार एकड़ के लैंड स्केप में भी कुछ ऐसा ही होगा कि प्रस्तावित इक्ष्वाकुपुरी के अधिकतम 5 फीसद क्षेत्र ही निर्माण के लिए होगा। उपलब्ध जमीन में शास्त्रों में वर्णित दंडकारण्य, विंध्यारण्य, धर्मारण्य और वेदारण्य के रूप में विकसित किया जाएगा। जलस्रोतों को उस समय के पंपा और नारायण सरोवर आदि के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रदेश सरकार परियोजना की प्लानिंग करने के साथ हर चीज के डिजाइन का मानक तय करेगी। बुनियादी संरचना विकसित करने की जिम्मेदारी भी सरकार की होगी।
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