श्री राम जानकी विवाह पंचमी महोत्सव सम्पन्न, बुन्देली परम्पराओं से हुए कार्यक्रम

श्री राम जानकी विवाह पंचमी महोत्सव  सम्पन्न, बुन्देली परम्पराओं से हुए कार्यक्रम
सागर । भगवान श्री राम जानकी विवाह पंचमी  महोत्सव का आयोजन किया गया ।  बड़ा बाजार में श्री सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर से भगवान राम की बारात बाजे गाजे के साथ परम्परागत निकली। इसका जगह जगह आरती टीका और स्वागत  हुआ।    बारात श्री नागेश्वर मन्दिर पहुची । जहा वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न हुए। कार्यक्रम के आयोजक संतोष सोनी मारुति और पत्नी लता सोनी ने कन्यादान लिया ।  
भगवान श्री राम जनाकी विवाह महोत्सव  में भारी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया। शादी की बुंदली परम्पराओं से कार्यक्रम हुए। वैवाहिक रस्म पंडित गणेश महाराज और नरेंद्र नगाईच ने कराई। यह आयोजन का 34 वा वर्ष है ।सेवादल अध्यक्ष सिंटू कटारे ने बारात का स्वागत किया।
महोत्सव में महेश पंडा, जितेंद्र चावला ,अमित राम जी दुबे,गोपाल दास सोनी,माधव प्रसाद सोनी,माखन सोनी विछुआ वाले,नवल भट्ट,महेश  पंडा,अभिषेक सोनी,अभिनव सोनी,महाकाल संगठन के कमल चोरिसिया, शुभम शुक्ला,धर्मेंद्र गोस्वामी,छुटके सेन,मुकेश सोनी,रामस्वरूप सोनी,कर्ण चौरसिया, सुधीर ताम्रकार आदि ने हिस्सा लिया।
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पहल। बस स्टैंड को बुंदेली थीम से सजाने की है तैयारी..

 पहल। बस स्टैंड को बुंदेली थीम से सजाने की है तैयारी..
सागर ।सम्भागीय मुख्यालय वाले बस स्टैंड की तस्वीर अब बदलने लगी है ।गंदगी भरी दीवालों खम्बो पर अब खूबसूरत तस्वीरे नजर आने लगी है । इसको बदलने का जिम्मा हम है इंसान की युवाओं की टीम कर रही है। पहले बाहरी नजारा बदला अब अंदर का दृश्य भी बदलने लगी।

     इसी क्रम में हम हैं इंसान की टीम पुनः बस स्टैंड पर एकत्रित हुई,। जहां खंभों पर लगे पोस्टर्स को हटाया और पान की पीक और गुटकों के थूकने के कारण हद से ज्यादा गंदी हो चुकी दीवारों को पानी से धोकर साफ किया। तत्पश्चात उन पर रंग रोगन कर उन्हें सुंदर बनाने का कार्य किया l ग्रुप के सदस्य पंकज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 2 से 3 दिनों में इन दीवारों पर बुंदेली आकृतियाँ बनाई जाएँगी एवं सामाजिक संदेश लिखवाए जाएंगे l आज के अभियान में पंकज श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव, साकेत मिश्रा, अश्विनी सैनी, महेश तिवारी, वरुण जैन, हेमंत दुबे, व्योम श्रीवास्तव, अभिनव श्रीवास, विक्की श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, कुलदीप अहिरवार, प्रिंस लोधी, कृष्णकांत यादव, नीरज घोषी, भरत सेन, सुनील सागर, प्रहलाद यादव, लकी सराफ़, आर्यमान केशरवानी, संस्कार सोनी, देवेन्द्र नामदेव आदि शामिल हुए ।
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पहल। बस स्टैंड को बुंदेली थीम से सजाने की है तैयारी.

 पहल। बस स्टैंड को बुंदेली थीम से सजाने की है तैयारी..
सागर ।सम्भागीय मुख्यालय वाले बस स्टैंड की तस्वीर अब बदलने लगी है ।गंदगी भरी दीवालों खम्बो पर अब खूबसूरत तस्वीरे नजर आने लगी है । इसको बदलने का जिम्मा हम है इंसान की युवाओं की टीम कर रही है। पहले बाहरी नजारा बदला अब अंदर का दृश्य भी बदलने लगी।
     इसी क्रम में हम हैं इंसान की टीम पुनः बस स्टैंड पर एकत्रित हुई,। जहां खंभों पर लगे पोस्टर्स को हटाया और पान की पीक और गुटकों के थूकने के कारण हद से ज्यादा गंदी हो चुकी दीवारों को पानी से धोकर साफ किया। तत्पश्चात उन पर रंग रोगन कर उन्हें सुंदर बनाने का कार्य किया l ग्रुप के सदस्य पंकज श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 2 से 3 दिनों में इन दीवारों पर बुंदेली आकृतियाँ बनाई जाएँगी एवं सामाजिक संदेश लिखवाए जाएंगे l आज के अभियान में पंकज श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव, साकेत मिश्रा, अश्विनी सैनी, महेश तिवारी, वरुण जैन, हेमंत दुबे, व्योम श्रीवास्तव, अभिनव श्रीवास, विक्की श्रीवास्तव, सौरभ श्रीवास्तव, कुलदीप अहिरवार, प्रिंस लोधी, कृष्णकांत यादव, नीरज घोषी, भरत सेन, सुनील सागर, प्रहलाद यादव, लकी सराफ़, आर्यमान केशरवानी, संस्कार सोनी, देवेन्द्र नामदेव आदि शामिल हुए ।
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श्री गुलाब बाबा मंदिर का वार्षिकोत्सव 2 दिसम्बर से,भगवान श्री गणेश और हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा

श्री गुलाब बाबा मंदिर का वार्षिकोत्सव 2 दिसम्बर से,भगवान श्री गणेश और हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा 
सागर। बुन्देलखण्ड के भव्य, अति सुंदर मंदिरों में से एक संत श्री गुलाब बाबा मंदिर सागर का 11वाँ वार्षिक उत्सव नरसिंहगढ़ (जिला-दमोह) से सड़क मार्ग से 111 किलोमीटर का पैदल-पैदल यात्रा कर आई श्री लाल बाबा चरण पदक
का2 दिसम्बर को सागर नगर की सीमा में प्रवेश के साथ ही आरंभ होगा जो 5 दिसम्बर को विशाल (महाप्रसादी) भंडारा के साथ
समाप्त होगा । इस उत्सव में मंदिर परिसर में विराजमान लगभग 32 टन के एक ही सफेद संगमरमर पर बने श्री गणेशजी एवं
मंदिर परिसर में स्थापित हनुमानगढ़ी के अंदर 16 फीट के सफेद संगमरमर पर आशीर्वाद मुद्रा में खड़े श्री हनुमान जी की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु यज्ञाचार्य पं. नितिन मोडक (गुरुजी) नासिक से आये विशेष पडितों के सानिध्य में यज्ञ आयोजन 2 से 4 दिसम्बर तक होगा।
महाराष्ट्र , मध्य्प्रदेश छत्तीसगढ़ से भक्त आएंगे
मन्दिर के ट्रस्टी एवं मार्गदर्शक किरण पारासरे (मामाजी) ने बताया कि हर वर्ष की भांति महाराष्ट्र सेहजारों भक्त शामिल होने आ रहे हैं, साथ ही म.प्र.-छत्तीसगढ़ के भक्त पूरे उत्सव के दौरान साथ होते है. इस हेतु हमने एक माह
पर्व से ही अपने लगभग 200 स्वयं सेवकों के साथ व्यवस्थायें चाक-चौबंद की हैं। श्री बाबाजी का यह मंदिर परिसर लगभग 7 एकड़ क्षेत्र में बना है। भजनसंध्या-भंडारा, विश्नाम, चिकित्सा, पार्किंग, सुरक्षा आदि-आदि सभी कार्य अलग-अलग टीम बनाकरसंभाल रहे है।
 मंदिर के व्यवस्थापक सतीश विश्वकर्मा ने बताया कि श्री गुलाब बाबा का संदेश बगैर कोई जॉत-पॉत के भजनएवं भोजन परम्परा का पूर्णरूप से निर्वाहन करने के उद्देश्य से 2 दिसम्बर से 5 दिसम्बर तक भोजन (भंडारा) व्यवस्था हेतु पिछलेवर्षों के अनुरूप ही हमने 2 लाख भक्तों को सम्मान पूर्वक बैठकर भंडारा व्यवस्था हेतु "अन्नपूर्णा भवन में व्यवस्था की है, जहाँएक साथ लगभग 5 से 6 हजार भक्त भंडारा ग्रहण करेगें । परम्परा अनुसार ईधन एवं आधुनिक मशीनों का भंडारा निर्माण में
उपयोग होगा। साफ पानी, स्वच्छता, सुरक्षा का हम विशेष ध्यान देते हैं ।
पालकी यात्रा 2 दिसम्बर को आएगी
श्री गुलाब बाबा मंदिर अध्यक्ष डॉ. भरत आनंद वाखले ने बताया कि पिछले वर्षों के अनुरूप व्यवस्था के तहत 2 दिसम्बरको नरसिंहगढ़ से चली "श्री गुलाब बाबा चरण पादुका पालिकी पद यात्रा' का सागर मकरोनिया, सिविल लाइन, गोपालगंज,सजय ड्राइव, कनेरा पुल से सागर मंदिर में शाम को अति विशाल चल समारोह के साथ प्रवेश होगा, जिसके साथ ही 11वाँ वार्षिक
उत्सव शुरू हो जायेगा । इन "चरण पादुका पालिकी' को मंदिर परिसर के अंदर बने "श्री गुलाब सत्संग भवन" में स्थापित किया
जावेगा ।जिन्हें 4 दिसम्बर को -"श्री गुलाब बाबा चरण पादुका नगर शोभायात्रा के रूप में सागर में निकाला जावेगा और 5दिसम्बर को विशाल भंडारा होगा जिसमें लगभग एक लाख से अधिक भक्त एवं नगरवासी शामिल होगे और रात्रि में चरण पादुकापालिकी को श्री गुलाब बाबा मंदिर के अंदर ले जाकर आरती, आतिशबाजी, नृत्य उत्सव के साथ वार्षिक उत्सव का समापनहोगा।
सांस्कृतिक कार्यक्रमो का आयोजन
श्री गुलाब बाबा मंदिर सचिव श्याम सोनी ने बताया कि 2 दिसम्बर को आकाशवाणी लोक गायक दिनेश तंतवाय की भजनसंध्या, 3 दिसम्बर को श्री राधे-राधे संकीर्तन मण्डल (गोपाल मंदिर), 4 दिसम्बर को मुंबई, रायपुर, दमोह, सागर के गायकों केसाथ गुलाब गुंजन भजन संध्या एवं श्री गुलाब बाबा के साथी बुर्जुग भक्तों के अनुभव-सम्मान कार्यक्रम होगा, 5 दिसम्बर कोदोपहर से शाम तक विजय पडरिया, शरद अयाची (दमोह), जसवंत सिंह ठाकुर (जस भैया), मनोज-महेश चौबे के द्वारा दिनभर
संगीत का आयोजन होगा।  साथ ही शाम 7 बजे विशाल महाआरती एवं 732 शाम से रात 11:32 बजे तक वृंदावन के श्री विक्की
सुनेजा ग्रुप (मधुवन आर्ट ग्रुप) द्वारा विशेष भव्य नृत्य-झांकी, भजन संध्या होगी एवं रात्रि 12:32 बजे अतिशबाजी का विशेषआयोजन नृत्य के साथ वार्षिक उत्सव का समापन होगा।
शोभा यात्रा सुरक्षा व्यवस्था प्रभारी डॉ रजनीश विश्वकर्मा ने बताया कि नगर शोभायात्रा मंदिर के बाहर विशाल मेला.मंदिर परिसर के अंदर की संपूर्ण व्यवस्थायें, अतिसुंदर लाईटों, सॉस्कृतिक आयोजन के साथ ही बुंदेलखण्ड के इस मंदिर कोमध्यप्रदेश के अति विशाल एवं भव्य मंदिरों में शामिल हो ऐसा प्रयास कर रहे है। 
ये सभाल रहे है व्यवस्थाएं
शोभायात्रा समिति के सुधीर पलया ने बताया किमंदिर उपाध्याक्ष डॉ. हरीशंकर साहू एवं डालचंद पटैल (लम्बरदार), कोषाध्यक्ष के एल.नेमा सहित शिवकुमार ताम्रकार घनश्याम वैद्य.,गोलू रिछारिया(प्रमेन्द्र) ,डॉ. आर.डी. नन्होरिया, डॉ. अजय विश्वकर्मा, डॉ अनिल साहू डॉ. शिवराम आठ्या. डॉ. जीवनलाल
विश्वकर्मा, प्रवीण जग्गी, संजय जडिया, मनोज बडोन्या, श्याम चौबे, अजय बडोन्या, नीतेश शर्मा, राजू गंगवानी, मनोज संगतानी,
नरेन्द्र छाबड़ा, ओम नागपाल, संतोष करेले, संजय भाटे, कैलाश साहू, उत्तम पटैल, गोपाल कोलते. नीलेश अवस्थी (ताकरखेडा)।
संतोष दगडे (मुंबई), अमोल म्हस्के (मुंबई), प्यारेलाल आट्या, मनोज पटैल के साथ दमोह के महेन्द्र सोनी, संदीप सराफ, अमित
सोनी, मनीष विश्वकर्मा, के साथ महिला मंडल की श्रीमति योगनी वाखले, श्रीमति सविता सोनी, श्रीमति क्षिप्रा सराफ, श्रीमति अमिता
पलया, सुश्री शीबू सोनी आदि व्यवस्था संभाल रही है

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योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान का 51 वा वार्षिक योग महोत्सव 2 दिसम्बर से

योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान का 51 वा वार्षिक  योग महोत्सव 2 दिसम्बर से
सागर। योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर  का 51 वा वार्षिक  योग महोत्सव 2 दिसम्बर से 8  दिसम्बर तक मोतीनगर थाना भोपाल रोड पर आयोजित किया जाएगा।
संस्थान के  संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य नेबताया कि योग निकेतन की स्थापना 8 दिसम्बर  को हुई थी।  इस अवसर ओर सालाना महोत्सव मनाया जाता है । योग निकेतन ने अपने 50 सालों में योग विज्ञान के प्रचार प्रसार और लोगो के इलाज  में अहम भूमिका निभाई है। 
योग महोत्सव में प्रतिदिन सुबह 7.30  बजे से 9 बजे तक योगाभ्यास और चिकित्सा शिविर  चलेगा।इसमे मधुमेह,हार्ट,ब्लड प्रेसर आदि बीमारियों का उपचार किया जाएगा। इसमे प्रशिक्षित योगियों द्वारा मार्गदर्शन दिया जाएगा। 
संस्था के अध्यक्ष रामनारायण यादव,घनश्याम भिड़े,अमित गुप्ता,बद्रीप्रसाद सोनी,संजय पाठक,मनोहर सोनी,रमेश सोनी,अनुराग दुबे,रमेश ठाकुर,पुरषोत्तम सोनी,महेश साहू,रामकृष्ण कोष्टी,प्रकाश सोनी,सौरभ कोरी,विंनोद सोनी,सुशील तिवारी, संदीप सोनी,सुबोध आर्य, आरती ताम्रकार, सविता मेहता,मधुकर शर्मा,ज्योति भार्गव,जानकी गुप्ता,निर्मला गुप्ता ,स्वर्णलता कोष्ठी सहित सभी ने इसमे शामिल होने की अपील की है।
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छब्बीस ग्यारह की सालगिरह और प्रज्ञा का अठाइस ग्यारह...

छब्बीस ग्यारह की सालगिरह और प्रज्ञा का अठाइस ग्यारह...
ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
शिवसेना नेता उर्ध्व ठाकरे के सीएम पद पर शपथ लेने के बाद ही अब जाकर महाराष्ट्र में शांति हुयी है वरना पिछले कई दिनों से महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उठापटक में पूरे देश में शांति छायी ही दिख रही है चौबीस घंटे चलने वाले हिन्दी न्यूज चैनलों को देखने के बाद तो ऐसा ही लग रहा था। दरअसल महाराष्ट्र की राजनीति की उठापटक किसी भी मायने में फिल्मी कहानी से कम नहीं लग रही थी जिसमें सत्ता संघर्ष, परिवार के झगडे, सत्ता पाने की महत्वाकंाक्षा और विश्वासघात सब कुछ था। मुख्यमंत्री प्रदेश का चुना जाना है मगर इज़्ज़त राष्ट्रीय पार्टियों की दांव पर लगी थी शायद यही वजह रही कि  महाराष्ट्र  के चुनाव के बाद के बनते बिगडते समीकरण जनता की रूचि के विषय रहे और चैनल पर पूरे वक्त जगह पाते रहे। मगर इस बनते बिगडते समीकरण के दिनों में एक ऐसा दिन अनदेखा रह गया जिसकी साल भर प्रतीक्षा की जाती है। वो दिन था छब्बीस ग्यारह यानिकी छब्बीस नवंबर दो हजार आठ का वो हमला जिससे पूरी मुंबई दहल उठी थी। ग्यारह साल पहले के इस दिन को जब पाकिस्तान ये आये लश्करे तैयबा के नौ सदस्यों ने मुंबई के छह ठिकानों पर जो अप्रत्याशित हमला किया उसमें दो सौ से ज्यादा लोग मारे गये और तीन सौ से ज्यादा घायल हुये थे। ये हमला देश की वाणिज्य राजधानी और सबसे जिंदा शहर पर था इस हमले के घाव आज ग्यारह साल बाद भी जिंदा हैं। आमतौर पर इस दिन पर शोक सभाएँ होती हैं जिनका तकरीबन सारे चैनल प्रसारण करते हैं मगर इस बार ये दिन इस राजनीतिक उठापटक के बीच बिना याद किये ही गुजर गया। टीवी चैनलों पर इतना जिक्र जरूर आया कि चुनाव के बाद दो दिन के लिये बने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस छब्बीस ग्यारह के शहीदों के चित्रों पर फूल चढाने तो आये मगर नये और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार उस समारोह से गायब रहकर अपने विधायकों की गिनती में व्यस्त रहे उधर शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी के नेता भी अजित पवार को विरोधी खेमे से तोडने की रणनीति बनाने में ही लगे रहे। छब्बीस ग्यारह को आज यहाँ याद करने की एक वजह ये भी है कि इस हमले से जुडी दो किताबें मेरी शेल्फ में आज भी प्रमुखता से हैं जिनमें से एक किताब मैंने हाल ही में पढकर खत्म की है और उसका नशा आज भी दिमाग से उतरा नहीं है ये दो किताबें हैं एबीपी न्यूज के मेरे साथी पत्रकार जितेंद्र दीक्षित की छब्बीस ग्यारह वो 59 घंटे, एक रिपोर्टर का हलफनामा। और दूसरी किताब है टीवी पत्रकार प्रियदर्शन की जिंदगी लाइव, छब्बीस ग्यारह की वो रात जो कभी खत्म नहीं हुयी। जितेद्र की किताब जहां करीब से देखी सच्चाई है तो प्रियदर्शन ने इस आतंकी घटना की पृप्टभूमि में टीवी चैनल में काम करने वालों की ऐसी कहानी लिखी है जो तेज गति से भागती है और किताब हाथ से छूटने नही देती। इस कहानी में कुछ सच्चाई है तो अधिकतर कल्पना। मगर 2009 में आयी जितेद्र की किताब दरअसल एक रिपोर्टर की उन तीन दिन की आंखों देखी दास्तान है जिसमें उसने हमले की शुरूआत से लेकर हमले के अंत तक उसकी रिपोर्टिंग की जिसमें उसने अपने सामने लोगों को मरते देखा और इस दरम्यान एकाध बार वो भी मरते मरते बचा। ऐसी घटनाओं की रिपोर्टिंग करना उतना आसान नहीं होता जितनी आसानी से हम अपने घरों के डाइंग रूम में बैठकर देख लेते हैं। टीवी की रिपोर्टिग के दौरान हमें घटनास्थल पर हो रही गतिविधियों तो कैमरामने साथी की मदद से संयत और सुरक्षित होते हुये शूट कर दफतर भेजते ही रहनी होती है साथ ही घटनास्थल से ऐसे मौकों पर लंबे लंबे फोनो देना मतलब फोन पर घटना का ब्यौरा देना और थका देता है। जितेंद्र ने इस किताब की भूमिका में लिखा भी है कि किताब लिखने की एक वजह यह भी है कि अब आतंकवाद कडवी सच्चाई है आने वाले दिनों में इस जैसे या इससे भी दुर्दांत हमले और हो सकते हैं तो ऐसे हालात में इस किताब को पढने के बाद दूसरे टीवी पत्रकार ऐसे हमलों की रिपोर्टिंग ओर बेहतर ढंग से सुरक्षित रहते हुये ओर सुरक्षा एजेंसियों के साथ बेहतर तालमेल कर विश्वसनीय तरीके से रिपोर्टिंग कर पायेगे। इतनी कडवी बात इतनी सच्चाई से कोई टीवी रिपोर्टर ही लिख सकता है। जितेंद्र की ये किताब पढकर वो हमला जिंदा हो उठता है और हमले के ब्यौरे पढ कई बार हम सिहर भी उठते हैं। मुंबई के जिन परिवारों ने अपने तकरीबन ढाई सौ से ज्यादा लोग खोये है उनको याद करने का दिन होता है छब्बीस ग्यारह। उसी छब्बीस ग्यारह की रात को आतंकियों की गोली से मुंबई पुलिस के एक बेहद काबिल अफसर हेमंत करकरे भी शहीद हुये थे। इधर मैं अपने लेपटाप पर बैठकर ग्राउंड रिपोर्ट लिख रहा हूं मेरे सामने टीवी चैनल पर भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा भारती के संसद में गोडसे के देशभक्त बताने वाले कथित बयानों को लेकर हो रहे हंगामे की खबर भी चल रही है। इस साल मई में लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान प्रज्ञा भारती पहली बार निशाने पर तब ही आयीं थी जब उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं की एक बैठक में हेमंत करकरे की शहादत पर सवाल खडे कर उनके बारे में अनर्गल प्रलाप किया था। तब पता चला था कि बीजेपी की ये उम्मीदवार इस कदर वाचाल हैं कि उनको उनकी जबान पर काबू ही नही हैं। चुनाव जीतने के बाद अब वो हेमंत करकरे से और आगे बढकर बापू के हत्यारे का महिमामंडन करने मे लगी हैं वो भी उस संसद में जहंा बैठने का हक महात्मा गांधी ने ही दिलाया है। राप्टपिता और बहादुर पुलिस आफीसर की शहादत पर सवाल उठाने वाले लोग हमारी संसद में आ बैठे हैं ऐसे लोकतंत्र की कल्पना तो बापू ने भी नही की होगी। खैर मुंबई से लेकर दिल्ली  में संसद में बैठे नेता भले ही भूल जायें मगर हम जनता उन छब्बीस ग्यारह के शहीदों के साथ ही हताहत हुये बेगुनाह लोगों को ना भूलें क्योकि इतिहास अपने को दोहराता है। और अपने को भूलने वालों को कभी माफ नहीं करता। 
ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज ,भोपाल
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थाने में आग लगा दो.. वाले मामले में पूर्व काँग्रेस विधायक शकुंतला खटीक सहित सात को सजा

थाने में आग लगा दो.. वाले मामले में पूर्व काँग्रेस विधायक शकुंतला खटीक सहित सात को सजा
भोपाल।एमपीएमएलए मामलों केलिए गठित विशेष अदालत ने शिवपुरी के करैरा से काग्रेस की पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित
सात लोगों को धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस थाने में आगजनी करने को उकसाने के आरोप में 3 साल की सजा सुनाई है। पूर्व विधायक शकुंतला खटीक ने मंदसौर गोलीकांड के विरोध में पदर्शन किया था । इस दौरान उनका एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमे "थाने में आग लगा दो.." जैसा बात कही थी।
अभियोजन अनुसार घटना 8 जून 2017 को करेरा पुलिसथाना, शिवपुरी में हुई थी। कांग्रेस पार्टी द्वारा मंदसौर में हुएगोलीकांड के विरोध में प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन किया जारहा था। इसी दरम्यान करेरा पूर्व विधायक शकुंतला खटीक
ने अपने समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।विधायक खटीक पूर्व मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतलादहन कर रही थी तभी पुलिस बल ने वहां आकर अनियंत्रितभीड़ को नियंत्रण में करने के लिए वज्र वाहन से पानी की
बौछार करनी शुरू कर दी।इससे उत्तेजित होकर पूर्व विधायक ने वहां उपस्थित भीड़को उकसाते हुए कहा कि वह थाने में आग लगा दें। उनकी
बातों में आकर वहां उपस्थित उनके समर्थकों ने पुतला दहनकरते अन्य जगह भी आग लगाने का प्रयास किया। पुलिसने मौके पर आग पर काबू न पाया होता तो पुलिस थानेसहित अन्य सरकारी संपत्ती को आग से भारी नुकसान पहुंचता।
  इस मामले में पुलिस ने पूर्व विधायक शकुंतला खटीकसहित 7 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ बलवा, आगजनी,आगजनी को उकसाने, शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज हुआ था। विशेष न्याय धीश सुरेश सिंह ने आज तीन साल की सजा और 35 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।
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आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल फोटो प्रतियोगिता के विजेताओं की तसवीरों की प्रदर्शनी 5 दिसम्बर तक

आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल फोटो प्रतियोगिता के विजेताओं की तसवीरों की प्रदर्शनी 5 दिसम्बर तक
नई दिल्ली।आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल फोटो प्रतियोगिता के विजेताओं की तसवीरों की प्रदर्शनी शुक्रवार से 5 दिसम्बर तक चलेंगी ।प्रतियोगिता के इतिहास मे दूसरी बार रोसिया सेगोडन्या समाचार एजेंसी दावरा यूनेस्को के सहयोग से किया जा रहा है ।प्रदर्शनी मे रूस, भारत, दक्षिण अफ्रीका, इटली, अमेरिका, फ्रांस सहित  कई देशों के  सर्वश्रेष्ठ युवा फोटोग्राफरों द्वारा दर्जनों तस्वीरों की प्रदर्शिनी चल रही है ।29 नवंबर से एक रफी मार्ग के एआईएफएसीएस गैलरी में प्रदर्शनी की जा रही है ।
इतालवी ग्रां प्री विजेता गैब्रिएल सेकोनी द्वारा ली गई फोटोग्राफिक सीरीज़ द व्रीटेड एंड द अर्थ, मनुष्य और प्रकृति के बीच जबरन टकराव के बारे में एक दुखद कहानी बयान करती है। प्रदर्शनि मे कई ज्वलंत छवियों के माध्यम से  सामयिक विषयों को भी उठाया गया है।रोहिंग्या शरणार्थियों और बांग्लादेश के दक्षिणी क्षेत्रों पर अपने प्रवासन द्वारा धीमी गति से विनाश की कहानी कहती तस्वीरें आपको सोचने पर  मजबूर कर देंगी / फ्रांसिस रूसो (फ्रांस) द्वारा उनकी द वुमन ऑफ अरुगम बे की नायिकाएं श्रीलंका की महिलाएं हैं जिन्होंने विंडसर्फ के बारे में जानने का फैसला किया।
शंतनु डे के अनुसार दक्षिण अफ्रीका के जस्टिन सुलिवन की सबसे चौंका देने वाली तस्वीरों में से एक है जिसने माई प्लैनेट श्रेणी में पहला पुरस्कार जीता है । इसमें एक अफ्रीकी हाथी को दिखाया गया है जिसे उत्तरी बोत्सवाना में हाथी दांत के शिकार शिकारियों ने मार दिया था। प्रदर्शन में भारत के चार विजेताओं द्वारा ली गई तस्वीरें शामिल हैं। कोलकाता के पत्रकार और फ्रीलांस डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र देवरचन चटर्जी ने विरोध आंदोलन पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी तस्वीर के लिए शीर्ष समाचार श्रेणी में प्रतियोगिता जूरी का पुरस्कार जीता है । अमित मौलिक और अयानवा सिल ने खेल श्रेणी में बेहतरीन और गतिशील चित्रों का योगदान दिया है । कोलकाता में बहुरूपी अभिनेताओं से स्ट्रीट ग्लास कटर तक विलुप्त होने की श्रृंखला के कगार पर उन व्यवसायों को दिखाया है ।
   उद्घाटन से एक दिन पहले, प्रतियोगिता के क्यूरेटर ओक्साना ओलेनिक ने कहा है : "हमें खुशी है कि नई दिल्ली दूसरी बार आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो प्रतियोगिता के विजेताओं द्वारा प्रदर्शनी की मेजबानी कर रहा है। प्रतियोगिता के लिए सबमिशन की संख्या से भारत शीर्ष पांच देशों में से एक है, और मुझे उम्मीद है कि हमारी परियोजना में पेशेवरों की दिलचस्पी बढ़ेगी। "प्रदर्शनी 5 दिसंबर तक सप्ताह के दिनों में सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहेगी ।
प्रतियोगिता के बारे में
यूनेस्को के लिए रूसी संघ के तत्वावधान में रोसिया सेगोडन्या समाचार एजेंसी द्वारा आयोजित आंद्रेई स्टेनिन इंटरनेशनल प्रेस फोटो प्रतियोगिता का उद्देश्य युवा फ़ोटोग्राफ़रों का समर्थन करना और आधुनिक फोटो जर्नलिज़्म के कार्यों पर जनता का ध्यान आकर्षित करना है। यह उन युवा फ़ोटोग्राफ़रों के लिए एक स्थान है जो प्रतिभाशाली, संवेदनशील और कुछ नया करने के लिए तत्पर हैं। दो भारतीय फोटोग्राफेर्स का परोचे एवं बाइट 
"स्टेनिन प्रतियोगिता ने जिस तरह का प्रदर्शन हमारे सामने लाया वह अद्वितीय है। जब हम अपने समारोह के लिए मास्को गए, तो हमें बहुत सारे शानदार फोटोग्राफरों से मिलने और जुड़ने का मौका मिला। प्रतियोगिता ने हमें फोटोग्राफी की शैली में आने में मदद की ।जिसे हमने चुना है - वृत्तचित्र। जब हम मॉस्को में अन्य अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफरों से मिले तो हमने महसूस किया कि वे अपनी शैली और फोटोग्राफी की शैली से चिपके रहते हैं और पैसे या व्यावसायीकरण के लिए इसे बदलते नहीं हैं।" 
शांतनु डे - बांग्लादेश में छात्रवृत्ति पर फोटोग्राफी का अध्ययन किया - "पॉट्रेट" श्रेणी में - "विलुप्त होने के कगार पर नोस्टाल्जिया" शीर्षक से उनकी श्रृंखला के लिए तीसरा स्थान हासिल किया।
 -"फ़ोटोग्राफ़ी एक कलात्मक भाषा है और चित्र में उसकी अपनी धारणा को प्रतिबिंबित करने में सक्षम होने के लिए, फोटोग्राफर को कला का व्याकरण जानना चाहिए। हर कोई हमेशा ध्यान देता है कि जो भी कैमरे के सामने है, कोई भी उस व्यक्ति पर ध्यान नहीं देता जो पीछे से है। स्टीनिन जैसी प्रतियोगिताओं से हमें वैश्विक स्तर पर फोटोग्राफरों को उचित पहचान मिलने में मदद मिलती है। हमें भारत में फोटोग्राफरों के लिए अधिक प्रदर्शनियों और प्रतियोगिताओं की आवश्यकता है।"
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