शायर कैफ़ी आज़मी की जन्मशती पर याद-ए- कैफ़ी समारोह आयोजित

शायर कैफ़ी आज़मी की जन्मशती पर याद-ए- कैफ़ी समारोह आयोजित

सागर।  मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन भोपाल और सागर इकाई द्वारा शासकीय कन्या महाविद्यालय सागर में प्रगतिशील शायर और मशहूर नग्मानिगार कैफ़ी आज़मी के जन्मशती वर्ष पर प्रदेश के पहले याद- ए-कैफ़ी समारोह का आयोजन दो सत्रों में किया गया।
  इस मौके पर  प्रो.सुरेश आचार्य ने सागर की विभूतियों महाकवि पद्माकर,डॉ. हरीसिंह गौर,विट्ठलभाई पटैल, शिवकुमार श्रीवास्तव, अख्ल़ाक सागरी का स्मरण करते हुए सभी का स्वागत किया।
मुख्य अतिथि वरिष्ठ शायर इकबाल मसूद  ने अपने उद्बोधन में कैफ़ी आज़मी की शायरी, फिल्मी गानों,पत्रकारिता और कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी बातें करते हुए उनके संस्मरणों को साझा किया। उन्होंने कहा कि कैफी आज़मी की शायरी को आज के समय में याद रखना बहुत ही इंपॉर्टेंट है।आज के समय में भले लोगों को नजरअंदाज किया जा रहा है।आज आवाम फिर एक बार मुश्किल में है। ऐसे में फिर एक ऐसे इंसान की जरूरत है जो यह कह सके कि अंधेरा है, बहुत परेशानियां हैं, आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है, आज की रात तो फुटपाथ पर भी नींद ना आएगी। तुम भी हो मैं भी हूं। तुम भी हो तो कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जाएगी।
            अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए प्रख्यात आलोचक एवं संपादक डॉ. जानकी प्रसाद शर्मा ने  कैफ़ी आज़मी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर विस्तार से बोलते हुए कहा कि मशहूर तरक्की पसंद शायर कैफ़ी आज़मी का स्मरण हमारी भारतीय संस्कृति की सुदीर्घ परंपरा का स्मरण है। आज ऐसे समय में जबकि भाषा को धर्म से जोड़ने की संभावना भी हमें कहीं नजर नहीं आती है, कैफ़ी जैसे शायर को याद करने से एक बहुत बड़ी सांस्कृतिक सेवा हिंदी साहित्य सम्मेलन के मंच द्वारा संपन्न हुई है। एक साहसिक परिवर्तन की आकांक्षा और एक बेहतर मानवीय दुनिया का निर्माण यह कैफ़ी आज़मी का एक सपना था। उनकी शायरी यह ख्वाब देखने के लिए हमेशा हमें प्रेरित करती रहेगी।सामाजिक कार्यकर्ता की भी उनकी हैसियत थी। सबसे जरूरी बात कि यह समय हमारी संस्कृति के ताने-बाने को सुरक्षित बनाए रखने का है और कैफ़ी इस दिशा में अपने जीवन के माध्यम से भी और अपनी शायरी के माध्यम से भी प्रेरित करते रहे।
     कार्यक्रम में शिवपुरी के रचनाकार विनय प्रकाश जैन नीरव के नवगीत संग्रह 'यात्रा कितनी कठिन है'का विमोचन भी मंचासीन अतिथियों द्वारा किया गया।प्रथम सत्र का संचालन महामंत्री मणिमोहन ने किया।
समारोह के द्वितीय सत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन सागर की इकाई के अध्यक्ष आशीष ज्योतिषी ने स्वागत भाषण देते हुए सभी रचनाकारों का स्वागत किया।आमंत्रित कवियों व शायरों डॉ. सुश्री वर्षा सिंह,डॉ. नवीन कानगो सागर,अनुपमा रावत,शिवकुमार अर्चन भोपाल, केशव तिवारी केशु व मानव बजाज दमोह, दौलत राम प्रजापति शिवपुरी और अशोक मिजाज बद्र सागर नेअपनी शानदार रचनाओं से उपस्थित  सुधि श्रोताओं पर गहरा प्रभाव छोड़ा।
 कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के पूजन अर्चन से हुई।अतिथि स्वागत उमा कान्त मिश्र,आशीष ज्योतिषी,प्रदीप पाण्डेय,आर.के.तिवारी, डॉ. चंचला दवे,पुष्पेंद्र पुनीत दुबे,अमित आठिया ने किया।
       कवि सम्मेलन का संचालन अभिषेक वर्मा भोपाल ने किया आभार पुष्पेंद्र पुनीत दुबे सचिव जिला इकाई सागर ने माना।इस अवसर पर मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष पलाश सुरजन,शुकदेव प्रसाद तिवारी,प्रो.उदय जैन,के.के. सिलाकारी,डॉ.चंचला दवे,डॉ.कविता शुक्ला, सुनीला सराफ, डॉ.शरद सिंह,डॉ.सुजाता मिश्र,देवकी दीपा भट्ट नायक, हरगोबिंद विश्व, डॉ.गजाधर सागर,शिवरतन यादव,मुन्ना शुक्ला, राजेश शास्त्री,डॉ.आशुतोष,हरीसिंह ठाकुर,डॉ. मनीष झा,टी.आर.‌त्रिपाठी,पी.आर.मलैया, जावेद खान,राहुल सिलाकारी,असगर पयाम, एम.शरीफ,ऋषभ समैया जलज,डॉ.अमर जैन, कुंदन पाराशर,संतोष पाठक,रमाकांत मिश्र, अंबर चतुर्वेदी,रमेश दुबे,डॉ.एम. के.खरे, विश्वनाथ चौबे,माधव चंद्रा, डॉ.अनिल जैन, वृंदावन राय सरल,के.एल.तिवारी,डॉ. योगेश दत्त तिवारी,पुष्पदंत हितकर,मृगेंद्र सिंह सेंगर, अमित मिश्र,डॉ.आर.आर.पांडे,कपिल चौबे, संतोष कटारे,मुकेश निराला,राहुल पाठक, एम.डी.त्रिपाठी,डॉ.शशि कुमार सिंह, मुकेश टांक,अभिनव दत्त दुबे,संजय भाटे, रवींद्र दुबे कक्का,राघव रामकरण के अलावा दमोह, शिवपुरी, टीकमगढ़, अशोक नगर, भोपाल विदिशा की जिला इकाइयों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही।
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नवाचार के प्रयोग से शिक्षा को आनंदमय बनाए :डाॅ. अशोक कडेल


नवाचार के प्रयोग से शिक्षा को आनंदमय बनाए :डाॅ. अशोक कडेल
 सागर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के निमित्त महाकोशल प्रांत की बैठक  हुई। इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांतीय कार्यालय का उद्घाटन स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय में डाॅ. अशोक कडेल क्षेत्रीय संयोजक शिक्षा संस्कृति उत्थान के कर कमलो द्वारा  किया गया कार्यालय प्रभारी का दायित्व  नरेन्द्र दुबे को दिया गया। तदोपरांत प्रांतीय बैठक का शुभारंभ द्वीप प्रज्जवलन करके किया गया। स्वागत भाषण कुलाधिपति डाॅ. अजय तिवारी के द्वारा दिया गया। इस अवसर पर अमरमउ दमोह, टीकमगढ, पन्ना, नरसिंहपुर, शहडोल, राहतगढ, छतरपुर एवं जबलपुर से कार्यकताओं ने अपनी सहभागिता की। 
      प्रथम सत्र में अशोक कडेल ने शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के क्रमिक विकास पर अपने विचार रखे। आपने बताया कि देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलना होगा तथा शिक्षा के नए विकल्प हेतु कार्य करना होगा। माॅ, मातृभूमि एवं मातृभाषा का कोई विकल्प नही है इसलिए हमें मातृभाषा के प्रति जागृत रहना होगा।  
       द्वितीय सत्र में शिक्षण संस्थाओं द्वारा किए गए शैक्षिक प्रयोग पर विचार रखा गया। जिसमें राहतगढ के श्री रामेश्वर लोधी, डाॅ. हरीसिंह गौर विश्व विद्यालय के  विकास पाठक, स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के डाॅं सुखदेव वाजपेयी, श्री ऋिषि चैबे, छतरपुर के डाॅ. ब्रजेश तिवारी, जबलपुर के डाॅ. नीलेश ने अपने प्रयोग यथा कागज की लुगदी के गाॅधी की मूर्ति का निर्माण, पुराने वस्त्रों के थैली बनाकर प्लास्टिक निषेध का संदेश, पर्यावरण रक्षक दल, गोबर से दीपक एवं कागज के दोना पत्तल बनाने का प्रशिक्षण आदि का प्रस्तुती करण किया गया। राष्ट्रीय कार्यशाला 17-18 अगस्त से दिल्ली, राष्ट्रीय कार्यशाला कुरूक्षेत्र एवं चिंतन बैठक कोयम्बटूर का प्रस्तुतीकरण डाॅ. सुखदेव वाजपेयी,  प्रेमचंद खैमरिया एवं श्शोक कडेल द्वारा बताया गया। इसी सत्र में शिक्षा के ज्ञान रूपी आलोक और आध्यात्मिक शक्ति के श्रोत् ज्ञानोत्सव की तिथियाॅ शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत अध्यक्ष डाॅ. अजय तिवारी द्वारा सुनिश्चित कराई गई। यथा 29 नबंवर अमरमउ, 7 दिसम्बर हटा, 14 दिसम्बर शहडोल, 22 दिसम्बर टीकमगढ, 29 दिसम्बर राहगढ एवं 11-12 जनवरी सागर के लिए निर्धारित की गई।
       न्यास के आयामों को गतिशीलता प्रदान करने के लिए डाॅ. आशीष यादव को संयोजक, पर्यावरण संयोजक डाॅ. दिनेश सिंह, तकनीकी शिक्षा संयोजक  ऋिषि चैबे एवं  अनुराग ताम्रकार, प्रबंधन संयोजक डाॅ. नीरज तोपखाने, शिक्षण शिक्षा संयोजक श्री कीर्ती शुक्ला, डाॅ. राजेश दुबे,  हरेन्द्र सारस्वत को दायित्व दिया गया। इस बैठक में आठ जिलों से 51 कार्यकर्ता उपस्थित रहे, जिसमें प्रांत अध्यक्ष डाॅ. अजय तिवारी, प्रांत संयोजक डाॅ. रामकुमार रजक जबलपुर, सह-संयोजक डाॅ. राजेन्द्र कुररिया एवं डाॅ. विवेकानंद उपाध्याय के साथ सभी जिलों के संयोजक एवं सह-संयोजक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डाॅ. सुखदेव वाजपेयी एवं  नरेन्द्र दुबे के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
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जब्बार जिसने कभी ना मानी हार

जब्बार जिसने कभी ना मानी हार

ब्रजेश राजपूत/सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट 
वो इंडियन काफी हाउस की दोपहर ही थी जब दिग्विजय सिंह ने हम पत्रकार मित्रों के बीच फोन लगाकर प्रदेश के मुख्य सचिव को कहा था कि अब्दुल जब्बार के जल्दी भोपाल से बाहर देश के किसी अच्छे अस्पताल में आज ही ले जाने की व्यवस्था करो। उसके बाद उन्होंने दो बार चिरायु अस्पताल के डाक्टर अजय गोयनका से भी फोन पर बात की और हिदायत दी कि देर नहीं करो उसे जल्दी मुंबई या दिल्ली के किसी अस्पताल में एयर एंबुलेंस से भेजो और वो वहां से उठकर अस्पताल जब्बार को देखने भी गये तब भी हमें अहसास नहीं था कि जब्बार भाई के इतने चाहने वालों की कोशिशों के बाद भी उनके नहीं रहने की दुखद खबर आज रात को ही आ जायेगी। वैसे पिछले कुछ अर्से से उनकी और उनकी सेहत के बारे में अच्छी खबरें नहीं मिल रही थी। लंबे समय से वो बीमार चल रहे थे कुछ साल पहले उनकी आंख में दिखना कम हुआ फिर मधुमेह बहुत बढ गया और फिर स्कूटर से गिरे तो पैर में चोट लगी, फटे जूते पहने तो अंगुलियों में घाव हुआ और ये घाव गेंगरीन में बदल गया तो अंगुलियें कटने की नौबत आ गयी। दिल तो उनका कमजोर इतने लंबे अर्से से हजारों गैस पीडितों के दुख दर्द का बोझ उठाते उठाते हो ही गया था। यही वजह थी कि इस बार वो बिस्तर से लगे तो अपने सभी साथियो के प्रयासों के बाद भी उठ ना सके।
भई वो अपनी सेहत की परवाह कभी करता ही नहीं था, अनेक गैस पीडितों का अस्पतालों में ले जाकर इलाज कराने वाला जब्बार जब कभी अस्पताल में भर्ती हुआ तो डाक्टर उसे हफते भर रूकने को कहते मगर वो तो एक ‪दो दिन बाद‬ ही किसी को भी बिना बताये स्कूटर उठाकर निकल लेता था, जब तक लोग उसे अस्पताल देखने जाते वो अपने दफतर में तब तक पहुंचकर काम में जुट जाता था, उस तोते की जान तो अपने गैस पीडित साथियों के बीच ही बसती थी। ये वरिपट पत्रकार राजकुमार केसवानी थे जो उनके लंबे समय से साथी रहे। और भारी मन से जब्बार भाई की बातें जनाजा उठते वक्त बता रहे थे। पिछले कुछ सालों में भोपाल के पत्रकार जगत में शायद ही कोई ऐसा रिपोर्टर होगा जिसे जब्बार भाई जानते ना हों और जिसे उन्होंने कोई बढिया खबर करने में मदद ना की हो। हम टीवी पत्रकारों की हर गैसकांड की खबर बिना उनकी बाइट लिये बनती ही नहीं थी। मैं स्वयं याद करने बैठा कि जब्बार भाई भोपाल में वो शख्स होंगे जिनकी बाइट मैंने सबसे ज्यादा ली होंगी। यही हाल और दोस्तों का भी होगा मगर ये अलग बात है कि पिछले कुछ सालों में टीवी की खबरों के कंटेंट में बदलाव आया और गांव गरीब के साथ गैस पीडितों की खबरें टीवी चैनलों पर चलनी बंद हुयी तो हमारा जब्बार भाई से मिलना भी उतना ही कम हो गया। मगर इस सबके बावजूद वो उनका मीठी सी आवाज में फोन करना सुबह सबेरे में छपे मेरे लेख की तारीफ करना और गैस पीडितों की समस्याओं पर लंबी लंबी बातें करना कम नहीं हुआ। 
          कई दफा तो हम सब हैरान रह जाते थे कि इस आदमी को गैस पीडितों की समस्याओं के अलावा कुछ सूझता ही नहीं है यदि वो किसी शादी ब्याह और दूसरे आयोजनों में मिलते भी तो हाथ मिलाने के बाद खाना पीना छोडकर अपने स्नेह भरे अंदाज में शुरू हो जाते थे अरे आपको बताना भूल ही गया कि एक नया केस फाइल कर दिया है कोर्ट में जिससे ऐसा हो जायेगा वगैरह वगैरह। दरअसल वजह वही थी कि वो तो देवास में नलों की बोरिंग का काम धंधा जमाये हुये थे और जब तीन दिसंबर 1984 को भोपाल में गैस रिसी तो गैस खायी और गैस पीडितों की दुख तकलीफ उठाने वाले बन गये। एनजीओ क्या होता है वो जानते भी नहीं थे ना ही समाज सेवा के लिये उन्होंने सोशल साइंस का कोई कोर्स किया था बस जो तकलीफ में दिखा उसकी आवाज उठायी और खासकर उन महिलाओं की जिनकी आवाज उनके घरों में ही नहीं सुनी जा रही थी उन औरतों के लिये       भोपाल गैस पीडित महिला उदयोग संगठन बनाया और बदनसीब औरतों को उनके पैरों पर खडा किया और बाकी पीडितों को उनका हक दिलवाया। गैस कांड का फैसला तो हत्यारी यूनियन कार्बाइड ने अपने पक्ष में तभी करवा लिया था जब कोर्ट के बाहर मुआवजा बंटवारे का समझौता सरकार और कंपनी के बीच हो गया मगर जब्बार अडे थे कि हजारों लोगो की मौत का जिम्मेदार कौन है साबित होना चाहिये और फिर बाद में कार्बाइड से जुडे लोगों पर चला आपराधिक मुकदमा जब्बार भाई की लंबी कानूनी लडाई की जीत था। गैस पीडितों के बीच भोपाल में सक्रिय अन्य संगठन दिसंबर की दो तीन तारीख को ही सालाना जलसा मनाते थे तो जब्बार इस सबसे जुदा पूरे साल पीडितों के पक्ष में कोर्ट और सरकार से जूझते रहते थे। अर्जुन सिहं से दिग्विजय सिंह और  कमलनाथ तक प्रदेश के आठ मुख्यमंत्री बदले मगर नहीं बदले तो अब्दुल जब्बार के तेवर। हां जिन गैस पीडितों के लिये उन्होंने रात दिन एक किया वो जरूर इतने सालों में पाले बदलते रहे कभी इस संगठन तो कभी उस संगठन मगर जब्बार ने कभी उनका सबका जिक्र करने पर भी गुस्सा नहीं दिखाया। यही उनकी ताकत थी कि अपने सीमित क्षमताओं के बाद भी जो संघर्प किया उसका नतीजा झेला उनकी सेहत ने। जब्बार पहचान थे भोपाल के हजारों गैस पीडितों की आवाज की मगर वो पहचान हम भोपाली सहेज ना सके जब वो बीमार पडे तो ये अस्पताल वो अस्पताल होते रहे और नतीजा ये हुआ कि जब उनके दोस्तों और शासन की नजर गयी तब तक वो भोपाल से रूखसत होने की तैयारी में आ गये। जब्बार भाई की ये जहां छोडने की उमर नहीं थी मगर वो जहां भी होंगे अपनी मीठी आवाज और तीखे तेवरों वाले अंदाज में गैस पीडितों के लिये संघर्प  करते दिखेंगे। अलविदा जब्बार भाई हम भोपाल के वाशिंदे शर्मिदा हैं जो आपको सहेज ना सके।
ब्रजेश राजपूत,एबीपी न्यूज,भोपाल
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सागर जिले के भाजपा के 34 मंडलों के अध्यक्ष निर्वाचित हुए । जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद भदौरिया ने सूची जारी की।

सागर जिले के भाजपा के 34 मंडलों के अध्यक्ष निर्वाचित हुए । जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद भदौरिया ने सूची जारी की।
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सागर के अभियोजन कार्यो को सराहा गृहमन्त्री ने,अभियोजन अधिकारियो ने मुलाकात की

सागर के अभियोजन कार्यो को सराहा गृहमन्त्री ने,अभियोजन अधिकारियो ने मुलाकात की
सागर । प्रदेश के गृहमंत्री  बाला बच्चन के सागर आगमन पर जिला अभियोजन सागर के अधिकारियों ने उप संचालक (अभियोजन) अनिल कटारे के नेतृत्व में मंत्रीजी को पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। मंत्री श्री बच्चन ने सभी अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया। श्री कटारे ने इस अवसर पर मंत्रीजी का ध्यान न्यायालयों की तुलना में अभियोजन अधिकारियों की कम संख्या, बैठक व्यवस्था व अन्य आवश्यकताओं की ओर आकर्षित किया ।इस पर श्री बच्चन ने अभियोजन अधिकारियों के साथ अलग से बैठक कर अधिकारियों की समस्याओं को समझा व जरुरी आवश्यकताओं के बारें में शीघ्र ही आवश्यक दिशा निर्देश जारी करने का आश्वासन दिया। 
      मुलाकात के दौरान मीडियाकर्मीयों द्वारा सागर अभियोजन के कार्यों की प्रदेशभर में तारीफ संबंधी प्रश्न पूछे जाने पर श्री बच्चन ने कहा कि उन्हें भी सागर अभियोजन के अच्छे कार्यों की जानकारी है और वे इस संदर्भ में सागर अभियोजन के वरिष्ठ अधिकारियों से अलग से चर्चा करेंगे।
          इस अवसर पर डीपीओ राजीव रुसीया, अतिरिक्त डीपीओ शिव संजय, अभियोजन पी आर ओ अमित कुमार जैन, अभियोजन मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा एवं जिले भर के अन्य अभियोजन अधिकारी उपस्थित थे।
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पुलिस के पांच हजार आवास बनांने सरकार प्रतिबद्ध : गृहमन्त्री

पुलिस के पांच  हजार आवास  बनांने सरकार प्रतिबद्ध : गृहमन्त्री
सागर। सर्वहारा वर्ग का विकास करना ही सरकार का लक्ष्य है साथ ही पुलिस महकमे की समस्याओं का निराकरण करना सरकार का वचन है उक्त विचार मध्यप्रदेष पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम, भोपाल द्वारा 4 करोड़ 64 लाख की लागत से नवनिर्मित 40 आवास गृह थाना मकरोनिया परिसर का लोकार्पण समारोह में शनिवार को प्रदेष के गृह, जेल, तकनीकी षिक्षा, कौषल विकास एवं रोजगार, लोकसेवा प्रबंधन विभाग मंत्री बाला  बच्चन ने व्यक्त किए।  इस अवसर पर प्रदेष के राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत, प्रदेष के कुटीर ग्रामोद्योग, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग, मंत्री  हर्ष यादव श्रीमती सुषीला रोहित, श्रीमती रेखा चौधरी, बण्डा विधायक  तरवर सिंह लोधी, पूर्वमंत्री सुरेन्द्र चौधरी, मोनी केशरवानी,सुरेंद्र सुहाने कमिष्नर  आनंद कुमार शर्मा, आईजी  सतीष कुमार सक्सेना सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा गणमान्य नागरिक मौजूद थे।  
       श्री बच्चन ने उप नगरीय क्षेत्र मकरोनिया थाना परिसर में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मध्यप्रदेष पुलिस आवास एवं अधोसंरचना विकास निगम, भोपाल द्वारा नवनिर्मित 8 एवं 32 आवास गृहों का लोकार्पण करते हुए कहा कि आने वाले दिनों में पुलिस की जो भी समस्याएं होगी वह पूरी की जाएगी उन्हांेने महिला पुलिस कर्मियों के लिए यह आवास व्यवस्था मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि सरकार आने वाले समय में 5 हजार आवास पुलिस विभाग के लिए बनाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ की अथक मेहनत और प्रयास से आपका विष्वास प्राप्त किया है।
कार्यक्रम में  नवकरणीय ऊर्ज मंत्री  हर्ष यादव ने कहा कि जब हम सब सोते है तब हमारे पुलिस भाई और बहनें प्रहरी बनकर हमारी रक्षा करते है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने साप्ताहिक अवकाष देकर देष में नये अध्याय की शुरूआत की है।  
कार्यक्रम में प्रदेष के राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि हमारे पुलिसकर्मी रात-दिन कार्य करते है और दीपावली, होली, ईद जैसे महत्वपूर्ण त्यौहारों पर भी अपने परिवार से दूर रहकर आपकी सुरक्षा में लगे रहते है। उन्होंने कहा कि अयोध्या जैसे मामले में हमारे सागर सहित प्रदेष की पुलिस एवं सभी वर्गाें के लांेगों ने जो शांति का परिचय दिया वह इतिहास के पन्नों पर अंकित होगा। आईजी श्री सतीष कुमार सक्सेना ने स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक  पीएल प्रजापति ने किया।
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नेताओं /अफसरो के साथ फोटो खिंचवाकर अवैध शराब,जुआ रेत खनन में लगे माफियो के खिलाफ सख्ती से निपटे पुलिस:गृहमंत्री बाला बच्चन

नेताओं /अफसरो के साथ फोटो खिंचवाकर अवैध शराब,जुआ रेत खनन में लगे माफियो के खिलाफ सख्ती से निपटे पुलिस:गृहमंत्री बाला बच्चन
सागर सम्भाग की पुलिस और जेल विभाग की समीक्षा की गृहमंत्री ने
सागर ।प्रदेश के गृह व जेल मन्त्री बाला बच्चन ने आज दोनो महकमो की सागर सम्भाग की समीक्षा की ।गृह व जेल मंत्री  बाला बच्चन ने कहा है कि जेलों में सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी जरूरतों को प्रदेश सरकार द्वारा पूरा किया जाएगा। बंदियों को मूलभूत सुविधाएं देने तथा उनके लिए कौशल विकास के विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लगातार बेहतर ढंग से संचालन पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।
      जेल मंत्री श्री बच्चन पुलिस कंट्रोल रूम में सागर संभाग के जेल अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में जेल अधीक्षक, उप जेल अधीक्षक आदि अधिकारी मौजूद थे।
जेलों की सुरक्षा इंतजाम बेहतर रखे
      जेल मंत्री श्री बच्चन ने कहा कि उन्हें जेलों में कार्यरत महिला कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया है। राज्य सरकार शीघ्र ही महिला कर्मियों की दिक्कतों को दूर कर समाधानकारी उपाय लागू करेगी। जेल मंत्री ने कहा जेलों में सुरक्षा इंतजामों को बेहतर रखा जाए। इसके लिए उन्होंने बाउंड्रीवाल, सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता, सीसी टीव्ही कैमरों के संबंध में जानकारी ली ।  जेल मंत्री ने कहा कि जेल में निरूद्ध बंदियों को विभिन्न ट्रेडों में व्यवहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा संचालित करने के निर्देश दिये गये हैं ।  कौशल विकास कार्यक्रम में बंदियों को किसी व्यवसाय में या उन्हें किसी जॉब में स्थापित कराने तक प्रयास किया जाय ।
जेल मंत्री ने बंदियों को प्रदाय किये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता को बेहतर रखने के निर्देश दिये ।  उन्होंने कहा कि इसके लिये राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त वजट आबंटन में कमी नहीं होने दी जायेगी ।  सरकार भोजन व्यवस्था को बेहतर बनाने के अन्य उपायों पर विचार कर रही है ।  उन्होंने बंदियों के लिये चिकित्सालयों के संचालन, चिकित्सकों के पदों की पूर्ति, दवा की उपलब्धता तथा एम्बुलेंस की आवश्यकता की जानकारी ली ।  कहा कि आवश्यकतानुसार संभाग के लिए एम्बुलेंस प्रदान की जायेंगी ।  चिकित्सकों के रिक्त पदों की पद पूर्ति की जाएगी ।
 जुआ, सट्टा और अवैध शराब पर सख्ती से  निपटे,रेत के अवैध उत्खनन वाले माफियाओं पर पुलिस का डर और खौफ करें पैदा
        अच्छे, शांत मध्यप्रदेष के लिए जुआ, सट्टा और अवैध शराब पर सख्ती से करें कार्यवाही साथ ही रेत के अवैध उत्खनन करने वाले माफियाओं पर पुलिस का डर और खौफ इतना पैदा करें कि माफिया खदान की तरफ जाने का अपना मन भी न बना सकें उक्त निर्देष प्रदेष के गृह, जेल, तकनीकी षिक्षा, कौषल विकास एवं रोजगार, लोकसेवा प्रबंधन विभाग मंत्री  बाला बच्चन ने शनिवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक में संभाग के समस्त पुलिस अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर आईजी  सतीष कुमार सक्सेना, दोनों रेंज के डीआईजी, जेएनपी के डीआईजी, एफएसएल के डायरेक्टर सहित संभाग के समस्त जिलों के पुलिस अधीक्षक और सहायक पुलिस अधीक्षक मौजूद थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ जी की दृढ़ इच्छा है कि प्रदेष में पदोन्नति का रास्ता सर्वदलीय बैठक में निकालकर पदोन्नति की जाएं और पदोन्नति होने पर पुलिस विभाग में बल की कमी की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि आजकल कई माफिया राजनेता, अधिकारियों के साथ फोटो खिंचवा कर जुआ सट्टा, अवैध शराब बिक्री और अवैध रेत उत्खनन का कार्य कर रहे है। इन पर सख्ती से कार्यवाही करंे। पूरी सरकार आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि अपराधियों और माफियाओं पर पुलिस का डर और खौफ होना चाहिए जिससे वो गलत कार्य न कर सकें। उन्होंने हाईवे पर हो रही प्रतिदिन दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिए जागरूकता के साथ-साथ सड़क सुरक्षा समिति बैठक में समिति के सदस्यों को गंभीरता से विचार कर जागरूकता फैलाने के लिए कार्य करने होंगे। प्रदेष में गौवंष मांस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने हेतु पुलिस के लिए अलग से कानून बनाने की प्रक्रिया केबिनेट में लाई जाएगी जिससे वो राजस्व अमले के साथ अपनी कार्यवाही भी कर सकें। उन्होंने सागर एसपी  अमित सांघी की निगरानी सुधा बदमाषों की माह को प्रथम सोमवार को थानों में उपस्थिति कराने की कार्यवाही की प्रषंसा करते हुए कहा कि इस प्रकार का कार्य संभाग के सभी जिलों में किया जाए।
जेएनपीए के डीआईजी  जीजनार्दन ने अकादमी से संबंधित समस्याओं और विकास पर विस्तार से चर्चा की। एफएसएल के डायरेक्टर श्री हर्ष शर्मा ने डीएनए टेस्ट की जांच मामले की स्थिति एवं  प्रयोगषाला में हास्टल बनाने एवं भवन मरम्मत के साथ कर्मचारियों के लिए आवास हेतु प्रस्ताव रखे।

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चैन पुलिंग और चलती ट्रेनमे सेल्फी को रोकने RPF ने चलाया जागरूकता अभियान

चैन पुलिंग  और चलती ट्रेनमे सेल्फी को रोकने RPF ने चलाया जागरूकता अभियान
सागर । ट्रेन में चेन पुलिंग रोकने और चलती ट्रेन में सेल्फी से होने वाले खतरों और नुकसान को लेकर रेलवे पुलिस फ़ोर्स RPF ने अभियान चला है। इसके तहत सागर जिले के बीना रेलवे जंक्शन पर यात्रियों को जागरूक किया गया ।
       एसीपी की रोकथाम हेतु चलाए जा रहे अभियान के तहत बीना स्टेशन पर रैली निकालकर यात्रियों को एसीपी ना करने के लिए जागरूक  करते हुए बताया गया कि एसीपी होने से यात्री गाड़ियों की समय  बाध्यता प्रभावित होती है जिससे रेल  कर्मचारियों को अतिरिक्त काम करना पड़ता है जिससे रेल प्रशासन को राजस्व का नुकसान होता है तथा ट्रेन के लेट होने से ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अपने गंतव्य पर देरी से पहुंचते हैं ।जिससे उनके महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कार्य समय  नहीं हो पाते जिसका दुष्परिणाम यात्रियों को ही भोगना पड़ता है इसलिए सभी यात्रियों से अनुरोध है कि वह यात्रा के दौरान अनावश्यक चैन ना खींचे किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबर 182 का उपयोग करें यदि आप अनाधिकृत चयन खींचते पकड़े जाते हैं तो आपको ₹500 का जुर्माना या 3 माह की कैद या दोनों हो सकते हैं  अनावश्यक चैन ना खींचे ट्रेन  की समय बदलता की गंभीरता को समझें  आप सभी से विनम्र निवेदन है की अपने सगे संबंधियों मित्रों साथियों परिजनों को समझाएं कि वह यात्रा प्रारंभ करने से पहले समय पर स्टेशन पहुंचे और सुख में तरीके से यात्रा करें तथा यात्रा के दौरान अनावश्यक चैन ना खींचे ।इससे  उस ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों के  कार्य ही प्रभावित होते हैं अतः आप सभी से पुणे निवेदन है की यात्रा के दौरान अनावश्यक एसीपी ना करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर इसकी सूचना रेलवे कर्मचारी आरपीएफ जीआरपी को दें या हेल्पलाइन नंबर 182 पर कॉल कर सहायता मांगे
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