ग्रामो में लिंगानुपात 650 सुधारने के लिए अभियान चलाया जाएगा

तीनबत्ती सागर  । सागर की बेटी, सागर का अभिमान, के तहत बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यषाला का आयोजन कमिष्नर  आनंद कुमार शर्मा के मुख्य आतिथ्य एवं कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की अध्यक्षता में रविन्द्र भवन में किया गया। कार्यषाला में बताया गया कि 0 से 6 साल तक के बच्चों में सागर जिले के 116 ग्राम ऐसे है जहां 1000 बालकों पर बालिकाओं की संख्या 650 है। इसी प्रकार 366 ग्राम और शहरी क्षेत्रों के 28 वार्ड ऐसे है जहां 1000 बालकों  पर बालिकाओं की संख्या 800 से भी कम है। सागर जिले में गिरते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त की गई। और कहा गया कि इसे सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की आवष्यकता है वरना स्थिति बिगड़ जाएगी। कार्यषाला में तय हुआ कि बालिकाओं की भ्रूण हत्या करने या इसमें शामिल होने वालों को अपराधी मानते हुए सख्त कार्यवाही की जाएगी। कार्यषाला में बेटा बेटी के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने और बेटियों को प्रोत्साहित करने का संकल्प भी लिया गया।

कमिष्नर श्री शर्मा ने कार्यषाला में सागर जिले में गिरते लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी को साथ मिलकर कार्य करने की आवष्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा षिक्षण संस्थाओं, हेल्थ वर्कर, समाजसेवी संस्थाओं, चिकित्सकों को बेटी बचाओ से जोड़ा जाए। संभाग आयुक्त ने कहा कि जब वे इंदौर शहर में एडीएम के रूप में पदस्थ थे तो उन्होंने दोषियांे के विरूद्ध पीएनडीटी एक्ट के तहत कार्यवाही की थी और सोनोग्राफी सेंटर बंद कराया था।  

बेटियां बोझ नही:कलेक्टर

कार्यषाला में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक ने कहा कि बेटियां बोझ नहीं है।  बेटियों के जन्म के प्रति नकारात्मक सोच को बदलने की जरूरत है। सागर की बेटी सागर का अभिमान के तहत अधिक से अधिक लोंगों को इससे जोड़ा जाएगा और बेटियों के जन्म के प्रति सकारात्मक सोच विकसित की जाएगी। इसके लिए जिले में क्रॉफ्ट मॉडल (सीआरएएफटी) यानि कंट्रोल एण्ड रेगुलेषन, अवेयरनेस, फोकस एण्ड ट्रेकिंग, को लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा लिंग परीक्षण करने वालों और भू्रण हत्या की हत्या करने वालों को अपराधी मानते हुए उन पर सख्त कार्यवाही की जाएगी। ऐसे लोगों को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने एडिषनल एसपी अमृता सिंह एवं ज्वाइंट कलेक्टर अंजली शाह को मौके पर ही अधिकृत कर अपराधियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के निर्देष दिए।

पुलिस अधीक्षक श्री अमित सांघी ने कहा कि बालाघाट प्रदेष का ऐसा जिला है जहां लिंगानुपात सबसे अधिक है। वहां के सामाजिक जीवन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे जिले हैं जहां महिलाआंे की सक्रिय भूमिका कम है उन जिलों में लिंगानुपात भी कम है। हमे बालिाकाओं षिक्षा और समाज में बराबरी को मौका देना होगा।

वरिष्ठ समाजसेवी श्रीमती मीनाताई पिंपलापुरे ने कहा कि शक्ति का नाम ही नारी है। हमारे हर एक क्षेत्र में अधिष्ठात्री देवियां लक्ष्मी, सरस्वती और दुर्गा है। इस लिए बेटियों के प्रति भेदभाव नहीं करना चाहिए । उन्होंने सभी माताओं से कहा कि वे अपनी बेटियों में आत्मविष्वास की भावना विकसित करें। उन्हांेने युवाओं को भी इस अभियान से जोड़ने पर बल दिया।

जिला पंचायत सीईओ  सीएस शुक्ला ने कहा कि आम धारणा है कि बेटी के जन्म के लिए माता को जिम्मेदार माना जाता है जबकि इसके लिए पूरी तरह पिता ही जिम्मेदार होता है। बच्चे के लिए एक्स क्रॉमोजोम माता से वाय क्रोमोजोम पिता से ही मिलता है जिसके लिए पिता जिम्मेदार है। नगर निगम कमिष्नर श्री आरपी अहिरवार ने कार्यषाला में बेटा बेटी के बीच किसी भी प्रकार का भेदभाव न करने की शपथ दिलाई।

इंडियन मेडीकल एसोसियषन की अध्यक्ष डा. नीता गिडियन ने रूढि़वादीता के कारण बेटियों के जन्म पर खुषी नहीं मनाई जाती वहीं दूसरी ओर बेटे के जन्म पर खुषियां व्यक्त की जाती है। कई बार महिलाएं ही इसे प्रोत्साहित करती है। समाज मंे इस धारणा को बदलने की जरूरत है। उन्होंने प्रत्येक गर्भवती महिला का पंजीयन करने पर भी बल दिया।

डा. ज्योति चौहान ने कहा कि यदि कोई महिला ठान ले कि उसे अपना गर्भपात नहीं कराना है तो कोई भी ताकत ऐसा नहीं करवा सकती।

गुना से आए इंडियन रेडियोलॉजिकल और इमेजिंग एसोसिएशन के डॉक्टर सीनियर रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर एलके शर्मा द्वारा गुना में संचालित संरक्षित मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम एवं आई आर आई के  महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  इनसे शिशु मृत्यु दर, जन्म के समय कम वजन, पेरीनेटल मृत्यु को कम करने एवं जन्म के समय लिंगानुपात को सुधारने में बहुत सकारात्मक परिणाम आये है। सरंक्षण प्रोजेक्ट  पेरिनेटल मोर्टालिटी लो बर्थ वेट एवं प्री टर्म बर्थ रोकने का एक महती प्रयास है। इसके अंतर्गत जिला और


संभाग स्तर पर संरक्षण आउटरीच प्रोग्राम के तहत आज सागर में डॉक्टर एल के शर्मा द्वारा प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई ।

इनको किया गया पुरस्कृत

इस अवसर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाली एडिषनल एसपी अमृता सिंह, डिप्टी कलेक्टर अमृता गर्ग, परियोजना अधिकारी सोनम नामदेव, 40 से ज्यादा बाल विवाह रोकने वाली ज्योति तिवारी एवं 10 और 12 कक्षा टॉप करने वाली बेटियां महिमा नामदेव व प्रज्ञा दुबे को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना हितग्राहियों को प्रमाणपत्र वितरित किए गए। आभार प्रर्दषन सुश्री सोनम नामदेव एवं कार्यक्रम संचाजन साहिबा खान द्वारा किया गया।

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री भरत सिंह राजपूत द्वारा कार्यक्रम की रूप रेखा प्रस्तुत की। इस अवसर पर पीसीएनडीटी समिति अध्यक्ष डा. एमएल जैन मौजूद थे। इस अवसर पर पीसीएनडीटी समिति अध्यक्ष डा. एमएल जैन, गायनीक एवं षिषु रोग विषेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट, सोनोग्राफर, समस्त जिला अधिकारी के साथ बड़ी मात्रा में महिला एव बाल विकास का अमला, सामाजिक संस्थाएं, आर्ट ऑफ लिविंग, सुफल फाउडेषन ने भाग लिया।
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रेलवे स्टेशन से चलती ट्रेन से निकला इंजन, बीना- झांसी पैसेंजर ट्रेन का मामला


@असफाक खान
सागर । सागर के बीना में रेलवे डिपार्टमेंट के  ऑपरेटिंग एवं c&w की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।  जिसकी लापरवाही के चलते बीना-झांसी पेसेंजर ट्रेन  का चलती ट्रेन से बीना स्टेशन पर इंजन निकल गया। c&w के रिपेयर करने के बाद ट्रेन को रवाना किया गया। लेकिन 10 किलोमीटर ट्रेन के चलने के बाद आगासोद स्टेशन पर फिर से वोगी छोड़कर करीब 100 मीटर दूर  इंजन निकल गया।
हालांकि किसी भी तरह का कोई हादसा नहीं हुआ है लेकिन सीएण्डडब्ल्यू की लापरवाही से इनकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि  ऑपरेटिंग  c&w की नौजूदगी मे ही  ट्रेन की कंप्लिंग को जोड़ता है ।और c&w को एग्जामिनेशन करना पड़ता है ।जिसका परीक्षण सही से नहीं किया गया। हालांकि अधिकारी मामले की जांच की बात कर रहे हैं।

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ट्रेन पर चढ़ते समय युवक का फिसला पैर, गिरा पटरियों और प्लेटफार्म के बीच मे, कई डिब्बे गुजर गए पर सुरक्षित निकला युवक

ट्रेन पर चढ़ते समय युवक का फिसला पैर, गिरा पटरियों और प्लेटफार्म के बीच मे, कई डिब्बे गुजर गए पर सुरक्षित निकला युवक

दमोह। चलती ट्रेन में चढ़ना। अक्सर घटनाओं को बढ़ाता है । एमपी के दमोह रेलवे स्टेशन पर एक ऐसी घटना सामने आई। जिसने देखा उसके होश उड़ गए थे। इसे भगवान की कृपा ही समझे किवह  युवक बच गया।  ट्रेन से नीचे पटरियों और  प्लेटफार्म के बीच फंसे युवक का  जिंदा बच जाने का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
         दमोह स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर एक कि यह घटना है । यहां स्टेशन की ऊँचाई कम है ।ट्रेन की सीढ़ियों और प्लेटफार्म में अंतर ज्यादा है । इसकी शिकायते भी हुई है ।एक दिन पहले  रात्रि में  जबलपुर -जयपुर  दयोदय एक्सप्रेस ट्रेन में चढ़ते समय एक युवक का पैर फिसल गया। उस समय ट्रेन चल पड़ी थी।  युवक  ट्रेन की पटरी और प्लेटफॉर्म के बीच फंस गया। युवक बिल्कुल जमीन से चिपका रहा। स्टेशन के पास  खड़े लोगो की इसपर नजर पड़ी।उन्होंने ट्रेन में मौजूद लोगों से चेन पुलिंग करने को कहा ।जिसके बाद लोगों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन को रुकवाया। वही ट्रेन के रुकते ही उसे   निकाला गया। युवक पूरी तरह से  सुरक्षित बाहर निकल आया. लेकिन युवक शराब के नशे में पाया गया ।दरअसल नशे के कारण युवक ट्रेन में चढ़ने के दौरान गिर गया था. वही पटरी एवं प्लेटफार्म के बीच वह सुरक्षित पड़ा रहास्टेशन पर लोगो ने घटना का वीडियो भी बना लिया ।जमकर  वायरल  भी हो रहा है।
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सागरश्री अस्पताल में प्रेस फोटोग्राफर से अभद्रता,सुपरवाईजर पर एफआईआर दर्ज

सागरश्री अस्पताल में प्रेस फोटोग्राफर से अभद्रता,सुपरवाईजर पर एफआईआर दर्ज

सागर ।  अक्सर विवादों में रहने वाली सागरश्री अस्पताल में एक प्रेस फोटोग्राफर से अभद्रता के मामले में  मकरोनिया पुलिस बे सुपरवाइजर पर मामला दर्ज कर लिया है । प्रेस फोटोग्राफर जितेंद्र श्रीवास एक सड़क दुर्घटना की खबर के सिलसिले में अस्पताल गए थे । 
    जानकारी के अनुसार जब सड़क हादसे में घायल हुए एक युवक के परिजन उसे भोपाल रेफरकरने की बात कह रहे थे ।लेकिनडॉक्टरों ने रैफर करने से मना कर दिया।इस बात को लेकर डॉक्टर, स्टाफ औरपरिजनों के बीच विवाद की जानकारी लगने पर वहां प्रेस फोटोग्राफर जितेंद्र श्रीवासपहुंचे तो उन्हें यहां मौजूद सुपरवाइजर
सीमा रजक ने रोक लिया। और स्टाफ ने अभद्रता की । रजवांस केरहने वाले ऋषभ जैन सोमवार रातसड़क हादसे में घायल हुए थे, जिसकेबाद उन्हें इलाज के लिए सागर श्री अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां सेउन्हें रैफर कराने को लेकर परिजनों सेविवाद हुआ था। अस्पताल प्रबंधन परमरीज के परिजनों से मारपीट का आरोपहै। 
सागर श्री अस्पताल विवादों के रहने के कारण हमेशा सुर्खियों में बना रहता है।
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नानक की भक्ति विचारों की वही धारा है , उसे सागर से मिलन को कब तक रोक सकता पाकिस्तान..!


 नानक की भक्ति  विचारों की वही धारा है , उसे सागर से मिलन को कब तक रोक सकता पाकिस्तान..!

@होमेन्द्र देशमुख

"एक कहानी" से बात शुरू करता हूं - 
नानक* एक यायावर संत थे उन्होंने आधे विश्व की यात्रा की होगी । तुलना की बात करें तो बुद्ध ने भी 40 साल यात्रा की लेकिन माना जाता है कि  वो भारत मे बिहार के अलावा वर्तमान उप्र के कुछ हिस्सों तक ही प्रवास कर पाए ।
नानक तो मक्का-मदीना तक हो आए  । प्रवास में  एक रात वो किसी सूफी संत के गांव के बाहर बरगद के नीचे ठहरे ,उस संत ने नानक के स्वागत में दूध से लबालब भरा कटोरा  भिजवाया  । नानक ने उस कटोरे के दूध में पास में रखा एक फूल डाल दिया और वापस उसी सूफी संत को भिजवा दिया । नानक का यह जवाब ...?
क्या उस सूफी संत के प्रति तिरस्कार, अहंकार था या स्नेह और आदर पूर्वक जवाब..? यह मैं आपकोआगे बताऊंगा ...

सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर करतारपुर गलियारा  खोला गया ,जो भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नारोवाल जिले के करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ता है। यूं तो नानक सब के बन कर रहे । पर , क्यूंकि नानक के अंतिम समय का साक्षी यह भूमि आज पाकिस्तान में है और जब दोनों देशों के बीच तलवारे खिचीं हो तब  वहां के सदर का यह कहना कि - ''आज हम केवल सीमा नहीं खोल रहे हैं बल्कि सिख समुदाय के लिए अपने दिलों को भी खोल रहे हैं।''
इमरान साहब ! बेशक ,  दरवाजा तो आपका है । पर इसे खोलना न खोलना अब आपके हाथ से भी दूर हो चुका था । कब तक अपने दम्भ के दरवाजे में नानक को कैद रख पाते । नानक का संदेश तो विश्व को विचार के सतत प्रवाह का सन्देश देता रहा है ,बिल्कुल उसी रावी के प्रवाह की तरह जो अपने उद्गम से लेकर सागर में समा जाने की यात्रा में दोनो देश की धरती पर समान अधिकार से घुसती-निकलती बहती है । क्या रोक सके तुम उस रावी के धार को सागर से मिल जाने को..! तो फिर कब तक रोक पाते उनके भक्तों को ..? बस एक नदी के दो किनारों का फासला ही तो है ,जिसके बीच नानक की धारा बह रही है । *संघर्ष* से कमजोर हो रहे दरवाजे पर लगे आपके झूठे दम्भ की  कुंडी टूट रही है । तब यह आपका *आत्म-* *समर्पण* से ज्यादा कुछ नही है..!
 जीवन के दो पहलू हैं संघर्ष और समर्पण ।  *मैं* या *अहं* का विस्तार होता है तो संघर्ष बनता है । और जब मैं खत्म होते जाता है तब समर्पण स्वतः दिखाई देने लगता है ।  संघर्ष मतलब मुझे तेरी इच्छा स्वीकार नही ,तेरा अस्तीत्व गौण ,मैं लेकर रहूंगा जो मैं चाहूं । मैं चाहे ये करूं मैं चाहूं वो करूं ,  मेरी मर्जी ! 
जब ऐसी सोच होगी तब आप अपनी मर्जी चलाने के लिए संघर्ष करेंगे ।  नानक की धरती पर रहकर भी परिश्रम के बजाय पाकिस्तान को संघर्ष में यकीन है । परिश्रम से स्वयं के उत्थान के बजाय संघर्ष में ही लगे रहे ।
घर की छत के सतह पर निश्चल भाव से एक गिलास पानी उड़ेल कर देखना , वह जलधारा सदैव ढलान की ओर मंद गति से बढ़ जाता है । 
कहा जाता है पानी अपना रास्ता आप ही बना लेता है । 
 *नानक* की भक्ति  विचारों की वही धारा है , उसे सागर से मिलन को कब तक रोक सकता पाकिस्तान..! 

ये तो  नियति अर्थात प्रकृति की व्यवस्था है ।
 वह धारा आज सैलाब बन गया तब आप मुकाबले के बजाय उससे दूर रहने या समर्पण को पाकिस्तान कोई भी नाम  दे ,फर्क क्या पड़ेगा । 

 " ले चल जहां ले जाना हो मैं तो तेरे साथ रे..."
नानक ने गांव के सूफी मुखिया के भेजे दूध से लबालब भरे उस कटोरे में एक  *फूल* डाल दिया ।
सोचिए ,जिस कटोरे में अब एक और बूंद दूध के लिए जगह नही बचा था उसमें नानक के हाथों डाला फूल कैसे ,बिना दूध गिराए ,जस का तस समा गया !
फूल का अपना कोई भार नही होता । प्रकृति ने फूल को ये सुंदर नियामत बक्शी है ,फूल उसी समर्पण का प्रतीक है । एक फूल को डालकर नानक ने उस सूफी संत को संदेश भिजवा दिया कि मैं तुम्हारे गांव में वही फूल बनकर ठहरा हूं ,मुझे आपसे क्या लेना ,आपका आभार !
मैं तो आपके गांव में इसी फूल की तरह मेहमान ,बिना भार के हूं । आपका बिना एक बूंद लिए मैं इस जग से निकल जाऊंगा । 
वह ,दूध से भरा कटोरा हमारे उसी अहंम यानि *संघर्ष का प्रतीक है और वह फूल हमारे जीवन के उसी समर्पण का ।
पाकिस्तान ने आज अपनी सीमा पर लगे लोहे का द्वार खोला है ।
 *नानक* तो इस पार भी हैं उस पार भी ! पर  जिस दिन तेरा दम्भ का दरवाजा खुलेगा उस *नानक* का तेरी धरती की सीमा में होना सफल हो जाएगा । उस दिन पाकिस्तान का आत्म-समर्पण नही बल्कि *समर्पण* होगा ।
 नानक ने उस दिन दूध से भरे कटोरे में फूल डालकर लौटाने का कारण पूछने पर भी अपने शिष्य को नही बताया । जवाब में बस इतना कहा कि 'वह मुखिया एक सूफी संत हैं ,खुद समझ जाएंगे ! 

हरिद्वार में गंगा स्नान और मक्का में काबा के दर्शन कर आये नानक कहते हैं -

 "तिथै लोअ लोअ आकार ।
 जिव जिव हुकमु तिवै तिव कार ।"

दुनिया ही दुनिया , चेहरे ही चेहरे , उनकी अनेकानेक आकृतियां । इन अलग अलग जीवों को जब भी उस परमेश्वर से 
जिस प्रकार का आदेश मिलता है , उन्हें वैसा हीं करना पड़ता है ।
कराने वाला वह है जो कहीं ऊपर बैठा है ।
 
आज बस इतना ही..!
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भाजपा मंडल अध्यक्षो के चुनाव 15 एवं 16 नबंवर को,17 नबंवर को होगी घोषणा

भाजपा मंडल अध्यक्षो के चुनाव 15 एवं 16 नबंवर को,17 नबंवर को होगी घोषणा 
सागर ।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश आह्वान पर संगठन चुनाव की श्रृंखला में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पूरे प्रदेशो में एक साथ 15, 16 नबंवर को आयोजित होने जा रहे है। इसी श्रृंखला मंे सागर जिले के समस्त मंडलो में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण होगी। इस संबंध में आज जिला भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक धर्मश्री स्थित पार्टी कार्यालय में संपन्न हुयी। बैठक में विचार व्यक्त करते हुये पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटैल ने बताया कि मंडल स्तर पर बनाये गये निर्वाचन अधिकारी मंडलो में अपने-अपने प्रभार वाले मंडलो में पहुंचकर भाजपा के मंडल अध्यक्षों की निर्वाचन की प्रक्रिया वरिष्ठ नेताओं की सहमति से समन्वय बैठाल कर कराने का कार्य करें।  
      सह निर्वाचन अधिकारी पूर्व जिला अध्यक्ष जाहर सिंह ने बताया कि जिले के समस्त मंडलो में 15 और 16 नबंवर को मंडलो के निर्वाचन अधिकारी पहुंचकर मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण कराकर 16 तारीख को जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद भदौरिया जी को निर्वाचन की प्रक्रिया से अवगत करायेंगे। जाहर सिंह ने बताया कि 17 नबंवर को जिले के निर्वाचन अधिकारी अरविंद भदौरिया एक साथ जिले के सभी मंडलों के अध्यक्षो की घोषणा वरिष्ठ नेताओं की सहमति से समन्वय के साथ सर्वस्पर्शी मंडल अध्यक्षो की घोषणा करेंगे।  
बैठक में प्रमुख रूप से अनुराग प्यासी ,लक्ष्मण सिंह, शैलेष केशरवानी,  डाॅ. सुखदेव मिश्रा, प्रदीप राजौरिया, श्याम तिवारी, नवीन भट्ट, रामेश्वर नामदेव, रामकुमार साहू, विवेक मिश्रा, अंकित सनकत सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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मशहूर राजनेता स्व विठ्ठल भाई पटेल की स्मृति में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

मशहूर राजनेता स्व विठ्ठल भाई पटेल की स्मृति में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
सागर। श्री गुरुनानक जयंती पर्व के 550 वे प्रकाश पर्व पर   मशहूर राजनेता,गीतकार स्व विठ्ठल भाई पटेल की स्मृति में   भाग्योदय तीर्थ धर्मार्थ न्यास और इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा भगवानगंज स्थित पंचशील पेट्रोल पंप पर निशुल्क स्वास्थ्य शिविर परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।मरीजों का इसमे परीक्षण कर दवाएं निशुल्क प्रदान की गई। दिव्यांग उदय जनकल्याण समिति का विशेष सहयोग रहा। 

      परीक्षण शिविर  डॉ वृंदावन कुर्मी  और  कैलाशसाहू और स्टाफ के निर्देशन में आयोजित हुआ। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में शुगर बीपी की जांच की गई। डॉक्टरों के परामर्श उपरांत  मरीजों को निशुल्क दवाएं वितरित की गई।शिविर में भगवानगंजऔर स्टेशन क्षेत्रके लोग लाभान्वित हुए।
  इसमे संजय विठ्ठल भाई पटेल , डॉ जी एस चोबे , डॉ अरुण सराफ,योगेश महाजन एरिया मैनेजर,इंडियन ऑयल कारपोरेशन, नीरज जैन,रोशन खान,राजू बक्शी,विवेक मिश्रा,मनोज ठाकुर, डॉअरुण सराफ,शरद जैन, राजकुमार  पांडे, मॉनी कांत चोबे, गोलू पटेल टेंट, विंनोद पटेल,हितेश पटेल,असफाक मुस्ताक खान ,इरफान,दिलीप अमित दिनेश शेलेन्द्र सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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बाघ 'किशन' को ट्रैंक्यूलाइज कर पहनाया गया नया वीएचएफ रेडियो कॉलर

बाघ 'किशन' को ट्रैंक्यूलाइज कर पहनाया गया नया वीएचएफ रेडियो कॉलर

#पन्नाा टाइगर रिजर्व व जबलपुर राज्य वन अनुसंधान से आई थी टीमें
#वन मंडल के अफसरो ने पहनाया वीएचएफ

@चैतन्य सोनी (नवदुनिया से)
सागर।नौरादेही अभयारण्य में लगातार दो दिन तक वैज्ञानिकों और वन विभाग की टीमों को छकाने के बाद आखिरकार सोमवार को वनराज किशन (एन-2) मिल ही गया। पन्नाा टाइगर रिजर्व व राज्य वन अनुसंधान जबलपुर से आए विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम ने उसे ट्रैंक्यूलाइज कर सफलता पूर्वक रेडियो कॉलर पहनाया। बाघ की पिछले तीन दिन से नौरादेही के जंगलों की सर्चिंग की जा रही थी। तीसरे दिन सोमवार सुबह बाघ की लोकेशन मिली और विशेषज्ञों की टीम ने बाघ को करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बेहोश कर रेडियो कॉलर पहनाया है।
       बाघों की सुरक्षा को लेकर राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक चिंतित रहती है। सागर के नौरादेही अभयारण्य में मौजूद बाघ-बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने के लिए उनके गले में वेरी हाई फ्ररिक्वेंसी रेडियो कॉलर पहनाने का निर्णय लिया गया था। शुक्रवार को पन्नाा टाइगर रिजर्व से बाघ चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता व उनकी टीम एवं राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर से रेडियो कॉलर पहनाने में एक्सपर्ट डॉ. अंजना राजपूत व उनकी टीम के तीन सदस्य सागर आए थे। नौरादेही वन मंडल अधिकारी नवीन गर्ग, नौरादेही बरमान रेंज के एसडीओ सुशील कुमार प्रजापति सहित मैदानी अमला शनिवार व रविवार से नौरादेही रेंज में बाघ को तलाशने में जुटा हुआ था। टीम लगातार जंगल में वनराज किशन की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी रही, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आया।
करीब ढाई घंटे चला वीएचएफ कॉलर पहनाने का अभियान
सोमवार को नौरादेही में मैदानी अमले ने डीएफओ नवीन गर्ग को सूचना दी कि बाघ किशन नौरादेही रेंज में ही मौजूद है। उसे देखा गया है। तत्काल विशेषज्ञ व चिकित्सकों की टीम मौके के लिए रवाना हो गई। करीब 10 बजे बाघ नजर आ गया। फिर शुरू हुआ बाघ को बेहोश (ट्रैंक्यूलाइज) करने का अभियान। दो घंटे की मशक्कत के बाद करीब 12 बजे बाघ किशन को बेहोश कर वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता की टीम ने पास पहुंचकर उसका परीक्षण किया। उनकी अनुमति के बाद डॉ. अंजना गुप्ता की टीम ने बाघ के गले में वीएचएफ रेडियो कॉलर सफलता पूर्वक पहनाया। चिकित्सकों की टीम ने फिर एक बार किशन का स्वास्थ्य परीक्षण कर सबकुछ ठीक होने के बाद उसे बेहोशी की दवा का असर खत्म करने के लिए दवा दी। इसके बाद एक निश्चित दूरी बनाकर टीम बाघ के होश में आने का इंतजार करती रही। करीब आधे घंटे बाद बाघ किशन को होश आया और वह कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद खड़ा हुआ और धीरे-धीरे जंगल में चला गया।
साल 2018 में अप्रैल और मई में आए थे बाघ-बाघिन
नौरादेही में बाघ-बाघिन को करीब डेढ़ साल पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर बसाया गया था। पहले कान्हा टागर रिजर्व से युवा बाघिन राधा और फिर मई में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ किशन को लगाया गया था। बाघिन को एन-1 और बाघ को एन-2 नाम दिया गया था। दोनों की लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए रेडियो कॉलर पहनाए गए थे। जोरदार बारिश और अन्य कारणों से यह खराब हो गए थे और बीते कई महीनों से दोनों की लोकेशन ट्रेस करने में काफी मशक्कत करना पड़ रही थी। बाघ नौरादेही अभयारण्य के लंबे चौड़े जंगली क्षेत्र में जब-तब गायब हो जाता रहा है। वन विभाग ने उसके गले में नया रेडियो कॉलर पहनाने का निर्णय लिया था।
एन-2 बाघ को वीएचएफ कॉलर पहनाया 
राज्य वन अनुसंधान जबलपुर और पन्नाा टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम ने नौरादेही रेंज में बाघ को ट्रैंक्युलाइज कर सफलता पूर्वक वीएचएफ रेडियो कॉलर पहना दिया है। बाघ का परीक्षण भी किया गया है। वह बिलकुल स्वस्थ्य है। उस पर हमारा मैदानी अमला नजर बनाए हुए है। बाघिन और शावक भी सुरक्षति हैं। तीन दिन पहले बाघिन की लोकेशन भी ट्रेस हुई है।
- नवीन गर्ग, वन मंडल अधिकारी, नौरादेही अभयारण्य, सागर

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