नानक की भक्ति विचारों की वही धारा है , उसे सागर से मिलन को कब तक रोक सकता पाकिस्तान..!


 नानक की भक्ति  विचारों की वही धारा है , उसे सागर से मिलन को कब तक रोक सकता पाकिस्तान..!

@होमेन्द्र देशमुख

"एक कहानी" से बात शुरू करता हूं - 
नानक* एक यायावर संत थे उन्होंने आधे विश्व की यात्रा की होगी । तुलना की बात करें तो बुद्ध ने भी 40 साल यात्रा की लेकिन माना जाता है कि  वो भारत मे बिहार के अलावा वर्तमान उप्र के कुछ हिस्सों तक ही प्रवास कर पाए ।
नानक तो मक्का-मदीना तक हो आए  । प्रवास में  एक रात वो किसी सूफी संत के गांव के बाहर बरगद के नीचे ठहरे ,उस संत ने नानक के स्वागत में दूध से लबालब भरा कटोरा  भिजवाया  । नानक ने उस कटोरे के दूध में पास में रखा एक फूल डाल दिया और वापस उसी सूफी संत को भिजवा दिया । नानक का यह जवाब ...?
क्या उस सूफी संत के प्रति तिरस्कार, अहंकार था या स्नेह और आदर पूर्वक जवाब..? यह मैं आपकोआगे बताऊंगा ...

सिख धर्म के संस्थापक बाबा गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर करतारपुर गलियारा  खोला गया ,जो भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में नारोवाल जिले के करतारपुर स्थित दरबार साहिब से जोड़ता है। यूं तो नानक सब के बन कर रहे । पर , क्यूंकि नानक के अंतिम समय का साक्षी यह भूमि आज पाकिस्तान में है और जब दोनों देशों के बीच तलवारे खिचीं हो तब  वहां के सदर का यह कहना कि - ''आज हम केवल सीमा नहीं खोल रहे हैं बल्कि सिख समुदाय के लिए अपने दिलों को भी खोल रहे हैं।''
इमरान साहब ! बेशक ,  दरवाजा तो आपका है । पर इसे खोलना न खोलना अब आपके हाथ से भी दूर हो चुका था । कब तक अपने दम्भ के दरवाजे में नानक को कैद रख पाते । नानक का संदेश तो विश्व को विचार के सतत प्रवाह का सन्देश देता रहा है ,बिल्कुल उसी रावी के प्रवाह की तरह जो अपने उद्गम से लेकर सागर में समा जाने की यात्रा में दोनो देश की धरती पर समान अधिकार से घुसती-निकलती बहती है । क्या रोक सके तुम उस रावी के धार को सागर से मिल जाने को..! तो फिर कब तक रोक पाते उनके भक्तों को ..? बस एक नदी के दो किनारों का फासला ही तो है ,जिसके बीच नानक की धारा बह रही है । *संघर्ष* से कमजोर हो रहे दरवाजे पर लगे आपके झूठे दम्भ की  कुंडी टूट रही है । तब यह आपका *आत्म-* *समर्पण* से ज्यादा कुछ नही है..!
 जीवन के दो पहलू हैं संघर्ष और समर्पण ।  *मैं* या *अहं* का विस्तार होता है तो संघर्ष बनता है । और जब मैं खत्म होते जाता है तब समर्पण स्वतः दिखाई देने लगता है ।  संघर्ष मतलब मुझे तेरी इच्छा स्वीकार नही ,तेरा अस्तीत्व गौण ,मैं लेकर रहूंगा जो मैं चाहूं । मैं चाहे ये करूं मैं चाहूं वो करूं ,  मेरी मर्जी ! 
जब ऐसी सोच होगी तब आप अपनी मर्जी चलाने के लिए संघर्ष करेंगे ।  नानक की धरती पर रहकर भी परिश्रम के बजाय पाकिस्तान को संघर्ष में यकीन है । परिश्रम से स्वयं के उत्थान के बजाय संघर्ष में ही लगे रहे ।
घर की छत के सतह पर निश्चल भाव से एक गिलास पानी उड़ेल कर देखना , वह जलधारा सदैव ढलान की ओर मंद गति से बढ़ जाता है । 
कहा जाता है पानी अपना रास्ता आप ही बना लेता है । 
 *नानक* की भक्ति  विचारों की वही धारा है , उसे सागर से मिलन को कब तक रोक सकता पाकिस्तान..! 

ये तो  नियति अर्थात प्रकृति की व्यवस्था है ।
 वह धारा आज सैलाब बन गया तब आप मुकाबले के बजाय उससे दूर रहने या समर्पण को पाकिस्तान कोई भी नाम  दे ,फर्क क्या पड़ेगा । 

 " ले चल जहां ले जाना हो मैं तो तेरे साथ रे..."
नानक ने गांव के सूफी मुखिया के भेजे दूध से लबालब भरे उस कटोरे में एक  *फूल* डाल दिया ।
सोचिए ,जिस कटोरे में अब एक और बूंद दूध के लिए जगह नही बचा था उसमें नानक के हाथों डाला फूल कैसे ,बिना दूध गिराए ,जस का तस समा गया !
फूल का अपना कोई भार नही होता । प्रकृति ने फूल को ये सुंदर नियामत बक्शी है ,फूल उसी समर्पण का प्रतीक है । एक फूल को डालकर नानक ने उस सूफी संत को संदेश भिजवा दिया कि मैं तुम्हारे गांव में वही फूल बनकर ठहरा हूं ,मुझे आपसे क्या लेना ,आपका आभार !
मैं तो आपके गांव में इसी फूल की तरह मेहमान ,बिना भार के हूं । आपका बिना एक बूंद लिए मैं इस जग से निकल जाऊंगा । 
वह ,दूध से भरा कटोरा हमारे उसी अहंम यानि *संघर्ष का प्रतीक है और वह फूल हमारे जीवन के उसी समर्पण का ।
पाकिस्तान ने आज अपनी सीमा पर लगे लोहे का द्वार खोला है ।
 *नानक* तो इस पार भी हैं उस पार भी ! पर  जिस दिन तेरा दम्भ का दरवाजा खुलेगा उस *नानक* का तेरी धरती की सीमा में होना सफल हो जाएगा । उस दिन पाकिस्तान का आत्म-समर्पण नही बल्कि *समर्पण* होगा ।
 नानक ने उस दिन दूध से भरे कटोरे में फूल डालकर लौटाने का कारण पूछने पर भी अपने शिष्य को नही बताया । जवाब में बस इतना कहा कि 'वह मुखिया एक सूफी संत हैं ,खुद समझ जाएंगे ! 

हरिद्वार में गंगा स्नान और मक्का में काबा के दर्शन कर आये नानक कहते हैं -

 "तिथै लोअ लोअ आकार ।
 जिव जिव हुकमु तिवै तिव कार ।"

दुनिया ही दुनिया , चेहरे ही चेहरे , उनकी अनेकानेक आकृतियां । इन अलग अलग जीवों को जब भी उस परमेश्वर से 
जिस प्रकार का आदेश मिलता है , उन्हें वैसा हीं करना पड़ता है ।
कराने वाला वह है जो कहीं ऊपर बैठा है ।
 
आज बस इतना ही..!
Share:

भाजपा मंडल अध्यक्षो के चुनाव 15 एवं 16 नबंवर को,17 नबंवर को होगी घोषणा

भाजपा मंडल अध्यक्षो के चुनाव 15 एवं 16 नबंवर को,17 नबंवर को होगी घोषणा 
सागर ।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश आह्वान पर संगठन चुनाव की श्रृंखला में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन पूरे प्रदेशो में एक साथ 15, 16 नबंवर को आयोजित होने जा रहे है। इसी श्रृंखला मंे सागर जिले के समस्त मंडलो में मंडल अध्यक्षों के निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण होगी। इस संबंध में आज जिला भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक धर्मश्री स्थित पार्टी कार्यालय में संपन्न हुयी। बैठक में विचार व्यक्त करते हुये पार्टी के जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटैल ने बताया कि मंडल स्तर पर बनाये गये निर्वाचन अधिकारी मंडलो में अपने-अपने प्रभार वाले मंडलो में पहुंचकर भाजपा के मंडल अध्यक्षों की निर्वाचन की प्रक्रिया वरिष्ठ नेताओं की सहमति से समन्वय बैठाल कर कराने का कार्य करें।  
      सह निर्वाचन अधिकारी पूर्व जिला अध्यक्ष जाहर सिंह ने बताया कि जिले के समस्त मंडलो में 15 और 16 नबंवर को मंडलो के निर्वाचन अधिकारी पहुंचकर मंडल अध्यक्ष के निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण कराकर 16 तारीख को जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद भदौरिया जी को निर्वाचन की प्रक्रिया से अवगत करायेंगे। जाहर सिंह ने बताया कि 17 नबंवर को जिले के निर्वाचन अधिकारी अरविंद भदौरिया एक साथ जिले के सभी मंडलों के अध्यक्षो की घोषणा वरिष्ठ नेताओं की सहमति से समन्वय के साथ सर्वस्पर्शी मंडल अध्यक्षो की घोषणा करेंगे।  
बैठक में प्रमुख रूप से अनुराग प्यासी ,लक्ष्मण सिंह, शैलेष केशरवानी,  डाॅ. सुखदेव मिश्रा, प्रदीप राजौरिया, श्याम तिवारी, नवीन भट्ट, रामेश्वर नामदेव, रामकुमार साहू, विवेक मिश्रा, अंकित सनकत सहित बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Share:

मशहूर राजनेता स्व विठ्ठल भाई पटेल की स्मृति में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

मशहूर राजनेता स्व विठ्ठल भाई पटेल की स्मृति में निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
सागर। श्री गुरुनानक जयंती पर्व के 550 वे प्रकाश पर्व पर   मशहूर राजनेता,गीतकार स्व विठ्ठल भाई पटेल की स्मृति में   भाग्योदय तीर्थ धर्मार्थ न्यास और इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा भगवानगंज स्थित पंचशील पेट्रोल पंप पर निशुल्क स्वास्थ्य शिविर परीक्षण शिविर का आयोजन किया गया।मरीजों का इसमे परीक्षण कर दवाएं निशुल्क प्रदान की गई। दिव्यांग उदय जनकल्याण समिति का विशेष सहयोग रहा। 

      परीक्षण शिविर  डॉ वृंदावन कुर्मी  और  कैलाशसाहू और स्टाफ के निर्देशन में आयोजित हुआ। स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में शुगर बीपी की जांच की गई। डॉक्टरों के परामर्श उपरांत  मरीजों को निशुल्क दवाएं वितरित की गई।शिविर में भगवानगंजऔर स्टेशन क्षेत्रके लोग लाभान्वित हुए।
  इसमे संजय विठ्ठल भाई पटेल , डॉ जी एस चोबे , डॉ अरुण सराफ,योगेश महाजन एरिया मैनेजर,इंडियन ऑयल कारपोरेशन, नीरज जैन,रोशन खान,राजू बक्शी,विवेक मिश्रा,मनोज ठाकुर, डॉअरुण सराफ,शरद जैन, राजकुमार  पांडे, मॉनी कांत चोबे, गोलू पटेल टेंट, विंनोद पटेल,हितेश पटेल,असफाक मुस्ताक खान ,इरफान,दिलीप अमित दिनेश शेलेन्द्र सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Share:

बाघ 'किशन' को ट्रैंक्यूलाइज कर पहनाया गया नया वीएचएफ रेडियो कॉलर

बाघ 'किशन' को ट्रैंक्यूलाइज कर पहनाया गया नया वीएचएफ रेडियो कॉलर

#पन्नाा टाइगर रिजर्व व जबलपुर राज्य वन अनुसंधान से आई थी टीमें
#वन मंडल के अफसरो ने पहनाया वीएचएफ

@चैतन्य सोनी (नवदुनिया से)
सागर।नौरादेही अभयारण्य में लगातार दो दिन तक वैज्ञानिकों और वन विभाग की टीमों को छकाने के बाद आखिरकार सोमवार को वनराज किशन (एन-2) मिल ही गया। पन्नाा टाइगर रिजर्व व राज्य वन अनुसंधान जबलपुर से आए विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की टीम ने उसे ट्रैंक्यूलाइज कर सफलता पूर्वक रेडियो कॉलर पहनाया। बाघ की पिछले तीन दिन से नौरादेही के जंगलों की सर्चिंग की जा रही थी। तीसरे दिन सोमवार सुबह बाघ की लोकेशन मिली और विशेषज्ञों की टीम ने बाघ को करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद बेहोश कर रेडियो कॉलर पहनाया है।
       बाघों की सुरक्षा को लेकर राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक चिंतित रहती है। सागर के नौरादेही अभयारण्य में मौजूद बाघ-बाघिन की लोकेशन ट्रेस करने के लिए उनके गले में वेरी हाई फ्ररिक्वेंसी रेडियो कॉलर पहनाने का निर्णय लिया गया था। शुक्रवार को पन्नाा टाइगर रिजर्व से बाघ चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता व उनकी टीम एवं राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर से रेडियो कॉलर पहनाने में एक्सपर्ट डॉ. अंजना राजपूत व उनकी टीम के तीन सदस्य सागर आए थे। नौरादेही वन मंडल अधिकारी नवीन गर्ग, नौरादेही बरमान रेंज के एसडीओ सुशील कुमार प्रजापति सहित मैदानी अमला शनिवार व रविवार से नौरादेही रेंज में बाघ को तलाशने में जुटा हुआ था। टीम लगातार जंगल में वनराज किशन की लोकेशन ट्रेस करने में जुटी रही, लेकिन वह कहीं नजर नहीं आया।
करीब ढाई घंटे चला वीएचएफ कॉलर पहनाने का अभियान
सोमवार को नौरादेही में मैदानी अमले ने डीएफओ नवीन गर्ग को सूचना दी कि बाघ किशन नौरादेही रेंज में ही मौजूद है। उसे देखा गया है। तत्काल विशेषज्ञ व चिकित्सकों की टीम मौके के लिए रवाना हो गई। करीब 10 बजे बाघ नजर आ गया। फिर शुरू हुआ बाघ को बेहोश (ट्रैंक्यूलाइज) करने का अभियान। दो घंटे की मशक्कत के बाद करीब 12 बजे बाघ किशन को बेहोश कर वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. संजीव गुप्ता की टीम ने पास पहुंचकर उसका परीक्षण किया। उनकी अनुमति के बाद डॉ. अंजना गुप्ता की टीम ने बाघ के गले में वीएचएफ रेडियो कॉलर सफलता पूर्वक पहनाया। चिकित्सकों की टीम ने फिर एक बार किशन का स्वास्थ्य परीक्षण कर सबकुछ ठीक होने के बाद उसे बेहोशी की दवा का असर खत्म करने के लिए दवा दी। इसके बाद एक निश्चित दूरी बनाकर टीम बाघ के होश में आने का इंतजार करती रही। करीब आधे घंटे बाद बाघ किशन को होश आया और वह कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद खड़ा हुआ और धीरे-धीरे जंगल में चला गया।
साल 2018 में अप्रैल और मई में आए थे बाघ-बाघिन
नौरादेही में बाघ-बाघिन को करीब डेढ़ साल पहले बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और कान्हा टाइगर रिजर्व से लाकर बसाया गया था। पहले कान्हा टागर रिजर्व से युवा बाघिन राधा और फिर मई में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से बाघ किशन को लगाया गया था। बाघिन को एन-1 और बाघ को एन-2 नाम दिया गया था। दोनों की लाइव लोकेशन ट्रेस करने के लिए रेडियो कॉलर पहनाए गए थे। जोरदार बारिश और अन्य कारणों से यह खराब हो गए थे और बीते कई महीनों से दोनों की लोकेशन ट्रेस करने में काफी मशक्कत करना पड़ रही थी। बाघ नौरादेही अभयारण्य के लंबे चौड़े जंगली क्षेत्र में जब-तब गायब हो जाता रहा है। वन विभाग ने उसके गले में नया रेडियो कॉलर पहनाने का निर्णय लिया था।
एन-2 बाघ को वीएचएफ कॉलर पहनाया 
राज्य वन अनुसंधान जबलपुर और पन्नाा टाइगर रिजर्व से विशेषज्ञों और डॉक्टरों की टीम ने नौरादेही रेंज में बाघ को ट्रैंक्युलाइज कर सफलता पूर्वक वीएचएफ रेडियो कॉलर पहना दिया है। बाघ का परीक्षण भी किया गया है। वह बिलकुल स्वस्थ्य है। उस पर हमारा मैदानी अमला नजर बनाए हुए है। बाघिन और शावक भी सुरक्षति हैं। तीन दिन पहले बाघिन की लोकेशन भी ट्रेस हुई है।
- नवीन गर्ग, वन मंडल अधिकारी, नौरादेही अभयारण्य, सागर

Share:

पिता ने दो मासूम बच्चियों की हत्या कर,पत्नी को आत्महत्या के लिए किया था मजबूर,पति पर मामला दर्ज

पिता ने दो मासूम बच्चियों की हत्या कर,पत्नी को आत्महत्या के लिए किया था मजबूर,पति पर मामला दर्ज
सागर । सागर के मोती नगर थाना क्षेत्र में पिछले दिनों दर्दनाक घटना में महिला और उसकी दो मासूम बच्चियों की मौत के मामले में पुलिस ने आरोपी मनोज पटेल के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी ने अपनी दो मासूम बच्चियों की गला घोंटकर हत्या की थी और पत्नी को फांसी लगाकर आत्महत्या करने मजबूर किया था।आरोपी ने स्वयं भी आत्महत्या करने की कोशश की थी। 
बम्होरी रेंगुआ ग्राम में 7 नवम्बर को इस हादसे में तीन की मौत हुई थी ।और पति बच गया था।उसकी  आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इसमे पत्नी पूनम पटेल और बच्चियां जिया और सोनम की मौत हो गई थी।उसकी दो जुड़वा बेटियां दादी के पास रहने के कारण बच गई थी।
             मोतीनगर थाना प्रभारी संगीता सिंह के अनुसार आरोपी मनोज पटेल पुलिस को गुमराह कर रहा था। आरोपी के खिलाफ धारा 302,306 और309 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है । इस मामले में एक सुसाईड नोट भी मिला था। जिसकी हेडराईटिंग एक्सपर्ट से जांच कराई जा रही है ।
Share:

जीपीएफ की राशि दूसरे के खाते में हुई ट्रांसफर , पीड़ित शिक्षक ने बीआरसी कार्यालय में ही दिया धरना

जीपीएफ की राशि दूसरे के खाते में हुई ट्रांसफर , पीड़ित शिक्षक ने बीआरसी कार्यालय में ही दिया धरना
सागर । सागर जिले के बण्डा के एक शिक्षक  जीपीएफ फंड किसी दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो गया । शिक्षक पिछले  दो माह से इसे सुधरवाने भटक रहा है । इसकी शिकायत भी शिक्षा विभाग में कर चुका है । लेकिन समस्या हल नही हुई। पीडितशिक्षक जिनेन्द्र जैन बीआरसी कार्यालय के भीतर ही धरना  दिया।
     सागर जिले के बंडा तहसीली स्थित शासकीय विद्यालय के शिक्षक जैनेंद्र जैनका दो साल का फंड किस्से दूसरे के खाते में ट्रांसफर हो गया।  इससे परेशान हो कर वे  एक दिवसीय धरने पर बैठ गए और धरने के स्थान बंडा का बी आर सी कार्यालय था। उसके के अंदर ही बैठ कर अपना विरोध जताया ।शिक्षक जैनेंद्र जैन ने बताया कीमेरा फंड आदि दूसरे के खाते में चला गया। स्कूल में पदस्थ लेखपाल सुनील जैन कई दफा कहने के बाद भी इसे नही सुधारा। पैसे लेकर सुनील जैन काम करते है।इसके बारे मैं कई दफा बंडा बी आर सी ऑफिसमें शिकायत भी  की  गई लेकिन इस ओर किसी का भी घ्यान नही गया। घर की हालात बेकार होती जा रही है इसी कारण मजबूरन वश धरना देने के लिए विवश होना पड़ा।बी आर सी नरेंद्र अठ्या  के अनुसार इस मामले में लेखापाल को पत्र लिखा है । इसई सुधरवाया जा रहा है।
Share:

बछिया -बछड़े की शादी रचाई,गांववाले बने बाराती,निभाई परम्पराए

बछिया -बछड़े की शादी रचाई,गांववाले बने बाराती,निभाई परम्पराए
सीहोर । जानवरो की शादियों के कई किस्से मशहूर है । ऐसा ही वाकया बछिया और बछड़े की शादी का है।  सीहोर  जिले के जावर तहसील के गांव करमनखेड़ी में एक बछिया और बछड़े की शादी का अनोखा मामला सामने आया है। जिसमें दुल्हा गाय का बछड़ा तो दुल्हन गाय की बछड़ी थी, जबकि बाराती के रूप में ग्रामीण थे। बैंडबाजों के साथ जब विवाह की बारात निकली तो देखने वाले देखते ही रह गए।।      
        करमनखेड़ी गांव में दो महीने पहले एक गाय का बछड़ा और बछिया बाहर से आ गए थे। यह दोनों ही साथ में रहने लगे। वहीं जहां पर जाते वहां भी साथ में ही रहते थे। दोनों के बीच का प्रेम देखकर ग्रामीण आश्चर्य में पड़ गए। उनके इस प्रेम को देखने के बाद सभी नेमिलकर शादी कराने का निर्णय लिया। ग्रामीणों ने इसके लिए राशि एकत्रित की। वहीं बकायदा गणेश पूजन के बाद दोनों को दुल्हा-दुल्हन बनाया गया। 
        यह प्रकिृया पूरी होने के बाद बछिया और बछड़े का पूरा हिन्दू रीति रिवाज से विवाह कराया गया। खास बात यह है कि शादी कराने के लिए पंडितों को बुलाया था। विवाह के दिन वर पक्ष बछड़े की तरफ से अर्जुनसिंह ठाकुर बैंडबाजे के साथ बारात लेकर वधु पक्ष बछिया के तेजसिंह आचार्य के घर बारात लेकर पहुंचे। यहां बकायदा स्टेज सजाया गया था, जहां एक से बढ़कर एक नृत्य की प्रस्तुति देखने को मिली। उसके बाद वर और वधु अग्रि के समक्ष सात फेरे लेकर एक दूजे के हो गए। अनोखी शादी को जिसने भी देखा वह देखते ही रह गया।
Share:

वैज्ञानिक सोच बढ़ाने हेतु वैज्ञानिक मॉडल प्रदर्शनी का आयोजन

वैज्ञानिक सोच बढ़ाने हेतु वैज्ञानिक मॉडल प्रदर्शनी  का आयोजन
सागर । पर्ल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल  सागर में आज  विज्ञान प्रदर्शनी  का आयोजन किया गया ।विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन  आर. के. वैद्य प्राचार्य शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय, एन. के. श्रीवास्तव जिला विज्ञान प्रभारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कनेरादेव, एवं व्याख्याता विवेक नवाथे शासकीय विद्यालय सीहोरा द्वारा किया गया l
         विज्ञान प्रदर्शनी के  प्रारंभ हेतु उपस्थित अतिथियों के साथ पर्ल पब्लिक हायर सेकेंडरी स्कूल के संचालक पंडित धर्मेंद्र शर्मा , प्राचार्या श्रीमति सुलभा देऊस्कर , उप प्राचार्या मिस नाजनीन. द्वारा किया देवी सरस्वती जी की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया । अतिथियों के स्वागत विद्यालय की विज्ञान शिक्षकों द्वारा माल्यार्पण कर किया गया l
    विद्यालय की छात्राओं ने भी अतिथियों को पुष्प भेंट कर उनका अभिनंदन किया lविज्ञान प्रदर्शनी के  विभिन्न मॉडलों में जहां बच्चों ने घर के वेस्ट मटेरियल से बनाई गई कई सुन्दर कलाकृतियों का प्रदर्शन किया वहीं कई अन्य विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान माडल प्रदर्षित किए गए lविद्यार्थियों ने कई चलित मॉडल जैसे हाईड्रोलिक ब्रिज, ब्लूटूथ कार, चन्द्रयान, थीफ इंडीकेटर, स्मार्टसिटी, हाईड्रोलिक जेसीबी, पवन चक्की, सोर्स आफ इलेक्ट्रिक सिटी, प्रोजेक्टर, हाईड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट, लेजर लाइट डिटेक्टर, वाटर पंप आदि वेस्ट सामानों से बनाई गई खूबसूरत कलाकृतियों का प्रदर्षन किया। इसके अलावा पर्यावरण को लेकर बनाये गये माडलों ने भी सभी का ध्यान अपनी ओर आर्कषित किया। 
     इस मौके पर मौजूद विद्यालय के संचालक पंडित धर्मेन्द्र शर्मा और प्रधानाचार्य श्रीमति सुलभा देऊस्कर ने बच्चों की प्रतिभा देखते हुए उनका उत्साह वर्धन किया lअतिथियों ने भी वैज्ञानिक पद्धति से बनाए गए विभिन्न मॉडल की प्रशंसा की और विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया l
Share:

Archive