पटवारी की हड़ताल खत्म,ट्रांसपोर्टर्स से चर्चा कल:परिवहन और राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत

पटवारी की हड़ताल खत्म,ट्रांसपोर्टर्स से चर्चा कल:परिवहन और राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत
सागर। कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी के प्रदेश के पटवारियों को भ्रष्टाचारी कहने के विवादित बयान के बाद आक्रोशित पटवारियों की हड़ताल अंततः समाप्त हो गई।  आज सागर में राजस्व और परिवहन मंत्री गोविन्द राजपूत ने पटवारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेंद्र सिंह बघेल के साथ सयुंक्त चर्चा में मीडिया में धोषणा की। ट्रांस्पोटरो  की हड़ताल को लेकर कल उनसे  चर्चा करेंगे।
            रविवार को एक बार हड़ताल समाप्ति की घोषणा के बाद दोबारा शुरू हुई हड़ताल के पीछे राजस्व मंत्रीगोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कुछ गलतफहमी थी जिनकी वजह से दोबारा हड़ताल शुरू हुई थी। लेकिन किसानों के हित में सर्वे और मुआवजा राशि जल्द से जल्द दी जा सके इसलिए पटवारियों ने हड़ताल समाप्त कर दी है।उन्होंने पटवारियों से कहा आज से ही सर्वे के काम में जुट जाएं ।
वही मामले में पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह बघेल ने भी मीडिया के सामने हड़ताल समाप्ति की घोषणा की। प्रदेशाध्यक्ष बघेल ने मीडिया को दिये पत्र में  लिखा कि किसानों के हित मे सीएम कमलनाथ और राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत से चर्चा के बाद खत्म की है । वही मन्त्री जीतू पटवारी ने भी इस मामले में खेद प्रकट कर दिया था।

ट्रक हड़ताल। कल चर्चा करेंगे परिवहन मंत्री भोपाल में हड़तालियों से
    प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने आज सागर  में ट्रक वालो की हड़ताल के बारे में कहा कि वहीं  कल बुधवार को  भोपाल पहुंचकर ट्रांसपोर्टरों से बातचीत कर उनकी समस्याओं के समाधान कर हड़ताल समाप्त कराने का प्रयास किया जाएगा।
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" चुनाव है बदलाव का," पत्रकार ब्रजेश राजपूत की किताब

" चुनाव है बदलाव का" ,पढ़िए पत्रकार ब्रजेश राजपूत की नई किताब

एबीपी न्यूज़ के एमपी के प्रमुख श्री ब्रजेश राजपूत की तीसरी पुस्तक  चुनाव है बदलाव का
आ गयी है । मंजुल पब्लिशिंग हाउस का प्रकाशन है ।आख़िर कैसे चला मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में शह और मात का खेल?वरिष्ठ पत्रकार बृजेश राजपूत की किताब 'चुनाव है बदलाव का' में  पढ़िए पर्दे के पीछे की दिलचस्प कहानी है।

 ये किताब मंजुल की साइट पर बुक की जा सकती है।

ABOUT BOOK
चुनाव है बदलाव का
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018
मध्यप्रदेश लोकसभा चुनाव 2019
पंद्रह वर्षों से वनवास के आबाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सत्ता में वापसी आसान नहीं थी। इस दौरान न तो कांग्रेस विधानसभा में दमदारी से थी और न ही सड़कों पर असरदार तरीके से दिख रही थी। फिर ऐसा क्या हुआ कि चुनाव जीतने कि मशीन बन चुकी बीजेपी और हर वक़्त चुनावी रंग वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के होते हुए भी बीजेपी के हाथ से देखते ही देखते सत्ता फिसल गयी!
बीजेपी को वोट तो कांग्रेस से ज़्यादा मिले मगर सीटें काम क्यों हो गयीं? और जब शिवराज ने बीच चुनाव में पार्टी कि पातलो हालत देख कुछ नए फ़ैसले लेने चाहे तो उनको किसने रोका? सुबह से लेकर देर रात तक सभाएं करने वाले शिवराज सिंह के सामने नपा-तुला प्रचार करने वाले कमलनाथ कैसे आगे निकले, ज्योतिरादित्य सिंधिया कैसे अपने इलाके के बड़े नेता बनकर उभरे और दिग्विजय सिंह कि संगत में पंगत ने कांग्रेस कि जीत में क्या भूमिका निभायी, ग्वालियर चंबल में बीजेपी तो विंध्य प्रदेश में कांग्रेस क्यों साफ़ हुई, बीजेपी के तेरह मंत्री तो कांग्रेस के दिग्गज नेता क्यों हार गए - इन सारे सवालों के जवाब आपको इस किताब में मिलेंगे ।
ABOUT AUTHOR
ब्रजेश राजपूत पत्रकारिता में पिछले पच्चीस वषों से सक्रिय हैं। अखबार और टेलीविज़न में उन्होंने अच्छा खासा वक़्त बिताया है। वे इन दिनों एबीपी न्यूज़, भोपाल में वरिष्ठ विशेष सवाददाता हैं। टीवी की रोज़मर्रा की रिपोर्टिंग के साथ-साथ लिखने और चुनाव के दौरान घुम्मकड़ी का शौक है, जिसके चलते मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव 2013 पर अपनी पहली किताब चुनाव, राजनीति और रिपोर्टिंग के रोमांचक सच्चे किस्सों पर दूसरी किताब ऑफ़ द स्क्रीन लिख चुके हैं, तथा अब मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 पर ये किताब प्रस्तुत है, जिसमें मध्यप्रदेश में पंद्रह साल बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी की कहानी है।
ये मिले सम्मान
ब्रजेश राजपूत को रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज़म अवार्ड फॉर पोलिटिकल रिपोर्टिंग 2017, दैनिक भास्कर सम्मान 2016 =, मुंबई प्रेस क्लब का रेड इंक अवार्ड 2013 और दिल्ली का मीडिया एक्सीलेंस अवार्ड 2012 मिला।

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जिला अस्पताल के एसएनसीयू से बच्चा गायब! निजी अस्पताल के एसएनसीयू में मिला -इलाज के दौरान बच्चा बदला,जमकर हंगामा ,लापरवाह नर्स निलंबित

जिला अस्पताल के एसएनसीयू से बच्चा गायब! निजी अस्पताल के एसएनसीयू में मिला
-इलाज के दौरान बच्चा  बदला,जमकर हंगामा ,लापरवाह नर्स निलंबित
नर्स ने इलाज कराने रेफर शिशु की जगह दूसरे का दिया बच्चा। 

सागर । जिला अस्पताल में नवजात के बदलने की गंभीर लापरवाही की घटना सामने आई है। नर्स ने इलाज के रेफर किये गए नवजात की जगह दूसरे का बच्चा थमा दिया । जिसका इलाज होना था वह अस्पताल में ही भर्ती था । बच्चा बदले जाने की घटना से अस्पताल में जमकर हंगामा मचा।  पुलिस ने बीचबचाव कर मामला सुलझाया। इस मामले में लापरवाह नर्स को निलंबित कर दिया है।

 सागर जिला चिकित्सालय के महिला एवं शिशु चिकित्सालय डफरिन अस्पताल के एसएनसीयू में नर्स चांदनी श्रीवास की लापरवाही से एक दिन के नवजात ले बदलने का मामला सामने आया है ।जिसको लेकर परिजनों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया।सागर जिले के गढ़ाकोटा की सुलोचना पति कमलेश लड़ियां को प्रसव के लिए शुक्रवार को डफरिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसे करीब साढ़े तीन किलो का बच्चा हुआ था। जिसे एसएनसीयू में भर्ती किया गया था। रविवार को सुबह बच्चे को स्तनपान के लिए परिजनों को दिया गया था और वापिस एसएनसीयू के बार्मर में रख दिया गया। दोपहर में जब बच्चे को स्तनपान कराने के लिए परिजनों ने अस्पताल के एसएनसीयू मौजूद नर्सों से मांगा तो नर्स ने नवजात देने से मना कर दिया । 
          शाम होते होते बच्चे के परिजनों ने कई बार बच्चे को मांगा लेकिन ड्यूटी नर्स ने उन्हें बच्चा नहीं दिया और नर्स भी वहां से गायब हो गई ।इसके बाद परिजन इकट्ठा हो गए और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज स्थित पुलिस चौकी जाकर बच्चा चोरी की शिकायत की। इसके बाद गोपालगंज थाना पुलिस और सीएसपी, थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे जिसके बाद पता चला की  अस्पताल में एक अन्य प्रसूता शबनम पति फिरोज खान के बच्चे की स्थिति गंभीर थी। जिसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल रेफर किया गया । जहां पर नर्स चांदनी श्रीवास ने गलती से सुलोचना का बच्चा शबनम के लिए दे दिया ।जिसका दिनभर निजी अस्पताल में इलाज चलता रहा बड़ी गंभीर स्थिति वाला बच्चा एसएनसीयू में ही नर्स की लापरवाही के चलते सामान्य बच्चे की तरह भर्ती रहा ।इस दौरान परिजनों के हंगामे के बाद जब मामला सामने निकलकर आया तो पुलिस के अधिकारियों की मौजूदगी में डॉक्टरों ने इस मामले में बारीकी से पड़ताल करते हुए परिजनों के आरोपों को सही पाया तथा बच्चा बदले जाने की बात को स्वीकारते हुए तत्काल  लापरवाही बरतने वाली ड्यूटी नर्स चांदनी श्रीवास को निलंबित कर दिया है।
        इस मामले  में cmho डॉ एम एस सागर का कहना है कि दोनों बच्चे कमजोर थे। इसलिए उनको Sncu में रखा गया था । ये सही है जिस बच्चे को इलाज के लिए निजीअस्पताल परिजन ले जाना चाहते थे, वह बदल गया। लेकिन इलाज दोनो का जरूरी है। लापरवाह नर्स को निलंबित कर दिया है।
        शबनम के पति फिरोज   के अनुसार जिस शिशु का मैंने इलाज कराया उसमें 10 हजार का खर्चा आया वह कौन देगा। बड़ी मुश्किलों में निजी अस्पताल से बच्चा मिला। पीड़ित दोनो पक्ष अस्पताल की लापरवाही से परेशान थे। बच्चे के इलाज को लेकर। नवजात के पैर में लगे निशान, टैग और अंकित फुट प्रिंट व प्रसव के दस्तावेज से पहचाना है।
        Vमौके पर पहुचेCsp आरडी भारद्वाज के अनुसार दोनो पक्षो को समझाईश और शिशुओं की जांच के बाद पहचान होने के बाद सुलझ गया है ।
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पुलिस परिवार गरबा महोत्सव 2019 का रंगारंग समापन

पुलिस परिवार गरबा महोत्सव 2019 का रंगारंग समापन
सागर । पुलिस परिवार गरबा महोत्सव 2019 का समापन पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी एवं डा. के. कृष्णा राव , वैज्ञानिक डा. स्वाति श्रिवास्तव , मोटिवेशनल स्पिकर प्रदीप पांडे , आशीष ज्योतिषी , डा. वन्दना गुप्ता एवं दुष्यंत मिश्रा वरिष्ठ कवि वृंदावन राय सरस , असगर पयाम , ज्योति मिश्रा , नमन समैया की गरिमामय उपस्थिति के साथये कार्यक्रम एक पारिवारिक वातावरण  में संपन्न हुआ | सभी बच्चों , सहभागियों  एवं अतिथियों को स्मृति चिन्ह दिय गय | कार्यक्रम के तीनो दिनो का संचालन क्रमश: आर. के. चौहान , क्रांति जबलपुरी व अमित आठिया ने किया 
             आयोजक मंडल में प्रशिक्षिका रुषाली तिवारी , रविन्द्र खाटोल , रिचा तिवारी , राहुल पाठक , अमित राजा तिवारी , शिवा योगी , लक्ष्मी अशोक तिवारी , रहे | 3 से 5 अक्टूबर तक चले इस आयोजन में ओम मिश्रा , भूमि मिश्रा , भक्ति तिवारी , रानी व्यास , धानी व्यास , सर्वज्ञ राजपुत , रानी मिश्रा , राधिका तिवारी , गितिका विश्वकर्मा , आज्ञा विश्वकर्मा , अदिती मिश्रा , यश आठिया , हिमानी आठिया , कीर्ति वंसल , श्रद्धा मिश्रा , निकिता मिश्रा , स्नेहा आठिया , अपुर्वा उपाध्यय , साक्षी शर्मा , दीक्षा शर्मा , निकिता चौहान , नन्दनी कनेरिया , जया कटारिया , प्रीति शुक्ला , प्रिया सिंह , दीपा रजक , अर्चना विश्वकर्मा , माही यादव , पलक चौधरी , राशी त्रिपाठी , तान्या , अनुश्री , धिरिया , गौरवी , तनु , अपुर्वा , शुभश्री , मोक्ष्दा , क्रतिका , मान्या , महिमा , संस्कृती , परी , सत्यम , आदित्य , अमर दिव्यान्श , हर्षवर्धन , अथर्व , ऋषी , रुद्र , सुगंधा , अभिराज , अन्शिका अंश , सुरभी , जिया , सिद्धी रावत , महिमा , प्रियान्शी , श्वेता , अनुश्का , अनुमेहा , पूजा , विशाखा , रागिनी साक्षी , दिव्यान्श , प्रगती , रिया आदि बच्चों ने भाग लिया ।
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10वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव। 14 से 21 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश में सागर में 16 और 17 अक्टूबर को

10वां राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव। 14 से 21 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश में सागर में 16 और 17 अक्टूबर को
जबलपुर। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित"राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव' अर्थात भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत के उत्सव का 10वां चरण मध्य प्रदेश की धरती पर आयोजित हो रहा है। महोत्सव एमपी में 14 से 21 अक्टूबर तक होगा। यह14 से 15अक्टूबर कोसंस्कारधानी जबलपुर के महाकौशल शहीद स्मारक, गोल बाजार, जबलपुर, सागर में  16 से 17अक्टूबर को पीटीसी मैदान, पीली कोठी रोड, सिविल लाइन्स, सागर और 20 से 21
अक्टूबर को शासकीय ठाकुर रणमंत सिंह कॉलेज ग्राउंड, सिविल लाइन्स, रीवा में होगा।
  
         केंद्रीय राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया कि अभी तक महानगरों में ये आयोजन होते थे । अब दूसरे क्रम के शहरों में इसके आयोजन होंगे। राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में प्रख्यात कलाकार जैसे सुरेश वाडकर, विश्व मोहन भट्ट,रोन मजमदार. प्रीती पटेल मालिनी अवस्थी और अनराधा पौडवाल आदि अपनी कला
प्रस्तुत करेंगे तथा "माटी के लाल' अंतर्गत प्रतिभावान स्थानीय कलाकारों को भी अपनी
कला पेश करने का सुअवसर मिलेगा।

संस्कृति मंत्रालय के प्रमुख फेस्टीवल के रूप में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की शुरूआत2015 में की गई थी। नवंबर 2015 में राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव की शानदार सफलता के
बाद देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दिखाने के इरादे से इसे विविध आयाम जैसे
हस्तशिल्प, भोजन, चित्रकारी, मूर्तिकला, प्रदर्शन कला, लोक जनजातीय, शास्त्रीय व
समकालीन विधाओं को एक स्थान पर दिखाने का निर्णय लिया गया।
                 अभी तक संस्कतिमंत्रालय द्वारा 9 राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव आयोजित किये जा चुके हैं। जिसमें से 2 दिल्लीव 2 कर्नाटक और एक एक उत्तरप्रदेश, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तराखंड व नार्थ ईस्ट मेंआयोजित हुये हैं। आगामी 14 से 21 अक्टूबर को होने वाले 10वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सवकार्यक्रम में मध्यप्रदेश के लोग साक्षी बनेगें।राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में 21 राज्यों की कला संस्कृतियां सम्मिलित होगी। जिससेविशेषकर युवाओं में अपने देश की ऐतिहासिक संपन्न स्वदेशी संस्कृति की भव्यता से जुड़ावपैदा होगा और जनमानस को भारतीय संस्कृति की विविधता व समृद्व ऐतिहासिक विरासतके दर्शन होगें। साथ ही इस महोत्सव में कलाकारों को अपनी कला, कलाकौशल और
शिल्प को प्रदर्शित करने तथा कलाकृतियों और अन्य पारंपरिक वस्तुओं की बिक्री के माध्यम
से अपनी आजीविका अर्जित करने का भी अवसर प्रदान होगा।
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बस स्टैंड।युवाओं की मेहनत रंग लाई,बदली तस्वीर,स्वच्छ्ता के बाद सुंदरता दिखी

बस स्टैंड।युवाओं की मेहनत रंग लाई,बदली तस्वीर,स्वच्छ्ता के बाद सुंदरता दिखी

सागर । बस स्टैंड के हर कोने में गंदगी और असुविधाओं को देखते हुए, सागर के युवाओं ने पिछले रविवार को चालू किया गया स्वच्छ सागर अभियान, आज भी जारी रखा। पिछले हफ्ते बस स्टैंड के अंदर सफाई करने के बाद, आज युवाओं ने बस स्टैंड के मुख्य द्वार की सफाई कर, बुंदेली संस्कृति की कलाओं को बस स्टैंड की दीवारों पे विभिन्न चित्रों के माध्यम से एक खूबसूरत सागर की झलक दिखाने का प्रयास किया साथ ही एक सेल्फी पॉइंट भी तैयार किया है।

सभी युवाओं ने बताया कि सागर को स्वच्छ और सुंदर बनाने का हम सबका प्रयास जारी रहेगा एवं हम सभी इसी दृणनिश्चय के साथ सागर को स्वच्छ और सुंदर बनाकर मध्यप्रदेश और भारत के अग्रणी शहरों में लाकर रहेंगे। इसके अलावा इन युवाओं ने शहरवासियों से निवेदन किया है कि, सागर शहर के सभी लोग, अपने अपने इलाको में हफ्ते में एक बार रोज़ दो घण्टे शहर को दें तथा शहर को सुंदर बनाने में अपना योगदान दें।  इस अभियान में शुभम श्रीवास्तव, प्रशांत श्रीवास्तव, मनीष कश्यप, पंकज श्रीवास्तव, प्रदीप पांडे, कौस्तुभ पचौरी, प्रवीण साहू, शिवम श्रीवास्तव (मोना), सूर्यप्रकाश दुबे, प्रज्ज्वल भारद्वाज, प्रशांत साहू, अनुराग, अशोक आठ्या (पेंटर) एवं नितिन शुक्ला शामिल हुए

                          
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"बुंदेलखंड की आंचलिक पत्रकारिता में स्थानीय पत्रकारों का योगदान "पर हुआ शोध अध्ययन।


"बुंदेलखंड की आंचलिक पत्रकारिता में स्थानीय पत्रकारों का योगदान "पर हुआ शोध  अध्ययन
चित्रकूट ।  महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार माध्यमों को लेकर हुए एक शोध में बुंदेलखंड की आँचलिक पत्रकारिता के यथार्थ  का अध्ययन  हुआ है। यह  कार्य  बुंदेलखंड की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की पत्रकारिता से जुड़े नरेंद्र कुमार अरजरिया ,टीकमगढ़,मध्यप्रदेश ने शोधप्रविधि के मापदंडों और गुणवत्ता के मानकों को अपनाते हुए किया है। 
          महात्मा ग़ांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने  पत्रकारिता और जनसंचार छेत्र के लब्धप्रतिष्ठ विद्द्वानो के मूल्यांकन  ,उनके समक्ष आकर्षक प्रस्तुति और सफल मौखकी परीक्षा - परिणाम के बाद पत्रकार नरेंद्र कुमार अरजरिया को पी एच डी  परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया है। मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति लाल जी टंडन ग्रामोदय विश्वविद्यालय के आगमी  दीक्षात समारोह में डॉ नरेन्द्र कुमार अरजरिया को सार्वजनिक रूप से पी एच डी की उपाधि  प्रदान करेंगे।इस समारोह में डॉ अरजरिया की वात्सल्यमयी बुजुर्ग माँ उपस्थित रहकर उनके स्वर्गीय पिताश्री का   प्रतिनिधित्व भी करेगीं।ज्ञातव्य है कि डॉ नरेंद्र अरजरिया ने बुंदेलखंड की आँचलिक पत्रकारिता और कार्यरत पत्रकारों पर अनुसंधान कार्य अपने स्वर्गीय पिताश्री की भावना और उनके आदेश पर  प्रख्यात जनसंचार वैज्ञानिक एवं प्राध्यापक डॉ वीरेंद्र कुमार व्यास के सफल निर्देशन में  किया है। पत्रकारिता के अंतरराष्ट्रीय विद्द्वान डॉ अर्जुन तिवारी ने डॉ अरजरिया के शोध कार्य की सराहना करते हुए सुझाव दिया है कि इसका प्रकाशन  किया जाना चाहिए।डॉ अरजरिया ने बताया कि बुंदेलखंड की पत्रकारिता बड़ा कठिन और श्रमसाध्य कार्य है।आंचलिक पत्रकार शोषित और सामंती ताकतों से लगभग प्रत्येक दिन संघर्ष करता है।डॉ अरजरिया के अनुसार बुंदेलखंड की आंचलिक पत्रकारिता पर यह पहला शोध हैं।जिसमे मध्यप्रदेश के 06 जिले  और उत्तरप्रदेश के 7 जिले शामिल थे।
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पटवारियों की हड़ताल खत्म,राजस्व मंत्री से चर्चा के बाद

 पटवारियों की हड़ताल खत्म,राजस्व मंत्री  से चर्चा के बाद 

 भोपाल ।एमपी में पटवारियों की हड़ताल खत्म हो गई। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत  ने कहा कि प्रदेश में इस बार अतिवृष्टि से किसान परेशान है यह समय पटवारियों के लिए आंदोलन का नहीं किसानों के खेत में जाकर फसलों के हुए नुकसान का आकलन करने का है। जहां तक आपकी बात है उसके लिए मैं आपकी मांगों के लिए मुख्यमंत्री जी को पत्र लिख रहा हूं मंत्री जी की इस बात को 
पटवारी संघ ने बात को समझा कि प्रदेश में अतिवृष्टि हुई है ऐसे में सरकार के साथ ही इस आपदा में पटवारी भी खड़े है ।
  पटवारियों ने मन्त्री की  बात मानकर हड़ताल खत्म कर दी और आज से ही वह किसानों  के फसलों का आकलन करने निकल पड़े।
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