जिला विकास समन्वयऔर निगरानी समिति गठित, केंद्रीय राज्य मंत्रीप्रह्लाद पटेल अध्यक्ष और सांसदराजबहादुर सिंह सह अध्यक्ष

जिला विकास समन्वयऔर निगरानी समिति गठित, केंद्रीय राज्य मंत्रीप्रह्लाद पटेल अध्यक्ष और सांसदराजबहादुर सिंह सह अध्यक्ष
सागर । भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय नई दिल्ली के निर्देषानुसार जिले में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) का गठन किया गया है। ये समिति  ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं में तेजी लाने हेतु समन्वय का काम करेगी।
       समिति के अध्यक्ष दमोह सांसद /केन्द्रीय राज्यमंत्री  प्रहलाद सिंह पटैल  और सह अध्यक्ष सागर सांसद  राजबहादुर सिंह होंगे। समिति की सदस्य सचिव सागर कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक होगी। 
समिति के अन्य सदस्यों में प्रदेष के राजस्व एवं परिवहन मंत्री  गोविन्द सिंह राजपूत, नवकरणीय उर्जा विभाग मंत्री  हर्ष यादव, रहली विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष म.प्र. विधानसभा  गोपाल भार्गव, खुरई विधायक  भूपेन्द्र सिंह, सागर विधायक  शैलेन्द्र जैन, नरयावली विधायक श्री प्रदीप लारिया, बीना विधायक  महेष राय, बंडा विधायक श्री तरवर सिंह लोधी, महापौर नगर निगम  अभय दरे, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती दिव्या अषोक सिंह, अध्यक्ष नगर पालिका मकरोनिया, खुरई, बीना, रहली, देवरी, गढ़ाकोटा, अध्यक्ष जनपद पंचायत सागर, जैसीनगर, राहतगढ़, खुरई, बीना, मालथौन, रहली, देवरी, केसली, बंडा, शाहगढ़, वन मण्डल अधिकारी उत्तर, दक्षिण, नौरादेही, जिला पंचायत सीईओ, आयुक्त नगर निगम, सीईओ स्मार्ट सिटी, अग्रणी जिला प्रबंधक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, प्रवर अधीक्षक डाक विभाग, जिला परियोजना, महाप्रबंधक म.प्र. ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण पीआईयू-1 व 2, संयुक्त संचालक पंचायत एवं सामाजिक न्याय, संयुक्त संचालक योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग, कार्यपालन यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, उपसंचालक कृषि, उद्यानिकी, पषु चिकित्सा सेवाएं, मत्स्य, अधीक्षण भू-अभिलेख, अधीक्षण यंत्री म.प्र. राज्य पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, सीएमएचओ, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक, डीईओ, जिला परियोजना समन्वयक जिला षिक्षा केन्द्र, जिला कार्यक्रम अधिकारी एकीकृत बाल विकास योजना, जिला महिला एवं सषक्तिकरण अधिकारी, खाद्य नियंत्रक, प्रभारी अधिकारी ईडिस्टिक परियोजना, प्रबंधक लोक सेवा गारंटी, सागर, जिला प्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड सागर, स्टेषन मास्टर पष्चिम मध्य रेल्वे, सागर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर एलएचएआई, जिला खनिज अधिकारी, प्राचार्य औद्योगिक प्रषिक्षण संस्थान, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र सागर, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, पीआईयू, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग, सेतु संभाग, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग क्रमांक-1 व 2, कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा क्रमांक-1 व 2, महाप्रबंधक सड़क विकास प्राधिकरण, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास एवं परियोजना अधिकारी मनरेगा, एसबीएम, आईएवाय, आईडब्ल्यूएमपी जिला पंचायत सागर शामिल हैं
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कौन सी देवियों का समूह कैसे हम लोगों के शरीर की रक्षा करता है

कौन सी देवियों का समूह कैसे हम लोगों के शरीर की रक्षा करता है

(पं.शशिशेखर त्रिपाठी)
एबीपी गंगा
नई दिल्ली।  नवरात्रि का पर्व रविवार से प्रारंभ हो रहा है। ये समय शक्ति भरने का है। पंडित शशिशेखर त्रिपाठी आपको दुर्गासप्तशती ग्रंथ से कवच यानी आप लोगों की सुरक्षा से जुड़े विषय के बारे में विस्तार से इस रिपोर्ट में बता रहे हैं। दुर्गा सप्तशती में इसमें भगवती की कृपा तो है ही, साथ ही गूढ़ रहस्य भी हैं। ये ग्रंथ कर्म, भक्ति और ज्ञान की त्रिविध मन्दाकिनी है। भगवती की उपासना से भक्तों को मनोवांक्षित फल की प्राप्ति होती है और निष्काम भक्त को परम दुर्लभ मोक्ष को पाकर कृतार्थ होते हैं।


भगवती का कौन-कौन सा स्वरूप हमारे शरीर में कहां-कहां रक्षा करता है?

मार्कण्डेय ऋषि ने ब्रह्मा जी से पूछा कि पितामह मुझे ऐसा कोई साधन बताइए, जिससे संसार के मनुष्यों की रक्षा हो। तब ब्रह्माजी ने कहा कि देवी का कवच संपूर्ण प्राणियों का उपकार करने वाला है।

देवी की नौ मूर्तियां हैं, जिन्हें 'नवदुर्गा' कहते हैं। उनके अलग-अलग नाम बतलाये जाते हैं।

प्रथमं शैलपुत्री च द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रघण्टेति कूष्माण्डेति चतुर्थकम्  ...पञ्चमं स्कन्दमातेति षष्ठं कात्यायनीति च । सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाष्टमम्।⁠ नवमं सिद्धिदात्री च नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः ।

 यानि…

1. शैलपुत्री 2. ब्रह्मचारिणी 3. चंद्रघंटा 4.कूष्माण्डा 5.स्कंदमाता 6.कात्यायनी 7.कालरात्रि  8.महागौरी एवं 9.सिद्धिदात्री हैं।


अब जानते हैं कि कौन सी देवियों का समूह कैसे हम लोगों के शरीर की रक्षा करता है?

शत्रुओं पर विजय मां जगदम्बिके करती हैं। जिनको भी शत्रुओं से समस्या हो जगदम्बिके देवी से प्रार्थना करें। मां भगवती हर तरफ से हम लोगों को प्रोटेक्ट करती हैं।


पूर्व दिशा में ऐन्द्री (इन्द्रशक्ति) देवी रक्षा करती हैं


अग्निकोण में अग्निशक्ति देवी


दक्षिण दिशा में वाराही


नैर्ऋत्यकोण में खड्गधारिणी


पश्चिम दिशा में वारुणी


वायव्यकोण में मृगवाहिनी देवी


⁠उत्तर दिशा में कौमारी


ईशान-कोण में शूलधारिणी देवी


ब्रह्माणि देवी ऊपर से रक्षा करती हैं


वैष्णवी देवी नीचे की ओर से रक्षा करती हैं


शव पर चलने वाली देवी चामुण्डादेवी दसों दिशाओं में रक्षा करती हैं


जया आगे से और विजया पीछे की ओर से रक्षा करती हैं⁠


वामभाग में अजिता और दक्षिणभाग में अपराजिता देवी रक्षा करती हैं



कवच की महिमा अंगो….पर..


उद्योतिनी शिखा


उमा मस्तक


यशस्विनी देवी भौंहों का संरक्षण करें


भौंहों के मध्यभाग में त्रिनेत्रा


कानों में द्वारवासिनी रक्षा करे।


कालिका देवी गाल की


भगवती शांकरी कानों की रक्षा करें ⁠


जिह्वा में सरस्वती देवी रक्षा करें


दांतों की रक्षा कौमारी


गले की रक्षा चण्डिका⁠।


महामाया तालु की रक्षा करें


दोनों भुजाओं की वज्रधारिणी रक्षा करें


शोकविनाशिनी देवी मनकी रक्षा करे।


ललितादेवी हृदय में


शूलधारिणी पेट की रक्षा करें


विन्ध्यवासिनी घुटनों की रक्षा करें


त्वचाकी वागीश्वरीदेवी रक्षा करें


पार्वती देवी रक्त, मज्जा, वसा, मांस, हड्डी की रक्षा करे


धर्मधारिणी-देवी बुद्धि की रक्षा करें

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एमपी। 13पुलिस इंस्पेक्टरों के तबादले

एमपी।  13पुलिस इंस्पेक्टरों के तबादले
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पिता ने खाया जहर,पत्नी और चार बच्चों को भी दिया, पिताऔर बेटी की मौत


पिता ने खाया जहर,पत्नी और चार बच्चों को भी दिया, पिताऔर बेटी की मौत

सागर । सागर जिले में एक दिलदहला देने वाला मामला सामने आया है। जिसमे परिवार के मुखिया ने  सभी सदस्यों को  जहर  दे दिया और खुद कहा लिया । इसमे पिता और पुती की मौत हो गई और पत्नी और तीन मानसूम बच्चे अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे है ।घटना का कारण  पारिवारिक और सम्बन्धो को लेकर  बताया जा रहा है । पुलिस जांच में जुटी है ।

  सागर जिले के  सुरखी थाना क्षेत्र के  देहार महका ग्राम निवासी सुखराम गौड़ ने अपनी  पत्नी सुमन तीन मासूम बच्चियों सीता, रोशनी, अनुराधा एक मासूम बेटे शिवा को सल्फास की गोली देने के बाद स्वयं भी सल्फास की गोली खाली। जिसके चलते सुखराम की मौकेेे पर ही मौत हो गई  तथा उसकी एक मासूम बच्ची सीता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

      तीन मासूम बच्चोंं तथा सुखराम की पत्नीी का बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में गंभीर हालत में इलाज जारी है ।मृतक सुखराम के 4 बच्चे है। जिनमें 3 लड़कियां व 1 लड़का है। एक बच्ची गीता कक्षा 5वीं में अध्ययरत है।एक बच्ची अनुराधा कक्षा 8वीं में अध्ययरत है ।वहीं पुत्र शिवम कक्षा तीसरी का छात्र है। बच्चों और परिजनों के बताऐ अनुसार शुक्रवार की सुबह इनके पिता ने इन्हें चाय में कुछ मिलाकर पीने को दिया।
इस हादसे में परिजनों के अनुसार बीते दिनों मृतक अपनी ससुराल झाड़-फूंक हेतु गया हुआ था। जहां उसका साली से उसका विवाद हुआ ।जिस के चलते म्रतक ने इस घटना को अंजाम दिया है ।इस मामले में 50 हजार रुपये मांगे जाने की भी अफवाह है । फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच प्रारंभ कर दी है ।

इस मामले में एसपी अमित सांघी का कहना है कि इस घटना में पति सुखराम और एक बेटी की मौत हो गई। घटना की प्रथम द्रष्टया पारिवारिक विवाद है । वह अपनी साली के यहां घटना के पहले गया था । पूरे मामले की जांच की जा  रही है ।
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सड़क हादसे। ट्रैफिक नियमो की जानकारी का अभाव ,सड़क सुरक्षा में नियमो की अनदेखी,जागरूकता की कमी,प्रशासनिक तालमेल नही

सड़क हादसे। ट्रैफिक नियमो की जानकारी का अभाव ,सड़क सुरक्षा में नियमो की अनदेखी,जागरूकता की कमी,प्रशासनिक तालमेल नही
सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला में बोले UN एक्सपर्ट डॉ रोहित बलूजा

सागर । देश मे बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनती जा रही है । ऐसे में नियमो की सख्ती से लेकर सड़को की सुरक्षा तक पर सवाल उठ रहे है । इसके कारणों और बचाव को लेकर डॉ हरीसिंग गौर विवि,भारत सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेमंत्रालय, डीयाजियोफाउंडेशनऑफ इंडिया तथा आईआरटीआईकॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट
के संयुक्त तत्वावधान में सुरक्षितड्राइविंग एवं सड़क सुरक्षा विषय परएक दिवसीय कार्यशाला का आयोजनकिया गया।
  कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशन में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के एक्सपर्ट रहे और आई आर टी ई के डायरेक्टर  डॉ. रोहित बलूजा  ने पावर प्रजेंटेशन के जरिये बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं  के कारणों और उनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की ।
डॉ बलूजा ने कहा की पूरी दुनिया मे भारत मे सर्वाधिक 13 लाख मोत सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हो रही है । यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है । इसमे युवा पीढ़ी और नाबालिग बच्चों की संख्या अधिक है ।एमपी का स्थान छठवां है ।
उन्होंने कहा कि भारत मे आसानी से बिना वाहन चलाने सीखे और नियमो को जाने बगैर ड्राईविंग लायसेंस मिल/ बन जाते है । यह भयावह तस्वीर है । ट्रैफिक के नियमो के मुताबिक न तो लोग वाहन  चला रहे है और न ही वाहन का रखरखाव कर रहे है । मनमाने तरीके से ओवरटेकिंग ने सड़क दुर्घटनाएं में इजाफा किया है । बाइक पर तीन तीन सवारी बैठाकर चलाना,मोबाइल फोन से बात करना सामान्य बात है ।यही हरकते मौत को आमंत्रण दे रही है ।इनकी बड़ी वजह ट्रैफिक नियमो की जानकारी नही होना,सड़क की इंजिनयरनिग में अनदेखी है ।दूसरी तरफ ट्रांसपोर्ट ,पुलिस महकमा और अन्य सम्बंधित विभागों में तालमेल नही है । सभी सड़क हादसों की जिम्मेदारी लेने से बचते है। ये विभाग में नियमो से वाकिफ नही है और इनका उल्लंघन करने से नही चूकते है । देश मे नए नियम लागू होने के बाद सरकारी महकमे से जुड़े लोगों के ट्रैफिक नियमो के उल्लंघन के वीडियो जमकर वायरल हो रहे है । 
उन्होंने कहा कि सुरक्षित कैसे वाहन चलाये इसके प्रति लोगो मे जबरदस्त उदासीनता है । क्वालटी वाले हेलमेट नही पहनेंगे। फैशन की तरह इनका इस्तेमाल करेंगे। सीट बेल्ट की अनिर्वायता नही है । लोगो ट्रैफिक के संकेतकों को नही जानते। जबकि पूरे दुनिया मे भाषायी अंतर है ।इसलिए संकेतकों की भाषा बनाई गई है ।जिसे लोग जानते तक नही है । उन्होंने चिंता जताई कि देशभर में संकेतकों को सरकार लगवा भी नही पाई और न ही सड़को की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जो सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार भी है ।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी।
डॉ बलूजा ने कहा कि दुनिया मे भारत ऐसा देश है जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आगे नही बढाया गया। भारत मे 25 करोड़ गाड़िया है । जिसमे 74 फीसदी दुपहिया वाहन और 13 फीसदी कार है। बस का प्रतिशत 0.8 फीसदी है ।वही दुनिया मे उल्टा है । पब्लिक ट्रांसपोर्ट ज्यादा है । निजी वाहन कम।यदि पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को बढ़ाया जाएगा तो कुश हद तक घटनाओं पर अंकुश भी लगेगा।  उन्होंने कहा कि अनुशासन और नियमो का पालन ही हमे मौत से बचा सकता है । 
बीमा क्लेम के बुरे हाल
सड़क दुर्घटनाओं में बीमा क्लेम पर चर्चा करते हुए डॉ बलूजा ने कहा कि बीमा कंपनियों की कोशिश रहती है हमे कम सेकम क्लेम देना पड़े। बीमा कलेमो का प्रतिशत बहुत कम है । इसकी वजह यह है  कि हम नियमो और वाहन के मेंटेनेंस का ध्यान नही रखते है इसका फायदा कम्पनियां उठाती है। नियमो का हवाला देकर कम्पनियां बीमा के क्लेम को कम या खारिज कर देती है।
सागर में तो मौत को निमंत्रण देता ट्रैफिक...
Un एक्सपर्ट डॉ रोहित बलूजा की टीम दो दिन पहले सागर आ चुकी थी। उसने सागर के यातायात को देखा और कैमरे में कैद किया। पावर प्रजेंटेशन में जब सागर की तस्वीर दिखी हाल बुरे थे। डॉ बलूजा ने मंच से कहा कि आगर में हरतरफ़ सड़क दुर्घटना का इंतजार हो रहा है । लोग ट्रिपल सवारी,मोबाइल फोन लिए ,बिना नियमो कायदे के चल रहे है । जहां निर्माण कार्य हो रहा है वहा भी कोई नियंत्रण नही दिखा। संकेतकों का अभाव दिखा।गलत पार्किंग ,गढ्डों  से निकलते वाहन,बिना नम्बर प्लेट के वाहन सब दिखा। बसों के भी बुरे हाल दिखे।उन्होंने कहा कि इसमे पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग को अभियान चलाना चाहिए।
डियाजियो इण्डिया की सड़क सुरक्षा पहल देश में
डियाजियो इण्डिया के, चीफ स्ट्रैटेजी और कोरपोरेटअफेयर्स ऑफिसर अबंती संकरनारायणन  ने कहा  डियाजियो इण्डिया की सड़क सुरक्षा की पहल देश मेंसड़क सुरक्षा की भयावह समस्या को हल करने में योगदान दे सकती है। आईआरटीई के साथसाझेदारी में छात्रों को प्रशिक्षित करने से युवाओं को सड़क सुरक्षा पर शिक्षित किया जा सकेगा और
सड़क दुर्घटनाओं की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी। आज के युवाओं को सड़क सुरक्षा, इसकेकारणों, परिणामों पर जागरुक बनाना तथा सशक्त प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है।

कार्यशाला में डीन आर पी मिश्रा ने कहा कि विवि में ऐसे आयोजन होते रहे इस दिशा में आमंत्रित करता हूँ। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में नई पीढ़ी आगे काम कर सकती है । कार्यशाला में रजिस्ट्रार कर्नल राकेश मोहन जोशी ने विचार रखे। कार्यक्रम में आभार अपराध शास्त्र विषय के दीपक गुप्ता ने किया और संचालन शेफाली तिवारी ने किया।इसके आयोजक दीपक। गुप्ता, रणवीर     सिंह,डॉ विवेक मेहता,मनीष चोरिसिया,डॉ मनीष पुरोहित और अमितेश सोनी थे।
इस मौके पर प्रो ए पी दुबे,csp आर डी भारदावज,प्रो पी पी सिंह,डॉ पंकज तिवारी,आशीष  गौतम,  आशीष वर्मा,संदीप चंचल,योगेश सिंह ,चन्दरलता सिंहसहित पुलिस अधिकारी,छात्रछात्राये उपस्थित थे।

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सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया के रिश्वत खोर फील्ड आफीसर किरण जाधव को चार साल की सजा

सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया   के रिश्वत खोर फील्ड आफीसर  किरण जाधव को चार साल की सजा

सागर । विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम ने सागर जिले के सेंट्रल बैंक खुरई जाधव को रिश्वत के मामले में चार चार साल की सजा और 10-10 हजार रुपये के अर्थ दंड से दंडित किया है ।अभियुक्त को जेल भेजा दिया गया है।

 आज विशेष न्यायाधीश  रामविलास गुप्ता द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के आरोपी किरण जाधव को धारा 7.13(1)डी, 13(2) मे  चार-चार वर्ष के कारावास एवं
10.000-10,000रूपये के जुर्माने से दण्डित किया गया।

अभियोजन मामला इस प्रकार है किविशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम सागर ने अभियुक्त किरण जाधव को भ्रष्टाचारनिवारण अधिनियम की धारा 7 मे 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000रू. के अर्थदण्ड एवं धारा
13(1)डी, सहपठित धारा 13(2) के तहत 04 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 10,000रू. कुल 20,000रूपये
के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। मामले मे विशेष लोकअभियोजक, लोकायुक्त सागर  रामकुमार
पटेल ने शासन की ओर से पैरवी की तथा लिखित एवं मौखिक तर्क प्रस्तुत किए।
मामला यह है कि दिनांक 20 जनवरी 2016 को आवेदक प्रदीप ठाकुर ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्तसागर के समक्ष उपस्थित हो शिकायत की थी कि इसके दादा सूरत सिह ठाकुर के नाम के.सी.सी.2003 मे सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया शाखा खुरई मे बना था जो 80,000रूपये का था ।जिसे आवेदकबढवाकर ढाई लाख रूपये करवाना चाहता था। जिसके एवज में आरोपी किरण जाधव ने 5000रूपये
रिश्वत की मांग की थी। आवेदक उन्हे रिश्वत नही देना चाहता था बल्कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ
पकडवाना चाहता था।
आवेदक की उक्त शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के द्वारा शिकायत का
सत्यापन कराया गया, आरोपी की रिश्वत मांग वार्ता रिकार्ड की गई, आरोपी 3000रूपये लेने के लिएसहमत हुआ तथा 1000रूपये दौरान वार्ता आवेदक से प्राप्त किए तथा 2000रूपये एक दो मे दिन तय
हुआ। आरोपी किरण जाधव के द्वारा रिश्वत मांगना प्रमाणित होने पर अपराध पंजीबद्ध किया गयाऔर पुलिस अधीक्षक के कुशल निर्देशन मे ट्रेप कार्यवाही आयोजित की गई। दिनांक 22.01.16 को आरोपी किरण जाधव आवेदक प्रदीप ठाकुर से 2000रू. की रिश्वत राशि लेते हुए सेन्ट्रल बैंक शाखा
खुरई के ऊपर अपने आवास मे रंगे हाथ पकडा गया।
लोकायुक्त पुलिस सागर द्वारा विवेचना उपरांत उक्त मामले का अभियोग पत्र विशेष न्यायालय
भ्रष्टाचार निवारण सागर के समक्ष प्रस्तुत किया गया। विचारण में आरोपी किरण जाधव को प्रार्थी से।
रिश्वत की मांग करने एवं 2000रू. की रिश्वत लेने का दोषी पाते हुए आज विशेष न्यायालय सागर के द्वारा दण्डित किया गया।
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एमपी में 17 डिप्टी /अपर कलेक्टर के तबादले

एमपी में 17 डिप्टी /अपर कलेक्टर के तबादले
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एमपी के विभिन्न जिलों में पदस्थ 12 इंस्पेक्टर के लोकायुक्त पुलिस भोपाल में हुए ट्रांसफर।

एमपी के विभिन्न जिलों में पदस्थ 12 इंस्पेक्टर के लोकायुक्त पुलिस भोपाल में  हुए ट्रांसफर
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