‘पल पल दिल के पास’ रहे ‘द ज़ोया फैक्टर’ का ‘प्रस्थानम’


'पल पल दिल के पास' रहे 'द ज़ोया फैक्टर' का 'प्रस्थानम' 

सिने विमर्श: विनोद नागर
बॉलीवुड के व्हाइट बोर्ड पर डस्टर से सप्ताह के दौरान प्रदर्शित फिल्मों के नाम साफ़ करते ही प्रायः उन फिल्मों का आकर्षण फीका पड़ जाता है. हर शुक्रवार नई फिल्मों के नए समीकरण चटख रंगों से लिखे जाते हैं. यह अनवरत प्रक्रिया दुनिया में सर्वाधिक फ़िल्में बनाने वाले भारतीय फिल्मोद्योग और उससे जुड़े विशाल दर्शक वर्ग में सिनेमा के प्रति नवोन्मेष जगाये रखती है. बॉक्स ऑफिस भी रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और विमानतल पर आती जाती गाड़ियों/ उड़ानों को निहारने की अनुभूति के लघुत्तम स्वरुप का पर्याय ही है. इस शुक्रवार 'छिछोरे' और 'ड्रीमगर्ल' की मौजूदगी में अलग अलग जॉनर की एक साथ तीन नई फ़िल्में- 'पल पल दिल के पास' 'द ज़ोया फैक्टर' और 'प्रस्थानम' रिलीज़ हुईं मगर पहले दिन एक करोड़ रुपये से अधिक कोई न कम सकी. 
'मेरा नाम जोकर' की घनघोर असफलता और 'बॉबी' की रिकॉर्ड तोड़ कामयाबी के बीच राज कपूर ने 1971 में 'कल आज और कल' बनाई थी. समसामयिक कहानी में कपूर खानदान की तीन पीढ़ियों को एक साथ देखना दर्शकों के लिये उस फिल्म का मुख्य आकर्षण बना था. तब 24 वर्षीय रणधीर कपूर को न केवल अपने पिता राज कपूर (46) और दादाजी पृथ्वीराज कपूर (65) के साथ अभिनय करने का, बल्कि इस फिल्म को निर्देशित करने का बिरला अवसर मिला था. करीब आधी सदी बाद फिर एक मौक़ा 83 वर्षीय सितारे धर्मेन्द्र (पूरा नाम धर्मेन्द्र सिंह देओल) के परिवार में आया. भले ही उनके उनके पोते करण देओल की पहली फिल्म 'पल पल दिल के पास' में परिवार की तीन पीढियां परदे पर नज़र न आयें मगर फिल्म की रिलीज़ के मौके पर मीडिया के जरिये सदाबहार धर्मेन्द्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर और सनी देओल की पत्नी पूजा देओल का  दीदार लोगों के आकर्षण का केंद्र जरुर बना.  
बहरहाल, देओल परिवार ने 'बेताब' के छत्तीस साल बाद तीसरी पीढ़ी के पदार्पण के लिये भी न केवल रोमांटिक फिल्म का जॉनर ही चुना बल्कि छियालीस बरस पुरानी 'ब्लैकमेल' के रोमांटिक गीत के मुखड़े को फिल्म का टाइटल भी बनाया. काश, अगली पीढ़ी को इतनी अनुभव समृद्ध विरासत सौंपते हुए प्रस्तुतकर्ता के रूप में दादा धर्मेन्द्र और निर्देशक के बतौर पिता सनी देओल हिन्दी फिल्मों के कंटेंट आधारित मौजूदा परिदृश्य पर संजीदगी से विचार करते तो बात कुछ और होती. 'पल पल दिल के पास' महज खूबसूरत वादियों में फिल्माई गई प्रेम कहानी के बजाय किसी नए सामयिक विषय को छूकर गुजरती तो शायद धरम पौत्र और सनी पुत्र का पहला कदम ठोस ज़मीं पर पड़ता और ढाई किलो से ज्यादा वजनी हाथ की नई उम्मीदें जगतीं.
फिल्म की कहानी दिल्ली से मनाली आई विडियो ब्लॉगर सहर सेठी (सहर बम्बा) और ट्रेकिंग कंपनी संचालक करण सहगल (करण देओल) के बीच पर्यटन की रोमांचक गतिविधियों से जुड़ी नोकझोंक से शुरू होती है. अलग अलग मिजाज़ के बावजूद दोनों एक दूसरे की ओर आकर्षित होते हैं लेकिन सहर के बॉय फ्रेंड वीरेन नारंग (आकाश आहूजा) और परिजनों की नागवार हरकतें प्रेम में बाधक बनती हैं. कहानी में ट्विस्ट न होने से पूरी फिल्म में बर्फीले पहाड़ों, झरनों और हरीभरी वादियों से दर्शकों को लुभाने का प्रयास किया गया है. 
न तो फिल्म का अभिनय पक्ष दमदार है न गीत संगीत. करण देओल का सपाट चेहरा जरा भी प्रभावित नहीं करता. नायिका के लिये 400 लड़कियों में से चुनी गई सहर बम्बा अच्छी दिखती हैं. सनी देओल का निर्देशन पुत्रमोह से घिरा है. हालाँकि काश्मीर के पीर पंजाल, लाहौल स्पीति, कुंजम और रोहतांग दर्रे, चंद्रताल और मनाली के विहंगम दृश्यों के अलावा ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में कार रेसिंग का प्रसंग बखूबी फिल्माया गया है.    
सफलता परिश्रम से मिलती है या प्रारब्ध से यह तय करना बड़ा मुश्किल है. कभी कभी संयोग से मिली लगातार सफलता को किसी अक्षर, अंक, रंग, दिन या व्यक्ति विशेष से जोड़कर लोग अंधविश्वासी हो बैठते हैं. इसी बात को केंद्र में रखकर बनाई गई अभिषेक शर्मा निर्देशित 'द ज़ोया फैक्टर' इस हफ्ते प्रदर्शित हुई. लेकिन यह भारत के लिये तो दूर खुद सोनम कपूर के लिये लकी चार्म साबित नहीं हुई और न ही दक्षिण के स्वनामधन्य सितारे ममूटी पुत्र दुलकर सलमान को बॉलीवुड में धमाकेदार एंट्री  दिला पाने में सक्षम लगती है.  
फिल्म की कहानी एडवरटाइजिंग एजेंसी में काम करने वाली ज़ोया सिंह सोलंकी (सोनम कपूर) के इर्दगिर्द घूमती है, जिससे न उसका बॉस प्रभावित है न बॉयफ्रेंड. अनलकी मानकर सब उससे कन्नी काटते रहते है. तभी उसे भारतीय क्रिकेट टीम के साथ विज्ञापन शूट करने श्रीलंका जाने का अवसर मिलता है. मेहनत से मैच जीतने में भरोसा करने वाले कप्तान निखिल खोड़ा (दुलकर सलमान) को टीम के अन्य सदस्यों के अन्धविश्वासी रवैये से चिढ है. टीम के खिलाडियों को जब पता चलता है कि ज़ोया का जन्म उस वक़्त हुआ था जब भारत ने पहली बार क्रिकेट में विश्व कप जीता. ज़ोया की मौजूदगी में श्रीलंका मैच जीतते ही बीसीसीआई उसे अगले विश्व कप के लिये भारत का लकी चार्म मानते हुए टीम का शुभंकर बनाने की पेशकश करता है. क्या ज़ोया फैक्टर भारत को विश्व विजेता बना पाता है यही आगे की कहानी है.    
अनुजा चौहान के एक दशक पहले इसी नाम से आये अंग्रेजी उपन्यास पर आधारित यह फिल्म किसी भी स्तर पर प्रभावित नहीं करती. नेहा राकेश शर्मा और प्रद्युम्न सिंह की अधकचरी पटकथा ने अभिषेक शर्मा के निर्देशकीय कौशल को ज़ाया ही किया है. फिल्म में ज़ोया के पिता के रोल में संजय कपूर, मेहमान कलाकार के बतौर अनिल कपूर और नेरेशन में शाहरुख़ खान की आवाज़ भी कोई कमाल नहीं दिखा पाती.              
इसी शुक्रवार रिलीज़ हुई 'प्रस्थानम' संजय दत्त की तीसरी पत्नी मान्यता दत्त द्वारा निर्मित पहली (लेकिन निहायत उबाऊ) फिल्म है. तेलुगु में कोई एक दशक पूर्व 'प्रस्थानम' नाम से सुपर हिट फिल्म के हिन्दी रीमेक को भी मूल निर्देशक देव कट्टा ने ही निर्देशित किया है. रसूखदार राजनेता बल्देव प्रताप सिंह (संजय दत्त) और उसके दो बेटों आयुष्मान सिंह (अली फज़ल) और रघुवीर सिंह (सत्यजीत दुबे) के बीच सद और असद प्रवृत्तियों के टकराव की घिसीपिटी कहानी असंख्य बार परदे पर दोहराई जा चुकी है. वर्षों बाद प्रकट हुईं मनीषा कोइराला ने इसमें संजय दत्त की पत्नी की भूमिका निभाई है. फिल्म में जैकी श्रॉफ पुलिस अधिकारी और चंकी पाण्डेय डॉन बने हैं.
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पानी पानी रामपुरा और वो डगमग बोट की सवारी,,,

पानी पानी रामपुरा और वो डगमग बोट की सवारी,,,,,

( सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट )
इस बार हमारे मध्यप्रदेश में गजब पानी गिर रहा है। ये कालम लिख रहा हूं और बाहर पानी बरस रहा है। हो सकता है आप जब ये पढ रहे हो तब भी बाहर पानी गिर रहा हो। सावन गीला होकर निकल गया भादो में भी ऐसी बरसात अर्से से नहीं देखी थी। ऐसा लगता है कि अबकी बारिश विराट कोहली हुयी जा रही है जो अपने अगले पिछले सारे फार्मेटों के रिकार्ड पानी में बहाने को उतारू है। और ऐसी बारिश में सबसे मुश्किल होता है हमारे टीवी का कवरेज। पानी गिरते में भागो, पानी गिरते में आप भीगो मगर कैमरा बचाते हुये विजुअल शूट करो और फिर उस गीले मौसम पर सूखी सी कहानी लिखकर भेजो। इस बार लगातार पानी किसी जगह पर कम ही गिरा है, ऐसे में यदि कहीं पानी की चेतावनी है और हम वहंा जायें तो जरूरी नहीं कि मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हो। 
बारिश की मेहरबानी इस बार मंदसौर और उससे जुडे जिले नीमच पर ज्यादा रही। जैसे हमारे भोपाल में बारिश का पैमाना भदभदा का गेट खुलना है वैसे ही मंदसौर में ज्यादा बारिश तब मानी जाती है जब शहर के बीच बहने वाली शिवना नदी अपने किनारे से करीब तीस फीट की उंचाई पर बने पशुपतिनाथ मंदिर में प्रवेश कर शिवजी की सात फीट उंची आठ मुंह वाली मूर्ति को डुबो कर जलाभिषेक करे। जैसे इस बार भदभदा के गेट कितनी बार खुले कोई याद नहीं रख रहा वही हाल मंदसौर में शिवना के पशुपितनाथ के जलाभिषेक का रहा। छह बार से ज्यादा शिवना का पानी मंदिर में आया। मंदसौर पुराण इसलिये भी कि इस बरसते मौसम में दूसरी बार मंदसौर जाना हुआ जब हमारे सहयोगी मनीष पुरोहित ने कुछ विजुअल्स भेजे जिनमें शहर के कई इलाकों में जबरदस्त पानी भरा दिख रहा था। देखकर लगा कि हालात ओर बिगड सकती है तो इस बार सडक मार्ग से ही मंदसौर निकल पडे क्योंकि पिछली बार सरकारी हैलीकाप्टर से राजस्व मंत्री के साथ गया था तो आना जाना पता नहीं चला मगर आठ घंटे बाद जब मंदसौर पहुंचे तो फिर वही कहानी दोहरायी गयी शहर के पानी भरे इलाकों से पानी उतर चुका था रह गयी थी कीचड गाद और जनता की पानी के बाद की गटठर भर परेशानिया। जो टीवी के लिये बहुत बेहतर कहानी नहीं मानी जाती। टीवी को तो दूर दूर तक भरा हुआ अथाह पानी और उसमें कुछ एक्शन होते हुये होना चाहिये। जिससे विजुअल देख हैरानी होे और यदि वहां बचाव का काम हो रहा हो तो उत्सुकता झलके कि डूबने वाले बच पायेंगे या नहीं। मंदसौर में ऐसा कुछ नहीं था तो ऐसे में याद आये हमारे नीमच के राजेंद्र सिंह राठौर। उन्होंने पहले सूचना की थी कि नीमच जिले के रामपुरा कस्बे में गांधीसागर बांध का बेक वाटर दीवार तोड कर आ गया है और तकरीबन आधे शहर को डुबो दिया है। कई सारे लोगों को पानी में डूबे घरों से निकाल कर राहत शिविरों में पहुंचाया है। बस फिर क्या था मंदसौर छोड निकल पडे नीमच के रामपुरा। बीस हजार की आबादी वाला रामपुरा कस्बा पिछले शनिवार की रात जब सो रहा था तब गांधी सागर बांध के सरोवर का पानी गुस्से में ऐसा उफनाया कि शहर और बांध के बीच बनी दीवार या रिंग वाल को तोडकर गलियों और बाजारों में ऐसे घुसा कि लोगों को लेने के देने पड गये। रातोंरात लोगों को अपने घर छोडकर उंचाई में बसे अपने करीबियों के घर या धर्मशालाओं में जाना पडा। हम जब पुलिस की जीप के पीछे राजपुरा मोहल्ला की संकरी गलियोें में गाडी चला कर जब लाल बाग बाजार पहुंचे तो वहां का नजारा देखकर हैरान रह गये। सामने बाजार की गलियां थीं और उनमें पानी घुटनों से लेकर गले गले तक पानी भरा हुआ था। जिन दुकानों से पानी उतर रहा था वहंा दुकान खोलने के बाद की बर्बादी दिख रही थी। पूरा सामान पानी से तरबतर था चाहे वो मेडिकल की दुकान हो या फिर किराने की शाप। पानी ने बर्बाद करने में  कुछ नहीं छोडा था। अब पानी में जायंे कैसे तो वहीं मिले युवा पत्रकार कमलेश मालवीय ने सामने से आ रही एक छोटी सी नाव में मुझे और हमारे कैमरामेन अभिषेक शर्मा को जल्दी जल्दी चढा दिया। ये नाव कोई बचाव  दल वाली नाव तो थी नहीं जो पूरे वक्त संतुलन में रहती। ये तो मछुआरों की नाव थी जिसके दोनों सिरों पर दो नाविक बैठे थे ओर बीच में मैं, अभिषेक, राठौर जी और कमलेश। धीरे धीरे डग मग होते हुये ये नाव लाल बाग बाजार की गलियों में मंथर गति से चल रही थी और हमें दिख रहे थे गलियांे के दोनों तरफ के सूने मकान जिनमें पहली मंजिल तक पानी भरा था। बैठे बैठे अभिषेक का कैमरा चल रहा था और मेरी कामेंटी जिसमे मैंने कहा कि यहां सामने खडे लोग कमर कमर तक डूबे हैं तो ये बात सुनकर उनमें से एक पानी में उतरा तो उसके गले से उपर पानी आ गया दरअसल वो मकान के किनारे बने चबूतरे पर खडे थे। एक दो रहवासी तो हमारी नाव के किनारे किनारे तैर भी रहे थे। मकान और दुकानों में पानी भरा था कुछ कच्चे मकान ढह गये थे। टीवी का गजब विजुअल था ऐसे में जब एक बार नाव जोरों से डगमागायी तो लगा कि आज यहंा पर खटलापुर का सीन बना। समझ में आ गया कि गलती तो कर बैठे थे बिना किसी सावधानी ओर लाइफ जैकेट के छोटी नाव में दनन से सवार हो गये थे जल्दी खबर देने के चक्कर में मगर किसी तरह राम राम कर नाव का ये चक्कर पूरा हुआ और जब वापस नाव से किनारे उतरे तब जान में जान आयी। उधर नाव से ही भेजे गये ये सारे विजुअल्स जब चैनल पर  थोडी देर बाद ही चले तो जान को खतरे में डालने का डर कुछ कम हुआ। वैसे कमलेश ने बताया है कि एक हफते बाद भी रामपुरा में पानी पूरा उतरा नहीं है जनरेटर से पंप चलाकर पानी बांध में डाला जा रहा है। 

(ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज, भोपाल )
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सागर जिले की जनपद पंचायतों में ग्राम सामाजिक एनिमेटर की दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया हो निरस्त :पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी

सागर जिले की जनपद पंचायतों में ग्राम सामाजिक एनिमेटर की दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया हो निरस्त :पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी 

सागर।  सागर जिले की जनपद पंचायतों में जिला पंचायत के माध्यम से सम्पन्न कराई गई ग्राम सामाजिक एनिमेटर ( VSA ) के चयन  प्रक्रिया को तत्काल निरस्त कर चयन प्रक्रिया पुनः स्थानीय  नौजवान बेरोजगारों को शामिल कर संपन्न कराये जाने की मांग को लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री  सुरेंद्र चौधरी की अगुवाई में कांग्रेस प्रतिनिधि मंडल ने मध्य प्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल से भोपाल में मुलाकात कर  ज्ञापन सौंपा।  
      पूर्व मंत्री चौधरी जे अनुसार  सागर जिले सहित मध्य प्रदेश के 23  जिलों में पंचायत सामाजिक एनिमेटर (VSA) की चयन प्रक्रिया में नौजवान बेरोजगारों को वंचित कर आर.एस.एस की शाखाओं में जाने बाले तथा  जन अभियान परिषद, नेहरू युवा केंद्र, ग्रामीण आजीविका मिशन तथा सरकार विरोधी मानसिकता से काम करने वाले लोग चयन प्रक्रिया में शामिल होकर स्थान पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा स्थानीय नौजवान बेरोजगारों को ग्राम में स्वरोजगार उपलब्ध कराने की है बाबजूद इसके प्रशासनिक दोष के कारण बिना विज्ञापन निकाले, बिना रोस्टर का पालन किये, गुप चुप तरीके से अपनो को उपकृत करने ग्रामीण आजीविका मिशन के अमले द्वारा चाहतो को फोन लगाकर चयन प्रक्रिया में शामिल कराकर दोषपूर्ण चयन प्रक्रिया संपन्न कराई गई है ।।                      उन्होंने सागर जिले सहित मध्य प्रदेश के 30 जिलों में संपन्न कराई गई  प्रक्रिया को निरस्त कर  पुनः प्रक्रिया कराने की बात कही जिस पर पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने युवा नौजवान बेरोजगारों को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। कांग्रेस प्रतिनिधि  मंडल में पूर्व मंत्री  सुरेंद्र चौधरी के साथ युवा कांग्रेस अध्यक्ष अशरफ खान, अनिल कुर्मी, नरेंद्र मेश्राम, राम लाल अहिरवार, कमल चौधरी, डॉक्टर विनीत कुमार, रोहित वर्मा शामिल थे।
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मिनरल वाटर प्लांट में चोरी करने वाला प्लांट की कर्मचारी ही निकला, करीब एक लाख रुपये बरामद

मिनरल वाटर प्लांट में चोरी करने वाला प्लांट की कर्मचारी ही निकला, करीब एक लाख रुपये बरामद
सागर । सागर के उपनगर मकरोनिया चौराहा स्थित गौरव फूड्स वेवरेज मिनिरल वाटर प्लाण्ट हुई चोरी का पुलिस ने खुलाशा कर लिया है । इस प्लांट में काम करने वाले कर्मचारी ने अपने साथी के साथ चोरी की घटना को अंजाम दिया था और एक लाख 30 हजार रुपये चुराए थे। पुलिस ने चोरों से करीब  एक लाख  रुपया और चोरी के पेसो से खरीदा मोबाइल फोन  बरामद कर लिया है ।
            अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश व्यास और सीएसपी अमृता दिवाकर ने आज मीडिया को पूरा घटनाक्रम बताया।पुलिस के मुताबिक 15 और16 सितम्बर की  दरम्यानी रात मकरोनिया चौराहा के पास स्थित गौरव फुड़स व वेवरेज मिनिरल वाटर प्लाण्ट में आफिस का ताला तोड़कर आफिस में रखी अलमारी का लाक तोड़कर उसमें रखे एक लाख 30 हजार  नगद एवं सिक्के अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर ले गये थे । चोरों ने सीसीटीवी कैमरो के वायर काट दिये थे। इसकी रिपोर्ट मुकेश दक्ष पिता गनेश दक्ष  विजय टाकीज चौराहा ने दर्ज कराई ।
               प्रकरण की विवेचना दौरान घटना स्थल के आस-पास के सीसीटीव्ही फुटेज देखे गये, दो लड़केप्लाट तरफ जाते दिखे एवं वापिस आते समय जिसके हाथ में थैला था ।दोनों लड़कों में से एक की पहचान मुकेश दक्ष द्वारा अपने मिनिरल वाटर प्लांट पर काम करने वाले जरुयाखेड़ा निवासी  अनिकेत रेकवार के रूप में की गई। आरोपी अनिकेत रैकवार के मोबाइल फोन की टावर लोकेशन बिलासपुरजाने वाले ट्रेन रूट पर होना पाई गई।
               इस संबंध में पुलिस अधीक्षक सागर  अमित सांधी जी को अवगत कराया गया ।जिनकेद्वारा अति पुलिस अधीक्षक सागरराजेश व्यास के मार्गदर्शन एवं नगर पलिस अधीक्षक मकरोनिया श्रीमतिअमृता दिवाकर के निर्देशन में एक पुलिस टीम गठित कर तत्काल बिलासपुर रवाना की गई ।जो बिलासपुर पहंचते ही आरोपी अनिकेत रैकवार को मय मसरूका के गिरफ्तार किया गया। जिसने अपने साथी जीवनरैकवार के साथ मिलकर चोरी करना स्वीकार किया। आरोपी अनिकेत से चोरी किया गये रुपये जिसमें 84500रूपये के नगद नोट एवं 9860रू के सिक्के कुल नगदी 94360रू. एवं चोरी के रूपयों से खरीदावीवो कंपनी का 13,990 रुपये  का मोबाइल जब्त किया गया। दूसरे आरोपी जीवन रैकवार नि. भापेल थाना मोतीनगर को भी गिरफ्तार किया गया है ।जिससे बरामदगी की जाना है।
         इस प्रकरण का खुलासा एवं बरामदगी में निरीक्षक उपमा सिंह थाना प्रभारी मकरोनिया,
पी.एस.आई. प्रशांत गुंजाल, सउनि डी.एस.मरावी,आरक्षक सुशील सिंह , लवकुश सुनील चौबे एवं साईबर सेल , सौरभ रैकवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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पद्मभूषण स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 से 25 सितम्बर तक सागर में

पद्मभूषण स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 से 25 सितम्बर तक सागर में
सागर । पद्मभूषण और बिहार योग विवि मुंगेर के परमहंस स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 सितम्बर से 25 सितम्बर तक सागर प्रवास पर होंगे। योग के प्रचारप्रसार हेतु समर्पित योग विधालय  मुंगेर को पिछले  दिनों  भारत सरकार ने पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार से सम्मानित किया है। योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर में कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही शहर में संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किये गए है ।
 संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया कि स्वामी श्री सत्यानन्द सरस्वती के परम शिष्य स्वामी निरंजनानंद  बिहार के मुंगेर में योग के क्षेत्र में चल रहे विभिन्न प्रकल्पों का संचालन कर रहे है ।इसी के तहत 22 से 25सितंबर तक  मध्यप्रदेश के प्रवास पर सागर में भी मार्गदर्शन देंगे।उनके कार्यक्रम सागर में विभिन्न स्थानों पर होंगे।
22 सितम्बर को शाम चार बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर में हुएनिर्माण कार्यो का लोकार्पण विधायक शेलेन्द्र जैन करेंगे ।
 चार दिवसीय इस  कार्यक्रम में  प्रहलाद  पटैल,केन्द्रीय राज्य मंत्री, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, ,गोविन्द सिंह राजपूतपरिवहन एवं राजस्व  ,हर्ष यादव
कुटीर एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री,पूर्वगृहमन्त्रीभूपेन्द्र सिंह
सांसदराजबहादुर सिंह,विधायक  शैलेन्द्र जैन,महापौरअभय दरे सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर पी तिवारी और डॉ. अजय तिवारी कुलाधिपति स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागरअथिति रहेंगे।
कार्यक्रम के संरक्षकडॉ. मीना पिंपलापुरे,डॉ. महेन्द्र प्रताप तिवारी,घनश्याम भिडे ,स्वागत अध्यक्ष डॉ अनिल तिवारी,सेठ नरेश चंद जैन,देवी प्रसाद दुबे और स्वागत मन्त्री कपिल मलैया,सुरेन्द्र सुहाने और अनिल जैन नैनधरा बनाये गए है। सभी ने कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगो से शामिल होने की अपील की है ।
 
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Transfer : 32 नायब तहसीलदारों के हुए तबादले

32 नायब तहसीलदारों के ट्रांसफर
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Transfer & Correction :एमपी में नगरीय प्रशासन विभाग में जारी हुए स्थानांतरण एवम संसोधन के आदेश ।

एमपी में नगरीय प्रशासन विभाग में हुए सौ से ज्यादा  के स्थानांतरण एवम संसोधन के आदेश
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किसानों के 50 हजार के बाद अब 2 लाख तक के चालू खाते के ऋण माफ होंगे:मुख्यमंत्री कमल नाथ

किसानों के 50 हजार के बाद अब 2 लाख तक के चालू खाते के ऋण माफ होंगे:मुख्यमंत्री  कमल नाथ 
भोपाल। मुख्यमंत्री व मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि देश आज भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है और हमारे देश में होने वाले सभी निवेश बंद हो गये हैं। जीडीपी सबसे निचले स्तर पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब केन्द्र की मोदी सरकार की अनुभवहीनता और गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम है। 
श्री नाथ आज मानस भवन में आर्थिक मंदी पर कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्ष और पीसीसी डेलीगेट के साथ चर्चा-चिंतन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने नौ माह में हर मोर्चे पर गंभीर चुनौती और खाली खजाने के बीच परिणाम देने वाले काम किए हैं। आप सभी लोग पार्टी की ओर से मैदान में काम करने वाले लोग हैं आप छाती ठोक कर कहें की हमारी सरकार ने जो काम नौ माह में किया वह काम पंद्रह साल की भाजपा सरकार ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारी ऐतिहासिक ऋण माफी योजना में अब हम 50 हजार के बाद चालू खाते के 2 लाख तक के ऋण माफ करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने नौ माह की सरकार के कामकाज का ब्यौरा देते हुए कहा कि हम सब लोगों के लिए अग्निपरीक्षा का दौर था। आपकी मेहनत पंद्रह साल के संघर्ष का ही नतीजा था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि भले ही संवैधानिक प्रक्रिया के तहत विधायकों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया लेकिन मेरा यह मानना है कि मुझे मुख्यमंत्री आप लोगों ने बनाया क्योकि जो विधायक जीत कर आया वह आपकी वजह से विजय हुआ है। उन्होने कहा कि 25 सितम्बर को कांग्रेस की सरकार के नौ माह पूरे होंगे। इस दौरान लगभग ढाई माह लोकसभा चुनाव में गुजर गए। हमें सिर्फ छह माह काम करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन छह माह में किसानों की कर्ज माफी, कन्यादान विवाह और निकाह योजना की राशि को दोगुना करना, पेंशन दोगुनी करना, बिजली देने, मक्का और गेहूँ उत्पादन पर बोनस जैंसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले सरकार ने लिए हैं, यह सब उन चुनौतियों के बीच में किया गया, जब हमें विरासत में खाली तिजोरी मिली थी। 
जब हमने फसल ऋण वाले दो लाख रुपये तक की किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरु की तो कई चुनौतियाँ हमारे सामने आयीं, 50 लाख किसानों के खातों की जांच की गई तो पता चला की 38 लाख किसान ही सामने आए। इन 38 लाख किसानों में से कई किसानों के चार-चार खाते हैं कई किसानों ने फसल ऋण के अलावा अन्य ऋण ले रखे थे। वे कर्जमाफी की हमारी घोषणा के पात्रता में नहीं आ रहे थे। कई किसानों के पास आधारकार्ड नहीं था और अन्य तकनीकी कारणों से वे ऋणमाफी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाये थे। इन सारी चुनौतियों का सामना करते हुए हमने 20 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। यह कोई छोटा काम नहीं था। एक बड़ी चुनौती का काम था और मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसानों की कर्जमाफी हो रही थी। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हर दिन किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया की वे माॅनिटरिंग करते थे। यह काम सिर्फ तंत्र के भरोसे नहीं छोड़ा था। यही कारण है कि इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में किसानों के कर्जमाफ हो सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र की भाजपा सरकारों ने भी कर्जमाफी की घोषणा की थी लेकिन उत्तरप्रदेश में आज तक यह प्रक्रिया चल रही है और महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक आ गये है अभी तक किसानों के कर्जमाफ नहीं हुए। उन्होंने कहा कि आप सभी को यह तथ्य मालूम होना चाहिए ताकि आप, लोगों को असलियत बता सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा प्रदेश बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है विंध्य क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के सभी जिलों में 25 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। भिंड, मुरैना, मंदसौर, नीमच में भारी नुकसान हुआ है। हमें आने वाले दिनों में 8 हजार करोड़ से अधिक की राशि की आवश्यकता होगी। इस चुनौती का भी हम सामना करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पर राजनीति करने पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर उन्हें पीड़ितों से सच्ची हमदर्दी है तो वे दिल्ली जाएं और अपनी सरकार से सहायता दिलाएं ताकि बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत दी जा सके। भाजपा की इसमें कोई रुचि नहीं है यह सिर्फ प्रचार-प्रसार की राजनीति करती है और पंद्रह साल इन्होंने यही किया और आज भी इससे उबर नहीं पा रहे है। राहत में हाथ बटाने की बजाय भाजपा बाढ़ पर भी राजनीति कर रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के प्रभारी  दीपक बावरिया ने अपने उद्बोधन में बताया कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया है पूरे देश में आर्थिक मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है, हर क्षेत्र में गिरावट आ रही है, इसके खिलाफ सभी कांग्रेसजनों को अपने-अपने क्षेत्रों में आवाज उठानी है। पार्टी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी के 75 वीं जयंती को भी मनाने का निर्णय लिया और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान चलाना तय किया है। 
इस अवसर पर कांगे्रस नेतागण सर्वश्री सुरेश पचैरी, कांतिलाल भूरिया, अजयसिंह, राजमणि पटेल, रामनिवास रावत, रामेश्वर नीखरा, संजय कपूर, सुधांशु त्रिपाठी, राजेन्द्र सिंह, मीनाक्षी नटराजन, सुरेन्द्र चैधरी, नरेन्द्र सलूजा, शोभा ओझा, मांडवी चैहान आदि उपस्थित थे। प्रदेश कांगे्रस के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर और महामंत्री राजीव सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मंत्रीगण, कांगे्रस विधायक, प्रदेश कांगे्रस के प्रतिनिधिगण, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रत्याशी 2018, और अन्य जनप्रतिधि शामिल हुये।
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