विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत तीन दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित
सागर । शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में विश्व बैंक परियोजना के अंतर्गत तीन दिवसीय इंडक्शन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा एवं महाविद्यालय के विषय में जानकारी देना है। उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि डिप्टी कमिश्नर श्रीमती प्रभा श्रीवास्तव ने कहा कि स्नातक अवधि छात्र जीवन का स्वर्णिम काल होती है क्योंकि इसी अवधि में भविष्य की नींव गढ़ी जाती है। विद्यार्थी को सफल होने के लिए दो प्रकार से अध्ययन करना होता है, एक स्नातक स्तर का अध्यापन तथा दूसरा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी। स्नातक की अंकसूची उसे प्रतियोगी परीक्षाओं की पात्रता दिलाती है तथा प्रतियोगी परीक्षाओं की सफलता उसे रोजगार दिलाती है।
उन्होंने बताया कि हमेशा अपडेट रहें समय का मूल्य जाने तथा अध्यापन की दिशा को सही रास्ते पर ले जाए सफलता आपके कदम चूमेगी। आपने कहा कि पोषण आहार विद्यार्थी जीवन में महत्वपूर्ण है। अतः उसे भी अपनी दिनचर्या में शामिल करें। डॉ. जी. एस. रोहित अतिरिक्त संचालक एवं प्राचार्य ने कहा कि विद्यार्थी में सबसे महत्वपूर्ण है अनुशासन जो महाविद्यालय परिवार आपसे इसकी अपेक्षा भी रखता है इस कार्यक्रम को आयोजित करने का मूल उद्देश्य यह है कि नो योवर कॉलेज (ज्ञल्ब्) आपके शिक्षक कौन हैं, आपका विभाग कहॉ है तथा महाविद्यालय का कार्यालय कहॉ है इसकी जानकारी आपको होना चाहिए।
जिला परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास विभाग ने पोषण आहार के विषय में बताया जो भोजन केवल पेट भरे और पोषक तत्वों से अछूता हो उससे हमें बचना चाहिए। आपका वजन आपकी ऊंचाई के अनुसार होना चाहिए और अगर ऐसा नहीं है तो आप भी पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं। पोषण आहार पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में महाविद्यालय के छात्र शिवराज लोधी ने प्रथम, अजय सिंह यादव ने द्वितीय तथा शोफाली राजपूत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। अतिथिओं द्वारा पुरस्कार स्वरूप मोमेंन्टों एवं प्रमाण-पत्र दिये गये।
महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, अतिथि विद्वानों ने अपना-अपना परिचय मंच पर दिया जिसमें अपने विभाग, विषय तथा कक्षाओं की समय-सारणी का उल्लेख किया। आज के कार्यक्रम में डॉ. संजीव दुबे ने राज्य शासन की विभिन्न योजनाऐं एवं विभिन्न छात्रवृत्तियों के विषय में बताया। कार्यक्रम के दूसरे दिन विश्वबैंक द्वारा पोषित एवं संचालित गुणवत्ता उन्नयन की गतिविधियॉ, युवा उत्सव तथा विवेकानंद कॉरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ट के विषय में बताया गया।
डॉ. इमराना सिद्धीकी ने रैमेडियल कक्षाएं, स्टूडेन्ट ट्रेकिंग एवं संतुष्टी सर्वेक्षण के विषय में जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रभारी डॉ. अमर कुमार जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने अगस्त माह में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भोपाल में यूजीसी चेयरमैन की अध्यक्षता में आयोजित किया था प्रशिक्षण उपरांत इस कार्यक्रम को महाविद्यालय में आयोजित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में इन प्राध्यापकों ने मुख्यतः अपना परिचय दिया डॉ. गोपा जैन, डॉ. प्रवीण शर्मा, डॉ. मधुस्थापक, डॉ. नीरज दुबे, डॉ. विनय शर्मा, डॉ. सरोज गुप्ता, डॉ. रंजना मिश्रा, डॉ. नीलिमेश वर्मा, डॉ. सुभाष हर्डीकर, डॉ. उमाकान्त स्वर्णकार, डॉ. संदीप सबलोक, डॉ. अशोक पन्या, डॉ. भरत कुमार शुक्ला, डॉ. सत्या सोनी, डॉ. संतोष उपाध्याय, डॉ. अर्चना यादव, डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव, डॉ. अंकुर गौतम, डॉ. शिखा चौबे शिवांगी केजरीबाल सहित लगभग 500 विद्याथिर्यो ने सहभागिता की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमर कुमार जैन तथा आभार डॉ. इमराना सिद्दीकी ने माना।
Encroachement : जल स्त्रोतों पर अतिक्रमण अब माना जाएगा अपराध, ,सख्ती से हटेगा - मुख्यमंत्री
भोपाल ।मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि प्रदेश के नदियों, तालाबों तथा अन्य जल स्त्रोतों पर सभी अतिक्रमण को सख्ती से हटाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल स्त्रोतों पर अतिक्रमण को अपराध माना जाएगा। मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में "पानी का अधिकार" एक्ट के लिए बनी जल विशेषज्ञों की समिति के सदस्यों के साथ चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने समिति से कहा कि "पानी का अधिकार" एक्ट का प्रारूप शीघ्र बनाया जाए ताकि इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सके। बैठक में विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डॉ. मिहिर शाह और सह अध्यक्ष मेगसेसे पुरस्कार प्राप्त श्री राजेन्द्र सिंह उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी पर आम नागरिकों का अधिकार है इसलिए उस पर अतिक्रमण कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। श्री नाथ ने कहा कि सभी अतिक्रमणों को सख्ती से हटाया जाए और जो भी पानी के स्त्रोतों पर अतिक्रमण करेगा उसे अपराध माना जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संरचनाओं के स्थान पर छोटी जल संरचनाओं को बनाना चाहिए। इससे हम लोगों को अपनी पुरखों की जमीन, जायदाद और उनके अपने गाँव से बेदखल होने से बचा सकेंगे। श्री नाथ ने कहा कि साइबेरिया के यात्रा के दौरान उन्होंने देखा कि पूरे साइबेरिया में बड़े पैमाने पर खेती होती है लेकिन उसकी सिंचाई के लिए कोई बांध नहीं बनाए गए बल्कि वहां तालाबों और छोटी-छोटी जल संरचनाओं के जरिए लोग सिंचाई करते हैं। हमें भी अपने यहां इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे अनावश्यक विवादों से हम बच सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी पर सबसे पहला अधिकार नागरिकों का है इसलिए हमें समुदाय को पानी के प्रबंधन और उसके उपयोग का अधिकार देना चाहिए। उन्होंने पानी की बर्बादी रोकने और उसके संरक्षण पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि जल संरचनाएं बनाते समय हमें ग्रामीणों के भी सुझाव लेने चाहिए क्योंकि उन्हें इसकी अधिक जानकारी होने के साथ अनुभव भी होता है।
बैठक में जल विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष डॉ. मिहिर शाह और सह-अध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह ने पानी का अधिकार एक्ट के संबंध में अपने विचारों और सुझावों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
बैठक में मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती गौरी सिंह, प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री संजय शुक्ला और विशेषज्ञ समिति के सदस्य डॉ. हिमांशु कुलकर्णी, श्री पी.एस. विजय शंकर, श्री सचिन ओझा, श्री लिबी जॉनसन, डॉ. फिलिप कुलेट, डॉ. सुंदर राजन कृष्णनन, श्री जितेन्द्र अग्रवाल, डॉ. आर.के. नेमा और डॉ. डी.के. पहलवान उपस्थित थे।
Sacked : भाजपा आईटी सेल के जिलाध्यक्ष अमन राय पद से बर्खास्त
दमोह । दमोह जिला के भाजपा आईटी सेल के जिला अध्यक्ष अमन राय को पार्टी ने अनुशासन हीनता के आरोप में पद से बर्खास्त कर दिया है । दो साल पहले अमन को सेल का जिला अध्यक्ष बनाया गया था ।
दमोह के भाजपा जिला अध्यक्ष देव नारायण श्रीवास्तव के पत्र के अनुसार दमोह जिले में आई.टी.सेल के जिला संयोजक के रूप में कार्यरत अमन राय विगत कई दिनो से पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होकर अनुशासन हीनता कर रहे हैं। जिन्हे व्यक्तिगत तौर पर पिछले दिनों मेरे द्वारा उनको समझाईश्य देने केपश्चयात उनमें कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। इससे पार्टी के अन्य कार्य करताओं पर भी विपरीत असर होता है। जिसकी जानकारी मैंने आई टी सेल के प्रदेश अध्यक्ष को टेलीफोन पर देकर एवं उनकी स्वीकृति के पश्चयात् आई.टी.सेल के जिला संयोजक पद से बर्खास्त किया हैं। जिला अध्यक्ष के पत्र के अनुसार शीघ्र ही आई. टी. सेल कि नई पैनल प्रेषित की जाएगी।ताकि आई.टी.सेल का काम प्रभावित न हों।
देश के प्रख्यात कवि माणिक वर्मा का निधन
देश के प्रख्यात कवि माणिक वर्मा का निधन
इंदौर। देश के प्रख्यात कवि माणिक वर्मा नहीं रहे। आज सुबह 8 बजे जब घर के लोग उन्हें जगाने पहुंचे तो पता चला कि वे नहीं रहे। माणिक जी कविताओं और अपने व्यग्य की धार से पूरे देश कर साहित्य मंचों की शान रहे। कुछ समय से वे इंदौर रहने आ गए थे। तबीयत खराब होते हुए भी अंत तक सक्रीय बने रहे। कुछ माह पहले राइटर्स क्लब में कविता पाठ किया था।
कल 18 सितंबर, बुधवार को सुबह 9 बजे उनका अंतिम संस्कार तिलक नगर मुक्तिधाम पर किया जाएगा। अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान 19, संपत फॉर्म हाउस, सेकंड क्रॉस रोड, अपोज़िट अग्रवाल पब्लिक स्कूल इंदौर से निकलेगा।
माणिक वर्मा की बेहद चर्चित और आज भी प्रासंगिक कविता
*लोकतंत्र के लुच्चो,दग़ाबाज टुच्चो!*
ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, हरिजन
जब हम हार गए तो काहे का इलेक्शन
जिस देश की जनता हो तुम जैसी
वहां काहे की डेमोक्रेसी?
भीतर घातियो
जयचंद के नातियो
तुमने अंगूरी पीकर अंगूठा दिखाया है
आज मुझको नहीं
मिनी महात्मा गांधी को हराया है,
हमारी हार बीबीसी लंदन से ब्रॉडकास्ट करवाई
और ये खबर आज तक किसी अखबार में नहीं आई
देश को आजादी किसने दिलवाई?
मांगीलाल और मैंने!
अंधेरे की अवैध संतानो!
हमने तुम्हें नई रोशनी में खड़ा किया
और हमीं को अंधेरे में चूना लगा दिया
दुश्मन को वोट
और हमको टाटा
एक गाल पे चुंबन
और एक गाल पे चांटा,
बहुत अच्छे
अब खा लो रबड़ी के लच्छे
ये मुंह और रसगुल्ले
केसरिया दूध के कुल्ले
ऊपर से गांजे की चिलम
भगवान कसम
ये दिन तुमको किसने दिखाए?
मांगीलाल और मैंने!
गीदड़ के आखिरी अवतारो!
ये राजनीति तुम्हारी समझ में क्यों नहीं आती है
सत्ता किसी की हो जनता हमेशा सताई जाती है
खून हमेशा गरीबों का बहा
ये चार जनों के सामने किसने कहा?
मांगीलाल और मैंने!
कामदेव की कार्बन कॉपियो!
क्या तुम और क्या तुम्हारी औकात
जिस दिन थी तुम्हारी सुहागरात,
अौर अंधेरे में दिखती नहीं थी तुम्हारी लुगाई
तब बिजली की बत्ती किसने पहुंचाई?
मांगीलाल और मैंने!
रेगिस्तान के ठूंठो!
सूखे का मजा तुमने चखा
और संतोषी माता का व्रत हमारी पत्नी ने रखा
एक उपवास में जिंदगी भारी हो गई
सुबह तक रामदुलारी थी
शाम तक रामप्यारी हो गई
चली गई सारी जवानी लेके
बुढ़ापे में ये दिन किसने देखे?
मांगीलाल और मैंने!
और मांगीलाल, तू!
तूने देश को क्या दिया?
जो कुछ किया वो तो मैंने किया
खटिया तेरी खड़ी है बुन ले
जाते-जाते एक शेर सुन ले-
तुझसे कोई गिला नहीं ऐ आस्तीन के सांप
हमसे ही तुझको खून पिलाते नहीं बना।
(माणिक वर्मा की हास्य कविता 'मांगीलाल और मैंने' के चुनिंदा अंश )
Doping : भारतीय खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं के सेवन में लिप्त नही - डॉ सिमोना पिचनी
www.teenbattinews.comसितंबर 16, 2019खेल / Sports, विश्वविद्यालय / University, Agriculture/Farmers, Education / शिक्षा, Health, NewsNo comments
सागर । नेशनल डोपिंग सेन्टर इटली में वैज्ञानिक डॉ सिमोना पिचनी ने इस बात की सराहना की है कि भारत के खिलाड़ी डोपिंग और अन्य प्रतिबंधित दवाओं में लिप्त नही है। लेकिन आने वाले समय में भारत के सामने भी यह समस्या होगी इसलिये उसे अभी से तैयार रहना चाहिये।
उन्होंने डॉ हरीसिंह गौर विवि सागर के रसायन शास्त्र विभाग में डोपिंग एवं खेल में प्रतिबंधित दवाओं के बारे में शुरू किए गए ज्ञान कोर्स में यह बात कही ।यह कार्यक्रम एम.एच.आर.डी द्वारा प्रायोजित है।
डोपिंग शब्द खेल जगत में एक बहुत ही भयाभय षब्द है,जो कि यह बताता है कि खेल प्रतियोगिता में खिलाडी़ द्वारा प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया गया है। जब वह खिलाड़ी डोपिंग ऐजेन्सी द्वारा पकड़ा जाता है तो वह अपने केरियर एंव देष की छवि को धूमिल करता है।
इस की अध्यक्ष्ता कर रहे विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर.पी. तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने विश्व एंव देश को महान खिलाड़ी दिये है। जिन्होने अपनी शारिरिक क्षमता से देश का नाम रोशन किया है। उन्हीने इस ज्ञान कोर्स पर प्रसन्नता जताते हुये कहा कि इस विषय को शोध के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहिये।
प्रो0 फरीद खान ने रसायन षास्त्र विभाग की उपलब्धियों एवं वर्तमान में चल रहे कार्यो के बारे में बताया। प्रो0 ए0 एन0 शर्मा डीन आॅफ एकेडेमिक अफेयर्स ने ज्ञान कोर्स की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। विवि के ज्ञान समन्वयक प्रो0 देवाषीश बोस ने डाॅ. सिमोना पिचनी की उपलब्ध्यिों के बारे में बताया।धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. राद्यवैया एवं मंच संचालन ज्ञान कोर्स काॅर्डिनेटर डाॅ. अभिलाशा दुर्गवंशी के द्वारा किया गया।
किसानों को राहत देने के लिए नेता प्रतिपक्ष ने विशेष सत्र बुलाने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
भोपाल। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अति वर्षा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा हैै।
नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र मे कहा है कि सम्पूर्ण प्रदेश में विशेष कर राज्य के पश्चिमी भाग में औसत से अभी तक दोगुनी वर्षा हो चुकी है, जिसमे गांधी सागर डेम के बढ़ते जल स्तर के कारण मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले के सैकड़ों गांव प्रभावित हुए है, नर्मदा नदी के ऊपर बने बांधो से भी धार एवं झाबुआ जिले के अनेको गांव प्रभावित हुए है। अतिवृष्टि से जिन किसानों की फसले नष्ट हो गई हैं, उन्हे तत्काल राहत देने के लिए दो दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं ताकि गंभीरता और तात्कालिकता को देखते हुए व्यापक चर्चा कर किसानों को राहत दी जा सकें।
संकट की घड़ी में किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा धर्म एवं कर्म
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने पत्र मे कहा कि किसान मध्यप्रदेश के विकास की धुरी है। उनकी मेहनत के बल पर ही फसलों की बम्पर पैदावार हुई है। आज प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ के हालात हैं जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह चैपट हो गयी है। किसानों की इस संकट की घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा धर्म एवं कर्म है।
न कोई सर्वे हुआ है, न ही कोई राहत राशि मिली
श्री भार्गव ने कहा कि किसानों के खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए है। गांधी सागर डेम के जलस्तर बढ़ने के कारण मंदसौर, नीमच जिले के 100 से अधिक गांव में पानी घुस गया है। अकेले मंदसौर जिले में 2 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। उड़द, मक्का, प्याज की फसलों सहित सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। चार हजार से अधिक मवेशियों के पानी मे बहने के कारण मृत्यु हो चुकी है। इन दोनों जिलों मैं साढ़े चार हजार से अधिक मकान तबाह हो चुके हैं। समूचे प्रदेश मे लगभग 10 लाख से अधिक कच्चे मकान ढह गये हैं । प्रभावितांे के घर मे रखा सामान और अनाज बह गया है। कुल मिलाकर पूरे प्रदेश मे अति वर्षा से फसलां,े जनधन एवं पशुधन की हजारों करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश मे प्रभावितों की क्षति का अभी तक कोई सर्वे नही हुआ है, न ही कोई राहत राशि मिली है।
प्रतिपक्ष किसानों को राहत देने में सरकार के साथ है
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। इसलिए राजनीति से परे हटकर इस समय किसानों के साथ हमें खड़े रहने एवं उनकी हर संभव मदद करने की जरूरत है। प्रदेश की जनता एवं किसान को इस समय प्रदेश सरकार से इस विकट समस्या से राहत की आवश्यकता हैं। किसानों को राहत देने के लिए प्रतिपक्ष सरकार के साथ खड़ा है। नेता प्रतिपक्ष ने अतिवृष्टि से किसानो और जनता को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा विधानसभा का 2 दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है।
संकट की घड़ी में किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा धर्म एवं कर्म
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने पत्र मे कहा कि किसान मध्यप्रदेश के विकास की धुरी है। उनकी मेहनत के बल पर ही फसलों की बम्पर पैदावार हुई है। आज प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ के हालात हैं जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह चैपट हो गयी है। किसानों की इस संकट की घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा धर्म एवं कर्म है।
न कोई सर्वे हुआ है, न ही कोई राहत राशि मिली
श्री भार्गव ने कहा कि किसानों के खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए है। गांधी सागर डेम के जलस्तर बढ़ने के कारण मंदसौर, नीमच जिले के 100 से अधिक गांव में पानी घुस गया है। अकेले मंदसौर जिले में 2 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। उड़द, मक्का, प्याज की फसलों सहित सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। चार हजार से अधिक मवेशियों के पानी मे बहने के कारण मृत्यु हो चुकी है। इन दोनों जिलों मैं साढ़े चार हजार से अधिक मकान तबाह हो चुके हैं। समूचे प्रदेश मे लगभग 10 लाख से अधिक कच्चे मकान ढह गये हैं । प्रभावितांे के घर मे रखा सामान और अनाज बह गया है। कुल मिलाकर पूरे प्रदेश मे अति वर्षा से फसलां,े जनधन एवं पशुधन की हजारों करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश मे प्रभावितों की क्षति का अभी तक कोई सर्वे नही हुआ है, न ही कोई राहत राशि मिली है।
प्रतिपक्ष किसानों को राहत देने में सरकार के साथ है
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। इसलिए राजनीति से परे हटकर इस समय किसानों के साथ हमें खड़े रहने एवं उनकी हर संभव मदद करने की जरूरत है। प्रदेश की जनता एवं किसान को इस समय प्रदेश सरकार से इस विकट समस्या से राहत की आवश्यकता हैं। किसानों को राहत देने के लिए प्रतिपक्ष सरकार के साथ खड़ा है। नेता प्रतिपक्ष ने अतिवृष्टि से किसानो और जनता को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा विधानसभा का 2 दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है।
वनाधिकार के अमान्य पट्टो का फिर से परीक्षण होगा,वनमित्र पोर्टल के जरिये:कलेक्टर
वनाधिकार के अमान्य पट्टो का फिर से परीक्षण होगा,वनमित्र पोर्टल के जरिये:कलेक्टर
सागर। सागर जिले में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम के तहत वन में निवास करने वाले अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों को वनाधिकार पट्टे दिए जाने के संबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई।
बैठक में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देष दिए कि वन अधिकार के मामलों में वर्षोंं से काबिज आदिवासियांे और अन्य परंपरागत वन निवासियों के आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए और उन्हंे व्यक्तिगत एवं सामूदायिक अधिकार के पट्टे दिए जाए। कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार की मंषानुसार सभी पात्र व्यक्तियों को वनाधिकार के पट्टे मिल जाएं। कलेक्टर ने कहा कि वनाधिकार के जो आवेदन पत्र किन्ही त्रुटि या अन्य किसी कारणवष अमान्य कर दिए गए है उनका पुनः परीक्षण किया जाए। ग्राम स्तर पर, खंड स्तर पर और जिलास्तर पर गठित की गई समितियों के माध्यम से दावों का निराकरण किया जाएगा।
बैठक में वन मंडलाधिकारी, जिला पंचायत सीईओ, सभी एसडीएम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, अनुविभागीय अधिकारी वन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निरस्त दावों की पुनः सुनवाई एवं निराकरण हेतु प्रत्येक स्तर के प्राधिकारियों की सहायता हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वेब पोर्टल एम.पी.वनमित्र विकसित किया गया है। वनमित्र के माध्यम से दावेदार अपने दावे साक्ष्य सहित ऑनलाईन फीड करेगा तथा फीड किए गए दावे का ऑनलाईन निराकरण ग्राम वनाधिकार समिति, उपखंड समिति एवं जिला वनाधिकार समिति द्वारा किया जाएगा। इस प्रक्रिया से दावों के निराकरण में पारदर्षिता होगी। दावों की स्थिति को लाईव देखा जा सकेगा, दावा मान्य होने की स्थिति में ऑनलाईन वन अधिकार पत्र जारी हो सकेगा, एवं दावा अमान्य होने की स्थिति में दावा किन कारणों से अमान्य किया गया है। कारणवार जानकारी दावेदार को ऑनलाईन प्राप्त हो सकेगा। जिले में यह कार्य 2 अक्टूबर से किया जाएगा। वनाधिकारों से जुड़े सभी अधिकारी/कर्मचारियो को विस्तृत प्रषिक्षण दिया जाएगा।
बैठक मंे कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं निरस्त दावों के एक-एक प्रकरण की स्वयं समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दावाकर्ता का आवेदन पत्र तकनीकी आधारों या कमियों के आधार पर निरस्त न हो।
सागर। सागर जिले में अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम के तहत वन में निवास करने वाले अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों को वनाधिकार पट्टे दिए जाने के संबंध में कलेक्टर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई।
बैठक में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को यह निर्देष दिए कि वन अधिकार के मामलों में वर्षोंं से काबिज आदिवासियांे और अन्य परंपरागत वन निवासियों के आवेदनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाए और उन्हंे व्यक्तिगत एवं सामूदायिक अधिकार के पट्टे दिए जाए। कलेक्टर ने कहा कि राज्य सरकार की मंषानुसार सभी पात्र व्यक्तियों को वनाधिकार के पट्टे मिल जाएं। कलेक्टर ने कहा कि वनाधिकार के जो आवेदन पत्र किन्ही त्रुटि या अन्य किसी कारणवष अमान्य कर दिए गए है उनका पुनः परीक्षण किया जाए। ग्राम स्तर पर, खंड स्तर पर और जिलास्तर पर गठित की गई समितियों के माध्यम से दावों का निराकरण किया जाएगा।
बैठक में वन मंडलाधिकारी, जिला पंचायत सीईओ, सभी एसडीएम, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, अनुविभागीय अधिकारी वन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
निरस्त दावों की पुनः सुनवाई एवं निराकरण हेतु प्रत्येक स्तर के प्राधिकारियों की सहायता हेतु आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा वेब पोर्टल एम.पी.वनमित्र विकसित किया गया है। वनमित्र के माध्यम से दावेदार अपने दावे साक्ष्य सहित ऑनलाईन फीड करेगा तथा फीड किए गए दावे का ऑनलाईन निराकरण ग्राम वनाधिकार समिति, उपखंड समिति एवं जिला वनाधिकार समिति द्वारा किया जाएगा। इस प्रक्रिया से दावों के निराकरण में पारदर्षिता होगी। दावों की स्थिति को लाईव देखा जा सकेगा, दावा मान्य होने की स्थिति में ऑनलाईन वन अधिकार पत्र जारी हो सकेगा, एवं दावा अमान्य होने की स्थिति में दावा किन कारणों से अमान्य किया गया है। कारणवार जानकारी दावेदार को ऑनलाईन प्राप्त हो सकेगा। जिले में यह कार्य 2 अक्टूबर से किया जाएगा। वनाधिकारों से जुड़े सभी अधिकारी/कर्मचारियो को विस्तृत प्रषिक्षण दिया जाएगा।
बैठक मंे कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं निरस्त दावों के एक-एक प्रकरण की स्वयं समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दावाकर्ता का आवेदन पत्र तकनीकी आधारों या कमियों के आधार पर निरस्त न हो।