Editor: Vinod Arya | 94244 37885

श्रेष्ठ नैतिक मूल्यों का बीज बचपन से बोना होगा: ब्रह्मकुमारी ज्योति


सागर। शासकीय स्वशासी कन्या स्नातकोत्तर उत्कृष्टता महाविद्यालय, सागर में व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के तत्वाधान में ''वर्तमान युग में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता व शिष्टाचार, सम्यता ओर सौम्य व्यवहार''  विषय पर  एक व्याख्यानमाला आयोजित की गई ।
          कार्यक्रम में  प्रजापति ब्रह्म कुमारी बहिन ज्योति दीदी ने कहा कि व्यक्ति की कीमत उसके गुणों से होती है। गुणों से तात्पर्य नैतिक मूल्यों से होता है। शिक्षा मूल्यों का खजाना है परन्तु नैतिक मूल्यों की शिक्षा घर परिवार से प्रारम्भ हाती है। जैसा बीज बोया जाएगा वैसे फल की प्राप्ति होगी। अतः हर परिवार को श्रेष्ठ नैतिक मूल्यों का बीज अपने बच्चों में बोना होगा। शिक्षा नवीनता लाती है। अतः युवाओं को सीखते रहना चाहिए। नैतिक मूल्य रचनात्मकता, सत्यनिष्ठा, एकाग्रता, आशावादिता जैसे गुणों का व्यक्तित्व में बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा हर युवा को अपने को पहचानना चाहिए और विचार से अपने को शान्त सकारात्मक और शक्तिशाली मानना चाहिए। । 
प्राचार्य डाॅ. ए.के. पटैरिया के निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
           व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ. इला तिवारी ने कहा कि नैतिक मूल्य शाश्वत होते हैं जिन पर चल कर आप श्रेष्ठ जीवन को प्राप्त करेंगे।युवाओं को आवश्यकता है कि नैतिक मूल्यों को समझें, उन्हें अपनाएं और उनके महत्व से सभी को अवगत कराएं। इन शाश्व्त मूल्यों पर चल कर ही आप वास्तविक रूप से सफल होंगे। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण में शिष्टाचार, सम्यता और सौम्य व्यवहार अनिवार्य है। इसी से युवाओं का भविष्य सुदृढ़ होगा।
  
              प्रकोष्ठ सदस्य डाॅ. प्रतिमा खरे ने कहा कि व्यक्तित्व निर्माण में नैतिक मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और छात्राओं को उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएँ दी।
आयोजन प्रभारी डाॅ. भावना यादव ने कहा कि नैतिक मूल्य परिवेश से प्रभावित होते हैं। यदि परिवेश में सकारात्मक नैतिक मूल्य यथा सदाचार, सत्य, त्याग, प्रेम, सहृदयता, परोपकार, सहनशीलता, संवेदनशीलता होगी तो व्यक्तित्व में स्वतः ही नैतिकता आएगी। इसके विपरीत यदि परिवेश में अहम, चरित्रहीनता, असहिष्णुता, बेइमानी, भ्रष्टाचार होगा तो नैतिक हेतु प्रयास करना होगा। आज बदलते समय और विकास के दौर मे ंनैतिक मूल्यों के आधारों में हो रहे परिवर्तनों को समझना होगा। युवाओं की नैतिकता सुदृढ़ राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करती हैं। छात्रा सृष्टि शांडिल्य ने फीडबैक देते हुए कहा कि आपके व्याख्यान में बताए गए शिष्टाचार, अनुशासन, ज्ञान एवं आत्मशान्ति की मार्ग ही जीवन में प्रगति करने का एकमात्र उपाय है। छात्रा प्रतिभा चैरसिया ने कहा कि पवित्र मन रखो, पवित्र तन रखों। पवित्रता ही मनुष्य की शान है, जो मन वचन कर्म से श्रेष्ठ है, वो चरित्रवान ही मान है।
आभार डाॅ. अंजलि दुबे ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डाॅ. मंगला सूद, डाॅ. सुनीता त्रिपाठी, डाॅ. सुनीता सिंह, डाॅ. दीपा खटीक तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित थीं।
Share:

रेलवे ट्रेक पर फंसी बस,फाटक पार करते समय,बीच मे हुई खराब

#कृष्णकांत नगाईच




सागर । सागर जिले के खुरई में रेलवे फाटक पर बस में सवारियों की उस समय जान फस गई। जब रेलवे फाटक पर करते समय बस खराब होकर खड़ी हो गई और बीचो बीच फंस गई।करीब आधा घण्टे में बस सुधरी और निकली। रेलवे ने फौरन सतर्कता बरती ताकि कोई हादसा न हो जाये।कुछ देर  रेल यातायात भी बाधित रहा।
      खुरई के  गढौ़ला नाका स्थित भूतेश्वर रेलवे फाटक गेट नंबर 8 के रेलवे ट्रेक के बीचों बीच एक बस फस गई । जानकारी के मुताबिक रजवांस से खुरई आ रही भाग्य लक्ष्मी कंपनी की बस रेलवे ट्रेक की बीच में ही खराब हो गई। बीच ट्रेक पर बस खराब होने से रेलवे फाटक के दोनों ओर जाम लग गया। ट्रेक के बीच मे बस फसने से रेलवे यातयात पर भी असर पड़ा। करीब आधे घंटे तक जाम की स्थिति बनी बस सुधरने के बाद यातायात सुचारू रूप से शुरू हो सका। बस के फसने से जहां जाम की स्थिति बनी तो वहीं बारिश होने से वाहन चालकों को परेशानी हुई और कई ट्रेनों पर असर देखने को मिला।
Share:

अतिवृष्टि : आपदा से निपटने पूरी तैयारी,मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों को स्थिति पर निगरानी रखने के दिये निर्देश



भोपाल ।मुख्यमंत्री  कमल नाथ के निर्देश पर वर्षा प्रभावित जिलों के जान-माल की रक्षा और बचाव के काम युद्धस्तर पर तेज कर दिए गए हैं। जिला प्रशासन ने चौबीसों घंटे मुस्तैद रहते हुए आपदा से निपटने की पूरी तैयारी कर ली है।  मुख्यमंत्री श्री नाथ ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव राजस्व एवं संबंधित जिले के कलेक्टर से सतत् संपर्क रखकर बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली और उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए। 
मुख्यमंत्री श्री नाथ के निर्देश पर वर्षा से प्रभावित 36 जिलों में बचाव और राहत के काम तत्काल शुरु किए गए हैं। राज्य आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एनडीआरएफ) के साथ स्थानीय जिला प्रशासन को सक्रिय किया गया है। प्रभावित क्षेत्र में 255 जिला आपदा रिस्पांस सेंटर और 51 आपात ऑपरेशन सेंटर खोले गए जो 24 घंटे काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ के 100 और 600 प्रशिक्षित होमगार्ड के जवान बचाव कार्य में लगाये गए हैं। एनडीआरएफ के 210 तथा 1500 हजार होमगार्ड और पुलिस के जवान राहत और बचाव  कार्यों में तैनात किए गए हैं। 
45 हजार को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है
राज्यस्तर पर स्थापित आपदा नियंत्रण कक्ष 24 घंटे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निगरानी कर रहा है और उन्हें आवश्यक मदद उपलब्ध करा रहा है। सेना को भी सतर्क किया गया है और जहाँ भी आवश्यकता होगी तत्काल यह सहायता प्रभावितों की मदद के लिए उपलब्ध करवाई जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 45 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के लिए विशेष दल बनाये गए हैं और उनके अस्थायी कैंप प्रभावित क्षेत्रों में लगाए गए हैं। राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 150 राहत शिविरों में लोगों पहुँचाया गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों को 100 करोड़ रुपये की सहायता दी गई है ताकि प्रभावितों के रहने खाने तथा अन्य नुकसान की भरपाई की जा सके। आपदा और बचाव कार्य पर 325 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। राज्य सरकार ने भारी बारिश के कारण हुए नुकसान के लिए भारत सरकार से तत्काल प्रारम्भिक  आंकलन के लिए अध्ययन दल भेजने को कहा है। राज्य सरकार के आग्रह पर केन्द्र से इंटर मिनिस्ट्रीयल सेंटर टीम शीघ्र आने का आश्वासन मिला है।
बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव के कार्य युद्धस्तर पर शुरु
अतिवृष्टि से प्रभावित मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा, शाजापुर, भिंड, श्योपुर, नीमच, दमोह, रायसेन, और अशोकनगर जिले में प्रभावितों के लिए राहत और बचाव के कार्य युद्धस्तर पर शुरु किए गए है। 
मंदसौर- मंदसौर में बाढ़ के कारण 12 हजार 800 लोग प्रभावित हुए हैं जिनमें से 10 हजार लोगों को राहत कैम्प में ठहराया गया है। पूरे जिले में 53 राहत कैम्प स्थापित किए गए हैं। शिविरों में कपड़ों,सोने और भोजन की पूरी व्यवस्था की गई है स्वयंसेवी संस्थाएं और नागरिक जिला प्रशासन के साथ सहयोग कर रहे हैं। आवागमन ठप्प हो जाने से मार्ग में फंसे 470 लोगों को राहत शिविरों में ठहराया गया जहाँ उन्हें सोने और भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। प्रभावित क्षेत्रों के रहवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। गाँधीसागर बाँध के आसपास के गांवों को खाली करवा लिया गया है। मदद के लिए मोबाइल नं. 7587969401 पर कोई भी व्यक्ति फोन करके सहायता प्राप्त कर सकता है। होमगार्ड के सैनिक नाव और बोट से निरंतर निगरानी रख रहे हैं।  
रतलाम- रतलाम जिले में अतिवृष्टि के हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एनडीआरएफ की मदद से लोगों को बचाने का काम मुस्तैदी से किया गया। बाजना विकासखंड के ग्राम भड़ानखुर्द के ग्रामीणों को सुरक्षित कैम्पों में पहुँचाया गया। इसी तरह ग्राम रोला के 250 ग्रामीणों को पड़ोस के ग्राम रिंगनोद में शिफ्ट किया गया। ग्राम रणायरागुर्जर के 300 नागरिकों को विभिन्न शासकीय भवनों में सुरक्षित पहुँचाया गया जहाँ उनके भोजन रहने आदि की व्यवस्था की गई थी। रणायरागुर्जर में बाढ़ में फंसे मांगीलाल तथा सावत्रीबाई को एनडीआरएफ की टीम ने निकाला और उन्हें राहत शिविर पहुँचाया। इसी तरह पिपलौदा में भी 4 व्यक्तियों को स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों की मदद से बचाया गया। 
आगर-मालवा-  भारी वर्षा के कारण आगर-मालवा की कंठाल नदी में जलस्तर बढ़ने से नगरीय क्षेत्र सोयत में लोगों के घरों में पानी भर गया। जिला प्रशासन ने तत्काल पुलिस-होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम के साथ बचाव कार्य  शुरु किया और 750 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। उनके खाने-पीने सोने आदि की व्यवस्था राहत शिविरों में की गई। जो नागरिक अपने घरों में बाढ़ के कारण फंसे हुए है उन लोगों को खाने-पीने तथा अन्य जरूरी सामान बोट द्वारा पहुँचाया गया। बाढ़ के कारण दुकानों और घरों को जो नुकसान पहुँचा है उसके लिए चार सदस्यीय टीम गठित की गई है। उन्होंने सर्वे का कार्य प्रारंभ कर दिया है। जल जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए विशेष स्वास्थ्य दल गठित किए गए है जो शिविर लगाकर लोगों को उपचार उपलब्ध करावा रहे हैं।
शाजापुर -शाजापुर जिले में बाढ़ प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने के लिए शासकीय भवनों में राहत-शिविरों को खोला गया है। प्रभावित क्षेत्रों पर निगरानी रखी जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं।
मुरैना संभाग - पार्वती और चंबल नदी में बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर बचाव कार्य शुरु कर दिया गया है। श्योपुर जिले में बाढ़ में फंसे 12 गांव के लोगों को राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। एक व्यक्ति जो बाढ़ में फंस गया था उसे भी सुरक्षित निकाला गया है। जिले के नदियों के समीप बसे 15 गांव जो नदियों के किनारे बसे है उनसे सतत् संपर्क रखा जा रहा है साथ ही सेना भी बुला ली गई है।  भिंड जिले में बाढ़ से निपटने के लिए आर्मी लॉ वन कॉलम दल को अटेर में तैनात किया गया है जो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा रहे है। भिंड जिले के ग्राम कोसड़ में स्थापित राहत शिविरों में लोगों को पहुँचाया गया है। मुरैना-भिंड और श्योपुर जिले में राहत और बचाव कार्य के लिए 50 एसएएफ, 10 एसडीआरएफ और  होमगार्ड के जवान तैनात किए गए हैं। पशुओं के इलाज के लिए भी चिकित्सकों को सेवा में लगाया गया है। 
दमोह- दमोह जिले में आज सुबह से बचाव के लिए तैनात टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने का काम कर रही है। राहत शिविरों में पूरे इंतजाम किए गए हैं। 
रायसेन- रायसेन जिले में बाढ़ के कारण हुए नुकसान पर सर्वे शुरु कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी जिले के प्रभावित गांव कायमपुर और निनोद गांव पहुँचे और उन्होंने बाढ़ प्रभावितों से मुलाकात कर अस्वस्त किया कि सरकार हर संभव मदद करेगी। 
अशोकनगर- अशोक जिले में बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फसलों, मकानों तथा अन्य नुकसानों के प्रारंभिक आंकलन का कार्य शुरु कर दिया है। आंकलन के बाद सभी प्रभावितों को आरबीसी 6-4 तहत सहायता उपलब्ध करवायी जाएगी।
Share:

मन्त्री हर्ष यादव ट्रेक्टर चलाकर पहुचे अपने विधानसभा क्षेत्र लोगो से मिलने, सड़को की हालत खराब



सागर । एमपी में सड़कों की  बेहतरी की खूब कहानियां है ।  लेकिन बारिश ने सड़को की पोल खोल दी है ।ऐसी ही एक तस्वीर कमलनाथ सरकार के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव के विधानसभा क्षेत्र देवरी में दिखी। जब मन्त्री ने  अपने विधानसभा क्षेत्र  देवरी से  ग्रामीण क्षेत्र में जाने  ट्रेक्टर का सहारा लिया और खुद ट्रेक्टर चलाते हुए पहुचे।
दरअसल पिछले दिनों  देवरी थाना क्षेत्र के सिरसा गांव में यह एक सड़क हादसे में दो महिलाओं सहित एक आठ माह के भ्रूण की मौत हो गई थी।
 मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री  व स्थानीय विधायक हर्ष यादव पीडितों के गांव ग्राम अरसी पहुंच गए।मंत्री हर्ष यादव ने पीडित परिवारों को हर संम्भव मदद का भरोसा दिया है।इस बहाने मन्त्री हर्ष यादव ने  ग्रामीण इलाकों में खासतौर से वारिश के बाद क्या हालात बने ?उनको भी देख लिया।
Share:

रेल से कटकर आत्महत्या की प्रेमी प्रेमिका ने ,प्रेमी शादीशुदा और लड़की नाबालिग

रेल से कटकर आत्महत्या की प्रेमी प्रेमिका ने ,प्रेमी शादीशुदा और लड़की नाबालिग
सागर । सागर जिले के गिरवर स्टेशन के पास रेल के इंजन से टकराकर प्रेमी प्रेमिका ने आत्महत्या कर ली । इसमे प्रेमी शादीशुदा है और लड़की नाबालिग है ।  पिछले दस दिन में  यह दूसरा हादसा है । पिछले दिनों ढाना के लड़के -लडक़ी ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या की थी ।
    सागर जिले के गिरवर रेल्वे स्टेशन पर बीती रात्रि घर से भागे एक प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के इंजिन से टकराकर  आत्महत्या कर ली ।सुबह स्टेशन से कुछ दूरी पर पड़े शवो को देखकर  लोगो ने पुलिस को सूचना दी। शव के पास मिले आधार कार्ड से मृतक की पहचान शहर के मकरोनिया थाना क्षेत्र अंतर्गत सेमरा बाग निवासी हेमंत पटेल के रूप में हुई है। वही नाबालिग लड़की भी यही की निवासी बतायी जा रही है ।लड़के की चार माह पूर्व शादी हुई थी।बताया जा रहा है कि शहर के मकरोनिया थाना क्षेत्र से यह लोग 4 दिनों से लापता है लड़की के परिजनों ने मामले में लड़की की गुमशुदगी भी मकरोनिया थाने में दर्ज करवाई थी ।वही पूरे घटनाक्रम में मकरोनिया पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है जिसने चार दिनों से लापता इस जोड़े की तलाश में रुचि नही दिखाई वही सागर जीआरपी के अमले ने भी घटना के 12 घण्टे बाद स्थल पर पहुंचने की जहमत उठाई ।
Share:

हिन्दी दिवस पर लोक सम्मान पर्व । हिंदी का हाजमा दुरुस्त ,कई भाषाओंके शब्द अपनाए:आचार्य जी

हिन्दी दिवस पर लोक सम्मान पर्व । हिंदी का हाजमा दुरुस्त ,कई भाषाओंके शब्द अपनाए:आचार्य जी

सागर।कला,साहित्य,संस्कृति एवं भाषा के लिए समर्पित ,श्यामलम्  संस्था ने हिन्दी दिवस पर  श्यामलम् लोक सम्मान पर्व 2019 एवं व्याख्यान माला का आयोजन किया गया।इसके अथिति और  भारत सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन दिल्ली में ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. मनोहर अगनानी. तथा कमिश्नर आनंद कुमार शर्मा थे।अध्यक्षता स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ.अजय तिवारी ने की। 
 ये हुए सम्मानित:
1कर्मशील जीवनसम्मान-श्री शिवशंकर केसरी
2संस्कृत सम्मान-पं.वासुदेवाचार्य द्विवेदी
3संस्कृति सम्मान-श्री जयंत विश्वकर्मा
4 चिकित्सा सम्मान-डॉ. अनिल खरे
5 निष्ठावान कर्मचारी सम्मान 
    - श्री धर्मेंद्र चौबे ,आरक्षक
6  आदर्श शिक्षक (शालेय ) सम्मान -श्रीआर.पी.अग्निहोत्री
7 रंगकर्मी सम्मान - श्रीआमजद खान 
8 ललित कला सम्मान - श्रीमती स्वाति हलवे 
9 श्रेष्ठ युवा सम्मान :कु. रजनी दुबे 
10 पत्रकारिता सम्मान- श्री गोविंद सरवैया 
11 उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान (उच्च शिक्षा)-
     डॉ. भावना यादव 
12 स्वामी विवेकानंद सम्मान-  श्री नीलरतन पात्रा
13 मानवता सम्मान- 
     श्रीमती  प्रतिभा अरजरिया ,बाल संजीवनी आश्रम रजाखेड़ी।
14 बुन्देली लोक सम्मान -श्री हरिशंकर हरि
15 अकादमिक एवं प्रशासनिक सम्मान- 
प्रो. जी. एल. पुणतांबेकर
    कार्यक्रम में   प्रो.सुरेश आचार्य ने कहा कि यह समय हिन्दी के अभ्युत्थान का है।हिन्दी का हाजमा बहुत दुरुस्त है।अंग्रेजी, अरबी,फारसी, उर्दू, संस्कृत के कई शब्द हिन्दी ने अपना लिए हैं।मुझे आश्चर्य नहीं कि निकट भविष्य में अंग्रेजी भी देवनागरी में लिखी जाने लगे।  कार्यक्रम  में . मनोहर अगनानी के लेख-संग्रह "एकांत की आहट" का विमोचन किया गया साथ ही.डा. अगनानी को "श्यामलम् हिन्दी सेवी सम्मान 2019" से विभूषित किया गया।
     कथाकार डा.सुश्री शरद सिंह ने विमोचित पुस्तक पर समीक्षा में  कहा कि डॉ. मनोहर अगनानी की पुस्तक  'एकांत की आहट' में संग्रहीत लेख संस्मरण एवं अनुभव के रूप में हैं जिनकी यह विशेषता है कि इन लेखों में राग-विराग, कटाक्ष, प्रसन्नता एवं दायित्वबोध आदि सब कुछ बड़े ही सहज ढंग से और सरल शब्दों में समाया हुआ है। 
    कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि वक्ता डा.मनोहर अगनानी ने हिन्दी दिवस व्याख्यानमाला के विषय"हिन्दी के विकास में अन्य भाषाओं की भूमिका" विषय पर प्रभावी  व्याख्यान देते हुए कहा कि हिंदी शब्द की उत्पत्ति सिंधी शब्द से हुई है। हिन्दी के नवजागरण काल में भारतीय संतों ने अपने अपने  क्रियाकलापों से हिन्दी के सम्बर्धन में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। हिन्दी फिल्मों ने भी पूरे विश्व मे हिन्दी का प्रचार  प्रसार किया है ।यदि हिन्दी भाषा को राज भाषा से राष्ट्र भाषा की और ले जाना चाहते हैं तो हमें  विज्ञान,तकनीक ,विधि और प्रशासन की भाषाई क्लिष्टता को दूर कर आत्मसात करना होगा। तभी हिंदी अपने उच्चतम विकास तक पहुँच सकेंगी।
          मुख्य अतिथि कमिश्नर सागर  आनंद कुमार शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी भाषा को सशक्त एवं ताकतवान बनाने के लिए मेरी दृष्टि में तीन अति महत्त्वपूर्ण कार्य करना होंगे ।
प्रथम है -आपसी बोलचाल और व्यवहार की भाषा हिन्दी बनायें।
द्वितीय है - हम ज्यादा से ज्यादा हिन्दी में ही लिखें। हर भाषा को ,प्रत्येक विषय को हिन्दी में ही लिखें।
तृतीय है- साहित्य सृजन में सभी भाषाओं  के अनुवाद और लेखन हिन्दी में ही करें।
अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय सागर के कुलाधिपति डॉ. अजय तिवारी ने हिन्दी को राजभाषा से राष्ट्रभाषा बनाए जाने की बात कही।
     अतिथियों द्वारा सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि व दीप प्रज्ज्वलन् उपरांत लेखिका संघ की अध्यक्ष सुनीला सराफ ने सरस्वती वंदना की।बुंदेली गायक शिवरतन यादव ने ध्रुव शुक्ल द्वारा रचित प्रकृति वंदना का गायन किया।श्यामलम्  के अध्यक्ष उमा कान्त मिश्र व हरी शुक्ला, कपिल बैसाखिया ,कुंदन पाराशर ने पुस्तकें व श्रीफल भेंट तथा श्यामलम् बैज  लगाकर अतिथियों का स्वागत किया
     प्रथम सत्र का संचालन सहा.प्रा.डॉ.अंजना चतुर्वेदी तिवारी तथा द्वितीय सत्र का संचालन कवयित्री डॉ. चंचला दवे व रमाकान्त शास्त्री द्वारा किया गया।श्यामलम् सचिव कपिल बैसाखिया ने आभार माना।
 डॉ महेश तिवारी, हरी सिंह ठाकुर,डा. शशि कुमार सिंह,आशीष ज्योतिषी,डा.श्याम मनोहर सीरोठिया,प्रदीप पाण्डेय, डा.सतीश पाण्डेय, सुमित दुबे, असरार अहमद,ऋषभ जैन, डा. आशीष द्विवेदी, डा.अमर जैन,डा. ऋषभ भारद्वाज, देवीसिंह राजपूत,डा.कविता शुक्ला,डा.छाया चौकसे व  राजेश पंडितने सम्मान पत्रों का वाचन किया
    कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुद्धजनों व नागरिकों, पत्रकारों की उपस्थिति रही जिनमें पंडित शम्भु दयाल पाण्डेय,डा.जीवनलाल जैन,पूर्व विधायक सुनील जैन,सुरेश सेठ,सुदेश तिवारी, के.के.सिलाकारी,संदीप तिवारी, जे.पी.पाण्डेय, गोवर्धन पटैरिया,मुन्ना शुक्ल,डॉ. छबील मेहेर,डॉ.नॉनिहाल गौतम,प्रो.उदय जैन, निर्मलचंद निर्मल,डॉ सुखदेव वाजपेयी, राजेन्द्र दुबे,डॉ रामरतन पाण्डेय,सिद्धार्थ शुक्ला, मणिकांत चौबे,डॉ.एन.पी.शर्मा,प्रभात कटारे, अम्बिका यादव ,के के तिवारी,गौरव राजपूत, डा.विनोद तिवारी,अभिषेक ऋषि, गोपीरंजन साक्षी,जी.एल.छत्रसाल,डा. प्रदीप चौहान, डा. ज्योति चौहान,हेमचंद जैन,के.एल.तिवारी, पूरन
सिंह राजपूत आदि शामिल हैं।


Share:

लोक अदालत।44 खण्डपीठों ने निपटाए 908 प्रकरण

लोक अदालत।44 खण्डपीठों ने निपटाए 908 प्रकरण
सागर । जिला एवं सत्र न्यायाधीश जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर  के पी सिंह के  नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। इस मौके पर  डी0के0 नागले विशेष न्यायाधीश ने कहा कि  लोक अदालतें प्रकरणों के निराकरण का सबसे सुलभ व सस्ता माध्यम है। लोक अदालतों के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण शीघ्र होने से आम जन में कानून के प्रति आस्था बढ़ रही है, और समाज में सौहार्द्र पूर्ण माहौल निर्मित हो रहा है।
नेशनल लोक अदालत हेतु संपूर्ण जिले मंे 44 खण्डपीठों का गठन किया गया जिसमें न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 352 प्रकरण एवं प्री-लिटिगेशन के 556 प्रकरण निराकृत किए गए। 
        जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, सागर की सचिव, श्रीमती विधि सक्सेना ने  बताया गया कि मोटर दुर्घटना के 63 प्रकरणों का निराकरण कर क्षतिपूर्ति राशि रूपये 8172850/-  के अवार्ड पारित किए गए,  चैक बाउंस के 82 प्रकरण, आपराधिक प्रकृति के 31 प्रकरण, विद्युत के 56 प्रकरण, पारिवारिक विवाद के 44 प्रकरण तथा दीवानी एवं अन्य प्रकृति के 76 प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिसमें 8172850/- रूपये पक्षकारों को क्षतिपूर्ति के रूप में दिलाई गई है। विभिन्न बैंकों के 130 प्रकरण, विद्युत विभाग के 144 प्रकरण एवं नगर निगम के 282  प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण भी इस अवसर पर हुआ जिसमें रूपये 5781909/- का राजस्व प्राप्त हुआ।
। 
एक विशेष प्रकरण के रूप में ग्राम रूसल्ला, तहसील एवं जिला सागर निवासी किसान रघुराज सिंह के द्वारा ट्ेक्टर क्रय करने के लिए सेन्ट्ल बैंक आॅफ इंडिया शाखा मीरखेड़ी, जिला सागर से दिनांक 31.03.2008 को राशि रूपये 344000/- का लोन लिया था जो समय पर न चुकाने से ब्याज सहित कुल ऋण राशि रूपये 561000/- किसान पर थी जिसकी वसूली के लिये बैंक द्वारा दावा प्रस्तुत किया गया था, लगभग 10 वर्ष पुराने इस विवाद को सुलझाने के लिये पीठासीन अधिकारी एवं सदस्यों के द्वारा किसान और बैंक के बीच आपसी सुलह करायी गयी, जिस पर बैंक के द्वारा केवल राशि रूपये 168000/- प्राप्त करने के लिये समझौता कर किसान को राहत प्रदान की गई।
कार्यक्रम में न्यायाधीशगण  रामविलास गुप्ता ए.डी.जे., मनोज कुमार सिंह ए.डी.जे., श्रीमती दीपाली शर्मा ए.डी.जे.,  पंकज यादव ए.डी.जे., श्रीमती नीतूकांता वर्मा ए.डी.जे.,  विवेक शर्मा ए.डी.जे., मुकेश कुमार ए.डी.जे., श्री नवनीत कुमार वालिया ए.डी.जे.,  सुरेश कुमार सूर्यवंशी ए.डी.जे., राकेश कुमार ठाकुर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सहित समस्त न्यायिक मजिस्ट्रेट, अनुज कुमार चन्सौरिया, जिला विधिक सहायता अधिकारी, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अंकलेश्वर दुबे, सचिव, बी.के. यादव सहित जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारीगण एवं अधिवक्तागण, बीमा कंपनियों के अधिकारीगण, बैंक, विद्युत एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
Share:

छोटे तालाब में बड़ा हादसा और नेताओं, मीडिया का पीपली लाइव ....

छोटे तालाब में बड़ा हादसा और नेताओं, मीडिया का पीपली लाइव ....

( सुबह सवेरे में ग्राउंड रिपोर्ट )

ब्रजेश राजपूत, एबीपी न्यूज, भोपाल

रोज की तरह उस दिन भी जल्दी ही उठ गया था, उठते ही अंधेरे में ही मोबाइल में वाटस अप पर आये मैसेज चैक भी कर लिये थे। कहीं से कोई वैसी खबर नहीं थी जिससे सिर के बाल खडे हो जायें। तैयार होकर सुबह की सैर पर जा ही रहा था कि मोबाइल की घंटी बजी हमोर अभिषेक का फोन था सर खटलापुरा में बडा हादसा हो गया है नाव डूबने से बहुत सारे लोग डूब गये हैं रीजनल चैनल चलाने भी लगे हैं ये खबर। बस इस एक फोन ने नींद दूर कर दी और अगले कुछ मिनिटों में खबर की पक्की जानकारी लेकर आफिस को बताया और थोडी देर बाद ही हम अपनी कैमरा टीम के साथ खटलापुरा पहुंच चुके थे जहां तूफान के बाद की शांति या कहें कि मुर्दनी सी छायी थी। सुबह साढे चार बजे का हादसा था जब पिपलानी के गणेश मंडल की विशाल प्रतिमा को दो नावों में विसर्जन के दौरान ले जाया गया तो संतुलन बिगडने से दो नाव डूब गयीं और उनमें सवार सत्ररह में से ग्यारह लोग डूब गये। छह लोगों को पास आयी नाव और एक बहादुर तैराक नितिन बाथम ने बचा लिया था। चूंकि हादसा तडके सुबह का था इसलिये हम टीवी वाले जब तक पहुंचते घटनास्थल पर गहमागहमी खत्म हो चुकी थी। तालाब में डूबे शव हमीदिया अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिये भेजे जा चुके थे। घाट के किनारे पर पुलिस होमगार्ड के जवान और नगर निगम के कर्मचारी खडे हुये थे और इन सबके साथ थे ढेरों तमाशबीन जो हादसे की खबर मिलने पर बरसते पानी में भी चले आ रहे थे। सबसे पहले हमें मिले भोपाल के सर्वसुलभ जनप्रतिनिधि और मंत्री पीसी शर्मा जो विधायक आरिफ मसूद के साथ उनकी गाडी में बैठकर हमीदिया जा रहे थे जहां उनकी पार्टी के बडे नेता पहुंचने लगे थे। ऐसे में उनका वहां पहले पहुंचना जरूरी था। जल्दबाजी में पीसी शर्मा ने हमें अपने रूकते ठहरते अंदाज में बताया कि घटना बहुत दुखद है हम जांच के आदेश देने जा रहे हैं मरने वाले के परिजनों को राहत का ऐलान हो गया है। अब जाने दीजिये और मंत्री जी रवाना हो गये। उधर घाट के किनारे पर थोडी बहुत अफरातफरी थी मगर तालाब में नजारा अलग था। यहां पर एनडीआरएफ की चार मोटर बोट पानी में उतरी हुयीं थीं ओर उनमें से तीन पर हमारे मीडिया के साथी सवार थे जो दुर्घटना के बाद बचाव कार्य कैसे चल रहा है इसकी नान स्टाप कवरेज कर रहे थे उनमें से कुछ लाइव बुलेटिन पर जुडे हुये थे। मास्क पहन कर गोताखोर नीचे जा रहे थे ओर उपर आने पर हमारे साथियों को साउंड बाइट में नीचे का हाल बता रहे थे। उसी बोट मे पुलिस के एक बडे अधिकारी जो अपनी फिटनेस और मीडिया कवरेज के लिये जाने जाते हैं हम मीडिया वालां को बता रहे थे कि नीचे जो दो बोट डूबी हैं उनमें कुछ शव फंसे हो सकते है, उनको खोजने के प्रयास हम कर रहे हैं। मगर घाट पर खडे एक प्रशासनिक अधिकारी हमें बता चुके थे कि जितने लोग डूबे थे सबको निकाल लिया है सबकी शिनाख्त हो गयी है ओर  बचे हुये लोग ऐसे किसी का नाम नहीं बता पा रहे जो नहीं मिल रहा हो फिर ये तालाब में क्या हो रहा है उस पर उन्होंने हंसकर कहा आप जानते हैं ये आप लोगों के लिये हो रहा है। हमारे सभी साथी नाव पर रिपोर्टिंग का अनुभव ले रहे थे हम भी एक नाव में चढे और बचाव कार्य कैसे और क्यों चल रहा है ये बताते हुये निकले क्योंकि टीवी रिपोर्टिंग में कौन सा इनपुट क्लिक हो जाये ये कोई नहीं जानता इसलिये कुछ साथी मोटरबोट में बैठकर ही लाइव कर रहे थे और निश्चित ही टीवी के लिये वो अलग नजारा था जब रिपोर्टर पानी के बीच हो ओर दो तीन नावों में बचाव कार्य चल रहा हो। ये अलग बात है कि हमारे स्टिल फोटोग्राफर इस नजारे को देखकर बहुत हैरान थे कि ये क्या हो रहा है क्यों हो रहा है सारी बाडी तो निकल गयीं फिर ये मशक्कत क्या कवरेज के लिये ही। मगर हम टीवी के साथी इससे बेपरवाह अपने काम में मशगूल थे। उधर पिपलानी के सौ क्वार्टर में भी गहमागहमी जोरों पर थी। ये वही इलाका था जहां के ये सारे लोग थे जो हादसे का शिकार हुये। इस बस्ती पर जैसे बिजली सी गिरी हो इसका अहसास यहां आते ही हो रहा था। छोटी सी संकरी संकरी गलियों के बीच जो बडा पार्क था वहीं पर बने चबूतरे पर गणेश प्रतिमा की स्थापना की गयी थी और एक रात पहले ही विसर्जन के लिये यहां रहने वाले परिवारों के युवक निकले थे जाना था उनको हथाईखेडा मगर जा पहुंचे खटलापुरा। इस बस्ती में अधिकतर भेल के मजदूरों के परिवार थे जो एक पीढी आकर पहले ही यहां बसे थे। बस्ती के मकान एक दूसरे से सटे ओर बेहद छोटे थे। हादसे में मारे गये विशाल के घर के पास ही उसके साथी रोहित का पानी में डूबा घर था। जहां लोग उसकी मां ओर बार बार गश खाकर बेहोश हो रहे पिता को मुश्किल से संभाल रहे थे। इस छोटी सी बस्ती में पुलिस नगर निगम के लोगों के बीच में नेताओं की चहलपहल चरम पर थी। भोपाल की सांसद अस्त व्यस्त से भगवा कपडों में घर घर जाकर परिवार की महिलाओं के गले लगकर उनका दुख बांट रहीं थी तो पीसी शर्मा यहां पहुंचे हुये थे ही और मंत्री जयवर्धन सिंह भी यहां आकर ऐसे मौकों पर क्या और कैसे लोगों का दुख बांटे सीखने की कोशिश करते दिखे। मगर गम के इन मौकों पर आंसू पोंछने में सिदधहस्त है शिवराज, जो यहां सबसे पहले आकर रूंधे गले ओर भरी आंखों से जो भी सामने दिख रहा था उसके सिर पर हाथ रखकर सांत्वना दे रहे थे। मगर यहां जिसकी कमी खल रही थी वो थी सीएम कमलनाथ जो वाल्मी के हाल में उसी वक्त मानवाधिकार दिवस पर जल का अधिकार गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे ऐसे में मुझे बाबूलाल गौर साब याद आये जो 2004 में जब सी एम थे तब सुखी सेवनिया में हुयी रेल दुर्घटना में मारे गये भोपाल के बारह युवकों के घर उसी दिन शाम को जा पहुंचे थे जिसकी सुबह उन्होंने अपने जवान बेटे की अंत्येष्टि की थी। 

(
Share:

Archive