150 यूनिट मासिक खपत वाले सभी घरेलू
बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगा इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ
जबलपुर । मध्यप्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा स्थायी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए इंदिरा गृह ज्योति योजना के लाभ को विस्तारित किया गया है। अब 150 यूनिट मासिक खपत वाले प्रदेश के सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ मिलेगा। प्रदेश में लागू 'इंदिरा गृह ज्योति योजना' को 'संबल योजना' से असंबद्ध कर दिया गया है। प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा जारी परिपत्र में प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इंदिरा गृह ज्योति के लाभ का विस्तार नए प्रावधानों के साथ लागू कर उपभोक्ताओं को इसका लाभ दे। योजना का संशोधित स्वरूप 1 सितंबर 2019 एवं इसके बाद प्रारंभ होने वाले आगामी बिलिंग चक्र से लागू होगा।
तिथियों के बीच के अंतर के आधार पर आनुपातिक मासिक खपत पात्रता
प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग के परिपत्र के अनुसार 'इंदिरा गृह ज्योति योजना' का लाभ ऐसे सभी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को दिया जाए, जिनकी मासिक खपत 150 यूनिट तक हो। इस हेतु दो रीडिंग की तिथियों के बीच के अंतर के आधार पर आनुपातिक मासिक खपत पात्रता के रूप में निर्धारित करने के निर्देश प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों को दिए हैं। उदाहरण के लिए 27 दिन की रीडिंग होने पर पात्रता हेतु मासिक खपत 135 यूनिट होगी एवं 35 दिन में रीडिंग होने पा पात्रता हेतु मासिक खपत 175 यूनिट होगी। उपर्युक्तानुसार प्रत्येक मासिक रीडिंग हेतु निर्धारित मासिक खपत 'पात्रता यूनिट' मानी जाएगी।
100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रूपए का बिल
इंदिरा गृह ज्योति योजना में उपर्युक्तानुसार 'पात्रता यूनिट' तक खपत करने वाले पात्र बिजली उपभोक्ताओं को प्रथम 100 यूनिट तक की खपत पर अधिकतम 100 रूपए का बिल दिया जाएगा एवं 100 यूनिट खपत हेतु मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दर से गणना किए गए बिल तथा 100 रूपए के अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी।
100 यूनिट से अधिक खपत के कारण नियत प्रभार में वृद्धि होने पर अंतर की राशि हितग्राही स्वयं विद्युत वितरण कंपनी को चुकाएगा
परिपत्र के अनुसार हितग्राही बिजली उपभोक्ता द्वारा किसी माह में 100 यूनिट से अधिक परन्तु 'पात्रता यूनिट' तक उपयोग की गई खपत पर प्रथम 100 यूनिट के लिए देय राशि 100 रूपए होगी, जिसमें मीटर किराया व विद्युत शुल्क भी शामिल होंगे। 100 यूनिट से अधिक एवं पात्रता यूनिट की सीमा तक शेष यूनिटों के लिए मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी प्रचलित टैरिफ आदेश में निर्धारित दर के अनुसार बिल देय होगा। 100 यूनिट से अधिक खपत के कारण नियत प्रभार में वृद्धि होने पर तत्संबंधी अंतर की राशि हितग्राही द्वारा स्वयं विद्युत वितरण कंपनी को देय होगी।
'पात्रता यूनिट' से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं मिलेगा
परिपत्र में स्पष्ट किया गया है कि किसी माह में 'पात्रता यूनिट' से अधिक खपत होने पर उपभोक्ता को उस माह में योजना का लाभ नहीं मिलेगा एवं उसकी पूरी खपत पर मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों से बिल विद्युत वितरण कंपनियों द्वारा दिया जाएगा।
योजना के अंतर्गत एलवी श्रेणी 1.1 के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक की मासिक खपत हेतु देयक मात्र 25 रूपए होगा, जिसका इकठ्ठा बिल तीन/चार महीनों में दिया जाएगा, और अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों को सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। ऐसे उपभोक्ताओं की मासिक खपत 30 यूनिट से अधिक होने पर उन्हें परिपत्र के प्रावधानों के अनुरूप अन्य उपभोक्ताओं के समान मासिक बिल दिया जाएगा, जिसमें विगत ऐसे माह/ माहों की 30 यूनिट तक के देयक की 25 रूपए प्रति माह की राशि बिना किसी अधिभार के शामिल की जाएगी, जिनके लिए बिल दिया जाना शेष है।
अन्य सब्सिडी समाप्त होंगी-प्रदेश शासन के ऊर्जा विभाग द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वॉट तक के संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के बिलों की गणना विद्युत नियामक आयोग द्वारा टैरिफ आदेश में निर्धारित एलवी 1.2 की उप श्रेणी (ii) के अनमीटर्ड संयोजन के लिए लागू दर से की जाएगी। इंदिरा गृह ज्योति योजना के समावेशी स्वरूप में लागू होने के पश्चात् घरेलू उपभोक्ताओं का दी जा रही अन्य सब्सिडी समाप्त करने के निर्देश विद्युत वितरण कंपनियों को दिए गए हैं।
इस योजना के अंतर्गत जारी किए जाने वाले बिल (स्पॉट बिल को छोड़ कर) अलग रंग में छापे जाएंगे और बिल में शासन द्वारा प्रदत्त सब्सिडी का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा। विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देश दिए गए हैं कि विद्युत शुल्क का स्लैब 100 यूनिट पर परिवर्तित होता है, अत: रीडिंग की तिथियों के बीच के अंतर से इसे न जोड़ते हुए पूर्ववत प्रथम 100 यूनिट हेतु 9 प्रतिशत की दर से तथा 100 यूनिट से अधिक खपत होने पर 12 प्रतिशत की दर से विद्युत शुल्क लागू होगा।