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रक्तदान शिविर का आयोजन

रक्तदान शिविर का आयोजन         

सागर । किसी जरूरतमंद को रक्तदान करना जीवन दान देने के बराबर होता है इसी के विचार के अंतर्गत सागर की 3 संस्थाओं इंसानियत इक राह फाउंडेशन,सागर के रक्तदाता और TOGETHER for humanity  संस्थाओं के तत्वाधान में रक्त केंद्र जिला चिकित्सालय की टीम  निगरानी में जिन्नत गार्डन तिलक गंज वार्ड में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया जिसमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूर्ण रुप से पालन करते हुए 20 से अधिक युवाओं ने रक्तदान कर अपना सहयोग दिया।रक्तदाता शिविर में अब्दुल जावेद, उमर खान, इरशाद खान नैतिक चौधरी, शैंकी खान,जुबैर खान,शोएब कुरैशी,अमान उल इस्लाम ,नफीस खान ,अरशद खान(शानू), सादान खान,दानिश खान,नफीस कुरैशी,सुमित करोसिया अन्य सभी साथी उपस्थित रहे !
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खग्रास चंद्रग्रहण कल, दिखेगा सुपर फ्लावर ब्लड मून, बुध का भी होगा गोचर @ प्रीति द्विवेदी

खग्रास चंद्रग्रहण कल, दिखेगा सुपर फ्लावर ब्लड मून, बुध का भी होगा गोचर

@ प्रीति द्विवेदी

भोपाल। 26 मई का दिन कई मायनों में खास होने वाला है। इस दिन कई विशेष योग बन रहे हैं। कल यानि बुधवार को वैशाख पूर्णिमा के साथ—साथ बुध राशि का परिवर्तन भी होने जा रहा है। बुध, वृष राशि से अपनी स्वराशि मिथुन में प्रवेश करेंगे। इसी दिन खग्रास चंद्रग्रहण भी है। जिसमें खगोलीय घटना सुपर फ्लावर ब्लड मून भी दिखाई देगा। परन्तु यह चंद्रमा पूर्वी क्षितिज के नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में दिखाई नहीं देगा।

क्या है सुपर फ्लावर ब्लड मून 
चंद्रग्रहण के कारण बुधवार को सुपर फ्लावर ब्लड मून की घटना होगी। हालांकि भारत में चंद्रमा पूर्वी क्षितिज से नीचे रहने से देश के कई हिस्सों में ब्लड मून दिखाई नहीं देगा। जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो इस घटना को चंद्र ग्रहण कहते हैं। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया से चंद्रमा की रोशनी छिप जाती है। फलस्वरूप जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है तो चंद्रमा ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। जब चंद्रमा, पृथ्वी के पास धीरे-धीरे पहुंचता है तो वह ज्यादा चमकीला दिखाई देने लगता है। फलस्वरूप उसका आकार भी बड़ा दिखाई देता है। कुछ जगहों से देखने पर यह अलग-अलग रंगों में दिखाई देता है। इस घटना को सुपर फ्लावर ब्लड मून कहा जाता है।


बुध का होगा गोचर

पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार ग्रहों में राजकुमार कहे जाने वाला ग्रह बुध 26 मई को यानि कल सुबह 8:55 बजे अपनी स्वराशि मिथुन में गोचर करेगा। पांच दिन बाद यानि 30 मई को सूर्योदय पूर्व तड़के 4:05 बजे वक्री हो जाएगा और 3 जून को सूर्योदय पूर्व रात्रि में 2 बजकर 11 मिनट पर वक्री अवस्था में पुन: वृष राशि में लौट आएगा। इस प्रकार 9 दिनों में वापस मिथुन से वृषभ राशि में आ जाएगा। संयोग की बात यह है कि 3 जून को ही सुबह 6:14 बजे बुध पश्चिम में अस्त भी हो जाएगा। इसके बाद 7 जुलाई को सुबह 11:05 बजे फिर से मिथुन राशि में गोचर करेंगे। 

परिवर्तन का रहेगा असर 
बुध के इन परिवर्तनों से प्रकृति, पर्यावरण, मौसम और मनुष्यों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ेगा। लोगों के कार्यों को गति मिलनी शुरू हो जाएगी। रोगों पर लगाम लग सकती है। इससे लोगों की वाणी में मधुरता आएगी। आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। इसी के साथ मौसम में भी तेजी से बदलाव आएगा। सूरज की तपिश भी बढ़ सकती है। आंधी, तूफान, बारिश, वायुयान दुर्घटना की आशंका भी बनी रहेगी।

वैशाख स्नान का होगा समापन 
पिछले एक माह से वैशाख का स्नान कर रहे श्रद्धालु वैशाख पूर्णिमा के साथ इसका समापन करेंगे। पूर्णिमा तिथि 25 मई को रात्रि 8:31 बजे से प्रारंभ होकर 26 मई को शाम 4:45 बजे तक रहेगी। वैशाख स्नान के समापन पर विधिवत भगवान श्री विष्णु—लक्ष्मी का पूजन करके ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान-दक्षिणा देना चाहिए।

बुद्ध और कूर्म जयंती भी 
बुधवार को बुद्ध जयंती और कूर्म जयंती भी है। इसी दिन अकाल मृत्यु और रोगों से मुक्ति के लिए यम के निमित्त जलकुंभ का दान किया जाता है। एक मिट्टी के कुंभ में जल भर कर दान देने से अकाल मृत्यु की आशंका टल जाती है।
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साग़र झील के जीर्णोद्धार का काम ढीला , मन्त्री हुए नाराज ★बारिश के पहले पूरा नही हुआ तो अधिकारी एवं ठेकेदार की जवाबदेही तय होगी : परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत

साग़र झील के जीर्णोद्धार का काम ढीला , मन्त्री हुए नाराज
★बारिश के पहले पूरा नही हुआ तो  अधिकारी एवं ठेकेदार की जवाबदेही तय होगी : परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत


सागर । साग़र की पहचान ऐतिहासिक साग़र झील है। इसके जीर्णोद्धार के करीब सौ करोड़ रुपये के कार्य चल रहे है। काम शुरू करने के लिए इस तालाब का पानी सुखाया गया और बाहर निकाला गया। लेकिन कामो की धीमी गति के कारण इसका जीर्णोद्धार अब कठिन होता जा रहा है। क्योंकि बरसात आने वाली है। दर्जनो डोजर डंपर, जेसीबी मशीन आदि इस तालाब में दौड़ रही है। सभी जनप्रतिनिधि, विपक्षी दल और अधिकारी इसकी चिंता जता चुके है। 
अब आशंका बन रही है कि सीएम शिवराज सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट कही बारिश के चलते डेथ प्रोजेक्ट में न बदल जाये।
आज परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने इस झील के कामो का निरीक्षण किया और 20 दिन के भीतर इसे पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ कहा कि काम मे देरी हो रही है। इसकी जवाबदेही तय की जाएगी।इस दौरान मन्त्री ने धीमे कामकाज को लेकर फटकारा भी। 

एबीपी न्यूज़
कोरोना की तीसरी लहर की आहट..बच्चों पर घातक असर की संभावना..PWD मन्त्री #गोपाल #भार्गव ने बनवाया चाइल्ड कोविड केयर सेंटर..सुविधायो को लेकर आया चर्चा में


मंत्री  राजपूत ने कहा कि लाखा बंजारा झील सागर वासियों की जन भावनाओं से जुड़ी हुई है और सागर वासियों की जन भावनाओं  से  खिलवाड़ नहीं  करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सागर झील को   पुराने स्वरूप मैं  लाना शासन का सपना है। जिसको समय सीमा में पूर्ण करना है । मंत्री श्री राजपूत ने झील का कार्य बहुत ही धीमी गति से होने पर  ठेकेदार सहित इंजीनियरों को फटकार लगाई और कहा कि जो चल रहा है वह चिंताजनक है ।उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार द्वारा समय सीमा में कार्य पूर्ण नहीं किया जाता है तो मुख्यमंत्री श्री चौहान से बात कर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा ।
उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी प्रतिदिन मानिटरिंग करें और ठेकेदार द्वारा संसाधनों की बढ़ोतरी कर 24 घंटे कार्य किया जावे । मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि झील सुंदरीकरण के लिए पैसों की कमी नहीं आने दी जाएगी।


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अभी तक45 फीसदी काम पूरा

निरीक्षण के दौरान मौजूद ठेकेदार ने बताया कि अभी तक 45 - 50 फीसदी काम ही पूरा हुआ है। यहां मीडिया कर्मियों का कहना था कि  कई महीनों में अभी तक 50 फीसदी ही काम हुआ है तो मात्र 20 दिनों में जैसे बाकी काम काम  पूरा होगा ?  इसक जवाब किसी के पास नही था। हालांकि जब मन्त्री जी ने कहा कि संसाधन और अधिक बढ़ाये और लोगो की संख्या बढा दे तो जवाब मिला कि पर्याप्त  मशीनरी संसाधन है  और काम पर लगे हुए है। 


ये रहे मौजूद

इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री हरवंश सिंह राठौर , कमलेश बघेल,  नगर निगम कमिश्नर   आर पी अहिरवार, स्मार्ट सिटी के सीईओ श्री राहुल सिंह राजपूत  सहित  इंजीनियर एवं अन्य अधिकारी मौजूद थे ।


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वैशाख शुक्ल पूर्णमासी, 26 मई खग्रास चंद्रग्रहण ★ पंडित अनिल पांडेय


वैशाख शुक्ल पूर्णमासी,  26 मई  खग्रास चंद्रग्रहण

★ पंडित अनिल पांडेय

वैशाख शुक्ल पूर्णमासी, दिनांक 26 मई 2021 को लगने वाला खग्रास चंद्रग्रहण।
यह विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है । हम इस विषय के प्राचीन परंपरावादी आधुनिक वैज्ञानिक सभी तरह की विचारधाराओं की सम्मिलित चर्चा करेंगे।
साथियों मैं आपको बताना चाहूंगा की वर्ष 2021 में विश्व में 4 ग्रहण होंगे । दो सूर्य ग्रहण तथा दो चंद्र ग्रहण ।सबसे पहले 26 मई 2021 को खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा । यह चन्द्र ग्रहण चंद्रोदय के समय आंशिक रूप से भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भाग में और पश्चिम बंगाल के कुछ भाग में ही देखा जा सकेगा । अगर हम विश्व की बात करें तो इस ग्रहण का प्रारंभ चंद्रास्त के समय अमेरिका और कनाडा के पूरी भाग से देखा जा सकेगा । ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय हिंद महासागर ,श्रीलंका ,भारत के सुदूर पूर्वोत्तर भाग , चीन और रूस से भी देखा जा सकेगा । भारतीय समय के अनुसार ग्रहण का प्रारंभ दिन में 3:15 पर मध्य  से 4:49 पर तथा मोक्ष शाम 6:30 पर होगा ।यह खग्रास चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया जापान कोरिया रूस आदि से भी देखा जा सकेगा ।
भारतवर्ष की जिन स्थानों पर चंद्रोदय 6:00 बज के 22 मिनट से पहले होगा वहां यह चंद्र ग्रहण दिखाई देगा । मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चंद्रोदय रात 7:16 पर होगा इसलिए ग्रहण मध्यप्रदेश में दिखाई नहीं देगा और यहां पर सूतक भी नहीं लगेगा।
ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के समय चंद्रमा अनुराधा नक्षत्र एवं वृश्चिक राशि में रहेगा । मिथुन कर्क कन्या मकर एवं कुंभ राशि के लिए यह ग्रहण शुभ , वृष तुला और मीन राशि के लिए मिश्रित फलदाई है तथा मेष सिंह वृश्चिक और धनु राशि के लिए अशुभ फलदाई है ।
 एक  बात हम और जान ले कि सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन तथा चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णमासी  को लगता है।
 हम सबसे पहले ग्रहण के आधुनिक मत की चर्चा करेंगे। हम सभी जानते हैं कि सौर मंडल के पृथ्वी समेत सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर चक्कर काटते हैं । चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है ।अतः यह पृथ्वी के चारों ओर चक्कर काटता है। इस दौरान आधुनिक विज्ञान के अनुसार एक समय ऐसा आता है जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक लाइन में होते हैं तथा पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है । जिसके कारण सूर्य की किरणों चंद्रमा पर नहीं पहुंच पाती है और चंद्रमा दिखाई देना बंद हो जाता है। । इसी क्रिया को पूर्ण चंद्रग्रहण कहते हैं । कई बार चंद्रमा का कुछ हिस्सा तो नहीं दिखाई देता है परंतु कुछ हिस्सा दिखाई देता है ऐसे ग्रहण को खग्रास ग्रहण कहते हैं । जैसा कि 26 मई 2021 को होगा ।
  आपको मैं यह भी बताना चाहूंगा की खगोल शास्त्रियों नें गणित से निश्चित किया है कि 18 वर्ष 18 दिन की समयावधि में 41 सूर्य ग्रहण और 29 चन्द्रग्रहण होते हैं। एक वर्ष में अधिकतम 5 सूर्यग्रहण तथा 2 चन्द्रग्रहण तक हो सकते हैं।
 अब हम पारंपरिक पौराणिक मान्यता के संबंध में चर्चा करेंगे। मत्स्य पुराण  और स्कंद पुराण  मैं देव और दानवों के द्वारा ।समुद्र मंथन का उल्लेख आता है। मत्स्य पुराण के 291 अध्याय के श्लोक क्रमांक 1 से 15 के बीच में देवता बनकर अमृत पी रहे राहु के सिरको काटे जाने का उल्लेख मिलता है ।
 इस कथानुसार समुद्र मंथन के दौरान अंत में भगवान धन्वंतरि अपने कमंडल में अमृत लेकर प्रकट हुए और इस अमृतपान को लेकर देवों और दानवों के बीच विवाद हुआ । इसको सुलझाने के लिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। और भगवान विष्णु ने देवताओं और असुरों को अलग-अलग लाइन में बिठा दिया। लेकिन राहु छल से देवताओं की लाइन में आकर बैठ गए और अमृत पान कर लिया। देवों की लाइन में बैठे चंद्रमा और सूर्य ने राहू को ऐसा करते हुए देख लिया। इस बात की जानकारी उन्होंने भगवान विष्णु को दी, जिसके बाद भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से राहू का सर धड़ से अलग कर दिया। लेकिन राहू ने अमृत पान किया हुआ था, जिसके कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसके सर वाला भाग राहू और धड़ वाला भाग केतू के नाम से जाना गया। इसी कारण राहू और केतु सूर्य और चंद्रमा को अपना शत्रु मानते हैं और पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को ग्रस लेते हैं। इसलिए चंद्र ग्रहण होता है।
उपरोक्त बातें पुराणों में लिखी है परंतु कब लिखी गई है इसका पता नहीं है। संभवत यह पुराणों में मुगल काल में हुए बदलाव के दौरान लिखी गई हैं। आधुनिक विज्ञान के अनुसार हम जानते हैं कि यह सब कपोल कल्पना है।
मुस्लिम धर्म ग्रंथों में भी ग्रहण का उल्लेख मिलता है । हदीस में कहा गया है कि जब भी सूरज और चांद ग्रहण लगे तो घर में रहो  नमाज पढ़ो और दुआ करते रहो। यह भी कहा गया है कि यह  ग्रहण खुदा द्वारा अपनी ताकत बताया जाने के लिए किया जाता है ।
ऐसा बुखारी साहब ने अपने हदीस के खंड 2 में तथा पैरा 1240 में लिखा है।
ईसाई धर्म में चंद्र ग्रहण को ईश्वर के गुस्से का प्रतीक बताया है।
हिंदू धर्म के मूल ग्रंथ वेद में भी ग्रहण के बारे में उल्लेख है। वैदिक काल के ऋषि अत्री ग्रहण विज्ञान के पहले शोधकर्ता ऋषि थे । ऋषि अत्री ने ही सर्वप्रथम ग्रहण के बारे में वेदों में अपनी ऋचाएं लिखी हैं। ऋग्वेद के पांचवें मंडल  के 40 वें सुक्त बताया गया है ऋषि अत्री ने देवताओं को  ग्रहण से मुक्ति दिलाई अर्थात उन्होंने देवताओं को ग्रहण से मुक्ति के समय को गणना कर बताया।
ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद में राहु और केतु का उल्लेख नहीं है । लेकिन अथर्ववेद में केतु का उल्लेख मिलता है । केतु का स्वरूप पुच्छल तारे से मिलता जुलता है।
महाभारत की जयद्रथ वध कथा में सूर्य ग्रहण का उल्लेख मिलता है।
यह चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि पर लग रहा है ।अतः सबसे ज्यादा असर वृश्चिक राशि पर ही होगा । चूकीं यह चंद्र ग्रहण भारत के अधिकांश क्षेत्र में  नहीं दिखेगा अतः इसका असर भी भारतवर्ष के नागरिकों पर बहुत कम होगा ।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को घर से निकलना वर्जित है । इसका कारण संभवत यह है कि उस समय निकलने वाली किरणें  बच्चे के ऊपर खराब असर डाल सकती हैं। चंद्र ग्रहण का असर पशु पक्षियों पर भी पड़ता है और वे इस समय अजीब अजीब व्यवहार करते हैं । जैसे ग्रहण के दौरान मकड़िया अपने जाले को तोड़ना प्रारंभ कर देती है तथा ग्रहण समाप्त होते ही फिर से बनाना प्रारंभ कर देती है ।। पक्षी अचानक अपने घोसले की तरफ लौटने लगते हैं ।
अंत में मैं कहना चाहूंगा कि चंद्र ग्रहण एवं सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और उससे निकलने वाले रश्मिओं का असर मानव एवं पशु पक्षी पर पड़ता है। परंतु इतना नहीं होता है कि उससे हमको डरना चाहिए । हां आवश्यक सावधानियां लेना चाहिए।


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कोरोना बहरूपिया वायरस है.... कही से भी घुस जाता है....सीएम शिवराज सिंह ★ एक जून से अनलॉक की प्रक्रिया धीरे धीरे खुलेगा प्रदेश, लेकिन सख्ती जारी रहेंगी ★ तीसरी लहर के मद्देनजर कोविड केयर सेंटर बन्द नही होंगे, एक साल तक चलायेगे ★ निवाड़ी ,पन्ना का काम अच्छा, छत्तरपुर में वेक्सीनेशन बढाने की जरूरत ★ वेक्सीनेशन से जुड़ी शिकायतो पर होगी चर्चा ★साग़र सम्भाग की कोरोना संक्रमण की हुई समीक्षा

कोरोना बहरूपिया वायरस है.... कही से भी घुस जाता है....सीएम शिवराज सिंह
★ एक जून से  अनलॉक की प्रक्रिया धीरे धीरे खुलेगा प्रदेश, लेकिन सख्ती जारी रहेंगी
★ तीसरी लहर के  मद्देनजर कोविड केयर सेंटर बन्द नही होंगे, एक साल तक चलायेगे
★ निवाड़ी ,पन्ना का काम अच्छा, छत्तरपुर में वेक्सीनेशन बढाने की जरूरत
★ वेक्सीनेशन से जुड़ी शिकायतो पर होगी चर्चा
★साग़र सम्भाग की  कोरोना संक्रमण की हुई समीक्षा

 

साग़र। (तीनबत्ती न्यूज़. कॉम )। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने साग़र में सम्भाग की कोरोना समीक्षा करते हुए स्पष्ट किया कि 31 मई के बाद अनलॉक करना धीरेधीरे शुरू करेंगे। लेकिन सख्ती जारी रहेगी। पहले अनलॉक पर शादी विवाह मेले ठेले सभी शुरू हो गए जिसका नतीजा दूसरी लहर में झेलना पड़ा। तीसरी लहर के मद्देनजर इनको ध्यान में रखकर खोलेंगे। उन्होंने बेठक में 
अनलॉक की आगामी योजनाओं को विस्तार से समझाया। 
सीएम ने समीक्षा बैठक में कोरोना को बहरूपिया बताया और कहा कि यह बहरूपिया वायरस है किसी भी रूप में असर कर जाता है। पता ही नही चलता। इसीलिए सख्ती जरूरी है अन्यथा तीसरी लहर घातक साबित होगी। यूपी और अन्य राज्यो की सीमाएं अभी सील रहेंगी।
उन्होंने कहा कि कोविड केयर सेंटर बन्द नही होंगे पूरे एक साल इनको चलाया जाएगा। चाहे सरकारी हो या निजी केयर सेंटर।  इसके अलावा तीसरी लहर से निपटने टेस्टिंग जारी रहेगी। संक्रमित मिलने पर माईक्रो कन्टेनमेंट बनाएंगे। 
उन्होंने कहा कि पोस्ट कोविड केयर ब्यहि जरूरी है । हमे सवस्घ् हो चुके मरीजो की निगरानी करना होगी। ताकि उनको कोई बीमारी या साईड इफेक्ट तो नही हो रहे है। 

संपूर्ण बुंदेलखंड को 31 मई तक करें कोरोना मुक्त

संपूर्ण बुंदेलखंड को 31 मई तक कोरोना मुक्त करके शर्तों के अनुसार अनलॉक करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी। साथ ही वैक्सीनेशन के प्रति फैले भ्रम को जागरूकता अभियान चलाकर दूर करना होगा और तीसरी लहर के लिए हम सभी को जागरूक रहने की आवश्यकता है। उक्त विचार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर संभाग की क्राइसिस मैनेजमेंट बैठक में सदस्यों से चर्चा करते हुए व्यक्त किए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान सोमवार को सागर में संभागीय कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक में पहुंचे जहाँ उन्होंने कोरोना संक्रमण की समीक्षा बैठक के पश्चात संभाग के समस्त जिलों में गठित क्राइसिस मैनेजमेंट की कमेटी के सदस्यों से वर्चुअल कान्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा करते हुए कहा कि, आप सभी के सहयोग से हमें 31 मई के पूर्व कोरोना संक्रमण से निजात पाना है। आपके सहयोग से ही तीसरी लहर को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा जिससे तीसरी लहर को रोका जा सके ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, वैक्सीनेशन के प्रति फैले भ्रम को दूर करने के लिए आप सभी जन जागरूकता अभियान  चलाएँ और सभी को प्रेरित करें कि वे वैक्सीनेशन अवश्य कराएँ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 1 जून से अधिक से अधिक वैक्सीनेशन कराने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि, वैक्सीनेशन कराने के पश्चात कुछ लोगों को हल्का बुखार आता है परंतु इस हल्के बुखार से डरने की आवश्यकता नहीं है, यह अन्य किसी वैक्सीन्शन के बाद होने वाली आम प्रतिक्रिया है। 

वेक्सीनेशन से जुड़ी शिकायतो पर होगी चर्चा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, वैक्सीनेशन  को लेकर अनेक प्रकार की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं जिसको लेकर मंगलवार को भोपाल में बैठक आयोजित कर वैक्सीनेशन को और शुलभ एवं सरल करने के लिए समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण की जांच अधिक से अधिक लोग कराएँ, मैं भी प्रत्येक सप्ताह अपनी जांच  कराता  हूँ।

सरकारी योजनाओं की दी जानकारी

उन्होंने कहा कि, कोरोना संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए ड्यूटी पर नियुक्त किए गए ऐसे समस्त शासकीय कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु होती है, तो संबंधित परिवार के सदस्य तत्काल उसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति एवं  5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
 उन्होंने कहा कि, दीनदयाल रसोई योजना समस्त जिलों में जारी रहेगी साथ ही रोगी कल्याण समिति को और सशक्त बनाया जाएगा । उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से हुए लॉकडाउन के कारण कोई भी राशन से परेशान ना हो इसके लिए प्रदेश सरकार ने पात्र हितग्राहियों को 3 माह का राशन एवं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 2 माह का राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से कहा कि, सभी राशन वितरण की मॉनीटरिंग भी करें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किल करोना अभियान निरंतर जारी रहेगा और सर्वे के दौरान मिलने वाले ऐसे व्यक्ति जिनमें कोरोना के लक्षण हैं उन्हें, तत्काल मेडिकल किट प्रदान की जावे एवं आवश्यक हो तो उन्हें ट्रिपल सी में आइसोलेट किया जाए ।उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई भी ट्रिपल सी बंद नहीं किया जाएगा एवं समस्त जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेजों में जो भी व्यवस्था जारी है उसे यथावत रखा जाए।

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कोरोना के रहते हुए ही ज़िंदगी चालू करना  है : सीएम श्री चौहान

सागर संभाग में कोविड-19 की समीक्षा में  मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, सभी के सहयोग और परिश्रम से कोरोना संक्रमण अब काफ़ी कुछ नियंत्रण में आ रहा है। संक्रमण पर इस नियंत्रण को क़ायम रखने के लिए हमें प्रयासों की पराकाष्ठा तक प्रयासरत रहना होगा।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, हमें कोरोना के रहते हुए ही ज़िंदगी शुरू करना है, अत: इस पर सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी कार्य करें। उन्होंने कहा कि, कोरोना संक्रमण शीघ्र समाप्त होने वाला नहीं है। हालाँकि, संक्रमण की दर लगातार कम हो रही है परंतु हमें कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर अपनाते हुए इसके साथ ही ज़िंदगी शुरू करना है। इस पर रणनीति की बनाते हुए लगातार कार्य करें।
उन्होंने निर्देश दिये कि, सम्पूर्ण सागर ज़िले की एक विस्तृत कार्ययोजना बनाएँ , जिस पर कार्य करते हुए 31 मई तक कोरोना संक्रमण पर क़ाबू पाएँ और 1 जून से अनलॉक की प्रक्रिया धीरे-धीरे शुरू की जाए।

312 कोरोना मुक्त ग्राम पंचायतों की सराहना की

बता दें कि, सागर की 312 ग्राम पंचायतें कोरोना मुक्त हैं और यहाँ 15 दिवस से भी अधिक से कोरोना का एक भी पॉज़िटिव प्रकरण सामने नहीं आया है। इस बात की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, इन प्रयासों को जारी रखते हुए अन्य ग्राम पंचायतों और वार्डों को भी कोरोना मुक्त बनाएँ।

एक जून से वैक्सीनेशन के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा
 
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, सागर संभाग सहित प्रदेश के सभी संभागों में 1 जून 2021 से वैक्सीनेशन का वृहद अभियान चलाया जाए जिसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि, संक्रमण के नियंत्रण में  वैक्सीनेशन की प्रभावी भूमिका है।

बुन्देलखण्ड मेडिकल कालेज को अपडेट करे 

उन्होंने कहा कि, सागर मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएँ और सुदृढ़ की जाएँ। समस्त जनप्रतिनिधि सूचना के माध्यमों, समाचार पत्रों, ऑडियो ब्रिज, व्हाट्सएप मैसेज से पंचायत स्तर तक कोरोना कर्फ्यू का कड़ाई से पालन करने का आह्वान जनता से करें। बुंदेलखंड में जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मुहैया कराने की दृष्टि से बीएमसी के लिए रणनीति तैयार की जाए। कोविड-19 को समाप्त करने के लिए एक सप्ताह तक कोरोना कर्फ्यू में सख्ती बरती जाए।

बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज को अन्य बेहतरीन अस्पतालों की तर्ज़ पर अपडेट किया जाए। यहाँ 50 बैड की क्षमता वाला अलग से वार्ड तैयार किये जाने के निर्देश दिये। दिल का मेडिकल कॉलेज की सरकार से तैयार किया जाए बीएमसी आने की सोचे और बाद में किसी निजी अस्पताल के बारे में।

कोरोना की तीसरी लहर के लिए भी रहें पूरी तरह से तैयार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के लिए पूरी तरह से तैयार रहते हुए बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल तथा बीना के अस्थाई अस्पताल में पहले से समस्त प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

निवाड़ी ,पन्ना का काम अच्छा, छत्तरपुर में वेक्सीनेशन बढाने की जरूरत

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, सागर संभाग के पन्ना ज़िले में अच्छा काम किया जा रहा है। यह सभी की सजगता से ही संभव हो पाया। परंतु, अभी और सख़्ती की ज़रूरत है जिससे किसी भी परिस्थिति में अब संक्रमण और न फैले। छतरपुर ज़िले की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि, यहाँ वैक्सीनेशन तथा टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। इसी प्रकार निवाड़ी में संक्रमण रोकने के लिए अच्छा कार्य किया गया है, उन्होंने कहा कि, यहाँ ग्रामीण इलाकों में नियंत्रण बेहतर है, इसे शहरी क्षेत्रों में भी अपनाएँ।
मुख्य मंत्री श्री चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के उपचार के 12 हजार टैबलेट आ रहीं हैं। इस बीमारी के इलाज के लिए राज्य शासन हर स्तर पर प्रयास कर रही है। किसी भी मरीज़ को कोई दिक़्क़त नहीं आयेगी।

 ये रहे मौजूद

इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री पहलाद पटेल ,लोक निर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर, राजस्व एवं परिवहन मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत खनिज मंत्री श्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ,जिलाअध्यक्ष श्री गौरव सिरोठिया, सागर विधायक श्री शैलेंद्र जैन ,नरयावली विधायक श्री प्रदीप लारिया, बीना विधायक श्री महेश राय ,संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला,डीआई श्री राम शंकर डेरिया ,कलेक्टर श्री दीपक सिंह ,पुलिस अधीक्षक श्री  अतुल सिंह, नगर निगम कमिश्नर श्री आरपी अहिरवार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉक्टर इच्छित गढ़पाले,अपर कलेक्टर  श्री अखिलेश जैन, सिटी मजिस्ट्रेट श्री सीएल, वर्मा ,बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉक्टर आरके वर्मा , मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी  डॉक्टर इंद्रराज सिंह ठाकुर सहित समस्त जनप्रतिनिधि अधिकारी मौजूद थे।


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डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने आयोजित की एम्स भोपाल के कोरोना एक्सपर्ट्स के साथ ऑनलाइन परिचर्चा

डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने आयोजित की एम्स भोपाल के कोरोना एक्सपर्ट्स के साथ ऑनलाइन परिचर्चा


साग़र। डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर द्वारा भारत में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर एवम कोविड़ उपरांत उत्पन्न होनेवाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं , कोरोना की तीसरी लहर के संभावना और टीकाकरण से संबंधित कई प्रश्नों के समाधान हेतु विश्वविद्यालय अंतर्गत स्वास्थ्य एवम स्वच्छता विभाग, टीएलसी तथा यूनिवर्सिटी सेनिटाइजेशन कमेटी के संयुक्त तत्वाधान में ऑनलाइन परिचर्चा कोविड टू कोवीन  के दूसरे चरण का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम में मेडिकल स्पेशलिस्ट के रुप में एम्स, भोपाल के मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सागर खड़ंगा, सह प्राध्यापक एवम दंतचिकित्सा विभाग के सह प्राध्यापक डॉ अंशुल राय उपस्थित थे। विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री संतोष सोहगौरा ने परिचर्चा का प्रतिनिधित्व करते हुए सभी के मन में उठनेवाले विभिन्न प्रश्नों को इनके समक्ष प्रस्तुत किया।
श्री संतोष सोहगौरा ने पूछा कि कोविड के उपरांत क्या क्या स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां उत्पन्न हो सकती है तो इसके जवाब में डाक्टर सागर खड़ांगा जो कि एक पब्लिक हैल्थ एक्सपर्ट भी है बताया कि अधिकांश लोगों में घबराहट, सांस फूलना, थकावट आना, सूंघने एवम स्वाद पहचानने की क्षमता का कम होना, मानसिक तनाव में रहने जैसे लक्षण पाए जाते है, जो कि छह हफ्ते से लेकर छह महीने में ठीक हो जाते है। कुछ ही लोगो में ब्लैक फंगस, रक्त वाहिनियों में थक्का जमने, व्हाइट फंगस जैसी जटिल बीमारियां उत्पन्न हो सकती है जो कि समय रहते हुए सजगता और सही उपचार से ठीक हों जाती हैं।इसके अतिरिक्त उन्होंने रेड फ्लैग साइन के बारे में कहा कि ये सिर्फ 1 से 2 प्रतिशत लोगों में ही कोविड उपरान्त देखने मिलते है जिसमे ब्लैक फंगस जैसी बीमारियां होती है। उन्होंने यह भी कहा कि कोवीड के बचाव के लिए भले ही टीकाकरण कारगर उपाय है लेकिन मास्क लगाना और हाथों को बार बार साबुन और पानी से धोना भी उतना ही कारगर उपाय है ।
श्री संतोष सोहगौरा ने डॉक्टर अंशुल राय से mucormycosis यानि कि ब्लैक फंगस जो कि कोवीड उपरान्त कई मरीजों में देखा जा रहा हैं , इसको कैसे पहचाने और इससे बचने का क्या उपाय हैं इसपर प्रश्न किया तो डॉक्टर अंशुल राय ने बताया कि अधिकतर यह बीमारी डायबिटीज से पीड़ित एवम जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पहले से कम है, उन लोगों को ग्रसित कर रही है और साथ ही उन्होंने स्टीरॉयड का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह पर लेने को कहा। ब्लैक फंगस के लक्षणों में चेहरे पर सूजन, दातों का अचानक से हिलना, बार बार नाक बंद होना, नाक  आंख मसूड़ों तालू के आसपास कालापन उत्पन्न होना जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इसके इलाज के लिए उन्होंने बतलाया कि लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत ही डॉक्टर से सलाह लेने को कहा और  सर्जरी और injection amphotericin b ki भी उपयोगिता बताई।

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श्री सोहगौरा के कोविड उपरान्त होनेवाली समस्याओं से कैसा बचा जा सकता है के प्रश्न के जवाब मे डाक्टर सागर खड़ंगा ने कहा कि दवाइयों के अलावा मरीज को तनाव से मुक्त रहना , अच्छा पोष्टिक अन्न का सेवन, व्यायाम,योग जैसी चीज भी दिनचर्या में शामिल करने की बात की ।इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर जनक दुलारी ने अपने स्वागत संबोधन में सभी लोगों से कोविड-19 से संबंधित नियमों का पालन करने का आग्रह किया और  कहा कि क्यो हमे आनेवाली सांभवी तीसरी लहर के लिए सचेत रहना चाहिए। विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विभाग की प्रभारी डॉ किरण माहेश्वरी और  डॉक्टर भूपेंद्र पटेल ने भोपाल Aiims के मेडिकल स्पेशलिस्ट  का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया तथा विश्वविद्यालय की ओर से कई चिकित्सकीय सवाल पूछे l

कार्यक्रम में टीएलसी के कोऑर्डिनेटर डॉ संजय शर्मा ने दर्शकों की ओर से कोरोना से संबंधित सवाल विशेषज्ञों से किए जिसका उन्होंने बड़े ही आसान तरीके से जवाब दिया।

कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर विवेक जैसवाल  द्वारा किया गया। श्री अनुराग श्रीवास्तव ने फेसबुक और यूट्यूब पर लाइव प्रसारण करने मे सहायता प्रदान की।
चिकित्सा अधिकारी ने आभार व्यक्त किया। उक्त कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक गण अधिकारी गण, कर्मचारी गण और काफी संख्या में विद्यार्थीगण शामिल हुए। उक्त कार्यक्रम का फेसबुक एवम यू ट्यूब पर लाइव प्रसारण किया गया जिसमें देश भर के कई लोगो ने सहभागिता निभाई तथा  विशेषज्ञों से कोविड से संबंधित प्रश्न पूंछे।


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