बुन्देलखण्ड अंचल में ब्लेक फंगस बढा, 14 मरीज सामने आए,
★ ब्लैक फंगस के इलाज के लिए मंत्री गोपाल भार्गव ने उपलब्ध कराए एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन
सागर। पिछले कुछ दिनों में सागर जिले में ब्लैक फंगस के कुछ प्रकरण सामने आए हैं। इस संबंध में मध्य प्रदेश शासन के लोकनिर्माण मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने
कहा कि बुन्देलखण्ड अंचल में ब्लैक फंगस बढा है। 14 मरीज सामने आए है। जिनका इलाज बीएमसी और निजी अस्पतालों में चल रहा है। कुछ के ऑपरेशन हुए है।
उन्हीने गत दिवस स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव से चर्चा कर बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में ब्लेक फंगस के उपचाररत मरीजो के लिए एंटी ब्लेक फंगल इंजेक्शन( एम्फोटेरिसिन बी) उपलब्ध कराए हैं।
ज़िले के लिए यह एक राहत भरी ख़बर है। मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि, हमें इसके लिए पूरी तैयारी रखनी होगी। उन्होंने ब्लैक फंगस के इलाज से सम्बंधित समस्त दवाइयों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इस क्रम में शुक्रवार को मंत्री श्री भार्गव द्वारा बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में 35 नग एंटी फंगल इंजेक्शन प्रदान किये गए हैं जो भर्ती मरीजों को आवश्यकतानुसार लगाए जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार भोपाल स्तर से जिलेवार आवश्यकतानुसार इंजेक्शनों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। जिस ज़िले में जितने प्रकरण हैं, उस संख्या के अनुसार लगातार इंजेक्शनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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'ब्लैक फंगस प्रारंभ में ही बीमारी का पता लगाकर उसका उपचार शुरू करें, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सकें : कलेक्टर श्री सिंह
कोविड मरीज जिन्हें रेमडिसिवर इंजेक्शन लगे है, या शुगर मरीज है, उनको चिन्हित कर उन्हें ब्लैक फंगस के लक्षण तो नहीं है इसकी जांच की जावे ताकि इस बीमारी के होने से पहले ही उसका पता चल जाये ताकि प्रारंभ में ही उसका उपचार हो जाने से उसको रोका जा सकता है।
यह निर्देश कलेक्टर श्री दीपक सिंह ने वीडियो कांफ्रेन्स से ली जाने वाली जिले के समस्त एस.डी.एम., सी.ई.ओ. सी.एम.ओ. एवं अन्य संबंधित जिला अधिकारियों की बैठक मे दिये। बैठक में बताया गया कि बी.एम.सी.के साथ जिला चिकित्सालय में भी इसके इलाज हेतु 10 बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है।
समीक्षा बैठक के दौरान कलेक्टर श्री दीपकंसिंह ने सभी एस.डी.एम.सहित सी.ई.ओ. और सी.एम.ओ. को निदेश दिये कि वैक्सीनेशन कार्य और सैपलिंग कार्य को शत-प्रतिशत किया जाये तथा व्यक्ति होम आईसोलेट है उन्हें कोविड सेंटर में भर्ती किया जाये ताकि वह दूसरों को यह बीमारी ना फैल सकें। उन्होने यह भी निर्देश दिये कि जहॉ-जहॉ माइक्रो कंसंटेटर क्षेत्र बनाये गये है वहॉ के व्यक्ति बाहर ना घूमे और घर में ही रहे, नही ंतो बाहर घूमते पाये जाने पर उनके खिलाफ एफ.आई.आर.दर्ज करायी जावे। उन्होने जिन स्थानों पर केस ज्यादा सामने आ रहे है, उनकी सी.ई.ओ,.सी.एम.ओ. और तहसीलदारो से फील्ड में जाकर सैपंलिंग कार्य, कान्टेनमेंट क्षेत्र जिसे कोई व्यक्ति बाहर ना घूमे इसकी निगरानी करने के भी निर्देश दिये।
आर.आर.टी.और एम.एम.ओ. टीमों द्वारा प्रतिदिन किये जा रहे कार्यो की समीक्षा करते हुये समस्त एस.डी.एम.और सी.ई.ओ.को निर्देश दिये कि प्रतिदिन किये जा रहे कार्यो की प्रगति की जानकारी ले और फील्ड में भी जाकर उनके कार्यो की निगरानी करें ताकि प्रभावी तरीके से कार्य हो सकें।
बैठक में निगमायुक्त श्री आर.पी.अहिरवार ने सुझाव दिया कि कोरोना संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण के संबंध में वीडियो कांॅन्फ्रेस के माध्यम से समस्त जिले के एस.डी.एम., सी.एस.ओ., सी.ई.ओ. और एम.बी.ओ. से चर्चा करते हुये कहा कि कोरोना की चैन तोड़ने के लिये जरूरी है कि नागरिकों की सैंपलिंग अधिक से अधिक की जावे, किल कोरोना अभियान के तहत्् किये जा रहे सर्वे और डोर-टू-डोर हर सदस्य से जानकारी ले कर जॉच की जावे, साथ ही माइक्रो कंटेनमेंट क्षेत्र बने है वहॉ सुनिश्चित किया जावे कि कोई व्यक्ति अंदर या बाहर ना जाये साथ आर.आर.टी.और एम.एम.यू.टीम के कार्यो की मॉनीटिरिंग हेतु हर दो घंटे में उनसे संपर्क किया जाय।
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