जनयोद्धा नाट्य समारोह के दौरान दूसरे दिन "महाबली छत्रसाल" नाटक का हुआ मंचन

जनयोद्धा नाट्य समारोह के दौरान दूसरे दिन "महाबली छत्रसाल" नाटक का हुआ मंचन


सागर। स्वराज संस्थान संचालनालय, संस्कृति विभाग, मप्र शासन द्वारा ‘रंग प्रयोग’ थिएटर ग्रुप एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय जनयोद्धा नाट्य समारोह के दूसरे दिन शंखनाद नाट्य मंच छतरपुर के कलाकारों द्वारा "महाबली छत्रसाल" नाटक की प्रस्तुति हुई।  जिसका निर्देशन शिवेंद्र शुक्ला ने किया है। महाबली छत्रसाल बुंदेलखंड के उस वीर सपूत की गाथा है जिसने कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए अपना साम्राज्य स्थापित किया।छतरपुर (छत्रपुर)नगर उन्ही के नाम पर बसा है।उनके जीवन की खास बात यह है कि उन्होंने अपने जीवन मे 52 छोटे बड़े युद्ध लड़े और किसी मे पराजित नहीं हुए।प्राणनाथ और शिवाजी से मुलाकात ने उनका जीवन बदल दिया और यमुना से लेकर नर्मदा और चंबल से लेकर टोंस नदी तक अपना साम्राज्य स्थापित किया और मुगलों को बुंदेलखंड में पैर जमाने का मौका नहीं दिया। 

नाटक की शुरुआत छत्रसाल और मुगलों के बीच चल रहे संघर्ष से होती है, जिसमें छत्रसाल और मुगलों के बीच संघर्ष दिखाया गया है। इस संघर्ष में छत्रसाल की जीत होती है। उसके पश्चात बुंदेलखंड बुंदेली फोक मार्शल आर्ट शैली में छत्रसाल और डकैतों के बीच होने वाली लड़ाई को मंच पर जिस तरह से प्रस्तुत किया गया उसे देखकर ऐसा लगा जैसे इस संघर्ष में हम खुद शामिल हो। इसी दौरान शिवाजी और छत्रसाल की भेंट होती है और छत्रसाल की वीरता और साहस को देखकर शिवाजी अपनी भवानी तलवार छत्रसाल को देते हैं। जिसके बाद छत्रसाल अपनी सेना तैयार करते हैं। उनकी सेना की शुरुआत में मात्र 25 सैनिक एवं पांच घुड़सवार थे। फिराई खान से युद्ध करते हैं।  छत्रसाल के राज में हर गांव में एक छात्रसाली चबूतरा होता था। जिस पर न्याय होता था और न्याय करने वाले 7 लोग अलग-अलग जातियों से होते थे। इस नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से उनके जीवनकाल में विभिन्न प्रसंगों को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने का प्रयास बुंदेलखंड के कलाकारों द्वारा किया गया है। महाराजा छत्रसाल की वीरता और कूटनीति ने उन्हें प्रणामी संप्रदाय में भी स्थान दिया और प्रणामी संप्रदाय के 5 शीर्ष पुरुषों में उनका स्थान है।  इस नाटक की अवधि लगभग 1 घंटा की रही। उनकी अंतिम अवस्था में बंगस खां ने जब बुंदेलखंड पर आक्रमण किया तब उन्होंने पेशवा बाजीराव को पत्र लिखकर मदद मांगी और अपनी जिंदगी का अंतिम युद्ध भी जीता। 

इस प्रकार उन्होंने 52 युद्धों में विजय हासिल की। इस नाटक का लेखन शिवेंद्र शुक्ला एवं नीरज खरे ने किया है। इस नाटक में मंच पर अंकुर यादव, जितेंद्र विद्यार्थी , विकास चौबे, सीताराम अहिरवार, सर्वेश खरे, अंकित अग्रवाल, अनिल कुशवाहा, राजेश कुशवाहा, साक्षी द्विवेदी, अंजली शुक्ला, माधुरी कुशवाहा, राशि सिंह, शिल्पा रैकवार, रोशनी यादव, आदर्श सोनी, अभिदीप सुहाने, राजेश कुशवाहा, मानस गुप्ता, आकाश मिश्रा, प्रमोद साराश्वत थे। नाटक में संगीत संयोजन महेंद्र तिवारी,मिंटू ने किया। ढोलक पर अश्विनी दुबे एवं गायन में  खनिज देव सिंह चौहान के साथ कोरस प्रमोद सारस्वत, शिवेंद्र शुक्ला एवं रोशनी। प्रकाश व्यस्था अभिदीप सुहाने, रूप सज्जा रवि अहिरवार
ने की।

"अबुआ दिशुम...!" जननायक बिरसा मुंडा की हुंकार से गूंजा रवीन्द्र भवन

▪️ समीक्षा :डाॅ. शरद सिंह, नाट्य समीक्षक एवं वरिष्ठ साहित्यकार


नाटक का अंतिम दृश्य समाप्त होते ही हॉल में कुछ देर का सन्नाटा छा जाए और फिर अचानक समूचा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से भर जाए तो यह है नाटक की अपार सफलता का प्रत्यक्ष प्रमाण। इस बात का भी प्रमाण कि दर्शक अपनी दीर्घा में होते हुए भी मानसिक रूप से मंच पर पात्रों के साथ नाटक की घटनाओं और तत्कालीन समय के साथ एक-एक पल को जी रहे थे। यही है एक सफल नाट्य-मंचन। दर्शक जिसके साक्षी बने 21 दिसम्बर की शाम को, रवींद्र भवन में।

             जनयोद्धा नाट्य समारोह के त्रिदिवसीय नाट्य मंचन का आरम्भ हुआ जननायक बिरसा मुण्डा के जीवन पर आधारित नाटक ‘‘अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुंडा’’ से। स्वराज संस्थान संचालनालय, संस्कृति विभाग, मप्र शासन द्वारा स्थानीय नाट्य संस्था ‘रंग प्रयोग’ एवं जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित इस नाट्य समारोह के प्रथम दिवस रंग प्रयोग संस्था ने सतीश दवे लिखित नाटक ‘‘अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुंडा’’ राजकुमार रायकवार के निर्देशन में प्रस्तुत किया गया।

‘‘अबुआ दिशुम अबुआ राज’’ का अर्थ है हमारा देश हमारा राज्य। यह  नारा देने वाले लोकनायक बिरसा मुंडा ने आदिवासिओं के सम्मान, स्वाभिमान, स्वतंत्रता और जनजातीय संस्कृति को बचाने के लिए जो बलिदान दिया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। आदिवासी जगत उन्हें अपना ‘‘भगवान’’ मानता है। बिरसा मुंडा ने मात्र 25 वर्ष का छोटा-सा जीवन जिया लेकिन अपने इस संक्षिप्त जीवन में वे साहस और शौर्य का परिचय दे कर देशभक्ति एवं वीरता का प्रतीक बन गए। उनका दाखिला अंग्रेजी स्कूल में हो चुका था वे चाहते तो इसाई धर्म में रहते हुए अंग्रेजी स्कूल में पढ़ कर एक सफल दिखने वाली जिंदगी पा सकते थे। लेकिन उन्होंने रास्ता चुना स्वराज का, जिसमें अनंत कठिनाइयां थीं। ईसाई धर्म के प्रचारक अपने प्रवचनों में मुंडा जनजाति के पुराने रीति-रिवाजों की आलोचना करते थे। यही बात बिरसा के कोमल मन को अखर गई और उन्होंने  उसी समय से अंग्रेजों को जवाब देने की ठान ली। उन्होंने आगे चलकर न सिर्फ अंग्रेजों से लोहा लिया, बल्कि महज 25 साल की जिंदगी में आदिवासियों के भगवान भी बन गए। उनके मन में जज़्बा था अपने लोगों का साथ देने का और अपनी संस्कृति को उपनिवेशी ताकतों से बचाने का । 


 मुंडा ने आदिवासियों को ब्रिटिश सरकार द्वारा ज़बरदस्त भूमि हड़पने के खिलाफ लड़ने के लिए ललकारा, जो आदिवासियों को बंधुआ मजदूरों में बदल देगा और उन पर गरीबी को खत्म करने के लिए दबाव डालेगा। 'धरती आबा' या पृथ्वी पिता के रूप में लोकप्रिय  बिरसा मुंडा ने आदिवासियों को अपने धर्म का अध्ययन करने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को न भूलने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अपने लोगों को अपनी भूमि के मालिक होने और उन पर अपना अधिकार जताने के महत्व को महसूस करने के लिए प्रभावित किया। बिरसा आदिवासी समाज में सुधार करना चाहते थे और इसलिए, उन्होंने उनसे जादू-टोना में विश्वास करने का आग्रह किया और इसके बजाय, प्रार्थना के महत्व पर जोर दिया, शराब से दूर रहना, भगवान में विश्वास करना और एक आचार संहिता का पालन करना। बिरसा मुंडा एक युगांतकारी व्यक्तित्व थे, जिन्होंने आदिवासी जनजीवन के मसीहा के रूप में केवल 25 सालों में बिहार, झारखंड और ओडिशा में जननायक की पहचान बनाई। बंदूकों का मुक़ाबला तीरकमान से। यह अदम्य साहस ही तो था। अन्याय और उत्पीड़न से लड़ने के वीरतापूर्ण प्रयासों से भरी बिरसा मुण्डा की जीवनकथा उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध की एक मजबूत आवाज़ का प्रतिनिधित्व करती है। नाटक में दिखाया गया कि दिखाया गया कि कैसे ग्रामीण, किसान और आदिवासी जमींदारों के चंगुल में फंस जाते हैं। अंग्रेज भी जमींदारों का साथ देते हैं। बिरसा शोषित आदिवासियों के पक्ष में तो हुंकार भरते ही हैं साथ ही वे हैजा और चेचक की महामारी से जूझ रहे ग्रामीणों के इलाज में जुट जाते हैं। इसी दौरान सन् 1878 में जब जंगल कानून लागू होता है़ तो 'धरती आबा' अर्थात धरतीपालक बन कर बिरसा समाज की पीड़ा को देख आंदोलन छेड़ देते हैं। जिसमें उन्हें अपने प्राण की आहुति तक देनी पड़ती है।

       नाटक में बिरसा मुण्डा बने प्रयाग साहू ने जिस प्रकार जननायक के चरित्र को आत्मसात कर के अपने अभिनय द्वारा मंच पर प्रस्तुत किया, उसे देख कर समूची दर्शकदीर्घा रोमांचित हो गई। हर दर्शक का मन बिरसा की ललकार के साथ स्वर मिला कर अन्याय के विरुद्ध किसी नादस्वर की भांति प्रतिध्वनित होता प्रतीत हुआ। यह बेजोड़ अभिनय और कुशल निर्देशन का कमाल था। जहां तक नाटक के निर्देशक राजकुमार रायकवार के निर्देशन का प्रश्न है तो वे रूस, थाईलैंड, कोलंबिया, बांग्लादेश, सुरीनाम, वेनेजुएला, भूटान, सिंगापुर, पाकिस्तान आदि अनेक देशों में अपना हुनर दिखा चुके हैं। उन्हें एक लंबा नाट्य अनुभव है जिसका प्रभाव इस नाटक के मंचन के दौरान स्पष्ट दिखाई दिया।
सभी कलाकारों ने अपने-अपने हिस्से का अभिनय अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रस्तुत किया। पूर्वी रायकवार ने तस्कीर और मास्टर साहब, विशाल चतुर्वेदी ने सूत्रधार और अंग्रेज अजय श्रीवास्तव अज्जू ने सूत्रधार और मामा का रोल निभाया। इनके अतिरिक्त अंबर अली, अरुण भट्ट, रेणुका वरमैया, गुंजन मालवीय, गायत्री निगम, प्रिंस बॉबी श्रीवास्तव, रविकांत वासनिक, महेंद्र शुक्रवारी, राज शर्मा, गिरीश भूतिया, उमंग चैधरी, अमन खान, प्रदीप मंदरे, अखिलेश पाटीदार, रितिक यादव, शिरीन, साहिबा, महक तथा सपना दुबे ने शानदार अभिनय करके आदिवासी संघर्ष की जो तस्वीर प्रस्तुत की दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ने में सक्षम रही।

       विशाल चतुर्वेदी, मोहम्मद शहंशाह तथा अमन द्वारा खूबसूरत मंच व्यवस्था एवं मंच सज्जा की गई थी। कथानक के अनुरूप पात्रों की रूप-सज्जा सीमा मोरे ने की तथा वस्त्र विन्यास विशाल चतुर्वेदी और रेणुका का रहा।  पृष्ठभूमि और वेशभूषा ने प्रदर्शन में तत्कालीन संघर्षकाल के जीवन दशाओं को मंच पर जीवंत कर दिया, जिससे मुण्डा जनजाति के जीवन की झलक देखने को मिली।
     संगीत संयोजन अभिषेक दुबे का तथा गायन शिरीन, साहिबा, महक एवं साथियों का था। संगीत ध्वनियों के सटीक प्रयोग ने कलाकारों की भावप्रवणता को सलीके से रेखांकित किया। संगीत की भांति ही किसी भी नाटक में प्रभाव डालने का दायित्व प्रकाश संयोजक का होता है। तनवीर अहमद ने घटनाक्रम के अनुरूप लाईट, शैड, फेड इन, फेड आउट का प्रकाश संयोजन करके नाटक को अत्यंत प्रभावी बना दिया। कुलमिला कर कहा जाए तो नाटक ‘‘अबुआ दिशुम अबुआ राज बिरसा मुंडा’’ स्वराज की भावना एवं बिरसा मुण्डा के जीवन को प्रस्तुत करने में पूरी तरह सफल रहा। इस नाटक को दर्शक कभी भुला नहीं सकेंगे बल्कि इसे बार-बार देखना चाहेंगे।
     
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▪️ डाॅ (सुश्री) शरद सिंह
नाट्य समीक्षक व वरिष्ठ साहित्यकार
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SAGAR: मेयर इन काउंसिल की बैठक में अनेक निर्णय हुए▪️छत्रसाल नगर कालोनी निवासियों के भौतिक सत्यापन में कमजोर प्रगति पर। नाराजगी जताई▪️ 364 डेयरियो का होगा सत्यापन

SAGAR:  मेयर इन काउंसिल की बैठक में  अनेक निर्णय हुए

▪️छत्रसाल नगर कालोनी निवासियों के भौतिक सत्यापन में कमजोर प्रगति पर। नाराजगी जताई

▪️ 364 डेयरियो का होगा सत्यापन


सागर।  मेयर इन काउंसिल की बैठक महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी की अध्यक्षता में समस्त महापौर परिशद सदस्यों एवं नगर निगम आयुक्त श्री चंद्रशेखर शुक्ला की उपस्थिति में महापौर कक्ष में संपन्न हुई जिसमें नगर विकास के विभिन्न कार्य हेतु विषयों पर चर्चा उपरांत निर्णय लिए गए।

शौचालय के संचालन हेतु निविदा मंजूर

स्मार्ट सिटी लिमिटेड सागर द्वारा निर्मित शौचालयों के संचालन संधारण कार्य हेतु महापौर परिषद प्रस्ताव क्रमांक 9 दिनांक 28 सितंबर 22 के निर्णय अनुसार ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई प्राप्त निविदाओं में आध्या कंस्ट्रक्शन की न्यूनतम दर रू. 13250/-प्रतिमाह प्राप्त हुई निविदा समिति के प्रतिवेदन अनुसार आध्या कंस्ट्रक्शन की न्यूनतम दर को स्वीकृति प्रदान की गई ।नगर पालिक निगम सागर की आठ विभिन्न वार्ड में स्थित शौचालय के  संचालन संधारण करने के लिए महापौर परिषद प्रस्ताव क्रमांक 10 दिनांक 28 सितंबर 22 के निर्णय अनुसार पुनः निविदा में फर्म आध्या कंस्ट्रक्शन की न्यूनतम दर रुपए 10850 प्रतिमाह अन्य निविदा कारों से कम प्राप्त हुई है अतः निविदा समिति के प्रतिवेदन अनुसार पुनः निगोशिएशन कराने का निर्णय लिया गया ।
मंगल भवन निर्माण जाएगा परिषद में
नगर पालिक निगम सागर की 48 वार्डो में मंगल भवन निर्माण कार्य हेतु प्राक्कलन राशि रुपए 16 करोड़ 68 लाख एवं जीएसटी काटकर रुपए 14 करोड़ 89 लाख 28 हजार 571 से ऑनलाइन निविदा आमंत्रित की गई जिनमें तीन निविदाएं प्राप्त हुई संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग भोपाल के पत्र द्वारा मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास योजना द्वितीय चरण अंतर्गत राज्य स्तरीय समिति की बैठक दिनांक 9 नवंबर 22 को प्राप्त निविदाओं में अरजीत कंस्ट्रक्शन की प्राप्त न्यूनतम दर की स्वीकृति प्रदान कर विषय को परिषद में भेजने का निर्णय लिया गया।
प्रबंध संचालक एमपी स्टेट कोऑपरेटिव डेरी फेडरेशन भोपाल की पत्र अनुसार सांची मिल्क पार्लर आवंटन हेतु नगर पालिक निगम में जमा की जाने वाली सुरक्षा निधि की राशि दुग्ध संघ को मुक्त रखने हेतु महापौर परिषद प्रस्ताव क्रमांक 1 दिनांक 24 दिसंबर 19 के निर्णय पर पुनर्विचार एवं विभागीय प्रस्ताव के संबंध में चर्चा की गई चर्चा उपरांत निर्णय लिया गया कि कटरा बाजार, गुजराती बाजार एवं सिविल लाईन क्षेत्र में 60 हजार रूपये एवं अन्य स्थानों पर रू. 40 हजार रूपये करने का निर्णय लिया गया।

छत्रसाल नगर कालोनी के भौतिक सत्यापन का मामला

मेयर इन काउंसिल बैठक दिनांक 29.08.2022, दिनांक 28.09.2022 एवं दिनांक 04.11.2022 में लिये गये निर्णयों पर विभाग द्वारा की गई समीक्षा के संबंध में जानकारी दी गई कि बाघराज वार्ड स्थित महाराजा छत्रसाल नगर कालोनी में निवासरत हितग्राहियों के भौतिक सत्यापन हेतु महापौर परिशद प्रस्ताव क्रमंाक 1 दिनांक 28.09.2022 द्वारा निर्णय लिया गया था । कार्य में प्रगति ना होने पर एम.आई.सी.सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त की। बैठक में बताया गया कि षिकायतें आ रही है कि कालोनी में अनाधिकृत रूप से अन्य व्यक्ति कब्जा किये हुये है साथ ही कुछ ऐसे व्यक्ति है जो कि बिना आवंटन के अवैधानिक रूप से रह रहे है विशय महापौर परिशद में रखा गया था जिसमें निर्णय हुआ था कि बाघराज वार्ड स्थित महाराजा छत्रसाल नगर कालोनी का सर्वे कराया गया । सर्वे उपरांत ऐसे हितग्राहियों का भौतिक सत्यापन कर चिन्हित किया जावे उक्त निर्देष के परिपालन में नगर निगम की टीम, राजस्व विभाग की टीम एवं पुलिस विभाग की टीम  द्वारा संयुक्त रूप से आवासों का सर्वे किया गया था।
एम.आई.सी.द्वारा पुनः निर्णय लिया गया कि महाराजा छत्रसाल नगर कालोनी के भवन स्वामियों को सूचित किया जावे कि यदि उनकेा आवंटित आवास में किसी व्यक्ति ने अवैध रूप से कब्जा किया है तो उसकी सूचना निगम को दें। सूचना के आधार पर ऐसे भवनों को खाली करने की कार्यवाही पुलिस के माध्यम से करायी जावे।

डेयरी विस्थापन पर का चर्चा

महापौर परिशद प्रस्ताव क्र्रं 1 दिनांक 04.11.2022 द्वारा डेयरी व्यवस्थापन हेतु हेतु टीम के साथ सर्वे कर डेयरी मालिकों की सूची तैयार करने का निर्णय हुआ था। डेयरी योजना के सहायक यंत्री श्री सुधीर मिश्रा ने सूची की जानकारी दी कि सर्वे में 364 डेयरी की सूची बनायी गई है। बैठक में निर्णय लिया गया कि षहर के सभी वार्डो में स्थित डेयरियांे का पुनः भौतिक सत्यापन कराया जाय तथा समय सीमा में डेयरी विस्थापन की कार्यवाही की जावे। 

इसके साथ ही षहर के पाईप लाईनों के लीकेज को एक सप्ताह में प्राथमिकता से सुधारे जाने एवं बड़ा बाजार को महाकाल लोक की तर्ज पर कृश्ण लोक बनाये जाने हेतु चर्चा की गई।
इसके अलावा षहर में जलभराव को रोकने हेतु जिन नालों का निर्माण किया जाना है उनके निर्माण हेतु तथा नालों के अतिक्रमण हटाने पर चर्चा हुई। बैठक में जानकारी दी गई कि उपयंत्री को पत्र लिखा गया है जहॉ-जहॉ जलभराव होता है, उपयंत्री ने कोई कार्यवाही नहीं की। निर्णय लिया गया कि जिन उपयंत्रियों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई उन्हें नोटिस दिया जावे कि अन्यथा निलंबन करने की कार्यवाही की जावेगी आगामी बैठक में पुनः समीक्षा की जावेगी।
एम.आई.सी.सदस्य श्री षैलेश केषरवानी ने कहा कि तिलकगंज क्षेत्र में आगजनी की घटनाओं को देखते हुये निषेध क्षेत्र घोशित कराने हेतु चर्चा की ।इस संबध में निर्णय लिया गया कि एम.आई.सी.के प्रस्ताव सहित कलेक्टर सागर को पत्र भेजा जाय।
बैठक में चर्चा की गई  कि कोविड के नये वेरियंट को लेकर मान.श्री षिवराजसिंह चौहान द्वारा सदन से सभी सी.एम.एच.ओ.को निर्देष दिये गये है तथा जनता से अपील की है कि मास्क पहिने भीड़ वाली जगह में ना जाय  तथा जिन लोगों ने अभी तक बूस्टर डोज नहीं लगवाया है वे आवष्यक रूप से बूस्टर डोज लगवाये।
बैठक में श्री विनोद तिवारी, श्रीमति रेखा नरेष यादव, श्रीमति अनूप उर्मिल, श्री षैलेश केषरवानी, श्री धमेन्द्र खटीक, मेघा दुबे, रूपेष यादव, श्रीमति आषारानी नंदन जैन, श्रीमति संगीता षैलेश जैन ,निगम सचिव श्री मुन्नालाल रैकवार सहित निगम अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।


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शाजापुर : नाबालिग को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा


शाजापुर : नाबालिग को बहला-फुसलाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष की सजा 


शाजापुर। न्यायालय विशेष न्या‍याधीश, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम एवं चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश, शाजापुर म.प्र. द्वारा सचिन पिता लक्ष्मीनारायण आयु 28 वर्ष निवासी सुनेरा जिला शाजापुर को पाक्सो एक्ट की धारा 5(j)(ii)/6 में 20 वर्ष के सश्रम कारावास और रु. 5000 के अर्थदण्ड, भादवि की धारा 363 में 01 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000/- रू के अर्थदण्ड, भादवि की धारा 366 में 03 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3,000/- रू के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।
विशेष लोक अभियोजक प्रतीक श्रीवास्तव, एडीपीओ शाजापुर ने बताया कि, पीडिता की मां ने दिनांक 20.09.2020 को अपने पति के साथ थाना सुनेरा में सूचना दी थी कि, उनकी 17 वर्षीय पुत्री को आरोपी सचिन ने बहला-फुसलाकर अपने घर बुलाया और उसके साथ गलत काम किया, जिससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस द्वारा विवेचना पूर्ण कर न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया। 
थाना सुनेरा के द्वारा सम्पूर्ण अनुसंधान पश्चात चालान सक्षम न्या‍यालय में प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन की ओर से पैरवी प्रतीक श्रीवास्तव विशेष लोक अभियोजक शाजापुर द्वारा की गई। माननीय न्यायालय ने अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होते हुये आरोपी को दण्डित किया ।


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डॉ गौर विवि के पत्रकारिता विभाग की पूर्व छात्र परिषद की हुई बैठक

डॉ गौर विवि के पत्रकारिता विभाग की पूर्व छात्र परिषद की हुई बैठक

सागर। डॉ हरिसिंह गौर विवि के पत्रकारिता विभाग की पूर्व छात्र परिषद की अनौपचारिक बैठक आज सिविल लाइन स्थित काँची होटल में आयोजित की गई । बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि पत्रकारिता विभाग की वर्तमान स्थिति और समस्याओं को लेकर पूर्व छात्र परिषद का प्रतिनिधिमंडल सोमवार 26 दिसंबर को कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता से मुलाकात कर उन्हें सुझाव रूपी ज्ञापन सौंपेगा, साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया कि भोपाल में प्रस्तावित एलुमिनी मीट के पहले पूर्व छात्र परिषद के सागर के स्थानीय सदस्यों की वृहद बैठक 26 जनवरी को आयोजित की जाएगी, जिसमें भोपाल में होने वाली एलुमिनी मीट को लेकर चर्चा होगी । 


बैठक में प्रमुख रूप से वीनू राणा,डॉ राकेश शर्मा, प्रदीप पाठक, रवीन्द्र सिलाकारी, शरद गुप्ता, चंद्रशेखर चौबे,गुंजन शुक्ला, सुदेश तिवारी, शैलेंद्र ठाकुर, विनोद आर्य,राकेश शुक्ला, अनिल पुरोहित, डॉ विवेक तिवारी, रत्नेश रावत, राहुल सिलाकारी, पंकज सोनी,संजय पांडे,  विजय  अग्रवाल, राजेश पवार, अभिषेक यादव, विष्णु सोनी,राजिक अली , पूजा पांडे , बृजेंद्र रैकवार आदि उपस्थित रहे ।




पूर्व छात्र परिषद के सदस्यो ने इस मौके पर डा विवेक तिवारी और ब्रजेंद्र रैकवार के जन्मदिन पर बधाईयां दी ।



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SAGAR; ट्रेन से टकराकर एक की मौत

SAGAR;  ट्रेन से टकराकर  एक  की मौत


सागर। सागर जिले के जरुआखेड़ा क्षेत्र  में एक युवक की ट्रेन से टकराने से मौत हो गई।  वह खेत जाने लिए रेल पटरी क्रास कर रहा था। इसी दौरान  ट्रेन आ गई और टकराकर जा गिरा । जिससे उसकी मौत हो गई। 


तोड़ा गौतमिया निवासी बालकिशन अहिरवार अपने घर से खेत पर जा रहे थे। रेल लाइन पार करते समय अचानक ट्रेन की चपेट में आ गाए । घटना  ईश्वरवारा जरूवाखेड़ा के बीच  पोल क्रमांक 1020/1ओर 1020/3 के बीच की  है।  जरूवाखेड़ा चौकी प्रभारी चौकी प्रभारी विद्यानंद यादवऔर स्टाफ के साथ घटना स्थान पर पहुंचकर कार्रवाई की ओर शव को पोस्टमाड़म के लिए सागर भेजा । 
 तोड़ा सरपंच सुरेश यादव के अनुसार बाल किशन रेल पटरी क्रास कर रहा था। तभी ट्रेन आ गई। जिससे वह टकरा गया और उसकी मौत हो गई। 
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विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में न तथ्य न तर्क: मंत्री भूपेंद्र सिंह

विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में न तथ्य न तर्क:  मंत्री  भूपेंद्र सिंह


भोपाल। विपक्ष के  अविश्वास प्रस्ताव में न तथ्य हैं न तर्क हैं। यह पहली बार देखने को मिला कि विपक्ष ने सदन के पटल पर एक भी तथ्य या तर्क नहीं रखा जिसका जवाब दिया जा सके। यह बात नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने विधानसभा में कांग्रेस द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कही। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सवा साल की सरकार के भ्रष्टाचार के ढेरों मामले हमारे पास हैं जिन्हें सार्वजनिक करने में प्रदेश की बदनामी होगी।

मंत्री श्री सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव कुंठाग्रस्त होकर लाया गया ऐसा सतही दस्तावेज है जो महज अखबारों की कतरनों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सवा साल के कार्यकाल ने मध्यप्रदेश में लुटेरों की मानसिकता से काम करते हुए पूरे प्रदेश को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया था।  कांग्रेस की सरकार यदि नहीं गिरती तो यह संभावना बन रही थी कि मध्यप्रदेश की हालत 2003 के पहले वाले मध्यप्रदेश जैसी हो जाती। मंत्री श्री सिंह ने सदन में कहा कि मेरे पास वह एक्सेल शीट है जिसमें इन्कमटैक्स के छापे में नामों की सूची है जिनके आगे राशि लिखी हुई है। मैं इस एक्सेल शीट को सदन में पढ़ना नहीं चाहता,इससे राज्य की बदनामी होगी। 

मंत्री श्री सिंह ने सदन में  कहा कि कमलनाथ सरकार में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा का स्तर यह था कि उनकी सरकार में मंत्री रहते हुए श्रीमती इमरती देवी को कहना पड़ा था कि ट्रांसफर कराने में पैसे लगते हैं। खरगापुर के एक किसान ने तहसीलदार को घूस के लिए अपनी भैंस तहसील दार की गाड़ी से बांध दी थी। तत्कालीन प्रमुख सचिव गौरी सिंह को पोषण आहार वितरण में ठेकेदारों की एंट्री रोकने के खामियाजा इस्तीफा देकर भुगतान पड़ा था। तत्कालीन खनिज मंत्री ने स्वयं कहा था कि हर थाने में 50-50 लाख रुपए की वसूली सिर्फ रेत के कारोबार से हो रही है। मध्यप्रदेश में सौभाग्य योजना में भ्रष्टाचार कांग्रेस सरकार में हुआ।   

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने बुंदेलखंड की महत्वाकांक्षी केन बेतवा लिंक परियोजना में अड़ंगे खड़े करके विलंब करवाया, गरीब और कमजोर वर्ग का सहारा बनी राज्य बीमारी सहायता योजना को बंद कर दिया। मुख्यमंत्री संबल योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना, तेंदूपत्ता संग्राहक योजनाएं गरीब, कमजोर वर्गों के लिए भाजपा सरकार ने शुरू की थीं। कांग्रेस सरकार ने ऐसी योजनाएं चुन चुन कर बंद कीं। 

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सवा साल की सरकार ने गरीबों के 2 लाख 32 हजार आवास वापस कर दिए थे। यह जनविरोधी कार्य मोदी जी की लोकप्रियता से कुंठित होकर कांग्रेस सरकार ने किया। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 10 दिन में कर्जा माफी का धोखा प्रदेश के किसानों से किया था। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि दिग्विजय सिंह जी के भाई लक्ष्मण सिंह जी ने कर्जा माफी पर सार्वजनिक रूप से बयान देकर  पार्टी नेतृत्व को चेताया था और कहा था कि राहुल गांधी को दस दिन में कर्जा माफी का झूठा आश्वासन नहीं देना चाहिए। इसके लिए प्रदेश सरकार संसाधन नहीं जुटा सकेगी। सदन में बैठे विधायक लक्ष्मण सिंह ने मंत्री भूपेंद्र सिंह के इस तथ्य को स्वीकारते हुए कहा कि अध्यज्क्ष महोदय मैं स्वीकारता हूं। 

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि यह तथ्य हैं कि कांग्रेस ने पूरे प्रयास किए थे कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की सरकार पंचायत व नगरीय निकायों के चुनाव नहीं करा सके। कांग्रेस ने पंचायत और निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण नहीं मिल सके इसके लिए सुप्रीम कोर्ट तक में प्रयास किए। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के दृढ़ संकल्प से पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग बनाया जिसने तीन महीने के भीतर अपनी तथ्यात्मक रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में 48 से 70 प्रतिशत तक की आबादी ओबीसी वर्ग की है। भाजपा सरकार ने नगरीय निकायों के अनुसार डाटा दिया और एप्लीकेशन आफ माडीफिकेशन लेकर सुप्रीम कोर्ट में गये।  मंत्री श्री सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संकल्प व्यक्त किया था कि हम आखिरी समय तक ओबीसी आरक्षण के लिए प्रयास करेंगे। हम लोगों ने दिल्ली जाकर सालिसिटर जनरल तुषार मेहता, एडीशनल सालिसिटर जनरल और वरिष्ठ अधिवक्ताओं से परामर्श किया। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट से आदेश हुआ कि मध्यप्रदेश के पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण दिया जाएगा। इस उपलब्धि का श्रेय मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान को जाता है। 

मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने सदन में अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में डबल एंजिन की सरकार तेजी से मध्यप्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार के विषय में अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा था कि जब केंद्र सरकार की विकास और जनकल्याण की योजनाओं की बात करते हैं तो मध्यप्रदेश पहला राज्य होता है जो केंद्र की योजनाओं को लागू करने के लिए तत्परता से सामने आता है।


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सांसद राजबहादुर सिंह ने की केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात▪️बीएससी बीएड/बीए बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स की मान्यता को शिक्षक भर्ती में शामिल करने की रखी मांग

सांसद राजबहादुर सिंह ने की केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात

▪️बीएससी बीएड/बीए बीएड  इंटीग्रेटेड कोर्स की मान्यता को  शिक्षक भर्ती में शामिल करने की रखी मांग


नईदिल्ली ।  सांसद राजबहादुर सिंह ने केंद्रीय एचआरडी मिनिस्टर श्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात कर संसदीय क्षेत्र के डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विद्यालय, सागर से अध्ययन कर चुके बीएससी बीएड/बीए बीएड 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के छात्रों को केवीएस शिक्षक भर्ती में शामिल करने की मांग रखी.
उन्होंने अवगत कराया कि मेरे संसदीय क्षेत्र के हजारों छात्रों द्वारा एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त बीएससी बीएड/बीए बीएड 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स एनसीटीई, एआईसीटीई,
A-Grade by UGC-NAAC प्रमाणित डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय,सागर से किया गया है.।
केंद्रीय विद्यालय संगठन की अधिसूचना क्र.15/2022 केंद्रीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए जारी किया गया है जिसमें टीजीटी और पीजीटी शिक्षकों के लिए जो आवश्यक योग्यता रखी गई है उसमें बीएससी बीएड/बीए बीएड 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स जो रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन (RIE) द्वारा संचालित है केवल उसे ही मान्यता दी गई है. एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त अन्य विश्वविद्यालय या कॉलेज के कोर्स को नहीं ।
NEP 2020 में बीएससी बीएड/ बीए बीएड 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स को प्राथमिकता के रूप में रखा गया है. केवीएस शिक्षक भर्ती नोटिफिकेशन RIE तथा अन्य कालेजों के छात्रों की बीच में भेदभाव की स्थिति उत्पन्न की जा रही है, जबकि दोनों जगह कोर्स एनसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त है. नवोदय विद्यालय समिति द्वारा शिक्षक भर्ती 2022-23 निकाली गई थी उसमें भी बीएससी बीएड/ बीए बीएड 
4 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स (सभी संस्थानों द्वारा) मान्य किया गया था, AEES द्वारा शिक्षक भर्ती में इसको शामिल किया गया है परंतु केवीएस शिक्षक भर्ती में इसको शामिल नहीं किया जा रहा है, जबकि दोनों केंद्र शासन द्वारा संचालित स्कूल है.
सांसद सिंह ने संसदीय क्षेत्र के हजारों विद्यार्थियों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुये नोटिफिकेशन में सुधार कराए जाने का अनुरोध किया. केंद्रीय एचआरडी मिनिस्टर श्री प्रधान द्वारा इस संबंध में त्वरित कार्यवाही के निर्देश जारी किये गये है. ज्ञात हो कि दिनांक 16 दिसंबर को सागर विश्वविद्यालय से बीएससी बीएड/बीए बीएड 4 वर्षीय इंट्रीग्रेटेड कोर्स के सैकड़ों छात्रों द्वारा केवीएस शिक्षक भर्ती में उन्हें शामिल कराए जाने की सांसद राजबहादुर सिंह से मांग रखी थी.


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भक्ति का प्रादुर्भाव होते ही भगवान प्रकट हो जाते हैं : पं. हृषीकेष जी महाराज


भक्ति का प्रादुर्भाव होते ही भगवान प्रकट हो जाते हैं : पं. हृषीकेष जी महाराज


सागर। राजघाट रोड पर मझगुंवा अहीर में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास श्री भक्ति प्रसाद हृषीकेष जी महाराज ने कथा के माध्यम से कहा कि हृदय में भक्ति का प्रादुर्भाव होते ही भगवान प्रकट हो जाते हैं। भक्ति की प्राप्ति कैसे हो, इसी के लिए सारे उपाय किए जाते हैं।
कथा व्यास ने कहा कि सूत जी ने बताया कि जिस समयस भक्ति महारानी का प्रादुर्भाव हुआ सबके हृदय में सनकादि भक्ति महोत्सव मना रहे थे। कथा का रसपान कर रहे थे। जब भक्ति का चित्त में अलौकिक आगमन होता है तो ज्ञान-वैराग्य आदि पुष्ट हो जाते हैं, भगवान भी हो जाते हैं। मगर भक्ति का प्रकटीकरण सबके अंदर नहीं हो पाता।
श्री हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि संसार में सबको ज्ञान तो है। सब जानते हैं कि राम नाम ही सत्य है, लेकिन यह सब ज्ञान सोया हुआ पड़ा रहता है। ये सोया ज्ञान प्रकट कैसे होगा, इसी का मार्गदर्शन श्रीमद्भागवत कथा करती है। श्रद्धापूर्वक सुनने से ही संसार से वैराग्य हो जाता है। संसार न कभी अपना था, न वर्तमान में है और न ही भविष्य में अपना रहेगा। भगवान का प्राकट्य शुद्ध हृदय में होता है। जब जीव भागवत की इच्छा करता है तो भगवान हृदय में बैठ जाते हैं। आप सभी को यह अवश्य ही अनुभव करना चाहिए कि आपके हृदय में विराजकर भगवान स्वयं कथा सुन रहे हैं।


भगवान की कथा भगवान सुनते हैं :
उन्होंने कहा कि भगवान का नाम इतना परम पावन है कि इसके उच्चारण से मनुष्य तो क्या पशु-पक्षी और वृक्ष भी निष्पाप हो जाते हैं। भगवान के नाम के सिवाय चित्त की शुद्धि का दूसरा उपाय नहीं है। कथा से पंच महापाप करने वाला भी पवित्र हो जाता है।
सद्गुरू का आश्रय लें :
श्री हृषीकेष जी महाराज ने भक्तजनों को सद्गुरू का आश्रय लेने की प्रेरणा देते हुए कहा कि संत में सबकुछ करने की ताकत होती है। वह भाग्य को भी बदलने की क्षमता रखते हैं। सद्गुरू आपको ईश्वर से जोड़ देते हैं इससे भगवान की लीला प्रकट हो जाएगी।
ऐसे करें भगवान के दर्शन :
कथा व्यास श्री हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि भगवान के मंदिर में दर्शन करते समय आमतौर पर लोग आंखें बंद कर लेते हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए। पहले भगवान का क्रमश: चरणों से लेकर मस्तक तक अच्छे से दर्शन करना चाहिए फिर आंख बंद करके प्रार्थना  और ध्यान करना चाहिए। सही विधि यही है।
वो आवश्यकता हमारी नहीं
कथा व्यास श्री हृषीकेष जी महाराज ने कहा कि हम भ्रमवश यह मानकर  बैठे है कि जो हमारे शरीर की आवश्यकता है वही हमारी आवश्यकता है। शरीर अलग है वह हमारे रहने का घर जरूर है परंतु खरबो होने के बाद भी लोग परेशान रहते है। इंद्र से लेकर तमाम शक्ति शाली भी दुखी है। शाश्वत सिर्फ परमात्मा है। विश्व के कोई भी धर्म हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई, सभी धर्मों के मानने वालों का एक ही परम धर्म है कि परमात्मा का स्मरण करें। कथा प्रारंभ में आरती यजमान श्री रामशंकर तिवारी द्वारा की गई। बीच-बीच में संगीतमय संर्कीतन ने भक्तों भाव विभोर कर दिया। कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 5 बजे तक आयोजित है। L


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मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह सम्मेलन में वितरित हुआ घटिया सामान ▪️सागर कमिश्नर ने जनपद पंचायत के सीईओ को किया निलबित

मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह सम्मेलन में वितरित हुआ घटिया सामान 

▪️सागर कमिश्नर ने जनपद पंचायत  के सीईओ को किया निलबित


सागर 21 दिसंबर 2022
संभागायुक्त श्री मुकेश शुक्ला ने पिछले दिनों दमोह जिले के पथरिया जनपद पंचायत में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में वधुओं को न्यून गुणवत्ता की सामग्री वितरित करने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत  श्री आशीष अग्रवाल को जांच के बाद निलंबित कर दिया है।
 दमोह जिले की जनपद पंचायत पथरिया में 9 दिसबंर को सम्पन्न मुख्यमंत्री कन्या विवाह सम्मेलन के आयोजन में 75 जोड़ों का विवाह सम्पन्न हुआ था ।  सामूहिक विवाह सम्मेलन में वितरित की गई सामग्री की गुणवत्ता संबंधी प्राप्त शिकायत की जाँच निर्देशानुसार जनप्रतिनिधि, हितग्राही, मीडियाकर्मी, जिले के वरिष्ठ अधिकारी तथा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं उपहार सामग्री सप्लायर्स के समक्ष किये जाने पर पाया गया कि जनपद पंचायत में  सम्पन्न सामूहिक विवाह कार्यक्रम में वधु को प्रदान की जाने वाली 10 सामग्रियों में से 3 सामग्री घड़ी, टेबिल फैन, वधु के वस्त्र की गुणवत्ता निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप नहीं पाई गई तथा न्यून गुणवत्ता की सामग्री का वितरण किया गया।
“मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की गाईड लाईन की निर्देशिका की कंडिका - 17 के अनुसार कंडिका 7.2 एवं 7.3 में प्रावधान है कि समिति द्वारा वधु को प्रदाय की जा रही सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जावेगी।“ किन्तु मुख्य कार्यपालन अधिकारी ,जनपद पंचायत ,पथरिया श्री आशीष अग्रवाल द्वारा योजना के उक्त प्रावधान का अनुपालन किये बिना ही वधुओं को दी गई न्यून गुणवत्ता की सामग्री के फलस्वरूप शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता की योजना का क्रियान्वयन समुचित ढंग से नहीं हो सका । साथ ही प्रशासन की छवि भी धूमिल हुई है।
श्री अग्रवाल द्वारा किया गया उक्त कृत्य अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन के प्रति घोर उदासीनता, कर्तव्य विमुखता, स्वैच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है। श्री आशीष अग्रवाल मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, पथरिया, जिला दमोह को म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम 09 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित  किया गया है।
निलंबन अवधि में श्री अग्रवाल का मुख्यालय, कार्यालय जिला पंचायत ,दमोह नियत किया गया है। श्री अग्रवाल की निलंबन अवधि में जनपद पंचायत पथरिया का कार्यभार ग्रहण करने हेतु कलेक्टर यथोचित अधिकारी को निर्देशित करेंगे। निलंबन अवधि में श्री अग्रवाल को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।



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SAGAR: श्री सम्मेद शिखरजी को लेकर जैन समाज ने प्रभावी जुलूस निकाला, बाजार रहे बंद

SAGAR: श्री सम्मेद शिखरजी को लेकर जैन समाज ने प्रभावी जुलूस निकाला, बाजार रहे बंद



सागर । सम्मेद शिखरजी को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के विरोध में सागर जैन समाज  ने सागर नगर में 25,000 से अधिक लोगों का एक विशाल और प्रभावी जुलूस निकालकर कलेक्टर सागर को ज्ञापन सौंपा। जिसमें पर्यटन क्षेत्र के आदेश को तत्काल निरस्त करने के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जी आदेश जारी करें। सम्मेद शिखर को लेकर जैन समाज के आव्वहन पर अन्य समाजों और संगठनों ने भी समर्थन किया और हिस्सेदारी निभाई।



सकल दिगंबर जैन समाज सागर के आह्वान पर राष्ट्रपति के नाम पर एक ज्ञापन में समाज के लोगों ने झारखंड स्थित सास्वत जैन तीर्थ क्षेत्र सम्मेद शिखरजी को तीर्थक्षेत्र के स्थान पर पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध किया नमक मंडी स्थित जैनमंदिर के सामने से दोपहर 1 बजे शुरू हुआ जिसमें लोग हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे नमकमंडी, तीनबत्ती, बड़ा बाजार, चमेली चौक, मोतीनगर थाना, राहतगढ़ बस स्टैंड, विजय टॉकीज होकर वापस कटरा पहुंचा जलूस में 2 वर्ष के बच्चे से लेकर 90 वर्ष तक के महिला पुरुष थे।



 सबसे पहले पाठशाला के बच्चे उसके बाद महिलाएं और फिर पुरुष साथ में चल रहे थे। नमकमंडी पहुंचकर पूर्व विधायक सुनील जैन, पूर्व जिला सभापति सुदेश जैन, गुड्डू भैया, भाजपा नेता शैलेश केशरवानी, राज कमल केशरवानी ,जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अंकलेश्वर दुबे अन्नी, भाजपा नेता नेवी जैन, पूर्व विधायक सुधा जैन, पूर्व पार्षद चक्रेश सिंघई, मुन्ना चौबे, सिंटू कटारे आदि ने पहुंचकर अपना समर्थन दिया और शिखरजी तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का विरोध किया कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना, अनिल जैन नैनधरा और अशोक पिडरूआ ने किया।

इस अवसर पर गणाचार्य विरागसागर महाराज ने कहा सम्मेद शिखर तीर्थक्षेत्र से 20 तीर्थंकर मोक्ष गए हैं और जैन समाज का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र सरकार का निर्णय किसी को स्वीकार नहीं है। तत्काल सरकार से पर्यटन क्षेत्र घोषित करने के निर्णय को वापस ले और तीर्थक्षेत्र ही उसे रहने दिया जाए इस अवसर पर जैन संत मुनि श्री विरंजन सागर महाराज ने कहा कि सम्मेद शिखरजी को लेकर जैन समाज के हर वर्ग में असंतोष की स्थिति है सरकार ने यह निर्णय कैसे लिया यह भी समझ से परे है सरकार को चाहिए अब इसमें कुछ देर ना करें और तत्काल अपने निर्णय को पलट कर वापस तीर्थ क्षेत्र घोषित किया जाए जैन समाज की अस्मिता का प्रश्न है इसलिए सरकार बिल्कुल भी देर नहीं करें।


आज के बाद जुलूस में सागर नगर के सभी 60 मंदिरों के आसपास रहने वाले लोग पहुंचे। इसके अलावा राहतगढ़, सिहोरा, कर्रापुर, परसोरिया, सानौधा, बंडा, सुर्खी, ढाना, बांदरी, जैसीनगर, आदि कस्बों से लोग भी पहुंचे जिन्होंने अपना समर्थन दिया। मौन जुलूस के समर्थन  में सकल दिगंबर जैन समाज सागर और आसपास के कस्बों में समाज के प्रतिष्ठान बंद रखें और इसका विरोध किया।

शाम को जिला कलेक्टर दीपक आर्य एसपी तरुण नायक एडीएम सपना त्रिपाठी एडिशनल एसपी विक्रम कुशवाहा सीएसपी के पी सिंह टीआई आनंद सिंह, मंच पर पहुंचकर ज्ञापन लिया । कार्यक्रम में ब्रह्मचारी पारस भैया, महेश बिलहरा, संतोष घड़ी, देवेंद्र जेना, संजय टड़ा, मनीष नायक, प्रशांत जैन, डॉ श्रेयांश जैन राकेश जैन, राजीव जैन, सुरेंद्र माल्थोन, आनंद स्टील, वीरेंद्र माल्थोन, राजेश रोडलाइंस, मनीष जैन, सुनील जैन, अमित जैन, अनिल चंदेरिया, नीरज जैन, राकेश जैन , जगन्नाथ गुरेया, विक्रम सोनी, देवेंद्र जैन पटना, श्री कांत जैन, सिंथिल पडेले,सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।



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