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सागर जोन के IG प्रमोद वर्मा ,पीटीएस एसपी दिनेश कौशल सहित 5 अधिकारियों को मिलेगा उत्‍कृष्‍ट सेवा पदक

सागर जोन के IG प्रमोद वर्मा ,पीटीएस एसपी दिनेश कौशल सहित 5 अधिकारियों को मिलेगा उत्‍कृष्‍ट सेवा पदक 



तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
सागर। केन्‍द्रीय गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा केन्‍द्रीय गृह मंत्री का अति-उत्‍कृष्‍ट सेवा पदक/उत्‍कृष्‍ट सेवा पदक भारत के किसी प्रदेश में जिन पुलिस कर्मियों के द्वारा अति-उत्‍कृष्‍ट/ उत्कृष्ट कार्य किया गया उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
वर्ष 2022 के लिये श्री प्रमोद वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक सागर जोन सागर,   दिनेश कुमार कौशल पुलिस अधीक्षक पुलिस प्रशिक्षण शाला सागर, सहित सागर जोन के, श्री राजेश कुमार बेन उनि एसएएफ 10वी वाहिनी सागर, श्री रामरतन तिवारी आरक्षक जिला पन्‍ना,और  श्री प्रदीप गर्ग आरक्षक जिला पन्‍ना को  भी प्रदाय किया जायेगा। 

  एसपी दिनेश कौशल

 आईजी प्रमोद वर्मा एवं अन्‍य पुरूष्‍कृत अधि0/कर्म0 को उप पुलिस महानिरीक्षक सागर सुनील कुमार जैन, पुलिस अधीक्षक सागर  अभिषेक तिवारी, सहित जोन के समस्‍त पुलिस अधीक्षक एवं अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारियों सहित जोन के पुलिस और अन्य  अधिकारियो द्वारा बधाई दी गई।
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SAGAR: निर्माणाधीन मकान की छत गिरी :आधा दर्जन से अधिक मजदूर घायल

SAGAR: निर्माणाधीन मकान की छत गिरी :आधा दर्जन से अधिक मजदूर घायल



तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
सागर : सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में शनिवार शाम वेदांती के पास निर्माणाधीन एक मंजिला मकान की छत गिर गई। हादसे में मकान का काम कर रहे कुछ मजूदर मलबे में दब गए। वहीं आसपास खड़े कुछ मजूदर चपेट में आए। घटना देख मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पर पुलिस बल घटनास्थल पर पहुंचा और रेस्क्यू शुरू किया। टीम ने रेस्क्यू कर मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। वहीं एक मजदूर मलबे में दबा है। जिसकी तलाश की जा रही है।
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देखे : निर्माणाधीन मकान की गिरी छत :आधा दर्जन मजदूर घायल


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ढलाई के दौरान गिरा मकान
जानकारी के अनुसार वेदांती के पास  कृष्णकुमार मिश्रा,केरबना वाले  के मकान की छत का निर्माण चल रहा था। छत ढलने के बाद काम पूरा कर मजूदर बाहर खड़े थे। कुछ मजदूर अंदर थे। इसी दौरान अचानक मकान की छत धंस गई। दुर्घटना में निर्माणाधीन मकान के अंदर मौजूद तीन मजदूर मलबे में दब गए। हादसा होते ही मौके पर चीख-पुकार मच गई। लोगों ने मजदूरों को बाहर निकालने की मशक्कत शुरू की। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मलबे से फंसे दो मजदूरों को बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि उनका एक साथी और मलबे में दबा है। जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।

हादसे में ये मजदूर हुए घायल मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि मकान का निर्माण चल रहा था। तभी छत गिर गया। दुर्घटना में मजदूर रोहन, अमित अहिरवार, गुलगुल, टीका अहिरवार और अभिषेक घायल हुए हैं। जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि मजदूर लाखन आदिवासी निवासी नवलपुर भौहारा मलबे में दबा हुआ है। जिसकी पुलिस टीम सर्चिग कर रही है।

22 मजदूर कर रहे थे छत की ढलाई 



वेदांती के पास शनिवार को निर्माणाधीन मकान की छत ढलाई का काम किया जा रहा था। सुबह से ही 22 मजूदर काम कर रहे थे। शाम को काम पूरा होने के बाद मशीन खोल रहे थे। तभी मकान की छत गिर गई। गनीमत रही कि काम पूरा होने के बाद मजदूर मकान से बाहर आ गए थे। वरना बड़ा हादसा हो सकता था।

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SAGAR : शिक्षण समिति की जमीन पर अवैध प्लाटिंग : प्रशासन ने की कारवाई: 6 करोड़ की कराई कराई मुक्त

SAGAR : शिक्षण समिति की जमीन पर अवैध प्लाटिंग : प्रशासन ने की कारवाई: 6 करोड़ की कराई कराई मुक्त


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नबत्ती न्यूज : 23 मार्च ,2024
सागर : सागर के सिंरोजा इलाके में एक शिक्षण समिति की जमीन पर अवैध प्लाटिंग करने और पुलिया आदि का निर्माण करने की शिकायत पर प्रशासन ने जेसीबी मशीन चलाकर अतिक्रमण हटाया । करीब छह करोड़ की जमीन मुक्त कराई गई।

कलेक्टर  दीपक आर्य के निर्देश आज अनुविभागीय अधिकारी  विजय डहेरिया एवं तहसीलदार, प्रवीण पाटीदार एवम् राजस्व दल , पुलिस बल के साथ जहा अवैध रूप से कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा था। वहा  मौके पर पहुंचा। कार्रवाई करते हुए कॉलोनी में किए गए अवैध निर्माणों को तोड़ा गया है।





जानकारी के अनुसार प.ह. नंबर 74 मौजा सिरोंजा के खसरा नंबर 268/1 और 268/2 कुल रकबा 2.42 हैक्टेयर यशोदा बाई शिक्षण समिति की भूमि पर रामनरेश पिता बुंदेल सिंह राजपूत के द्वारा अवैध कॉलोनी और पुलिया का निर्माण कर अतिक्रमण किया गया था। मामले की शिकायत मिलते ही शनिवार को एसडीएम विजय डहेरिया, तहसीलदार प्रवीण पाटीदार, राजस्व और पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। जहां अवैध कॉलोनी पर कार्रवाई शुरू की गई। कार्रवाई के दौरान कॉलोनी में अवैध रूप से बनाई गई सड़कें और अन्य अतिक्रमण को जेसीबी चलाकर तोड़ा गया है। कार्रवाई में प्रशासन ने 6 करोड़ रुपए कीमत की जमीन मुक्त कराई है।

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सागर के रसखान है मायूस सागरी: प्रो सुरेश आचार्य▪️जनाब मायूस सागरी को मिला साहित्य सरस्वती सम्मान -2024

सागर के रसखान है मायूस सागरी: प्रो सुरेश आचार्य
▪️जनाब मायूस सागरी को मिला साहित्य सरस्वती सम्मान -2024



तीनबत्ती न्यूज : 23 मार्च,2024
सागर :  श्री सरस्वती पुस्तकालय एवं वाचनालय ट्रस्ट द्वारा वर्ष 2024 का साहित्य सरस्वती सम्मान बंडा के जनाब मायूस सागरी जी को प्रदान किया गया। पूर्व सांसद  लक्ष्मीनारायण यादव, समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, प्रो सुरेश आचार्य, संस्था के सचिव षुकदेव प्रसाद तिवारी, अध्यक्ष के के सिलाकारी , कोशाध्यक्ष आर एस यादव , साहित्य सरस्वती की संपादक डाॅ लक्ष्मी पाण्डेय के कर कमलों से प्रदान किया गया। इस अवसर पर वाचनालय की पत्रिका साहित्य सरस्वती के 11 वें अंक के प्रवेषांक का विमोचन भी किया गया।


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्था के सचिव सुकदेव प्रसाद तिवारी ने संस्था की सामाजिक गतिविधियों की जानकारी दी, वाचनालय की पत्रिका और सागर के साहित्यकारों के संदर्भ में किये जा रहे कार्यो के बारे मे जानकारी दी।  रधु ठाकुर ने अपने विचार रखते हुए कहा कि मायूस सागरी ने बुन्देलीभाषा में जो माधुर्य लाया है वह ब्रजरज में देखने मिलता है इसको पढ़कर लगता है कि इसे बार बार पढ़ा जाए।  प्रो सुरेश आचार्य ने अपने उद्बोधन में मायूस सागरी की  तुलना रसखान से की उन्होंने कहा कि आपके हिन्दी और उर्दू साहित्य का अच्छा प्रभाव है ; आपने बुन्देली के सौन्दर्य को साध लिया है। समीक्षक टीकाराम त्रिपाठी  ने सागरी जी के साहित्य के बारे में विचार रखे उन्होंने  कहा कि यदि सागरी जी ने इतना साहित्य लिखा है कि पूरा साहित्य प्रकाषित हो जाए तो उसकों पढ़ने  मे वर्शो लग जाए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व सासंद लक्ष्मीनारायण यादव जी कहा की पुरस्कार की सार्थकता साबित हुई, मायूस जी उनकी रचनाओं का एक अलग सौन्दर्य है। मायूस जी के व्यक्तित्व में जितनी सहजता है उतना ही  अपनापन उनके साहित्य में है।  इस अवसर पर षहर की अनेक साहित्य संस्थाओं द्वारा मायूस जी का षाल एवं श्रीफल से सम्मान किया । 


कार्यक्रम की षुरूआत में माॅ सरस्वती का पूजन किया गया एवं अतिथियों  का सम्मान किया गया । अंत में संस्था के सचिव षुकदेव तिवारी ने सभी का आभार माना, इस अवसर पर पूरन सिंह राजपूत, उमाकांत मिश्र, आषीश ज्योतिशी, नलिन जैन, लक्ष्मीनारायण चैरसिया, नम्रता फुसकेले, संतोश श्रीवास्तव, गजाधर सागर, राम षर्मा, राजू चैबे सहित अनेक साहित्यकार, कवि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।



मायूस सागरी : कालजयी कति बजरज लेखन में अनुवाद सहित हिंदी, उर्दू व बुंदेली में दर्जनों रचनाएं


वैसे नाम तो उनका शेख अब्दुल रज्जाक है लेकिन लोग उन्हें मायूस सागरी के नाम से जानते हैं। 85 साल के मायूस सागरी को कभी हालात की वजह से सातवीं कक्षा में ही स्कूल छोड़ देना पड़ा। लेकिन लिखने का शौक था, उनके बड़े भाई शाइर थे। भाई ने प्रेरित किया तो लिखना शुरु किया फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। इतना लिखा कि आज उनकी रचनाओं पर कॉलेज और विवि के छात्र पीएचडी कर रहे हैं। हिंदी, उर्दू और बुंदेली में समान रुप से कलम चलाने के साथ ही कृष्ण से लेकर रत्नावली तक पर लिखने वाले वे बुंदेलखंड के इकलौते साहित्यकार हैं। मुस्लिम होने के कारण साहित्य जगत में उन्हें बुंदेलखंड का रसखान भी कहा जाता है।

मायूस उनका तकल्लुस है, पर वे मायूस कभी नहीं हुए रहीम, रसखान की परंपरा को अपनाने वाले कवि, शाइर मायूस सागरी कहते हैं आजकल सब कुछ पालिटिक्ल हो चुका है इसलिए वे वर्तमान हालात पर कुछ भी नहीं कहना चाहते। हां इतना जरुर है कि वे अपने लेखन से खुश हैं और आखिरी सांस तक लिखना जारी रखेंगे। मायूस उनका तकल्लुस है यह उनके बड़े भाई ने दिया था। ये अलग बात है पर मायूस वे कल भी नहीं थे और आज भी नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एक रचनाकार को अपनी सभी कृति प्रिय होती हैं और ये पाठक ही तय करते हैं कि उन्हें पढ़ने में क्या ज्यादा पसंद आया। सागरी ने बताया कि स्व. डीपी मिश्र रचित कृष्णायन जैसी अनमोल रचना रद्दी में बिक गई थी जो बड़ा दुखद था। इसका 4 हजार पेज का काव्य अनुवाद मेरे लिए बड़ा सुकून देने वाला रहा। उन्होंने बताया कि इसकी प्रस्तावना राष्ट्रपति स्व. राजेंद्र प्रसाद ने लिखी थी। उन्होंने बताया कि कहते हैं कि रामचरित मानस की रचना तभी हो पाई जब तुलसीदासजी एवं रहीम साहेब की बातचीत हो गई। साहित्य को किसी सीमा में नहीं बांधा जा सकता। अमीर खुसरो ही मेरे प्रणेता हैं।

सागर में पुरव्याऊ टौरी पर जन्में और बंडा में स्थायी निवास बनाने वाले मायूस सागरी को यूं तो कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। साहित्यिक अवदान के लिए शनिवार को उनके लिए सरस्वती सम्मान से नवाजा जाएगा। सरस्वती वाचनालय ट्रस्ट की ओर से इस सम्मान में 1 लाख रुपए नकद के साथ ही सम्मान पत्र भेंट किया गया।। 
सागरी की प्रमुख रचनाएं- ब्रजरज (कृष्ण काव्य) मनपीर, मोर- पग, रस (बुंदेली गजलें) बतरस (बुंदेली गीत) वंश चौपाई, साखी, बिजौरा (बुंदेली दोहे) ब्रजरज टीका, फाग फहार (बुंदेली चौकड़ियां) ईदगाह व सौत (कहानी) वाणी, भाव वृत, सौम्या, श्रेया, कैंकयी संवाद, सुरज का दुख- मुक्त छंद- चाणक्य नीति, विदुर नीति व कृष्णायन- काव्य अनुवाद- इसके अलावा हिंदी व उर्दू के गजल संग्रह भी प्रमुख हैं।

 
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