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नष्ट फसलों का मुआवजा नहो देना पड़े इसलिए जानबूझकर कराई पटवारियों की हड़ताल,सर्वे प्रभावित: नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव

 नष्ट फसलों का मुआवजा नहो देना पड़े इसलिए जानबूझकर कराई पटवारियों की हड़ताल,सर्वे प्रभावित: नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव   
सागर । एमपी में पटवारियों की हड़ताल ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है । नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने इसे अतिवर्षा से खराब हुई फसलों के सर्वे मुआवजे से जोड़ा है और आरोप लगाया कि मन्त्री से जानबूझकर हड़ताल कराई कि सर्वे का काम प्रभावित हो ।
         उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रदेश के एक मंत्री ने लगता है जानबूझ कर ऐसा बयान दिया कि पटवारी हड़ताल पर चले गए। जिससे किसानों की नष्ट हुई फसलो का सर्वे कार्य प्रभावित हो रहा है ।किसान परेशान है अभी तक न राहत राशि ही मिली न ही कर्ज माफ हुआ है । उन जानबूझकर किया गया है ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों ओर वादा ख़िलाफियो से प्रदेश का किसान परेशान है खरीफ की फसल नस्ट हो जाने से उन्हें खाने के लाले पड़े है दर्जनों किसानों ने आत्महत्या कर ली है ।अभी हाल ही में बीना तहसील के करौंदा गांव में किसान ने आत्महत्या की है ।सरकार अब जल्द से जल्द पटवारियों की हड़ताल समाप्त करवायेओर अपने वादे पूरे करे।

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किसानों के 50 हजार के बाद अब 2 लाख तक के चालू खाते के ऋण माफ होंगे:मुख्यमंत्री कमल नाथ

किसानों के 50 हजार के बाद अब 2 लाख तक के चालू खाते के ऋण माफ होंगे:मुख्यमंत्री  कमल नाथ 
भोपाल। मुख्यमंत्री व मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि देश आज भयानक मंदी के दौर से गुजर रहा है और हमारे देश में होने वाले सभी निवेश बंद हो गये हैं। जीडीपी सबसे निचले स्तर पर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब केन्द्र की मोदी सरकार की अनुभवहीनता और गलत आर्थिक नीतियों का परिणाम है। 
श्री नाथ आज मानस भवन में आर्थिक मंदी पर कांग्रेस के सभी जिला अध्यक्ष और पीसीसी डेलीगेट के साथ चर्चा-चिंतन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने नौ माह में हर मोर्चे पर गंभीर चुनौती और खाली खजाने के बीच परिणाम देने वाले काम किए हैं। आप सभी लोग पार्टी की ओर से मैदान में काम करने वाले लोग हैं आप छाती ठोक कर कहें की हमारी सरकार ने जो काम नौ माह में किया वह काम पंद्रह साल की भाजपा सरकार ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारी ऐतिहासिक ऋण माफी योजना में अब हम 50 हजार के बाद चालू खाते के 2 लाख तक के ऋण माफ करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने नौ माह की सरकार के कामकाज का ब्यौरा देते हुए कहा कि हम सब लोगों के लिए अग्निपरीक्षा का दौर था। आपकी मेहनत पंद्रह साल के संघर्ष का ही नतीजा था कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि भले ही संवैधानिक प्रक्रिया के तहत विधायकों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया लेकिन मेरा यह मानना है कि मुझे मुख्यमंत्री आप लोगों ने बनाया क्योकि जो विधायक जीत कर आया वह आपकी वजह से विजय हुआ है। उन्होने कहा कि 25 सितम्बर को कांग्रेस की सरकार के नौ माह पूरे होंगे। इस दौरान लगभग ढाई माह लोकसभा चुनाव में गुजर गए। हमें सिर्फ छह माह काम करने का मौका मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन छह माह में किसानों की कर्ज माफी, कन्यादान विवाह और निकाह योजना की राशि को दोगुना करना, पेंशन दोगुनी करना, बिजली देने, मक्का और गेहूँ उत्पादन पर बोनस जैंसे महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसले सरकार ने लिए हैं, यह सब उन चुनौतियों के बीच में किया गया, जब हमें विरासत में खाली तिजोरी मिली थी। 
जब हमने फसल ऋण वाले दो लाख रुपये तक की किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरु की तो कई चुनौतियाँ हमारे सामने आयीं, 50 लाख किसानों के खातों की जांच की गई तो पता चला की 38 लाख किसान ही सामने आए। इन 38 लाख किसानों में से कई किसानों के चार-चार खाते हैं कई किसानों ने फसल ऋण के अलावा अन्य ऋण ले रखे थे। वे कर्जमाफी की हमारी घोषणा के पात्रता में नहीं आ रहे थे। कई किसानों के पास आधारकार्ड नहीं था और अन्य तकनीकी कारणों से वे ऋणमाफी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाये थे। इन सारी चुनौतियों का सामना करते हुए हमने 20 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। यह कोई छोटा काम नहीं था। एक बड़ी चुनौती का काम था और मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में किसानों की कर्जमाफी हो रही थी। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान हर दिन किसानों की कर्जमाफी की प्रक्रिया की वे माॅनिटरिंग करते थे। यह काम सिर्फ तंत्र के भरोसे नहीं छोड़ा था। यही कारण है कि इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में किसानों के कर्जमाफ हो सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र की भाजपा सरकारों ने भी कर्जमाफी की घोषणा की थी लेकिन उत्तरप्रदेश में आज तक यह प्रक्रिया चल रही है और महाराष्ट्र में चुनाव नजदीक आ गये है अभी तक किसानों के कर्जमाफ नहीं हुए। उन्होंने कहा कि आप सभी को यह तथ्य मालूम होना चाहिए ताकि आप, लोगों को असलियत बता सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा प्रदेश बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है विंध्य क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो प्रदेश के सभी जिलों में 25 प्रतिशत से अधिक बारिश हुई है। भिंड, मुरैना, मंदसौर, नीमच में भारी नुकसान हुआ है। हमें आने वाले दिनों में 8 हजार करोड़ से अधिक की राशि की आवश्यकता होगी। इस चुनौती का भी हम सामना करेंगे।
मुख्यमंत्री ने बाढ़ पर राजनीति करने पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर उन्हें पीड़ितों से सच्ची हमदर्दी है तो वे दिल्ली जाएं और अपनी सरकार से सहायता दिलाएं ताकि बाढ़ पीड़ितों को तत्काल राहत दी जा सके। भाजपा की इसमें कोई रुचि नहीं है यह सिर्फ प्रचार-प्रसार की राजनीति करती है और पंद्रह साल इन्होंने यही किया और आज भी इससे उबर नहीं पा रहे है। राहत में हाथ बटाने की बजाय भाजपा बाढ़ पर भी राजनीति कर रही है।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव और मध्यप्रदेश के प्रभारी  दीपक बावरिया ने अपने उद्बोधन में बताया कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने तय किया है पूरे देश में आर्थिक मंदी के कारण बेरोजगारी बढ़ रही है, हर क्षेत्र में गिरावट आ रही है, इसके खिलाफ सभी कांग्रेसजनों को अपने-अपने क्षेत्रों में आवाज उठानी है। पार्टी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के 150 वीं जयंती पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी जी के 75 वीं जयंती को भी मनाने का निर्णय लिया और उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने का अभियान चलाना तय किया है। 
इस अवसर पर कांगे्रस नेतागण सर्वश्री सुरेश पचैरी, कांतिलाल भूरिया, अजयसिंह, राजमणि पटेल, रामनिवास रावत, रामेश्वर नीखरा, संजय कपूर, सुधांशु त्रिपाठी, राजेन्द्र सिंह, मीनाक्षी नटराजन, सुरेन्द्र चैधरी, नरेन्द्र सलूजा, शोभा ओझा, मांडवी चैहान आदि उपस्थित थे। प्रदेश कांगे्रस के संगठन प्रभारी उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर और महामंत्री राजीव सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मंत्रीगण, कांगे्रस विधायक, प्रदेश कांगे्रस के प्रतिनिधिगण, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रत्याशी 2018, और अन्य जनप्रतिधि शामिल हुये।
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अतिवर्षा से फसल खराब।भाजपा का प्रदर्शन। नेता प्रतिपक्ष,पूर्व गृहमन्त्री और विधायक ने दिए धरना,सागर में बेरिकेट्स पटके

अतिवर्षा से फसल खराब।भाजपा का प्रदर्शन। नेता प्रतिपक्ष,पूर्व गृहमन्त्री और विधायक ने दिए धरना,सागर में बेरिकेट्स पटके

सागर। अतिवर्षा से खराब हुई फसलों का सर्वे कराकर किसानों को शीघ्र राहत राशि दिलाने की मांग को लेकर प्रांतीय आव्हान पर भाजपा ने विधानसभा स्तर पर धरना प्रदर्शन किए और जमकर नारेबाजी की । सागर में sdm कार्यालय में बेरिकेट्स पटकते हुए कार्यकर्ता घुसगये । प्रदर्शन करने फसलों को लेकर किसान पहुचे थे । नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने रहली ,पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह ने खुरई सांसद राजबहादुर सिंह,विधायक शेलेन्द्र जैन,विधायक प्रदीप लारिया ने सागर और पूर्व  विधायक हरवंश सिंह राठौर के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ।

हे! कमलनाथ रहली क्षेत्र से मुआबजा वितरण शुरू करों,वरर्ना तुमारी सरकार का भी तर्पण कर देगें- गोपाल भार्गव
 रहली में आयोजित धरना पर गोपाल भार्गव ने कहा कि  नईया जब डगमग पईयो गोपाल संभाले रहियो ये केवल एक गाना नही था ये कवि के मन की अभिव्यक्ति थी मन का भाव था मुझे लग रहा है आज पूरे मध्यप्रदेश की नईया डगमग है और इसीलिए आज लंबे समय के बाद मुझे मंच पर आना पडा है।आज राजनिति की बात ही है आज कोई चुनाव नही होना,हर चीज वोट के लिए नही होती हर संघर्ष वोट के लिए नही होता हर संघर्ष चुनाव के लिए नही होता जब जब समय पर विपत्ती होती है तब तब हम जैसे लोगो को सडको पर उतना पडता है, ये हमारी जिम्मेदारी है जब जब समस्या आएगी तब तब गोपाल भार्गव आपके साथ खडा रहेगा। आज धूप भी खिली हुई है जिसके साथ भगवान होता है उसके सामने सरकार को भी झुकना ही पडता है।हमने विपक्ष में राजनिति की है और अभी फिर कर रहे है और अपने अधिकार के लिए कई बार सडको पर उतरे है आज एक बार फिर वही दौर है जब अपने अधिकार के लिए सरकारों को झुकाना पडेगा,चाहे कमलनाथ की सरकार हो या दिग्विजय सिंह की सरकार हो गोपाल भार्गव ने हमेशा जनता की लडाई लडी है।
सरकार ने न तो किसानों को राहत दी ,न ही फसलों का सर्वे कराया :पूर्व गृहमन्त्री भूपेंद्र सिंह
खुरई में  पूर्व गृह मंत्री एवं खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह के नेतृत्व में  मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन के साथ खराब फसलों का गट्ठा भी तहसीलदार को सौंपा।
          इस मौके पर  पूर्व गृहमंत्री सिंह  ने कहा कि अतिवर्षा के कारण फसलों को भारी क्षति पहुॅची है। अनेक लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। अभी तक सरकार के द्वारा न तो किसानों को राहत दी गई है और न ही फसलों का सर्वे कराया है। जिनके मकान गिर गये है, उन पीड़ित परिवारों को सरकार के द्वारा राहत राशि नहीं दी जा रही। उन्होंने कहा कि जो फसलें खराब हुई हैं, उसे लाकर खुरई एसडीएम कार्यालय में तहसीलदार को सौंपी है। जिससे सरकार यह देख सके कि फसलें किस कदर पूरी तरह चौपट हो गई हैं। उड़दा पहले ही खराब हो गये थे, सोयाबीन भी खराब हो गया है, अब किसान के गुजारे के लिए कुछ बचा नहीं और राज्य सरकार कोई मदद कर नहीं रहीं।
सागर मेंsdm कार्यालय का किया घेराव ,पुलिस और कार्यकर्ताओं में झड़प
किसानों की समस्याओं को लेकर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप लारिया के नेतृत्व में नरयावली क्षेत्र के किसानों ने पीली कोठी के पास धरना दिया । इसके बाद सभी  बाद sdm को ज्ञापन देने पहुचे तो वहां भारी पुलिस बल तैनात था । बेरिकेट्स लगाए गए थे । आक्रोशित किसानों और भाजपाईयो ने बेरिकेट्स को तोड़ते और गिराते हुए कार्यालय पहुच गए । इस दौरान जमकर नारेबाजी आंदोलनकारियों ने की ।
विधायक प्रदीप लारिया ने कहा कि क्षेत्र में सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है ।किसान परेशान है । हमारी मांग है कि सर्वे कराकर भरपूर मुआवजा किसानों को दिया जाए ।आंदोलन में किसान सड़को पर उतरा है । 
              धरना प्रदर्शन के दौरान सागर सांसद .राजबहादुर सिंह सागर.विधायक .शैलेन्द्र जैन  जिलापंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती तृप्ति सिंह लक्ष्मण सिंह भाजपा मंडल अध्यक्ष चैनसिंह तुलसीराम पांडे रत्नेश सिंह विक्रम सोनी राजेश सिंह राजपूत श्याम तिवारी सौरभ केशरवानी प्रदीप राजौरिया बलवंत सिंह ठाकुर विवेक सक्सेना नरू ठाकुर हीरालाल खटीक रामप्रसाद विश्वकर्मा किसान मोर्चा अध्यक्ष विजय पटेल ,जगन्नाथ गुरैयाअर्पित पांडे गंगाराम ठेकेदार मिश्रीचंद्र गुप्ता पंकज मुखारया संजय केशरवानी वरिष्ठ किसान अशोक सिंह ढाना रूपसिंह दादा चंद्रभान यादव धनीराम राय राजकुमार सिह दादा कल्याण सिंह पापा राजेन्द्र यादव नंदराम डाबरी धनीराम पटेल बल्देव सिंह लुहारी शरदा दाऊ जसराज सहित बडी संख्या में क्षेत्र भर के किसान भाई सरपंच गंण पार्षद गंण भाजपा कार्यकर्ता शामिल रहे।
बंडा एसडीएम के मुर्दाबाद के नारो से गूंजी पूरी तहसीली
बण्डा में किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के नेतृत्व में के कमलनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई । पूर्व विधायक राठौर ने कहा कि फसल बर्बाद होने से किसानों की स्थिति खराब होने लगी है ।क्षेत्र में सोयाबीन खराब होने की स्थिति में  है। अन्य फसल बर्बाद हो चुकी है । सरकार को सर्वे कराकर मुआवजा जल्दी  देना चाहिए।
          भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व विधायक हरवंशसिंह राठौर के नेतृत्व में किसानों की 21 सूत्रीय मांगों को लेकर महामहिम राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार को हरी फसल लेकर ज्ञापन सौपा। इस मौके पर पूर्व जिला अध्यक्ष जाहर सिंह,वैभव कुकरेले सहित सेकड़ो कार्यकर्ता मौजूद थे।
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Doping : भारतीय खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं के सेवन में लिप्त नही - डॉ सिमोना पिचनी




सागर । नेशनल डोपिंग सेन्टर  इटली में वैज्ञानिक डॉ सिमोना पिचनी ने इस बात की सराहना की है  कि भारत के खिलाड़ी डोपिंग और अन्य   प्रतिबंधित दवाओं में लिप्त नही है। लेकिन आने वाले समय में भारत के सामने भी यह समस्या होगी इसलिये उसे अभी से तैयार रहना चाहिये।
उन्होंने डॉ हरीसिंह गौर विवि सागर  के रसायन शास्त्र विभाग में डोपिंग एवं खेल में प्रतिबंधित दवाओं के बारे में शुरू किए गए ज्ञान कोर्स में यह बात कही ।यह कार्यक्रम  एम.एच.आर.डी द्वारा प्रायोजित  है। 
       डोपिंग शब्द खेल जगत में एक बहुत ही भयाभय षब्द है,जो कि यह बताता है कि खेल प्रतियोगिता में खिलाडी़ द्वारा प्रतिबंधित दवाओं का सेवन किया गया है। जब वह खिलाड़ी डोपिंग ऐजेन्सी द्वारा पकड़ा जाता है तो वह अपने केरियर एंव देष की छवि को धूमिल करता है। 
इस की अध्यक्ष्ता कर रहे विष्वविद्यालय के कुलपति  प्रो0 आर.पी. तिवारी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने विश्व एंव देश को महान खिलाड़ी दिये है। जिन्होने अपनी शारिरिक क्षमता से देश  का नाम रोशन किया है। उन्हीने  इस ज्ञान कोर्स पर प्रसन्नता जताते हुये कहा कि इस विषय को  शोध के क्षेत्र में भी आगे बढ़ना चाहिये।
प्रो0 फरीद खान ने रसायन षास्त्र विभाग की उपलब्धियों एवं वर्तमान में चल रहे कार्यो के बारे में बताया। प्रो0 ए0 एन0 शर्मा डीन आॅफ एकेडेमिक अफेयर्स ने ज्ञान कोर्स की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। विवि के ज्ञान समन्वयक प्रो0 देवाषीश बोस ने डाॅ. सिमोना पिचनी की उपलब्ध्यिों के बारे में बताया।धन्यवाद प्रस्ताव डाॅ. राद्यवैया एवं मंच संचालन ज्ञान कोर्स काॅर्डिनेटर डाॅ. अभिलाशा दुर्गवंशी के द्वारा किया गया।
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किसानों को राहत देने के लिए नेता प्रतिपक्ष ने विशेष सत्र बुलाने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र



भोपाल। नेता प्रतिपक्ष  गोपाल भार्गव ने अति वर्षा से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखा हैै। 
                नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र मे कहा है कि सम्पूर्ण प्रदेश में विशेष कर राज्य के पश्चिमी भाग में  औसत से अभी तक दोगुनी वर्षा हो चुकी है, जिसमे गांधी सागर डेम के बढ़ते जल स्तर के कारण मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले के सैकड़ों गांव प्रभावित हुए है, नर्मदा नदी के ऊपर बने बांधो से भी धार एवं झाबुआ  जिले के अनेको गांव प्रभावित हुए है। अतिवृष्टि से जिन किसानों की फसले नष्ट हो गई हैं, उन्हे तत्काल राहत देने के लिए दो दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएं ताकि गंभीरता और तात्कालिकता को देखते हुए व्यापक चर्चा कर किसानों को राहत दी जा सकें।
संकट की घड़ी में किसानों के साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा धर्म एवं कर्म
            नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने पत्र मे कहा कि किसान मध्यप्रदेश के विकास की धुरी है। उनकी मेहनत के बल पर ही फसलों की बम्पर पैदावार हुई है। आज प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ के हालात हैं जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह चैपट हो गयी है। किसानों की इस संकट की घड़ी में उनके साथ मजबूती से खड़े रहना हमारा धर्म एवं कर्म है।
    न कोई सर्वे हुआ है, न ही कोई राहत राशि मिली
           श्री भार्गव ने कहा कि किसानों के खेत पूरी तरह जलमग्न हो गए है। गांधी सागर डेम के जलस्तर बढ़ने के कारण मंदसौर, नीमच जिले के 100 से अधिक गांव में पानी घुस गया है। अकेले मंदसौर जिले में 2 लाख 75 हजार हेक्टेयर से अधिक सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। उड़द, मक्का, प्याज की फसलों  सहित  सब्जियां पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। चार हजार से अधिक मवेशियों के पानी मे बहने के कारण मृत्यु हो चुकी है। इन दोनों जिलों मैं साढ़े चार हजार से अधिक मकान तबाह हो चुके हैं। समूचे प्रदेश मे लगभग 10 लाख से अधिक कच्चे मकान ढह गये हैं । प्रभावितांे के घर मे रखा सामान और अनाज बह गया है। कुल मिलाकर पूरे प्रदेश मे अति वर्षा से फसलां,े जनधन एवं पशुधन की हजारों करोड़ रुपये की क्षति हुई है। प्रदेश मे प्रभावितों की क्षति का अभी तक कोई सर्वे नही हुआ है, न ही कोई राहत राशि मिली है।

प्रतिपक्ष किसानों को राहत देने में सरकार के साथ है
नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव ने कहा कि किसान हमारी पहली प्राथमिकता है। इसलिए राजनीति से परे हटकर इस समय किसानों के साथ हमें खड़े रहने एवं उनकी हर संभव मदद करने की जरूरत है। प्रदेश की जनता एवं किसान को इस समय प्रदेश सरकार से इस विकट समस्या से राहत की आवश्यकता हैं। किसानों को राहत देने के लिए प्रतिपक्ष सरकार के साथ खड़ा है। नेता प्रतिपक्ष ने अतिवृष्टि से किसानो और जनता को हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए सरकार द्वारा विधानसभा का 2 दिवसीय विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है।
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कर्जमाफी ने बनाया डिफाल्टर, अब तीन गुना से भी ज्यादा दर से ब्याज वसूल रहे बैंक

#मधुर तिवारी

सागर. कृषि ऋण लेने वाले और मुख्यमंत्री जय किसान कर्जमाफी योजना के चक्कर में लंबे समय से लेनदेन न करने वाले किसानों को बैंकों ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। बैंक द्वारा ऋणी किसानों को जारी किए जा रहे इस नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि न तो आपने किश्त की राशि जमा की है और न ही कर्जमाफी की राशि अब तक आपके बैंक खाते में आई है। जिसके कारण आपकी साख खराब हो रही है और एनपीए की श्रेणी में आ चुके हैं। इसके साथ ही नियमित उपभोक्ता को ब्याज पर मिलने वाली रियायत भी समाप्त कर दी गई है। मतलब अब तक किसान को जिस राशि पर महज 4 प्रतिशत ब्याज लग रहा था, कर्जमाफी के चक्कर में डिफाल्टर होने के बाद वह बढ़कर 13 प्रतिशत हो चुकी है। हालांकि बैंकें सीएम के आश्वासन (किश्त जमा करने से नहीं आएगा कर्जमाफी पर असर) का हवाला भी दे रहीं और किश्त की राशि जमा करने की अपील की जा रही है।
करीब पौने दो लाख किसानों की बिगड़ी साख
          कर्जमाफी ने जिले सहित पूरे प्रदेश के लाखों किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। बैंक अधिकारियों की माने तो योजना में शामिल किए गए सभी किसानों की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो गई है। इसका कारण है कि बैंक से लिए गए लोन की किश्त समय पर जमा न करना। प्रदेश स्तर की बात करें तो योजना के लिए चिन्हित किए गए सभी 55 लाख किसानों की बैंकों में क्रेडिट खराब हो गई है और उनका कर्जा भी अभी तक माफ नहीं हो सका है, जबकि जिले में कर्जमाफी का आवेदन करने वाले किसानों की संख्या 1.65 लाख है।
22 फरवरी से शुरू हुई कर्जमाफी
सागर जिले सहित पूरे प्रदेश में कर्जमाफी योजना में आवेदन करने वाले किसानों के खातों में सरकार ने 22 फरवरी के बाद राशि डालना शुरू किया था। इस हिसाब से योजना में शामिल सभी किसानों की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हुई है। क्योंकि शासकीय/प्रायवेट सभी बैंकों ने कृषि ऋण लेने वाले किसानों को साल में दो बार राशि जमा करने के लिए 31 जनवरी और 31 मई दो तारीखें तय की हैं। इसके बाद यदि कोई किसान लेनदेन करता है तो इसका सीधा असर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट पर आता है। क्योंकि क्रेडिट रिपोर्ट ऑनलाइन होती है और यह हर दिन अपडेट होती है, यदि कर्जदार व्यक्ति एक दिन भी लेट होता है तो यह उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में जुड़ जाती है।
क्या है क्रेडिट रिपोर्ट
बैंक अधिकारियों के अनुसार क्रेडिट रिपोर्ट ऋण लेने वाले व्यक्ति की कुंडली कही जा सकती है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन होती है और रोजाना अपडेट होती है। यदि कोई व्यक्ति किश्त भरने में देरी करता है या लंबे समय तक ऋण खाते में कोई लेनदेन नहीं करता है तो यह पूरी जानकारी रोजाना ऑनलाइन अपडेट होती है, और व्यक्ति की बैंक में जो साख है वह क्रेडिट रिपोर्ट पर ही निर्भर करती है। यदि समय से लेनदेन नहीं किया गया है तो संबंधित व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो जाएगी और फिर आगामी ऋण लेते समय उसे बाधक बन जाती हैं।
*पहले चरण में शामिल किए थे 70 हजार किसान

*70452 किसानों का 239.59 करोड़ रुपए होना था माफ

*33861 एनपीए वाले किसानों का 148.75 करोड़ रुपए

*36591 पीए वाले किसानों का 90.84 करोड़ रुपए

ऐसे हुए थे आवेदन

*185599 जिले के कुल ऋणी किसान

*165619 किसानों ने किए थे आवेदन

*105793 किसानों ने भरे थे सफेद फॉर्म

*37171 किसानों ने भरे थे हरे फॉर्म

*22655 किसानों ने भरे थे गुलाबी फॉर्म

फैक्ट फाइल

*165619 आवेदन करने वाले

*70452 पहले चरण में शामिल किसान

*37000 किसानों के खाते में पहुंची राशि

*33452 हजार पहले चरण के शेष

*95167 दूसरे चरण वाले शेष

*128619 किसानों की क्रेडिट खराब

नोट- सभी जानकारी कृषि विभाग के अनुसार।

(साभार पत्रिका)
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