संत वर्णी जी के जीवन पर केंद्रित डाक्यूमेंट्री का लोकार्पण
▪️विधायक ने दिए गौर पीठ को 5 लाख
सागर । 10 जनवरी 2023। विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि वर्णी जी विराट व्यक्तित्व के धनी थे. उनके अवदान उचित का मूल्यांकन हो सके इसके लिए वर्णी जी पर विश्वविद्यालय में एक शोध पीठ स्थापित होने की जरूरत है. वो एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर जैन धर्म के संरक्षण और संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. देश भर में संस्कृत की अनेक पाठशालाएं खोलीं, अनगिनत यात्राएं कीं और ढेर सारे साहित्य का सृजन किया.बनारस में बना स्याद्ववाद महाविद्यालय उनके ही प्रयास का प्रतिफल है. वो न सिर्फ संत थे बल्कि समाज सुधारक भी थे जो तत्कालीन कुरीतियों और वैमनस्यता के विरुद्ध संघर्षरत रहे. विधायक जैन डाक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के पुस्तकालय सभागार में संत गणेश प्रसाद वर्णी के जीवन पर केंद्रित डाक्यूमेंट्री के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि आज मल्टीमीडिया का दौर है. बुंदेलखंड के इस महानायक के व्यक्तित्व को राष्ट्रीय क्षितिज पर ले जाने की आवश्यकता है.इस डाक्यूमेंट्री के माध्यम से दूरदर्शन और राष्ट्रीय स्तर के चैनल्स में प्रसारित किए जाने से नई पीढ़ी तक एक संदेश जाएगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में ऐसे महापुरुषों पर शोध किया जाना है.वर्णी जी का कृतित्व उन्हें एक लोकोपकारी संत बनाता है. ई एम आर सी ने इस डाक्यूमेंट्री से उनके जीवन के सभी पहलुओं को उकेरा है इस पर और भी काम किया जाएगा.
विशिष्ट अतिथि प्रो. अभय सिंघई ने कहा कि वर्णी जी ने उत्तर भारत में संस्कृत की अनेक पाठशालाएं खोलीं. सागर के वर्णी भवन से लेकर बनारस तक जैन अध्ययन के केंद्र उन्हीं की देन हैं. उनकी आत्मकथा ' मेरी जीवनगाथा ' को पढ़कर वर्णी जी का संपूर्ण व्यक्तित्व और संघर्ष को समझा जा सकता है.
ई एम आर सी के निदेशक डा. पंकज तिवारी ने कहा कि वर्णी जी पर यह फिल्म एक लघु प्रयास है. उनके जीवन के अनेक अध्यायों पर काम शेष है. वर्णी जी सागर ही नहीं समूचे राष्ट्र की धरोहर हैं.
इस दौरान समाज के प्रो. सुबोध जैन,डॉ आशा जैन, ब्र0 राकेश जैन, अरविंद रवि,ने भी वर्णी जी पर अपने विचार रखे. संचालन उप पुस्तकालय अध्यक्ष डा. संजीव सराफ ने आभार प्रो. संजय जैन ने माना. इस अवसर पर प्रमुख रूप से कुलसचिव संतोष सोहगौरा, संतोष जैन घड़ी, प्रमोद वारदाना, शुकदेव प्रसाद तिवारी, प्रो. अमर कुमार जैन, समीर जैन, डा. आशीष द्विवेदी, रशिम रितु जैन, संतोष पटना, डॉ अरुण सिंघई समर्थ दीक्षित,संजू कंट्रोल, सुकमाल जैन, दीपक सिंघई, निधि जैन सहित अनेक गणमान्य उपस्थित थे।