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कामना का सकारात्मक रूप धर्म और नकारात्मक रूप अधर्म,योग सात्विक बनाता है इसे अपनाए:पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद

 कामना का सकारात्मक रूप धर्म और नकारात्मक रूप अधर्म,योग सात्विक बनाता है इसे अपनाए:पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद 
सागर । पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद जी सरस्वती का कहना है कि  मानव जगत में कामना की प्रधानता है । यही हमारे उद्धार और पतन का कारण है । सकारात्कमक कामना धर्म और नकारातमक कामना अधर्म है ।कामनाओं का शरीर पर व्यापक असर पड़ता है । जो कई बीमारियों तक पहुचता है । हमे सात्विक कामनाओं के लिए योग विज्ञान को अपनाना चाहिए ।उन्होंने योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर के स्वर्ण जयंती समारोह के दूसरे दिन  शाम को सत्संग समारोह में कही ।
       इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ,महापौर अभय दरे,स्वामी विवेकानंद विवि के संस्थापक कुलपति डॉ अनिल तिवारी ,पूर्व विधायक सुनील जैन,सुखनदन जैन ने आशीर्वाद लिया। स्वामी जी ने स्मृति चिन्ह भेंट किया।
उन्होंने बताया कि बिहार यॉग विधालय में योग की विभिन्न अंगों पर केंद्रित शिक्षा दी जाती है ।यही पद्धति जीवन शैली को सुधरती है ।उन्होंने कहा कि पूजा पाठ ,मंदिरों में घण्टी बजाने सेधार्मिक नही बना जाता है । जब तकापजे मन मे बैचारिक और कार्यो में शुद्धता नही आएगी ।तब तक सब बेकार है ।तामसिक से सात्विक बनना ही योग है । सागर में शिविर के माध्यम से सम्पूर्ण योग से अवगत बनाने की कोशश की जा रही है 
          इस मौके पर योगाचार्य विष्णु आर्य ने कहा कि संयमित जीवन शैली ही हमारे समाज को बेहतर बनायगी। इसके लिए सम्पूर्ण योग को अपनाना होगा ।सत्संग कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमो की प्रस्तुति हुई ।
        इस मौके पर डॉ एन  आर  भार्गव,मधु गुप्ता,दुर्गा प्रसाद कोष्टि, सुरेंद्र सुहाने,डॉ सुधीर त्रिवेदी, रामनारायण यादव,आरती ताम्रकार,विजय ताम्रकार,सुशील तिवारी,डॉ अवस्थी,बद्री प्रसाद सोनी ,मनोहर सोनी ,अमित गुप्ता,कपिल मलैया,अनिल नेनधरा सहित अनेक लोग उपस्थित थे ।
कल 24 सितम्बर के कार्यक्रम
कल 24 सितम्बर को सुबह 6 बजे आदर्श गार्डन,11:30 बजे सागर विवि और 2 बजे एसवीएन विवि सागर में और शाम चार बजे आदर्श गार्डन में सत्संग कार्यक्रम होगा।
 कमिश्नर आनंद शर्मा ने की चर्चा
सागर।पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद जी सरस्वती से योग निकेतन में सागर संभाग के कमिश्नर आनंद शर्मा ने आशीर्वाद लिया। इस मौके पर योग पर केंद्रित चर्चा की।उन्होंने योग के क्षेत्र में चल रहे कार्यो से अवगत कराया।
 
गर्ल्स डिग्री कालेज में की युवा और योग विषय पर चर्चा
''युवा और योग'' विषय पर रासेयो तथा व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजितकार्यक्रम मके  स्वामी निरंजनानंद जी सरस्वती ने अपने उद्बोधन में गुरू शिष्य परम्परा पर प्रकाश डालते हुए बताया किया किस प्रकार उनके गुरू ने सेवा परम्परा प्रारम्भ कर 1950 के दशक से योग का प्रचार-प्रसार प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आज लोग जो मीडिया के माध्यम से योग के विषय में जानते है, उन्हें केवल आसनों की जानकारी है। 
       वास्तव में योग व्यापक क्रिया है जिसमें ध्यान, व्यायाम आसन सभी का समीश्रण है। उन्होंने छात्राओं को नियमित सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम करने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि नियमित योग से सकारात्मक ऊर्जा, प्रेरणाशक्ति का विकास तथा शारीरिक क्षमता का उत्तोस्तर विकास होता है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक, रचनात्मक अभिव्यक्ति संस्कृति है जो जीवन के व्यवहार संतुलित करती है।
स्वामी जी का दिया परिचय 
योग गुरू विष्णु आर्य ने स्वामी जी का जीवन परिचय देते हुए योग का महत्व बताया। स्वामी गोरखनाथ जी ने छात्राओं को भ्रमरि प्राणायाम करते हुए उसके महत्व को बताया।
          कालेज के प्राचार्य ए के पटेरिया के मार्गदर्शन में कार्यक्रम हुआ।आयोजन प्रभारी डाॅ. भावना यादव ने संचालन करते हुए कहा कि अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य को महत्व देते हुए हमारे ऋषि मुनियों ने जीवनचर्या से जुड़े ऐसे नियम, संयम निर्धारित किए जो स्वास्थ्य की दृष्टि से विशेष लाभकारी थे। साथ ही अच्छे स्वास्थ्य का, न ही व्यक्तित्व जीवन में महत्व होता है बल्कि मजबूत राष्ट्र के लिए स्वस्थ नागरिकों की आवश्यकता होती है। स्वस्थ युवा ही सकारात्मक ऊर्जा के साथ राष्ट्र निर्माण अपनी प्रभावशाली भूमिका का निर्वाह करते हैं।
              वरिष्ठ प्राध्यापक, व्यक्तित्व विकास प्रकोष्ठ प्रभारी डाॅ. इला तिवारी ने कहा कि स्वस्थ्य शरीर में स्वस्थ्य मन रहता है, जिसमें उच्च सकारात्मक विचार आते हैं। इस हेतु योग माध्यम है जिसे युवा छात्राओं को अपनाना चाहिए। खेल अधिकारी डाॅ. मोनिका हर्डिकर ने आभार देते हुए महाविद्यालय में संचालित योग कक्षाओं की जानकारी दी।
         छात्राओं ने स्वामी जी से प्रश्न किए यथा जल्दी-जल्दी नींद आना, भूल जाना, ध्यान न लगना, योग हेतु उच्च समय, सामान्य रूप से किन योगासनों का नियमित करना चाहिए आदि प्रश्न किए।
        इस अवसर पर डाॅ. संजय खरे, डाॅ. प्रतिमा खरे, श्रीमति मंगला सूद, डाॅ. अंशु सोनी, स्वामी योग रक्षित, स्वामी भक्तिमूर्ति, स्वामी सत्यमूर्ति, स्वामी ध्यानेरवर, श्री रामनारायण यादव, अध्यक्ष योग निकेतन संस्थान, श्रीमति सुनीता श्रीवास्तव, श्री अक्षय दुबे तथा बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थी
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आसन ही योग नही है योग के सभी अंगों को अपनाए तभी शारीरिक,मानसिक सुख मिलेगा ,अनुशासन बढ़ेगा स्वामी निरंजनानंद जी सरस्वती

आसन ही योग नही है योग के सभी अंगों को अपनाए तभी शारीरिक,मानसिक सुख मिलेगा ,अनुशासन बढ़ेगा स्वामी निरंजनानंद जी सरस्वती
सागर । पद्मभूषण स्वामी निरंजनानंद जी सरस्वती ने कहा है कि योग विधा को अपनी जीवन शैली में लगातार अपनाना होगा। तभी  शारीरिक,मानसिक और अनुशासनात्मक उन्नति होगी और बेहतर समाज बनेगा । योग में आसन ही सब कुछ नही है । इसके सभी अंगों को अपनाना होगा।  स्वामी निरंजनानंद आज सागर में योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर में चार दिवसीय योग शिविर के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे । 
इस मौके पर सांसद राजबहादुर सिंह,विधायक शेलेन्द्र जैन , डॉ मीना पिम्पलापुरे,सेठ नरेश चंद जैन, कपिल मलैया ,देवी प्रसाद दुबे ,अनिल जैन नेनधाराऔर सुरेंद्र सुहाने ने स्वागत किया। 
स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान में लोग प्रदूषित वातावरण में जीवन व्यततीत कर रहे है । हमे तन और मन दोनो प्रदूषण से मुक्ति लेनी होगी ।मन के विकारों को दूर करना होगा।  इसके लिए सम्पूर्ण योग को निरन्तर अपनाना होगा ।योग को आंतरिक व्यवहार में अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब योग का प्रचार बहुत हो गया है ।घर घर योग शब्द गूंज रहा है ।योग साधना की जरूरत है ।इसी के अनुरूप बिहार योग विधालय में योग साधक प्रशिक्षित हो रहे है । उन्होंने बताया कि किसी अच्छे उद्देश्य के लिए एक पागलपन की तरह कार्य किया जाए तो निश्चित ही उसके परिणाम मिलते है । आज सागर में जो योग दिख रहा है ।वह विष्णु आर्य के इसी उद्देश्य का उदाहरण है ।  
सागर के योग निकेतन की देश मे पहचान
उन्होंने सागर के योग निकेतन की सराहना करते हुए कहा कि मेरे गुरु जी यहां आए अब मुझे अवसर मिला । आज पूरे देश मे योग के क्षेत्र में जब चर्चा होती है तो योग निकेतन और योगाचार्य विष्णु आर्य का नाम सम्मान से लिया जाता है । अब सागर में बड़ा संस्थान बनाने की जरूरत है ।
अविभाजित मध्यप्रदेश का गौरव है स्वामी निरंजनानंद जी 
संस्थान के संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया कि 50 साल पहले इस संस्थान की आधारशिला  परमहंस स्वामी सत्यानन्द जी सरस्वती के मार्गदर्शन पर रखी गई थी । आज यह पूर्ण आकार ले चुका है । संस्था के 50 साल में योग क्षेत्र से जुड़े अनेक  विद्वानों का मार्गदर्शन मिला है ।उन्होंने बताया कि यह गौरव की बात है कि स्वामी निरंजनानंद जी अविभाजित एमपी के राजनांदगांव के है । जल्दी ही योग के क्षेत्र में निकल पड़े और आज बिहार योग विवि सहित अनेक प्रकल्पों के संचालन में मार्गदर्शन दे रहे है ।
सागर में योग का बड़ा संस्थान बनेगा:विधायक जैन
इस मौके पर विधायक शेलेन्द्र जैन ने कहा कि शहर में अब योग कार्यक्रमो के लिए बड़ी  जगह की जरूरत है । इसके लिए सामूहिक प्रयास  होंगे । उन्होंने विधायक निधि से 20 लाख रुपये तक देने की बात कही । उन्होंने कहा कि सागर में 50 वर्ष पूर्व एक  छोटी यात्रा शुरू हुई जो अब बढ़ा करवा बन गयाहो है ।इसे  और अधिक विस्तार किया जाना चाहिए ।

समाजसेवी डॉ मीना पिम्पलापुरे ने कहा कि सागर के लिए यह गौरान्वित करने वाला अवसर है जब स्वामी श्री निरंजना नंद जी का मार्गदर्शन  मिला। योगाचार्य विष्णु आर्य  ने योग संस्थान को इस ऊँचाई तक पहुचाया है ।आज खुशी का अवसर है ।
कार्यक्रम में योग निकेतन में विधायकशेलेन्द्र जैन की विधायक  निधि से कराए गए निर्माण कार्यो का लोकार्पण स्वामी निरंजनानंद जी ने किया।
इस मौके पर गीतकार हरगोविन्द विश्व ने सम्मान पत्र का वचन किया।
देश/प्रदेश आए आये योग प्रेमी
कार्यक्रम में  स्वामी दीक्षा नंद विदिशा,डॉ उतमराव,रिटायर्ड एसपी वेद प्रकाश शर्मा,डॉ पष्पांजली शर्मा, देहरादून से अजातशत्रु, प्रो गणेश शंकर,रामनारायण यादव,वीरनारायण सिंह,अमित गुप्ता,जग्गनाथ गुरैया,वी पी पांडेय,मुकुंदेसाई,गगन ठाकुर,महेश नेमा,सुबोध आर्य,मगन सराफ ,अनिल सराफ,बद्री प्रसाद सोनी,रमेश सिंह ठाकुर,प्रमोद आर्य, मधुकर शर्मा,हरीसिंग ठाकुर,विंनोद तिवारी,एम डी त्रिपाठी,के कृष्णराव, नितिन कोरपाल,बसंत पांडे, अनिल वारी,पुरषोत्तम सोनी,सुशील तिवारी,आरती ताम्रकार,,ज्योति भार्गव दर्शनावारी,शांति देवी वारी,,ममता त्रिपाठी,,ज्योति आर्य,अलका आर्य,डॉ एम एस कूर्मवंशी,निर्जन पासवान,हेमराज साहू,आजये साहू,,कल्पना पाठक,रोहित साहू,,सहित भोपाल से स्वामी श्रद्धानंद, कृष्ण ,प्रतीक आर्य,पतिक्षा आर्य,प्रियांश आर्य,शिवांश आर्य, अनिल सोनी,भपेंद्र सराफ,देवकांत श्रीधर,धीरेंद्र अग्रवाल,रचना अग्रवाल,सतना   नेहा सोनी नेहा कुमारी,नम्रता चौहान,ममता चोधरी,अंशु जैन,मेघा,धनंजय जैन,उमाशंकर कोशिक,सांची,लोकेश चोधरी,रंजीत,अखिलेश विश्वकर्मा,आयुष आचार्य,प्रशांत खरे,सजन्त कुमार,हीरालाल शाक्य,सांची,उपेंद्र बाबू खत्री,श्याम तीखे,आकाश कुशवाहा,नीलू विश्वकर्मा,अभिनय सोनी,जाहर सिंह कुशवाहा,खुरई, सलोनी जैन,रचना चावला,सपना श्रीवास्तव,दीपमाला ,ललिता गौर,विशाल ठाकुर,रामकुमार रघुवंशी, हरिशंकर,भोपाल,,सविता मेहता,विंनोद सोनी,मनोहर सोनी,घनश्याम भिड़े,डॉ एस के रूसिया,,निर्मला गुप्ता,सरोज सोनी,सी एम वर्मा,विनीत तिवारी ,,,नित्य मूर्ति,,मंगलानंद,ब्रह्मदत्त,नित्यानंद,परमानंद, दमोह से डॉ संजय त्रिवेदी,संगीता त्रवेदी, नेहा सोनी, त प्रदेश के अनेक क्षेत्रों से लोग उपस्थित थे।

आगामी कार्यक्रम सागर में
 #24 सितम्बर को डॉ हरीसिंग गौर विवि और स्वामी विवेकानंद विवि में।कार्यक्रम आयोजित होगा।
#आदर्श गार्डन में 23,और 24 सितम्बर को 6.30बजे से योग साधना और शाम को 4 बजे से प्रवचन होंगे।
25 सितम्बर को सुबह कार्यक्रम का समापन होगा।
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पद्मभूषण स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 से 25 सितम्बर तक सागर में

पद्मभूषण स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 से 25 सितम्बर तक सागर में
सागर । पद्मभूषण और बिहार योग विवि मुंगेर के परमहंस स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 सितम्बर से 25 सितम्बर तक सागर प्रवास पर होंगे। योग के प्रचारप्रसार हेतु समर्पित योग विधालय  मुंगेर को पिछले  दिनों  भारत सरकार ने पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार से सम्मानित किया है। योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर में कार्यक्रम होंगे। इसके साथ ही शहर में संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किये गए है ।
 संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया कि स्वामी श्री सत्यानन्द सरस्वती के परम शिष्य स्वामी निरंजनानंद  बिहार के मुंगेर में योग के क्षेत्र में चल रहे विभिन्न प्रकल्पों का संचालन कर रहे है ।इसी के तहत 22 से 25सितंबर तक  मध्यप्रदेश के प्रवास पर सागर में भी मार्गदर्शन देंगे।उनके कार्यक्रम सागर में विभिन्न स्थानों पर होंगे।
22 सितम्बर को शाम चार बजे कार्यक्रम का शुभारंभ होगा और योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर में हुएनिर्माण कार्यो का लोकार्पण विधायक शेलेन्द्र जैन करेंगे ।
 चार दिवसीय इस  कार्यक्रम में  प्रहलाद  पटैल,केन्द्रीय राज्य मंत्री, पर्यटन एवं सांस्कृतिक विभाग,नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, ,गोविन्द सिंह राजपूतपरिवहन एवं राजस्व  ,हर्ष यादव
कुटीर एवं नवकरणीय उर्जा मंत्री,पूर्वगृहमन्त्रीभूपेन्द्र सिंह
सांसदराजबहादुर सिंह,विधायक  शैलेन्द्र जैन,महापौरअभय दरे सर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर पी तिवारी और डॉ. अजय तिवारी कुलाधिपति स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागरअथिति रहेंगे।
कार्यक्रम के संरक्षकडॉ. मीना पिंपलापुरे,डॉ. महेन्द्र प्रताप तिवारी,घनश्याम भिडे ,स्वागत अध्यक्ष डॉ अनिल तिवारी,सेठ नरेश चंद जैन,देवी प्रसाद दुबे और स्वागत मन्त्री कपिल मलैया,सुरेन्द्र सुहाने और अनिल जैन नैनधरा बनाये गए है। सभी ने कार्यक्रम में अधिक से अधिक लोगो से शामिल होने की अपील की है ।
 
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पितृपक्ष : 13 सितंबर से,जानिए कैसे और कब करें श्राद्ध


               पितृपक्ष अपने पितरों को याद करने का विशेष समय माना जाता है। इन दिनों में पितरों के नाम से श्राद्ध, पिंडदान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा नहीं करने से पितृ दोष लगता है।
            पितृपक्ष की शुरुआत इस बार 13 सितंबर से हो रही है ।पितृपक्षभाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की तिथि से शुरू होकर 28 सितंबर यानी अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को समाप्त होना है। इन 16 दिनों में पितरों के पूजन और श्राद्ध का विषेश महत्व है। मान्यता है कि इन दिनों में पू्र्वज धरती पर आते हैं और अपने परिजनों से अन्न और जल ग्रहण करते हैं। वहीं, जो लोग इन दिनों में अपने पूर्वजों की पूजा और दान आदि नहीं करते, उनके पितर भूखे-प्यासे ही धरती से लौट जाते हैं। इससे परिवार को पितृ दोष लगता है।
         पितृपक्ष अपने पितरों को याद करने का विशेष समय माना जाता है। इन दिनों में पितरों के नाम से श्राद्ध, पिंडदान करना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और उनकी कृपादृष्टि हमेशा परिवार पर बनी रहती है। 
           साथ ही कुल और वंश का भी विकास होता है और परिवार के लोग कष्ट और बीमारी आदि से बचे रहते हैं। नियमों के अनुसार जिन तिथियों में पूर्वजों की मृत्यु होती है, पितृ पक्ष में उसी तिथि में उनका श्राद्ध करना चाहिए। श्राद्ध से जुड़े नियमों के मुताबिक देवताओं की पूजा सुबह में और पितरों की पूजा दोपहर में करनी चाहिए। 
 श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां
13 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध 
14 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध 
15 सितंबर- द्वितीय श्राद्ध 
17 सितंबर- तृतीया श्राद्ध 
18 सितंबर- चतुर्थी श्राद्ध 
19 सितंबर- पंचमी श्राद्ध
 20 सितंबर- षष्ठी श्राद्ध 
21 सितंबर- सप्तमी श्राद्ध
 22 सितंबर- अष्टमी श्राद्ध 
23 सितंबर- नवमी श्राद्ध 
24 सितंबर- दशमी श्राद्ध 
25 सितंबर- एकादशी श्राद्ध/द्वादशी श्राद्ध/वैष्णव जनों का श्राद्ध 
26 सितंबर- त्रयोदशी श्राद्ध
 27 सितंबर- चतुर्दशी श्राद्ध 
28 सितंबर- अमावस्या श्राद्ध, अज्ञात तिथि पितृ श्राद्ध, पितृविसर्जन महालय समाप्ति।

(लोकमत से)
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पितृपक्ष : ट्रेनों में रहेगी भीड़,12 सितम्बर से चलेंगी विशेष रेल गाड़ियाँ


सागर । पितृपक्ष में गया जी जाने वालों की लंबी भीड़  बढ़ रही है । रेलवे और उसके आरक्षण केंद्रों पर लंबी लंबी लाईन दिख रही है । बीना -सागर -कटनी  रेलवे मार्ग पर क्षिप्रा एक्सप्रेस के अलावा कोई  सीधी ट्रेन नही है । बढ़ती मांग के चलते रेल विभाग ने हबीबगंज गया पितृपक्ष मेला स्पेशल  ट्रेन शुरू की है । यह ट्रेन हबीबगंज से 12 सितम्बर से  चलेगी ।पितृपक्ष 13 सितम्बर से 28 सितम्बर तक रहेगा। 
       स्पेशल  ट्रेन  पितृपक्ष में चार फेरे हबीबगंज से और तीन फेरे गया से  होंगे। स्पेशल ट्रेन हबीब गंज से 12,17,22 और 27 सितम्बर को दोपहर 14:35 बजे चलेगी। स्पेशल ट्रेन गया से 15,20 और 25 सितम्बर कोशाम 17:10 बजे चलेगी।यह गाड़ी 02 वातानुकूलित तृतीय श्रेणी, 01 वातानुकूलित द्वितीय सह तृतीय श्रेणी, 12 शयनयान श्रेणी, 04 सामान्य श्रेणी एवं 2 एस. एल. आर. सहित 21 कोचों के साथ चलेगी। 
                रेलयात्री सुविधा केंद्र के विंनोद चौकसे ने बताया कि सप्ताह में तीन दिन क्षिप्रा एक्सप्रेस ट्रेन और इस स्पेशल ट्रेन से इस अंचल के लोगो को काफी सुविधा होगी। पितृपक्ष में इलाहाबाद  और गयाजी जाने वालों की संख्या ज्यादा है । रिजर्वेशन को लेकर क्षिप्रा एक्सप्रेस में  वेटिंग ज्यादा आ रही है । लेकिन पितृपक्ष स्पेशल ट्रेन में सभी दर्जे में रिजर्वेशन सीट उपलब्ध है । 
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गायत्री परिवार ट्रस्ट सागर की नई कार्यकारिणी गठित, डॉ अनिल तिवारी बने प्रमुख


सागर। गायत्री शक्ति पीठ सागर  की बैठक में  गायत्री परिवार का पुर्नगठन किया गया ।  इसमें डाॅ.अनिल तिवारी प्रमुख ट्रस्टी, पं.वीपी पाठक सहायक प्रबंध ट्रस्टी तथा महाराज सिंह राजपूत, डाॅ. आर.पी. यादव, नरेष यादव,  देवेन्द्र हजारी, श्री इंद्रपाल राय ट्रस्टी चुने गये।  इसके  ही महिला मण्डल से श्रीमति रेखा गुप्ता एवं श्रीमति निलिमा नामदेव भी ट्रस्टी चुनी गयी 9 सदस्यों का यह ट्रस्ट मण्डल सर्वानुमोदन से सम्पन्न हुआ। इसी के साथ-साथ 13 सदस्यों का कार्यकारिणी गठित की गई। 
         इसमें संयोजक  वीपी पाठक, सहसंयोजक लखन लाल पटेल रहे।उपरोक्त 13 सदस्यीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी निम्नानुसार रहे। डाॅ.अनिल तिवारी श्री वीपी पाठक, श्री महाराज सिंह राजपूत, श्री इंद्रपाल राय एवं श्रीमति रेखा गुप्ता, 5 ट्रस्टी तथा देवालय प्रबंधन समिति की संयोजिका श्रीमति श्रीदेवी तिवारी, सहसंयोजक श्री जीएस ठाकुर, वित्त समिति के संयोजक श्री महाराज सिंह राजपूत, सहसंयोजक, सीएम वर्मा जी संगठन प्रबंध समिति से श्री सुषील कुमार सुहाने, संयोजक श्री तनुज पांडेय, सहसंयोजक सप्त आंदोलन समिति के संयोजक श्री रामजी गुप्ता तथा संहसंयोजक श्री प्रकाष जडिया कार्यकारिणी में चुने गये साथ ही भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के जिला संयोजक श्री जीपी सक्सेना, सहसंयोजक श्री डीपी साहू, तथा परीक्षा प्रभारी शहर के श्री पीआर राठौर, ग्रामीण के श्री लखन लाल पटेल के अलावा नारी जागरण आंदोलन संयोजिका श्रीमति रजनी गुप्ता तथा सहसंयोजिका श्रीमति कृष्णा गुप्ता चयनित हुयी। युवा प्रकोष्ठ के जिला संयोजक श्री योगेष शांडिल्य सहसंयोजक श्री नरेन्द्र नामदेव का चयन हुआ। जिला समन्वयक श्री आर.एल शुक्ला एवं सहसंयोजक श्री योगेष गुप्ता चयनित हुए। उपरोक्त समितियों के अतिरिक्त भी अन्य कई प्रमुख उत्तरदायित्वों का प्रभार विभिन्न परिजनों को सौपा गया इसमें प्रमुख श्री आरडी शर्मा, श्री एनएल विश्वरंजन, वीवी नायक, श्री जानकी उपाध्याय, अनिल शर्मा, केडी शर्मा, भगवान सिंह ठाकुर, श्री रामगोपाल, सत्यप्रकाष पटेल, श्रीमति साधना गौर, श्रीमति रासमणि विष्वकर्मा, सहित बड़ी संख्या में परिजन उपस्थित रहे। सम्पूर्ण चयन प्रक्रिया सागर सम्भाग के उपजोन प्रभारी  मोतिलाल शर्मा जी के मार्ग दर्षन में सम्पन्न हुयी।
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पद्मभूषण स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 से 25 सितम्बर तक सागर में

पद्मभूषण स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 से 25 सितम्बर तक सागर में
सागर । पद्मभूषण और बिहार योग विवि मुंगेर के स्वामी श्री निरंजनानंद जी सरस्वती 22 सितम्बर से 25 सितम्बर तक सागर प्रवास पर होंगे। योग के प्रचारप्रसार हेतु समर्पित योग विधालय  मुंगेर को पिछले  दिनों  भारत सरकार ने पांचवे अंतरराष्ट्रीय योग पुरस्कार से सम्मानित किया है। योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान सागर में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के सम्बंध एक बैठक हुई । 
     संचालक योगाचार्य विष्णु आर्य ने बताया कि स्वामी श्री सत्यानन्द सरस्वती के परम शिष्य स्वामी निरंजनानंद  बिहार के मुंगेर में योग के क्षेत्र में चल रहे विभिन्न प्रकल्पों का संचालन कर रहे है । जिसने नई उचाईयां दी है । स्वामी जी हर साल देशभर में योगयात्रा पर निकलते है । इसी के तहत 22 से 25सितंबर तक  मध्यप्रदेश के प्रवास पर सागर में भी मार्गदर्शन देंगे।उनके कार्यक्रम सागर में विभिन्न स्थानों पर होंगे। बैठक में तैयारियॉ को लेकर चर्चा हुई और विभिन्न समितियों का गठन किया गया ।
         योग निकेतन के अध्यक्ष राम नारायण यादव ने बताया कि योग के क्षेत्र में दुनिया के पहले विवि की स्थापना स्वामी निरंजनानंद जी ने मुंगेर में की थी। यह संस्थान पूरी विश्व मे योग की परम्परा को आगे बढाने में अहम भूमिका निभा रहा है । सागर में स्वामी जी का पधारना एक गौरव शाली दिन होगा।बड़े पैमाने पर इसका आयोजन किया जा रहा है । जिसमे सागर जिले में योग से जुड़ी संस्थाओं तथा योग प्रेमियों से संपर्क करके इसको सफल बनाया जाएगा ।

     योग निकेतन योग प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित बैठक में हरगोरिन्द्र विश्व, कपिल मलैया, कैलाश देवलिया,महेशनेमा,डॉ गजाधर सागर,पुरुषोत्तम सोनी,मोहन नामदेव प्रकाश सोनी, सीताराम  चोरसिया, रामेश्वर सोनी,योगाचार्य बद्री प्रसाद सोनी, आशीष जयोतिषी , सुंदर लाल गुप्ता,एन पेवे ददरया, महेश गोरेलाल त्रिपाठी,एम डी त्रिपाठी,शिवम  गंगेड, सुरेश तिवारी,भूपेंद्र पाराशर ,दिलीप साहू ,जयराम  कुशवाहा ,हरी सिंह ठाकर, सविता मेहता, निर्मला गुप्ता, स्वर्ण प्रभा कोष्टि, उमाशंकर चौरसिया ,अनिल चारी, राम किशन कोष्टि, जय कुमार लालवानी, गोपाल सोनी ,अमित गुप्ता, ज्योति भार्गव, ओम प्रकाश गुप्ता,एन भार्गव , सुबोध आर्य सहित अनेक लोग मौजूद थे।
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NSUI के महासचिव को पीटा,कांग्रेस नेता पर पिटवाने का आरोप,टेंडर के लेनदेन का विवाद

NSUI के महासचिव को पीटा,कांग्रेस नेता पर पिटवाने का आरोप,टेंडर के लेनदेन का विवाद

सागर । टेंडर/ठेकों  के  लेनदेन के कथित विवाद के चलते NSUI के प्रदेश महासचिव राहुल खरे की  कैंट बोर्ड के चुंगी नाका के कर्मचारियों ने  मारपीट कर दी। कांग्रेस नेता खरे ने अपनी पार्टी केनेता बब्बू यादव द्वारा पिटवाने का आरोप लगाया है । खरे ने गोली चलाने और चाकू मारने की बात कही है । केंट पुलिस ने पांच -सात लोगो के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है ।
                युवा कांग्रेस नेता राहुल खरे ने मीडिया को बताया कि के  टीए बटालियन रोड पर मेरे साथ यदु, मनीष, निखिल, साकेत, पवन, अनुज ने मारपीट की। कांग्रेस नेता बब्बू यादव के कहने पर इन्होंने मारपीट की । चाकू से मारा और फायर भी किया। 
लेकिन केंट  पुलिस की जांच में कांग्रेस नेता पर  आरोप की पुष्टि नहीं हुई। पुलिस के अनुसार दोनों पक्ष पैसे के लेन-देन पर विवाद हुआ।राहुल खरे  ने खुद पर चाकू से हमला होने की बात कही।पुलिस ने उसका मेडिकल कराया और शरीर पर आई चोटों को देखते हुए यदु, मनीष, निखिल, अनुज आदि के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया है।  कैंट टीआई सतीशसिंह का कहना है कि मामले दोनों पक्षों केबीच झगड़ा किस बात पर हुआ है,अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है। टेंडर का लेनदेन बताया जा रहा है ।आरोपियों के पकड़े जाने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
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सागर । श्री राधाष्टमी पर निकली शोभा यात्रा।

सागर । श्री राधाष्टमी पर निकली शोभा यात्रा।
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परमात्मा बनने की साधना है पर्यूषण पर्व: आचार्य निर्भय सागर जी

परमात्मा बनने की साधना है पर्यूषण पर्व:
आचार्य निर्भय सागर जी

 सागर।संसार के सभी प्राणियों में इंसान सर्वश्रेष्ठ प्राणी है, इंसान को अपनी श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पर्यूषण पर्व तोहफे के रूप में मिला है ।इस पर्युषण पर्व की व्याख्या करते हुए आचार्य श्री निर्भय सागर जी महाराज ने कहा की जो चारों ओर से आत्मा में रहने वाले पाप कर्मों को जलाए उसे पर्यूषण पर्व कहते हैं ।कर्मों के जलने पर संसारी आत्मा परमात्मा बनती है अतः उन्होंने पर्यूषण को आत्मा में परमात्मा बनाने वाला साधन बताया ।यह पर्युषण पर्व की साधना मुनि जीवन पर्यंत करते हैं। जबकि घर में रहने वाले श्रावक भादो माह की शुक्ल पंचमी से चतुर्दशी तक साधना करते हैं ।इन 10 दिनों में की जाने वाली साधना में *उत्तम क्षमा धर्म* से क्रोध को पी जाना, आवेग में नहीं आना ,अपराधी को क्षमा करना ।*मार्दव धर्म  से एक दूसरे के सामने विनय पूर्वक झुक जाना। *आर्जव धर्म* से छल कपट माया चारी नहीं करना ।*शौच धर्म* से लोभ लालच नहीं करना । *सत्य धर्म* से नाजायज तरीके से धन संग्रह नहीं करना, झूठ नहीं बोलना, ईमानदारी से कार्य करना ।
*संयम धर्म* से सब्र रखना ।मन वचन काया में लगाम लगाना। *तप धर्म* से अपने आप को त़पाना और आत्मा को 100 टंच शुद्ध बनाना। *त्याग धर्म* से गरीब ,असहाय ,दीन दुखियों का सहयोग करना ।संग्रह किए हुए धन आदि को समाज एवं 
धर्मात्माओं की मदद में लगाना। *आकिंचन धर्म* से शरीर के प्रति मोह ममता ना रखकर त्याग तपस्या में लगाना । *ब्रह्मचर्य धर्म* से पराई नारी के प्रति बुरी नियत नहीं रखना और अंत में समस्त विषय कषायों को छोड़कर, इंद्रियों को जीतकर अपनी आत्मा में लीन हो जाने की शिक्षा और साधना पर्यूषण पर्व के माध्यम से की जाती है ,यही वजह है कि दुनिया भर के जैनी लोग इस पर्व में उपवास रखते हैं अथवा दिन में मात्र एक बार भोजन करते हैं ।इंद्रिय और प्राणी संयम रखते हैं एवं समस्त सांसारिक क्रियाएं छोड़कर त्याग, तपस्या ,आत्म भावना ,धर्म ग्रंथों का अध्ययन एवं विश्व की शांति की भावना कामना करते हैं इस पर्व में भक्ति ,पूजा ,योग ,ज्ञान, ध्यान ,स्वाध्याय एवं पूरे वर्ष में हुए जाने अनजाने में पापों के प्रायश्चित हेतु प्रतिक्रमण को दिन में तीन बार किया जाता है जिससे मन एवं आत्मा विशुद्ध होती है यही पर्यूषण पर्व का उद्देश्य होता है।
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चार पीढियों से पर्यावरण को बचाने बांटते है मिट्टी की गणेश मूर्ति



चार  पीढियों से पर्यावरण को  बचाने बांटते है मिट्टी की गणेश मूर्ति  


सागर। । धार्मिक दृष्टि और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिहाज से मिटटी  की प्रतिमा  का महत्व है।पर्यावरण संकट से बचने की बात तो आज गाँव से लेकर विश्व मंच पर भी होती है जागरूकता अभियान भी चलाये जाते है कई बार सरकार इसका बीड़ा उठाती है तो कभी कभार एक आम आदमी भी बड़ी पहल अकेले ही करता है। ऐसा ही कुछ किया है सागर के ताम्रकर परिवार ने जो  चार  पीढियों से पर्यावरण को  बचाने हर गणेश उत्सव पर मिट्टी की गणेश मूर्ति को बांटते है।  आज गणेश चतुर्थी पर पूरे   श्रध्दा  भाव से मिटटी के गणेश लेने श्रद्धालु उमड़े। आज सुबह से करीब दो हजार मूर्ति बांट चुके है।

                          सागर के इतवारा बाजार के स्वर्गीय रामेस्वर ताम्रकार का परिवार यह काम कर रहा है। उनके बेटे और मोहल्ला के लोग मिलकर भगवान गणेश की मूर्ती बनाते है। यह  परिवार  मिटटी की आकर्षक और पूर्ण अकार की भगवान श्री गणेश की  प्रतिमा को बनाकर निःशुल्क  श्रदालुओ को बाँटते  है।  यह संख्या हजारो में होती है।   जिससे गणेश विशर्जन के कारण पर्यावरण दूषित न हो और उत्सव का रंग भी बना रहे।मिटटी के गणेश को बांटकर ये परिवार पर्यावरण को सहेजने का काम पिछले 100 साल से कर रहा है। गणेश मूर्ती लेने के लिए घर के पास मंदिर में    लम्बी कतार आज के दिन लगी ।  इनके पास  पहले एक पीतल का साँचा था मिटटी के गणेश की बढती मांग के कारण अब तीन सांचे बनवा लिए ,ताकि अधिक से अधिक संख्या में लोग गणेश प्रतिमा को ले सके ।  

                         सांचे में शुद्ध काली मिटटी    को डालते है और गणेश जी की मूर्ती निकलती है। श्री गणेश की बैठी हुई यह मूर्ती होती है। पुरे स्वरूप में गणेश जी है ,इसमें रिध्धि और सिध्धि और चूहा सब बना हुआ है। मिटटी के ये गणेश दस दिन तक ज्यो के त्यों बने रहते है।   लोग पुरे श्रद्धा भाव से इसे ले जाते है।  सबसे  बड़ी  बात यह है की इनका कोई पैसा नहीं लिया जाता है . 

वर्तमान में प्लास्टर ऑफ़  पेरिस  और  केमिकल  रंगो का प्रचलन है।  इसी की मूर्तिया बनाई जाती है।  जो पर्यावरण को  बुरी तरह से  प्रदूषित कर रही है। इस परिवार के शंकर ताम्रकार ने बतया की पिछली  चार  पीढ़ियों से यह परम्परा चली आ रही है।  मिटटी की ये मूर्ति शुद्ध होती है।  पानी में भी ये आसानी से घुल जाती है। करीब चार से पांच हजार की संख्या में  निशुल्क केला के पत्ते पर वितरित करते है।  बाटने के पहले इनको   मंदिरों में पूजा के लिए भेजते है उसके बाद सभी को देते है। 




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श्री गणेश जी स्थापना का मुहूर्त

श्री गणेश जी स्थापना का मुहूर्त



2 सितंबर को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इसे गणेश चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन गजमुख भगवान गणेश का जन्म हुआ था। इस दिन को कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। जो इस दिन गणेशजी की पूजा करेगा गणपति उनकी सभी मनोकामना पूरी करेंगे।


गणेश चतुर्थी का नियम है कि जिस दिन दोपहर के समय चतुर्थी तिथि हो उस दिन ही गणेश चतुर्थी का पूजन किया जाना चाहिए। मंगलवार और रविवार को चतुर्थी होने पर इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। इस वर्ष चतुर्थी तिथि का आरंभ सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक है जो शुभ फलदायी है।
गणेश चतुर्थीः गणेश पूजन विधि

 पहला मुहूर्त

सोमवार को गणेश चतुर्थी होने के कारण सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक राहुकाल रहेगा। इसलिए सुबह 6 बजे से साढ़े सात बजे के बीच गणेश प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं।
 दूसरा मुहूर्त

सुबह 9 बजे से लेकर 10 बजकर 30 मिनट तक मूर्ति स्थापना के लिए दूसरा शुभ मुहूर्त है। 10 बजकर 30 मिनट से यमगंड आरंभ हो जाएगा जो 12 बजे तक रहेगा। यमगंड के दौरान शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, इसलिए शुभ लाभ के लिए इस दौरान प्रतिमा की स्थापना हो सके तो नहीं करना चाहिए।

 सर्वोत्तम मुहूर्त

दोपहर का समय गणेश स्थापना के लिए उत्तम माना जाता है। 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल है। इस समय के समाप्त होने के बाद यानी 1 बजकर 31 मिनट से 3 बजे का समय सबसे उत्तम रहेगा। इस शुभ समय के बाद भी 4 बजकर 30 मिनट तक गणेश प्रतिमा स्थापना औऱ पूजन का कार्य किया जा सकता है।
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हरितालिका तीज व्रत ऐसे मनाए

हरितालिका तीज व्रत ऐसे मनाए

देशभर के विद्वत धर्मशास्त्रियों ने शास्त्र को प्रमाण बनाकर तृतीया तिथि के क्षय के कारण उपस्थित वाद का मोचन किया है...  धर्मसिन्धु एवम निर्णय सिंधु के अनुसार चतुर्थी एवं हस्त नक्षत्र से युक्त तृतीया ही सौभाग्यदायिनी है... द्वितीया के साथ तृतीया व्रती को अभीष्ट प्रदान नही करेगी एवं शास्त्र सम्मत भी नही है... पारण का विधान भी चित्रा नक्षत्र में है...

चतुर्थी हस्त नक्षत्र सहिताया तु सा तृतीया फलप्रदा
सोमवार को तृतीया का पूर्ण मान, हस्त नक्षत्र का उदयातिथि योग तथा सायंकाल चतुर्थी तिथि की पूर्णता तीज पर्व की महत्ता को बढ़ाती है । हस्त नक्षत्र में तीज का पारण वर्जित है, जबकि रविवार 01 सितंबर को व्रती महिलाओं को 02 सितंबर दिन सोमवार के भोर में पारण हस्त नक्षत्र में ही करना पड़ेगा, 03 सितंबर दिन मंगलवार के भोर में चित्रा नक्षत्र का पारण सौभाग्य-वृद्धि में सहायक माना गया है। अतः *सर्वसिद्ध हरितालिका तीज व्रत चतुर्थी युक्त तृतीया एवं हस्त नक्षत्र के कारण  02 सितंबर, सोमवार को ही मान्य है ।
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श्रमणों की परंपरा को आगे बढ़ाया आचार्य शांति सागर ने


श्रमणों की परंपरा को आगे बढ़ाया आचार्य शांति सागर ने



सागर ।आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज ने कहा कि चरित्र चक्रवर्ती आचार्य श्री शांति सागर महाराज 20 वीं सदी के ऐसे आचार्य है जिन्होंने श्रमणों की परंपरा को आगे बढ़ाया.
अंकुर कॉलोनी मकरोनिया में विराजमान आचार्य श्री ने रविवारीय धर्मसभा में कहा कि ब्रिटेश एवं मुगलकाल में सडक़ों पर नग्न मुनियों की पदयात्रा को रोका जाता था तो आचार्य शांति सागर आये और उन्होंने संकट,कष्ट, परिग्रह, उपसर्गों को सहन कर दिल्ली से संतों की यात्रा संर्पूण देश में प्रारंभ कराई जिसके कारण संर्पूण देश में दिगंबर मुनि हर जगह गांव-गांव में दिखाई दे रहे है और 21 वीं सदी में आचार्य विद्यासागर जी उस परंपरा को अपूर्व साधना से पल्लवित कर रहे है. आचार्य श्री शांति सागर महाराज के समाधि दिवस पर आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज ने कहा कि अपने 25 वर्ष के मुनि जीवन में 10 हजार उपवास कर अनेक गुरूकुल खुलवाए व तीर्थों का जीणोद्धार कराया. धर्मसभा से पूर्व दशलक्षण जन जागरण यात्रा युवा जैन मिलन के निर्देशन में आदर्श नगर मकरोनिया से चंद्रप्रभु जिनालय के दर्शन कर वापिस पहुंचे.विद्या भवन में समाधि दिवस पर क्षुल्लक चंद्रदत्त सागर ने कहा कि जैन जगत के सर्वोच्च आचार्य है, आचार्य शांति सागर. जिनकी वजह से हम जैन संतों को देख रहे, दर्शन कर पा रहे है. ग्रंथो का प्रकाशन एवं समाज तथा धर्म की रक्षा के लिए संर्पूण देश में संस्कार संस्कृति को फैलाया है. मुनिश्री हेमदत्त सागर, क्षुल्लक सूर्यदत्त सागर महाराज विराजमान रहे. मनोज जैन लालो ने बताया कि ज्ञान सागर पाठ्यशाला के बच्चों व सभी संस्थाओं ने आचार्य शांति सागर की पूजन संपन्न की. ब्र. लवली दीदी ने पूजन कराई एवं ब्र. सुनील भैया ने दसलक्षण शिविर के बारे में जानकारी दी.
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जैनोदय में मरीजों का निशुल्क परीक्षण


जैनोदय में मरीजों का निशुल्क परीक्षण 


सागर.।युवा जैन मिलन अंकुर शाखा मकरोनिया द्वारा संचालित श्री जैनोदय औषधालय डॉक्टर निहारिका जैन द्वारा 30 मरीजों का निशुल्क परीक्षण किया गया. जिसमें मरीजो का ब्लड प्रेशर एब्लड शुगर और दवाएं निशुल्क प्रदान की गई. डॉक्टर जैन द्वारा बताया गया की सभी आयु वर्ग के लोग अपना स्वास्थ्य परीक्षण करवाने आए, जिसमें महिलाएं, पुरुष और बच्चे शामिल हैं. कुछ लोगों के लिए शुगर की जांच में प्रारंभिक तौर पर डायबिटीज का पता चला एवं बच्चों में वायरल की बीमारी से ग्रसित बच्चे ज्यादा संख्या मे औषधालय आए, कुछ  महिलाओं में पहली बार ब्लड प्रेशर की जांच द्वारा पता चला की उनका ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, इसके लिए डॉक्टर जैन द्वारा कुछ  ब्लड प्रेशर कम करने के टिप्स एवं दवाएं दी गई जिससे ब्लड प्रेशर को नार्मल किया जा सके. इस दौरान युवा जैन मिलन के कार्यकारी अध्यक्ष सुकुमाल जैन नैन्धरा, अध्यक्ष प्रसन्न जैन, डॉ नम्रता जैन, कोषाध्यक्ष युवा वीर संयम जैन, मंत्री युवा वीर सुनील जैन , मृदुल जैन, समर्पित जैन, उपस्थित रहे.
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युवा जैन मिलन ने निकाली जागरण रैली

युवा जैन मिलन ने निकाली जागरण रैली
 
सागर ।युवा जैन मिलन अंकुर शाखा द्वारा बीसवीं सदी के महानायक, दिगंबर मुद्रा के धनी, चरित्र चक्रवर्ती आचार्य 108 शांति सागर महाराज के समाधि दिवस के अवसर पर जन जागरण रैली  का आयोजन अंकुर कॉलोनी में आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज के मार्गदर्शन में विद्या भवन अंकुर कॉलोनी से होती हुई, चंद्रा प्रभ जिनालय से होती हुई विद्या भवन अंकुर कॉलोनी में रैली का समापन हुआ.
रैली में सुनील भैया, युवा जैन मिलन के अध्यक्ष  प्रसन्न जैन, कार्यकारी अध्यक्ष  सुकमाल जैन  नैन्धरा,  मृदुल जैन, मनोज जैन लालो,  राजेश जैना जैन, विमल बिलानी  अध्यक्ष  ट्रस्ट कमेटी, एमसी जैन मडदेवरा, डीके जैन प्राचार्य, प्रोफेसर अमर चंद जैन, डॉ नम्रता जैन, संजय शक्कर, सीमा बीएसएनएल, श्रीमती सीमा भाईजी संयम जैन कोषाध्यक्ष, सुनील जैन मंत्री, अशोक जैन, और बड़ी संख्या में महिलाये, पुरुष और पाठशाला के बच्चे, रैली में सम्मिलित हुए. आचार्यश्री निर्भय सागर महाराज प्रकाश डाला और बताया यही वह  बीसवीं सदी के महानायक है जिन्होंने दिगंबर मुद्रा को रखते हुए दिगंबर मुनि प्रथा को आगे बढ़ाया जिसके कारण ही आज 21वीं सदी में  हमें चलते फिरते भगवन आचार्य विद्यासागर महाराज मिले हैं, जिन्होंने जैन धर्म की पताका को सर्वोच्च शिखर पर ले जाने का कार्य किया है.
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