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IPU कांफ्रेंस में सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने अनाथालय तस्करी के मुद्दे पर दिए महत्वपूर्ण सुझाव

IPU कांफ्रेंस में सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने अनाथालय तस्करी के मुद्दे पर दिए महत्वपूर्ण सुझाव 



तीनबत्ती न्यूज : 09 अप्रैल ,2025

सागर ;  उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आयोजित 150वीं इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन (IPU) कांफ्रेंस में भारतीय संसद का प्रतिनिधित्व कर रही सागर सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने एक संवेदनशील और विश्व स्तर पर प्रासंगिक मुद्दे को उठाकर न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया, बल्कि भारत की सामाजिक प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट रूप से सामने रखा।
अनाथालय तस्करी पर केंद्रित उनके वक्तव्य ने IPU के मंच पर भारत की छवि को एक मानवीय और संवेदनशील राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया। इस विषय पर 2023 में IPU द्वारा पारित प्रस्ताव का हवाला देते हुए डॉ. वानखेड़े ने कहा कि यह प्रस्ताव एक शुरुआत थी, और अब समय आ गया है कि सदस्य राष्ट्र इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाए ।





सांसद डॉ. लता वानखेड़े का भाषण कई स्तरों पर प्रभावशाली रहा: उन्होंने मुद्दे की गंभीरता को गहराई से समझाया, उन्होंने बताया कि अनाथालय तस्करी एक छिपा हुआ अपराध है। कई बच्चे जिन्हें ‘अनाथ’ बताकर संस्थाओं में रखा जाता है उन्हें गरीब परिवारों से अलग किया जाता है। उन्होंने कहा हर बच्चे को परिवार में प्यार, सुरक्षा और स्थायित्व का अधिकार है।” सांसदों की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा की सांसदों को तीन अहम सुझावो को अमल में लाना होगा जिसमें पहला मजबूत कानून बनाना: अनाथालय तस्करी को रोकने और दोषियों को सज़ा देने के लिए प्रभावी कानूनों की आवश्यकता है। उन्होंने पारिवारिक विकल्पों जैसे फोस्टर केयर और गोद लेने को प्राथमिकता देने की बात कही दूसरा सरकारी संसाधनों का सही उपयोग: उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को नकली अनाथालयों पर पैसा खर्च करने के बजाय परिवारों को एक साथ रखने वाले कार्यक्रमों पर निवेश करना चाहिए और तीसरा अंतरराष्ट्रीय सहयोग: चूंकि यह अपराध सीमाओं के पार होता है, सांसद ने देशों के बीच सहयोग, जानकारी साझा करने और एक वैश्विक निगरानी तंत्र की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

उन्होंने जागरूकता और नीति बदलाव का सदस्‍यों से आह्वान करते हुए यह भी कहा कि बहुत से लोग और पर्यटक अनजाने में इन तस्करी-आधारित संस्थाओं का समर्थन करते हैं। इसके लिए वैश्विक स्तर पर शिक्षा, जागरूकता और सख्त निगरानी व्यवस्था की ज़रूरत है इस भाषण के बाद सांसद डॉ. लता वानखेड़े की छवि एक गंभीर, संवेदनशील और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोचने वाले नेता के रूप में उभरी है। उन्होंने न सिर्फ भारत का दृष्टिकोण मजबूती से रखा, बल्कि एक वैश्विक मुद्दे पर नेतृत्व की भूमिका भी निभाई। उनकी प्रस्तुति ने यह सिद्ध कर दिया कि वे नीतिगत सोच, मानवीय मूल्यों और वैश्विक सहयोग की समझ रखने वाली एक ज़िम्मेदार सांसद हैं, जो अब राष्ट्रीय राजनीति में एक सशक्त और भरोसेमंद चेहरा बनते जा रही हैं।
 सांसद डॉ. वानखेड़े ने कहा ये हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की नई सोच का नया भारत है जो अब वैश्विक मंचों पर केवल आर्थिक या रणनीतिक मुद्दों तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक और मानवीय सरोकारों में भी सक्रिय नेतृत्व कर रहा है। IPU कांफ्रेंस के इस सत्र से साफ हो गया — भारत की आवाज़ अब वैश्विक नीति निर्माण में नज़रअंदाज़ नहीं की जा सकती।

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