Editor: Vinod Arya | 94244 37885

डा गौर विश्वविद्यालय : ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के शोध में फार्मेसी विभाग को भारतीय पेटंट : डा साक्षी सोनी की बड़ी उपलब्धि

डा गौर विश्वविद्यालय : ब्रेस्ट कैंसर के उपचार के शोध में फार्मेसी विभाग को भारतीय पेटंट : डा साक्षी सोनी की बड़ी उपलब्धि


तीनबत्ती न्यूज : 09 अप्रैल ,2025

सागर. डॉक्टर हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर (DR HARISINGH GOUR CENTRAL UNIVERSITY SAGAR ) के फार्मेसी विभाग ( DEPARTMENT OF PHARMACEUTICAL SCIENCES ) की शोधार्थी एवं वर्तमान में राष्ट्रीय औषधीय शिक्षा अनुसंधान संस्थान अहमदाबाद में रिसार्ज एसोसियट डॉ. साक्षी सोनी (Dr. Sakshi Soni )  ने कैंसर (Cancer) में उपचार में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की. इनके शोध कार्य लिपोसोम कम्पोजिशन एडं मैथ्इ फॉर टारगेटिंक ड्रग डिलेवरी का हाल ही में भारतीय पेंटंट प्राप्त हुआ है. 

कैंसर के इलाज के लिए बड़ी उपलब्धि

यह नवाचार स्तन कैंसर के इलाज के लिय दवा को लक्षित ढंग से पहुंचाने की दिशा में एक बडी उपलब्धि मानी जा रही है. इस शोध का उद्देश्य कैंसर की दवाओं को सीधे ट्यूमर कोशिकाओं तक पहुंचाकर स्वास्थ कोशिकाओं को नुकसान से बचाना है. उन्होंने बताया कि पारंपरिक कीमोथेरेपी में शरीर की सामान्य कोशिकाएं भी प्रभावित होती है. जिससे कई दुष्प्रभाव उत्पन्न होते है. लेकिन यह नई तकनीकि लक्षित वितरण प्रणाली के माध्यम से सिर्फ कैंसर कोशिकाओं पर प्रभाव डालती है. जिससे उपचार अधिक प्रभावी और सुरक्षित बनता है. पांरपरिक कीमोथेरेपी के मुकाबले काफी सुरक्षित और किफायती भी है. इसमें डॉक्सोरूबिसिन नामक एंटी कैंसर ड्रग को पॉलथिलीन ग्लाइकोल से लेपित लिपोसोम (पिगायेलेडिट लिपोसोम) के माध्यम से शरीर में ब्रेस्ट् कैंसर की कोशिकाओं तक सीधे पहुंचाया गया। इस लिपोसोम को 4 नामक सेल पेनेट्रेटिंग पेप्टाईड से जोडा गया. जिसमें यह खासतौर पर कैंसर कोशिकाओं को पहचान कर उन तक ही दवा पहुंचाता है. इस तकनीकि से सामान्य स्वस्थ कोशिकाओं प्रभावित नहीं होती, जिससे कीमोथेरेपी की वजह से होने वाले बाल झडना, उल्ट्री कमजोरी जैस साइड इफेक्टस बेहद कम हो जाते है. इस प्रणाली की इन विट्रो (प्रयोगशाला) और इन वाइवो (जानवरों पर) टेस्टिंग में इसे बेहद कारगर और सुरक्षित पाया गया है. यह कैंसर कोशिकाओं की मृत्यु कर उनके डीएनए को क्षति पहुंचाता है। और ट्यूमर साइट पर लंबे समय तक बना रहता है. जिससे ड्रग की बार बार जरूरत नहीं पडती. 




क्लिनिकल परीक्षण और उघोग में स्थानांतरण के लिए कार्य जारी

इस तकनीकि से क्लिनिकल परीक्षण और उघोग में स्थानांतरण के लिये भी कार्य किया जा रहा है. जिससे यह नवाचार प्रयोगशाला से निकालकर आम जनमानस के जीवन को बेहतर बना सकें. इस शोध कार्य के लिए डॉ. साक्षी को हाल ही विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा आयोजित 40वी युवा वैज्ञानिक कांग्रेस में युवा वैज्ञानिक पुरस्कार और नगद राशि से सम्मानित किया गया. यह उपलब्धि उनके शोध की वैज्ञानिक गुणवत्ता और सामाजिक महत्व को दर्शाती है. डॉ. साक्षी सोनी ने इस सफलता का श्रेय अपने मार्गदर्शक प्रो. वंदना सोनी और प्रो. सुशील कुमार काशव के साथ साथ विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं अपने विभाग से सभी शिक्षकों और माता पिता श्रीमति कांता सोनी और कृष्णा सोनी को दिया है।

____________________________

___________
Editor: Vinod Arya
संपादक :विनोद आर्य
________
+91 94244 37885
________
तीनबत्ती न्यूज़. कॉम की खबरे पढ़ने   सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़ने  लाईक / फॉलो करे

X  फॉलो करें
वेबसाईट
इंस्टाग्राम
यूट्यूब लिंक
_________________   





Share:

0 comments:

एक टिप्पणी भेजें

www.Teenbattinews.com