योग विज्ञान हमारे जीवन का मुख्य आधार : योगाचार्य विष्णु आर्य
▪️तीन दिवसीय योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ
तीनबत्ती न्यूज : 02 अप्रैल ,2025
सागर : स्कूल शिक्षा विभाग सागर संभाग द्वारा तीन दिवसीय योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर, अंकुर विद्यालय मकरोनिया में मुख्य अतिथि डॉ विष्णु आर्य योगाचार्य, अध्यक्ष योग आयोग, अध्यक्षता मनीष वर्मा संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग संभाग सागर, विशेष अतिथि भगत सिंह ठाकुर योगाचार्य राज्य प्रभारी पतंजलि योग समिति म प्र पूर्व, डॉ अरूण कुमार साव अध्यक्ष सागर योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन, डॉ नितिन कोरपाल योग शिक्षा विभाग डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, डॉ बृजेश सिंह ठाकुर, नैशनल जज डॉ रविकांत खरे ने दीप प्रज्वलन,मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शुभारम्भ किया।
डॉ रविकांत खरे ने रूप रेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि सागर संभाग के सभी जिले से शिक्षा विभाग के योग प्रभारियों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाने का उद्देश्य विकासखंड स्तर एवं स्कूल स्तर पर योग को स्थापित करने की दिशा में उठाया गया कदम है।यह शिक्षक योग विशेषज्ञ से बारीकी, वैज्ञानिक पक्ष, सिद्धांत, विधि एवं प्रतियोगिता में शामिल होने वाले नियमों को समझेंगे। ताकि योग से जुड़ी खेल प्रतियोगिता में विद्यार्थी चयनित हो सकें।
मुख्य अतिथि योगाचार्य विष्णु आर्य ने कहा कि भारतीय संस्कृति मैं वैदिक काल से ही जीवन का मुख्य आधार योग रहा है हमारी संस्कृति के दो आधार स्तंभ है- गायत्री और यज्ञ। प्राचीन काल में हर एक विद्यार्थी गायत्री मंत्र का जाप करता था हरि यज्ञ जीवन परंपरा को अपनाता था जिससे उसका शारीरिक मानसिक भावनात्मक विकास उच्चतम स्तर पर होता था। निरोगी काया और तनाव रहित जीवन जीना है तो योग का अपने जीवन शैली में मुख्य स्थान देना होगा हमारे विद्यालय समाज निर्माण करने वाले मंदिर हैं जहां पर शिक्षक विद्यार्थियों का निर्माण कर इस देश के भविष्य को सुनिश्चित करते हैं।
विशेष अतिथि पतंजलि योग समिति राज्य प्रभारी भगत सिंह ठाकुर ने कहा कि योग मनुष्य निर्माण कार्य करने से पूर्व आत्मनिर्माण करता है जिसमें समाज और राष्ट्र का निर्माण किया जा रहा है। वाणी में संयम जीवन में संयम करना योग सीखना है। योग सबसे सस्ती सरल और सुलभ खेल विधा है जो व्यक्ति के नैतिक जीवन का निर्माण करते हुए शारीरिक मानसिक और भावनात्मक विकास करता है।
अध्यक्षता कर रहे संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग डॉ मनीष वर्मा ने गुरु शिष्य परंपरा में गुरु द्रोण एवं एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि योग गुरुओं से प्रेरणा लेकर योग साधना करें। आगे कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 समग्र व्यक्तित्व का निर्माण के परिपेक्ष में योग को भारतीय ज्ञान परंपरा में व्यापक स्थान दिया गया है। योग सनातन ज्ञान परंपरा है जो व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर एक सच्चे मनुष्य का निर्माण करता है।
सागर योगासन स्पोर्ट्स एसोसियेशन के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार साव ने कहा कि योगासन को खेल प्रतियोगिता के रूप में शामिल किया गया है भारत सरकार का यह पहल बहुत ही सराहनीय है जिसको खिलाड़ी अपने करियर के रूप में अपना सकते हैं।कार्यक्रम में डॉ हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर योग शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों ने उत्कृष्ट आसनों पर केंद्रित डेमो प्रस्तुति दी।
वहीं आर्मी पब्लिक स्कूल सागर के नेशनल योग के खिलाड़ी विद्यार्थियों में वैदिक, आकांक्षा अनिमेष, कार्तिक, प्रतीक्षा, परी ने उत्कृष्ट आसनों पर केंद्रित संगीत पर डेमो की प्रस्तुति देकर सभागार में उपस्थित लोगों का मंत्रमुग्ध किया। जिनका मार्गदर्शन डॉ रविकांत खरे ने किया।
संचालन डॉ नितिन कोरपाल ने कहा कि योग आगामी एशियाई खेल नागोया जापान 2026 में एक प्रदर्शनविधा के रूप में शामिलकिया गया है तथा 2030 एशियाड में विधिवत मेडल के प्रतियोगिता के तौर पर आयोजितहोगा। ऐसे में स्कूल सतर पर अभी शिक्षण प्रशिक्षण की आवश्यकता है। धन्यवाद आभार योग प्रभारी संतोष सोनी ने व्यक्त किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से स्पोर्ट्स अधिकारी संजय दादर, समाज सेवी लाइंस गुलझारी लाल जैन,के के शुक्ला, वी डी साहू , सहित सागर संभाग शिक्षा के पांचों जिलों के योग शिक्षक प्रभारी, विद्यार्थी उपस्थित थे।
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