मालथौन से तीतरपानी फोर लेन नेशनल हाईवे-44 की दुर्दशा पर पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखा पत्र
तीनबत्ती न्यूज : 03 अप्रैल ,2025
सागर। मालथौन से लखनादौन तक प्रदेश के 170 किमी क्षेत्र से गुजरने वाले फोर लेन नेशनल हाईवे-44 की दुर्दशा और नवीनीकरण की मांग को लेकर पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि यह मार्ग क्षतिग्रस्त होने व इसमें ब्लेकसपाट होने के कारण पिछले वर्षों में दुर्घटनाएं हुईं जिनमें अनेक नागरिकों की जान जा चुकी है।
पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखे गए पत्र में कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेई जी के कार्यकाल में महत्वाकांक्षी स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के अंतर्गत निर्मित फोर लेन राष्ट्रीय राजमार्ग-44 मध्यप्रदेश की सीमा में मालथौन से लखनादौन तक 170 किमी क्षेत्र में अत्यधिक उपयोग में आने वाला राजमार्ग है। इसके झांसी-नरसिंहपुर खंड के मालथौन से तीतरपानी तक मार्ग की स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है जिससे क्षेत्र में प्रतिदिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। उक्त मार्ग में संचालित टोल बूथ से प्रतिमाह करीब 6 करोड़ रुपए से अधिक राशि टोल टैक्स के रूप में प्राप्त हो रही है किन्तु टोल संचालन कंपनी द्वारा मार्ग में सुधार/मरम्मत की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने पत्र में बताया है कि राष्ट्रीय राजमार्ग-44 जो कि फोर लेन है, मालथौन से लेकर सागर मार्ग में मेरा विधानसभा क्षेत्र खुरई भी शामिल है जिसके विभिन्न ग्रामों तक इस मार्ग से ही पहुंचा जाता है। मार्ग क्षतिग्रस्त होने से गत वर्ष सैकड़ों दुर्घटनाओं में अनेक नागरिक असमय काल कवलित हुए हैं। इस मार्ग में कई ब्लेक स्पाट भी हैं जिनके कारण विभिन्न वाहनों की दुर्घटनाएं हो रही हैं। पूर्व गृहमंत्री, विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने पत्र में केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी से मांग करते हुए लिखा है कि कृपया विषय को अपने संज्ञान में लेते हुए मार्ग की शीघ्र मरम्मत/नवीनीकरण कराए जाने हेतु राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों को उचित निर्देश प्रसारित कराए जाने की कृपा करें।
वक़्फ संशोधन विधेयक-2025 पारित होने पर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री श्री मोदी व गृहमंत्री श्री शाह का आभार व्यक्त किया
लोकसभा में पारित हुआ वक़्फ संशोधन विधेयक-2025 का पारित होना देश के लिए बड़ी उपलब्धि है। इससे देश भर की वक़्फ संपत्तियों के प्रंबधन में कुशलता व पारदर्शिता आएगी तथा मुस्लिम समुदाय के अत्यंत पिछड़े व गरीब पसमांदा वर्ग के लिए इस संशोधन विधेयक से तरक्की की राह खुलेगी। यह विचार पूर्व गृहमंत्री, वरिष्ठ विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने लोकसभा में पारित हुए वक़्फ संशोधन विधेयक पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए व्यक्त किए हैं।
पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने वक़्फ संशोधन विधेयक-2025 के माध्यम से मुस्लिम समाज के अत्यंत पिछड़े तबकों, पसमांदा मुस्लिमों और मुस्लिम महिलाओं की बेहतरी की दिशा में बड़ी पहल की है। इस विधेयक का उद्देश्य वक़्फ संपत्तियों का पारदर्शी प्रबंधन सुनिश्चित करना, कामकाज में सुधार, जटिलताओं को दूर करना, प्रौद्योगिकी आधारित प्रबंधन आरंभ करना वक़्फ संपत्तियों की सुरक्षा और उनका तयशुदा इस्तेमाल सुनिश्चित करना है।
पूर्व गृहमंत्री, विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि यह संशोधन विधेयक धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं है और न ही असंवैधानिक है। यह किसी भी मस्जिद, दरगाह या किसी अन्य धार्मिक स्थान को हड़पने के लिए नहीं बल्कि शुद्ध रूप से दान की गई संपत्ति के बेहतर प्रबंधन के लिए है ताकि मुस्लिम समाज के गरीबों, महिलाओं और पसमांदा श्रेणी के परिवारों की तकदीर बदली जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्रीय,राज्य वक़्फ बोर्डों और वक़्फ न्यायाधिकरणों में मुस्लिम महिलाओं के साथ शिया, बोहरा, अहमदिया, आगाखानी जैसे समुदायों का प्रतिनिधित्व इस संशोधन विधेयक के माध्यम से हो सकेगा।उन्होंने कहा कि वक्फ की आड़ में कई जगहों पर भूमाफिया पैदा हो गए, उन्होंने कब्रिस्तानों की जमीनों पर कब्जा कर लिया और सरकार से मिलने वाले हर लाभ का खुद फायदा उठाने लगे है। वक़्फ संपत्तियों के कुशल प्रबंधन से एक तरफ मुस्लिम समाज के गरीब तबकों को और तेजी से विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा सकेगा साथ ही इस तबके का योगदान देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से बढ़ेगा।
पूर्व मंत्री श्री सिंह ने कहा कि इस संशोधन विधेयक से पारदर्शिता, कानूनी स्वामित्व सत्यापन तथा प्रशासनिक जवाबदेही पर जोर देकर वक्फ सपत्तियों के विकास और संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ साथ इनका उपयोग हितधारक समुदाय के लाभ के लिए किया जा सकेगा। साथ ही वक़्फ बोर्डों की विश्वसनीयता बहाल करने के लिए भी विधेयक में बहुत जरूरी सुधार सामने लाए गए हैं।
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