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योग निद्रा एवं ध्यान करने से शारीरिक मानसिक तनाव एवं आध्यातमत्मिक उन्नति : योगाचार्य विष्णु आर्य

योग निद्रा एवं ध्यान करने से शारीरिक मानसिक तनाव एवं आध्यातमत्मिक उन्नति : योगाचार्य विष्णु आर्य


तीनबत्ती न्यूज : 17 मार्च ,2025

सागर : पतंजलि योग समिति के सागर के तत्वाधान में चल रही 25 दिवसीय  सहयोग शिक्षक प्रशिक्षण 16 वे  दिवस पर  मुख्य अतिथि योगाचार्य विष्णु आर्य, अध्यक्ष डॉ भानु राणा, विशेष अतिथि  एस वाजपेई , सुबोध आर्य योगाचार्य योग निकेतन, भगत सिंह योगाचार्य, राज्य प्रभारी पतंजलि योग समिति ने दीप प्रज्वलन वेदांत्रोचारण से शुभारंभ किया।

प्रथम चरण में मुख्य शिक्षक बहिन एस वाजपेई ने सूक्ष्म, द्रुत गति व्यायाम, सूर्य नमस्कार, आसन, भस्त्रिका, कपालभाति, वाह्य,उज्जयाई अनुलोम विलोम, भ्रामरी उदगीत प्रणव प्रणायाम कराते हुए बारीकी से लाभ बताएं।

जिला प्रभारी भगत सिंह योगाचार्य ने बताया कि  सह योग शिक्षक प्रशिक्षण शिविर में योग शिक्षक को प्रशिक्षण देकर उन्हें निःशुल्क योग सेवा के लिए तैयार किया जा रहा है।इन शिक्षकों को योग के वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक पक्ष से  दीक्षित किया जा रहा है। यह समाज में स्वास्थ्य के लिए सेवा देंगे।

मुख्य अतिथि डॉ विष्णु आर्य योगाचार्य ने कहा कि  योग निद्रा  एक गहरी विश्रांति और ध्यान की प्रक्रिया है, जिसे "सजग शिथिलीकरण"  भी कहा जाता है। यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर लाभदायक होती है।तनाव और चिंता कम करना – योग निद्रा शरीर और मन को गहराई से विश्राम प्रदान करती है, जिससे तनाव, चिंता और अवसाद कम होता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार –होता है।स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाना – मस्तिष्क को शांत और केंद्रित बनाकर, यह स्मरण शक्ति और एकाग्रता को बेहतर बनाती है।सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं गायत्री ध्यान में गायत्री मंत्र का जाप एवं ध्यान का अभ्यास कराते हुए कहा कि, जो आत्मिक उन्नति और मानसिक शुद्धता प्रदान करता है।मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति – गायत्री मंत्र का नियमित जाप करने से मन शांत रहता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। बुद्धि और विवेक का विकास – गायत्री मंत्र को "ब्रह्मविद्या मंत्र" कहा जाता है, जो बुद्धि, विवेक और ज्ञान को जाग्रत करता है।नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा –करता है।निखरता है यदि इन्हें नियमित रूप से किया जाए तो जीवन में संतुलन, आनंद और आत्मिक विकास संभव हो सकता है।

ये रहे मोजूद

प्रमुख रूप से दामोदर प्रजापति देवेंद्र चौरसिया दिनेश कुमार दुबे महेश पॉल, सतीश सैनी शैलेंद्र साहू, रेखा साहू, विजय बुधवानी, शैलेंद्र साहू, डॉ संध्या गौतम, काशीराम कोरी, संतोष कुमार दुबे ए राजेंद्र सेन , इंजी कैलाश पौराणिक, महेश प्रसाद मिश्रा रश्मि दुबे सहित अनेक भाई उपस्थित थे।


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