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अन्वेषण ने प्रस्तुत किया हास्य नाटक 'जवानी बनाम बुढ़ापा'

अन्वेषण ने प्रस्तुत किया हास्य नाटक 'जवानी बनाम बुढ़ापा'


तीनबत्ती न्यूज : 23 फरवरी ,2025

सागर : तुम नेकचलन औरतों की तरह रहना सीखो, तुम्हारी यह ताकझांक और छेड़छाड़ मुझे ज़रा भी पसंद नहीं है। क्या तुम शादी के वक्त किए गए इकरार को नहीं मानतीं ?  ये संवाद हैं 23 फरवरी की शाम रवीन्द्र भवन में अन्वेषण थिएटर ग्रुप द्वारा मनोज सोनी के निर्देशन में खेले गए मोलिएर  के लिखे नाटक 'जवानी बनाम बुढ़ापा' के। ये संवाद एक बूढ़ा पति अपनी उम्र से बहुत छोटी अपनी पत्नी से कहता है। इस बुड्ढे ने अपनी अमीरी के बूते इस कम उम्र की लड़की से शादी की थी। शादी वाले इक़रार के पालन की दुहाई देने वाले समाज के ऐसे बूढ़ों को यह कौन बताये कि अपनी बेटी की उम्र की लड़की से की गई शादी ही अपने आप में ग़लत है। यही बूढ़ा शौहर एक दृश्य में अपनी सास से कहता है कि जब आप लोग कौड़ियों को मोहताज हो रहे थे उस वक़्त मैंने ही आपको रुपए देकर मदद की थी।


समाज में होने वाले  ऐसे ही बेमेल उम्र के विवाहों और उनके कारण पीड़ित युवा लड़कियों की पीड़ा को यह नाटक उजागर करता है। इस नाटक में बुड्ढे की नवयौवना बीवी को एक युवक से प्रेम हो जाता है। बूढ़ा शौहर अपनी बीवी की इस करनी को अपने सास-ससुर के सामने सबूत सहित उजागर करने की कोशिश करता है और उसकी बीवी इसे छुपाने की।  इसी भागमभाग के विभिन्न घटनाक्रमों को हास्य के माध्यम से इस नाटक में पिरोया गया है। नाटक हास्य के जरिये इस बुराई की परतें खोलने के साथ ही इसके पीछे छिपी पीड़ित युवतियों के दर्द को रेखांकित करने में  भी सफल रहा क्योंकि दर्शकों ने विभिन्न दृश्यों में लगातार अपनी तालियों और ठहाकों से कलाकारों के अभिनय व संवादों का प्रत्योत्तर दिया। 

इनकी रही भूमिकाएं

अन्वेषण के इस नाटक में बूढ़े शौहर मुंशी बर्बाद की भूमिका में सुमीत दुबे, मुंशी की युवा बीवी दिलाराम के रोल में आयुषी चौरसिया, दिलाराम के युवा प्रेमी घरबिगाड़ की भूमिका में कपिल नाहर, दिलाराम के पिता मिस्टर धरपकड़ की भूमिका में सतीश कुमार साहू, दिलाराम की मां के रूप में ज्योति रायकवार, भंडाफोड़ के रोल में संदीप दीक्षित और अमजद ख़ान रहे। दिलाराम की नौकरानी का चरित्र रिया सेन ने निभाया, भकभकानंद के रूप में नाटक के निर्देशक मनोज सोनी ने काम किया और डीवट के चरित्र को देवेन्द्र सूर्यवंशी ने निभाया। सभी कलाकारों ने अच्छा अभिनय कर दर्शकों से खूब वाहवाही लूटी। मंच पार्श्व के कार्यों में डॉ.अतुल श्रीवास्तव ने प्रोडक्शन मैनेजर के तौर पर काम किया। सैट का काम राजीव जाट ने देखा।  लाईट का संचालन संदीप बोहरे द्वारा किया गया। संगीत परिकल्पना और संचालन का काम अभिषेक दुबे की अगुवाई में संजय कोरी, शुभम पटेल और सपना दुबे ने किया। स्टेज मैनेजर की भूमिका देवेंद्र सूर्यवंशी ने निभाई। मेकअप कपिल नाहर और स्वाति जैन ने किया। मंच सामग्री का ज़िम्मा अमजद ख़ान का रहा। प्रचार-प्रसार का दायित्व अन्वेषण के अध्यक्ष रवीन्द्र दुबे कक्का और सतीश साहू ने संभाला। टिकट और ब्रोशर डिजाइन का काम मनीष दुबे (मुंबई) ने किया। रंगसंध्या के प्रारंभ में  डां पंकज तिवारी, संतोष तिवारी सहित अन्वेषण ग्रुप के अध्यक्ष रवीन्द्र दुबे कक्का , नाट्य निर्देशक मनोज सोनी एवं अन्य कलाकारों ने मां सरस्वती का पूजन कर रंगसंध्या की विधिवत् शुरुआत की, तत्पश्चात मोलिएर द्वारा लिखे गए नाटक 'जवानी बनाम बुढ़ापा' का मंचन प्रारंभ हुआ। मंचन के दौरान रविंद्र भवन सभागार में हरगोविंद विश्व, डॉ गजाधर सागर,अश्वनी साहू, प्रेम जाट, डॉ. मनोज श्रीवास्तव, नीरज सोनी, तारिक भाईजान, आदि सहित नगर के अनेकानेक रंगदर्शक उपस्थित रहे। अन्वेषण के इस दो दिवसीय आयोजन के तहत इसी नाटक का अगला प्रदर्शन 24 फरवरी शाम सात बजे से पुनः रवीन्द्र भवन में किया जाएगा। अन्वेषण ने नगर के सभी दर्शकों से इस हास्य नाटक का आनंद लेने की अपील की है।

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