Sagar: कमिश्नर ने तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी को दिया लघु शास्ति आदेश
सागर 10 जनवरी 2025
संभाग कमिश्नर डॉ वीरेंद्र सिंह रावत ने प्रभारी तहसीलदार पथरिया जिला दमोह श्रीमती दीपा चतुर्वेदी (भार्गव) एवं अनुविभागीय अधिकारी श्री निकेत चौरसिया द्वारा अनुशासनहीनता, कदाचार, सेवा कर्तव्यों के उल्लंघन करने के आधार पर लघु शास्ति हेतु कार्यवाही करने का आदेश दिया है।
लघु शास्ति आदेश के अनुसार प्रभारी तहसीलदार पथरिया जिला दमोह श्रीमती दीपा चतुर्वेदी (भार्गव) द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6 ( 4 ) के प्रकरणों में शासन के निर्देशों के अनुसार कार्य संपादित नहीं किए जा रहे है, राजस्व प्रकरण नक्शा सुधार के प्रकरण में ऑफलाईन कार्यवाही संपादित की गई है। आर.सी.एम.एस. पोर्टल पर ऑनलाईन कार्यवाही संपादित नहीं की जा रही है, राजस्व प्रकरणों को समय पर ऑनलाईन दर्ज नहीं किया जाता है। 150 से अधिक रिकार्ड दुरुस्ती के प्रकरण लंबित है, जिनकी संख्या अत्याधिक है। कैशबुक नहीं लिखी गई है, और ना ही आहरण / संवितरण अधिकारी द्वारा प्रमाणित की गई, सहायक ग्रेड-3 की वेतनवृद्धि नहीं लगाई गई है। इसी प्रकार कार्यालय के अन्य कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों में नामीनेशन फार्म नहीं भराये गये हैं, और ना ही कर्मचारियों के अवकाश लेखा का संधारण किया गया है।
इसी तरह श्री निकेत चौरसिया अनुविभागीय अधिकारी (रा०) पथरिया जिला दमोह के विरूद्ध निग्न अवचार / कदाचार अधिरोपित किया गया है। श्री निकेत द्वारा राजस्व पुस्तक के अंतर्गत राजस्व प्रकरण में पक्षकार-छोटीबाई पति मिहीलाल अहिरवार निवासी करैया के प्रकरण में तहसीलदार पथरिया द्वारा यह लेख किया गया कि "विचाराधीन प्रकरण में व्यथित परिजन के पति की मृत्यु सर्प दंश के 31 दिन पश्चात् उपरान्त होने पर हुई है। उक्त स्थिति में आर.बी.सी. में कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है। अतः निर्मित स्थिति में शासन से मार्गदर्शन लिया जाना उचित है, स्पष्ट रूप से लेख कर प्रकरण उचित मार्गदर्शन हेतु आपके न्यायालय को तहसीलदार पथरिया द्वारा प्रेषित किया गया था। किन्तु श्री निकेत चौरसिया द्वारा उक्त प्रकरण में एफ.आई.आर./पी.एम. रिपोर्ट न होने एवं घटना दिनांक 20/04/2024 मृत्यु दिनांक 21/05/2024 उल्लेखित होने से घटना का करण स्पष्ट नहीं है।
श्री चौरसिया द्वारा शासन/वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन प्राप्त किये बगैर स्वेच्छाचारिता पूर्वक कार्यवाही कर अंतिम निर्णय लिया गया है, जो आपकी स्वेच्छाचारिता का परिचायक है।
श्री निकेत द्वारा 168 से अधिक रिकार्ड दुरूस्ती के आवेदन पत्र न्यायालय में पंजीबद्ध किये बगैर न्यायालय तहसीलदार को प्रेषित किये गये है। जबकि उक्त सभी आवेदन पत्रों को म०प्र० भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा-115 (संशोधन) के अनुसार अभिलेख सुधार के प्रकरण प्रथमतः आपके न्यायालय में पंजीबद्ध किये जाने का प्रावधान है. जो कि नहीं किया गया है।
अपने अपने पदीय दायित्वों के निर्वहन में गंभीर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता का द्योतक है साथ ही म०प्र० भू-राजस्व संहिता 1959 में विहित प्रावधानों एवं वरिष्ठ न्यायालयों/ अधिकारियों के आदेशों के अवहेलना भी है। साथ ही यह कृत्य मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अंतर्गत शासकीय सेवक के आचरण के विपरीत होकर गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। उक्त कृत्य एवं कदाचार के आधार पर श्रीमती दीपा चतुर्वेदी (भार्गव) प्रभारी तहसीलदार एवं अनुविभागीय अधिकारी श्री निकेत चौरसिया पथरिया जिला दमोह के लिए संभाग आयुक्त ने शास्ति आदेश जारी किया है
आदेश के अनुसार 10 दिवस के भीतर अपना पक्ष प्रस्तुत नहीं करने पर एक पक्षीय कार्यवाही करने आदेश दिया गया।
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