इंडियन आइडल फेम सायली कांबले ने मालथौन गौरव दिवस में समां बांधा
▪️गउधा धाम में अगले वर्ष से तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित होगाः भूपेन्द्र सिंह
तीनबत्ती न्यूज : 14 जनवरी ,2025
गऊधा धाम, मालथौन। यहां आयोजित मालथौन गौरव दिवस में मुंबई से अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने आईं इंडियन आइडल फेम सायली कांबले ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से समां बांध दिया। कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित लगभग 50 हजार की भीड़ खुद को गायिका के गीतों के साथ गाने और नाचने से नहीं रोक सकी। यहां तक कि पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक भूपेन्द्र सिंह ने खुद भी मंच पर पहुंच कर उनके साथ “कभी कभी“ फिल्म के गाने में सुर मिलाया। अपने उद्बोधन में पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने गउधा धाम में आयोजित मेला सह मालथौन गौरव दिवस को अगले वर्ष से खुरई के डोहेला महोत्सव की तरज पर तीन दिवसीय करने की घोषणा की है और तीर्थ क्षेत्र के विकास का विस्तृत प्रारूप बताया। पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक ने मंच पर पहुंच कर क्षेत्रवासियों की तरफ से गायिका सायली कांबले का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया और उनका अनुभव पूछा।
सायली ने शुरुआत राम आएंगे तो अंगना सजाएंगे भजन से की। उन्होंने अगला गीत न जाने कोई कैसी है ये जिंदगानी, हमारी अधूरी कहानी सुनाया जिसे सुनकर लगभग 50 हजार की भीड़ मेला छोड़ कर मंच के गिर्द आ गई। यह सायली का कमाल था कि मेले के दूकान दार उनकी आवाज पर दूकानें छोड़ कर खिचे चले आए। महकता है तन मेरा महकता है उनकी तीसरी प्रस्तुति थी। इंडियन आयिडल 12 फेम सिंगर सायली कांबले नेसायली कांवले ने कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, पल पल दिल के पास, लग जा गले के फिर ये हंसी राज फिर न हो, बाहों में चले आ, केसरिया तेरा इष्क है पिया, जरा जरा, न जाने कोई, हवाएं जैसे सुपरहिट सांग्स की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में गायिका सायली कांबले के मनमोहक गीत-संगीत की प्रस्तुति में मालथौन की युवा शक्ति ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। गौरव दिवस के इस गरिमामई कार्यक्रम ने लोगों में एक नई ऊर्जा संचारित करने का काम किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के पूर्व पूर्व गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सरस्वती वंदना व कन्यापूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि यह भगवान सूर्य का पर्व है, वे आज से उत्तरायण होते हैं। भगवान सूर्य हमें सीख देते हैं कि यदि सूर्य की तरह चमकना है तो उनकी तरह तपना भी होगा। उन्होंने कहा कि यह एतिहासिक पावन धरती और कुंड खंडहर की तरह उजाड़ पड़े थे। 5 करोड़ की लागत से इसकी काया एक तीर्थ के रूप में पलट दी है पर यह सिर्फ शुरुआत है। पवित्र गऊधा धाम के सौ एकड़ परिसर को खुरई के डोहेला की तरह विकसित होना है और अगले वर्ष से यहां डोहेला की तरह तीन दिवसीय मेला और बड़े आर्टिस्टों के तीनों दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। यहां भगवान श्री भोलेनाथ और श्री हनुमान जी के भव्य मंदिरों के नक्शे बन चुके हैं भगवान की इच्छा होगी तो अगली संक्रांति पर भगवान भोलेनाथ का अभिषेक भव्य मंदिर में ही होगा। उन्होंने बताया कि यहां एक हजार की क्षमता वाला सामुदायिक भवन बनाया जाना है, वृक्षारोपण, वाटर पार्क, कैफेटेरिया, बच्चों के खेल उद्यान सब यहां बनेगा। उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोगों को मालथौन के विकास से तकलीफ है उनकी यह तकलीफ और बढ़ेगी क्योंकि मालथौन का विकास कम से कम दस वर्षों तक तो ऐसे ही चलेगा। गरीबों पर अत्याचार,शोषण, जमीनों का फर्जी कारोबार यहां किसी को नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि मुझे इतना समर्थ बनाए रखें कि ग़रीबों के आंसू पोंछ सकूं।
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गौधा धाम मालथौन क्षेत्र का एक शीर्ष सिद्ध स्थान
गौधाधाम एक सिद्ध क्षेत्र है जो पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह के प्रयासों से एक शानदार पर्यटन क्षेत्र का रूप ले चुका है। उन्होंने यहां के प्राकृतिक सरोवर कुंड को 5 करोड़ की लागत से एक दिव्य और अलौकिक स्थान बना दिया है। इस चमत्कारिक कुंड को लेकर सैकड़ों वर्षों से एक ऋषि, चरवाहे और उसकी गाय से जुड़ा चमत्कारी आख्यान प्रचलित है और उस घटना से ही गौधा धाम कुंड को चमत्कारिक स्थान के रूप में प्रसिद्धि मिली। इसके आसपास स्वाभाविक रूप से तीर्थ विकसित हुआ जहां मकर संक्रांति का बड़ा मेला लगता है। मालथौन गौरव दिवस के लिए इस स्थान का चयन इन्हीं कारणों से हुआ है। संत रावतपुरा सरकार ने यहां के प्रवास में बताया था कि गौधाम सिद्धों की जगह है, अतीत में किसी महासंत ने इसे बनाया था। भूपेंद्र भैया ने इस जगह को इतनी सुंदरता से भर दिया है इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। यह उद्गार विख्यात संत श्री रविशंकर जी रावतपुरा सरकार ने यहां के पुरातन देवस्थल गऊधा धाम के झील संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए थे। संत श्री रावतपुरा सरकार ने अपने आशीर्वचनों में बताया था कि गऊधा गौधाम जैसी तपोस्थली एक दिन में निर्मित नहीं हुई है। यहां सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा का समर्पण किया है। तभी ऐसे सिद्ध स्थानों को शक्ति प्राप्त होती है और सभी के मनोरथ पूर्ण होने लगते हैं, दर्शनों से ही शांति आने लगती है। संत श्री ने कहा कि मुझे गौधाम आने पर बहुत अच्छा लगा, यहां प्रवेश करते ही शांति का अनुभव हुआ।
ये रहे शामिल
वरिष्ठ भाजपा नेता दुर्ग सिंह परिहार, बादाम सिंह सिसोदिया, नगर परिषद अध्यक्ष जयंत सिंह बुंदेला, बरोदिया नगर परिषद अध्यक्ष मालती विश्वनाथ लोधी, बांदरी नगर परिषद मीना कुशवाहा, मनोहर लाल सैनी, रमेश जैन, योगेश जैन, शंभूदयाल मिश्रा, संतोष यादव, धर्मेंद्र मालती अहिरवार, ज.प.अध्यक्ष बुंदेल सिंह, ज.प. उपाध्यक्ष बलवीर सिंह राजपूत, मंडल अध्यक्ष अरविंद सिंह रामछायरी, मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा पुष्पेंद्र सिंह परिहार, पूर्व मंडल अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह तोमर, राजेंद्र सिंह लोधी, जाहर सिंह लोधी, आशीष पटेरिया, पार्षद अशोक यादव, वीर सिंह यादव, शंकर सिंह राजपूत, रामेश्वर यादव, आकाश जैन, कृष्णकांत अहिरवार, अजीत राय, हीरू राजपूत, गोलू राय, गिन्नी राजा, हाकिम सिंह राजपूत, बाबा बंजारा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
गौधा धाम मालथौन क्षेत्र का एक शीर्ष सिद्ध स्थान
गौधाधाम एक सिद्ध क्षेत्र है जो पूर्व गृहमंत्री, खुरई विधायक श्री भूपेन्द्र सिंह के प्रयासों से एक शानदार पर्यटन क्षेत्र का रूप ले चुका है। उन्होंने यहां के प्राकृतिक सरोवर कुंड को 5 करोड़ की लागत से एक दिव्य और अलौकिक स्थान बना दिया है। इस चमत्कारिक कुंड को लेकर सैकड़ों वर्षों से एक ऋषि, चरवाहे और उसकी गाय से जुड़ा चमत्कारी आख्यान प्रचलित है और उस घटना से ही गौधा धाम कुंड को चमत्कारिक स्थान के रूप में प्रसिद्धि मिली। इसके आसपास स्वाभाविक रूप से तीर्थ विकसित हुआ जहां मकर संक्रांति का बड़ा मेला लगता है। मालथौन गौरव दिवस के लिए इस स्थान का चयन इन्हीं कारणों से हुआ है। संत रावतपुरा सरकार ने यहां के प्रवास में बताया था कि गौधाम सिद्धों की जगह है, अतीत में किसी महासंत ने इसे बनाया था। भूपेंद्र भैया ने इस जगह को इतनी सुंदरता से भर दिया है इसके लिए वे साधुवाद के पात्र हैं। यह उद्गार विख्यात संत श्री रविशंकर जी रावतपुरा सरकार ने यहां के पुरातन देवस्थल गऊधा धाम के झील संरक्षण एवं सौंदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण समारोह में व्यक्त किए थे। संत श्री रावतपुरा सरकार ने अपने आशीर्वचनों में बताया था कि गऊधा गौधाम जैसी तपोस्थली एक दिन में निर्मित नहीं हुई है। यहां सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा का समर्पण किया है। तभी ऐसे सिद्ध स्थानों को शक्ति प्राप्त होती है और सभी के मनोरथ पूर्ण होने लगते हैं, दर्शनों से ही शांति आने लगती है। संत श्री ने कहा कि मुझे गौधाम आने पर बहुत अच्छा लगा, यहां प्रवेश करते ही शांति का अनुभव हुआ।
ये रहे शामिल
वरिष्ठ भाजपा नेता दुर्ग सिंह परिहार, बादाम सिंह सिसोदिया, नगर परिषद अध्यक्ष जयंत सिंह बुंदेला, बरोदिया नगर परिषद अध्यक्ष मालती विश्वनाथ लोधी, बांदरी नगर परिषद मीना कुशवाहा, मनोहर लाल सैनी, रमेश जैन, योगेश जैन, शंभूदयाल मिश्रा, संतोष यादव, धर्मेंद्र मालती अहिरवार, ज.प.अध्यक्ष बुंदेल सिंह, ज.प. उपाध्यक्ष बलवीर सिंह राजपूत, मंडल अध्यक्ष अरविंद सिंह रामछायरी, मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा पुष्पेंद्र सिंह परिहार, पूर्व मंडल अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह तोमर, राजेंद्र सिंह लोधी, जाहर सिंह लोधी, आशीष पटेरिया, पार्षद अशोक यादव, वीर सिंह यादव, शंकर सिंह राजपूत, रामेश्वर यादव, आकाश जैन, कृष्णकांत अहिरवार, अजीत राय, हीरू राजपूत, गोलू राय, गिन्नी राजा, हाकिम सिंह राजपूत, बाबा बंजारा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल थे।
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एडिटर: विनोद आर्य
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