Sagar: बसों के रूट को लेकर विरोध , बसो के पहिए थमे : बस संचालकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल : यात्री हुए परेशान
▪️ पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने सीएम को लिखा पत्र: जनप्रतिनिधियों से नही हुई चर्चा ,जमीनों का धंधा करने वालो की रही रुचि
▪️ रघु ठाकुर ने किया हड़ताल का समर्थन
▪️प्रशासन ने की बसों की वैकल्पिक व्यवस्था
तीनबत्ती न्यूज : 13 जून ,2024
सागर : सागर शहर से बाहर आरटीओ के पास बनाए गए नए बस स्टैंडों से बसों का संचालन पिछले महीने कुछ अस्थाई बदलाव के साथ शुरू किया गया है। इसको लेकर सागर जिले के ग्रामीण इलाको से आने जाने वाले यात्रियों और अन्य स्थानों के यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कल बुधवार को एक आदेश के जरिए शहर में कुछ स्थानों पर बस के रुकने की व्यवस्था बंद किए जाने के विरोध में बस संचालकों ने गुरुवार को अनिशितकालीन हड़ताल कर दी। सुबह बसों के पहिए थमते ही हालात बिगड़ गए। यात्रियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा। नया बस स्टेंड शहर से दूर होने के कारण वहा पर पहुंची सवारियां परेशान होती रही। उधर बस संचालकों ने पुराने बस स्टेंड से ही बसों के संचालन की मांग को लेकर एक ज्ञापन भी प्रशासन को दिया। उधर पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने इस मामले को लेकर सीएम मोहन यादव को एक पत्र लिखकर पुराने बस स्टेंड का भी उपयोग किए जाने का सुझाव दिया।
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सिविल लाइन की बनी थी सहमति,प्रशासन ने किया खत्म
सागर में आरटीओ कार्यालय के पास और भोपाल रोड पर दो नए बस स्टैंडों का निर्माण किया गया है। 15 मई से नए बस स्टैंडों से बसों का संचालन शुरू किया गया। इसके लिए चार नए रूट तय किए गए हैं। इस समय भी विरोध हुआ था।लेकिन शुरुआत में बस ऑपरेटरों से चर्चा के बाद प्रशासन ने अस्थाई रूट तहसीली, सिविल लाइन होते हुए मकरोनिया चौराहे मार्ग पर बसों की आवाजाही की अनुमति दी गई थी।क ल बुधवार को प्रशासन ने अस्थाई रूट से बसों का संचालन बंद करने का आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि पूर्व में निर्धारित रूटों से ही बसों का संचालन होगा। इसके बाद बस संचालकों में विरोध मुखर हुआ और गुरुवार को अचानक बसों का संचालन बंद कर दिया गया। बस संचालकों का कहना है कि नए बस रूटों पर सवारियां नहीं मिलेंगी। इससे बसें खाली चलेंगी और नुकसान होगा।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने लिखा सीएम को पत
नए बस स्टेंड को लेकर हो रही परेशानियों को लेकर पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने सीएम मोहन यादव को पत्र लिखा है। पत्र के मुताबिक ज्ञातव्य है कि सागर शहर में पूर्व से प्रचलित बस स्टैंड को अचानक से बंद करके दो नये बस स्टैंड का संचालन प्रारंभ कर दिया गया है इससे उत्पन्न गंभीर समस्या एवं लोकहित के विषय में आपको अवगत कराना मैं अपना कर्तव्य समझता हूँ
जनप्रतिनिधियों से नही हुई चर्चा
पूर्व मंत्री ने लिखा कि विषय यह है कि मुझ से या सागर जिले के किसी भी जनप्रतिनिधि से चर्चा किये बगैर सागर शहर के बीचों-बीच स्थित तथा लगभग 100 वर्षों से संचालित बस स्टैंड को उसके मूलस्थान से 5-7 कि.मी. दूर स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है जबकि सागर शहर इतना बडा महानगर नहीं है जहाँ इस प्रकार की कोई आवश्यकता हो। सागर शहर में इतनी अचूक नगर परिवहन सेवा भी नहीं है जिससे कोई भी यात्री स्थानांतरित किये गये बस स्टैंड तक सही समय पर आसानी से पहुँच सके। मुझे जानकारी मिली है कि जमीनों और प्रॉपर्टीज का धंधा करने वाले लोगों की इस बस स्टैंड परिवर्तन में विशेष रूचि रही है।
क्षेत्र के लोग परेशान
उन्होंने लिखा कि आज मेरे विधानसभा क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रों के नागरिकों ने मुझे बताया है कि सागर से रहली, बंडा, शाहपुर, गढाकोटा आदि नगरों तक का बस किराया लगभग 50-60 रूपये है जबकि आटो रिक्शा से बस स्टैंड तक पहुँचने का किराया 100 रूपये लगता है जो कि घोर अव्यावहारिक है।आपसे अनुरोध है कि इस समस्या को हल करने के लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों एवं बस ऑपरेटर्स की बैठक आयोजित कर उनके व्यवहारिक सुझाव लेकर ही बस स्टेंड का स्थान बदला जाये क्योकि बड़े और संपन्न लोगों के पास तो अपने-अपने वाहन हैं परंतु गरीब और मध्यमवर्गीय लोग चौराहों-चौराहों पर धूप और गर्मी में परेशान हो रहे हैं।
सुझावः इस संबंध में मेरा व्यवहारिक सुझाव है कि जिस प्रकार भोपाल और इंदौर बड़े शहर होने के बावजूद भी भोपाल में नादरा बस स्टैंड तथा इंदौर में सरवटे बस स्टैंड से अभी भी यात्री बसें संचालित होती हैं इसी प्रकार सागर में भी पुराने बस स्टेंड को यथावत संचालित रखा जाये भले ही बसों का मूल बस स्टेंड पर स्टॉप 5-7 मिनिट का रहे इससे लोग परेशानी से बच सकेंगे तथा नये बनाये गये दोनो बस स्टैंडों का उपयोग बस स्टॉप एवं बस डिपो के रूप में भी किया जा सकता है।आशा है आप इस विषय में पहल करते हुए शीघ्र ही उचित निर्देश प्रदान करेंगे ताकि आम नागरिक परेशानी से बच सकें
बस संचालकों ने मांगों को लेकर दिया ज्ञापन : हड़ताल रहेगी जारी
बसों की हड़ताल के बस यूनियन ने कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन सौंपने वालो में बस ऑपरेटर संघ के अध्यक्ष संतोष पांडे, सचिव अतुल दुबे, सरंक्षक जय कुमार जैन, छुट्टन तिवारी ,मनीष दुबे , राजेश पांडे ,संतोष जैन, रूप नारायण पांडे सहित अनेक लोग शामिल थे। इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की।
बस ऑपरेटर संघ के मुताबिक न्यू बस स्टेण्ड में यात्री बसों के संचालन के पूर्व दिनांक 12 मई को सागर विधायक श्री शैलेन्द्र जैन एवं कलेक्टर , निगम आयुक्त, नगर पुलिस अधीक्षक सभी के साथ बस स्टेण्ड पर चर्चा हुई और जो रूट प्रशासन ने निर्धारित किये थे उनमें सहमति में सिविल लाईन से होते हुये यात्री बसों के संचालन हेतु सहमति बनी एवं यात्री बस संचालकों को तत्काल उन्हें आफिस बनाने हेतु जगह का आवंटन करने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद दिनांक 13-05-2024 से नये बस स्टेण्ड से यात्री बसों का संचालन प्रारंभ किया था। परन्तु प्रशासन ने आज दिनांक तक बस आपरेटरों को आफिस हेतु जगह आवंटित नहीं की एवं तत्काल प्रभाव से सिविल लाईन एवं अन्य रूटों के मार्ग बंद कर शहर से बाहर 15 किलोमीटर से यात्री बसों के संचालन का आदेश निकाल दिया गया।
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यात्रियों पर बढ़ा खर्चे का बोझ
न्यू बस स्टेण्ड से यात्री बसों का संचालन प्रारंभ हुआ है तब से एक माह हो गया। तब स्टेण्ड शहर में 12 किलोमीटर की दूरी पर होने से वहाँ पर यात्री नहीं पहुँच रहा है क्योंकि यात्रियों को 40-50 कि.मी. अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचने के लिये जितना किराया लगता है उससे अधिक किराया आटों या अन्य साधन से बस स्टेण्ड पर पहुँचने का देना पड़ रहा है। इसलिये यात्री परेशान है। पुराने बस स्टेण्ड से अवैध संचालन प्रारंभ हो गया है। सभी बस आपरेटर प्रतिदिन सवारी न मिलने से नुकसान में चल रहे है, घाटे के चलते व्यवसाय बंद करने की नौबत आ गई है।
ग्रामीण इलाको से चलेंगी सिटी बसे तो होगा नुकसान
बस मालिको का कहना है कि इसके साथ ही ज्ञात हुआ है कि प्रशासन द्वारा निजी बसों का संचालन शहर के बाहर बीना मार्ग पर किशनपुरा तक, नरसिंहपुर मार्ग पर सुरखी तक, गढ़ाकोटा मार्ग पर परसोरिया तक, बण्डा मार्ग पर कर्रापुर तक प्रारंभ किया जाना है जबकि सिटी बस के टेण्डर हुये थे । उनमें चार मार्ग निर्धारित कर उनका सूत्रीकरण होने के बाद हुये थे। इन सभी मार्ग पर स्टेज कैरेज की यात्री बसें 5-10-15 मिनिट में संचालित है। अतः उनका व्यापार बंद हो जायेगा एवं शहर के बाहर जो परमिट दिये जाते है वह स्टेज कैरेज परमिट की परिधि में आते है। अतः सिटी बसों का संचालन जनहित में नियमानुसार शहर के यात्रियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुये शहर के अंदर ही किया जावें।
सागर अभी बड़ा नगर नही
उ न्होंने कहा है कि सागर शहर अभी जबलपुर, भोपाल प्रदेश की राजधानी से बड़ा नहीं है। भोपाल में आई.टी.एस.टी., बस स्टेण्ड, हबीवगंज, बीच शहर में रेल्वे स्टेशन के सामने, नादरा स्टेण्ड, शहर बीचोंबीच, हलालपुरा, बस स्टेण्ड शहर की आबादी के अंदर है। इसी प्रकार जबलपुर महानगर का आई.टी.एस.टी. बस स्टेण्ड शहर के मध्य यात्रियों की सुविधा हेतु बनाया गया है।सागर एक छोटा शहर है और पुराना बस स्टेण्ड शहर के मध्य यात्रियों की सुविधा हेतु बनाया गया था। बस स्टेण्ड यात्रियों के आवागमन की सुविधा यात्रियों महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुये बनाये जाते है न कि शहर से 12 किलोमीटर दूर आबादी विहीन क्षेत्र में।
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उन्होंने कहा कि नए बस स्टैंडों से बसों का संचालन करने में नुकसान हो रहा है। बस आपरेटर नुकसान में हैं। बसों का संचालन पुराने बस से किया जाना चाहिए। सिविल लाइन रूट से बसों का आवागमन कराया जाए। जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक हड़ताल चलेगी। बस हड़ताल को आटो यूनियन ने भी समर्थन दिया है।
जिले वासियों की सुविधा को देखते हुए प्रशासन ने की बसों की वैकल्पिक व्यवस्था
सागर जिले वासियों की सुविधा के लिए नए बस स्टैंड से शुक्रवार से जिले के अन्य स्थानों तक जाने के लिए बसों की व्यवस्था वैकल्पिक रूप से की गई है।नए बस स्टैंड से बसों की संचालन के विरोध में बस संचालकों द्वारा की जा रही हड़ताल के चलते नगर वासियों को आसुविधा से बचाने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा वैकल्पक बसों की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गई है जो की नए बस स्टैंड से अपने-अपने निर्धारित स्थान के लिए रवाना होगी । पुरानी बस स्टैंड से नए बस स्टैंड पर बस स्टैंड विस्थापन के बाद बस संचार्यों को की मांग पर अस्थाई रूप से नए बस स्टैंड से तीली चौराहा सिविल लाइन होती हुई मकरोनिया मार्ग पर बसों के संचालन हेतु अनुमति प्रदान की गई थी किंतु शहर वासियों द्वारा लगातार की जा रही शिकायतों के बाद नए बस स्टैंड से पुराने मार्गों पर बसों के संचालन का आदेश जारी किया गया है।
कलेक्टर दीपक आर्य ने बताया कि संभावित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए नए बस स्टैंड से बस सेवाओं को संचालन करने के लिए आदेश पारित किया गया था जिसके चलते बस संचालकों द्वारा हड़ताल प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि यह बस संचालकों द्वारा की जा रही हड़ताल शहर वासियों के हित में नहीं है और पूर्णता आसंवैधानिक एवं अनुचित है ।
उन्होंने समस्त बस संचालकों से अपील की है कि शहर वासियों के हित को देखते हुए अपने बसों का संचालन प्रारंभ करें उन्होंने कहा कि शहर में बस संचालन करने से कभी भी बड़ी दुर्घटना घटित हो सकती है इस को रोकने के लिए यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जो कि शहर हित में है।उन्होंने कहा कि सोमवार से सभी विद्यालय प्रारंभ हो रहे हैं जिससे कि स्कूल बसों का भी दबाव रहेगा और ऐसे में दुर्घटना होना संभावित है अतः सभी बस संचालक हड़ताल को खत्म कर शहर वासियों को होने वाली आसुविधा से बचाने का प्रयास करें।
बस ऑपरेटरों की हड़ताल का रघु ठाकुर ने किया समर्थन, उनकी समस्यायें हल हों
लोसपा के संरक्षक रघु ठाकुर ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि स्मार्ट सिटी के माध्यम से जो नये बस स्टेण्ड बनाये गये हैं वहां यात्रियों के लिए पर्याप्त सुविधायें मुहैया कराई जायें। दोनों नये बस स्टेण्डों पर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा की दृष्टिï से पर्याप्त सुविधायें नहीं हैं जिससे यात्री परेशान हो रहे हैं। रात्रि के समय यात्रियों को शहर से बस स्टेण्ड आने जाने में भी परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि बस स्टेण्ड को शहर से बाहर ले जाने का निर्णय जल्द बाजी में हुआ है इस पर पुन: विचार होना चाहिए। रघु ठाकुर ने कहा कि जिला बस ऑपरेटर एसोशियन जिन समस्याओं को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर गया है उन मुद्दों पर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके साथ बैठकर चर्चा करना चाहिए और उन समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन बस स्टेण्डों को बीच शहर से दूर ले जाने के निर्णय के मामले में जल्दबाजी न करे विस्थापन के दौरान कई तरह की समस्यायें सामने आती हैं जिनका चर्चा के माध्यम से उचित समाधान निकाला जाना चाहिए। बस संचालकों की अपनी परेशानियां हैं उनका भी निराकरण होना चाहिए।