मन में खौफ भरकर करते हैं साइबर ठगी : सागर में आए कुछ फ्राड काल्स
▪️+92 नंबर से आने वालो फोन कॉल्स। से सतर्क रहे :
▪️पुलिस विभाग के अधिकारी बता कर डिजिटल अरेस्ट कर हो रही ठगी
Edited By : Vinod Arya
तीनबत्ती न्यूज :06 अप्रैल, 2024
सागर : इन दिनों नए नए तरीके इजाद कर लोगो से ठगी की जा रही है। इस समय पुलिस विभाग का अधिकारी, और NCB/CBI/ED/NIA आदि
जैसी इंवेस्टीगेशन एजेंसियों के नाम बताकर फोन काल्स या व्हाट्सएप और वीडियो काल लोगो के पास आ रहे है। जिनमे उनके परिजन का घटनाक्रम में फंसे होनी की बात कही जाती है और उनसे रकम वसूली जा रही है। इस तरह के फोन काल्स से पेरेंट्स घबड़ाए हुए है। जिनके परिजन बाहर पढ़ रहे है अथवा सर्विस में है। मध्यप्रदेश साइबर पुलिस ने इन घटनाक्रमों के चलते एक एडवाइजरी भी जारी की है। जिसमे सतर्कता बरतने और तौर तरीको को बताया गया है।
सागर के वे तीन घटनाक्रम जिनमे लोग फ्राड से बच गए :
▪️पिछले दिनो बुंदेलखंड मेडिकल कालेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र के पिता मुकुंद साकोरिकर निवासी देवास को फोन आया कि सागर में इनका बेटा रेप केस में फंसा है। उसको छुड़ाने एक लाख रु0 भेजो।पिता ने बेटे को फोन लगाया तो उठाया नही। उन्होंने मेडिकल कालेज प्रबंधन से बात की तो पता चला बेटा कालेज में क्लास में था। इस तरह वे फ्राड का शिकार होने से बच गए।
▪️इसी तरह एक हफ्ते पहले प्रसिद्ध डाक्टर श्याम मनोहर सिरोठिया को फोन आया ।जिसमें कहा गया कि इनका बेटा दिल्ली में रंग पंचमी पर रंग खेलते एवं हंगामा करते हुए पकड़ा गया है और थाने में बैठाया है।जबकि उनका बेटा घर पर था।
सीबीआई अधिकारी बनकर किया फोन
▪️एबीपी न्यूज, आकाशवाणी और तीनबत्ती न्यूज.कॉम के पत्रकार विनोद आर्य को आज 6 अप्रैल की शाम को व्हाटसअप काल +923284311243 आया कि में सीबीआई से राणा प्रताप बोल रहा हूं । आपका बेटा बाहर पढ़ रहा है हास्टल में रहता है। वह गड़बड़ कर रहा है। चूंकि उनको पता था कि फर्जी फोन आ रहे है। जब उन्होंने कहा कि मिडिया से हू तो फोन बंद कर दिया। उन्होंने तत्काल फोन अपने भोपाल में पढ़ रहे बेटे प्रियांश आर्य से बात की। बेटे ने बताया कि इस तरह का कोई घटनाक्रम नही हुआ। वह सुरक्षित है।
कैसे बनाते हैं विक्टिम?
पुलिस स्टेशन जैसे सेटअप से विडियो कॉल कर विक्टिम को बुरी तरह डराए रहते हैं। आधार कार्ड, पैन कार्ड की डिटेल बताकर विक्टिम यकीन दिलाते हैं कि आपका संदिग्ध एक्टिविटी में नाम आ चुका है। फिर वेबकैम, स्काईप, मोबाइल से वीडियो पर आमने-सामने होकर कई घंटे मकसद पूरा होने तक डर में बांधे रखते हैं। विक्टिम को फोन बंद नहीं करने देते।
एमपी सायबर पुलिस ने की एडवाजरी जारी
राज्य सायबर पुलिस भोपाल ने इन घटनाओं को देखते हुए पिछले दिनो एडवाजारी जारी की है। राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय भोपाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख आईपीएस ने कहा है कि सतर्कता बरतें और पुलिस को सूचना दे।
एडवाजरी के मुताबिक पिछले कुछ समय से एक विशेष प्रकार के सायबर अपराधों की शिकायत देखने में आ रही है, जिसमें आम नागरिकों को किसी इंवेस्टीगेशन एजेंसी/संस्था के वरिष्ठ अधिकारी के नाम से कॉल व्हाट्सएप कॉल करके बड़े पैमाने पर ठगी की जा रही है।
MODUS OPRANDI / कार्य प्रणाली
संचालन का तरीका
पाकिस्तान का आया नंबर
▪️पिछले कुछ समय से एक विशेष प्रकार का अपराध देखने में आ रहा है, जिसमें सायबर अपराधी कॉल अथवा व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क करते हैं। यह कॉल अधिकांशतः +92 (पाकिस्तानी) नम्बर या किसी अन्य देश के नम्बर (+91 के अतिरिक्त) से आते हैं।
▪️ संदिग्ध व्यक्ति कॉल करके आपको डराते हुये यह कहते हैं कि आपके PAN / AADHAR कार्ड का उपयोग करके पार्सल भेजा गया है, जिसमें नार्कोटिक्स (नशीली) सामग्री है।
▪️जालसाज NCB/CBI/ED/NIA आदि इंवेस्टीगेशन एजेंसी के अधिकारी के नाम से बदल-बदल कर कभी कॉल, कभी व्हाट्सएप वीडियो कॉल करते हैं, और कहते हैं कि उन्होंने आपके नाम से एक पार्सल पकड़ा है, जिसमें नार्कोटिक्स (नशीली) सामग्री है।
▪️ जालसाजों द्वारा कभी आपको कोर्ट फीस देने या जमानत देने के नाम से अथवा आपका नाम केस से हटाने के नाम पर पैसे की मांग की जाती है। बात करने को भी कहते हैं। वीडियो कॉल पर रहते हुये आपको एक फर्जी नोटिस दे दिया जाता
▪️कभी-कभी वीडियो कॉल पर पुलिस अधिकारी से है, जिसमें आपको डिजिटल अरेस्ट करते हुये घर में ही रहने को कहा जाता है। और कहा जाता है कि आप स्वयं को किसी कमरे में बंद करलें तथा उनके सभी सवालों के जवाब दें। यह भी कहा जाता है कि कैमरे के सामने ही रहना है, कमरे में यदि कोई और आया तो आप दोनों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
▪️ धीरे-धीरे आपको और अधिक डराया जाता है और आपकी निजी व खातों तथा विभिन्न इंवेस्टमेंट की जानकारी आपसे ले ली जाती है। अंत में यह कहकर कि शायद आपको गलत फंसा दिया गया है, आप जांच पूरी होने तक अपना पैसा आरबीआई/भारत सरकार के खाते में जमा कर दें, जो जांच पूरी होने के बाद आपको लौटा दिया जायेगा। इस पूरी कार्यवाही के दौरान आपको न ही किसी से संपर्क करने का मौका दिया जाता है, न ही बाहर जाने दिया जाता है और इस प्रकार आपसे मोटी रकम जमा करा ली जाती है।
करे यह कार्य
▪️ अनजान नम्बर खासकर जो +92 से शुरु होते हों, से आने वाले कॉल, व्हाट्सएप कॉल/वीडियो कॉल, टेलीग्राम कॉल न उठाएं।
▪️भारतीय कानून में डिजिटल अरेस्ट का कोई नियम नहीं है। अतः किसी के कहने पर या डर से खुद को कहीं बंद न करें।
▪️ अपनी निजी जानकारी जैसे बैंक खाते संबंधी, आधार आदि को किसी के साथ साझा न करें।
▪️ कोई भी संस्था आपसे आपका निजी पैसा किसी भी शासकीय खाते में जमा करने या सुरक्षित करने की सलाह नहीं देता। अतः कभी भी अपना पैसा किसी अनजान खाते में ट्रांसफर न करें।
▪️ यदि आपके साथ कोई सायबर अपराध घटित होता है तो उसकी शिकायत अपने नजदीकी पुलिस थाने में या www.cybercrime.gov.in या Cyber Crime Help Line (Toll Free) नम्बर 1930 पर करें।
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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885
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