डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने का सामूहिक प्रयास अवश्य सफल होगा- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ▪️गौर जयंती पर हुए अनेक आयोजन : तीनबत्ती से निकली शोभायात्रा

डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने का सामूहिक प्रयास अवश्य सफल होगा- कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता

▪️गौर जयंती पर हुए अनेक आयोजन : तीनबत्ती से निकली शोभायात्रा



तीनबत्ती न्यूज : 26 नवंबर. 2024

सागर. महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ हरीसिंह गौर की 155वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने सागर शहर के तीनबत्ती पहुँचकर डॉ. गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और सभा को संबोधित किया. उन्होंने बुन्देली संकल्प के अद्वितीय नायक डॉ. सर हरीसिंह गौर की जयंती पर सभी नगरवासियों का अभिनन्दन करते हुए हार्दिक शुभकामनाएं दीं.इस मौके पर विधायक शैलेंद्र जैन, महापौर संगीता तिवारी, जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया, जिप अध्यक्ष हीरासिंह, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, पूर्व विधायक सुनील जैन, डा सुशील तिवारी, फिल्म अभिनेता मुकेश तिवारी निगमाध्यक्ष वृंदावन अहिरवार सहित अनेक लोगों ने माल्यार्पण किया।

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इस मौके पर कुलपति ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए विशेष अर्थ रखता है क्योंकि आज के ही दिन इस धरती पर डॉ. हरीसिंह गौर जैसे महान शक्सियत ने जन्म लिया था। आज का दिन महज कैलेण्डर का एक पन्ना नहीं, बल्कि बुन्देलखण्ड के इतिहास का एक खूबसूरत पैगाम है। एक ऐसा पैगाम जिससे जुड़कर हजारों-लाखों लोगों के जीवन में ज्ञान का वसंत आया। आप भाग्यशाली हैं कि आप डॉ. गौर के शहर के वासिन्दें हैं। आप सभी गौर साहब के जीवन और सृजन से खूब परिचित हैं। 


उन्होंने डॉ. गौर के जीवन की संघर्ष यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि जीवन की प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ते हुए उनके चिरागी व्यक्तित्व का निर्माण हुआ। अपनी मातृभूमि के लिए कुछ श्रेष्ठ करने का संकल्प कभी नहीं छूटा। अपनी प्रतिभा से ज्ञान, राजनीति, पत्रकारिता, सृजनात्मकता आदि सभी क्षेत्रों में लगभग दिग्विजय प्राप्त करते हुए उन्होंने अपने समकालीन बड़ी हस्तियों को चौंका दिया। डॉ. गौर का यह जीवन हम सबके लिए एक मिसाल है। दुःख को शक्ति में, अभाव को सृजन में और संघर्ष को कैसे संकल्प में बदला जाता है, हमारे लिए यही गौर साहब की सीख है।  एक श्रेष्ठ अधिवक्ता, विधि विशेषज्ञ, संविधान सभा के सदस्य, लेखक-कवि, धर्मज्ञ, शिक्षाविद, समाजसेवी, दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्थापक और नागपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आदि भूमिकाओं में अपनी क्षमता और प्रतिभा से पूरे देश को प्रभावित किया। किन्तु अपार यश और समृद्धि के वैभव के बीच में भी उनकी मातृभूमि सागर की आकुल पुकार उनसे विस्मृत न हो सकी। 18 जुलाई, 1946 को अपनी पूरी सम्पत्ति का दान कर सागर विश्वविद्यालय की स्थापना की। डॉ. गौर द्वारा स्थापित यह विश्वविद्यालय अपनी स्थापना काल से ही अपने विशिष्ट ज्ञान और अनुसंधान के साथ राष्ट्र की प्रगति में अपनी भूमिका का निर्वाह कर रहा है।

उन्होंने विश्वविद्यालय की अकादमिक यात्रा, उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय अपने नवोन्मेशी पाठ्यक्रमों, योग्य शिक्षकों, कर्मठ अधिकारियों, कर्मचारियों के सहयोग से ज्ञान-विज्ञान और शोध के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के साथ ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल श्रेष्ठ विद्यार्थी एवं संवेदनशील नागरिक तैयार करने की दिशा में सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है। सभी नगरवासियों के स्नेह और सहयोग के साथ आज विश्वविद्यालय अपनी भौतिक अधोसंरचना में वृद्धि और वैश्विक स्तर पर अपनी अकादमिक प्रतिष्ठा में निरंतर सकारात्मक सम्पन्नता अर्जित कर रहा है। अकादमिक प्रगति के साथ ही विश्वविद्यालय अपने सामाजिक सरोकारों को भी लगातार पुनर्परिभाषित कर रहा है। आपका विश्वविद्यालय आपके प्रेम, सहयोग और समर्पण के लिए हमेशा आभारी है।






26 से 30 नवम्बर तक आयोजित किये जा रहे युवा उत्सव में सभी नगरवासियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार आयोजित होने जा रहा यह आयोजन निश्चित ही ऐतिहासिक होगा। आप सभी डॉ. गौर के सपनों के वास्तविक उत्तराधिकारी हैं। जिस तरह आप अपने गौर बप्पा को याद करते हैं; वह आपके प्रेम और श्रद्धा का अविरल उदाहरण है। विभिन्न मंच, संस्थाओं द्वारा डॉ. हरीसिंह गौर को भारत रत्न दिलवाने हेतु किए गए प्रयासों की यह विश्वविद्यालय सराहना करता है, समर्थन करता है और साथ ही मैं आवहन करती हूँ - समस्त सागर वासियों को - आइए हम सब एकजुट होकर उॉ. गौर को भारत रत्न दिलवाएं जिसके वह हकदार हैं। कह-कह कर थक गए हम, डॉ. गौर को भारत रत्न दिलवाना है। आइए, अब हमें मिलकर करके दिखाना है - हमें डॉ. गौर को - भारत रत्न दिलवाना है।



इस अवसर पर सुनील देव, शुकदेव प्रसाद तिवारी,  चतुर्भुजसिंह राजपूत, भोलेश्वर तिवारी,  पूर्व सांसद आनंद अहिरवार, राजकुमार पचौरी, सुधीर यादव, रामकुमार पचौरी, देवेंद्र फुसकेले, अमित रामजी दुबे, सिंटू कटारे, मुकेश जैन ढाना , विवेक तिवारी, उमेश सराफ सहित शहर के गणमान्य नागरिक, जन प्रतिनिधि, विभिन्न महाविद्यालयों एवं स्कूलों के विद्यार्थी, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं पत्रकारगण उपस्थित थे.

 तीनबत्ती से निकली डॉ. गौर की भव्य शोभायात्रा

परम्परानुसार शहर के तीनबत्ती से बैंड बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकली जो प्रमुख मार्गों से होती हुई विश्वविद्यालय पहुँची. इस दौरान शहर के नागरिक, जनप्रतिनिधि, विद्यार्थी और आमजन इस शोभायात्रा का हिस्सा बने. शोभायात्रा का जगह-जगह स्वागत हुआ.

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पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने दी पुष्पांजल

मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मंत्री एवं रहली विधानसभा से विधायक गोपाल भार्गव ने सागर #विश्वविद्यालय के संस्थापक, कानून विद, समाजसेवी एवं महान्  दानवीर डॉ सर हरिसिंह गौर जी की जन्म जयंती के अवसर पर सागर विश्वविद्यालय पहुँचकर डॉ गौर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तथा गौर समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें नमन किया।

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गौर प्रांगण में हुआ मुख्य समारोह, अतिथियों ने किया संबोधित

महान दानवीर, विधिवेत्ता एवं डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय के संस्थापक सर डॉ. हरीसिंह गौर की 155वीं जयन्ती के अवसर पर विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा डॉ. गौर के तैल चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ मुख्य समारोह प्रारम्भ हुआ. कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं पूर्व आईपीएस कन्हैया लाल बेरवाल ने की. सारस्वत उद्‌बोधन विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने दिया. इस अवसर विशिष्ट अतिथि के रूप में केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने ऑनलाइन माध्यम से वीडियो संबोधन दिया. सांसद श्रीमती लता वानखेड़े, गोविन्द सिंह राजपूत, कैबीनेट मंत्री, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, मध्यप्रदेश शासन, शैलेन्द्र जैन, विधायक, सागर विधानसभा उपस्थित मंचासीन रहे और समारोह को संबोधित किया.  गौर उत्सव के समन्वयक प्रो. दिनेश कुमार नेमा ने स्वागत भाषण दिया और गौर उत्सव-2024 का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. इस दौरान विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. ए.डी. शर्मा, प्रभारी कुलसचिव डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय और सह समन्वयक डॉ. ऋतु यादव मंचासीन थे.

 


हान दानवीर एवं स्वप्न द्रष्टा थे डॉ. गौर- कुलाधिपति

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैयालाल बेरवाल ने कहा कि डॉ. गौर साहित्यकार, कानूनविद एवं महान शिक्षाविद के साथ-साथ महान दानवीर एवं स्वप्न द्रष्टा थे. वे एक महान सुधारक भी थे. समाज के हर क्षेत्र में उन्होंने कार्य किया. उन्होंने विवि की स्थापना कर एक अभिनव दान दिया. उनके योगदान को स्मृति में रखये हुए हम सभी को उनके प्रति कृतज्ञ होना चाहिए और उनके द्वारा बताये गये मार्गों का अनुकरण करना चाहिए.

डॉ. गौर के त्याग और योगदान को स्मृति में रखते हुए अपने दायित्वों के प्रति समर्पित हों- कुलपति


विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने कहा कि डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय स्थापना काल से श्रेष्ठतम ज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता रहा है। विश्वविद्यालय के इसी योगदान को देखते हुए भारत सरकार द्वारा 15 जनवरी, 2009 को इसे एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय के रूप में प्र्रोनन्त कर दिया गया जो विश्वविद्यालय की अकादमिक क्षमता की राष्ट्रीय-स्वीकृति है। संस्थापक डॉ. गौर की जयंती सागर में एक पर्व की तरह मनाई जाती है, साथ-साथ देश के अन्य स्थानों तथा विदेशों में भी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। हमें गर्व है कि वर्तमान परिदृश्य में हमारे विद्यार्थी दुनिया भर में उच्च पदों पर कार्य करते हुए विश्वविद्यालय का नाम पूरे विश्व में रौशन कर रहे हैं, जिसका जीता जागता उदाहरण हमारा सम्मानीय मंच है।

 लाखा बंजारा झील और विश्वविद्यालय सागर की पहचान है- डॉ. वीरेंद्र कुमार

 कैबिनेट मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने वीडियो संबोधन में कहा कि डॉ. गौर ने विश्वविद्यालय की स्थापना करके ऐसा सपना पूरा किया जिसको यहाँ की जनता कभी भुला नहीं सकती. वे महान दानवीर, शिक्षाविद, कानूनविद, अनुशासन प्रिय और समय के पाबंद थे. उनके जन्मदिवस पर ही संविधान को अंगीकृत किया गया था. मेरे लिए गौरव की बात है कि मैं स्वयं यहाँ का छात्र रहा हूँ. सागर का लाखा बंजारा झील और विश्वविद्यालय सागर की पहचान है. उन्होंने गौर जयन्ती की शुभकामनाएं दीं.

  

डॉ. गौर ने सर्वस्व दानकर अज्ञानता के अंधकार को दूर करने ले लिए शिक्षा रूपी शस्त्र प्रदान किया- सांसद

सागर लोकसभा क्षेत्र की सांसद डॉ. लता वानखेड़े ने कहा कि संसद का सत्र चल रहा है लेकिन डॉ गौर के प्रति अगाध श्रद्धा होने के कारण आज मैं इस आयोजन में आई हूँ. उनके जन्म दिन पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होना मेरे लिए गौरव की बात है. डॉ. गौर सागर के गौरव हैं. डॉ. गौर और उनके द्वारा स्थापित शिक्षा के इस केंद्र से ही सागर की पहचान है. वे एक तार्किक क्षमता वाले कानूनविद थे तो एक सहृदय कवि भी थे. वे दधीचि की तरह थे. उन्होंने अपना सर्वस्व दानकर अज्ञानता के अंधकार को दूर करने ले लिए शिक्षा रूपी शस्त्र प्रदान किया. उन्हें भारत रत्न जरूर मिलेगा और हम सब इस प्रयास में अवश्य सफल होंगे.

 


डॉ. गौर को भारत रत्न दिलाने का सामूहिक प्रयास अवश्य सफल होगा- मंत्री गोविन्द सिंह 

मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने कहा कि विश्वविद्यालय आने पर अतीत की स्मृति हो उठती है. यहाँ से पढ़े हुए छात्र बहुत ऊँचे पदों पर पहुंचे हैं और देश-विदेश में नाम कमा रहे हैं. यह सब डॉ. गौर की कृपा है. डॉ. गौर की जयन्ती केवल भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में मनाई जाती है. उन्हें भारत दिलाने के लिए माननीय प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से कई स्तर की चर्चा हो चुकी है. हम सबका साझा और सामूहिक प्रयास जरूर सफल होगा और हम निश्चित तौर पर उन्हें भारत रत्न दिलाने में सफल हो पायेंगे. उन्होंने भास्कर समूह द्वारा चलाये गये माल्यार्पण और मानव श्रृंखला अभियान की प्रशंसा की.

नारी शक्ति के उत्थान में डॉ. गौर की महती भूमिका और योगदान- विधायक शैलेन्द्र जैन

नगर के विधायक शैलेन्द्र ने कहा कि डॉ. गौर ने नारी शक्ति के उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है. उन्होंने महिलाओं को वकालत करने का अधिकार दिलाया. सुप्रीम कोर्ट की स्थापना में भी उनका महती योगदान है. वे भारत रत्न के सच्चे हकदार हैं. हमें याचक के बजाये अब हक़ के साथ उन्हें भारत रत्न दिलाने का प्रयास करना चाहिए.

 

विश्वविद्यालय ने किया गौर पीठ के दानदाताओं का सम्मान






मुख्य समारोह में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं मंचासीन अथिथियों ने गौर पीठ के दानदाताओं पूर्व सांसद, सागर लक्ष्मी नारायण यादव, समाजसेवी डॉ. वंदना गुप्ता, सरस्वती वाचनालय के सचिव पं. शुकदेव तिवारी, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति चौहान, पूर्व जेल अधीक्षक डॉ. गोपाल ताम्रकार, पूर्व विभागाध्यक्ष गणित विभाग डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय प्रो. आर.के. नामदेव, प्राचार्य आई.टी.आई. सागर मुलु कुमार प्रजापति को सम्मानित किया.

पत्रकारिता विभाग के प्रायोगिक पत्र समय और शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का हुआ विमोचन

मंचासीन अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन किया गया. इस दौरान संचार एवं पत्रकारिता विभाग के प्रायोगिक पत्र समय का भी विमोचन किया गया.

अतिथियों ने मेधावी छात्रों को किया पुरस्कृत

समारोह में मंचासीन अतिथियों द्वारा विभिन्न दानदाताओं द्वारा प्रदत्त राशि से विश्वविद्यालय के विभिन्न कक्षाओं के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया.

अतिथियों ने किया गौर मूर्ति पर माल्यार्पण, गौर समाधि पर हुआ पुष्पांजलि कार्यक्रम

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कन्हैया लाल बेरवाल, कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं सभी अतिथियों ने गौर मूर्ति पर माल्यार्पण किया. एनसीसी विद्यार्थियों द्वारा गार्ड ऑफ़ आनर दिया गया. सभी अतिथियों ने गौर समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की.

संविधान की उद्देशिका का हुआ वाचन*

संविधान दिवस के अवसर पर संविधान की उद्देशिका का वाचन करते हुए कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संविधान के प्रति आस्थावान रहने की शपथ दिलाई.  कार्यक्रम का संचालन डॉ. आशुतोष ने किया. आभार ज्ञापन प्रभारी कुलसचिव  डॉ. सत्यप्रकाश उपाध्याय ने किया.

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गौर जयंती पर तीनबत्ती पहुंचकर युवा भाजपा नेता श्री अविराज सिंह ने डॉ. हरीसिंह गौर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।




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एडिटर: विनोद आर्य
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+91 94244 37885
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