बंसल अस्पताल सागर बना किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला बुंदेलखंड अंचल का पहला हॉस्पिटल : सिर्फ तीन माह में चार ट्रांसप्लांट किए : चारो को मिला आयुष्मान भारत योजना का लाभ
तीनबत्ती न्यूज : 12 नवंबर ,2024
सागर : प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल के साग में बंसल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने बहुत ही कम समय में किडनी ट्रांसप्लांट कर प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल किया है। जिसके साथ ही बंसल अस्पताल सागर, बुंदेलखंड अंचल यानिसागर संभाग का पहला किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला अस्पताल बन गया है। बंसल अस्पताल में अभी तक महज तीन माह में चार सफल किडनी ट्रांसप्लांट किये जा चुके है. चौथा किडनी ट्रांसप्लांट दो दिन पूर्व ही किया गया है, मरीज पूर्णताः स्वास्थ है। ये चार ट्रांसप्लांट आयुष्मान भारत योजना के तहत किए गए है।
बंसल हॉस्पिटल के सीईओ डॉ. संकेत गीतमोहन लहरी ,नेफ्रोलॉजिस्ट एवं गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुख डॉक्टर विकास गुप्ता, किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के मुख्य सर्जन एवं यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर रोहित नामदेव सहित टीम ने आज मीडिया से चर्चा में यह जानकारी दी।
सागर में थी जरूरत
किडनी फेलियर के मरीजों में एक लंबी और बेहतर जिंदगी के लिए गुर्दा प्रत्यारोपण ही मुख्य विकल्प होता है, लंबे समय से उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के लिए यहां के मरीजों का प्रदेश से बाहर इलाज करवाना आम बात होती थी, लेकिन इतने कम समय में किडनी ट्रांसप्लांट करने वाला उच्च स्तरीय संस्थान बंसल अस्पताल का सागर शहर में होना सागर संभाग के लिए गौरव की बात है
बंसल अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट एवं गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुख डॉक्टर विकास गुप्ता ने बताया कि किडनी फेलियर के मरीजों को हफ्ते में दो से तीन बार डायलिसिस के लिए अस्पताल जाना होता है, खाने-पीने के परहेज अधिक होते हैं और जिंदगी बहुत लंबी नहीं होती, खर्चे के हिसाब से भी देखें तो लंबे समय में डायलिसिस का खर्चा किडनी ट्रांसप्लांट की तुलना में बहुत अधिक होता है, ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट इन मरीजों के लिए एक नई जिंदगी देने जैसा है.
बंसल अस्पताल के किडनी ट्रांसप्लांट विभाग के मुख्य सर्जन एवं यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉक्टर रोहित नामदेव ने बताया की इन ट्रांसप्लांट की खास बात यह है कि इनमें वो सभी जटिल ट्रांसप्लांट जैसे की स्वैप ट्रांसप्लांट, पीडियाट्रिक ट्रांसप्लांट, मल्टीवेसल डोनर ट्रांसप्लांट शामिल हैं. बहुत जल्द हम कैडेबर की भी सुविधा शुरू करने बाले है, सभी पेशेंट्स में डोनर किडनी लेप्रोस्कोपिक मेथड से निकाली गई है यह सारी सुविधाएं देश के किसी भी ट्रांसप्लांट सेंटर के समकक्ष है. नेफ्रोलॉजिस्ट एवं ट्रांसप्लांट फिजीशियन डॉक्टर विकास गुप्ता बताते हैं कि बंसल अस्पताल के ट्रांसप्लांट का सक्सेस देश के प्रमुख महानगरों के बड़े ट्रांसप्लांट सेंटर के समतुल्य है.
बंसल अस्पताल के सी.ई.ओ डॉ. संकेत गीतमोहन लहरी ने इस उपलब्धि पर चिकित्सकों के साथ-साथ सभी टेक्निकल टीम, ट्रांसप्लांट नर्सेज को बधाई देते हुए कहा है कि भविष्य में हम बंसल अस्पताल को किडनी, हृदय और लीवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में देश के प्रमुख सेंटर में स्थापित करने के लिए प्रयास करेंगे ताकि सागर के मरीज़ों को इलाज के लिए कही बाहर न जाना पड़े।
आयुष्मान योजना में हुआ फ्री इलाज
बंसल हॉस्पिटल सागर में आयुष्मान भारत योजना से निःशुल्क किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा का लाभ मरीजो को दिया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना से भी निःशुल्क किडनी ट्रांसप्लांट किये जा रहे है. अभी तक चार किडनी ट्रांसप्लांट आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क किये गये है।
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अभी तक चार ट्रांसप्लांट : इनमें दो युवा लड़के
डॉक्टर्स ने बताया कि बंसल को यह उपलब्धि है। पिछले तीन माह में चार ट्रांसप्लांट हुए है। दो दिन पहले रविवार को एक सफल ट्रांसप्लांट हुआ। इनमें दो छत्तरपर और सागर व भोपाल के 1– 1का मरीज है। इनमें दो युवा करीब 25 साल की उम्र के दो मरीज 45 साल की उम्र के है। इनमें मां और पत्नी ने अपनी किडनी परिजनों को डोनेट की है।
पूरी प्रक्रिया है ट्रांसप्लांट की
उन्होंने बताया कि इसकी डेढ़ से दो महीने की प्रक्रिया है। मरीज और डोनर की मेडिकल जांच रिपोर्ट जिला हॉस्पिटल में जाती है ।उल्यहा एक लीगल कमेटी होती है। जहां डोनर और उसके परिवार की काउंसिलिंग होती है। इसके बाद दिल्ली स्थित केंद्र सरकार की कमेटी इसको मंजूरी देती है। इसमें यह ध्यान भी रखा जाता है कि कही पेसो का लेनदेन तो नहीं हो रहा है। इसके बाद किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता है। इसके डाक्टरों की पूरी टीम मेहनत और लगन के साथ काम करती है।अभी तक सभी प्रत्यारोपण सफल हुए है। आयुष्मान के कारण मरीजों को बढ़ा आर्थिक राहत मिल रही है।
किडनी रोग के बढ़ रहे है मरीज : शुगर और टेंशन बड़े कारण
डॉक्टर्स ने बताया कि भारत में किडनी रोग के मरीज तेजी से बढ़ रहे है। हर साल एक लाख ट्रांसप्लांट की जरूरत है लेकिन यह आंकड़ा करीब 5 हजार मरीजों का है। देश में करीब 500 सेंटर सुविधाओं से लैस है जहां पर इनका इलाज हो रहा है।
उन्होंने बताया कि किडनी शरीर का एक तरह का फिल्टर प्लाट है। लोगो में बढ़ते शुगर और हाइपरटेंशन से कारण किडनी पर गहरा असर पड़ता है। इसके साथ ही लोगो में दर्द निवारक गोली ज्यादा खाने और बिगड़ते खानपान, नशा आदि भी किडनी के लिए घातक है। मोजूदा समय में इनसे सतर्क रहने की जरूरत है।
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