डा गौर विश्वविद्यालय: सृजनात्मक अभिव्यक्तियों से सराबोर रहा युवा उत्सव का तीसरा दिन
तीनबत्ती न्यूज : 28 नवंबर ,2024
सागर. डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिवस के अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्य क्षेत्र अंतरविश्वविद्यालयीन युवा उत्सव 2024-25 ‘गौर-गौरव उत्सव’ 26 से 30 नवम्बर 2024 तक आयोजित किया जा रहा है. इस युवा उत्सव में कुल 955 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं. मध्य क्षेत्र के रवीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय रायसेन, बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल, दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट, दयालबाग, आगरा, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर, डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा,विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय एवं टेक्नोलॉजी, अयोध्या, महाराजा छत्रसाल बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, छतरपुर, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर, आईटीएम यूनिवर्सिटी, ग्वालियर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल, डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा, जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी, भोपाल, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ, ए.के.एस. विश्वविद्यालय, सतना, एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह, लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर, स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ. सी.वी. रमन विश्वविद्यालय, खंडवा विश्वविद्यालय के विद्यार्थी इसमें प्रतिभागिता कर रहे हैं.
पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का सन्देश देने प्रतिभागियों ने किया इंस्टालेशन
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित इंस्टालेशन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें ‘वेस्ट मैटेरियल’ से प्रतिभागियों को को कुछ ऐसे प्रोडक्ट बनाने थे जो पर्यावरण को बचाने का सन्देश प्रस्तुत कर सकें. प्रतियोगिता में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, जीवाजी विश्वविद्यालय, एकेएस विश्वविद्यालय सतना, आईटीएम विश्वविद्यालय, डॉ हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, जागरण लेकसिटी विश्वविद्यालय सहित 14 विश्वविद्यालयों ने प्रतिभागिता की और कुल 56 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया.
स्पॉट फोटोग्राफी में प्रतिभागियों ने लिए आकर्षक छायाचित्र
स्पॉट फोटोग्राफी प्रतियोगिता में नियमानुसार प्रत्येक प्रतिभागी को पांच छायाचित्र प्रस्तुत किया जाना था. प्रतियोगिता का विषय था युवा उत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों की फोटोग्राफी. इस प्रतियोगिता में कुल 11 विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया. प्रतियोगिता में पारदर्शिता हेतु प्रत्येक प्रतिभागी के साथ एक वालंटियर रखा गया ताकि प्रतियोगिता फोटोग्राफी की पारदर्शिता बनी रहे.
विभाजन की त्रासदी, भारतीय महाकाव्य और सामाजिक कुरीतियों पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां हुईं*
विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में तीसरे दिन सात नाट्य प्रस्तुतियां हुईं. रवींद्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने गरीबी का जीवन जी रहे एक अपाहिज लड़के को परिवार और समाज द्वारा बोझ के रूप में देखे जाने की मार्मिक कहानी को दर्शाया. आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर ने महाभारत के पात्र कर्ण के उदाहरण के माध्यम से जाति व्यवस्था, पक्षपात और भाई-भतीजावाद पर प्रहार किया। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा ने समाज में गालियों के बढ़ते चलन और उनके दुष्प्रभाव को हास्यपूर्ण ढंग से उजागर किया। गालियों के स्थान पर कुत्ते के भौंकने की आवाज का प्रयोग एक रचनात्मक तत्व था। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल ने महाभारत की पृष्ठभूमि पर आधारित प्रस्तुति में युद्ध के दौरान पांडवों और कौरवों की सेनाओं में लड़ते हुए एक ही परिवार के दो बेटों की मृत्यु को दिखाया। इसके माध्यम से धर्म और अधर्म के द्वंद्व को उकेरा गया। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने भारत विभाजन की त्रासदी को सआदत हसन मंटो की कहानियों के माध्यम से मंच पर जीवंत किया. विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के छात्रों ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के विचार, सती प्रथा और विकसित भारत के विषयों को मंच पर प्रस्तुत किया। यह नाटक भारत के विकास और नाटकों की महत्ता पर आधारित था। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर ने गिरिश कर्नाड के प्रसिद्ध नाटक ‘हयवदन’ पर प्रस्तुति दी जिसमें बुंदेलखंड के सांस्कृतिक तत्वों जैसे बुंदेली बोली, संगीत का उपयोग कर प्रस्तुति को मनोरंजक तरीके से पेश किया गया। संचालन डॉ. नीरज उपाध्याय ने किया. दो दिवसीय वन-एक्ट नाटकों की यह प्रतियोगिता युवाओं की रचनात्मकता और अभिनय कौशल का बेहतरीन मंच साबित हुई। दोनों दिनों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को न केवल मनोरंजन किया, बल्कि समाज के विभिन्न मुद्दों पर सोचने को भी विवश किया।
सोशल मीडिया के प्रभाव पर प्रतिभागियों ने कार्टूनिंग की
विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में कार्टूनिंग प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में देशभर की 23 विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता की थीम ‘सोशल मीडिया का प्रभाव’ थी। इस विषय पर विद्यार्थियों ने अपने विचारों को कार्टून के माध्यम से रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया। प्रतिभागियों ने सोशल मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को उजागर करते हुए अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन किया। यह प्रतियोगिता युवाओं की सृजनात्मकता और सोचने की क्षमता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों के कार्यों को देखकर निर्णायक मंडल ने भी प्रशंसा की। अंतर विश्वविद्यालय युवा उत्सव का आयोजन कला, संस्कृति और सृजनात्मकता को एक मंच प्रदान कर रहा है, जिसमें छात्रों का उत्साह देखते ही बन रहा है।
देशभक्ति और महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित रहीं समूह गान की प्रस्तुतियां
विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में समूह गान (भारतीय) एवं समूह गान (पाश्चात्य) की प्रस्तुतियां संपन्न हुईं. कार्यक्रम के दौरान बुन्देली के प्रख्यात लोक गायक शिव रतन यादव, हरगोविन्द सिंह, देवी सिंह राजपूत उपस्थित थे. विभिन्न विश्वविद्यालयों ने देशभक्ति गीतों से ओत-प्रोत प्रस्तुति दी। अधिकाँश ने महिला सशक्तिकरण का संदेश देने वाले गीतों की प्रस्तुति दी. बुंदेली और भोजपुरी में लोकगीत भी प्रस्तुत किये गये जिसने श्रोताओं का मन मोह लिया. कजरी के तंज भरे बोल श्रोताओं को लुभाते नजर आए तथा होली के गीतों ने भी ऊर्जा का संचार किया.
प्रतिभागियों ने दीं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की कलात्मक प्रस्तुतियां
विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयन्ती सभागार में भारतीय शास्त्रीय नृत्य की प्रतियोगिता आयोजित की गई. नृत्य की विभिन्न शैलियों के प्रदर्शन हेतु आयोजित इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 12 से 15 मिनट के समय का आवंटित था. प्रतियोगिता में कथकली, भरतनाट्यम, मणिपुरी, कुचिपुड़ी शास्त्रीय नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया गया. प्रतियोगिता के नियमों के अनुसार, रिकॉर्डिंग उपकरणों का उपयोग पूर्ण रूप से वर्जित था। निर्णायक मंडल में कथक की प्रख्यात विशेषज्ञ एवं दिल्ली दूरदर्शन की पूर्व कलाकार श्रीमती शालिनी शर्मा, उमा महेश्वरा और जाने-माने कला समीक्षक रूपइंदर पवार थे. यह प्रतियोगिता भारतीय संस्कृति की विविधता और शास्त्रीय नृत्य के प्रति समर्पण का प्रतीक बनी। कार्यक्रम का समापन सभी प्रतिभागियों एवं आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए किया गया।
पाश्चात्य एकल एवं समूह गीतों की हुई आनंददायक प्रस्तुतियां
विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में पाश्चात्य समूह गीतों की प्रतियोगिता समपन्न हुई. इसमें प्रतिभागियों ने गीतों के माध्यम से प्रेम, क्रिसमस और प्रेरणादायी गीतों की प्रस्तुतियां दीं. पाश्चात्य एकल गायन प्रतियोगिता अभिमंच सभागार में आयोजित की गई जिसमें 16 विश्वविद्यालयों ने अपनी प्रस्तुति दी। नियम के अनुसार प्रत्येक विश्वविद्यालय को 4 से 6 मिनट का समय दिया गया जिसमें 2 मिनट स्टेज सेट करने के लिए समय दिया गया। सभी प्रतिभागीयों ने अंग्रेजी भाषा में अपनी प्रस्तुति दी। प्रख्यात गायक एड शिरीन का पर्फेक्ट, एलि गोल्डिंग का लव मी लाइक यू डु, अडेल का रोलिंग इन द डीप जैसे चर्चित गाने प्रस्तुत किये जिन्हें सुनकर सभी श्रोता झूम उठे। सभी विश्वविद्यालयों के प्रदर्शनों ने कार्यक्रम में रोमांच का माहौल बना रहा। कार्यक्रम में केवल प्रतिभागियों को अपनी कला और प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान किया, बल्कि यह उनके समर्पण और मेहनत को भी प्रदर्शित करने का एक मंच था। मंच संचालन सलोनी शर्मा द्वारा किया गया. निर्णायक मंडल में डैनी शर्मा, राजेश कोटा, रेखा मुखर्जी उपस्थित थे. समन्वयक अवधेश प्रताप सिंह तोमर ने निर्णायक मंडल को सम्मानित किया.
क्विज में पूछे गये रोचक और ज्ञानवर्धक प्रश्न
इस क्विज़ प्रतियोगिता के प्रश्नों को तीन प्रारूपों- पाठ्य, ऑडियो और विजुअल में रखा गया था। प्रतियोगिता को पांच राउंड में संपन्न किया गया। क्विज़ मास्टर के रूप में AIU से पधारे तकनीकी पर्यवेक्षक श्री दीपक झा ने न केवल प्रतिभागियों से रोचक और ज्ञानवर्धक प्रश्न पूछे बल्कि दर्शकों के लिए भी प्रश्न रखकर उन्हें प्रतियोगिता में सक्रिय रूप से जोड़े रखा। उनकी प्रस्तुति ने प्रतियोगिता को शुरुआत से अंत तक मनोरंजक बनाए रखा। परिणाम भी जारी किये गए जिसमें रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर ने प्रथम, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने द्वितीय और देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय, इंदौर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इन तीनों टीमों ने राष्ट्रीय युवा उत्सव के लिए क्वालिफाई किया।
29 नवंबर को आयोजित प्रतियोगिताएं कार्यक्रम
गौर प्रांगण में सुबह 10 बजे से फोक ऑर्केस्ट्रा तथा 3 बजे लोक/आदिवासी नृत्य का आयोजन किया जाएगा। अभिमंच सभागर में सुबह 10 बजे पश्चिमी वाद्य यंत्र (एकल) प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। स्वर्ण जयंती सभागार में सुबह 10 बजे से स्किट प्रतियोगिता तथा दोपहर 3 बजे से माइम तथा सायं 5 बजे मिमिक्री प्रतियोगिता आयोजित है. आचार्य शंकर भवन में सुबह 10 बजे मेहंदी, दोपहर 1 बजे से कोलाज तथा सायं 4 बजे से रंगोली प्रतियोगिता होगी।
_______________
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें